अछनेरा स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को हुई परीक्षा के दौरान जमकर नकल की गई। परीक्षा देने आए 128 शिक्षा मित्रों में से अधिकांश के पास परीक्षा से संबंधित किताबें थीं। वे खुले में नकल कर प्रश्न पत्र हल कर रहे थे। बताया जाता है कि ड्यूटी पर तैनात पांच शिक्षा कर्मियों में से सिर्फ एक ही तैनात था। पता करने पर बताया गया कि परीक्षा के बारे में किसी को पता ही नहीं है। शासन द्वारा शिक्षामित्रों को शिक्षक का दर्जा दिए जाने की मंशा के तहत गुरुजनों द्वारा इस तरह नकल करके पास होने के तरीके से सब हैरान हैं। लोगों में चर्चा है कि वे आगे चलकर बच्चों को क्या पढ़ा पाएंगे
News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/agra-city-10193476.html / Jagran (06.3.2013)
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One side TET exam is facing blame of cheating even though candidates having OMR copy of examination and other side this happens. When teacher themselves do such cheating then what they will teach to children.
However it doesn't mean that other Shiksha Mitra are also of same type, many of them are doing work but TET exam inducted for quality in education and we should not ignore it.
Brijesh Rajput
ReplyDeleteVinay Pandey
copy paste news
Mere tet suporter sathiyo ..jaisa ki aap log jante hai hamara case aaj court me take up hi nahi huva aur date kal kar di gayi..kuchh log harkoli g k na aane se jarur pareshan hai to unko hum batana chahte hai harkoli g 9 tak leav par hai..hamare friend arun rai g jo ki judge colony k pas chaufataka alahabad me rahte hai..k anusar harkoli g k family member dwara pta chala hai ki judge sahab ne apni ankho ka opration delhi me karva kar alahabad aa chuke hai magar wo avi bed rest kar rahe hai aur unki leav 9 march se badh v sakti hai.tab tak court no.29 me hamara case bharat bhusan aur sunil ambani g sunege..to bhaiyo hum god se pray karege ki nyay k devta jald se jald thik ho jay aur wo fir ek bar hamara taranhar bankar hum tet suporter ki naiya par lagaye..bhaiyo coment k madhyam se judge sahab k liye do shabd jarur kahe taki acd suporter apke coment padhkar dang rah jaye..jai tet
9058749811
koi deepak naam ka gunaank suppo. is page ko space se bhar de raha hai aisa karne se wo sachchai ko chhupa nahi sakta, isliye page ko pura last tak dekho aur padho
ReplyDeletedhanyawaad
Shashwat Pathak
ReplyDeletecopy paste news
साथियो डाली पर बैठा परिँदा डाली की कमजोरी या उसके हिलने से नही डरता क्योंकि उसको पेड़ की डाली पर नही अपनेखुद के पंखों की ताकत पर भरोसा होता है ।टेट मैरिट और पुराने विज्ञापन की बहाली भी इसी वाक्य की तरह शाश्वत सत्य है ।4 मार्च से हमे बड़ी उम्मीदे थी लेकिन हरकौली साहब की अनुपस्थिति की वजह से हमारा केस 29 नं कोर्ट मे गया लेकिन समय की कमी के कारण सुनवाई नही हो सकी और 6 मार्च की तारीख मिल गई। आज भी दिन भर अफवाहो का बाजार इतना गर्म रहा कि कई बार स्टे तक हटने की घोषणा कुछ लोगों ने कर डाली । सत्यता यह है कि अपने केस की प्रतिदिन तारीख लगने पर भी मंगल से पहले सुनवाई नही हो पाएगी । एक दिन मे जब एक कोर्ट के केस ही नही निपट पाते तो दूसरे पर तारीख लगने के अलावा क्या संभव है ? यही कारण है पिछले दो दिन से हमारा नं नही आया है कल भी नही आएगा और परसोँ भीनं नही आ पाने की संभावना है । अगर परसोँ हमारी सुनवाई हुई भी तो इतना समय नही मिल पाएगा कि rejoinder लगने के बाद उस पर बहस हो सके । सोमवार को हरकौली साहब कोर्ट नं 33 मे बैठेगे पर बैकलाग फ्रेश केस इतने अधिक होंगे कि हमारा नं नही आ पाएगा । इस प्रकार यदि रोज सुनवाई हो तो हमारा केस मंगलवार को हरकौली साहब ही सुनेगे । इससे पहले रोज तारीख लगने पर भी सुनवाई नही हो पाएगी । इसके लिए अपने आप को मानसिक रूप से तैयार कर लीजिए । डाली पर भरोसा करने की बजाय खुद के पंखों पर भरोसा कीजिए जीवन मे सदा आनंदित रहेंगे और सफलता आपके कदम चूमेगी ।
Aaj kanpur me ek tet pass ladki ne govt aur court se dukhi hokar suside kar liya hai god uski atma ko shanti de aur court / govt ko sadbudhi de
ReplyDeleteDilip bhai kaise ho?main bhi Aligarh se hoon
DeleteDilip ji us tet paas ladki ka kya naam h?
ReplyDeleteBhupendra jee ladki ka naam
ReplyDeleteShakti D/O Bansraj yadav M/O Lalita yadav
4 sister R/O usmanpur Nabausta Kanpur
Full detail Danik jagran kanpur page no 6
PLZ KOI ACD GUNANK WALO KO NA SATAYE WO BHI APANI KISMAT KA HI KHAYENGE TET WALE KAHI NA KAHI TO SET HOHI JAYEGE NAHI TO TET WALE TO CTET PASS KARKE CENTRAL SCHOOL ME BHARTI HO JAYENGE...
ReplyDeleteYE BED WALO KO PRT ME LENA MULAYAM SINGH NE SURU KIYA THA WO BHI ACD MERIT SE TO PLZ JAB MAYAWATI KI GVT. AYE TO USASE NOKARI MAANG LENA PLZPLZ PLZ PLZ PLZ YE BHARTI HO JANE DO WAISE BHI YE BHARTI THODI BAKCHODI K BAAD TO HO GI HI KOI KITANA BHI JOR LAGA LE HOGI TO GVT. KI MARZI SE HI KAAS KI CHUNAV KHOPADI ME NA HOTE TO AB TAK HAM SAB MASTER BAN GAYE HOTE GVY. BHI TUMAKO NARAZ NAHI KARANA CHAHATI HE AUR NONTET WALO KO BHI NAHI NARAZ KAREGI TATHA TET PASS GUNANK MERIT WALO KO BHI NARAZ NAHI KAREGI TABHI TO GVT. NE SARA JIMMA COURT KE UPAR DAL DIYA HE .AB KOI BHI FAISALA HO USAME GVT. KI JIT HOGI KYUKI GVT. KA HARANA USAKA BACKFOOT PAR JANA HOGA JISASE GVT KAMAJOR SABIT HOGA AUR KAMJOR SARKAR APNE TABOOT ME KEEL THUKWANA NAHI CHAHEGI .....TO SATHIO KYA VICHAR HE APAKA......
ReplyDeleteYe sarkar hi nikammi hai isliye koi ummeed mat rakho
ReplyDeleteJagmohan bhai kaha ho yaar tum is sarkar ko koi sadbudhi dene ke liye koi yagya aadi karvao
ReplyDeleteshiksha mitra ko tet karwao .tab pata chalega nakal karne ka
ReplyDeleteShalabh Tiwari > Swami Vivekanand Educational Society of UPTET Merit Holders(SVES
ReplyDeletecopy paste news
कल इलाहाबाद से जैसे ही खबर आई कि हमारे केस की सुनवाई आज कोर्ट नंबर 29 में होने की संभावना है टेट मेरिट के चाहने वालों के बीच खलबली मच गई,,,,चार मार्च को हरकौलीसाहब के छुट्टी पर जाने की खबर को सरकार द्वारा रचे गये किसी षड्यंत्र का हिस्सा माने वालों से कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया की अपेक्षा की जा सकती थी,,,,इसलिए ना तो मुझे आश्चर्य हुआ और ना ही गुस्सा आया,,,,,,संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद से लगातार झेल रहे दबाव के परिणामस्वरूप विकसितनकारात्मक नजरिये का ही नतीजा है कि टेट मेरिट समर्थक अपनी समस्त आतंरिक ऊर्जा उन चीजों को खोजने में लगा रहे हैं जो उन्हें कष्ट पहुंचा सकती है,,,विश्वास शब्द तो जैसे उनकी डिक्शनरी से गायब ही होचुका है,,,ना तो उन्हें अपने ऊपर भरोसा रहा है,,ना न्यायपालिका पर,,,,और ना ही इलाहाबाद-लखनऊ-ब रेली आदि शहरों में बैठे अपने उन साथियों पर जो दिन-रात,,बिना किसी स्वार्थ के उनकी सारी निर्मूल आशंकाओं का तर्कसंगत-विधिसं गत जवाब दे रहे हैं,,,उन्हें भरोसा है बिकाऊ मीडिया पर,,अपने एकैडमिक समर्थक मित्रों पर,,,और एकैडमिक-छद्म एकैडमिक ग्रुपों से प्रसारित सूचनाओं-विश्लेष णों पर,,,,कभी-कभी तो संशय होता है कि क्या टेट मेरिट से चुने गये अध्यापक सही मायनों में अध्यापन के काबिल हैं भी या नहीं,,,,,ठीक सामने,,स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहीअपनी जीत पर ही जिसे भरोसा ना हो वो अपने छात्रों को जिंदगी के जंगमें जीतने की कला कैसे सिखायेगा,,,,अफ़स ोस,,एक साल की ट्रेनिंग भी आपको अध्यापन का पात्र बनाने में असफल रही है,,,,,
चलिए मैं आपकी आशंका को ही सही मान लेता हूँ,,,,,हरकौली साहब किसी षड्यंत्र के तहत छुट्टी पर चले गये थे और सरकार ने अपार धनराशि या किसी अन्य प्रलोभन को देकर अम्वरनानी जी को अपने साथ मिला लिया है और वो हरकौली साहब द्वाराइस केस की सुनवाई के दौरान जारी सभी अंतरिम आदेशों को अनदेखा करते हुए गुणांक से भर्ती का आदेशदे देंगे और सरकार रातोंरात गुणांकधारियों की भर्ती कर देगी,,,,,,इससे भी ज्यादा भी कुछ बुरा सोच सकते हो क्या?????मैं तोकहता हूँ सरकार ऐसा कर ही ले,,अगर यह उसके लिए संभव हो तो....
अब आप मेरे एक सवाल का जवाब दो,,,क्या भारत में ऐसा संभव है कि उच्च न्यायालय के किसी जज को उसकीइच्छा के विरूद्ध अवकाश पर भेजा जा सके?????नहीं ना,,,HC के जज की बात तो जानें दें,,सरकार एक मुंसिफमजिस्ट्रेट को भी छुट्टी पर जाने के लिए बाध्य नहीं कर सकती,,,,और अगर आपके अनुसार हरकौली साहब सरकार से मिल गये हैं तो वो अपनी कुर्सी पर बैठकर हमारा ज्यादा बुरा कर सकते हैं या अवकाश लेकर????
ठीक है,,इस बात को भी जाने दो,,,,,,मैंआपकी सारी बातों को माने ले रहा हूँ,,अम्वरनानी साहब अगर सुना सकते हों तो हमारे विरूद्ध निर्णय सुना ही दें,,,,,मैं तुरंत 101/ का प्रसाद चढा दूंगा,,,क्योंकि अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सारे जज मिलकर भी ऐसाफैसला नहीं दे सकते जो सर्वोच्च न्यायालय में दो पेशियों से ज्यादा चल सके,,,और जानते हो वहाँ क्या फैसला होगा???,,,, ....“ऐसा प्रतीत होता है कि डबल बेंच के जजों ने इस मामले में पूर्व की बेंच द्वारा जारी अंतरिम आदेशों को किसी दबाव या प्रलोभन के कारण अनदेखा करते हुए निर्णय दिया है............. ..”
नतीजा??? अम्वरनानी साहब का कैरियर खत्म हो जाएगा,,,उनके पास से सभी मुक़दमे ले लिए जायेंगे,,,तुम लोग क्या उच्च न्यायालय के जजों को बेवकूफ समझते हो????और इससे सरकार को क्या हासिल हो जाएगा??? क्या नॉन टेट वालों को इस विज्ञप्ति में शामिल कर पायेगी,,,,,,क्य ा over-under age वाले आदेश का पालनकर पायेगी???? नहीं ना???? तो फिर एकैडमिक से भर्ती कैसे कर लेगी???????
agar kisi ko jyaada info. chahiye to wo apna
uptet roll.no.
date of birth
with only self name ke sath SMS kar de uski pushtee karne ke baad jaankaari di jaayegi otherwise kisi aur se jaankari kar sakte hain
dhanyawaad
Shalabh Tiwari Rajesh,,,, actually TET merit वालों की problem की मुख्य वजह यह है कि उनका सारा focus एक ही मुद्दे पर लगा हुआ है,,,,सुबह उठाते ही अखबार खोजता है,,इस झूठी उम्मीद में कि शायद आज मीडिया को सच्चाई का साथ देने का अपना कर्तव्य याद आ जाए और वो टेट मेरिट से चयन के पक्ष में कुछ लिख दें ,,,,लेकिन खबर सामने आती है तो दिन में तारे नजर आने लगते हैं,,,,किसी की नज़रों से खबर बच भी गई तो घर वाले-पडोसी उसे दिखा देते हैं,,,,,दिल डूबने लगता है,,,,और डूबता दिल जो कहता है वो भ्रम के सिवाय कुछ और हो नहीं सकता ,,,,,रही सही कसर फेसबुक पर आते ही पूरी हो जाती है,,,,सभी ग्रुपों में घूम-घूम कर नकारात्मकता से भर जाते हैं,,,,,,सच को झूठ और झूठ को सच समझने लगते हैं,,,इन्हीं समस्याओं का निदान करने के लिए मैंने ग्रुप बनाया था ,,बिना किसी स्वार्थ के ,,,,,,लेकिन नतीजा ????दूसरा तो कोई तुम्हारी सलाह मानेगा नहीं लेकिन तुम्हारी सलाह मानते हुए मैं टेट मेरिट मामले से बाहर निकल रहा हूँ ,,क्योंकि ऐसा ही कुछ दिन और चला तो हमें पागल खाने में एडमिट होना पडेगा ,,,फोन पर और फेसबुक पर ऐसे-ऐसे बेतुके सवालों का सामना करते-करते थक गया हूँ ,,,सामाजिक विज्ञान से टी.जी.टी का फ़ार्म डाला था ,,,पिछली बार तीन नंबरों से रुक गया था ,,,सोच रहा हूँ जो कसर रह गई थी इस उसे पूरा कर लूं,,,, टेट मामले ने समाज के सामने एक संकट खड़ा किया था,,और हमारा समाज उसके सामने हमेशा असहाय ही नजर आया,,,पूर्णतः असफल रहा,,,,
ReplyDeletehi tet mitro
ReplyDeleteumashankar ji maine aap ko msg kia tha aap ka phone aaya tha lekin mai recieve nahi kar saka.iske liye SORRY kyoki mujhe bolne me problem hai mai har sahyog ko taiyar hoon aap msg ya email se suchit kar sakte hai mera email i.d. vijairathi24@gmail.com
ReplyDeletechoro lutero ki sarkaar h pehle maya ne luta ab akhilesh lut rha h .......jaha DSP ko maar sakte h us district me kuchh bhi sahi ni ho sakta....
ReplyDeleteumashankar ji vastav me aap teacher banane yogya ho aap ek suljhe huaa aur sangharsh sheel person ho aur is nirasabhari situation me apane alawa dusaron ko bhi preranashrot ho aapke comment ki bhasha ka bhi ek stander rahta hai.......thank
ReplyDeletekaya hau aaj
ReplyDeletehanuman ji lya kya aap apni tet 1-5 ka rolenumber publish kar sakte hai. Mujhe aapka name marksheet me dekhana hai. Please sir.
ReplyDeletecopy paste news from
ReplyDeleteRajesh Pratap Singh'wall
Frnds aj no nahi a saka aur kal ek baje tak tak hi court hai,
monday ko shivratri ka avkas hai atah ab tuesday ko harkaulije ki cour me mattr suna jayega.
Rejoindr tab hi dakhil hoga.
Stay contnw hai.thnks.
Uptet
ReplyDeleteAj bhi rejoindr submıt nhı kiya gaya,sirf nxt date 8th March mil gyi haı....such me chuhe billi ka khel bnkr rah gyi ye bhartıya Maya Vs Mulayam ya Tet vr Acd...jo bhi naam dena chahe de lijıye.
holi kab hai.
ReplyDeleteशिक्षा मित्रों की परीक्षा में जमकर नकल
ReplyDeleteअछनेरा: द्वितीय बैच में बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षा मित्रों के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान जमकर नकल का खेल चला। हालात ये थे कि शिक्षा मित्र खुले में किताब रखकर न सिर्फ नकल कर रहे थे, बल्कि एक दूसरे की मदद भी ले रहे थे।
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ye wo lakadharon mein se ek hai jo baccho ki jado ko kaat rahe hain.
photo dekh kar ye pakka hai ke nakal kar ke likh khud rahe hain.
kis mahaan atmaa ne likha hai ki SM nakal kar rahe hai .. wo bhi exam de rahe hai.. jabki abhi tak to 2nd batch ke exam form bhi pure distt. se nahi bhare gaye... exam date aayi nahi.. exam ho rahe hai..
ReplyDeletesuresh...............beta andhe ho kya paper ki katting bhi to he dikhai nahi deta. motiyabind k free camp me bhag lo nihsulk operation kiya jata he..plz jroor karawana bhai meri duaye tumhare sath he
ReplyDelete..
suresh...............beta andhe ho kya paper ki katting bhi to he dikhai nahi deta. motiyabind k free camp me bhag lo nihsulk operation kiya jata he..plz jroor karawana bhai meri duaye tumhare sath he
ReplyDelete..
sarkar ke khel me court ka sath hai
ReplyDeleteShalabh Tiwari Ashish Rock Srivastava,,,
ReplyDeletecopy paste news किसने कहा कि हम नहीं जीते,,,,आयु-सीमा वाला आदेश पूर्व विज्ञापन की शर्तों को नए पर आरोपित करता है ये बात तो मानते हो या नहीं,,,,,? अब सवाल यह है कि टण्डन ने सीधे पूर्व विज्ञापन ही बहाल क्यों नहीं कर दिया जो कि वो आसानी से कर सकते थे ,,,, टण्डन के द्वारा दोनों विज्ञापन तो जीवित नहीं रखे जा सकते थे ,,पोस्टें तो सामान ही थीं ना? अगर पूर्व विज्ञापन उनके कोर्ट से बहाल हो जाता तो सरकार उसको चैलेन्ज करती,,,इस काम में एक महीना लगाती ,,,फिर भी देर से ही सही लेकिन हम डबल बेंच से भी जीत जाते ,,,,लेकिन देर होने में किसका नुकसान होता,,हमारा ही ना? आयु सीमा वाला आदेश जो काम आगे चलकर करेगा वो काम कौन करता ? तुम्हे क्या लगता है कि सरकार से उसकी मर्जी के बिना 72825 पदों पर भर्ती कराना इतना आसान है,,,,,????? डंडे के बिना सरकार मानेगी नहीं ये बात तुम भले ही ना समझो लेकिन जज समझते हैं,,,ऐसे जाने कितने मामले वो देख चुके होंगे,,भले ही पदों की संख्या कम रही हो,,,,,,,आयु सीमा वाला आदेश डंडे का ही काम करेगा,,,, अगर मैं यह भी मान लूं कि टण्डन ने बेईमानी की थी जिसके लिए उन्हें सरकार ने कोई ना कोई प्रलोभन अवश्य दिया होगा,,तो ऐसा काम करने को वह क्यों कहेगी जो एक ही पेशी में साफ़ हो जाए,,, स्टे लगाने वाले आदेश को ध्यान से पडो,,,सारा आदेश सिंगिल बेंच का ही है,,,,जिसपर डबल बेंच की मुहर लगी है,,,,,
Ajay Maurya
ReplyDeletecopy paste
क्या आप बी.एड २०१२ बालो से परेसान है ?
क्या नॉन टेट बाले आपके लिए सिरदर्द है?
क्या आप इस प्रक्रिया के लम्बी खीचने से उकता गए है?
क्या आपका किसी और काम में मन नहीं लगता ?
क्या आप तुरंत भारतीचाहते है?
क्या आप इस भारती को जल्द से जल्द पूरी होते देखना चाहते है?
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अगर आपके सभी जबाब हा में है तो............. .............. . .
जल्द से जल्द आईये और अपनानिये टेट मेरिट .............
उपरोक्त सभी रोगों की राम बाणदावा............... .....
धांधली बाली गुडांक मेरिट को हटाना हो.....या पेसे देकर अधिकनंबर पा चुके लोगो को इस प्रक्रिया से दूर करना हो............. ...समपूर्णानंद बालोको भागना हो
सभी का एक मात्र उपाय टेट मेरिट.......... .............. . ..
मिलने का स्थान............... allahabad हाई कोर्ट.......... ..... .
नक्कालो से सावधान --------- कुछ tamtam नामक bedh इस दवाई ko न्यू ऐड नाम से कॉपी करके बाजार में बेच चुके है...........जि ससे मरीजो की हालत बिगड़ गयी है............. ...इस दवाई के sight इफ़ेक्ट से कुछ log......अपने ko भारती सपोर्टेकहके भर्ती भर्ती चिलाने लगे है............. ..पर जल्द ही टेट मेरिट रूपी दवाई उनको देकरशांत किया जाएगा
जन हित में जारी...............
9058749811
Shalabh Tiwari' wall news
ReplyDeleteअभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार कल अपना केस कोर्ट नंबर 29 में अपना केस न्यायमूर्ति अम्बवानी एवं न्यायमूर्ति भारत भूषण जी की बेंच में सुना जाएगा,,,,,एक पेशी के लिए बेंच बदल जाने को लेकर बिनावजह परेशान होने की जरूरत नहीं है ,,,,,,अगर अम्बवानी साहब कल अपने केस की सुनवाई करते भी हैं तो इसका यह मतलब नहीं है कि वो कल अचानक चिल्लाने लगेंगे कि सरकार जो चाहे वो करे,,,,,,देखा जाए तो आज जज साहब ने कल की तारीख देकर हमारा एक दिन ही बचाया है ,,,,, अगर अगली तारीख सोमवार होती और मामला हरकौली साहब के पास होता तो भी प्रक्रिया संबंधी नियमों क पालन तो उन्हें भी करना होता ,,,,किसी मामले में असली मुकदमा तो दो-तीन पेशियों में ही चलता है,,शेष सुनवाइयों में न्याय करने की सम्यक प्रक्रिया का पालन ही किया जाता है,,,,,,कल हम विजय की ओर एक कदम और चलेंगे,,,,,,भरोसा रखिये,,ईश्वर हमारे साथ है वरना टेट मेरिट आती ही क्यों,,,,यह भी जरूरी नहीं है कि कल अपने केस की सुनवाई हो ही जाए ,,,हो जाए तो अच्छा है,,ना हो तो और भी अच्छा ,,,,,हमारे साथ जो भी होगा अच्छा ही होगा ,,क्योंकि हमने कभी नक़ल नहीं मारी ना.....उम्मीद है कि सोमवार या मंगल को या उसके बाद लगातार हरकौली साहब अपना केस सुनेंगे ,,,,,,
मैंने कल ही कहा था कि अगर अखिलेश यादव की बेंच में भी मामला चला जाए तो वो इस मामले में जारी अंतरिम आदेशों के प्रकाश में अंतिम आदेश हमारे विरूद्ध नहीं दिया जा सकता ,,,,चार फरवरी को स्टे लगने के बाद अदालत में बस इतना ही मामला है कि अगर सरकार के पास किन्हीं व्यक्तियों के विरूद्ध धांधली संबंधी साक्ष्य हैं तो उन्हें नोटिस देकर सफायी का अवसर दिया जाए और तब तक उन लोगों की टेट मेरिट से भर्ती की जाए जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा देकर टेट में अच्छे नंबर हासिल किये हैं ,,,,अभी हमारा rejoinder दाखिल नहीं हुआ है ,,अभी फैसला होने से पहले सी.बी.यादव और हमारे वकील दोंनों ही अदालत के सामने अपना पक्ष रखेंगे ,,,,,,कल फैसला नहीं हो जाएगा ,,हाँ हमारे पक्ष में देना चाहें तो कोई रोक-टोक भी नहीं है ,,,,,,,हम कभी भी किसी व्यक्ति विशेष पर निर्भर नहीं थे बल्कि न्यायपालिका पर निर्भर हैं,,,,,,इस बात से कोई फर्क नहीं पडता कि हरकौली साहब अपना केस सुन रहे हैं या कोई और,,,,अम्बवानी साहब भी अच्छे जजों में शुमार किये जाते हैं क्या पता कल वो सरकार से सीधे-सीधे पूछ लें कि पूर्व विज्ञापन की बहाली के सिवाय कोई विकल्प बचा भी है आपके पास ,,,अपने प्रमुख सचिव को जेल भिजवाने की की कसम ही खायी हो तो सीधे जेल ही पहुंचा दो,,,बिनावजह अदालत का कीमती समय क्यों नष्ट कर रहे हो.....
यदि आप जज होते तो up tet प्रकरण में क्या निर्णय देते ???
ReplyDelete१. भर्ती ACD मेरिट से हो,
२. भर्ती TET मेरिट से हो,
३. ACD + TET मेरिट से,
४. टेट निरस्त किया जाये,
५. प्रकरण के सभी पहलुओ को ठीक से समझने के लिए समय लेकर निर्णय बाद में देते,
६. कुछ अन्य...( स्पष्ट करें )
कमेन्ट दें,,,
अवनीश कुमार
ReplyDeleteपंचायत का निर्णय ♥: * Pls must read*
एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए उजड़े, वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये! हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ? यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं ! यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !
भटकते २ शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज कि रात बिता लो, सुबहहम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे ! रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुकेथे उस पर एक उल्लू बैठा था। वह जोर २ से चिल्लाने लगा। हंसिनी ने हंस से कहा, अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते। ये उल्लू चिल्ला रहा है।
हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ? ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।
पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों कि बात सुन रहा था।
सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ कर दो। हंस ने कहा,कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद !
यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा, पीछे से उल्लू चिल्लाया,अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहेहो। हंस चौंका, उसने कहा, आपकी पत्नी? अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है, मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है !
उल्लू ने कहा, खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है। दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग इक्कठा हो गये। कई गावों की जनता बैठी।
पंचायत बुलाई गयी। पंच लोग भी आ गये ! बोले, भाई किस बात का विवाद है ?
लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है ! लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पञ्च लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।
हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना है ! फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों कि जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है ! यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।
उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली ! रोते- चीखते जब वहआगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई -
ऐ मित्र हंस, रुको ! हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ? पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ? उल्लू ने कहा, नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी !
लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है !
मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है ।
यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पञ्च रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं !
शायद ६५ साल कि आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने हमेशा अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है।
इस देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं,------हम ही बिना सोचे समझे जाति,धर्म के नाम पर वोट दे देते हैं,जिस सरकार को हमने पूर्ण बहुमत दिया है वही हमें खून के आंसू रुला रही है,दो-दो बार हम बेरोजगारों से फॉर्म भरवा लिए गए,एक साल से अधिक को गया सिर्फ तारिक पे तारिक मिल रही हैं,इस लड़ाई में हमारे कितने साथी शहीद हो गये,उनकी कमी कोन पूरी करेगा,जिस माँ ने अपना बेटा,खो दिया हो उसके दिल पर क्या बीतती होगी,जिस पिता ने अपने हाथों से बेटे की चिता को अग्नि दी उसका हिसाब कोन देगा, कहते हैं जो भी होता है, उससे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है,अगर हम इतना कुछ सहने के बाद भी सबक ले लें,तो हम आने वाली पीड़ी को सुनहरा भविष्य दे सकते हैं,अगर कुछ बदलाब करना है तो सुरुबात हमें अपने आप से करनी होगी.....
*जय हिंद, जय भारत *
Avnish kumar
अवनीश कुमार
ReplyDeleteपंचायत का निर्णय ♥: * Pls must read*
एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए उजड़े, वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये! हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ? यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं ! यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !
भटकते २ शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज कि रात बिता लो, सुबहहम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे ! रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुकेथे उस पर एक उल्लू बैठा था। वह जोर २ से चिल्लाने लगा। हंसिनी ने हंस से कहा, अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते। ये उल्लू चिल्ला रहा है।
हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ? ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।
पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों कि बात सुन रहा था।
सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ कर दो। हंस ने कहा,कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद !
यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा, पीछे से उल्लू चिल्लाया,अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहेहो। हंस चौंका, उसने कहा, आपकी पत्नी? अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है, मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है !
उल्लू ने कहा, खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है। दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग इक्कठा हो गये। कई गावों की जनता बैठी।
पंचायत बुलाई गयी। पंच लोग भी आ गये ! बोले, भाई किस बात का विवाद है ?
लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है ! लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पञ्च लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।
हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना है ! फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों कि जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है ! यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।
उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली ! रोते- चीखते जब वहआगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई -
ऐ मित्र हंस, रुको ! हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ? पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ? उल्लू ने कहा, नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी !
लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है !
मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है ।
यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पञ्च रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं !
शायद ६५ साल कि आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने हमेशा अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है।
इस देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं,------हम ही बिना सोचे समझे जाति,धर्म के नाम पर वोट दे देते हैं,जिस सरकार को हमने पूर्ण बहुमत दिया है वही हमें खून के आंसू रुला रही है,दो-दो बार हम बेरोजगारों से फॉर्म भरवा लिए गए,एक साल से अधिक को गया सिर्फ तारिक पे तारिक मिल रही हैं,इस लड़ाई में हमारे कितने साथी शहीद हो गये,उनकी कमी कोन पूरी करेगा,जिस माँ ने अपना बेटा,खो दिया हो उसके दिल पर क्या बीतती होगी,जिस पिता ने अपने हाथों से बेटे की चिता को अग्नि दी उसका हिसाब कोन देगा, कहते हैं जो भी होता है, उससे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है,अगर हम इतना कुछ सहने के बाद भी सबक ले लें,तो हम आने वाली पीड़ी को सुनहरा भविष्य दे सकते हैं,अगर कुछ बदलाब करना है तो सुरुबात हमें अपने आप से करनी होगी.....
*जय हिंद, जय भारत *
Avnish kumar
अवनीश कुमार
ReplyDeleteपंचायत का निर्णय ♥: * Pls must read*
एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए उजड़े, वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये! हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ? यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं ! यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !
भटकते २ शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज कि रात बिता लो, सुबहहम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे ! रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुकेथे उस पर एक उल्लू बैठा था। वह जोर २ से चिल्लाने लगा। हंसिनी ने हंस से कहा, अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते। ये उल्लू चिल्ला रहा है।
हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ? ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।
पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों कि बात सुन रहा था।
सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ कर दो। हंस ने कहा,कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद !
यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा, पीछे से उल्लू चिल्लाया,अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहेहो। हंस चौंका, उसने कहा, आपकी पत्नी? अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है, मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है !
उल्लू ने कहा, खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है। दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग इक्कठा हो गये। कई गावों की जनता बैठी।
पंचायत बुलाई गयी। पंच लोग भी आ गये ! बोले, भाई किस बात का विवाद है ?
लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है ! लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पञ्च लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।
हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना है ! फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों कि जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है ! यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।
उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली ! रोते- चीखते जब वहआगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई -
ऐ मित्र हंस, रुको ! हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ? पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ? उल्लू ने कहा, नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी !
लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है !
मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है ।
यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पञ्च रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं !
शायद ६५ साल कि आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने हमेशा अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है।
इस देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैं,------हम ही बिना सोचे समझे जाति,धर्म के नाम पर वोट दे देते हैं,जिस सरकार को हमने पूर्ण बहुमत दिया है वही हमें खून के आंसू रुला रही है,दो-दो बार हम बेरोजगारों से फॉर्म भरवा लिए गए,एक साल से अधिक को गया सिर्फ तारिक पे तारिक मिल रही हैं,इस लड़ाई में हमारे कितने साथी शहीद हो गये,उनकी कमी कोन पूरी करेगा,जिस माँ ने अपना बेटा,खो दिया हो उसके दिल पर क्या बीतती होगी,जिस पिता ने अपने हाथों से बेटे की चिता को अग्नि दी उसका हिसाब कोन देगा, कहते हैं जो भी होता है, उससे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है,अगर हम इतना कुछ सहने के बाद भी सबक ले लें,तो हम आने वाली पीड़ी को सुनहरा भविष्य दे सकते हैं,अगर कुछ बदलाब करना है तो सुरुबात हमें अपने आप से करनी होगी.....
*जय हिंद, जय भारत *
Avnish kumar
mere to ye manna hai ki wo nirnay ho jisme sabka bhala ho .....baki manneey judje mahoday hum sab se samjhdar hain
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