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Thursday, March 7, 2013

UPTET : यू पी टी ई टी अभ्यर्थीयों के दिलों को झकझोरने वाली घटना


UPTET : यू पी टी ई टी अभ्यर्थीयों के दिलों को झकझोरने वाली घटना 

आज यू पी टी ई टी अभ्यर्थीयों के दिलों को झकझोरने वाली घटना सुनी गयी ।
काफी सारे अभ्यर्थी अवसाद ग्रस्त चल रहे हैं 

देखीये क्या है खबर -


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नौकरी संग शादी भी टली आहत छात्रा ने दी जान

कानपुर। टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) मामले की कोर्ट में लगातार तारीखें बढ़ने और इस कारण शादी भी आगे बढ़ने से आहत एक छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी।

उस्मानपुर नौबस्ता निवासी बंशराज यादव तंबाकू का व्यापार करते हैं। उनकी 26 वर्षीय पुत्री शक्ति बीएड और टीईटी की परीक्षा पास कर चुकी थी। लेकिन टीईटी का मामला कोर्ट में पहुंचने से शिक्षिका के पद पर उसकी नियुक्ति लटक गई थी। इससे वह परेशान थी। उधर, नौकरी न मिलने के कारण शादी की तारीख भी आगे टल गई थी। इसे लेकर सका तनाव और बढ़ गया था। बुधवार सुबह शक्ति ने कमरा बंद कर पंखे के कुंडे से फांसी लगा ली। मां ललिता देवी ने बेटी को फंदे पर लटका देख शोर मचाया। दरवाजा तोड़कर परिजनों पड़ोसियों की मदद से शव को फंदे से उतारा और हैलट अस्पताल ले भागे, पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक छात्रा चार बहनों में सबसे बड़ी थी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पिता के मुताबिक टीईटी में अच्छे अंक आने के बाद भी मामला कोर्ट में होने से बेटी परेशान थी। उसकी शादी की तारीख भी आगे बढ़ गई थी। शक्ति शिव-पार्वती के विवाह के दिन शिवरात्रि को शादी करना चाहती थी


News Source : Jagran ( Thu, 07 Mar 2013 11:00 AM (IST)) /http://www.jagran.com/news/national-students-suicide-in-kanpur-10194693.html
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पिता के मुताबिक टीईटी में अच्छे अंक आने के बाद भी मामला कोर्ट में होने से बेटी परेशान थी। उसकी शादी की तारीख भी आगे बढ़ गई थी
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Recently it is heard that some more candidates also taken this step. Please note that suicide is NOT a solution. Ups and Downs comes in LIFE, therefore put your best to effort to get success and struggle for your career/life. Think about your family/parents and future. There are many opportunities in life , which will make you success with a good path.



26 comments:

  1. high court ne agar apni jeed nahi chori aur stay ko jada dino tak laga rakha to ho sakta hai aagey aur bhi cases es tarah ke dekhe ja sakte hai, agar aisa hota hai to iska jeemedaar kaun hoga sarkar, condidate ya high court.

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  2. @VIVEK CHAUDHARY

    ISKA JIMMEDAR HOGA KAPIL YADAV AUR GOVT.

    ReplyDelete
  3. अवनीश कुमार
    यू पी वालो लेपटॉप मिलना शुरू हो गए क्या ?

    यार बता तो दिया करो !!! ऐसी बातें कहीं छुपाई जाती हैं क्या ?

    मैंने भी उधार के लैपटॉप बहुत चलायें हैं |

    अब बताता हूँ इसके सदुपयोग कैसे करना है |

    रात को बत्ती चली जाए तो गूगल में लालटेन सर्च कीजियेगा |
    लेकिन लालटेन जलेगी कैसे ?

    इसके लिए आप घासलेट सर्च कीजियेगा |

    घासलेट लेने आप जायेंगे कैसे ?
    इसके लिए आप साइकिल सर्च कीजियेगा |

    लेकिन साइकिल आपको देगा कौन नेताजी देंगे |

    लेकिन कहानी में मोड़ यहीं शुरू होता है
    क्योंकि नेताजी आपको साइकिल नहीं दे सकते

    नेताजी की साइकिल का हैंडल आजम खान के पास है |

    आगे का पहिया रामगोपाल यादव के पास है

    पीछे का शिवपाल यादव के पास है

    पैडल अखिलेश के पास |

    सीट कवर बहू के पास |

    चैन धर्मेन्द्र यादव के पास |

    इसलिए लेपटॉप को शट डाउन करो और चुप चाप सो जाओ |

    अंकित पाठक

    ReplyDelete
  4. नेतागण बोले, इतने वेतन में ईमानदारी मुश्किल
    लखनऊ/ब्यूरो | Last updated on: March 7, 2013 10:47 PM IST
    टैग्स » up, mla, salary

    विधानसभा में बृहस्पतिवार को विधायकों ने वेतन बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि अगर तनख्वाह नहीं बढ़ती तो ईमानदार रहना मुश्किल हो जाएगा। जो मिल रहा है, उसमें तो लोगों को एक प्याला चाय तक नहीं पिला सकते।
    महंगाई काफी बढ़ गई है। वेतन नहीं बढ़ेगा तो ईमानदार कैसे रह सकते हैं?

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  5. copy paste news from
    Ashish Rock Srivastava' wall








    haa...aap sahi kah rahe hai...4th feb ke order me har wo baat hai jisaki wajah se stay laga hai sab tandon ji dwara kahi gayi thi mai ye bhi manata hun.
    tandon ji single bench ke ek judge hai...jis din unhone apna final order diya toh kya sach me apke mann me ye baat nahi aayi ki jab ham sahi hai toh old add bahal kyu nahi kiya gaya?nahi bahal kiya gaya wo thik hai jis tarah se unhone over age wale mamale me apna nirnay diya thik wusi tarah se TET merit ke mamale me bhi de sakte thhe...sarkar nahi mananti DB me jaati ham jeet kar DB me jaate...tandon ke jis order ki wajah se hame stay asani se ek sunwayi me mil gaya agar unhone TET merit ki baat bhi kah di hoti(unhone kaha lekin indirect) toh kahi se koi problem nahi aati.
    aap ye batayiye jab new add aya toh uske gunn aur dosh ki vivechna karna unko tha ki nahi...
    new add nikal kar unke samne rakha gaya tha.
    unhone kaha ki over age walo ko andar karo.
    unhone ye bhi kaha ki niyamawali me hua koi bhi parivartan agragami hoga...toh new add me TET merit ko laagoo karne order unhone kyu nahi diya?wo ek judge hai unke paas bhi wahi power thi jo aj harkoli ji ke paas hai.
    mai ye nahi kah rha ki tandon gov se mile huye thhe...agar wo mile huye hote toh haal hi me nakal mafiyo ke against order na diye hote...lekin ye sach hai ki wo 72825 pado ki bharti karwana chahate thhe chahe jaise bhi...kyuki wo ye janate thhe ki ye gov inn pado ko ab itni asani se nahi bharne wali....
    tandon ka order aane ke baad aap khud kayi raato tak jagate rahe thhe.tandon ne jab sirf prashikshu shabd par ek ajeebo garib nirnay diya toh aap bhi soch me pad gaye thhe.
    single bench ki ladayi me ham har morche pe har ek point par jeete lekin hame vijeta ghoshit nahi kiya gaya...thik wusi tarah se jaise kisi cricket match me koi team bahut achchha khelati hai lekin haar jati hai.aur uske baad yahi kaha jata hai ki fala team bahut achchha kheli lekin haar gayi...yaha toh galat nirnay se ham haar gaye thhe...means bina kisi galti ke ham hare thhe...
    9058749811

    ReplyDelete
  6. दोस्तों,,, कल कोर्ट नंबर 29 में
    अधिक cases होने की वजह से
    सुनवाई नहीं हो पायी,,, पर आज
    कोर्ट न. 29 में 18 fresh cases
    + 13 Backlog Fresh Cases
    + 1 Supplementary Fresh
    Case के बाद 44 Additional
    Cause List में हमारा case "6
    न." पर है.,,, अतः आज
    हो सकता कि हमारे case का न.
    आ जाये,,, यदि नंबर आता है
    तो आज शायद rejoinder submit
    हो जाये और सोमवार
    या मंगलवार की तारीख लग
    जाये,,,, जिससे
    पुनः हर्कौली जी की कोर्ट में
    हमारे case की सुनवाई
    हो सके....

    ReplyDelete
  7. Amit Kumar Rai
    Anup Rai
    क्या हुआ सदन में, आप खुद पढ़िये और जानिये
    किस किस ने क्या शेरो-शायरी की।
    मुशायरे की बेहतरी के लिये कुछ खास
    मेहमानों को भी बुलाया गया।
    मुशायरे की शुरुआत
    कुछ ऐसे हुईः
    मनमोहन जीः हमको जिनसे वफ़ा की हैउम्मीद,
    वो नहीं जानते वफ़ा क्या है।
    सुषमा स्वराजः कुछ तो मजबुरियां रहीं होंगी, यूं
    ही बेवजह कोई बेवफ़ा नहीं होता।
    अब पढ़िये आगेः
    मनमोहन जीः
    “बेवफा ये ना समझे कि मेरी भी मजबुरियां हैं,
    मेरे हाथों में नौ नौ चुड़ियां हैं।”
    लाल कृष्ण आडवाणीः
    “ख़्वाब हसीन तो हमने भी संजोये हैं,
    मोती माला में हमने भी पिरोये हैं,
    नाम फिर भी ना सुझा किसी को हमारा,
    जिन्ना कसम टॉयलेट में छुप छुप केरोये हैं।”
    कपिल सिब्बलः
    “बोलने का हक़ सबको है, पर ना लिखना सरकार
    के ख़िलाफ़,
    छोड़ दो ये ट्विटर फ़ेसबुक
    वरना हो जायेगा पत्ता साफ़।”
    नितिन गडकरीः
    “मुझको सब ने मिलके हटाया और कह
    दिया कि मेरी ख़ुद कि मरज़ी हैं,
    सब को फ़िकर थी मेरी वजह से गिरती साख़ की,
    बाकी सब बातें फरज़ी हैं,
    और किसी से नहीं मगर बप्पी दादा से मेरी एक
    छोटी सी अरज़ी है,
    हमको भी मिलवादो दादा, बता भी दो अब
    की कौन आपका दरज़ी है।”
    ममता बैनर्जीः
    “सब साला कामचोर है, हम सबका कान काट
    लेगा,
    रेल किराया बढ़ाया तो पवन के कान के नीचे
    बजा देगा।”
    लालू यादवः
    “संसद में दिन भर सोये हम, और घर में जाग के
    मारी मौज,
    बस यही रात दिन का फेर में,
    खड़ी हो गयी बच्चों की फ़ौज।”
    मीरा कुमारः
    “बैठ जाईये बैठ जाईये बोल बोल के बैठ
    गया हमारा गला,
    संसद का काम फिर भी एक दिन भी ढंग से
    ना चला।”
    मायावतीः
    “हम हैं आप सबकी प्यारी सिस्टर,
    बना क्यों नहीं देते हमको प्राइम मिनिस्टर।”
    मुलायम सिंह यादवः
    “माना मैं थाली का बैंगन हूं, और बिन पैंदे
    का लोटा हूं,
    माना CBI से डरता हूं, और चिदंबरम
    का लंगोटा हूं,
    माना मैं अक्ल से अंधा हूं, और कद में
    भी छोटा हूं,
    बस नाम ही है मुलायम मेरा, पर दिल का बहुत
    खोटा हूं।”
    राहुल गांधीः
    “मेरे लिये मेरी मम्मा ही सबकुछ, जैसे पापा के
    लिये थी दादी,
    ना मैं करुंगा शादी, ना PM बनके देश
    की करुंगा बरबादी।”
    इसके बाद दिग्विजय सिंह ने जैसे ही अपना राहुल
    चालिसा पढ़ने के लिये निकाला, मीरा कुमार ने
    छुट्टी कि घण्टी बजा दी।

    ReplyDelete
  8. Shakul Gupta > Teacher's Helpdesk
    exclusive at THD
    MUSKURAAYIYE AAP THD PAR HAIN
    'टीईटी ऐसी बला जो हम सबको परेशान किये है'
    Updated on: Thu, 07 Mar 2013 07:58 PM (IST)
    -विधान परिषद में छलका नेता सदन का दर्द
    जागरण ब्यूरो, लखनऊ : कक्षा एक से आठ तक में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर विधान परिषद में नेता सदन अहमद हसन का दर्द गुरुवार को छलक गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी हमें टीईटी के नाम पर धमकाते हैं। यह एक ऐसी बला है जो हम सबको परेशान किये हुए है।'
    हुआ यूं कि शून्यकाल के दौरान शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा व सुरेश त्रिपाठी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत सदन को अवगत कराया कि 2007-08 में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 88000 अभ्यर्थियों में से पांच प्रतिशत की परिषदीयस्कूलों में नियुक्ति नहीं हो पा रही है क्योंकि इन अभ्यर्थियों ने टीईटी उत्तीर्ण नहीं किया है। इस पर नेता सदन ने कहा कि प्रकरण में बेसिक शिक्षा निदेशक से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने पर कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कांग्रेस के नसीब पठान यदि मदद करें तो केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार शिक्षकों की भर्ती में टीईटीसे छूट दे सकती है।
    इससे पहले टीईटी का मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान भी उठा। भाजपा के हृदय नारायण दीक्षित ने बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी से पूछा क्या मोअल्लिम-ए-उर्द ­ू उपाधिधारकों कोपरिषदीय स्कूलों में शिक्षक नियुक्त करने कीकोई प्रक्रिया चल रही है? जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्द ­ू उपाधिधारकों को शिक्षक नियुक्त करने की प्रक्रिया विचाराधीन है लेकिन इसमें टीईटी बाधा बन रही है। मोअल्लिम-ए-उर्द ­ू उपाधिधारक टीईटी से छूट दिये जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया इस प्रकरण पर विचार करने के लिए उन्होंने 14 मार्च को अफसरों की बैठक बुलायी है।

    ReplyDelete
  9. अखिलेश भैया सच -सच
    बताना ........

    यदि DSP मुस्लिम
    नहीं होता तो क्या उसे
    50 लाख रूपए और 5
    नौकरी देते ?

    DSP ने ऐसा क्या काम
    किया है जो हमारे वीर
    सैनिको ने
    नहीं किया ,फिर
    सैनिको के परिवार
    वालो के साथ
    ऐसा दोहरा व्यवहार
    क्यों ?

    DSP की बेवा के बुलाने पर
    दौड़े दौड़े गए और
    सैनिको की विधवाओ के
    बुलाने पर आपको 10 दिन
    क्यों लगे ?

    अखिलेश भैया ये भी बताओ
    की तुमने आज़म खान जैसे
    देशद्रोही और हिन्दू
    विरोधी नेता को कुम्भ
    मेले
    का प्रभारी क्यों बनाया ?

    क्या आपको कोई हिन्दू
    नहीं मिला प्रभारी बनाने
    के लिए ?

    अखिलेश भैया आपके
    चाचा तो यहाँ तक कहते हैं
    की हमे मुस्लिमो ने
    जिताया है इसलिए हम
    मुस्लिमो के लिए कार्य
    करेंगे .क्या आपकी भी यही सोच
    है ?कसम खा कर
    कहो की अगली बार
    हिन्दुओ से वोट मांगने
    नहीं जाओगे ?

    हिन्दू युवा वाहिनी के
    नेता रामबाबू गुप्ता से
    आपकी कोई
    दुश्मनी थी जो उनके
    परिवार से मिलने तक
    नहीं गए और
    ना ही किसी नेता को मिलने
    दिया ?इस मामले में आपके
    विधायक अज़ीमुल हक
    आरोपी है ,उसे कब
    पकड़ोगे ?

    राजनीती का मतलब
    भी जानते
    हो या खानदानी व्यवसाय
    समझ कर इसे कर रहे हो ?

    और अंत में ये बताओ
    की तुम्हारी पार्टी पर
    हिन्दू कैसे विश्वास करे ?

    यदि जवाब न मिले
    तो अपना त्यागपत्र दे
    देना और राज्य में
    राष्ट्रपति शासन
    लगवा देना जिससे हम
    समझ जाए की अब आपके बस
    में राजनीती नहीं रही
    एडमिन- अवध कुर्मी भारतीय

    ReplyDelete
  10. कभी-कभी इतना गुस्सा आता है कि …
    .
    मन करता है खुद को ही मार डालूँ…
    .
    .
    लेकिन फिर सोचता हूँ …
    .
    .















    .
    .
    .
    इण्डिया में अब शेर बचे ही कितनेहैं … !

    ReplyDelete
  11. Shalabh Tiwariposted toSwami Vivekanand Educational Society of UPTET Merit Holders(SVES )






    copy paste









    अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार कल अपना केस कोर्ट नंबर 29 में अपना केस न्यायमूर्ति अम्बवानी एवं न्यायमूर्ति भारत भूषण जी की बेंच में सुना जाएगा,,,,,एक पेशी के लिए बेंच बदल जाने को लेकर बिनावजह परेशान होने की जरूरत नहीं है ,,,,,,अगर अम्बवानी साहब कल अपने केस की सुनवाई करते भी हैं तो इसका यह मतलब नहीं है कि वो कल अचानक चिल्लाने लगेंगे कि सरकार जो चाहे वो करे,,,,,,देखा जाए तो आज जज साहब ने कल की तारीख देकर हमारा एक दिन ही बचाया है ,,,,, अगर अगली तारीख सोमवार होती और मामला हरकौली साहब के पास होता तो भी प्रक्रिया संबंधी नियमों क पालन तो उन्हें भी करना होता ,,,,किसी मामले में असली मुकदमा तो दो-तीन पेशियों में ही चलता है,,शेष सुनवाइयों में न्याय करने की सम्यक प्रक्रिया का पालन ही किया जाता है,,,,,,कल हम विजय की ओर एक कदम और चलेंगे,,,,,,भरोसा रखिये,,ईश्वर हमारे साथ है वरना टेट मेरिट आती ही क्यों,,,,यह भी जरूरी नहीं है कि कल अपने केस की सुनवाई हो ही जाए ,,,हो जाए तो अच्छा है,,ना हो तो और भी अच्छा ,,,,,हमारे साथ जो भी होगा अच्छा ही होगा ,,क्योंकि हमने कभी नक़ल नहीं मारी ना.....उम्मीद है कि सोमवार या मंगल को या उसके बाद लगातार हरकौली साहब अपना केस सुनेंगे ,,,,,,
    मैंने कल ही कहा था कि अगर अखिलेश यादव की बेंच में भी मामला चला जाए तो वो इस मामले में जारी अंतरिम आदेशों के प्रकाश में अंतिम आदेश हमारे विरूद्ध नहीं दिया जा सकता ,,,,चार फरवरी को स्टे लगने के बाद अदालत में बस इतना ही मामला है कि अगर सरकार के पास किन्हीं व्यक्तियों के विरूद्ध धांधली संबंधी साक्ष्य हैं तो उन्हें नोटिस देकर सफायी का अवसर दिया जाए और तब तक उन लोगों की टेट मेरिट से भर्ती की जाए जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा देकर टेट में अच्छे नंबर हासिल किये हैं ,,,,अभी हमारा rejoinder दाखिल नहीं हुआ है ,,अभी फैसला होने से पहले सी.बी.यादव और हमारे वकील दोंनों ही अदालत के सामने अपना पक्ष रखेंगे ,,,,,,कल फैसला नहीं हो जाएगा ,,हाँ हमारे पक्ष में देना चाहें तो कोई रोक-टोक भी नहीं है ,,,,,,,हम कभी भी किसी व्यक्ति विशेष पर निर्भर नहीं थे बल्कि न्यायपालिका पर निर्भर हैं,,,,,,इस बात से कोई फर्क नहीं पडता कि हरकौली साहब अपना केस सुन रहे हैं या कोई और,,,,अम्बवानी साहब भी अच्छे जजों में शुमार किये जाते हैं क्या पता कल वो सरकार से सीधे-सीधे पूछ लें कि पूर्व विज्ञापन की बहाली के सिवाय कोई विकल्प बचा भी है आपके पास ,,,अपने प्रमुख सचिव को जेल भिजवाने की की कसम ही खायी हो तो सीधे जेल ही पहुंचा दो,,,बिनावजह अदालत का कीमती समय क्यों नष्ट कर रहे हो.....

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  12. शहीद डी एस पी जिया उल हक की पत्नी ने खुद के लिये डीएसपी पद की और मायके एवं ससुराल समेत 8 सदस्यों के लिये नौकरी की माँग.... एक शहीद कि विधवा ये है
    वहीं दूसरी ओर ध्यान दीजिये तो शहीद हेमराज की पत्नी ने न कोई मुआवजे की माँग की न ही नौकरी की बल्की उनकी माँग थी की उनके शहीद पति का कटा हुआ सर माँग रहीं है....

    क्या आप को नही लगता की शहीद जिया उल हक की बीवी के इन माँगो की सीबीआई इन्क्वायरी होनी चाहिये?

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  13. Ritesh Ojha' wall news



    copy paste







    समयाभाव के कारण आज भी सुनवाई (या कहिये आगे की तारीख) नहीं ली जा सकी है,,,कल फिर 29 नम्बर कोर्ट में ही अपना वाद लगा है ॥ आशा है कि कल सोमवार या मंगलवार की तारीख ली जा सकेगी ॥ बाकी स्थितियाँ पहले जैसी ही यथावत हैं ॥

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  14. copy paste
    Neelesh Purohit
    कुछ महत्वपूर्ण बातेँ
    SHAYAM BHAI KI JUBAANI

    Main sirf ek bat rekhankit karna chahunga ki,
    Justice Harkauli ne 4 Feb. 2013 ko naye advt par staybad me lagaya, sabse pahleunhone saiddhantik roop se spasht kanuni aadhar kesath, nirnay kar diya ki,

    1. Vigyapan me Trainee Teacher ya Astt. Teacher jaise shabdo ke her-fer ke karan purane vigyapan ko radd nahi kiya ja sakta.
    Unhone spasht kiya ki aise mamle ko nistarit karte samay ''Substance'' ko dekha jana chahiye na ki shabdadambar!

    2. Purani vigyapan se prarambh hui prakriya ko prakriya shuru hone ke badmatra sarkari-afasron ke dimag me chayan-adhar kolekar upje udaan-jhalle ke karan na roka ja sakta hai na hi niyam badalne ke liyeradd karne ki ijajat di ja sakti hai.
    Unhone spasht kiya ki agar aisa karne ki anumati di gaito kal kisi afsar ke dimag me fir aisa aadhar-sambandh i udaan-jhalla aya to use fir se apne fitoorko pura karne ke liye chalu prakriya ko kachra-peti me dalne ka adhar mil jayega.

    3. Matra Dhandhli ke aropo ke aadhar, jo kuchh abhyarthi, kendra ya kshetra ko lekar hain, par samuchi prakriya ko radd karne ke bajaay sirf aur sirf sakshya hone ki sthiti me bhi sirf gadbadi aur gadbadlogo ko alag karna chahiye.
    Iske liye unhone Ekal Peethke isi nishkarsh ko sahi thahraya.

    4. Aise me jab purane vigyapan aur uski sharto par chayan-prakriya ko bahaal kiye jane ki sthiti me sarkari fitoor ke taur par aye naye vigyapan ke aadhar par chal rahi prakriya ke antargat 4 Feb. Se shuru hone wali counselling, jisme bhari samkhya me abhyarthi shamil hone wale hain, ek nirarthak karyavahi bhar rah jayegi, atah is se utapann hone wali kathinaai se sabhi ko bachane ke liye us prakriyako nilambit kiya jata hai.
    Ab likhit me, vidhi-sammat aadhar ke sath jab Justice Harkauli ne 4 Feb. Ko ye nirnay kiya, usi din ye ek kanuni dastavej ban gaya, jisko andekha karne, radd karne ya uske vipreet faislakarne ki sthiti me koi aur to kya, swyam Justice Harkauli Bhi nahi hain. Kisi ke liye bhi iske khilaf jakar nirnay dena swayam apne hatho apni beimani sabit karna hoga, jab hum itna samajh sakte hai to kya Judges, Sarkar ya koi aur nahi samajh sakta?
    Dusra, agar koi soche ki Justice Harkauli ko agar manage karke avkash par bheja ja sakta hai to aisa karne ke bajay unse hamare khilaf nirnay karwane me kya samasya ho sakti thi? Jo aadmi kisi ke dabaav me faisla nahi badal sakta, wo kisi ke dabaav me kisi ko apna faisla..................................................... badalne bhi nahi dega,

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  15. Mr. Umashankar ur thinking is very narrow and cheap,,,,,, not like a teacher.

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  16. Kaise future banauge desh ke bachcho ko.
    ..ke tum hi hindu muslim ki bhavna se rakhte ho

    ReplyDelete
  17. Amajad bhai aap naaraj na ho but umashankar ji ki baat ko poori tarah se nakara bhi nahi ja sakta because apane desh me tushtikaran ki rajniti poori tarah se haabi ho gayi hai,rahi baat nyay ki to nyaya sabhi ke liye saman hona chahiye hindu ya muslim ke aadhar par nahi.

    ReplyDelete
  18. ashok kharai sai yeh case aap ko mil sakta hai uma shankr sayad apsai hi tet mrt ka bhala ho gayai

    ar kisi main itni samarth nahi dekh rahi hai

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  19. AMAJAD TUM LAGATA HE SAPA KE KHABARI TYPE LOGO ME SE HO

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  20. Bsp party ko support krta hu, ,,,,vo b pure dil se

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  21. Mera bs chale to sapa aur spa supporter dono ko goli maar du,,,,,,,,,

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  22. SARKAR KO TET PAR RAJNITI NA KARKE TET KE ADHAR PAR MERIT BANA KAR NAUKARI BHARTI CHALU KAR DENI CHAHIYE.... NEERAJ

    ReplyDelete
  23. HI,
    SOME OF THE OUR TETETIAN FRIEND'S MAKE THE RULES & REGULATION ON THEIR OWN CONVEYANCE . NOT FROM LAW & ORDER .SO IN WANTS TO SUGGEST THAT WE SHOULD RESPECT THE GOVT/ COURT DECISION.WE SHOULD DEMAND THAT THE RECRUITMENT SHOULD BE NOT FOR BASE. I ALSO SUGGEST THAT THE B-ED PRACTICAL NO SHOULD NOT CONSIDER DUE TO SOME RICH & WEALTHY PEOPLE HAS TAKEN MORE MARKS BY USING MONEY & POWER. SO PRACTICAL NO SHOULD NOT CONSIDER

    ReplyDelete

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