United India Insurance Co Ltd
(UIIC)
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Generalist Officers Notification March 2013
Name of the Post - Generalist Officers
Vacancies – 445 (SC-67,ST-32,OBC-133,UR-213) PH-17(Including Backlog of 4)
Educational Qualification (as on 31.12.2012)- Graduate with 60%(55% for SC/ST candidates) or post graduate with minimum 55% (50% SC/ST Candidates) marks in aggregate from recognized university
Mode of application : Online between 02.04.2013 and 18.04.2013 (both days inclusive)
Online written test – 26th May 2013
Important Link:
Official Notification : Click Here
Online application : www.uiic.co.in
About UIIC
United India Insurance Company Limited was incorporated as a Company on 18th February 1938. General Insurance Business in India was nationalized in 1972. 12 Indian Insurance Companies, 4 Cooperative Insurance Societies and Indian operations of 5 Foreign Insurers, besides General Insurance operations of southern region of Life Insurance Corporation of India were merged with United India Insurance Company Limited. After Nationalization United India has grown by leaps and bounds and has 18300 work force spread across 1340 offices providing insurance cover to more than 1 Crore policy holders. The Company has variety of insurance products to provide insurance cover from bullock carts to satellites
Dear gadhank supporter main aap logo ki mansik sthiti samajh sakta hoon. Ki aap kis tanav ke daur se gujar rahe hai. Gov ne jis tarah aap logo ko loota hai uske jimmedaar kahi na kahi aap log aur aapka shubhchintak kapil bahadur urf darpok bhi hai. Aap logon ko ye samajh me kyo nahi aata ki koi bhi chayan prakriya nirankush roop se nahi badali ja sakti. Jiska aap log khwab dekh rahe hain. Isiliye gadhank ke adhar par job ki ummeed to aap logo ko chhod hi deni chahiye aur fb par bc karne se achcha hai koi aur kaam khoj lo. Jab cm, rgc, cb yadav aur usmani jaise aap logo ke liye kuch nahi kar paaye to ye fb ke boss shiv prakash kushwaha, radhe-radhe, mayank mishra bur jai hanumaam jaise log kya kar payengd jinki post padh kar aap log uchhalne lagte hain. Kyoki adhe se jyada gadhank supporter fake id use kar rahe hain. Jo khud farji ho wo asli job kaise payega(dila payega). Isliye satya ko sweekar karo koi dusra kaam dekh lo. Best of luck for new job.
ReplyDeleteHaan agar andolan karna chahte ho to wo avashya karo lekin job ke liye nahi balki apna paisa vapas paane ke liye jo aapne chalan ke roop me gov chande me diya hai.
Best of luck jai tet merit.
हमारी राजनीतिक व्यवस्था ना तो कभी न्यायप्रिय थी और ना ही कभी होगी,,,सत्ता की निरंकुशता से बचने के लिए हमें अंततः न्यायपालिका का ही आश्रय लेना होता है,,,टेट मामले में हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या भरोसे की ही आई थी,,,मामला टण्डन की अदालत में टाइड अप था,जब तक वो अपना निर्णय ने दे देते हम लाख चाहकर भी और कहीं नहीं जा सकते थे,,,लखनऊ से लेकर दिल्ली तक टण्डन से छुटकारा पाने के सारे प्रयास असफल ही रहे,,सवाल यह है कि हम टण्डन से बचना क्यों चाहते थे जबकि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया था जिससे हमारे 72825 पदों पर एकैडमिक से भर्ती हो पाती,,,,टण्डन तो सिर्फ एक इंसान हैं,,,यदि स्वयं ईश्वर भी इस भर्ती को एकैडमिक से कराना चाहते तो उन्हें उस अतीत में जाना होता जब राजाओं की इच्छा ही क़ानून हुआ करती थी,,,ईश्वर के लिए भी यह संभव नहीं है,,,हमारा मामला प्राकृतिक न्याय के इस नियम से सम्बंधित है कि किसी बेकुसूर को दण्डित नहीं किया जा सकता,,इस नियम को बदलने का अधिकार ईश्वर को भी नहीं है,,,,क्या टेट में अच्छे नंबर लाने को किसी अदालत में हमारा कुसूर बताया जा सकता है?टण्डन के प्रति अविश्वास जताकर आखिर हमें मिला क्या,,सिवाय आँसुओं की गंगा के,,,,ऐसा नहीं है कि मेरे सिवाय टेट मोर्चे में कोई दूसरा टण्डन के कोर्ट में हुयी कार्यवाही की वास्तविकता को नहीं समझ रहा था,,लेकिन वो सभी टण्डन मुर्दाबाद के शोर में सत्य बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए,,,कुछ मौन साध गये और शेष भीड़ के साथ हो लिए ,,, आप में से अधिकाँश की शिक्षिक पृष्ठभूमि इस तरह की नहीं है कि वो विधि के शासन के सिद्दांत का महत्त्व समझ सकें,,, No Further appointment,,,,,हरकौली साहब के मुँह से ये तीन शब्द सुनने के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्ण बहुमत सरकार के अदालत में प्रतिनिधि अतिरिक्त महाधिवक्ता सी.बी.यादव को जिन्होंने गिडगिडाते हुए देखा होगा उन्हें क़ानून की ताकत समझ में आयी होगी,,,प्रारम्भ से ही इस मामले में जो मुझे विधिसंगत लगा वो मैंने लिखा,,बिना इस बात की परवाह किये बदले में मुझे कौन कितनी गालियाँ देगा,,,,जब मैंने नए ग्रुप में अन्य ग्रुपों के टेट मेरिट समर्थकों को शामिल होने की छूट दी तो उनमें से कई योद्धाओं ने कहा कि वो मुझसे हर बात में सहमत है,,सिवाय टण्डन के प्रति मेरे भरोसे के,,,,,मुझे समझ में ही नहीं आया कि जब वो मेरे मूलभूत तर्क से ही सहमत नहीं हैं तो उन्हें खुलेआम असहमत होने और मुझे गालियाँ देने का अधिकार मिलना चाहिए,,,,हाँ,,मैं आज भी स्पष्ट रूप से कहता हूँ कि हमारे हित में जो भी सबसे बेहतर किया जा सकता था वो न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने किया,,,,रीतेश और शाश्वत को छोड़कर शायद इक्का-दुक्का टेट मेरिट चाहने वाले ही मुझसे सहमत रहे हों,,,यहाँ तक इस ग्रुप के वर्तमान एवं पूर्व Administrators में से अधिकाँश इस मामले में मुझसे असहमत रहे,,,उनमें से कुछ के लिए तो अब मैं घृणा का पात्र तक बन चुका हूँ,,,,
ReplyDeleteआज भी अधिकाँश टेट मेरिट चाहने वालों को ऐसा लगता है कि टण्डन साहब ने उस्मानी कमेटी की सिफारिशों पर निर्णय लेने के लिए सरकार को बाध्य करने के सिवाय हमारे पक्ष में कभी कोई काम नहीं किया,,,
1-हमारा विज्ञापन के रद्दीकरण को दो-तीन पेशियों में ही खारिज क्यों नहीं किया??
2-नए विज्ञापन को आमंत्रित ही क्यों किया??
3-याचिकाकर्ताओं के हित के विरूद्ध होने के आधार पर स्वागत के साथ ही उसको विदाई क्यों नहीं दी??
4-SCERT विवरण भेजे जाने वाले आदेश का पालन ना करने के लिए सरकार के विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं की??
5-बिना किसी ठोस वजह के हमारा विज्ञापन रद्द क्यों किया??
6-ओवर-अंडर एज वाले आदेश द्वारा पूर्व विज्ञापन के अधिकारों को नए विज्ञापन में मान्यता देकर परोक्ष रूप से उसे टेट मेरिट का करने के स्थान पर सीधे-सीधे आदेश क्यों नहीं किया??
न्यायमूर्ति अरुण टण्डन टेट मेरिट समर्थकों की अदालत में सिर्फ इन्हीं अपराधों में ही वांछित हैं या उनके विरूद्ध इनसे भी गंभीर आरोप है??
ऊपर लिखे सवाल आप में से अधिकाँश के हैं,,, मेरे भी कुछ सवाल हैं,,,,कृपया कभी-कभी मुझे भी जवाब दे दिया करें,,,
1- उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लेने के लिए सरकार को निर्देशित करने के लिए टण्डन को किसने बाध्य किया था?
ReplyDelete2- नया विज्ञापन ना निकालने पर प्रमुख सचिव को तलब करने की धमकी क्यों दी?
3- SCERT विवरण भेजने वाला आदेश किसको धोखा देने के लिए दिया था,,,क्या मुझे और मेरे जैसे उन लोगों को जिन्होंने जिसने उस आदेश के जारी होने के बाद आन लाइन फ़ार्म भरने पर विचार तक नहीं किया?
4- आयु सीमा वाला आदेश क्यों दिया?
6- पूर्व विज्ञापन को रद्द करने वाले आदेश में टेट के बैड पार्ट को अलग करने की बात का क्या मतलब था?
7- क्या वो टेट के बैड पार्ट को अलग करके गुणांक से भर्ती कराने का जुगाड़ कर रहे थे?
8- सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए Retrospective Effect से चयन प्रक्रिया में संशोधन को अवैध करार देने के बाद वो गुणांक से करने के लिए क्या-क्या कर सकते थे?
UPTET Merit Holders(SVES )
ReplyDeleteअब हमें अम्बर वाणी पर ध्यान केंद्रित करना होगा,,,,क्योंकि न्यायमूर्ति अम्बरवानी संविधान पीठ के अध्यक्ष हैं,,,,
देखना यह है कि क्या टेट मेरिट के लिए आकाशवाणी के माध्यम से ईश्वरीय आदेश जारी किया जाएगा,,,,,,,मेरे ख्याल से अभी तक टेट मेरिट ना बन पाने के बावजूद सभी साथियों की होली अगर बहुत अच्छी नहीं बीती होगी तो उतनी बुरी भी नहीं रही होगी जितनी इस साल की शुरुआत में एहसास हो रहा था,,हमारे विरूद्ध चलने वाली आंधियां अब थम चुकी हैं ,,,,आँधियों की किस्मत में थम जाना ही लिखा होता है,,,,,,
फिर से भ्रमित किये जाने की शुरुआत हो गई है ,,,अचानक सभी के मन में एक सामान सवाल उठ खड़े हुए हैं,,पहले भी ऐसा ही होता है,,आखिर इन सवालों का स्रोत है कहाँ,,,,,,
ज्यादातर साथियों के मन में डर बिठा दिया गया है कि अम्बरवानी सरकार समर्थक जज है,,वो हमारे मामले में कुछ गडबडी कर सकते हैं,,,,,,
टण्डन का समर्थन करने के लिए मैंने और शाश्वत-रीतेश ने छककर गालियाँ खाईं हैं,,,,लेकिन हमारा भरोसा टण्डन या हरकौली पर ना होकर अपने विधिसम्मत होने पर था ,,,, जज तो सिर्फ एक मामूली इंसान ही होता है,,,,हमारे पदों पर एकैडमिक से चयन कराने के लिए ईश्वर को भी अतीत में जाना पडता जब राजा की इच्छा ही क़ानून हुआ करती थी,,,अगर कोई आपसे कहता है कि हमारे पदों पर अभी भी गुणांक से चयन की संभावनाएं जीवित हैं तो समझ लें या तो वो मजाक कर रहा है या आपको बेवकूफ बना रहा है,,,,ऐसी संभावना कभी थी ही नहीं,,,,बस एक झूठ था जो इतने कोनों से और इतनी ज्यादा बार दोहराया गया कि वो सच से ज्यादा प्रभावशाली लगने लगा,,,,,
रही बात अम्बवानी द्वारा मामले को अपने पास फंसा लेने की तो एक बात समझ लें ,,,संविधान पीठ ज्यादा दिनों तक गठित नहीं रहने वाली,,,,अधिक से अधिक चार पेशी ,,,,,यद्यपि खरे साहब कह रहें हैं कि वो अपना मामला पुनः हरकौली साहब के पास ले जाने का प्रयास करेंगे,,लेकिन मुझे नहीं लगता कि अब ऐसा हो सकता है,,,,,,खरे साहब अब वहां क्या कहेंगे कि हमारा मामला वहां यह देखने के लिए रेफर किया गया था कि कहीं सरकार जानबूझकर नॉन टेट वाला केस ना हार जाए ,,वापसी के लिए क्या तर्क देंगे कि अम्बवानी जी आप सरकार समर्थक जज माने जाते हो इसलिए हम हरकौली पर भरोसा करने को वरीयता देंगे,,,,उच्च न्यायालय में थोड़ा बहुत इधर-उधर तो चलता है लेकिन हाई प्रोफाइल मुकदमों में नहीं,,,,,,अगर तीनों जज आपकी आशंकाओं के अनुकूल भी काम करें तो कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा ,,,,,बस सर्वोच्च न्यायालय में तीनों जजों की इज्जत उतारी जायेगी,,,,और टेट मेरिट को विजयी घोषित किया जाएगा ,,,,
तीन तारीख से पुनः सरकार को घुटने के बल खड़ा करने वाला तमाशा देखने के लिए तैयार हो जाइए ,,और इस बार विजेता के भाव से देखिएगा,,,,अगर आँसू बहाते हुए कोई चीज देखोगे तो जाहिर है कि वो कुछ विकृत अवस्था में ही दिखाई देगी ,,,,भौतिकी में अपवर्तन नहीं पढा क्या ????? :v :v :v
ReplyDeleteजिन्हे खुद पर भरोसा नही उनके पास डरने और डराने के अलावा दूसरा विकल्प न कल था और न आज है । और जिन्हे खुद पर भरोसा है अपनी सत्यता ईमानदारी और भारतीय संहिता पर भरोसा है वह न तो पहले कभी डरे थे और न आज डरने की आवश्यकता है । डाल पर बैठा पंछी डाल पर नही खुद के पंखों की ताकत पर भरोसा करता है डाल के हिलने पर विलाप नही करता । इसलिए हमे तो अपने विधि सम्मत होने पर जो भरोसा कल था वही आज है । जिसको टेट मैरिट और पुराने विज्ञापन के विधि सम्मत होने का भरोसा नही है वह डरने के अलावा और कर भी क्या सकता है
Shalabh Tiwariposted toRajesh Pratap Singh
ReplyDeleteप्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक किये जाने का परिणाम गुणांकधारियों एवं निजी बी.एड कालेजों की लाबी के लिए उम्मीद से कहीं अधिक गंभीर होने जा रहे हैं,,,,टेट मेरिट वालों से पंगा लेने का खामियाजा तो उन्हें भुगतना ही होगा,,,,हमारे 72,825 पदों पर टेट मेरिट के सिवाय किसी अन्य विधि से भर्ती होना उसी दिन असंभव हो गया था जब संजय मोहन की गिरिफ्तारी के बावजूद मेरे हाथ में टेट की मार्कशीट आ गई थी,,,,,,मैंने बहुत पहले ही कहा था,,और कई बार कहा है कि यदि सरकार चाहे तो अतिरिक्त पदों का सृजन करके एवं उनके लिए NCTE से अनुमति लेने के बाद नए विज्ञापन में दोहरी भर्ती प्रक्रिया अपनाकर एकैडमिक से भर्ती का अपना सपना पूरा कर सकती है ,,,मेरे इस विचार पर टेट मेरिट और गुणांक वाले दोंनों ने ही गालियाँ दीं थीं ,,,,,SCERT विवरण भेजने वाला आदेश आज भी पालन किये जाने का इन्तजार कर रहा है,,,,,
संविधान पीठ का गठन नॉन टेट वालों को शामिल करने के असंवैधानिक आदेश को पलटने के लिए किया गया है,,,,यह मात्र औपचारिकता है और पहली सुनवाई में ही यह काम हो जाएगा ,,उसके बाद एक-दो सुनवाइयों में हरकौली साहब के कोर्ट के निष्कर्षों में प्रशिक्षु अध्यापक एवं सहायक अध्यापक को सामान मानते हुए थोड़ा सा परिवर्तन किया जायेगा और पूर्व विज्ञापन बहाल कर दिया जाएगा,,इसी के साथ नया विज्ञापन रिक्तिविहीन होने के कारण समाप्त हो जाएगा और उसकी फीस वापस कर दी जायेगी,,,,उसके बाद होगा UPTET 2013 और उसमें सामान्य स्नातक भाग लेंगे,,,,अगर 2014 के लोक सभा चुनावों से पूर्व पुनः प्राथमिक शिक्षक भर्ती हुयी भी तो bii.ed. न्यूनतम योग्यता ना होने से वर्तमान गुणांक पद्दति निरर्थक हो जायेगी,,,,नए अभ्यर्थी-नए समीकरण-नए चयनित,,,,,, वर्तमान ऑनलाइन विज्ञापन से भर्ती का सपना देखने वाले अधिकाँश गुणांकधारी बरबाद हो जायेंगे,,,,यद्यपि गुणांक वालों की गालियाँ अभी याद हैं,,लेकिन होली में किसी से कैसी दुश्मनी,,,,मुझे तो यह सोचकर गुणांक वालों पर तरस आ रहा है कि जिस तरह हमने पिछला एक साल बिताया है उस तरह उन्हें अपनी सारी जिंदगी बितानी होगी,,,हमें तो न्यायपालिका का सहारा था,उनको सहारा देने के लिए कौन आएगा,,,,,,,,इसलिए गुणांकवालों को मुफ्त में एक सलाह दे रहा हूँ,,,,,,दो-चार दिन होली मना लें और उसके बाद जाकर मुख्यमंत्री के पैर पकडें,,,,क्या पता उसे गुणांक वालों की हालत पर तरस आ जाए और नए पदों के सृजन के लिए अदालत से समय मांग ले,,,हो सकता है कि 72,825 पदों पर त्वरित गति से टेट मेरिट से भर्ती शुरू करने की शर्त पर उसे अनुमति मिल भी जाए,,,,अगर पैर पकड़ने से काम ना चले तो दारुलशफा में आमरण अनशन पर बैठ जाएँ,,,,,अनशन से जबरदस्ती उठाया जाय तो विधान सभा के सामने आत्मदाह की धमकी दें,,,नॉन टेट वालों के बाहर होते ही 2011-12 वालों का टेट प्रमाणपत्र गलत तरीके से हासिल होने की वजह से उन्हें बाहर कर दिया जाएगा,,,,जिस मीडिया ने एकैडमिक वालों को झाड पर चढाया उसका सहयोग शराब के सहारे खरीदें जाकर,,,अगर गुणांक वालों को मेरी बात अभी भी समझ में ना आ आये तो फिर यहीं फेसबुक पर राधे-राधे,,कुशवाहा-कुशवाहा जपें और हमारी काउंसिलिंग एवं ट्रेनिंग के वक्त डाईट के बाहर कटोरा लेकर भीख मांगने के लिए अपने आपको मानसिक रूप से तैयार करें,,,,
Mere tet suporter sathiyo..jaisa ki sabhi jante hai ap tak ki h.c k rukh se ye pta chalta hai ki old add bahal hone ki taiyari me hai sirf aupcharikta matr baki hai..har kisi k man me ye utsukta hai ki akhir old add me kitne marks wale safe hoge..hindustan newspaper k meruth sanskaran ne 2 bar paper me nikala hai ki 90 k upar matr 60808 student hai jabki 83 se 90 k bich kul 2lakh se upar hai..matlab ki agar gov. Ki anukampa dwara pas yani with gress pas ko nikal de to gen 95 obc 93 and s.c 88 tak naukri pane wale hai...magar is khabar ko mai sire se kharij karta hu..kyuki hamare ek friend jinka cyber net ki shop hai ne 5 din tak lagatar alahabad mandal ka sirf akada dekhe the to paye ki alahabad mandal k 4 dist kausambi,fatehpur,pratapgarh aur alahabad me 100 k upar kul 25312 aur 105 k upar 15103 log 110 k upar 8372 log hai..ye sirf ek mandal ka akada hai...kul sayad 18 mandal hai..mana alahabad u.p ka sabse well educated mandal hai aur yaha har mandal se jyada ladke pas hoge..par itna to tay hai ki mere friend k akade k anusar hindustan ki khabar galt ho sakti hai..tet morcha k 38 dist k member dwara diet se kisi na kisi link se 5 guna huyi feeding old add k anusar jo thi wo hamare pas diery me note hai..jisme 5 guna feeding me lakimpur gen 106 obc 103 aur sc 97 tak hai jo har dist ki apeksha sbse kam hai,.ap apna pax rakhe kya hindustan ki khabar sahi hai
ReplyDeleteMere tet suporter sathiyo...sayad bhagwan v hamare sath hai tavi to ham dhire dhire apne manjil tak pahuchne wale hai..aur hame samay samay par ek gud news milti rahti hai ku6 tet suporter ye news sunkar chintit the magar apko mai ye clear karna chahta hu aaj ki khabar tet merit k liye ek gud news hai..kendra sarkar k h.r.d ministry dwara 13 rajyo ko jaha R.te k manak pura karne me ku6 pareshani hai ..kahi tet k result 7% to kahi 5% hai isliye vaha jyada se jyada graduate logo ko tet me shamil kar unhe tet pas karakar teacher bnaya jaye aur R.te k manak pura kiye jaye..u.p ko agar chhod de to jyadatar rajyo k tet exam me pas candidate vacancy se bahut kam hai..h.r.d mantralay ki najar me b.ed ya any acd digri mayne nahi rakhti wo tet pas ko hi minimum qualification bnana chahti hai..jin bhaiyo ne bihar tet diya hai wo jante hai bihar me graduation wale v tet exam me shamil huye the aur kul 35 lakh log exam me baithe magar pas huye 70 hajar yani 2% aur vaha vacancy thi 1 lakh..ab bataye agar u.p ko chhod de to har state ka yahi hal hai,aur up me agle tet me v yahi hal hoga kyuki itna saral paper ab nahi bnega..bihar me agle tet exam se pahle niymawali me avi hal me hi sansodhan kar base of selection tet mark ko bnaya gaya hai..bhaiyo aaj ki khabar yah batati hai tet pas karna hi kendriy gov. K liye ek gud teacher k liye jaruri hai na ki digri ..keral , west bengal aur anek state me martra 4 se 5% tet pas result badi digri b.ed k mahatva ko ghata rahi hai kyuki kukurmutte ki tarah khul rahe colege me donation par admison lekar practikal me paise dekar number badhwakar mile mark ek gud teacher ka manak pura nahi karti ..gov dwara uthaya gaye is kadam ka hum swagat karte hai kyuki ab tet ko pure desh me base of selection bnaya jayega..kyuki acd digri ki viswashniyta kam ho rahi hai..tet 2013 me up me b.tech..b.b.a,b.c.a aur any kai digri walo ko tet me gud mark pakar selection lene ka pura adhikar hnga..aur ek aakde k anusar u.p me lagbhag 1 karod log graduate hai,.ab acd digri me nakal kar gud mark pane walo k liye kendra sarkar ne hamesha k liye darwaje band karne ki taraf kadam badha diya hai..tet 2013 me shamil hoge kul 1 karod log aur wo b.tech jaise log karege b.t.c aur b.ed walo ko bahar..tet 2011 me tet merit wale to payege nakari jald magar acd walo k liye khatra wo ab hamesha k liye hoge bahar....jai tet
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