इलाहाबाद। सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में टीईटी की अनिवार्यता को पूर्णपीठ में चल रही सुनवाई अब 16 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने इस बीच सभी पक्षकारों से अपना लिखित कथन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। बुधवार को याचियों, पक्षकारों और प्रदेश सरकार के अलावा एनसीटीई की ओर से अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखा गया। सहायक अध्यापक भर्ती मामले में प्रभाकर सिंह केस में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बीएड डिग्री धारक अभ्यर्थियों को बिना टीईटी उत्तीर्ण किए सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया था। इस आदेश पर हाईकोर्ट की एकल न्यायपीठ ने मामले को रिफरेंस के लिए पूर्णपीठ के समक्ष संदर्भित करने का निर्देश दिया।
बुधवार को इस मामले पर गठित न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी, न्यायमूर्ति एपी साही और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की की पूर्णपीठ ने सुनवाई की। पूर्णपीठ को सहायक अध्यापकों की भर्ती में टीईटी के अंक को अर्हता बनाए जाने या अंकों के आधार पर नियुक्ति करने के प्रश्न पर भी सुनवाई करनी है।
प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सीबी यादव, मुख्य स्थायी अधिवक्ता द्वितीय कमरूल हसन सिद्दकी और एनसीटीई की ओर से रिजवान अली अख्तर ने पक्ष रखा।
महिलाओं को आरक्षण देने की मांग खारिज
इलाहाबाद। कोर्ट ने प्रशिक्षु अध्यापक भर्ती में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी है। जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता ने सुनवाई की। याची नीरज राय ने 50 प्रतिशत पद आरक्षित करने की मांग की थी
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (4.4.2013)
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