शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तर प्रदेश (UP-TET) 2013 | |
1. | सामान्य दिशा निर्देश |
2. | तकनीकी ऑपरेशनल दिशा निर्देश |
3. | रजिस्ट्रेशन का प्रारूप |
4. | शासनादेश |
STEP-1 | आवेदन पत्र भरने हेतु महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश ऑनलाइन आवेदन करने से पूर्व दिशा निर्देश ध्यान पूर्वक पढ़ लें एवं आवेदन के प्रारूप को भी ध्यानपूर्वक पढ़ लें | समस्त प्रविष्टियाँ अंग्रेजी भाषा में ही मान्य होंगी | |
STEP-2 | आवेदन पत्र के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) करें | अंतिम तिथि 13/05/2013 |
STEP-3 | आवेदन शुल्क जमा करने हेतु ई- चालान फॉर्म प्रिंट करें | अंतिम तिथि 13/05/2013 |
STEP-4 | ई- चालान फॉर्म द्वारा आवेदन शुल्क जमा करना | अंतिम तिथि 15/05/2013 |
STEP-5 | फोटो अपलोड करके आवेदन पत्र पूर्ण करें | अंतिम तिथि 18/05/2013 |
STEP-6 | अपना भरा हुआ आवेदन पत्र प्रिंट करें |
ncte ke letter me likha hai ki 01 jan. 2012 tak b.ed or tet pass primary teacher ke liye maanya hai to jinki b.ed. ki marksheet per date december ki or tet ki marksheet ki date 25.11.11 hai wo applicable hai ya nahi please koi iss news ko confirm kar dein.
ReplyDeleteDOSTO,
ReplyDeleteANUDESHAK BHARTI ME BHARI DHANDHLI HO RAHI HAI LOGON NE FARJI DIPLOMA BANWA LIYE HAIN ISKE ALAWA DOEACC KA "O" LEVEL KA DIPLOMA LAGAYE HAIN A "GRADE" HAI AUR USE "A LABEL BATA RAHE HAIN YE BHARTI BHI BHARI GHOTALA WALI BHARTI HO JAYEGI.
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ReplyDeleteचारों ओर एक ही सवाल गूँज रहा है,,,,, संविधान पीठ का आर्डर कब आ रहा है,,,,फेसबुक से लेकर जमीनी स्तर पर संघर्ष कर रहे सभी साथी एक ऐसे सवाल का जवाब देते-देते थक गये हैं जिसका जवाब उनके पास है ही नहीं,,,आर्डर क्या आएगा ये तो हम सब जानते हैं ,,सिवाय अमर उजाला वालों के,,लेकिन कब आएगा यह बता पाना शायद किसी के बस की बात नहीं है,,,,फिलहाल यह मानकर चलें कि मंगलवार तक आदेश आ जाएगा ,,,,मंगल का मतलब 30 अप्रैल ना होकर सात मई समझें,,,लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि इससे पहले नहीं आ सकता,,,,,,,,उसके बाद दस-बारह दिन से कम नहीं लगेंगे हरकौली साहब के यहाँ डेट लगवाने में,,, वैसे तो इससे भी ज्यादा दिन लगते लेकिन हमारे इलाहाबाद के साथी उसे जल्द से जल्द लगवाने का प्रयास करेंगे,,,,,,, अपना मामला ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए मई के आखिरी हफ्ते में उच्च न्यायालय के बंद होने से पहले समाप्त हो जाना चाहिए,,
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ReplyDeleteकुत्तों के रोने की आवाज के बीच भी चैन से सोने की आदत अभी से डालना शुरू कर दो भाई ,,,,,हमारी ज्वाइनिंग के बाद ये आदत काम में आयेगी ,,,,गुणांक वाले अब सारी उम्र रोने के लिए अभिशप्त हैं,,,
ReplyDeleteटेट मोर्चे के सभी आंदोलनकारी साथियों को बधाई ,,,,बोस्टन एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने आजम खां की जोरदार पिटाई की है,,,,,,, चलो वर्लिंगटन चौराहे पर हुए लाठीचार्ज का बदला तो आज पूरा हुआ ,,,,,,,,देखते जाइए ईश्वर प्रदत्त टेट मेरिट से पंगा लेने वालों के साथ आगे और क्या-क्या होता है,,,,,,
ReplyDeleteagla tet hone ja rha fir gov ki wohi policy vivado se bhara notification ar online form me kuch ar...! Fir mamla highcort me ar fir wohi kahni...! Ye janbujhkar aisa karte h paisa lena hi bas inka target h... Ar ye gov ar court kabhi ye mattar suljhne hi n denge ki old add aayega ya issi add pe bharti hongi ya ake bar fir after tet 72825 ki bahar aayegi...! Bas wait nd watch rah gya h isme....!
ReplyDeleteI have passed TET in 2011,should i give the exam again???is it mandatory
ReplyDeleteKisi nishchit rikti pr kiye gye chayan ke aadhar ko unhi ke sapekch pado pr kisi nayi Sarkar dwara chayan ke aadhar me parivartan nhi kiya ja sakta hai. kyoki chayan ke aadhar me parivatan krk apne chaheto ko labh pahuchane ki sambhavnaye bad jati hai. agar vigyapan aadi me koi truti hai to sanshodhit vigyapti ya punarvigyapti ke madhyam se punah jari kiya ja sakta hai.-Sarvochya Nyayalay Ki Najeer
ReplyDeleteकिसी निश्चित रिक्ति पर निर्धारित किये गये
चयन के आधार को उन्ही सापेक्ष पदों पर
किसी नई सरकार द्वारा चयन के आधार में
परिवर्तन नही किया जा सकता है
क्योंकि चयन के आधार में परिवर्तन करके
अपने चहेतों को लाभ पहुँचानें की सम्भावनाएं
बढ़ जाती है,अगर विज्ञापन आदि में त्रुटि है
तो उसे संशोधित
विज्ञप्ति या पुनर्विज्ञप्ति के माध्यम से
पुनःजारी किया जा सकता है। - सर्वोच्च
न्यायालय की नजीर।
Jai Hind Jai TET Jai Bharat
u r right
ReplyDeleteye gov apne he jaal me fas gai
ReplyDeletetum logo ne jahil gwaro ko serkar thema de hai jo ek bhe bheti sahe dhung se kerne me sachum nahe hai
ReplyDeleteye gov.ges taraha se mollim walo ko tet exam me rule,s k against delana chahte he, but esa kar nahe paiage
ReplyDeletencte ke rule,s ke according set paper k praroop k anusar he tet exam conduct ho sakta he, bhasa vikalp pr choot mil sakte he
ReplyDeletetet merrit wale bohot darr chuke
ReplyDeletelaken ab darr ke
aage
jeet h
Tet netao ka kahna tha ki gov ne site gudank merit hta li hai ab tet merit per chayan hoga lekin afsos site per fir gudank merit a gsyee hai tet neta ke muh per jordar tamacha hai age dekhte jao tumhara kya hasr hota hai case ko db me bhagwan bhi nahi la sakte tumhari kya awkat hai.GUDANK JINDABAD.
ReplyDeletePawan ji in murkho ko samjhao bhai.bhagwan patanahi kab inko sadbuddhi dega.
ReplyDeleteTet merit nahi to bharti nahi jaise lagta hai mulayam singh ke papa bol rahe hain.sab inhi ke haath me hai.
ReplyDeletebhagwan murkho ko kabhi sadhboddhe nahe deta hai,
ReplyDeletelakin ab sadhboddhe wale jarror murkh hone wale he
Sharma ji ap murkhon ke guru lagte ho.terrorists ki tarah tet neta log tumhe apahij banakar rakh diya hai.ab dekhna hai kaun vijayee hota hai.acd jindabad.tb se hi tet merit ki arthi nikle gi aur prayag ghat per visarjan hoga.
ReplyDeleteटंडन ने न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठ कर न तो हमारे साथ न्याय किया और न ही अर्ध न्याय किया वरन हमारे साथ सरासर अन्याय किया..मैं तो टंडन को सुनने केवल एक बार गया था और उनकी बॉडी लेंग्वेज ने ही उनके भीतर की समस्त कटुता को उजागर कर दिया था..जितनी आसानी से उन्होंने दो दिन बाद का समय दिया (यह जानते हुए भी की यह मुद्दा हजारों परिवार के लाखों लोगों से सीधे सीधे जुड़ा हुआ है) वह उनकी न्यायिक अक्षमता को ही प्रदर्शित करता है..इस मुद्दे को लटकाने में जितनी तारीखे उन्होंने दी..क्या किसी अन्य जज ने भी दी हैं..यह मुद्दा इतना उलझा हुआ नहीं है जितना की इसे जानबूझ कर उलझाया जा रहा है ..सरकार चाहे तो अभी भी संशोधन करके हमारे पक्ष में हमारे मामले की सारी गति ही बदल सकती है..किन्तु ऐसा करना उनके लिए इसलिए संभव नहीं होगा क्योंकि वे मामले को अपने राजनैतिक उद्देश्यों के लिए लटकाना चाहते हैं..टंडन ने हमारे पक्ष में किया क्या? और यदि वे नए विज्ञापन को निरस्त कर पुराने विज्ञापन को बहाल कर देते तो हम संकट में कैसे पड जाते? यह मामला सुप्रीमकोर्ट न पहुंचा होता तो अब तक ७२८२५ पद भर चुके होते और वह भी अकादमिक आधार पड..ऐसी कौन सी विधिक, संवैधानिक अथवा नैतिक बाधा थी जो टंडन के हाँथ पकडे हुए थी? राजनैतिक बाधा तो थी और यह हमारे प्रदर्शनों में अपने बीच भी रही है..जो लोग हमारे प्रदर्शनों में यह नारा लगाते थे की अखिलेश हमारा भाई है..उससे नहीं लड़ाई है..वे किस प्रकार सरकार से लड़ सकते हैं?..टंडन को पदलिप्सा है और इसीलिए हमारे पक्ष में तमाम विधिक उपबंधों के बावजूद हमें ठेंगा दिखा दिया गया...एक हमारा ही मामला नहीं ऐसे अनेक मामले हैं जहाँ लोगों ने मात्र अनुरोध भर किया और न्यायपालिका,कार्यपालिका तथा व्यवस्थापिका हर जगह उनकी बात सुनी गयी..मैं तो आश्चर्यचकित हूँ की जब फंसी का फंदा हमारे गले में पड़ने ही वाला था तो लोग फीस, आयु, महिला पुरुष आरक्षण न जाने क्या क्या लेकर बैठ गएँ..मैंने न्याय के मंदिर में न्याय की हत्या होते हुए देखा है
ReplyDeleteSir are you have any teacher job for me in UP. Please tell me on my email id - sobhna12356@gmail.com
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