PSTET tetpunjab.com Last Date to Apply ONLINE : 28th July 2014
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Forms Received after 04-AUG-2014 will not be entertained
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For general category Rs.600/-, SC/ST category / Differently Abled Rs.300/-, for Ex-serviceman (Self) - NIL (for each test) 07-JUL-2014 to 29-JUL-2014 (Upto bank time)
07-JUL-2014 to 29-JUL-2014 (through debit/credit card)
Uploading of Admit Card (online) | 12-AUG-2014 (8 pm onwards) |
Conduct of written Examination
PSTET-I (Morning) & PSTET-II (Evening) : 24-AUG-2014 (Sunday)
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PSTET Answer key 2014 tetpunjab.com
MERE TET SUPPORTER SATHIYO...
ReplyDelete1) jaisa ki tet morcha ke pradesh adhyax ganesh dixit g kai bar sachiv heera lal gupta aur scert nideshak sarvendra vikram bahadur singh se counseling ke sambandh me bat ki par adhikariyo ka rawaiya 72825 ko lekar bilkul udaseen hai ,wo prayawedano ki feeding ka rona ro rahe hai..ab aap sochiye jo log 70 lakh form ko 25 march ke order ke bad lagbhag 3.5 mah lga diye feeding me wo 50 lakh pratyawedan aakhir kb tk feed krege ram jane..
2)dosto tet morcha pradesh adhyax ganesh g ne unhe tet ke result ki c.d ke aadhar par centrailised counseling karane ki salah diye .jisase 2 din ke andar counseling start ho jaygi.jisase na to farji log aayege aur na hi time lgega jitne logo ne form jis dist me bhara hai uska pratyawedan print le jakar counseling kraye .aur by hand wahi sansodhan ho jayega...yani feeding ka jhanjhat dur aur farjiwada par v rok..par ye log sayad nai smjhne wale hai..72825 bharti ye wastav me krna hi nai chahte..
3) sarkar ke adhikariyo ke pas counseling ke tamam option hai par ye log pahle prayawedan fir unki feeding me time pas kr rahe hai..aakhir ham ye kaise maan le abki bar ye fir feeding me galti nai karege..dosto isiliye tet morcha 5 august ko ek bar fir lucknow kooch ka aahwan krta hai..
5) 5 august ko hamari maang hogi ki tet result ki c.d se direct counseling ho ..hame ab feeding ke khel me na uljaye ye adhikari...result ki c.d se counseling hogi to farjiwada v rukega..ya to ye adhikari farjiwada ko bdhava dena chahte hai ya fir 72825 ko jaruri nai smjhte isiliye jitna time khichna chahe khich rahe..
6) dosto merit ke sare anuman galat hai avi ku6 v athentic nai hai ..result ki c.d se centralised counseling ki manag lekar lucknow 5 ko jarur pahuche..ho skta hai result ki c.d se hindustan ka data match kre..kyuki hindustan ke chief editor se is sambandh me hamare vidhi adhyax s.k pathak se bat ho chuki hai aur unhone kha tha ki sansodhan ke pahle 18 mandal ke ek ek rol no. Ko 18 computer ke madhyam se chek kiya gya tha to 90 ke upar 60808 log the..par sansodhan ke bad ka data hamare pas nahi hai..
7) dosto tet morcha ke result ki c.d se counseling krane ki maang me low merit walo ka hit hai ..kyuki chuki c.d police ke kabje me thi atah usme koi dhandhli nai ho payi hogi..5 august ko tet morcha ka sath de .kyuki ab feeding ke khel me hame ulajhkar ye time pas nai krne payege..
Bta do is najuk mod par tet morcha ka sath dege na? Kya hamari jayaj mag me sath ho na? Kya is nikammi gov. Ke mansube ke khilaf ho na..jarur aaye 5 august ko..ham v 4 august ko daroga bharti daud dekar lucknow me hi rahege..jai tet merit, jai mata di
अगर 1 अगस्त को काउंसलिंग का फुल GO जारी नहीं किये हीरा लाल तो ....
ReplyDeleteदोस्तों सभी लोग तैयार रहो एक महा आंदोलन के लिए ।
आंदोलन की तिथि -- 5 अगस्त ' 2014 ..
स्थान -- विधान सभा भवन ..
NOTE ...> कोर्ट ऑफ़ कंटेम्प्ट नहीं करेगा "टेट मोर्चा" -- ऐसा ही प्रतीत होता है अब ।
इसलिए रेडी रहो ।
!
ReplyDeleteTu
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hi
!
meri
!
pahli
!
khwaish
!
tuhi
!
aakhiri
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hai
!
!
इतनी तारीफ़ें ना करो
मुझे ख़ुद से
मोहब्बत हो जायेगी.....
फ़िर तुम्हारा क्या होगा?
!
ReplyDeleteTu
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hi
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meri
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pahli
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khwaish
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tuhi
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aakhiri
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hai
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तू मोहब्बत है मेरी इसीलिए दूर है मुझसे...
अगर जिद होती तो शाम तक बाहों में होती...
आज टेट मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष गणेश दीक्षित की विशेष सचिव से फोन पर हुयी वार्ता में एक बात तो स्पष्ट हो गयी है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की आन्दोलन के नाम से ही सिट्टी पिट्टी गुम होने लगती है
ReplyDeleteइसकी जो वजह है उसे आप समझने का प्रयास ना करके पाँच अगस्त को प्रस्तावित आन्दोलन की अपेक्षित रणनीति को blog पर लिखें तथा अखबारों में छपवायें ,,,
ReplyDeleteऐसा करते हुए यह ध्यान रखें कि जिस सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की परवाह नही उसके प्रशासन को हमसे क़ानून का पालन करने की भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए ....मुझे विश्वास है कि जो मैं कहना चाहता हूँ उसे बिना कहे ही आप समझ जाओगे ...
ReplyDeleteहर आदमी अपनी जिंदगी में हीरो है ।
ReplyDelete.
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बस उसकी फिल्म कभी रिलीज़ नहीं होती !!
priy mitron namaskar
ReplyDeletewartman paristhitiyon ko dekhte huye sarkar ki mansha theek nahi lag rahi hai ...is paridrishya me hath par hath rakh kar baithna uchit nahi hai ....isliye hame ek bar punah sangathit hokar jila star par sthaneey evam saksham pradhikariyon ko chetawani swaroop gyapan 28/07/2014 din somwar ..ko pratyek jile me dena hoga .. tet shangharsh morcha ke sabhi jiladhyaksh evam sabhi sakriy sadasya 28/07/2014 ko government ko awagat karayen ki ye heelahawali aur deri asahneey hai ....
sadhanyawad
● निर्वाचन आयोग का गठन कौन करता है— राष्ट्रपति
ReplyDelete● प्रत्यक्ष निर्वाचन क्या है— जनता द्वारा मतदान
● निर्वाचन आयोग का गठन किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया जाता है— अनुच्छेद-324
● भारत की निर्वाचन पद्धति किस देश से ली गई है— ब्रिटेन से
● मतदाताओं के पंजीयन का उत्तरदायित्व किसका है— निर्वाचन आयोग का
● निर्वाचन आयोग का चेयरमैन कौन होता है— मुख्य निर्वाचन आयुक्त
● परिसीमन आयोग का अध्यक्ष कौन होता है— मुख्य निर्वाचन आयुक्त
● मतदाता सूची को अद्यतन बनाकर कौन रखता है— निर्वाचन आयोग
● भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त कौन थे— सुकुमार सेन
● भारत में सार्वजनिक मताधिकार के आधार पर प्रथम चुनाव कब हुए— 1952 ई.
● भारत में पहली बार महिलाओं को मताधिकार कब प्राप्त हुआ— 1989 ई.
● भारत में मतदान की न्यूनतम आयु क्या है— 18 वर्ष
● चुनाव के क्षेत्र में चुनाव प्रचार कब बंद होता है— चुनाव से 48 घंटे पहले
● निर्वाचन आयुक्त को पदच्युत करने का अधिकार किसको है— राष्ट्रपति को
● निर्वाचन आयुक्त को राष्ट्रपति किसकी सलाह पर पदच्युत करता है— मुख्य निर्वाचन आयुक्त की
● निर्वाचन आयुक्त की सेवाशर्त/कार्यकाल कौन निश्चित करता है— संविधान
● लोकसभा/विधानसभा में किसी चुनावी प्रत्याशी की जमानत राशि कब जब्त कर ली जाती है— मतदान का 1/6 भाग मतदान प्राप्त नहीं करने पर
● निर्वाचन आयोग की नियुक्ति कितने वर्ष के लिए की जाती है— 5 वर्ष के लिए
● मुख्य निर्वाचन आयुक्त को उसके पद से कैसे हटाया जा सकता है— महाभियोग द्वारा
● विधान परिषद् के चुनावों का संचालन कौन करता है— निर्वाचन आयोग
● दिनेश गोस्वामी समिति किस से संबंधित है— निर्वाचन आयोग से
● चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता कौन तैयार करता है— निर्वाचन आयोग
● इंद्रजीत समिति का मुख्य उद्देश्य क्या था— चुनाव खर्च हेतु सार्वजनिक कोष व्यवस्था
Yar itna sabra kara hai thoda sa aur kar li jaldi na karo kabhu jaldi jaldi ke chakkar me ye phir farmo me galti feeding karenge
ReplyDeleteआज मेरी 4th class में पड़ने वाली भतीजी ने एक बात कही जिसे हमारा समाज अभी तक नहीं समझ पाया ,,चूँकि जीतने के बाद उसकी बहुत सी ख्वाईशें पूरी होने वाली हैं इसलिए कोर्ट में होने वाली हर सुनवाई के बारे में पूछ्ताछ करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझती है,,,,आज नॉन टेट वाले केस की सारी जानकारी लेने के बाद उसने कहा " जो लोग टेट में फेल हो गये हैं या जिनके कम नंबर आये हैं उसमें उनकी कोई गलती नहीं है,,,उनके टीचरों की गलती है,,जब उन्होंने ठीक से पढ़ाया ही नहीं तो वो लोग नक़ल तो करेंगे ही,,,और अब अगर उनको भी टीचर बना दिया गया तो जिनको वो पढायेंगे वो भी नक़ल करके ही पास होने,,,,,
ReplyDeleteइतनी छोटी सी बात एक बच्ची समझ रही है और मुख्यमंत्री की समझ में नहीं आ रहा है,,,,,,मैं तो कहता हूँ कि अगर अखिलेश यादव को अगर गुणांक वालों की योग्यता पर इतना ही यकीन है तो अपने बच्चों को पढाने के लिए टेट में 83 नम्बर और गुणांक 70 वाले को नियुक्त करने की सार्वजनिक रूप से घोषणा कर दें,,,,मैं वादा करता हूँ कि उसी सभा में अपनी टेट की मार्कशीट में आग लगा दूंगा
17 aprol 2013
मित्रो कुछ लोग कह रहे है कि इस भर्ती में बीच का रास्ता निकाला जायेगा। मेरा उनसे यह तर्क है कि यह कोई मन्दिर या मस्जिद का झगडा नहीं है। जो बीच का रास्ता निकाला जायेगा। यहॉ बात सही और गलत की है। और सभी लोग जानते है कि सही क्या है ? और गलत क्या है ? अपनी ऑखे बन्द कर लेने से सत्य को झुठलाया नहीं जा सकता। एक बात और भर्ती सिर्फ ओल्ड एड से ही पूरी हो सकती है। क्योंकि ओल्ड एड बहाल होने से जितने भी विवाद है वह स्वतः समाप्त हो जायेगे और अगर भर्ती ओल्ड एड से नहीं होती है तो फिर आप लोग इस भर्ती से ध्यान हटा ले तो ज्याधा बेहतर होगा।
ReplyDeleteThursday, May 23, 2013 12:58:00 AM
किस बात पर गर्व करे.....??
ReplyDeleteलाखों करोड़ के घोटालों पर...?
85 करोड़ भूखे गरीबों पर...?
62 प्रतिशत कुपोषित इंसानों पर...?
या क़र्ज़ से मरते किसानों पर...?
किस बात पर गर्व करे.....??
जवानों की सर कटी लाशों पर...?
सरकार में बैठे अय्याशों पर....?
स्विस बैंकों के राज़ पर...?
प्रदर्शनकारियों -पर होते लाठीचार्ज पर...?
किस बात पर गर्व करे......??
राज करते कुछ परिवारों पर....?
उनकी लम्बी इम्पोर्टेड कारों पर....?
रोज़ हो रहे बलात्कारों पर...?
या भारत विरोधी नारों पर...?
किस बात पर गर्व करे......??
महंगे होते आहार पर....?
अन्याय की हाहाकार पर....?
बढ़ रहे नक्सलवाद पर....?
या देश तोड़ते आतंकवाद पर....?
किस बात पर गर्व करे.......??
जवानों की खाली बंदूकों पर....?
सुरक्षा पर होती चूकों पर....?
पेंशन पर मिलते धक्कों पर.....?
या IPL के चौकों-छक्कों पर....?
किस बात पर गर्व करे......??
किसानों से छिनती ज़मीनों पर....?
युवाओं की खिसकती जीनों पर....?
संस्कृति पर होते रेलों पर.....?
या क्रिकेट-कॉमनवेल -थ खेलों पर....?
किस बात पर गर्व करे......??
साढ़े 900 के सिलेंडर पर...?
दुश्मन के आगे होते सरेंडर पर....?
इस झूठी शान पर....?
या'इंडियन'होने की पहचान पर....?
किस बात पर गर्व करे.....??
किस बात पर गर्व करे.....?
"कोई टोपी तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है
ReplyDeleteमिले गर भाव अच्छा जज भी कुर्सी बेच देता है
तवाइफ फिर भी अच्छी है के वो सीमित है कोठे तक
पुलिस वाला तो चौराहे पे वर्दी बेच देता है
जला दी जाती है ससुराल मेँ अक्सर वही बेटी
के जिस बेटी की ख़ातिर बाप किडनी बेच देता है
कोई मासूम लड़की प्यार मेँ कुर्बान है जिस पर
बनाकर वीडियो उसकी वो प्रेमी बेच देता है
ये कलयुग है कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीँ इसमेँ
कली,फल,पेड़,पौधे, फूल माली बेच देता है
उसे इंसान क्या हैवान कहने मेँ भी शर्म आए
जो पैसोँ के लिए अपनी ही बेटी बेच देता है
जुए मेँ बिक गया हूँ मैँ तो हैरत क्योँ है लोगोँ को
युधिष्ठर तो जुए मेँ अपनी पत्नी बेच देता है"....
टंडन ने न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठ कर न
ReplyDeleteतो हमारे साथ न्याय किया और न ही अर्ध
न्याय किया वरन हमारे साथ सरासर अन्याय
किया..मैं तो टंडन को सुनने केवल एक बार
गया था और उनकी बॉडी लेंग्वेज ने ही उनके
भीतर की समस्त कटुता को उजागर कर
दिया था..जितनी आसानी से उन्होंने दो दिन बाद
का समय दिया (यह जानते हुए भी की यह
मुद्दा हजारों परिवार के लाखों लोगों से सीधे
सीधे जुड़ा हुआ है) वह उनकी न्यायिक
अक्षमता को ही प्रदर्शित करता है..इस मुद्दे
को लटकाने में जितनी तारीखे उन्होंने
दी..क्या किसी अन्य जज ने भी दी हैं..यह
मुद्दा इतना उलझा हुआ नहीं है जितना की इसे
जानबूझ कर उलझाया जा रहा है ..सरकार चाहे
तो अभी भी संशोधन करके हमारे पक्ष में हमारे
मामले की सारी गति ही बदल सकती है..किन्तु
ऐसा करना उनके लिए इसलिए संभव
नहीं होगा क्योंकि वे मामले को अपने राजनैतिक
उद्देश्यों के लिए लटकाना चाहते हैं..टंडन ने हमारे
पक्ष में किया क्या? और यदि वे नए विज्ञापन
को निरस्त कर पुराने विज्ञापन को बहाल कर
देते तो हम संकट में कैसे पड जाते? यह
मामला सुप्रीमकोर्ट न पहुंचा होता तो अब तक
७२८२५ पद भर चुके होते और वह भी अकादमिक
आधार पड..ऐसी कौन सी विधिक, संवैधानिक
अथवा नैतिक बाधा थी जो टंडन के हाँथ पकडे हुए
थी? राजनैतिक बाधा तो थी और यह हमारे
प्रदर्शनों में अपने बीच भी रही है..जो लोग हमारे
प्रदर्शनों में यह नारा लगाते थे की अखिलेश
हमारा भाई है..उससे नहीं लड़ाई है..वे किस
प्रकार सरकार से लड़ सकते हैं?..टंडन
को पदलिप्सा है और इसीलिए हमारे पक्ष में
तमाम विधिक उपबंधों के बावजूद हमें
ठेंगा दिखा दिया गया...एक
हमारा ही मामला नहीं ऐसे अनेक मामले हैं
जहाँ लोगों ने मात्र अनुरोध भर किया और
न्यायपालिका,कार
्यपालिका तथा व्यवस्थापिका हर जगह
उनकी बात सुनी गयी..मैं तो आश्चर्यचकित हूँ
की जब फंसी का फंदा हमारे गले में पड़ने
ही वाला था तो लोग फीस, आयु, महिला पुरुष
आरक्षण न जाने क्या क्या लेकर बैठ गएँ..मैंने
न्याय के मंदिर में न्याय की हत्या होते हुए
देखा है
हम जिन राहोँ पे निकले हैँ
ReplyDeleteकुछ लोग तूफां बनके खड़े हैँ
लेकिन इस बार हमने भी ठानी हैँ
अब खुद का रुख न छोड़ेँगे
अब तूफानोँ का रुख न मोड़ेँगे
बस अब इसे रौँदते हुए
मंजिल की ओर बढ़ते जायेँगे॥
कुछ कड़वी मगर सच बातें ।।
ReplyDeleteधन की देवी लक्ष्मी की पुजा सिर्फ हमारे देश मे कि जाते है,
फिर भी देश की 75% जनता गरीबी और भुखमरी से लड रही है।।
शिक्षा की देवी सरस्वती की पुजा भी सिर्फ हमारे हि देश मे कि जाती है ।।
फिर भी हमारे देश की गिनती सबसे अनपड़ देशो मे होती है ।।
अन्न उत्पादन करने कि देवी मा अन्नपुर्णा की पुजा भी सिर्फ हमारे देश मे होते है ।।
फिर भी हमारे देश के हजारो गरीब किसान हर साल अत्महत्या कर लेते है ।।
बरीश के देवता इन्द्र की पुजा भी सिर्फ हमारे हि देश मे होती है।।
फिर भी कभी सुखा तो कभी बाड़ आ जाती है ।।
औरत को हमारे यहा देवी का दर्जा दिया जाता है ।।
फिर भी दहेज के लिये हर साल हजारो औरतो को जिन्दा जला दिया जाता है ।।
अतीथी देवो भवः अतीथी को भगवान माना जाता है ।।
फिर भी अक्सर विदेश से आये अतीथीयो की हत्या या बलात्कार होना हमारे यहा आम बात है ।।
सेक्स के भगवान काम देवता भी हमारे हि देश मे है,
तो क्या इसी लिये हमारे देशवासी इतने हवश के पूजारी है ??
नटखट श्री क्रष्ण की पूजा भी हमारे हि यहा होती है,
तो क्या इसी लिये सबसे ज्यादा लड़कियो से छेड़छाड़ और ............
मुन्नी नहाने गई कपड़े ही उतारे थे
ReplyDeleteकि किसी ने दरवाजाखटखटाया।
मुन्नी: कौन?
जवाब आया,"डाकिया।"
मुन्नी ने कपड़े पहनकर लेटर लियाऔर
फिर नहाने चली गई।
कुछ देर बाद फिर से दरवाजा खटखटाने
की आवाज़ आयी।
मुन्नी: कौन?
जवाब आया,"धोबी।"
मुन्नी ने कपड़े पहनकर धोबी से हिसाब
किया और फिर नहानेगई तो कुछ देर बाद
दरवाजा फिर से खडका।
मुन्नी: कौन?
जवाब आया,"समीर, पड़ोसन
का बेटा जो अंधा है।"
मुन्नी ने सोचा वोतो अंधा है
तो क्या फर्क पड़ता अगर कपड़े
नहीं भी पहने तो, ऐसे ही चली जाती हूँ।
मुन्नी ने दरवाजा खोला तो समीर ने उसे
मिठाई दी।
मुन्नी बोली,"ये किस ख़ुशी में?"
समीर: मेरी आँखें ठीक हो गई हैं।
अब पता चला मुन्नीकैसे बदनाम हुई।
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dubaara mat puchhna
संविधान ने ऐसा इतिहास लिखा है जिसे हम आने वाली पीढ़ी को सुनाया करेँगे
ReplyDeleteएक बार हम अपना विज्ञापन बहाल करवा लें उसके बाद आने वाले सभी विज्ञापनों की स्क्रीनिंग संविधान पीठ के आदेश के प्रकाश में करवाएंगे ,,,,,, एकैडमिक से अब ठेंगा होगी नियुक्ति ,,,,, रही बात वेटेज की तो जूनियर की भर्ती में वेटेज के लिए टेट प्राप्तांकों को नहीं एकैडमिक को वेटेज की मांग करनी होगी,,,, मेरे ख्याल से दस प्रतिशत एकैडमिक को भी वेटेज दिए जाने में कोई बुराई नहीं है
ReplyDeleteAbe chutia crack
Deleteवैसे भी अब उत्साहवर्धन की जरूरत टेट मेरिट वालों की अपेक्षा एकैडमिक वालों को अधिक है ,,मेरी इस मामले में भूमिका सिर्फ इतनी ही थी कि आप हार ना मानें ,, जब तक जीत ना जाएँ ,,,,, असली संघर्ष इलाहाबाद के हमारे साथी लड़ रहे थे और वही इस लड़ायी को अंतिम मुकाम तक ले जायेंगे,,यदि अभी भी किसी टेट मेरिट चाहने वाले को पराजय क अंदेशा हो तो उसे भगवान भी नहीं समझा सकता ,,,
ReplyDeleteन्यायमूर्ती भूषण द्वारा डबल बेंच में नॉन टेट वालों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल किये जाने वाले आदेश की मंशा अब कुछ -कुछ समझ में आ रही है ,,,,, शायद वो कहना चाहते थे कि अगर टेट के प्राप्तांकों की शिक्षकों के चयन में कोई भूमिका मात्र टेट में 60/55 प्रतिशत नंबर लाने तक ही सीमित रहनी है तो फिर टेट का कोई औचित्य ही नहीं है ,,,,,,
ReplyDeleteटेट मेरिट से भर्ती होने के बाद सब समझ मेँ आ जायेगा धैर्य बनाये रखेँ !
ReplyDeleteकोई जानता हो या ना जानता हो लेकिन भूषण साहब अवश्य जानते रहे होंगे कि उनके उस आदेश का परिणाम या तो सर्वोच्च न्यायालय में सरकार द्वारा अपील किया जाना होगा या फिर उच्च न्यायालय में संविधान पीठ का गठन,,, सरकार ने उस आदेश के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की गलती की है इसीलिये आज टेट मेरिट से भर्ती किये जाने की अनिवार्यता भारत का क़ानून बन चुकी है
ReplyDeleteयद्यपि कानूनी रूप से हमारे मामले में पूर्व विज्ञापन या उसकी शर्तों की बहाली के लिए यह आदेश मात्र एक औपचारिकता ही है लेकिन भविष्य में इसके दूरगामी परिणाम होंगे
ReplyDelete,इस आदेश में टेट मेरिट से चयन का परोक्ष रूप से किया गया समर्थन संविधान पीठ द्वारा व्यक्त किया मत है और जब भी इस बारे में उच्च न्यायालय में कोई मुकदमा आएगा तब कोई भी जज इस मत की अनदेखी करके अपने आपको शर्मसार करना पसंद नहीं करेगा
ReplyDeleteचयन प्रक्रिया निर्धारित करने के सरकार के अधिकारों का गुणवत्तापरक शिक्षा प्राप्त करने के बच्चों के मूल अधिकारों के साथ टकराव होने की स्थिति में बच्चे ही जीततें है
ReplyDeleteएक बात पक्की है इस भर्ती में मूर्खो का चयन नहीं होगा |
ReplyDeleteabhi tk to sabhi log moorkh hi dikh rahe ho.aage bhagvan malik hai.
Deleteकुछ बातों पर आपसी संबंधों का ख्याल रखते हुए मैं मुझे अब मौन रहना ही उचित प्रतीत होता हूँ ,,,, मानसून और मौसम का धैर्य के साथ इन्तजार कीजिए ,,,,,,
ReplyDeleteइक दिन ऐसा भी आएगा होंठ-होंठ पैमाने होंगे
ReplyDeleteमंदिर-मस्जिद कुछ नहीं होंगे घर-घर में मयख़ाने होंगे
जीवन के इतिहास में ऐसी एक किताब लिखी जाएगी
जिसमें हक़ीक़त औरत होगी मर्द सभी अफ़्साने होंगे
राजनीति व्यवसाय बनेगी संविधान एक नाविल होगा
चोर उचक्के सब कुर्सी पर बैठ के मूँछें ताने होंगे
एक ही मुंसिफ़ इंटरनैट पर दुनिया भर का न्याय करेगा
बहस मोबाइल ख़ुद कर लेगा अधिवक्ता बेग़ाने होंगे
ऐसी दवाएँ चल जाएँगी भूख प्यास सब ग़ायब होगी
नये-नवेले बूढे़ होंगे,बच्चे सभी पुराने होंगे
लोकतंन्त्र का तंत्र न पूछो प्रतियाशी कम्प्यूटर होंगे
और हुकूमत की कुर्सी पर क़ाबिज़ चंद घराने होंगे
गाँव-खेत में शहर दुकाँ में सभी मशीनें नौकर होंगी
बिन मुर्ग़ी के अन्डे होंगे बिन फ़सलों के दाने होंगे
छोटॆ-छोटॆ से कमरों में मानव सभी सिमट जाएँगे
दीवारें ख़ुद फ़िल्में होंगी,दरवाज़े ख़ुद गाने होंगे
आँख झपकते ही हर इंसा नील-गगन से लौट आएगा
इक-इक पल में सदियाँ होंगी,दिन में कई ज़माने होंगे
अफ़्सर सब मनमौजी होंगे,दफ़्तर में सन्नाटा होगा
जाली डिग्री सब कुछ होगी कालेज महज़ बहाने होंगे
बिन पैसे के कुछ नहीं होगा नीचे से ऊपर तक यारो
डालर ही क़िस्मत लिक्खेंगे रिश्वत के नज़राने होंगे
मैच किर्किट का जब भी होगा काम-काज सब ठप्प रहेंगे
शेयर में घरबार बिकेंगे मलिकुल-मौत सरहाने होंगे
होटल-होटल जुआ चलेगा अविलाओं के चीर खिचेंगे
फ़ोम-वोम के सिक्के होंगे डिबियों बीच ख़ज़ाने होंगे
शायर अपनी नज़्में लेकर मंचों पर आकर धमकेंगे
सुनने वाले मदऊ होंगे संचालक बेमाने होंगे
बेकल इसको लिख लो तुम भी महिला-पुरुष में फ़र्क न होगा
रिश्ता-विश्ता कुछ नहीं होगा संबंधी अंजाने होंगे.
जिन्हे खुद पर भरोसा नही उनके पास डरने और डराने के अलावा दूसरा विकल्प न कल था और न आज है । और जिन्हे खुद पर भरोसा है अपनी सत्यता ईमानदारी और भारतीय संहिता पर भरोसा है वह न तो पहले कभी डरे थे और न आज डरने की आवश्यकता है । डाल पर बैठा पंछी डाल पर नही खुद के पंखों की ताकत पर भरोसा करता है डाल के हिलने पर विलाप नही करता । इसलिए हमे तो अपने विधि सम्मत होने पर जो भरोसा कल था वही आज है । जिसको टेट मैरिट और पुराने विज्ञापन के विधि सम्मत होने का भरोसा नही है वह डरने के अलावा और कर भी क्या सकता है ?
ReplyDeleteमेरे शहर के एक बड़े नेता जी ने मेरे कंधे पे हाथ मारते हुए कहा :-
ReplyDelete" सुना है बहुत कुछ लिखते हो , शाबाश लगे रहो ..! "
मैंने शर्माते हुए कहा :-
चाचा सुना ही होगा आपने ...,
क्यूंकि अगर पढ़े होते तो
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पैर ही पकड़ लेते
gud nit
ReplyDelete5 AUG. KO LUCKNOW PAHUNCHE.
ReplyDeleteZrur dosto hum bi lucknow phunchenge
ReplyDeleteAbki bar is sarkar ko hila ke hi dum lenge
Prdesh adhyksh ganesh sir ko SINGHAM ka prdam.
ReplyDeleteDear sir plz bidhan sabha se achha sansad h gaur kre plz.
Chhoti muh badi bat pr ye kameene h.aur UP ki durdasa dekhane k bad bhi aap bidhan sabha gherenge to smbhavth apna hi nuksan hoga.
vaise sir jm sb me aap jyada smjhdar h.aur hm sb aap k faisle ko ntmstk karte h.
After your gn.bade bhai TMNTBBN when your start gm plz read it.
ReplyDeleteApne bhaiyo ka gr hit chahte h to q n ek bar sansd ka darwaja khat khtaya jay q ki siksha k nam pr modi sahab bhi khoob bolte the.aur chunav k beech modi sir k ej interwive ki kuchh pankitiya.
"Gr hame kuchh krna h to hm direct karenge kisise prmisan ka intjar nahi krenge.aur n koi varta.ye bat thi AMERICA dwra lladen ko marne ki jiske trj pr DAUD ko Bhart lana h ya pak me marwana h"
To q n hm uhi se kuchh kahe.q ki ye sale to hme nahi lagta ki kuchh sunege.
APKA ANUJ SINGHAM.
GN BADE BHAI
Singham bhai aapkay thought achhay hain par jab tak in MATHAR JAATON Ko jutay nahi padangay tab tak kuch nahi hoga.
ReplyDeletesingham bhai aur TMNTBBN bhai aap logon say kabhi dharnay main mulakaat bhi nahi hui.main DC PANDEY working in jaipur as pgt maths.
ReplyDeleteSathio 5 august ko hme kisi b keemat pe dhrna krna hi hai nd aisa kuch k ye gobrmnt khadi na rah ske....jai tet
ReplyDelete