हाल ही उत्तराखण्ड की नैनी ताल हाई कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को टी ई टी से छूट देने वाला शासनादेश रद्द कर दिया और अब उसके बाद यह नयी
खबर खबर शिक्षा मित्रों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है :-
News Sabhaar : Hindustan Epaper (29.07.2014)
बताते चलें कि बी टी सी धारियों को भी टी ई टी से राहत नहीं है , इलाहाबाद हाई कोर्ट की तीन जजों की बेंच ( ट्रिपल बेंच जो की सिर्फ टी ई टी से छूट के सम्बन्ध में गठित हुई थी ) ने अपने निर्णय में आर टी आई एक्ट लागु होने के बाद किसी को भी टी ई टी से छूट देने से इंकार किया था ।
क्या है टी ई टी परीक्षा : शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु एन सी टी ई ने शिक्षक बनने के लिए टी ई टी परीक्षा पास करना आवश्यक कर दिया है
कुछ नहीं कर सकती है ये केन्द्र सरकार,भाजपा को खुब पता है कि उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार सरकार के साथ मिलकर कर primary schools में कया कारनामे कराये हैं। जहां अब तक 20000 से ऊपर नकली मास्टर ,डिग्री,पकड़ी जा चुकी हैं।सब जानते हैं कि इन primary school में कौन पडने जाता है। ये सरकारें कभी नहीं चाहती कि शिक्षा का मजबूत हथियार इन दलित लोगों के हाथों में आ जाये।हमारे नयाय के आका यानि सुप्रीम कोर्ट कई बार गुणात्मक शिक्षा की वकालत कर चुके हैं लेकिन जब इन गरीबों की शिक्षा की गुणवत्ता की गारंटी की बात आती है तो औकली में मुहँ छिप लिया जाता है।
ReplyDeleteThis breaking news is only news it can not break the wrong thing happened in HC Allahabad and UP state.
ReplyDeleteDattu Don,नामक दोस्त,ये 23 जून 2014 को H R D की तरफ से भेजा गया R T I का जबाव,BREAKING news नहीं है,२३ जून को breaking news थी ये खबर। आज कया पालन किया गया इस बात का,नहीं हुआ,कयो नहीं हुआ पालन,सब जानते हैं कि क्यों नहीं हुआ tet की अनिवार्यता का पालन,पोल पट्टी खुल जायेगी गली के लफनडरो की ,सब येही चाहते है गरीबों को ये 59 साल के लफनडर ही पढ़ाये।
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