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ज्ञानपुर (भदोही) : मन में हिलोरे लेती खुशी व धड़कते दिलों के बीच जब उम्मीदों को पंख लगे तो एक बार शिक्षामित्रों की आंखें सजल हो उठीं। शिक्षामित्र से शिक्षक बनने का हाथ आया प्रमाण पत्र तो मानों सारे जहां की खुशी मिल गई हो। अह्लंादित शिक्षामित्रों ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। एक दूसरे को बधाई देने का शुरू हुआ सिलसिला काफी देर तक चलता रहा।
लंबे अरसे से शिक्षक बनने का सपना देख रहे प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों का सपना गुरुवार को आखिरकार परवान चढ़ गया। प्रथम चरण में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके कुल 363 व बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी प्राप्त 12 कुल 375 शिक्षामित्रों को शिक्षक के रूप में समायोजित करते हुए नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने नियुक्ति आदेश जारी करते हुए विद्यालय आवंटित कर दिया। उधर, गुरुवार को नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शिक्षामित्र सुबह से ही बीएसए कार्यालय पर जुटने शुरू हो गए। पूर्वाह्न बाद तक शिक्षामित्रों सहित उनके परिवारजनों व मित्रों की भारी भीड़ जमा हो गई। इससे कार्यालय परिसर में पूरे दिन गहमा गहमी बनी रही।
पूजन-अर्चन कर जताया आभार
ज्ञानपुर (भदोही) : शिक्षक के रूप में समायोजित होने के साथ गुरुवार को शिक्षामित्र शिक्षक कल्याण समिति के बैनर तले हरिहरनाथ मंदिर परिसर में जुटे शिक्षामित्रों ने दर्शन-पूजन किया।
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रश्मिकांत द्विवेदी व प्रदेश मंत्री अरशद अंसारी ने कहा कि शिक्षक के रूप में समायोजित होना शिक्षामित्रों की वर्षो की मेहनत, निष्ठा व ईमानदारी का परिणाम है। शिक्षामित्रों ने सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व बेसिक शिक्षामंत्री का आभार जताया।
इस मौके पर सुबाष तिवारी, राजेश मौर्य, रेणुका गुप्ता, लक्ष्मी शुक्ला, बीना, सोनाली, राजेश मौर्य, सुशील कुमार, संजय पांडेय, प्रदीप उपाध्याय, क्रांतिमान शुक्ल, देवीशंकर सिंह, रामदास व अन्य थे।
इसी तरह प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष श्यामजी दुबे, महामंत्री विनोद कुमार यादव सहित शिवकुमार पांडेय व अन्य शिक्षामित्रों ने खुशी का इजहार किया। कहा कि शिक्षामित्रों को उनकी मेहनत का फल मिला है।
बड़ी कठिन थी यहां तक की डगर
यूं तो शिक्षा मित्रों की खुशी देखते ही बनती थी लेकिन यहां तक पहुंचने में उन्हें किन-किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा यह वही जानते थे। कहते हैं जो चीज जितने मेहनत से मिले उसकी खुशी उतनी अधिक होती है। यही तो हुआ। अच्छी बात यह रही कि भावनाओं पर काबू रख वह हरिहरनाथ पर पूजन-अर्चन को प्राथमिकता दिए। संकल्प लिया कि इस पद से न्याय करने की ईश्वर शक्ति प्रदान करें। बाद में उन सभी का आभार जताना नहीं भूले जिन्होंने संकट के दौर में उनके हौंसले को बरकरार रखने का संबल प्रदान किया। उधर, शिक्षा मित्रों के घर पर भी खुशी का आलम रहा
News Sabhaar : Jagran (Publish Date:Thursday,Jul 31,2014 08:00:04 PM | Updated Date:Thursday,Jul 31,2014 08:00:08 PM)
58 हजार गली के लफनडरो का सपना साकार हो गया।लेकिन 58 लाख गरीबों के बच्चों का सपना अनधकार में चला गया ।ये लफनडर कया कर सकते हैं। साले कुछ नहीं कर सकते हैं।
ReplyDeleteBaal beta m c
ReplyDeleteShikha shatruon new jab samvida par kaam karne ke liye apply kiya that tab application form par likh kar diya that ki main kabhi parmament hone ka dava nahi karoonga.yadi karron to merit samvida samapt Karl dee jay.with signature.
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