अभ्यर्थीयों की पहली पसंद बड़े शहर - कानपूर , बनारस , आगरा , लखनऊ , इलाहबाद , मेरठ , बरेली , मुरादाबाद , गाज़ियाबाद , नॉएडा की
काट-ऑफ़ देखकर होश उड़े
सभी जिलों में लगभग 70 से ज्यादा कट ऑफ़ रही ।
कुछ अभ्यर्थियों की पहली पसंद उनका ग्रह जिला (होम डिस्ट्रिक्ट भी ) है पर मेरिट वहां भी सामान्यता 70 से ऊपर ही गयी है ।
आसार हैं की दुसरी काउंसलिंग में काफी सीट्स भर जाएंगी ।
लेकिन तीसरी काउंसलिंग संभव नजर आ रही है और इसमें अनुमानत : १-२ मार्क्स से नीचे गिरने के आसार कम ही हैं ।
जिसको जहाँ मौका मिल रहा है वह उसे नहीं छोड़ रहा
अब परिषद के ‘पत्र’ से निकलेगा ‘रिजल्ट’ टीईटी 2011 के अंकपत्र की गुत्थी सुलझने के आसार माशिप ने एसपी कानपुर देहात व सीओ अकबरपुर को भेजा पत्र जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जिस समस्या का शासन लंबे मंथन के बाद भी समाधान खोज नहीं पाया था, वह काम महज एक ‘हुक्म’ ने आसान कर दिया है। न्यायालय के आदेश को आधार बनाकर माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद ने कानपुर देहात जनपद की पुलिस को खत लिखा है जिसमें टीईटी परिणाम 2011 की जब्त की गई सीडी की मांग की गई है। परिषद के ‘पत्र’ से ‘रिजल्ट’ की उम्मीद जग गई है। प्रदेश में पहली बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) वर्ष 2011 में हुई थी। परीक्षा कराने का जिम्मा माध्यमिक शिक्षा परिषद को सौंपा गया था। इसमें परिषद ने बाहरी एजेंसी की मदद ली थी। 2012 में परिषद ने प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर अंकपत्र भेज दिए थे जिनका वितरण वहीं से हुआ था। तमाम को अंक पत्र नहीं मिल पाया था जिन्हें मिला भी था उनमें से कई के अंक पत्र में तमाम त्रुटियां थीं। अंक पत्र नहीं मिलने सहित गलतियों के सुधार को परिषद मुख्यालय पर दस हजार से ऊपर आवेदन आए थे। टीईटी परीक्षा के बाद कानपुर देहात पुलिस को नंबर बढ़वाने आदि की धांधली के सबूत मिले थे, पुलिस ने कुछ गिरफ्तारी करने के बाद परिषद मुख्यालय से अंक पत्र की पूरी सीडी ही जब्त कर ली थी। लिहाजा परिषद के पास अभ्यर्थियों को देने के लिए कुछ नहीं था। अभ्यर्थियों के आवेदन रिसीव किए जाते रहे लेकिन उनमें सुधार व डुप्लीकेट कॉपी देने से साफ मना कर दिया गया। कई अभ्यर्थी इस मामले को लेकर कोर्ट भी गए। इधर, 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद शिकायतें तेज हुईं। शासन ने भी इस संबंध में अफसरों की बैठक बुलाई और अंक पत्र बांटने की संभावनाओं पर मंथन किया किंतु कोई समाधान नहीं निकला। इसी बीच महराज सिंह नामक अभ्यर्थी ने परिषद मुख्यालय पर आवेदन दिया कि उसके अंक पत्र में पिता के नाम की जगह उसका नाम लिख दिया गया है जिसे दुरुस्त किया जाए। परिषद के ना करने पर वह कोर्ट चला गया और न्यायालय ने संशोधन का आदेश दिया। परिषद ने उसको लिखकर दिया कि कोई रिकॉर्ड उपलब्ध न होने से त्रुटियों को ठीक नहीं किया जा सकता। न्यायालय की अवमानना को लेकर महराज सिंह फिर कोर्ट गए तो न्यायालय ने स्पष्ट किया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद का जवाब गंभीरतापूर्ण नहीं है। या तो वह अंक पत्र में संशोधन करे या फिर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद और कानपुर देहात के सीओ व्यक्तिगत रूप से 31 जुलाई को न्यायालय में हाजिर हों। न्यायालय के इस निर्देश से हड़कंप मच गया है। सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद शकुंतला देवी यादव ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक एवं क्षेत्रधिकारी कानपुर देहात अकबरपुर को पत्र भेजा है। इसमें लिखा है कि टीईटी 2011 के अंक पत्र की सीडी उन्हें उपलब्ध करा दी जाए, ताकि महराज सिंह व अन्य छात्रों के आवेदनों का जवाब दे दिया जाए या फिर तय तारीख में दोनों को न्यायालय में पक्ष रखना होगा। इस पत्रचार से दस हजार अभ्यर्थियों के चेहरों पर मुस्कान बिखरने की उम्मीद है, क्योंकि अब इसका कोई न कोई हल निकलने के आसार बढ़ गए हैं।
ReplyDeleteSab ke sab hamara pagal bana rahe hai
ReplyDeleteBjgvv
ReplyDeleteJunior bharti me dhandhali ki ashanka
ReplyDeleteFaizabad me kul seat-376
Kya first counselling me 351 seat bhar gayo thi jo science ki15 aur math ki 10 seat rikt dikhakar amar ujala me cuto
ff nikal di hai