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Wednesday, July 30, 2014

UP-TET 2011असली-नकली ‘सीडी’ में फंसी नौकरी अकबरपुर पुलिस ने एजेंसी को अभी नहीं दी अंकपत्रों की सीडी

UP-TET 2011असली-नकली ‘सीडी’ में फंसी नौकरी
अकबरपुर पुलिस ने एजेंसी को अभी नहीं दी अंकपत्रों की सीडी




 

 इलाहाबाद : अफसर असली-नकली सीडी का खेल खेल रहे हैं। ऐसे में टीईटी-2011 में शामिल अभ्यर्थियों की नौकरी पाने की उम्मीदें अभी परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। अंक पत्र का पेंच अब भी फंसा है। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद भी अकबरपुर पुलिस ने एजेंसी से जब्त की गई अंक पत्रों की सीडी सौंपी नहीं है। वहीं पर पूर्व सचिव ने माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय को जो सीडी सौंपी है उसे प्रामाणिक नहीं बताया जा रहा। इससे मामला सुलझने के बजाय निरंतर उलझता ही जा रहा है। दरअसल माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 करवाई थी। 1 परीक्षा के बाद छात्रों को अंक पत्र एवं प्रमाणपत्र मंडल स्तर पर शिक्षा विभाग के कार्यालयों से बांटे गए थे। तमाम अभ्यर्थियों को अंक पत्र व प्रमाणपत्र मिले तो कईयों को नहीं मिल पाए। जिन्हें मिले भी उनमें जन्मतिथि, पिता का नाम, अंक, पता आदि की तमाम गड़बड़ियां थीं। यही नहीं कई अभ्यर्थियों के अंकपत्र कहीं गिर गए थे। ऐसे में हजारों की तादात में अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय में गलतियां ठीक कराने व नए अंक पत्र पाने के लिए आवेदन कर रखा है लेकिन माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाथ में कुछ करने के लिए नहीं है, क्योंकि टीईटी परीक्षा में हुई धांधली पर कानपुर देहात यानी अकबरपुर पुलिस ने सारे अभिलेख सीज कर दिए थे और एजेंसी से अंक पत्र की सीडी लेकर जब्त कर दी थी। परिषद द्वारा नया अंक पत्र न देने से अभ्यर्थियों में गुस्सा रहा और कईयों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अंकपत्र में गड़बड़ी के हजारों मामले सामने आने पर शासन ने भी मौजूदा और पूर्व माध्यमिक शिक्षा सचिव को तलब करके बातचीत की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। बताते हैं कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2011 की तत्कालीन सचिव ने एक सीडी विभाग को सौंपी है लेकिन लिखकर दिया है कि यह प्रामाणिक नहीं है। 1 हाईकोर्ट ने एक अभ्यर्थी की अर्जी पर निर्णय दिया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद या तो उसे अंक पत्र मुहैया कराए अथवा सचिव परिषद और सीओ अकबरपुर पुलिस व्यक्तिगत रूप से 30 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होकर स्थिति स्पष्ट करें। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अकबरपुर पुलिस को पत्र भेजकर कोर्ट के निर्देश से अवगत कराया जिस पर गतिविधियां कुछ तेज हो गईं। पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि एजेंसी को वह जब्त सीडी उपलब्ध करा देगी लेकिन अभी तक यह कार्रवाई नहीं हुई है और हाईकोर्ट में हाजिर होने की तिथि निकट आ गई है। अब देखना है कि क्या होता है। स्थिति जो भी हो लेकिन जिनके अंक पत्र माध्यमिक शिक्षा परिषद में फंसे हैं उनकी नौकरी पर जरूर बन आई है



News Sabhaar : Jagran (30.7.14)

37 comments:

  1. Jis cd ke bute log kahte the ki ab ia bharti me koi dhandali nahi hogi ....
    Pata chala wo to nakli h......
    Ab kaise hoga asli or nakli ka satyapan. ....

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    1. Sunil bhai kahi koi nakli CD nahi hai yah akhbaar wale apni bikri badhane ke liye til ko taad bantey hai aur agar vaastav mein nakli CD hoti bhi to prashashan usko chhipaney ka prayaas karta na ki saamne lata kyo ki yah mamla suru se hi court mein raha hai aur is mukadame se smabandhith sabhi dastawej surakshit rakhney ki jimmedari prashashan ki thi ab agar usme koi chhedchhad hoti hai to court mein yah log khud hi fasenge. Yah naya shigoofa kewal hum logo ko pareshaan karne ke liye chhoda gaya hai. Baaki to aap samajhdaar hain hi.

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  2. आज विद्यालय में बहुत चहल पहल है । सब कुछ साफ - सुथरा , एक दम सलीके से ।सुना है निरीक्षण को कोई साहब आने वाले हैं । पूरा विद्यालय चकाचक ।
    नियत समय पर साहब विद्यालय पहुंचे । ठिगना कद , रौबदार चेहरा , और आँखें तो जैसे जीते जी पोस्टमार्टम कर दें ।
    पूरे परिसर के निरीक्षण के बाद उनहोंने कक्षाओं का रुख किया ।
    कक्षा पांच के एक विद्यार्थी को उठा कर पूछा , बताओ देश का प्रधान मंत्री कौन है ?
    बच्चा बोला -जी राम लाल ।
    साहब बोले -बेटा प्रधान मंत्री ?
    बच्चा - रामलाल ।
    अब साहब गुस्साए - अबे तुझे पांच में किसने पहुंचाया ? पता है मैं तेरा नाम काट सकता हूँ ।
    बच्चा - कैसे काटोगे ? मेरा तो नाम ही नहीं लिखा है । मैं तो बाहर बकरी चरा रहा था । इस मास्टर ने कहा कक्षा में बैठ जा दस रूपये मिलेंगे । तू तो ये बता रूपये तू देगा या मास्टर ?
    साहब भुनभुनाते हुवे मास्टर जी के पास गए , कडक आवाज में पूछा - क्या मजाक बना रखा है । फर्जी बच्चे बैठा रखे हैं । पता है मैं तुम्हे नौकरी से बर्खास्त कर सकता हूँ ।
     
    गुरूजी - कर दे भाई । मैं कौन सा यहाँ का मास्टर हूँ । मास्टर तो मेरा पड़ोसी दुकानदार है । वो दुकान का सामान लेने शहर गया है । कह रहा था एक खूसट साहब आएगा , झेल लेना ।
     
    अब तो साहब का गुस्सा सातवें आसमान पर । पैर पटकते हुए प्रधानाध्यापक के सामने जा पहुंचे । चिल्लाकर बोले , " क्या अंधेरगर्दी है , शरम नहीं आती । क्या इसी के लिए तुम्हारे स्कूल को सरकारी इमदाद मिलती है । 
    पता है ,मैं तुम्हारे स्कूल की मान्यता समाप्त कर सकता हूँ ।
    जवाब दो प्रिंसिपल साहब ।
     
    प्रिंसिपल ने दराज से एक सौ की गड्डी निकाल कर मेज पर रखी और बोला - मैं कौन सा प्रिंसिपल हूँ । प्रिंसिपल तो मेरे चाचा हैं । प्रॉपर्टी डीलिंग भी करते हैं । आज एक सौदे का बयाना लेने शहर गए हैं । कह रहे थे , एक कमबख्त निरीक्षण को आएगा , उसके मुंह पे ये गड्डी मारना और दफा करना ।
     
    साहब ने मुस्कराते हुए गड्डी जेब के हवाले की और बोले - आज बच गये तुम सब । अगर आज मामाजी को सड़क के ठेके के चक्कर में शहर ना जाना होता , और अपनी जगह वो मुझे ना भेजते तो तुम में से एक की भी नौकरी ना बचती

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  3. ...तो कला शिक्षक ही पढ़ाएंगे गणित-विज्ञान
    जिले के तमाम स्कूलों में नहीं विज्ञान टीचर
    अमर उजाला ब्यूरो
    बदायूं। परिषदीय स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा की बात की जाए तो यह कहना बेमानी होगा। एक तरफ जहां शिक्षकों की कमी के चलते जिले के स्कूलों की दुर्दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। वहीं गणित-विज्ञान का पाठ कला के शिक्षक पढ़ाने को मजबूर हैं।
    इसे शिक्षा विभाग की अव्यवस्थाओं का खामियाजा कहें या फिर बच्चों का नसीब की जिले में हुई दो बार गणित-विज्ञान की काउंसिलिंग के बाद भी तीन सौ से अधिक पद खाली रह गए। जूनियर स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने और साइंस अध्यापकों की कमी को पूरी करने के लिए कराई गई काउंसिलिंग में महज 498 के सापेक्ष 185 अभ्यर्थी ही शामिल होने आए। इससे साफ जाहिर है कि अगर यह पद नहीं भरे गए तो हर साल की तरह इस बार भी कला के शिक्षक ही गणित-विज्ञान पढ़ाएंगे। स्कूलों की अपेक्षा साइंस के शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। उदाहरण के तौर पर दातागंज तहसील की बात करें तो यहां करीब 297 प्राइमरी, जूनियर स्कूलों में करीब 50 शिक्षक ही विज्ञान वर्ग के है। कई स्कूलों में कला वर्ग के शिक्षक ही बच्चों को गणित, विज्ञान का ज्ञान बांट रहे हैं। समरेर ब्लॉक में ही करीब 109 प्राइमरी और 36 जूनियर स्कूल हैं। यहां करीब 190 शिक्षकों की तैनाती भी है। लेकिन करीब 47 शिक्षक ही विज्ञान वर्ग हैं। बाकी सभी कला या फिर अन्य वर्ग के हैं। वहीं दातागंज के 152 स्कूलों में करीब 12 शिक्षक ही विज्ञान के तैनात हैं।
    शासन ने मांगा रिक्त पदों का ब्यौराः
    जिले में दो बार काउंसिलिंग कराने के बाद भी खाली रह गए गणित-विज्ञान शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा शासन ने मांगा है। विभागीय लोगों की माने तो शासन स्तर पर शिक्षकों की कमी को लेकर विचार किया जा रहा है।
    प्रशिक्षु भर्ती लगा सकती है पारः
    विभागीय लोगों की माने तो अगर प्रशिक्षु भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी होती है तो काफी हद तक शिक्षा का स्तर सुधर सकता है।
    जिले में भर्ती प्रक्रिया चल रही है। यह अलग बात है कि काउंसिलिंग में उम्मीद के मुताबिक अभ्यर्थी नहीं पहुंच रहे हैं। स्थिति सुधरने की ओर है। सब ठीक रहा तो आशा है कि नई भर्ती के गणित-विज्ञान के टीचर्स भी जल्द स्कूलों में पहुंचेंगे।
    - कृपाशंकर वर्मा, बीएसए

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  4. ...तो कला शिक्षक ही पढ़ाएंगे गणित-विज्ञान
    जिले के तमाम स्कूलों में नहीं विज्ञान टीचर
    अमर उजाला ब्यूरो
    बदायूं। परिषदीय स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा की बात की जाए तो यह कहना बेमानी होगा। एक तरफ जहां शिक्षकों की कमी के चलते जिले के स्कूलों की दुर्दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। वहीं गणित-विज्ञान का पाठ कला के शिक्षक पढ़ाने को मजबूर हैं।
    इसे शिक्षा विभाग की अव्यवस्थाओं का खामियाजा कहें या फिर बच्चों का नसीब की जिले में हुई दो बार गणित-विज्ञान की काउंसिलिंग के बाद भी तीन सौ से अधिक पद खाली रह गए। जूनियर स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने और साइंस अध्यापकों की कमी को पूरी करने के लिए कराई गई काउंसिलिंग में महज 498 के सापेक्ष 185 अभ्यर्थी ही शामिल होने आए। इससे साफ जाहिर है कि अगर यह पद नहीं भरे गए तो हर साल की तरह इस बार भी कला के शिक्षक ही गणित-विज्ञान पढ़ाएंगे। स्कूलों की अपेक्षा साइंस के शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। उदाहरण के तौर पर दातागंज तहसील की बात करें तो यहां करीब 297 प्राइमरी, जूनियर स्कूलों में करीब 50 शिक्षक ही विज्ञान वर्ग के है। कई स्कूलों में कला वर्ग के शिक्षक ही बच्चों को गणित, विज्ञान का ज्ञान बांट रहे हैं। समरेर ब्लॉक में ही करीब 109 प्राइमरी और 36 जूनियर स्कूल हैं। यहां करीब 190 शिक्षकों की तैनाती भी है। लेकिन करीब 47 शिक्षक ही विज्ञान वर्ग हैं। बाकी सभी कला या फिर अन्य वर्ग के हैं। वहीं दातागंज के 152 स्कूलों में करीब 12 शिक्षक ही विज्ञान के तैनात हैं।
    शासन ने मांगा रिक्त पदों का ब्यौराः
    जिले में दो बार काउंसिलिंग कराने के बाद भी खाली रह गए गणित-विज्ञान शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा शासन ने मांगा है। विभागीय लोगों की माने तो शासन स्तर पर शिक्षकों की कमी को लेकर विचार किया जा रहा है।
    प्रशिक्षु भर्ती लगा सकती है पारः
    विभागीय लोगों की माने तो अगर प्रशिक्षु भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी होती है तो काफी हद तक शिक्षा का स्तर सुधर सकता है।
    जिले में भर्ती प्रक्रिया चल रही है। यह अलग बात है कि काउंसिलिंग में उम्मीद के मुताबिक अभ्यर्थी नहीं पहुंच रहे हैं। स्थिति सुधरने की ओर है। सब ठीक रहा तो आशा है कि नई भर्ती के गणित-विज्ञान के टीचर्स भी जल्द स्कूलों में पहुंचेंगे।
    - कृपाशंकर वर्मा, बीएसए

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  5. शिक्षामित्रों के हक में फैसले की उम्मीद:अनिल
    देवरिया। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ की बैठक मंगलवार को हुई। प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों को उम्मीद है कि 31 जुलाई को आने वाला कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आएगा और टीईटी पास नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र के मुताबिक शिक्षामित्रों को उनका हक दिया है। देवरिया डीएम ने शिक्षामित्रों की नियुक्ति पत्र को अनुमोेदित कर दिया है। 31 जुलाई को विभाग वितरित करेगा। बैठक में प्रदेश मंत्री विद्या निवास यादव, पथरदेवा ब्लॉक अध्यक्ष रमेश यादव, कौशल किशोर, विशुनदेव प्रसाद, कमलेश यादव, सत्यप्रकाश मिश्र आदि मौजूद रहे।

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  6. सिपाही भर्ती की कटआफ पर रोष
    अमर उजाला ब्यूरो
    मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से जारी आरक्षी एवं समकक्ष पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा के परिणामों ने हजारों अभ्यर्थियों को निराश कर दिया। प्रश्न पुस्तिका और पूर्व के अनुदेशों में 35 फीसदी अंकों पर पास होने की बात लिखी गई थी। लेकिन मेरिट में 47 फीसदी से नीचे किसी भी अभ्यर्थी का नाम शामिल नहीं किया गया है।
    आरक्षी एवं समकक्ष पदों पर सीधी भर्ती 2013 के परिणाम सोमवार को जारी हुए हैं। लेकिन इसमें 140 अंक से कम पाने किसी भी परीक्षार्थी का नाम शामिल नहीं है।
    मंगलवार को कई युवक युवतियों ने इस संबंध में शासन को पत्र भेजकर संशोधित सूची जारी करने की मांग की। सिविल लाइंस में रहने वाली सोनू सिंह ने बताया कि उनके 114 अंक हैं। अनुदेश पुस्तिका पर 35 फीसदी अंकों पर सफल माने जाने की बात लिखी थी। लेकिन उनका नाम कटआफ में शामिल नहीं है। बता दें कि परीक्षा 300 अंकों की थी और उसमें 160 प्रश्न थे।
    इसी तरह ज्योति, सुनयना, कुशपाल, अमित, रचना, गुलशन आदि अभ्यर्थियों ने भी परीक्षा में 35 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किए। लेकिन उनका नाम सूची में शामिल नहीं है। इन अभ्यर्थियों ने सुनवाई न होने पर कोर्ट जाने का मन बनाया है।
    बुकलेट में लिखी 35 फीसदी अंक पर पास होने की बात
    कटआफ में 47 फीसदी और उनसे ज्यादा वालों के नाम

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  7. JAB IN MADARCHOD LOGON KO ASLI AUR NAKLI NAHI MALUM THA TOH FIR PEHLE KI BHATIYAN KAISE KAR LI,SALE MADARCHOD KAHIN KE.

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  8. SHUKLA JI MAI MANTA HU KI YE GALAT HO RAHA HAI PER GALI KA USE MAT KARO.

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  9. Ab to ye bharti bus ek majak bnkr rha gyi h.......
    Up mein usi ka kaam hota h jis k pass paisa h....

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  10. Dard dilo k kam ho jate.
    Agar hum sab bharti ho jate...
    Sali kutti s.......p.......a

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  11. Jab buddhi AKHILESH ho jati hai,,,







    To jindagi UTTAR PRADESH ho jati hai....

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  12. उजाला ब्यूरो
    बदायूं। परिषदीय स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा की बात की जाए तो यह कहना बेमानी होगा। एक तरफ जहां शिक्षकों की कमी के चलते जिले के स्कूलों की दुर्दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। वहीं गणित-विज्ञान का पाठ कला के शिक्षक पढ़ाने को मजबूर हैं।
    इसे शिक्षा विभाग की अव्यवस्थाओं का खामियाजा कहें या फिर बच्चों का नसीब की जिले में हुई दो बार गणित-विज्ञान की काउंसिलिंग के बाद भी तीन सौ से अधिक पद खाली रह गए। जूनियर स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने और साइंस अध्यापकों की कमी को पूरी करने के लिए कराई गई काउंसिलिंग में महज 498 के सापेक्ष 185 अभ्यर्थी ही शामिल होने आए। इससे साफ जाहिर है कि अगर यह पद नहीं भरे गए तो हर साल की तरह इस बार भी कला के शिक्षक ही गणित-विज्ञान पढ़ाएंगे। स्कूलों की अपेक्षा साइंस के शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। उदाहरण के तौर पर दातागंज तहसील की बात करें तो यहां करीब 297 प्राइमरी, जूनियर स्कूलों में करीब 50 शिक्षक ही विज्ञान वर्ग के है। कई स्कूलों में कला वर्ग के शिक्षक ही बच्चों को गणित, विज्ञान का ज्ञान बांट रहे हैं। समरेर ब्लॉक में ही करीब 109 प्राइमरी और 36 जूनियर स्कूल हैं। यहां करीब 190 शिक्षकों की तैनाती भी है। लेकिन करीब 47 शिक्षक ही विज्ञान वर्ग हैं। बाकी सभी कला या फिर अन्य वर्ग के हैं। वहीं दातागंज के 152 स्कूलों में करीब 12 शिक्षक ही विज्ञान के तैनात हैं।
    शासन ने मांगा रिक्त पदों का ब्यौराः
    जिले में दो बार काउंसिलिंग कराने के बाद भी खाली रह गए गणित-विज्ञान शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा शासन ने मांगा है। विभागीय लोगों की माने तो शासन स्तर पर शिक्षकों की कमी को लेकर विचार किया जा रहा है।
    प्रशिक्षु भर्ती लगा सकती है पारः
    विभागीय लोगों की माने तो अगर प्रशिक्षु भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी होती है तो काफी हद तक शिक्षा का स्तर सुधर सकता है।
    जिले में भर्ती प्रक्रिया चल रही है। यह अलग बात है कि काउंसिलिंग में उम्मीद के मुताबिक अभ्यर्थी नहीं पहुंच रहे हैं। स्थिति सुधरने की ओर है। सब ठीक रहा तो आशा है कि नई भर्ती के गणित-विज्ञान के टीचर्स भी जल्द स्कूलों में पहुंचेंगे।
    - कृपाशंकर वर्मा, बीएसए

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  13. Ghadhe bne master pura pesa aklesh apne property bejkar dega

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  14. Ab akilesh thela lagayega gol gappe ka

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  15. Akhilesh teri naak tuti hai. Ab aisa mt kr ki teri karni tere bachho ko bhugtna pde. Kaash tere bachho ka baap koi aur ho ....tu na ho..

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  16. Ye bharti jitni late hogi...akal less ka political career utna hi buri trah khtm hoga

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  17. Mulla aam chacha ka future to khtm hi h...wo akhileshudeen ko b chaupat kr jayenge

    Shiv pal yadav naam ka saanp SP ko aisa dasega k vidhan sabha me ye party paani b ni maang payegi

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  18. SCERT director se aaj TET morche ke pratinidhimandal ne mulakaat ki jisme kai muddo ko rakha gaya jisme unhone bataya ki counclling on line nahi hogi. Sabhi jilo ki feeding alag alag hogi.

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  19. Jinke pratyavedan vaapas aa gaye hai unhe SCERT mein ek prarthna patra dena hoga counclling ki date agle 5 - 6 dino mein ghoshit kar di jayegi.

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  20. Aaj scert director se hui meeting kaafi sakaraatmak rahi jiske falswaroop TET morche dwara 5aug. ke aandolan ko jaari rakhne ya sthagit karne faisla hum sabhi TET bhaiyo aur bahno par chhoda gaya hai atah ab aap log hi faisla kare aandolan hoga ya nahi. JAI TET

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  21. Kripya 5 aug ke prastavit aandolan ke sambandh mein apni pratikriya awashya dein jis se TET ke agrani netao ko aap logo ki rai se awgat karaya ja sake.

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  22. ish govt ki kathni aur karni me bahut antar hai,inhone kudh hi kaha hai ki abhi 12 tak forms ki entry hogi.

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  23. then how its possible that they will declare counselling dates in 4 to 5 days?you also give your views.

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    1. Bhai shiv kumar ji aapko ko bhi namaskaar. Yaha upar maine comment kiya hai ki agle 5-6 dino mein counclling ki date ghoshit ki jayegi na ki counclling karayee jayegi.may be ho sakta hai ki coun. Ki date 12 ke baad ki hi rakhi jaaye.

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  24. and pl publish your mobile no so that others can contact you.

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    Replies
    1. Sorry sir comments likhne par hi gaaliya milti hai phone no. Publish karke mai aafat nahi mol lena chahta hoon waise bhi mai koi expert nahi hoon aap sabhi logo ki tarah mai ek sadharan sa blog member hoo.

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  25. TMNTBN भाई किससे नाराज हो ?में तो तुम्हारा बिग फैन हू। भाई तुम्हें पढ़े बिना नींद नहीं आती है। रह रह कर तुम्हारी सयरिया याद आती है।Please आ जाओ न ब्लॉग पर ।अपनों को सताना अच्छी बात नहीं है।

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  26. bhai kisi ne scert ke director se male female sci art ke bare mai pucha hai ki. format me coloum kyo nahi hai

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    1. Ajay ji aaj is vishay par unka kahna tha ki vargikaran old adv. Ke adhaar par kiya jayega. So bharti fasne ka ek darr to door hua

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  27. 2012 pass B.Ed & distance mode holder are invalid for uptet 2011

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  28. bina tet ke sikccha mitron ka samayojan allahabad high court ke triple bench ke aadesh ki avmanana hai jisme kaha gaya hai ki koi bhi bina tet ke prathmik vidyalaya me adhyapak nahee ban sakta hai.

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  29. shikccha mitron ko 72825 bhartee se pahle niyukti de ker sikcchamitron ko senior banane ki akal less ki chal hai jise poori seva kal tak sabak sikhane ke liye pahle niyuktipatra diya ja raha hai jabji 72825 ka vigyapan 3 saal purana hai.is chal ko ham sab kamyaab nahi hone denge.

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  30. samvida kaal me regular snatak ki degree avaidh hai jab ki adhikansh shkccha satruon ne samvida kaal me degree praapt kee hai.yah sab jante hue bina janch ke niyukti de ker bharti dhandhlee akal less dvara karvayee ja rahee hai kahee aisa na ho ki inka bhi haal chautala jaisa na ho aur inhe jail ki hava khanee pare.

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  31. 72825 ki bharti to kisee bhee keemat per der saber honi hi hai isme koi shak nahee hai abhi umra chotee hai itnee jaldee sarkaree damad thore hee bana lenge sharm aa rahee hai inhe.

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