सरकारी नौकरी शिक्षक भर्ती/नियुक्ति परिणाम / टीईटी Sarkari Naukri Recruitment/Appointment Result. Latest/Updated News - UPTET, CTET, BETET, RTET, APTET, TET (Teacher Eligibility Test) Merit/Counselling for Primary Teacher(PRT) of various state government including UP, Bihar
Saturday, July 12, 2014
131 comments:
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लगभग सभी लोग आज "आवेदन" करके फुर्सत के पलों में हैं।
ReplyDeleteआवेदन इस लिए क्योंकि लगभग सभी ने पुनः सभी जगह अपने फॉर्म भेजें हैं।। प्रत्यावेदन इसलिए नहीं क्योंकि जब हमारा डाटा ऑनलाइन है तो उसको सुधारने का मौका भी ऑनलाइन दिया जाता तो शायद प्रत्यावेदन होता।।।
और शायद कुछ ही अभ्यार्थियो के गिने चुने प्रत्यावेदनो में गलती होती लेकिन यहाँ तो सभी की सभी जगह गलतियाँ है ।। क्या इसे प्रत्यावेदन कहा जाये ?
हमारे cm साहब ने अभी कुछ दिन पहले ही कहा था की इस भर्ती को फ़साने की जिम्मेदार पूर्व सरकार है।। और इस आधुनिक युग में भी फॉर्म ऑफलाइन सबमिट कराये गए ?
और हम भर्ती प्रक्रिया को सुलझाने के लिए ऑनलाइन कर रहे हैं।।
तो फिर वर्तमान सर्कार ने प्रत्यावेदन ऑनलाइन क्यों नहीं लिया ?
अरे भाई आप तो आधुनिक है?
शायद बच्चों से "गलती" हो ही गयी ?
25 मार्च से आज तक 3 माह से ज्यादा का संमय बीत गया और अगर ये भर्ती ऑफलाइन शुरू की गयी होती तो शायद अब तक समाप्ति की ओर होती?
ReplyDeleteजब प्रत्यावेदन/काउंसलिंग ऑफलाइन ही करनी थी तो फिर इतने दिन तक ऑनलाइन का ड्रामा क्यों किया गया?
और अभी मुझे लगता है की ये भर्ती कम से कम सितम्बर से पहले तो पूरी नहीं होगी।।
मुझे लगता है की शायद हमें परेशान करने का आखिरी मौका भी सरकार नहीं छोड़ेगी ।
जैसे अभी टीइटी के रोल नंबर का चल रहा है ।
ReplyDeleteहर अभ्यर्थी ने लगभग 20-30 जगह तो प्रत्यावेदन भेज ही होगा।।
ReplyDeleteअब
1 फॉर्म को प्रिंट करने का 10-15 ₹
समबन्धित कागजातों की फोटो कापी में - 8 ₹
स्पीड पोस्ट का चार्ज - 43₹
अन्य चार्जेज - 20 ₹
इस हिसाब से 1 प्रत्यावेदन मे-80-85₹ का खर्च।
और 30 का- 30*80= 2400₹
हाहाहा।।।।।।।
और 4 रातों और दिनों का परिश्रम अलग से ।।।
और अब कह रहें हैं की टेट रोल नंबर को यूनिक कोड की तरह प्रयोग करेंगे?
तो हमने पूर्व में कैसे आवेदन किये थे?
बिना टेट रोल नंबर के?
और अब ऑफलाइन प्रत्यावेदन को कौन फीड करेगा?
शायद --------- वही बंदर !
अरे भाई अगर इतना ड्रामा करना था तो फिर ऑफलाइन प्रक्रिया अच्छी थी?
और ड्रामा किया ही था तो फिर प्रत्यावेदन भी ऑनलाइन लेते.
जिसमें नो फीडिंग झंझट था और क्योंकि प्रत्यावेदन अभ्यर्थी स्वयं कार्य तो शायद गंलती नाके बराबर होती।।।
खैर हम तो सहन शील प्राणी है इसलिए धैर्य के साथ अब सब कुछ होने की फिर भी 1 बार फिर कामना करते हैं।
जय हिन्द ।। जय टेट मेरिट।।।
!
ReplyDeleteहम
!
!
थाली
!
!
के
!
!
बैगन
!
!
दो गुलाब के फूल छू गए जब से होठ अपावन मेरे
ऐसी गंध बसी है मन में सारा जग मधुबन लगता है।
रोम-रोम में खिले चमेली
साँस-साँस में महके बेला,
पोर-पोर से झरे मालती
अंग-अंग जुड़े जुही का मेला
पग-पग लहरे मानसरोवर, डगर-डगर छाया कदम्ब की
तुम जब से मिल गए उमर का खंडहर राजभवन लगता है।
दो गुलाब के फूल....
छिन-छिन ऐसा लगे कि कोई
बिना रंग के खेले होली,
यूँ मदमाएँ प्राण कि जैसे
नई बहू की चंदन डोली
जेठ लगे सावन मनभावन और दुपहरी सांझ बसंती
ऐसा मौसम फिरा धूल का ढेला एक रतन लगता है।
दो गुलाब के फूल...
जाने क्या हो गया कि हरदम
बिना दिये के रहे उजाला,
चमके टाट बिछावन जैसे
तारों वाला नील दुशाला
हस्तामलक हुए सुख सारे दुख के ऐसे ढहे कगारे
व्यंग्य-वचन लगता था जो कल वह अब अभिनन्दन लगता है।
दो गुलाब के फूल....
तुम्हें चूमने का गुनाह कर
ऐसा पुण्य कर गई माटी
जनम-जनम के लिए हरी
हो गई प्राण की बंजर घाटी
पाप-पुण्य की बात न छेड़ों स्वर्ग-नर्क की करो न चर्चा
याद किसी की मन में हो तो मगहर वृन्दावन लगता है।
दो गुलाब के फूल...
तुम्हें देख क्या लिया कि कोई
सूरत दिखती नहीं पराई
तुमने क्या छू दिया, बन गई
महाकाव्य कोई चौपाई
कौन करे अब मठ में पूजा, कौन फिराए हाथ सुमरिनी
जीना हमें भजन लगता है, मरना हमें हवन लगता है।
दो गुलाब के फूल छू गए जब से होठ अपावन मेरे.....
अति सु्ंदर।
DeleteWo pyar ka saboot dikhaya karta tha Aansoo baha kar mujhe manaya krta tha____{}
ReplyDeleteYe zindagi sirf tumse wabasta hai AQsar ye baat mujhe bataya karta tha____{}
Uski baaton mein kuch aisa asar tha Main barish ke bina hi nahaaya karta tha____{}
Sone ki fursat kis ko thi Wo mujhe sari raat jagaya karta tha____{}
Bechaini jab hadh se badh jaati thi Wo ji bhar ke gale lagaya karta tha____{}
Wo itni muhabbat karne wala badal gaya Jo saath nibhane ki qasame khaya karta tha____{}
Kya kisi ke pas is bat ka data h kya.....
ReplyDeleteKI OBC...SC ...ME KUL KIRNE MAIL N FEMALE CANDIDATE KA TET PRATMIC PAAS H...MATLAB ...
KITNE OBC OR KITNE SC KE KITNE MAIL N FEMALE KA TET 2011 CLEAR H...
Plz help me.mera 20 me se ek b mile me data nai hai.koi proof b nai .kya mera much nai hogs.plz mai bohot pareshan hu
ReplyDeleteAap kisi diet pr jakr apne mpb num. Se check kra lo.
DeletePlz koi to kuch rasta btaie.kya kru mai.plz
ReplyDeleteItne intzar k bad b mai.....plz kuch rasta btae wrna mai ji nai paugi plz
ReplyDeleteAsa mt sochiye Ria ..apna data rechk kriye..dob se b..or ho ske to khud chk kriye list...from beginning to end..asa ho hi nhi skta ki 20 k 20 form update na hue ho.. search it carefully..
DeleteNd first of all be calm..evry thing will be fine...
DeleteOr haan jb mil jaye to plz ek msg to bnta h hm sb ko convey krne k liye ki apka data mil gya
DeleteRia ji dont worry aap apni details bhejo mai try karti hu name fname DOB tet marks dists bhi kahi to milega kabhi kabhi spl ya space ki vajah se humara naam match nahi karta so tension na le
ReplyDeleteRia ji aap apni DOB & father's name se bhi check kariye.
ReplyDeletemere bhi tet me 110 hai gen kya lagta chance milega, jo vivad hai ki etah me dhandhali hui hai to kya lagta hai bharti hogi bhi ya nai jo etah ki list me nahi hai bharti hone ke baad kya vo court ka rukh nahi karenge aur court fir se kahega stay so just wait and watch kya hota hai bharti hui to hum khush honge jinhone form fill kar diye hai aur nahi hui to etah vale khush honge ki vo bach gaye fir se govt ke jhaanse me nahi aaye
ReplyDeletemain bhi chahati hu ki ye bharti ho per kya ye govt itni aasani se bharti kar degi agar aisa hua to ise unlogo ke paise lautane honge jinhone 12 me form bhare the jo per candidate lagbhag 15000 aur 250000 candidate yaani 12,50,000,00 itna paisa koi vaapas nahi dega aur akhilesh to kabhi nahi aur abhi kuch galatio me hum corrrection kar denge lekin agar job lagne ke baad fir se kuch hua to humari job aur akhilesh khud khatre me hoga so pls sai baba akhilesh ko sadbuddhi de ,jinhone pratyavedan bhar diye ve khush rahe aur jinhe kuch nahi mila ve nischint rahe kyunki aage aap samajhdar hai om sai ram
ReplyDeleteवाराणसी/जौनपुर डायट पर दुसरी बार प्रत्यावेदन लेने से साफ़ मना कर दिया।
ReplyDeleteउन्होंने बहुत अच्छे से समझाया कि अगर आपने टेट अंक पत्र के फोटो स्टेट को लगाया है तो आपके टेट रोल नंबर की इंट्री भी हो चुकी है। इसलिए दुबारा हम लेकर करेंगे क्या?
उन्होंने बहुत विनम्रता से मना कर दिया।
इसका मतलब अगर टेट अंक पत्र का फोटो कापी लगा है तो परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं।
उन्होंने एक बात और कही कि प्रत्यावेदन फार्म में किसी भी प्रकार की कमी की वजह से किसी के आवेदन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
मस्त रहिये कम से कम प्रत्यावेदन फार्म के तकनीकी समस्या को लेकर तो बिल्कुल न परेशान होइये।
और एक बात जिन लोगों का पूरा फार्म सही है उनका सिर्फ टेट रोल नंबर के लिए प्रत्यावेदन वाराणसी/जौनपुर डायट पर नहीं लिया जा रहा है।
Kuch log god ka naam bhi lete h aur ye bhi sochte h ki wo thik keh rehe h inko god se derna chahiye ye h geeta negative
ReplyDelete
ReplyDeleteजरा सी रंजिश पे न छोडो वफ़ा का दामन "सोना"
उम्रे बीत जाती है दिल का रिश्ता बनाने में !!
अब ये भर्ती कभी नही होगी
ReplyDelete,
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ऐसा सोचा भी तो गला दबा दूंगा !
जिंदगी में एक बात हमेशा याद रखना
ReplyDelete.
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कि प्लेटफोर्म पर
पटरी की ओर झुक कर देखने से ट्रेन
जल्दी नही आती है
'इंसान ने वक़्त से पूछा...
ReplyDelete"मै हार क्यूं जाता हूँ ?"
वक़्त ने कहा..
धूप हो या छाँव हो,
काली रात हो या बरसात हो,
चाहे कितने भी बुरे हालात हो,
मै हर वक़्त चलता रहता हूँ,
इसीलिये मैं हमेशा जीत जाता हूँ,
तू भी मेरे साथ और मेरी तरह चल,
कभी नहीं हारेगा.............
Thats very nice lines....
DeleteThankx...mr.tmntbbn jee...itni achhi post k liye...
अब लगा है भारत आजाद हो गया .
ReplyDeleteगाँधी- नेहरू खानदान का नाम नहीं है किसी भी योजना मे....!!!
अमिताभ बच्चन और प्राण साहब बस स्टॉप पर खड़े थे,
ReplyDelete.
बस आई,
प्राण साहब बस में चढ़ गए लेकिन अमिताभ
जी नहीं चढ़े। .
क्योंकि बस पर लिखा था : .
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रघुकुल रीत सदा चली आई.... ''प्राण'' जाए
पर ''बचन'' न जाई ;
माँ :- बेटा अगर मेरी आँखे खराब हो जाये
ReplyDeleteतो तुम क्या करोगे ???????
बेटा :- माँ तुम्हे शहर ले जाकर इलाज करवंगा !
माँ :- अगर मै फिर भी ठीक न हुई
तो????????????
बेटा :- मै पैसे खर्च करके तुम्हे बहार मुल्क ले
जाकर इलाज करवाऊंगा ..........
माँ हस पड़ीं....................
बेटा :- अच्छा माँ अगर मेरी आँखे खराब
हो गयी तो तुम क्या करोगी???????????
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माँ :- मेरे लाल, मै तुझे अपनी आँखे दे
दूंगी ...............!
No One is better than
Mother!!
Only Says
" I love my Mom "
भाई जी बड़ी ही मार्मिक बात कही है आपने आँशू निकल पड़े आँखों से
DeleteJAI SHREE RAM JAI HIND.tet merit pe bharti hogi sir ma se bada aur pyara iss diniya me koi nahi hai.
ReplyDeletebhagwan kare yogya logo ko niyukti mil jaye aur savi ke parvaar ki chinta dur ho jaye aur sabka jewan khushhal ho jaye
Dear Sir ...@ TMNTBBN Please Help Me. Sir jaunpur distt.mein mera DOB galat tha aur isko sudharne ke liye maine physically 10th class ki markshhet aur photo id jama karaya tha kya ab mujhe dubara TET roll no. ke liye tet ka marksheet jama karana padega...maine pahle pratyavedan old format per diya tha. kindly help me.
ReplyDeletewishing you for your lovely future.
thanks.
kuch diet wale ye q bol rahe hain ki apearing wale counsling k time chhat diye jaynge..ye sab gawaro ki team hai kya...jab mayawati k time bharti ka nirdesh aya tha to usme likha tha ki apke sabhi ank patra 31 dec2011 tak k hone chahiye jo ki iski last date thi...mere b.ed mrksheet me to 30 nov 2011 ki date hai to fir diet wale tension q de rhe hain pls ap log bataye k mujhe reject to nhi kiya jayega
DeleteGEETA BHDAURIYA PLZ MALTIPLAI 15000×250000=3750000000
ReplyDeleteN KI--125000000
MUJHSE KOI GALTI HO GYI HO TO MAF KRNA
Astha g faltu m negative baate soch k paresaan na ho aur clear kerne k liye ek baar go padh le go aaj bhi net se download kiya ja sakta h
ReplyDeletethank u prag balyan ji ab kya kare 3 saal se itna negative hua hai hmlogo k sath isliye darr lagta hai..or diet wale kisi ki sunfe kaha hai wo sab anpadh gawaro k karan hi to aj tak hn log pareshan hain
ReplyDeletehello
ReplyDeleteinlogo k pratyavedan or uske speed post k tamashe k karan to jo log aj pvt job kar bhi rhe hain unki wo naukri bhi khatre me aa rhi hai ...hm sabko pata hai ki hmlog pagal banaye ja rhe hain per fir bhi ye hmlogo ki majburi hai ki hmlog jante hus bhi pagal ban rahe hain
ReplyDeletectet ki date kisi ko confirm ho to pls bataye aur ek gudnws rpsc ka main exam band hokar kewal rtet 60% se hi bharti honge 3rd grade teacher tet merit is the best
ReplyDeletecut off merit kya hogi
ReplyDeleteDoston ab dilli dur nhi......
ReplyDeleteKaash me bhagwaan hota to 72825 bharti me aap logon ki jarur madad karta.....
ReplyDelete....
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kyuki mera bhi form submit hai...
118 par koi chance hai kewal 10 jilo me aavedan diya hai.....bhai koi to clear karo plzzzzzzz......
टेट मेरिट सपोर्ट मोर्चा की अग्रिम पंक्ति से अनुरोध है के मुख्य सचिव हीरा लाल गुप्ता जी तथा SCERT डायरेक्टर सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह जी से मिल कर उनसे अनुरोध करे कॉउंसलिंग निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार २० जुलाई से ही प्रारम्भ करे तथा कॉउंसलिंग तथा चॉइस फिलिंग B.Ed. तथा पॉलिटेक्निक की तरह ऑनलाइन हो जिससे आवेदक को हर जिले में भागना न पड़े साथ ही साथ सरकार, कैंडिडेट तथा SCERT का भी समय बचे!
ReplyDeleteAgreed...
Deleteअगर काउंसलिंग ऑनलाइन होती है तो एक तो समय बचेगा साथ ही साथ कैंडिडेट को मनपसंद जिला मिलने में दिक्कत भी नही होगी और डाइट तथा सरकार के कर्मचारी भी रहत महसूस करेंगे ! एंड माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी समय से हो पायेगा
ReplyDeleteअगर काउंसलिंग ऑनलाइन होती है तो एक तो समय बचेगा साथ ही साथ कैंडिडेट को मनपसंद जिला मिलने में दिक्कत भी नही होगी और डाइट तथा सरकार के कर्मचारी भी रहत महसूस करेंगे ! एंड माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी समय से हो पायेगा
ReplyDeleteवर्तमान में किसी भी जिले की अपनी रैंक को देखकर विचलित न हों। कम सीटों वाले जिलों में तो कुछ कहा नही जा सकता लेकिन 1000 से ऊपर वाली सीटों में मेरिट कम जाने की पूर्ण सम्भावना है।
ReplyDelete.
सभी जिलों में जा रही हाई रैंक से घबराने जैसा इसलिए भी नही है कि एक-आध को छोड़कर सभी के मार्क्स में उलट-फेर हुआ है। इसीलिए कुछ भी अनुमान नही लगाया जा सकता कि किस जिले की कम से कम कितनी मेरिट चली जायेगी।
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कुछ हाई रैंकर्स तो जोब पा चुके हैं जिनमें से अधिकतर को आप भी जानते होंगें। और कुछ राहुल गांधी, लादेन, बिल क्लिंटन जैसे हैं जिनके इस डाटा में सुधार होने की कोई गुंजाइश नही है। अतः इनके मार्क्स “एज़ इट इज़” रहने से पहली मेरिट 100% हाई जायेगी।
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तो मेरिट आने के बाद भी डरने जैसा कुछ नही है।
इधर भीड़ के कारण हो सकता है कि कोई अभी तक भी अपने प्रत्यावेदन जमा न कर पाया हो तो जैसा कि पता चला है कि विभाग ने कह दिया है कि 15 जुलाई तक भेजे जाने वाले सभी प्रत्यावेदन स्वीकार किये जायेंगें तो जो रह गये हैं, लाइन में लगे रहें। हालाकि ऑफ़िसियल न्यूज़ के बारे में स्पष्ट नही है लेकिन कुछ भी हो,
ReplyDelete.
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अपना कर्म करते रहें, फल अवश्य मिलेगा।
कुछ साथी अब तक भी कम्प्यूटर आई.डी. न मिलने से परेशान हैं। किसी को अगर चाहिये तो मेरे इन्बॉक्स में नाम, पिता का नाम, जन्मतिथी, टेट मार्क्स भेज दें।
ReplyDeleteमै भी थोड़ी कोशिश करूँगा !
धन्यवाद
मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि आप सब दिन रात इतनी मेहनत कर रहे हैं आप सभी को नौकरी मिल जाए ये ही मैं भगवान से कामना करता हूँ
ReplyDeletesir 2011 me aavedan karte samay mujhse sci(11)ki jagah by mistake sabhi farmo me art (10) fill ho gaya tha par prtyavedan me art & Sci ka ki ullekh nahi hai ab meri samjh me nahi aa raha hai ki mai kya kroon pls give me any suggestion.
ReplyDeleteडाईट पर डाटा करेक्शन का काम प्रतिदिन हो रहा है आपके प्रत्यावेदन डाईट पर प्रतिदिन फीड करने का आदेश है। , कई बाबू और क्लर्क इसके लिये लगा लिये गये हैं ।
ReplyDeleteइस बार आप लोगों ने वह गलती नही की होगी कि फार्म की फोटो कापी न करायी हो , और डाक रसीद को संभाल कर न रखा हो
हालांकि यह कोई बहुत आवश्यक नही है परन्तु
आपके प्रत्यावेदन भेजने के पश्चात् भी यदि किसी अभ्यर्थी का डाटा किसी भूल वश गलत रह गया जाये या छूट जाये तो ही ये सब चीजें काम आयेंगी ।
इस बार टीईटी अनुक्र्मांक आपके डाटा को शो करने के लिये यूनीक नंबर बनाये जाने पर विचार हो रहा है।
ReplyDelete। एससीईआरटी एक बहुत ही जिम्मेदार संस्था है, जो बडी से बडी जिम्मेदारियों का आसानी से निर्वहन करती है । परन्तु इस बार डाईटों के द्वारा गलत फीडिंग के चलते उसे भी बहुत बडी मात्रा में किरकिरी उठानी पड रही है।
कई प्रश्न ऐसे हैं कि जिन पर विचार किया जाये तो सिर्फ लापरवाही नजर आती है ,
ReplyDeleteजैसे एटा जनपद की डाईट का गलत डाटा फीडिंग
, सवाल यह है कि ऐसी लापरवाही यदि एक डाईट करती तो दंड की पात्र भी बनती , परन्तु यहाँ मामला कुछ उल्टा है।
सभी की सभी डाईट का डाटा गलत कैसे हो सकता है। और वो भी एक ही भर्ती पर , एक साथ
जब डाटा फीडिंग हो ही रहा था और मेरिट टीईटी अंको से बनना तय हो गयी थी तो टीईटी प्राप्तांकों के साथ अनुक्र्मांक जैसा महत्वपूर्ण कालम क्यों छोडा गया , जबकि नाम पिता जन्मतिथि के कालम यथाबत थे।
ReplyDeleteइस पर कोई दंडनीय एक्शन लेने की बात तक नही किसी ने नही उठायी , शासन का मुंह सिला हुआ क्यों है। यदि ऐसी ही कोई गलती शिक्षा मित्र जैसी भर्ती में हो जाती तो ऐसे में अब तक धडाधड कई अधिकारी ससपेँट हो गये होते !
दूसरी बात , आधिकारिक आदेश आने में इतनी देरी क्यों होती है जबकि इतनी बडी भर्ती में जरा सी देर या गलती हजारों का व्यक्तिगत हित प्रभावित कर सकती है , और कोर्ट कचहरी के लिये एक नया विवाद/कमाई का साधन आसानी से जन्म ले सकता है।
ReplyDeleteजो अभी भी फार्म न जमा न कर पायें हों , शीघ्रता करें समय कम है , 15 तक निकल चुके सभी आवेदन स्वीकार कर लिये जायेंगे जो कि 19 या 20 तक पंहुचने की संभावना है। तत्पश्चात् प्रत्येक डाईट का डाटा तुरन्त एससीआरटी निदेशक के हवाले किया जायेगा । और वह ऐनआईसी द्वारा दिये गये साफ्टवेयर पर उसे पुनः जिलेवार नयी रैंको के साथ अपलोड करेंगे ।
ReplyDeleteऐसे में काउंसिलिंग शिड्यूल की तिथियाँ अधिक नही पर कुछ दिनों के लिये आगे जरूर बढ सकती हैं ।
टीईटी का अनुक्र्मांक प्रत्येक डाईट पर मांगा गया है इसकी वजह भर्ती को पारदर्शी बनाना है और कुछ नही । ताकि अभ्यर्थी के द्वारा टीईटी प्राप्तांकों में संशोधन की मांग उन्हीं के बताये नंबर के आधार पर आंख मूंदकर न भरकर उसे दी हुई मार्कसीट से मिला लिया जाये , यदि मार्कसीट फर्जी है। तो टीईटी अनुक्र्मांक द्वारा भविष्य में सहायता ली जा सके।
ReplyDeleteयदि किसी ने अंकपत्र नही भेजा है और अंक सही हैं तो उसे चिन्ता की बिल्कुल आवश्यकता नही , पूर्व में भेजे गये प्रत्यावेदन भी अनुक्र्मांक की वह से अभ्यर्थियों को चिन्ता में डाले थे पर वास्तव में चिन्ता का मूल वेवजह है।
ReplyDeleteउपाय हर समस्या का होता है , यही सब काम आनलाईन संशोधन से भी हो सकता था परन्तु फिर भी नही अपनाया गया। और डाक जैसी संस्था को इतना बडा कार्य कम समय में पूरा करने का माध्यम चुना गया । यह तो अब दोबारा डाटा आनलाईन होगा तभी पता चलेगा कि यह उपाय कितना काम आया ।
ReplyDeleteआप सभी में से बहुत से लोग विरोध कर उठते हैं कि अब सब सही होकर आयेगा , मै भी यही चाहता हूँ कि कि आप का सोचा हुआ हो पर उपर दिये कारण क्या कुछ इशारा नही करते , यदि आप राजनीति और कूटनीति का ज्ञान रखते हैं तो अवश्य समझेंगे
ReplyDeleteपुनः यदि ऐसी हरकतें हुईं जैसे हजारों फार्मों को लेने से डाईट वालों का इन्कार करना , प्रत्यावेदन के पश्चात् भी सुधार में कुछ बिन्दु फिर से गलत हो जाना ।
ReplyDeleteतो आप समझ जाना कि भर्ती किस इरादे से शुरू हो रही है।
शायद इसे बेमन से कोर्ट के प्रेशर की वजह से शुरू करना कहते हैं । अर्थात् भर्ती तो होगी परन्तु रुला रुला कर , आपको आपका हक जरूर दिया जायेगा मगर थका थका कर , क्योंकि जिन्होंने इसे बरबाद कराने के सौ यत्न किये हों , उन्हीं हाथोः से नियुक्ति पत्र आसानी से नही निकलता ।
ReplyDeleteएक बात आप सभी को और बता दूं , इस भर्ती पर टीईटी मोर्चा का कार्य अब खत्म हो चला है , अधिक से अधिक मोर्चा अधिकारियों के सम्पर्क में रहकर उन्हें यथा स्थिति से अवगत करा सकता है इसके आगे उसका भी बस नही , क्योंकि प्रक्रिया पूरी करने का कार्य अब विभाग के हाथ में है मोर्चे के नही ,
ReplyDelete@ TMNTBBN Sir Ji agar kisi distt.ka mera sara data correct hai kewal tet ka roll no. nahi likha hai to kya tet roll no. ke liye bhi pratyabedan bhejna padega . give me answer sir
ReplyDeletethanks
यदि आप इस भृम में हैं कि कोर्ट आफ कंटेप्ट लग जायेगा यदि तय समय में भर्ती पूरी न हुई , तो एक बात संज्ञान में रखें , न्यायपालिका कार्यपालिका के अवैध कार्यों पर दंडात्मक कार्यवाही करती है न कि वैधानिक तरीके से चल रहे कार्य पर , , , ,
ReplyDeleteभर्ती कोर्ट आर्डर पर एक विभागीय प्रक्रिया के तहत ही हो रही है जिसमें तय समय पर कार्य हो भी पाता है नही भी हो पाता है पर इसके लिये दंडादेश जारी नही होते हैं !
अधिक से अधिक संबंधित प्राधिकारी को हटाकर कार्य पुनः शीघ्र खत्म होने के सख्त निर्देश ही जारी होते हैं । और सरकार के पास ऐसे मसलों पर प्राधिकारियों की बलि कोई मायने नही रखती , एक जायेगा दूसरा आयेगा , चलता रहता है , जैसा अभी हुआ था ।
ReplyDeleteमोर्चा भी यह बात बखूबी जानता है इसलिए चुप है।
अब आप लोग किसी को भी चंदा कदापि न दें , चाहे शिक्षा मित्रों के नाम पर ही क्यों न मांगा जाये । ऐसा इसलिए क्योंकि लोग शिक्षा मित्रों के नाम पर लेते हैं । और जूनियर के केस पर खर्च करने के लिये दिल्ली चल खडे होते हैं । जिसका खामियाजा आप और हम सब के बीच के ही लोग भुगतेगें।
ReplyDeleteआपको पुनः कोर्ट का मसला दिखाकर डराने की कोशिश कर चंदा मांगा जायेगा , पर यह जान लीजिए कि आप अपने ही लोंगों के बीच की कब्र खोदने का काम कर रहे हैं । हमने चंदा सिर्फ अपनी भर्ती को बचाने के लिये दिया था वो काम हो गया अब अपनी जेबें भरने और नौकरी प्राप्त करने जा रहे अब अन्य लोगों को रोकने के लिये धन कदापि नही दे सकते ।
ReplyDeleteतय समय पर सब कुछ पूर्ण हो , और कोई नया विघ्न भर्ती के आडे न आये
ReplyDeleteइसके लिये जगतमाता से प्रार्थना करो ।
धन्यवाद
i am waiting for your answer sir...
ReplyDeleteसुनील जी पहले वाराणसी और जौनपुर वाली पोस्ट पढ़ लो फिर मुझसे पूछना
ReplyDeleteऐसे ही मत कुछ पूछा करो कुछ भी
पहले पढ़ लिया करो फिर जो कुछ रह जाए वो पूछ लिया करो !
इसीलिए मैं सब कुछ फिल्टर कर देता हूँ ।
Tet roll number likhna aniwarya nahi hai, yadi pratyavedan ke sath tet marksheet lagai hai to-pracharya diet allahabad.
ReplyDeleteMerit low lane ke liye 2012 walo aur u.p. se bahar walon ko bahar karna jaroori hai.
ReplyDelete
ReplyDeleteफार्म जमा करने की कहानी
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Lokendra की जुबानी
*****************
परसो का दिन पूरा खराब गया ओर एक भी फार्म जमा नही हुआ ,अगले दिन फार्म जमा करने अपने पुवायाँ के डाकघर पहुँचा तो उन्होने भी 5 फार्म से ज्यादा नही जमा करेगे की नौंटकी चालू कर दी और बोले स्टाप कम है प्रिंटर गडबड है बहुत गुस्सा आ गया एक तो सब्र की सीमा टूट गयी थी उसपर जाट बुद्धि जल्दी ही गर्म हो जावे अगर अपना काम बनता न दिखे जब ,मैने आव देखा न ताव सीधे हेड मास्टर के केबिन में घुस गया ओर उनसे कहा आज यू पोस्ट आफिस जब मेरे फार्म जमा हो जा गे तभी बंद हो वेगा उससे पहले न । हेड पोस्ट मास्टर काफी समझदार थे उन्होने स्टाफ का रोना रोया की अगर एक दो लोग मेरे पास होते तो आपका मैनुएल तरीके से रजिस्ट्री करवा देता तब हमने कहा बताओ क्या करना है हम खुद ही कर लेगे इस पर उन्होने एक टेबिल पर हमको ले जाकर कहा । इन पर 22 -22 रुपये के टिकट लगाओ सब फार्मो पर ओर साथ में एक रसीद बुक दी ओर एक अपने आदमी को बैठाया जिससे टिकट लेने थे हमको । फिर हमने खुद ही बैठकर सभी फार्मो पर टिकट लगायी फिर सबकी रसीद काटी फिर सब रसीदो पर मोहर लगायी तारिख वाली फिर जो आदमी बैठा था उसके साइन लिये सब रसीदो पर ओर फार्म जमा कर दिये।
कम्प्यूटर से रजिस्ट्री 27 की पडती है ओर मैनुएल तरीके से 22 की पडी और स्पीड पोस्ट करता तो 39 की होती ।अतः परसो की निराशा का सुखद अंत हुआ कल मेरे फार्म एक घंटे के भीतर जमा हो गये थे और 400 रुपये की बचत भी हुई । जब मैने उनसे पूछा क्या स्पीड पोस्ट पहले जायेगी तो उन्होने कहा दोनो एक साथ निकलेगी तथा एक साथ ही पहुँचेगी
Faisle ki ghadi kareeb hai ...... Dil ki dhadkane badhh chuki hain ... Kya hoga ? ..kahan naam aaega ? ....Kitni MERIT Jaayegi ? .....
ReplyDelete1-Hum to ghar par hain magar DIL Diet par hai .....
2-Shareer dosto ke saath hai magar aatma Post Office ki khidki par hai .....
3-Nigaahen Newspaper me CUT OFF ko dhoondhti hain aur Ghar waale hume Cyber Cafe me dhoondhte hai ....
4-Mera Pratyavedan pahle Lijiye chillaya to Mummy ne Jhinjhod kar neend se uthaya aur gale laga kar kaha ke mere bachche kya ho gaya hai tujhe ? .........
. Samjhe the duniya ko TAMASHA magar Aaj khud TAMASHA ho gaye
.......uff .. ye 72825
Har ek ka yhi haal h...
Deleteविश्व विरासत सूची मेँ भारत के स्थल
ReplyDelete~¤~ जय हिंद ~¤~
1:- आगरा का किला=> अकबर ने बनवाया , वास्तुकार ईस्सा खाँ , आगरा उत्तर प्रदेश मेँ , (यहाँ वर्ष- विश्व विरासत सूची मेँ शामिल किये गये वर्ष ) 1983 |
2:- ताजमहल=> आगरा उत्तरप्रदेश , 1983 |
3:- अजंता की गुफाएँ & एलोरा की गुफाएँ=> महाराष्ट्र , 1983 |
4:- सूर्य मन्दिर/ब्लैक पैगेडा=> कोर्णाक पुरी ओडिशा , 1984 |
5:- महाबलीपुरम् स्मारक=> तमिलनाडू , 1984 |
6:- गोवा के चर्च एवं कॉन्वेँट=> गोवा , 1986 |
7:- खजुराहो स्थित स्मारक समूह=> मध्यप्रदेश , चन्देल राजाओँ द्वारा , 1986 |
8:- हांपी स्थित स्मारक => बेल्लारी कर्नाटक 1986 |
9:- फतेहपुर सीकरी=> आगरा उत्तरप्रदेश , फतेहपुर सीकरी अकबर ने बसाया , 1986 |
2011 में मायावती सरकार ने 72825 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति का फरमान जारी किया था, लेकिन आखिरी समय में जारी किए इस फरमान पर सरकार बदलते ही मातम सा छा गया। 72825 पदों के लिए कई करोड़ खर्च करके अभ्यर्थियों ने फार्म भरे जिसे अखिलेश सरकार ने आते ही निरस्त कर दिया। मामला कोर्ट चला गया और लगभग 3 वर्ष हो गए यह नियुक्ति सरकार और कोर्ट के पचड़े में अब भी लटका हुआ दिख रहा है।
ReplyDeleteमायावती ने 72825 पदों पर टीईटी मेरिट के आधार पर नियुक्ति की मंशा जताई थी जिसके चलते लाखों अभ्यर्थियों ने फार्म भरे, लेकिन सरकार बदलते ही पैसे भी डूब गए और नियम भी बदल गए। यह और बात है कि टीईटी पास शिक्षकों ने अपना एक मोर्चा बनाया और अखिलेश सरकार के फरमान के खिलाफ कोर्ट की शरण में पहुंच गए। हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक सबने टीईटी संघर्ष मोर्चा के साथ सहमति दिखाते हुए पुराने नियम को बहाल किया। बावजूद इसके सपा सरकार नियुक्ति करने के बजाय रोज नए-नए नियम बनाकर इस नियुक्ति को लटकाने में लगी हुई है। अजीब विडम्बना है शिक्षकों ने आफ लाइन फार्म भरे, वह फार्म पूर्णतया सही भरे गए थे लेकिन जब उन्हीं फार्मों को आन लाइन किया गया तो सबके फार्मों में दो से तीन गल्तियां पाईं गईं। सारे अभ्यर्थी ऑन लाइन फार्म की स्थिति को देखकर परेशान हो गए। उनको यह समझ में नहीं आ रहा था कि जब फार्म में हमने सही भरा है तो ऑन लाइन में गल्ती कैसे हुई। प्रमाण के तौर पर लगभग सभी अभ्यर्थियों ने अपने आफ लाइन फार्म की फोटो कापी और उसमें लगाए गए ड्राफ्ट की फोटो कापी अपने पास रखे हुए थे। जब फार्म में गल्ती थी ही नहीं तो लगभग सभी अभ्यर्थियों के फार्म में यह गल्तियां कैसे हुईं और अगर हुई भीं तो इसके लिए जिम्मेदार कौन? जाहिरा तौर पर इसके लिए प्रदेश के डायट जिम्मेदार हैं, लेकिन डायटों की गल्ती का खामियाजा अभ्यर्थियों को बहुत तकलीफ के साथ भरना पड़ रहा है। यह विडम्बना ही है कि डायटों की गल्ती को आन लाइन दिखाया जा रहा है लेकिन उन गल्तियों को सही करने के लिए जो प्रत्यावेदन मांगा जा रहा है वह आफ लाइन मांगा जा रहा है। ऐसा क्यों है इसका जवाब न शिक्षा विभाग के पास है, न अखिलेश सरकार के पास।
ReplyDeleteयह भी नहीं पता कि जो भी प्रत्यावेदन भेजे जा रहे हैं उन प्रत्यावेदनों को फिर से आन लाइन करने में डायट कोई गल्ती नहीं करेगी। अगर फिर कोई गल्ती होती है तो उसका निस्तारण कैसे किया जायेगा। सरकार के फरमान कि आन लाइन गड़बडिय़ों को आफ लाइन मेथड से सही करें बड़ा हास्यास्पद लगता है। सरकार के इस फरमान से जहां एक तरफ प्रदेश के सभी पोस्ट आफिसों पर अफरा-तफरी का माहौल है वहीं बिना किसी गल्ती के प्रत्येक प्रत्यावेदन पर अभ्यर्थियों से 40 रुपए की ठगी की जा रही है।
अजीब है जब से यह नियुक्ति होने की बात हुई है तब से इन अभ्यर्थियों से दोनों सरकारों ने अरबों रुपए की ठगी कर ली है। ठगी करने वाला कोई और नहीं स्वयं प्रदेश की सरकारें हैं। कहते हैं न कि जब राजा ही ठग बन जाए तो जनता का बेड़ा गर्क होने से कौन रोक सकता है।
सरकारी खजाने के अरबों रुपए ऐसे अभ्यर्थियों के थे जिन्होंने नौकरी की आस में अपना जमीन बेचा तो कहीं काफी ब्याज पर उधार लिया। बावजूद इसके नियुक्ति के इस तरह से लटक जाने से कई गरीब अभ्यर्थियों ने आत्महत्या भी कर ली क्योंकि उन्हें यह डर सताने लगा था कि सरकार तो नौकरी देगी नहीं हमने जिनसे कर्ज लिया है वह कर्ज कैसे अदा होगा। इतना सबकुछ होने के बावजूद भी सरकार की कार्यशैली बेहद निराशाजनक है। सरकार के फरमान के अनुसार अभ्यर्थी प्रत्यावेदन तो कर रहे हैं, अपना पैसा भी लगा रहे हैं लेकिन यह अभ्यर्थी अभी भी निश्चिंत नहीं हो पाए हैं कि सपा सरकार उन्हें नौकरी दे पाएगी। अखिलेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी जिस तरह से धज्जियां उड़ाई हैं उससे सहज ही यह विश्वास करना संभव नहीं दिख रहा कि अभी भी इन अभ्यर्थियों को नौकरी मिल सकेगी।
ReplyDeleteबड़ा अजीब है सपा सरकार जबसे अस्तित्व में आई है तबसे जितनी भी नौकरियां अलग-अलग विभागों में निकलीं वह सारी नियुक्तियां फार्म भरने, पैसा जमा करने के बाद कानूनी पचड़े में फंस गईं। यह ऐसा एक ही मामला नहीं है लगभग बीसियों विभाग में कई हजार नौकरियां निकलीं, फार्म भी भरे गए, पैसे भी जमा किए गए लेकिन किसी भी विभाग में किसी भी अभ्यर्थी को नौकरी नसीब नहीं हुई। सरकार की मंशा क्या है यह समझ के परे है लेकिन यह भी सत्य है कि सरकार की मंशा को जनता भली भांति समझने लगी है।
ReplyDeleteनौकरियों की इस तरह की बंदरबांट का ही नतीजा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी को प्रदेश की 80 सीटों में से पांच पर ही जीत का मुंह देखना पड़ा। यह पांच सीटें भी सिर्फ परिवार के नेता ही जीते। सरकार को अब भी चेत जाना चाहिए क्योंकि जनता तो वही रहती है लेकिन सरकारें बदल जाती हैं और यही जनता सरकारें गिराती भी हैं और सरकारें बनाती भी हैं।
ReplyDeleteअब 72825 शिक्षकों के मामले में शिक्षा विभाग को इस बात का जवाब देना ही चाहिए कि जिन फार्मों को आनलाइन किया गया है उनमें हुई गल्तियां किसके कारण हुई और जब गल्तियां आनलाइन दिखाई जा रही हैं तो उसका प्रत्यावेदन आफलाइन क्यों किया जा रहा है। क्यों समय की बरबादी की जा रही है और साथ ही अभ्यर्थियों के पैसों के साथ क्यों खिलवाड़ हो रहा है। शिक्षा विभाग वर्तमान में भले ही इन सवालों से बच ले लेकिन भविष्य में यही सवाल समाजवादी पार्टी को पूर्णतया गर्त में ले जाएगी। लोकतंत्र में जनता के हितों के साथ इतना घटिया मजाक शायद कभी किसी राज्य में देखने को नहीं मिला होगा। अगर सरकार जनता से घटिया मजाक करेगी तो जनता भी समझदार है उसे भी यह पता है कि सरकार के साथ कैसे डील करना है। यह सबको पता है क्योँकि सरकारें पांच साल के लिए चुनी जाती हैं जीवन भर के लिए नहीं ।
ReplyDeleteपरत्यावेदन के लिए आन लाइन किए फार्म में लगभग सभी अभ्यर्थियों के फार्म को गलत बताया गया है। नतीजतन लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों के पोस्ट आफिसों पर रोज लंबी-लंबी कतारों में सुबह से ही अपना सारा काम छोड़कर ये सारे अभ्यर्थी महिला एवं पुरुष प्रत्यावेदन जमा करने में लगे हुए हैं। लखनऊ के जीपीओ का नजारा बड़ा ही भयावह दिख रहा है। जीपीओ में पहले दस खिड़कियों पर स्पीड पोस्ट की व्यवस्था थी लेकिन लोगों की संख्या को देखते हुए स्पीड पोस्ट की खिड़कियों को दस से बढ़ाकर बीस कर दिया गया। बावजूद इसके लोगों की भीड़ कम होती नहीं दिख रही। क्या दिन क्या रात चौबीसों घंटे जीपीओ में लंबी लाइन आपको दिख जाएगी। इन लाइनों में ऐसी महिलाएं भी हैं जिनके नवजात बच्चे हैं फिर भी नौकरी की आस में ये महिलाएं अपने बच्चों के साथ सुबह से ही लाइन में लग जाती हैं अपना प्रत्यावेदन जमा करने के लिए और उनका नंबर आते-आते अगले दिन की सुबह हो जा रही है। ऐसा नहीं है कि सरकार इस अफरा-तफरी को नहीं देख रही, लेकिन इस अफरा-तफरी को देखने के बाद भी गांधी जी के उस दूसरे बंदर की तरह बन जाती है जिसने अपनी आंख पर दोनों हाथ रख लिए और ये कहते हुए सुना जाता है कि कुछ भी मत देखो। सरकार का यह रवैया जनता को बहुत आहत कर रहा है।
ReplyDeleteमाननीय मुख्यमंत्री को खबर के माध्यम से यह एक इशारा दिया जा रहा है। बेहतर होगा कि अब भी संभल जाएं। अन्यथा भविष्य में सपा पार्टी को अंधकार में डूबने से कोई नहीं बचा सकता।
ReplyDeleteधन्यवाद जय टीइटी
एक बार पचास लोगों का ग्रुप
ReplyDeleteकिसी सेमीनार में हिस्सा ले रहा था।
सेमीनार शुरू हुए अभीकुछ ही मिनट बीते थे
कि- स्पीकर अचानक ही रुका और
सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे देते हुए
बोला , ”आप सभी को गुब्बारे पर इस
मार्कर से अपना नाम लिखना है।” सभी ने
ऐसा ही किया। अब गुब्बारों को एक दुसरे
कमरे में रख दिया गया।स्पीकर ने अब
सभी को एक साथ कमरे में जाकर पांच मिनट
के अंदर अपनानाम वाला गुब्बारा ढूंढने के
लिए कहा। सारे पार्टिसिपेंट्स तेजी से रूम में
घुसे और पागलों की तरह अपना नाम
वाला गुब्बारा ढूंढने लगे। पर इस अफरा-
तफरी मेंकिसी को भी अपने नाम
वाला गुब्बारा नहीं मिल पा रहा था… 5 पांच
मिनट बाद सभी को बाहर बुला लिया गया।
स्पीकर बोला , ” अरे! क्या हुआ , आप
सभी खाली हाथ क्यों हैं ?
क्या किसी को अपने नाम
वाला गुब्बारा नहीं मिला ?” "नहीं ! हमने
बहुत ढूंढा पर हमेशा किसी और के नाम
का ही गुब्बारा हाथ आया”, एक पार्टिसिपेंट
कुछ मायूस होते हुए बोला।“कोई बात नहीं ,
आप लोग एक बार फिर कमरे में जाइये , पर
इस बार जिसे जो भी गुब्बारा मिले उसे अपने
हाथ में ले और उस व्यक्ति का नाम पुकारे
जिसका नाम उसपर लिखा हुआ है।“, स्पीकर
ने निर्दश दिया।एक बार फिर
सभी पार्टिसिपेंट्स कमरे में गए, पर इस बार
सब शांत थे, और - कमरे में किसी तरह
की अफरा- तफरी नहीं मची हुई थी। सभी ने
एक दुसरे को उनके नाम के गुब्बारे दिए और
तीन मिनट में ही बाहर निकले आये। स्पीकर
ने गम्भीर होते हुए कहा ,” बिलकुल यही चीज
हमारे जीवन में भी हो रही है। हर कोई अपने
लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई मतलब
नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर
सकता है , वह तो बस पागलों की तरह
अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने
के बाद भी उसे कुछ
नहीं मिलता ,दोस्तों हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में
छिपी हुई है।
*Moral of the Story: जब तुम औरों को उनकी खुशियां देना सीख जाओगे
तो अपने आप ही तुम्हे तुम्हारी खुशियां मिल
जाएँगी। l
(1)- sabhi DIET Saturday aur sunday ko bhi khule rahenge.
ReplyDelete(2)- 15/07/2014 ki date nahi badhanewali hai.
(3)- jin logo ne purane format me prtyavedan(jisame 10 no. kramank pr phone no. kewal diya tha Tet ka anukramank nahi diya tha) bhej diya hai vo saathi kam se kam ye sunischit kr le ki ek jagah naye format me avedan awsay kr de.
(4)- yadyapi ye maukhik aswasan mila hai ki jo bhi 15 July tk jo bhi speed post kr dega use consider kr liya jayega pr aaj (12/07/2014)har halat me speed post kr de.
(5)-ek hi jagah do do baar prtyavedan de dene se koi haani nahi hogi.
(6)-kisi tarah ki afwah aur saswat nirashavadiyo k nakaratmak vicharo/posts/kathano/anumano/aropo ko darkinar kr UPTET SANGHARSH MORCHA pr visvas banaye rakhe.
UPTER SANGHARSH MORCHA aap sabhi k samoohik hito aur adhikaro ki raksha karane me abhi tk satat pryatnsheel raha hai aur aage bhi aap sabhi k visvas roopi poonji k bal pr aviraam pryatnsheel rahega.
Sabhi ko
Jay TET
अब आप लोग आओ मेरे साथ खाना वाना खा लो
ReplyDeleteलेकिन टैंसन मत लेना सब अब ठीक हो चुका है !
Thanks for inviting diner ,i have a problem please tell solve it badaun diet per name list me Mera nam nahi hai how to find please tell me me
ReplyDeleteMAZAAK TO IS BAAT KA HAI KI TAMAAM JADDOZAHAD KE BAAT HAM JO FORM BHARE JAA RAHE HAI WO SUPOREM COURT KA ANATARIM AADESH HAI. VISHESHGYON KE ANUSAAR 27% CASES ME INTERIM ORDERS BADAL DIVE JAATE HAI.
ReplyDeleteCOURT KA HAAL YE HAI KI EK MAAMALA PAANCH JAGAH CHAL RAHA HAI AUR WO INKE BAARE ME SUNANE KE LIYE EK JAGAH NAHI NIRDHAARIT KAR RAHE HAI. KHUD VIRODHABHASI NIRNAY DE RAHE HAI. AAKHIR KYA SOCHKAR 2012 B.Ed. WAALON KA MAAMALAA HIGHCOURT ME LE LIYA GAYA JABKI SUPREME CORT KA ANTARIM AADESH NIYUKTI KARNE KE LIYE KAHTA HAI.
DHYAAN RAHE DOSTON, HIGHCOURT NE NIYUKTI TET MERIT PAR KARNE KE LIYE ISLIYE NAHI KAHA HAI KYOKI YE ACHCHHA TARIKA HAI BALKI ISLIYE KAHA HAI KYONKI PICHHALI GOVERNMENT NE ISSE TET PAR KARNE KE LIYE VIGYAPTI JAARI KI THI.
HAMAARE SAATH TO MAZAAK PE MAZAAK KIYE JAA RAHA HAI. HO SAKTA KI COURT 72825 PAR STAY DE KE YAA APNA NIRNAY BADALKAR EK AUR MAZAAK KAR DE.
SACH BOL, SACH SOACH
HAME PURA BHAROSA THA KI 07 JULY KO COURT PRADESH SARKAAR KO KAM SE KAM FATKAAR TO JAROOR LAGAYEGI. LEKIN KYA HUA, 8 WEEKS KA TIME DE DIYA. KYA HAMARE LIYE YE KISI HAAR SE KAM NAHI THA.
ReplyDeleteKYA HAME AUR HAMAARE VAKILON KO NAHI MAALOOM THA KI SARKAR NE MERIT DECLARE KARKE SIRF APNE BACHAAO KA EK RASHTA KHOJA THA. TO PHIR KYO NAHI SARKAAR KO FATKAAR LAGAAYI GAYI.
SACH BOL,SACH SOACH
ReplyDeleteGOLU. . . . . . जी
ऐसी तकदीर हर इंसान की नहीं होती..!! बहुत नसीब वाले होते हैं वो...
जिन्हें कोई समेटने वाला हो...!!!!
110 TET LE KE BHI DAR LAG RAHA HAI KI HOGA KI NAHI. HOGA BHI TO KAHA HOGA. MIRZAPUR ME TO 26000 DIKHA RAHA HAI.JAB MALE/FEMALE AUR SCIENCE/ART DIVISION HOGA TO LAGTA HAI KI SHAAYAD KISI JAGAH SE CHANCE MIL JAAYE.
ReplyDeleteBHAGWAN MADAD KARE MERI AUR MERE JAISON KI.
SACH BOL, SACH SOACH
एक छोटा बच्चा अपने पड़ोस मे रहने वाली लड़की को उसके ब्वॉय फ्रेंड के
ReplyDeleteसाथ किश करते हुए देख लेता है. .
.
बच्चा : मुझे भी करने दो न ,वरना मैं आपके मम्मी पापा को बता दूँगा.
.
.
लड़की : ले यार तू भी कर ले.
.
.
बच्चा बहुत देर तक कोशिश करता रहा पर
लंबाई (height) कम रहने के कारण किश नही कर पाया, .
.
.
अंत मे बच्चा परेशान होकर बोला, .
.
.
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.
.
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.
.
“भाड मे जाए ऐसी दुनियादारी, जो काम गलत है वो हमेशा गलत ही होता है..
अब तो मैं जरूर बताऊंगा!
उसने देखा है
ReplyDeleteसोने की ईटो का
मिट्टी हो जाना
अक्सर वक़्त आने पर लोग
यूँ ही बदल जाते है......
नेकी से विमुख हो बदी करना निस्संदेह बुरा है...
ReplyDeleteमगर सामने मुस्काना और पीछे चुगली करना और भी बुरा है....
!
ReplyDelete!
!
थाली
!
!
का
!
!
बैगन
!
Sochana tha kabhi aisi dosti hogi,
.Sath mere aap jesi hasti hogi, ....
Jannat ki galiyo k khawab q dhekhu, Agar hum saare dost sath honge to nark me bhi masti hogi. ....
prtyavedan me science @ art ka collem nahi or na hi male female ka kahi government fasana to nhi chahti
ReplyDeleteAb dekhna hai ki gobarment humse iske liye fir se koi option na nikal de.
Breakup के दौरान
ReplyDeleteलड़की :- मुझे नया BOYfriend मिल गया है ,
वो तुमसे कही ज्यादा Smart, Intelligent
और Cute है . तुम उसके सामने कुछ
भी नहीं ..!
इसलिए जो मैंने तुम्हे
अपनी फोटो दी थी वो वापस कर देना ..
GIRLS Rock
.
.
.
.
.
.
.
.
.
लड़के ने 31 GIRLfriends की फोटो भेजी और
कहा -: डार्लिग मैं तुम्हारा चेहरा भूल
गया हूँ ... अपनी फोटो खुद select करके ले
लेना और बांकी मुझे बापस भेज देना
BOYS Double Rock ..
एक बार एक दरोगा जी का मुंह लगा नाई पूछ
ReplyDeleteबैठा -
"हुजूर पुलिस वाले रस्सी का साँप कैसे
बना देते हैं ?"
दरोगा जी बात को टाल गए।
लेकिन नाई ने जब दो-तीन
बार यही सवाल पूछा तो दरोगा जी ने मन
ही मन तय किया कि इस
को बताना ही पड़ेगा कि रस्सी का साँप कैसे
बनाते हैं !
लेकिन प्रत्यक्ष में नाई से बोले -
"अगली बार आऊंगा तब
बताऊंगा !"
इधर दरोगा जी के जाने के दो घंटे बाद ही 4
सिपाही नाई
की दुकान पर छापा मारने आ धमके -
"मुखबिर से पक्की खबर मिली है, तू हथियार
सप्लाई करता है। तलाशी लेनी है दूकान
की !"
तलाशी शुरू हुई ...
एक सिपाही ने नजर बचाकर
हड़प्पा की खुदाई से निकला जंग लगा हुआ
असलहा छुपा दिया !
दूकान का सामान उलटने-पलटने के बाद एक
सिपाही चिल्लाया - "ये रहा रिवाल्वर"
छापामारी अभियान की सफलता देख के नाई
के होश उड़ गए - "अरे साहब मैं इसके बारे में
कुछ नहीं जानता ।
आपके बड़े साहब भी मुझे अच्छी तरह
पहचानते हैं !"
एक सिपाही हड़काते हुए बोला -
"दरोगा जी का नाम लेकर बचना चाहता है ?
सब कुछ बता दे कि तेरे गैंग में कौन-कौन है ...
तेरा सरदार कौन है ... तूने कहाँ-कहाँ हथियार
सप्लाई किये ... कितनी जगह लूट-पाट की ...
तू अभी थाने चल !"
थाने में दरोगा साहेब को देखते ही नाई पैरों में
गिर पड़ा - "साहब बचा लो ... मैंने कुछ
नहीं किया !"
दरोगा ने नाई की तरफ देखा और फिर
सिपाहियों से पूछा - "क्या हुआ ?"
सिपाही ने वही जंग लगा असलहा दरोगा के
सामने पेश कर दिया - "सर जी मुखबिर से
पता चला था .. इसका गैंग है और हथियार
सप्लाई करता है.. इसकी दूकान से ही ये
रिवाल्वर मिली है !"
दरोगा सिपाही से - "तुम जाओ मैं पूछ-ताछ
करता हूँ !"
सिपाही के जाते ही दरोगा हमदर्दी से बोले -
"ये क्या किया तूने ?"
नाई घिघियाया - "सरकार मुझे बचा लो ... !"
दरोगा गंभीरता से बोला - "देख ये
जो सिपाही हैं न ...एक नंबर के कमीने हैं ...मैंने
अगर तुझे छोड़ दिया तो ये मेरी शिकायत
ऊपर अफसर से कर देंगे ...
इन कमीनो के मुंह में
हड्डी डालनी ही पड़ेगी ...
मैं तुझे अपनी गारंटी पर दो घंटे का समय
देता हूँ , जाकर किसी तरह बीस हजार
का इंतजाम कर ..
पांच - पांच हजार चारों सिपाहियों को दे
दूंगा तो मान जायेंगे !"
नाई रोता हुआ बोला - "हुजूर मैं गरीब
आदमी बीस हजार कहाँ से लाऊंगा ?"
दरोगा डांटते हुए बोला - "तू मेरा अपना है
इसलिए इतना सब कर रहा हूँ तेरी जगह कोई
और होता तो तू अब तक जेल पहुँच
गया होता ...जल्दी कर वरना बाद में मैं कोई
मदद नहीं कर पाऊंगा !"
नाई रोता - कलपता घर गया ... अम्मा के
कुछ चांदी के जेवर थे ...चौक में एक ज्वैलर्स
के यहाँ सारे जेवर बेचकर किसी तरह बीस
हजार लेकर थाने में पहुंचा और सहमते हुए
बीस हजार रुपये दरोगा जी को थमा दिए !
दरोजा जी ने रुपयों को संभालते हुए पूछा -
"कहाँ से लाया ये रुपया?"
नाई ने ज्वैलर्स के यहाँ जेवर बेचने की बात
बतायी तो दरोगा जी ने सिपाही से कहा -
"जीप निकाल और नाई को हथकड़ी लगा के
जीप में बैठा ले .. दबिश पे चलना है !"
पुलिस की जीप चौक में उसी ज्वैलर्स के
यहाँ रुकी !
दरोगा और दो सिपाही ज्वैलर्स की दूकान के
अन्दर पहुंचे ...
दरोगा ने पहुँचते ही ज्वैलर्स को रुआब में ले
लिया - "चोरी का माल खरीदने का धंधा कब
से कर रहे हो ?"
ज्वैलर्स सिटपिटाया -
"नहीं दरोगा जी आपको किसी ने गलत
जानकारी दी है!"
दरोगा ने डपटते हुए कहा - "चुप ~~~ बाहर
देख जीप में
हथकड़ी लगाए शातिर चोर बैठा है ... कई
साल से पुलिस को इसकी तलाश थी ... इसने
तेरे यहाँ जेवर बेचा है कि नहीं ? तू तो जेल
जाएगा ही .. साथ ही दूकान का सारा माल
भी जब्त होगा !"
ज्वैलर्स ने जैसे ही बाहर पुलिस जीप में
हथकड़ी पहले नाई को देखा तो उसके होश
उड़ गए,
तुरंत हाथ जोड़ लिए -
"दरोगा जी जरा मेरी बात सुन लीजिये!
कोने में ले जाकर मामला एक लाख में सेटल
हुआ !
दरोगा ने एक लाख की गड्डी जेब में
डाली और नाई ने जो गहने बेचे थे वो हासिल
किये फिर ज्वैलर्स को वार्निंग दी - "तुम
शरीफ आदमी हो और तुम्हारे खिलाफ
पहला मामला था इसलिए छोड़ रहा हूँ ... आगे
कोई शिकायत न मिले !"
इतना कहकर दरोगा जी और सिपाही जीप
पर बैठ के
रवाना हो गए !
थाने में दरोगा जी मुस्कुराते हुए पूछ रहे थे -
"तेरे को समझ में आया रस्सी का सांप कैसे
बनाते हैं !"
नाई सिर नवाते हुए बोला - "हाँ माई-बाप
समझ गया !"
दरोगा हँसते हुए बोला - "ले संभाल
अपनी अम्मा के गहने और एक हजार
रुपया और जाते-जाते याद कर ले ...
हम रस्सी का सांप ही नहीं बल्कि नेवला ..
अजगर ... मगर मच्छ सब बनाते हैं .. बस
आसामी बढ़िया होना चाहिए"।।
ReplyDeleteसुनो न कितनी झूठी हैं मौहब्बत की कसमें वसमें भी...
...
अब देखो न जुदाई में इत्तेफाक से..
तुम भी जिंदा हो हम भी जिंदा हूँ !!
आँखों की चिकित्सा- भाग 1 # Ayurved # आयुर्वेद
ReplyDeleteजिन की आंखे कमजोर हैं, जिन्हे नजदीक या दूर का चश्मा लगा हुआ है वह यह प्रयोग करे।
ये सभी प्रयोग अनेक बार आजमाए हुए व सुरक्षित हैं। किसी को भी कोई हानी नहीं होगी। लाभ किसी को कम व किसी को अधिक हो सकता है परंतु लाभ सभी को होगा। हो सकता है किसी का चश्मा न उतरे परंतु चश्मे का नंबर जरूर कम होगा। प्रयोग करने से सिर मे दर्द नहीं होगा। बाल दोबारा काले हो जाएगे। बाल झड़ने रूक जाएगे।
खाने की दवाई- गोरखमुंडी एक एसी औषधि है जो आंखो को जरूर शक्ति देती है। अनेक बार अनुभव किया है। आयुर्वेद मे गोरखमुंडी को रसायन कहा गया है। आयुर्वेद के अनुसार रसायन का अर्थ है वह औषधि जो शरीर को जवान बनाए रखे।
प्रयोग विधि- -
1- गोरखमुंडी का पौधा यदि यह कहीं मिल जाए तो इसे जड़ सहित उखाड़ ले। इसकी जड़ का चूर्ण बना कर आधा आधा चम्मच सुबह शाम दूध के साथ प्रयोग करे । इसका चित्र गुगुल पर देखे
2- बाकी के पौधे का पानी मिलाकर रस निकाल ले। इस रस से 25% अर्थात एक चौथाई घी लेकर पका ले। इतना पकाए कि केवल घी रह जाए। यह भी आंखो के लिए बहुत गुणकारी है।
3- बाजार मे साबुत पौधा या जड़ नहीं मिलती। केवल इसका फल मिलता है। वह प्रयोग करे। - प्रयोग विधि- 100 ग्राम गोरखमुंडी लाकर पीस ले। बहुत आसानी से पीस जाती है। इसमे 50 ग्राम गुड मिला ले। कुछ बूंद पानी मिलाकर मटर के आकार की गोली बना ले।
4- यह काम लौहे कि कड़ाही मे करना चाहिए । न मिले तो पीतल की ले। यदि वह भी न मिले तो एल्योमीनियम कि ले। जो अधिक गुणकारी बनाना चाहे तो ऐसे करे। 300 ग्राम गोरखमुंडी ले आए।लाकर पीस ले । 100 ग्राम छन कर रख ले। बाकी बची 200 ग्राम गोरखमुंडी को 500 ग्राम पानी मे उबाले। जब पानी लगभग 300 ग्राम बचे तब छान ले। साथ मे ठंडी होने पर दबा कर निचोड़ ले। इस पानी को मोटे तले कि कड़ाही मे डाले। उसमे 100 ग्राम गुड कूट कर मिलाकर धीमा धीमा पकाए। जब शहद के समान गाढ़ा हो जाए तब आग बंद कर दे। जब ठंडा जो जाए तो देखे कि काफी गाढ़ा हो गया है। यदि कम गाढ़ा हो तो थोड़ा सा और पका ले। फिर ठंडा होने पर इसमे 100 ग्राम बारीक पीसी हुई गोरखमुंडी डाल कर मिला ले। अब 50 ग्राम चीनी/मिश्री मे 10 ग्राम छोटी इलायची
मिलाकर पीस ले। छान ले। हाथ को जरा सा देशी घी लगा कर मटर के आकार कि गोली बना ले। गोली बना कर चीनी इलायची वाले पाउडर मे डाल दे ताकि गोली सुगंधित हो जाए। 3 दिन छाया मे सुखाकर प्रयोग करे। इलायची केवल खुशबू के लिए है। प्रयोग विधि – 1-1 गोली 2 समय गरम दूध से हल्के गरम पानी से दिन मे 2 बार ले। सर्दी आने पर 2-2 गोली ले सकते हैं। इसका चमत्कार आप प्रयोग करके ही अनुभव कर सकते हैं। आंखे तो ठीक होंगी है रात दिन परिश्रम करके भी थकावट महसूस नहीं होगी। कील, मुहाँसे, फुंसी, गुर्दे के रोग सिर के रोग सभी मे लाभ करेगी। जिनहे पेशाब कम आता है या शरीर के किसी हिस्से से खून गिरता है तो ठंडे पानी से दे। इतनी सुरक्षित है कि गर्भवती को भी दे सकते हैं। ध्यान रहे 2-4 दिन मे कोई लाभ नहीं होगा। लंबे समय तक ले । गोली को अच्छी तरह सूखा ले। अन्यथा अंदर से फफूंद लग जाएगी।
ध्यान रहे- ये पाचन शक्ति बढ़ाती है इसलिए भोजन समय पर खाए। चाय पी कर भूख खत्म न करे। चाय पीने से यह दवाई लाभ के स्थान पर हानि करेगी।
*गुरु के दर्शन*
ReplyDeleteएक बार गुरु नानक देव जी से किसी ने पूछा कि गुरु के दर्शन करने से क्या लाभ होता है?
गुरु जी ने कहा कि इस रास्ते पर चला जा, जो भी सब से पहले मिले उस से पूछ लेना|
वह व्यक्ति उस रास्ते पर गया तो उसे सब से पहले एक कौवा मिला, उसने कौवे से पूछा कि गुरु के दर्शन करने से क्या होता है?
उसके यह पूछते ही वह कौवा मर गया....
वह व्यक्ति वापिस गुरु जी के पास आया और सब हाल बताया...
अब गुरु ने कहा कि फलाने घर में एक गाय ने एक बछड़ा दिया है,उससे जाकर यह सवाल पूछो, वह आदमी वहां पहुंचा और बछड़े के आगे यही सवाल किया तो वह भी मर गया.....
वह आदमी भागा भागा गुरु जी के पास आया और सब बताया...
अब गुरु जी ने कहा कि फलाने घर में जा, वहां एक बच्चा पैदा हुआ है, उस से यही सवाल करना...
वह आदमी बोला के वह बच्चा भी मर गया तो?
गुरु जी ने कहा कि तेरे सवाल का जवाब वही देगा...
अब वह आदमी उस घर में गया और जब बच्चे के पास कोई ना था तो उसने पूछा कि गुरु के दर्शन करने से क्या लाभ होता है?
वह बच्चा बोला कि मैंने खुद तो नहीं किये लेकिन तू जब पहली बार गुरु जी के दर्शन करके मेरे पास आया तो मुझे कौवे की योनी से मुक्ति मिली और बछड़े का जन्म मिला....
तू दूसरी बार गुरु के दर्शन करके मेरे पास आया तो मुझे बछड़े से इंसान का जन्म मिला....
सो इतना बड़ा हो सकता है गुरुके दर्शन करने का फल, फिर चाहे वो दर्शन आंतरिक हो या बाहरी......
ऐ सतगुरू मेरे...नज़रों को कुछ ऐसी खुदाई दे...जिधर देखूँ उधर तू ही दिखाई दे...कर दे ऐसी कृपा आज इस दास पे कि...जब भी बैठूँ सिमरन में..."सतगुरू" तू ही दिखाई दे...!!
जय गुरु देव....♡♡♡♡♡♡
प्रायः निम्नलिखित कारणों से नेत्ररोग उत्पन्न होते हैं -
ReplyDelete(१) मल, मूत्र अपानवायु के वेगों को रोकना ।
(२) प्रातः और सायं दोनों समय शौच न जाना ।
(३) सूर्योदय के पश्चात् शौच जाना ।
(४) मूत्र में प्रतिविम्ब देखना ।
(५) गर्मी वा धूप से संतप्त (गर्म) होकर तुरन्त ही शीतल जल में घुसना ।
(६) उष्ण वा गन्दे जल में स्नान करना वा उष्ण (गर्म) जल सिर पर डालना ।
(७) अग्नि का अधिक सेवन तथा उसके पास बैठना वा अग्नि पर पैर तलवे आदि सेकना ।
(८) नेत्रों में धूल वा धुंआं जाना ।
(९) नींद आने पर वा समय पर न सोना वा दिन में सोना ।
(१०) सूर्य के उदय और अस्त होते समय सोना ।
(११) धूल, धुएं के स्थान वा अधिक उष्ण प्रदेशों में रहना वा सोना ।
(१२) वमन (उल्टी) का वेग रोकना वा अधिक वमन करना ।
(१३) शोक, चिन्ता और क्रोधजन्य कष्ट और सन्ताप ।
(१४) अधिक वा बहुत दिनों तक रोना ।
(१५) माथा, सिर अथवा चक्षुओं पर चोट आदि लगना ।
(१६) अधिक उपवास करना, भूखा रहना वा भूख को रोकना ।
(१७) अत्यन्त शीघ्रगामी (चलने वाले) यानों पर सवारी करना वा बैठना ।
(१८) अधिक खट्टे रसों (इमली आदि), चपरे (लाल मिर्च आदि), शुष्क पदार्थ (आलू आदि), अचार, तेल के पदार्थ, गर्म मसाले, गुड़, शक्कर, लहसुन, प्याज, बैंगन आदि उष्ण पदार्थों का सेवन ।
(१९) पतले पदार्थों को अधिक खाना अथवा गले, सड़े, दुर्गन्धयुक्त शाक, सब्जी और फल खाना ।
(२०) मांस, मछली, अण्डे आदि अभक्ष्य पदार्थों को खाना ।
(२१) मद्य (शराब), सिगरेट, हुक्का, बीड़ी, चाय, पान, भांग आदि मादक
(२३) छोटे-छोटे अक्षरों की वा अंग्रेजी भाषा की पुस्तकें रात्रि वा दिन में भी अधिक पढ़ना ।
(२४) सूर्य उदय व अस्त होते समय पढ़ना ।
(२५) सूर्यास्त के बाद बिना दीपक आदि के प्रकाश के पढ़ना अथवा सूई से सीना आदि बारीक कार्य करना ।
(२६) चन्द्रमा के प्रकाश में पढ़ना अथवा कपड़े आदि सीने का बारीक काम करना ।
(२७) रात्रि में लिखाई का काम करना ।
(२८) फैशन के कारण (सुन्दर बनने के लिए) आंखों पर नयनक वा चश्मे धारण करना ।
(२९) दुखती हुई आंखों से पढ़ना और सूर्य की ओर देखना ।
(३०) सुलाने के लिए बच्चों को अफीम खिलाना ।
(३१) बिजली, बैट्री, अग्नि, पानी, शीशे की चमक को देखना ।
(३२) सूर्य के प्रतिबिम्ब को शीशे में देखना ।
(३३) अधिक भोजन करना ।
(३४) जुराब पहनकर या बन्द मकान में सोना ।
(३५) दुखती हुई आंखों में चने चबाना अथवा अग्नि के सम्मुख बैठना वा देखना, धूल व धूएं में तथा धूप में (हल आदि का) कठिन काम करना ।
(३६) सूर्यग्रहण के समय सूर्य की ओर देखना ।
(३७) इन्द्रधनुष की ओर देखना ।
(३८) ऋतुओं और अपनी प्रकृति के प्रतिकूल आहार वयवहार (भोजन-छादन) करना ।
गृहस्थ ध्यान से पढ़ें
(३९) दुखती हुई आंखों में विषय भोग (वीर्यनाश) करने से आंखें सदा के लिए बिगड़ जाती हैं । यहां तक कि अन्धा हो जाने तक का भय है ।
(४०) रजस्वला स्त्री के शीशे में मुख देखने तथा आंखों में सुर्मा, स्याही, अञ्जन आदि डालने से अन्धा बालक उत्पन्न होता है ।
(४१) गर्भवती स्त्री के उष्ण, चरपरे, शुष्क, मादक (नशीले) पदार्थों के सेवन तथा विषयभोग से उत्पन्न होने वाले बालक की आंखें बहुत दुखती हैं तथा उसे अन्य रोग भी हो जाते हैं ।
४. नेत्र-रक्षा के साधन
यदि आंखों से प्यार है तो पूर्वलिखित निषिद्ध आहार व्यवहार से सदैव बचे रहो तथा निम्नलिखित नेत्र-रक्षा के उपायों (साधनों) का श्रद्धा से सेवन करो । प्रत्येक उपाय हितकर है किन्तु यदि सभी उपायों का एक साथ प्रयोग करें तो सोने पर सुहागा है ।
चक्षु स्नान
प्रातःकाल चार बजे उठकर ईश्वर का चिन्तन करो । फिर शुद्ध जल, जो ताजा और वस्त्र से छना हुआहो, लेकर इससे मुख को इतना भर लो कि उसमें और जल न आ सके अर्थात् पूरा भर लो । इस जल को मुख में ही रखना
है, साथ ही दूसरे शुद्ध जल से दोनों आंखों में बार-बार छींटे दो जिससे रात्रि में शयन समय जो मैल अथवा उष्णता आंखों में आ जाती है वह सर्वथा दूर हो जाय । इस प्रकार इस क्रिया से अन्दर और बाहर दोनों ओर से चक्षु इन्द्रिय को ठंडक पहुंचती है । निरर्थक मल और उष्णता दूर होकर दृष्टि बढ़ती है । इस क्रिया को प्रतिदिन करना चाहिये ।
उषः पान
इसके पश्चात् कुल्ली करके मुख नाक आदि को साफ कर लो और नाक के एक वा दोनों छिद्रों द्वारा ही आठ दस घूंट जल पी लो और लघुशंका करके शौच चले जाओ । नाक के द्वारा जल पीने से जहां अजीर्ण (कोष्ठबद्धता) दूर होकर शौच साफ होता है वहां यह क्रिया अर्श (बवासीर), प्रमेह, प्रतिश्याय (जुकाम) आदि रोगों से बचाती और आंखों की ज्योति को बढ़ाती है ।
अन्य उपाय सं० १
ReplyDelete(१) शौच प्रतिदिन दूर जंगल में प्रातःकाल ब्राह्ममुहूर्त में नंगे पैर (बिना जूते पहने) जाओ । भ्रमण वा शौच के समय जूता, जुराब, खड़ाऊं और चप्पल आदि कुछ भी न पहनो । शीत, ग्रीष्म, वर्षा सभी ऋतुओं में नंगे पैरों भ्रमण करने से सब प्रकार के नेत्ररोग नष्ट होकर नेत्रज्योति बढ़ती है । किन्तु भ्रमण से अभिप्राय गन्दी गलियों से नहीं है । भ्रमण का स्थान शुद्ध हो । नंगे पैर ओस पड़ी हुई घास पर घूमना तो अत्यन्त ही लाभदायक है । सायंकाल सूर्यास्त के पश्चात् भी नंगे पैर जंगल में भ्रमण करना आंखों के लिए लाभदायक है ।
(२) प्रातःकाल और सायंकाल हरी घास देखो । फसल, वृक्षों तथा पादपों को देखने से चक्षुदृष्टि बढ़ती है । हरे भरे उद्यानों में यदि कोई दुखती हुई आंखों में भी भ्रमण करे तो उनमें भी लाभ होता है । हरी वस्तुओं को देखने से चक्षुविकार नष्ट होकर नेत्रज्योति बढ़ती है यह बात साधारण लोग भी जानते हैं । प्राचीन महर्षियों की यह बात कितनी रहस्यपूर्ण है ! ब्रह्मचारी के लिए प्रत्येक ऋतु में नंगे सिर रहना यही सिद्ध करता है कि प्रकृति माता की गोद में ब्रह्मचारी के
सब अंग-प्रत्यंगों की, सब ज्ञानेन्द्रियोंऔर कर्मेन्द्रियों की स्वाभाविक दृष्टि (उन्नति) होकर वह आजीवन रोगरहित और स्वस्थ रहे ।
दन्तधावन
शौच से निवृत होकर दातुन अवश्य करो । यही नहीं कि दातुन से दांत ही निर्मल, दृढ़ और स्वस्थ होते हैं अपितु प्रतिदिन दन्तधावन करनेवालों की आंखें सौ वर्ष तक रोगरहित रहती हैं । जब मुख में दातुन डालकर मुख साफ करते हैं तो उसी समय आंखों में से जल के रूप में मल निकलता है जिससे आंखों की ज्योति बढ़ती है ।
चक्षुधावन
दातुन के पश्चात् कुल्ला करके एक खुले मुंह का जलपात्र लें और उसको ऊपर तक शुद्ध जल में भर लें । उसमें अपनी दोनों आंखों को डुबोवें और बार-बार आंखों को जल के अन्दर खोलें और बन्द करें । इस प्रकार कुछ देर तक चक्षुस्नान करने से आंखों को बहुत ही लाभ होगा । इस चक्षुस्नान की क्रिया को किसी शुद्ध और निर्मल जल वाले सरोवर में भी किया जा सकता है । यह ध्यान रहे कि मिट्टी, धूल आदि मिले हुए जल में यह क्रिया कभी न करें, नहीं तो लाभ के स्थान पर हानि ही होगी ।
जलनेति सं० १
ReplyDeleteशुद्ध, शीतल और ताजा जल लेकर शनैः शनैः नासिका के दोनों द्वारों से पीयें और मुंह से निकाल दें । दो-चार बार इस क्रिया को करके नाक और मुंह को साफ कर लो ।
जलनेति सं० २
किसी तूतरीवाले (टूटीदार) पात्र में जल लें और टूटी को बायें नाक में लगायें । बायें नाक को थोड़ा सा ऊपर को कर लें और दायें को नीचे को झुकायें और मुख से श्वास लें । बायें नासिका द्वार में डाला हुआ जल दक्षिण नासिका
के छिद्र से स्वयं निकलेगा । इसी प्रकार दायें नाक में डालकर बायें से निकालो । यह ध्यान रहे कि बासी और शीतल जल से नेति कभी न करें । उष्ण जल का भी प्रयोग नेति में कभी न करें । आरम्भ में इस क्रिया को थोड़ी देर करो, फिर शनैः शनैः बढ़ाते चले जाओ । यह क्रिया आंखों की ज्योति के लिये इतनी लाभदायक है कि इसका निरन्तर श्रद्धापूर्वक दीर्घकाल तक अभ्यास करने से ऐनकों की आवश्यकता नहीं रहती । चश्मे उतारकर फेंक दिये जाते हैं । कोई सुरमा, अंजन आदि औषध इससे अधिक लाभदायक नहीं । जहां यह क्रिया चक्षुओं के लिए अमृत संजीवनी है, वहां यह प्रतिश्याय (जुकाम) को भी दूर भगा देती है । जो भी इसे जितनी श्रद्धापूर्वक करेगा उतना ही लाभ उठायेगा और ऋषियों के गुण गायेगा ।
जलनेति से किसी प्रकार की हानि नहीं होती । यह मस्तिष्क की उष्णता और शुष्कता को भी दूर करती है । सूत्रनेति (धागे से नेति करना) शुष्कता लाती है किन्तु जलनेति से शुष्कता दूर होती है । सूत्रनेति इतनी लाभदायक नहीं जितनी कि जलनेति । जलनेति से तो मस्तिष्क अत्यन्त शुद्ध, निर्मल और हल्का हो जाता है । इससे और भी अनेक लाभ हैं ।
जलनेति सं० ३
ReplyDeleteजलनेति का एक दूसरा प्रकार भी है –
मुख को जल से पूर्ण भर लो और खड़े होकर सिर को थोड़ा सा आगे झुकाओ और शनैः शनैः नासिका द्वारा श्वास को बाहर निकालो । वायु के साथ जल भी नाक के द्वारा निकलने लगेगा । जिह्वा के द्वारा भी थोड़ा सा जल को धक्का दें । इस प्रकार अभ्यास से जल दो-चार दिन में नाक से निकलने लगेगा । इस क्रिया से भी उपरोक्त जलनेति वाले सारे लाभ होंगे । किसी प्रकार का मल भी मस्तिष्क में न रहेगा । आंखों के सब प्रकार के रोग दूर होकर ज्योति दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली जावेगी । इसके पश्चात् शुद्ध शीतल जल से
स्नान करें । पहले जल सिर पर डालें । जब सिर खूब भीग जाय तो फिर अन्य अंगों पर डालें । नदी में स्नान करना हो तो भी पहले सिर धो लें ।
अन्य उपाय सं० २
(१) स्नान के समय सिर से पहले पैरों को शीतल जल से कभी न धोवो । यदि स्नान करते समय पांवों को पहले भिगोवोगे तो नीचे की उष्णता मस्तिष्क में चढ़ जायेगी । यह ध्यान रक्खो कि सदैव शीतल जल से स्नान करो और सिर पर शीतल जल खूब डालो । यदि दुर्भाग्यवश रुग्णावस्था में उष्ण जल से नहाना पड़े तो पहले पैरों पर डालो । सिर को ठंडे जल से ही धोवो । नाभि के नीचे मसाने और मूत्रेन्द्रिय पर भी उष्ण जल कभी मत डालो
(२) सिर में किसी प्रकार का मैल न रहने पाये ।
ReplyDelete(३) निरर्थक फैशन के पागलपन में सिर पर बड़े-बड़े बाल न रक्खो । इनमें धूल आदि मैल जम जाता है और स्नान भी भली-भांति नहीं हो सकता । बालों से मस्तिष्क, बुद्धि और आंखें खराब होती हैं । उष्ण प्रदेश और उष्णकाल में बाल अत्यन्त हानिकारक हैं । अतः इस बला से बचे रहो जिससे कि स्नान का लाभ शरीर और चक्षुओं को पूर्णतया पहुंच सके ।
(४) शुद्ध सरोवर वा नदी में नहाने वा तैरने से भी चक्षुओं को बड़ा ही लाभ होता है । स्नान का स्नान और व्यायाम का व्यायाम । पर्याप्त समय शुद्ध जल में प्रतिदिन तैरने से चक्षु और वीर्यसम्बन्धी सभी रोग दूर हो जाते हैं । तैरने के समय चक्षुस्नान के लिए भी बड़ी सुविधा है । किन्तु जल निर्मल हो । यदि नदी और सरोवर सुलभ न हो तो कूप पर पर्याप्त जल से शीतकाल में न्यून से न्यून एक बार और उष्ण ऋतु में दो बार अवश्य स्नान करो । जल के निकालने और बर्तने में आलस्य और लोभ न करो । जल की महिमा वेद भगवान् ने भी खूब गाई है -
अप्स्वन्तरमृतमप्सु भेजसम्
-अथर्ववेद १।४।४
जल में अमृत और औषध है इसीलिए तो जल का नाम जीवन भी है ।
ReplyDeleteयदि प्रभु-प्रदत्त इस जलरूपी अमृत और औषध का सदुपयोग करोगे तो अनेक प्रकार के लाभ उठाओगे और सब प्रकार से स्वस्थ और रोगमुक्त हो जावोगे ।
(५) सदैव खूब रगड़-रगड़कर घर्षण स्नान करना चाहिए । पैरों और पैरों के तलवों को खूब धोना और साफ करना चाहिए । पैरों के ऊपर नीचे तलवों पर तथा उंगलियों पर किसी प्रकार का मैल न लगा रहे ।
(६) पैरों को साफ रखने से आंखों की ज्योति बढ़ती और रोग दूर होते हैं । विशेषतया इसके साथ कभी-कभी सप्ताह में एक-दो बार पैरों के तलवों की शुद्ध सरसों के तेल से मालिश करना चक्षुओं के लिए बड़ा हितकर है ।
(७) जब कभी तेल की मालिश की जावे तो उस समय शिर और पैर के तलवों की मालिश अवश्य करें ।
(८) प्रतिदिन सोते समय सरसों का तेल थोड़ा गर्म करके एक दो बूंद कानों में डालने से आंखों को बहुत ही लाभ पहुंचता है तथा आंखें कभी नहीं दुखती, साथ ही कानों को लाभ होता है ।
व्यायाम और ब्रह्मचर्य
प्रतिदिन व्यायाम करने से भोजन ठीक पचता है और मलबद्ध (कब्ज) कभी नहीं होता । वीर्य शरीर का अंग बन जाता है जो नष्ट नहीं होता और वीर्य ही सारे शरीर और विशेषतया ज्ञानेन्द्रियोंको शक्ति देता है । जब व्यायाम से वीर्य की गति ऊर्ध्व हो जाती है और वह मस्तिष्क में पहुंच जाता है तब चक्षु आदि इन्द्रियों को निरन्तर शक्ति प्रदान करता है और स्वस्थ रखता है । वैसे तो ब्रह्मचर्य सभी लोगों के लिए परमौषध है जैसा कि परम वैद्य महर्षि धन्वन्तरि जी ने कहा भी है –
मृत्युव्याधिजरनाशि पीयूषं प्रमौषधम् ॥
ब्रह्मचर्यं महद्यरत्नं सत्यमेव वदाम्यहम् ॥
किन्तु आंखों के लिये तो ब्रह्मचर्य पालन ऐसा ही है जैसा कि दीपक के लिए तेल । जैसे तेल के अभाव में दीपक बुझ जाता है वैसे ही वीर्यरूपी तेल के अभाव वा नाश से नेत्ररूपी दीपक बुझ जाते हैं । वीर्यनाश का प्रभाव सर्वप्रथम नेत्रों पर ही पड़ता है । वीर्यनाश करने वालों की आंखें अन्दर को धंस जाती हैं
और उसे उठते-बैठते अंधेरी आती है । आंखों के चारों ओर तथा मुख पर काले-काले धब्बे हो जाते हैं । आंखों का तेज वीर्य के साथ-साथ बाहर निकल जाता है । वीर्यरक्षा के बिना चक्षुरक्षा के अन्य सब साधन व्यर्थ ही हैं । अतः जिसे अपने आंखों से प्यार है वह कभी भूलकर भी किसी भी अवस्था में वीर्य का नाश नहीं करता और वीर्यरक्षा के लिये नियमपूर्वक अन्य साधनों के साथ-साथ प्रतिदिन व्यायाम भी करता है ।
वैसे तो वीर्यरक्षा तथा आंखों के लिये सब प्रकार के व्यायाम से लाभ पहुंचता है परन्तु शीर्षासन, वृक्षासन, मयूरचाल, सर्वांगासन तो वीर्यरक्षा में परम सहायक तथा आंखों के लिये सब प्रकार के व्यायामों में मुख्य हैं तथा आंखों के लिये गुणकारी हैं
मैं बड़ो कि इज़्जत इसलिए करता हूँ
ReplyDeleteक्यूंकि उनकी अच्छाइयां मुझसे ज़्यादा है
और
छोटो से प्यार इसलिए करता हूँ,
क्यूंकि उनके गुनाह मुझसे कम है!!
निष्कर्ष यह है कि विद्यार्थी आदि मस्तिष्क से काम करने वाले लोगों को शीर्षासनादि व्यायाम से
ReplyDeleteजहां अनेक लाभ होते हैं वहां उनकी आंखों के रोग और विकार दूर होते हैं । अतः चक्षुप्रेमियों को प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए ।
अन्य उपाय सं० ३
(१) भोजन से पूर्व हाथ, पैर और सिर धोने से चक्षुओं को लाभ पहुंचता है ।
(२) भोजन के पश्चात् कुल्ला करके हाथ धोकर गीले हाथ आंखों और सिर
पर फेरने से आंखों को लाभ पहुंचता है । (५) सदैव सीधे बैठकर ही पढ़ो । पुस्तक को पढ़ते समय अपने हाथ में आंखों से एक फुट दूर रखो । भूमि वा ऐसे स्थान पर पुस्तक को कभी न रखो जिससे आपको झुकना पड़े । लिखने वा पढ़ने का कार्य कभी झुककर न करो । झुककर लिखने और पढ़ने से आंखें और फेफड़े दोनों ही खराब होते हैं ।
७) रात्रि में दस बजे से पहले सो जाओ । यदि परीक्षा के कारण ज्यादा पढ़ना ही पड़े तो प्रातः तीन वा चार बजे उठकर पढ़ो ।
(८) रात्रि में देर तक पढ़ते रहना और प्रातःकाल देर तक सोते रहना दोनों ही आंखों के लिए अत्यन्त हानिकारक हैं ।
""::::: TU BHI Aaine ki tarah bewafa nikla ,,,,,
ReplyDeleteJisne bhi dekha usi ka ho gaya...!!!!!!
हमारी दुआ का असर
ReplyDelete-राजु को दुआ दिये "सदा मुस्कुराते रहो"
(आज वो पागलखाने में है)
- पप्पु को दुआ दिये "दुनिया तेरे इशारे पर
चले"
(आज वो ट्रैफ़िक हवलदार है)
- रामु को दुआ दिये "तुम्हारे ज़िंदगी में
सदा फ़ुल खिलते रहे"
(आज वो स्कुल में माली है)
- बबलु को दुआ दिये "सदा चमकते रहो"
(आज उसके सर पर एक बाल नहीं है)
- पिंकी को दुआ दिये "हमेशा दुसरो के दुःख
दर्द दुर करो"
(आज वो हास्पिटल में नर्स है)
अब आप सबके लिये दुआ करने का इरादा है!
अगर कुछ खास दुआ करनी हो तो बता दे !!
EATH MEIN DHADLI KI SAMBHAWNA ....HO CHUKI H JAMIN TAIYYR............................KYKI WAHAN KE DATA KO JANKAR DISTRB KIYA GYA JISSE AP WAHAN K FORM CORRECTION H N KARA PAYE..........AUR WAHAN KI DETAIL SHOW HI NA HO PAYE...AUR WAHAN DUR RHNEWALON K FORM HI NA PHUNCH PAYE.....AGAR YAHAN KISI K DATA OPEN HUA HO TO FULL CHANCE H KI 83 MAIN OBC KA AUR 90 WALON KA BHI GENRAL TAK KA YAHAN HO SAKTA H KYKI MUJHE LAGTA H YAHAN SETTING KI GYI H AUR DATE OF BIRTH SAME H AUR FATHER NAE KI DETAIL BI MISS H ISKA MATLB H YHAN TAK KISI KA FORM NHI PHUNCH PAYEGA ...ADMIN PLS IS MATTR KO DHYAN SE DEKH ISKA SHORTOUT KRAYEN JALD SE JALD.....PLS YE SBKE LYE NEWS HAI ...DYAN DIJYE.....
ReplyDeleteनमस्कार साथियों,
ReplyDeleteसीतापुर की डाटा को देखकर घबराये
लोगो के लिए विशेष,
ये जो डाटा है, इसमें सभी फॉर्म
शामिल है, कोई फॉर्म रिजेक्ट
नही किया गया है, कुल आये आवेदन
का रिकॉर्ड है, कुछ पॉइंट्स पर ध्यान
रखे,
१. ऐसे लोग जो टेट २०११ पास कर चुके थे,
लेकिन उनके पास तब तक बी.एड.
नही थी या फिर रिजल्ट
नही आया था, वो सब लोग बाहर रहेंगे,
क्योंकि आवेदन में साफ़ है
कि विज्ञापन की अंतिम तारीख तक
सभी प्रमाणपत्र पूर्ण होने चाहिए,
२. ऐसे लोग जो २००४ तथा २००८ के बेंच के
बी टी सी और वि. बी टी सी है
जो अपनी वास्तविक नियुक्ति २०१२ में
पाये है, वो अब क्यों शामिल होंगे ऐसे
लगभग १० से १२ हजार लोग है,
३. प्रशिक्षित स्नातक तथा राजकीय
विद्यालयो में लगभग १६६० और ३०००
लोग नियुक्त हो चुके वो भी इन आवेदन
से बाहर रहेंगे,
४. ऐसे और भी बहुत से साथी है
जो वास्तव किसी अन्य जगह नियुक्त है
तो वो भी नही आयेंगे,
५. और फिर विज्ञान वर्ग
कि तो २९३३४ सीट भर जाने पर
तो देखना होगा कि मेरिट
कितनी नीची जायेगी, चिंता ना करे
आंकड़े और किस्मत कब बदल जाये
पता नही चलता है, खुश रहे, देखना कितने
लोगो को खुशी मिलने वाली है, मेरिट
बहुत लो रहेगी,
'जय हो,,,
प्राँप्त जानकारी के अनुसार कल शिक्षा शत्रुओ की काऊसलिँग हैँ
ReplyDeleteमेँ गाँजी और शाही को खुला चैलेँज करता हु काऊसलिँग तो करा लो गे लेकीन न्युक्ती पंत्र टेट के बाद मिलेगा ।
तुम लोग खुश हो की स्टे नहीँ मिला तो ये जान लो ये रणनीत का एक हिस्सा था
तरस आता है आज की युवा पीढ़ी की बुद्धिमत्ता पर जो अपने अच्छे भले के विषय में सोचने में पूर्णतया अक्षम है और दूसरों के बहकावे में आकर गलत दिशा में भटक रहे हैं आज हमारे कुछ बीटीसी प्रशिक्षु साथी जो ये सोचकर शिक्षामित्रों का समायोजन रोकना चाहते हैं कि शिक्षामित्रों का समायोजन रुक जाने से प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापको की जगह रिक्त होगी जिसपर उनकी नियुक्ति हो जाएगी तो यहाँ पर एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि प्रदेश सरकार और प्राइमरी स्कूलों से सम्बंधित तमाम सरकारी संस्थाओं द्वारा शिक्षामित्रों को प्राइमरी स्कूलों की कुल रिक्तियो के सापेक्षं अध्यापक+शिक्षामित्र-कुल रिक्त पद= शेष पद की गणना की जाती है तो ऐसे में समायोजित न होने की दशा में भी हम प्रशिक्षित संविदा शिक्षक के रूप में कार्य करते रहेंगे और हमारे स्थान आपके लिए रिक्त नही होंगे।।।।।।
ReplyDeleteदूसरी स्थिति यह है कि चलो मान लेते हैं कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रो के लिए टेट अनिवार्य कर दिया जाता है और उस दशा में राज्य सरकार शिक्षामित्रों को विभागीय टेट कराकर नियुक्ति दे देती है तब आप क्या करेंगे..????
ReplyDeleteजिन लोगों ने अभी तक प्रत्यावेदन नहीं किया है वो अपने भविष्य के स्वयं जिम्मेदार होंगे।
ReplyDeleteआज मैं एक लड़के से मिला वो साइबर कैफे से फार्म निकाल रहा था,मैंने कहा अभी तक सो रहे थे उसका जवाब था यार डेट अभी बढ़ेगी, अभी बहुत लोगों का बाकी है, यार ये क्या मजाक बना रखे हैं कुछ लोग, अगर आप डाक आफिस में लाइन लगाते और ज्यादा भीड़ की वजह से आपका फार्म पोस्ट न हो पाता उसके लिए समय बढ़ाना उचित भी हो लेकिन जो नालायक अभी तक फार्म का प्रिंट तक नहीं लिए हैं उनके लिए समय बढ़ाना बहुत गलत होगा।
मुझे जहाँ तक उम्मीद है जो लोग तीन चार दिनों से प्रयास कर रहे होंगे उनका फार्म पोस्ट हो गया होगा या पहुंच गया होगा।
ReplyDeleteअब इन आलसियों के लिए एक दिन का भी समय नहीं बढ़ाना चाहिए। अगर एक सप्ताह का समय बढ़ा भी दिया जाए तो भी इन लोगों का जमा होना रह जाएगा।
इसलिए आप लोगो को एक मशविरा देता हूँ कि आप लोग शिक्षामित्रों का समयोजन रोकने के स्थान पर न्यायालय में इस सन्दर्भ में याचिका डालें कि निजी संस्थानों द्वारा बीटीसी प्रशिक्षण कराये जाने पर रोक लगे अन्यथा आने वाले समय में बीटीसी प्रशिक्षुओं की भी वही हालत होने वाली है जो आज बीएड साथियों की है।।।।।
ReplyDeleteबंता : संता सिंह जी!..ये खड्डा किसलिए खोदा जा रहा है?"
ReplyDeleteसंता : ओ!..कुछ नहीं जी मुझे अमेरिका जाना है ना...इसलिए"
बंता : अमेरिका जाने के लिए खड्डा खोदना जरूरी है ?
संता : ओ!..कर दी ना तूने सरदारों वाली गल्ल. बेवाकूफ पॉसपोर्ट बनवाने के लिए फोटो चाहिए होती है कि नहीं?
बंता : फोटो तो चाहिए होती है लेकिन...फोटो से खड्डे का क्या कनैक्शन है?
संता : अरे बेवाकूफ! पॉसपोर्ट फोटो में कमर के ऊपर का हिस्सा आना चाहिए... इसलिए कमर तक गहरे खड्डे खोद रहा हूँ ताकि नीचे का हिस्सा कैमरे में न आए
बंता : लेकिन यहाँ तो आप आलरैडी तीन खड्डे पहले ही खोद चुके हो...फिर ये चौथा क्यों?
संता : बेवाकूफ पॉसपोर्ट में चार फोटो लगानी पडती हैँ...
MAHA-MOORKH GOVT. KE MAHA-MOORKH ADHIKAARIYO KA EK NAYA FARMAAN READ KARE ....
ReplyDelete• अभ्यर्थी वेबसाइट http:// 164.100.181.234और http:// 164.100.181.141से अपने आवेदित जनपद का डेटा डाउनलोड कर लें, तथा अपनी कम्प्यूटर ID नोट कर लें । तत्पश्चात वेबसाइट http:// 164.100.181.130या http:// upbasiceduboard. gov.inपर जा कर अपनी कंप्यूटर ID डाल कर अपने प्रत्यावेदन का प्रिंट लें । अभ्यर्थी अपना प्रत्यावेदन स्वयं भरें और इसके साथ अभिलेखों की छायाप्रति संलग्न करें । अभ्यर्थी अपना प्रत्यावेदन किसी भी माध्यम यथा: पंजीकृत डाक , स्पीड पोस्ट, स्वयं जमा कर सकते हैं ।
• अभ्यर्थी को अपना TET - 2011 का रोल नंबर भरना अनिवार्य है।
ITNE DIN BAAD AB GOVT. KO YAAD AAYA KI AAP APNE AAWEDAN KO SPEED POST SE BHI BHEJ SAKTE HAI .....JO BAAT 1ST DAY HONI CHAHIYE THI VO AB LAST DATE NAJDEEK AANE KE BAAD BATA RAHE HAI ...
DOSRI BAAT अभ्यर्थी को अपना TET - 2011 का रोल नंबर भरना अनिवार्य है। ISS BAAT SE YE CLEAR HAI KI AB SABHI CANDIDATES KO FIR SE AAVEDAN KARNA PAREGA ....AUR USME SATH ME TET ROLL NUMBER BHI LIKHNA PAREGA ......
ISS GOVT. NE APNE SOFTWARE ME TET ROLL NUMBER KA COLUMN HI NAHI DIYA THA .....JO SABSE JYADA JAROORI THA ..
ISS GOVT. NE BEROJGAARO KE HITO KO NA DEKHTE HUE JIS TARAH INKO MANSIK KASHT DIYA HAI .... ISHWAR INHE KABHI MAAF NA KARE ....
SATYAMEV JAYATE ..
JAI HO .
गणित और विज्ञान के शिक्षकों की मेरिट गिरेगी
ReplyDeleteलखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राइमरी स्कूलों में गणित व विज्ञान शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए मेरिट गिराने की तैयारी है। परिषद के प्रस्ताव पर शासन में इस संबंध में विचार किया जा रहा है। विभागीय जानकारों की मानें तो सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग में 55 फीसदी अंक वाले आवेदकों को मौका मिल सकता है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय बाकी है। शासन इस संबंध में शीघ्र ही दिशा-निर्देश जारी करेगा।
उच्च प्राइमरी स्कूलों में गणित व विज्ञान शिक्षक के 29,334 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगते हुए मेरिट जारी की गई थी। इन पदों पर भर्ती के लिए शैक्षिक मेरिट का आधार रखा गया। सामान्य वर्ग की 70 से 71 फीसदी और आरक्षित वर्ग की मेरिट 60 फीसदी तक गई। मेरिट के आधार पर 7 और 8 जुलाई को डायटों पर काउंसलिंग की गई। विभागीय जानकारों के मुताबिक पहले चरण में मात्र 4,883 अभ्यर्थियों ने ही काउंसलिंग कराई है। इसमें गणित शिक्षक के लिए 2,611 और विज्ञान के लिए 2,227 अभ्यर्थियों ने अपने प्रमाण पत्रों का मिलान कराया। शासनादेश के मुताबिक आरक्षणवार, जातिवार और विषयवार तीन गुना तथा विशेष आरक्षण के पांच गुना अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में बुलाना था। काउंसलिंग में मेरिट के आधार पर आवेदकों के न आने से बेसिक शिक्षा विभाग चिंतित है। वह चाहता है कि पद के मुताबिक अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में बुलाने के लिए मेरिट और गिरा दी जाए। इसके लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।
रिक्त पदों को भरने की कवायद, शासन में चल रहा विचार
सामान्य वर्ग में 65 % अंक पाने वालों को भी मिल सकता है मौका
आंदोलन, संशोधन, अब प्रत्यावेदन
ReplyDeleteसरकार पर अब भी नहीं भरोसा
सरकारी खींचतान की भेंट चढ़ीं उम्मीदें
डाक विभाग आज खोलेगा चौदह डाकघर
प्रियंका पांडेय, लखनऊ
तीन साल पहले परीक्षा दी। पास हुए तो सरकारी नौकरी की उम्मीद जगी। उसके बाद प्रक्रिया स्थगित, तमाम आंदोलन फिर संशोधन और अब प्रत्यावेदन। यह तकलीफ बयां की जीपीओ में प्रत्यावेदन फार्म जमा करने आए अभ्यर्थियों ने। इन अभ्यर्थियों की मानें तो सरकार पर तो उनको रत्तीभर भी भरोसा नहीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे कुछ राहत जरूर मिली है। बहरहाल अभी भी रास्तों में कांटे ही कांटे हैं।1शनिवार को 42 हजार अभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन भेजे। अमेठी जिले से आए रजनीश पाठक कहते हैं कि वर्ष 2011 में टीईटी पास किया था। तब मुङो और घरवालों को काफी खुशी हुई थी कि मैं सरकारी नौकरी में आ गया, लेकिन खुशियां तब काफूर हो गईं जब तत्कालीन सपा सरकार ने घोषणा की कि गुणांक के आधार पर भर्ती की जाएगी न कि टीईटी के अंकों के आधार पर। प्राइवेट कंपनी में कार्यरत संजय सक्सेना ने कहा कि सरकारें बदलती हैं तो भर्ती के नियम भी बदल जाते हैं। बेरोजगारों के साथ तो ऐसा नहीं होना चाहिए। हमारी मेहनत और हमारी ख्वाहिशें सब सरकारों की आपसी खींचतान की भेंट चढ़ जाती हैं। बाराबंकी से रमेश पाल ने कहा कि गत 25 अप्रैल को जब सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आया कि 12 माह के भीतर नियुक्तियां हो जाएंगी तो काफी खुश थे। लेकिन हालात वही ढाक के तीन पात हैं। अब समस्या प्रत्यावेदन फार्म जमा करने की है। जिसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई है। पोस्ट आफिस में सुविधाओं का जो हाल है उससे फार्म नियत तिथि पर पहुंच पाएंगे यह सोचना बेमानी होगा।
बड़े रोड़े हैं इस राह में
नियुक्ति की घोषणा के बाद प्रत्यावेदन का सिलसिला शुरू हो गया। इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं कि अब आसानी से वह शिक्षक बन जाएंगे क्योंकि अभी भी अभ्यर्थियों को कभी सर्वर खराब तो कभी साइट अनअवेलबल जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जन्मतिथि है 15-06-87
यूं तो प्रत्यावेदन फार्म में कई सारी खामियां हैं लेकिन क्या आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि सभी अभ्यर्थियों की जन्मतिथि भी एक हो। जी हां सूत्रों के मुताबिक एटा के सभी टीईटी अभ्यर्थियों की जन्मतिथि 15-06-87 है। वहीं शुरुआत के कुछ फार्मो में तो नाम, पिता का नाम और जन्मतिथि गायब ही है।
फिर से बदलाव
प्रत्यावेदन फार्मो में एक और नया कॉलम जुड़ा है। इसमें अभ्यर्थियों को अपना रोल नंबर डालना जरूरी है। समस्या यह है कि कई हजार अभ्यर्थी जो पहले ही प्रत्यावेदन जमा कर चुके हैं, वह अब डायट के चक्कर लगा रहे हैं ताकि समस्या का समाधान हो सके ।1अच्छा तो आप परिचित हैं
प्रत्यावेदन जमा करने के लिए ऐसे तो आपको एक से दो दिन का समय लग सकता है। लेकिन सूत्रों की मानें तो अगर आप डाक विभाग में किसी के परिचित है तो बड़ी ही बेफिक्री से आप सीधे अंदर काउंटर पर जाकर फार्म जमा कर सकते हैं। हालांकि अभ्यर्थियों ने इसका विरोध भी किया। प्रत्युत्तर में उन्हें यह कहा गया कि क्या अपना काम न करें।
अव्यवस्थाओं का पुलिंदा
एक ओर तो प्रत्यावेदन फार्म में त्रुटियां ही त्रुटियां हैं दूसरी तरफ जीपीओ में फार्म जमा करने को भी भागीरथी प्रयास करना पड़ रहा है। यह कहना है जीपीओ में फार्म जमा करने आए अभ्यर्थियों का। ये बीती 11 जुलाई से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। उनकी मानें तो कभी सर्वर खराब हो जाता है तो कभी पहचान के लोग अंदर जाकर फार्म जमा करने लगते हैं। ऊपर से फार्म की अंतिम तिथि भी करीब है। उधर, महिला अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके लिए महज एक काउंटर बनाया गया है जिस पर भी दो अतिरिक्त लाइनें लगती हैं। एक विकलांगों की दूसरी वरिष्ठ नागरिकों की। अभ्यर्थी सीमा, तसनीम, जाहिदा, मनोरमा, लक्ष्मी सोनी ने कहा कि बाराबंकी से शुक्रवार को आए थे, रात भर लाइन में लगे रहे तो शनिवार को दो बजे नंबर आया। हालांकि युवकों के लिए दस अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं।
डिप्टी चीफ पोस्ट मास्टर बोले
ReplyDeleteडिप्टी चीफ पोस्ट मास्टर गंगा प्रसाद ने कहा कि अभ्यर्थियों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए कुल 14 काउंटर बनाए गए हैं। युवकों की संख्या अधिक है इसलिए उनके लिए ज्यादा काउंटर हैं। अगर युवतियों की संख्या अधिक होगी तो यह सुविधा उन्हें भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मैनपावर कम है फिर अभ्यर्थियों के लिए रात में भी एक काउंटर खुलवाते हैं। सुबह छह बजे ही पोस्ट आफिस खुल जाता है ताकि किसी भी प्रकार की समस्या न हो।जीपीओ में प्रत्यावेदन फार्म जमा करने के लिए लगी भीड़ जागरणडाक विभाग में टीईटी प्रत्यावेदन जमा करने वाले ग्राहकों की भीड़ कम करने के लिए डाक विभाग ने रविवार को भी राजधानी के चौदह डाकघर खोलने का निर्णय किया है। यही नहीं जीपीओ प्रधान डाकघर के अधिकांश काउंटर खुले रहेंगे। इसके अलावा टीईटी प्रत्यावेदन को छांटने के लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाया गया है।
डाक विभाग प्रशासन के मुताबिक जीपीओ में प्रतिदिन दस हजार प्रत्यावेदन टीईटी के औसतन जमा हो रहे हैं। इसी तरह राजधानी के अलग-अलग डाकघरों में प्रत्यावेदन जमा होने का ग्राफ अठारह सौ से दो हजार के बीच में हैं। मोहम्मद शाहनवाज, प्रवर डाक अधीक्षक, लखनऊ ने बताया कि राजधानी भर के डाकघरों में जो टीईटी प्रत्यावेदन जमा हो रहे हैं उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए नियमित रूप से वरिष्ठ डाक अधिकारी मानीटरिंग कर रहे हैं।
शाहनवाज के मुताबिक रविवार को खुलने वाले डाकघर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुलेंगे वहीं जीपीओ सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक खुलेगा।
राजधानी के यह डाकघर खुलेंगे
चौक प्रधान डाकघर, गोमती नगर, इंदिरा नगर, अलीगंज, न्यू हैदराबाद, जानकीपुरम, अमीनाबाद पार्क, निराला नगर, राजेंद्र नगर, विकास नगर, आलमबाग, एलडीए कालोनी कानपुर रोड, दिलकुशा, महानगर डाकघर
नोट : उक्त डाकघर रविवार को खुलेंगे इसके अलावा जीपीओ भी खुलेगा।
लॉग इन-पासवार्ड ही नहीं, कैसे निस्तारित हों आपत्तियां
ReplyDeleteगोंडा: शिक्षक भर्ती को लेकर आनलाइन टीईटी अभ्यर्थियों की वरीयता सूची पर आपत्ति दाखिल करने को अब मात्र तीन दिन ही बचे हैं। हर ओर अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ रही है। कहीं पर कोई डायट पर लाइन लगा रहा है, तो कोई डाकखाने पर धक्के खा रहा है। इन सबके बीच डायट प्रशासन भी मुश्किल में है। डायट के समक्ष समस्या यह है कि अभी तक निदेशालय से उसे आपत्तियों के निस्तारण के लिए न तो कोई पासवर्ड मिला है, न ही अभी तक लॉग इन मिली है। ऐसे में अभी तक एक भी आपत्ति को ठीक नहीं किया जा सका है।
शिक्षकों की भर्ती के लिए विभाग ने 4 जुलाई को आनलाइन वरीयता सूची जारी कर दी। इस सूची में खामियों की भरमार है। कहीं पर किसी का नाम ही नहीं शो कर रहा है, तो कहीं पर किसी के नंबर में अंतर है। गड़बड़ियों को ठीक कराने के लिए अभ्यर्थियों को आपत्ति देनी है। शनिवार को डायट पर बनाए गए आठ काउंटर पर कुल 1600 अभ्यर्थियों ने आपत्तियां दाखिल की। अब तक करीब सात हजार आपत्तियां डायट में दाखिल हो चुकी है। विभाग इन आपत्तियों को एकत्र करवा रहा है। एक भी आपत्ति का निस्तारण नहीं हो सका है। दरअसल, विभागीय कर्मियों की मानें तो डायट को अभी तक आनलाइन डाटा को लेकर आयी आपत्तियों को दुरुस्त करने के लिए पासवर्ड व लॉग इन ही नहीं दिया गया। जिससे अभी तक एक भी आपत्ति को सही नहीं किया जा सका है। कर्मियों की मानें तो अगर यहीं स्थिति रही तो निर्धारित तिथि तक आपत्ति का निस्तारण करा पाना काफी चुनौती हो सकता है।
न हो परेशान
ReplyDelete- प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के लिए जारी की गयी वरीयता सूची की आपत्ति के प्रोफार्मा में पहले टीईटी के रोल नंबर का क्रमांक नहीं था। बाद में यह क्रमांक बढ़ा दिया गया। ऐसे में अब उन अभ्यर्थियों के सामने परेशानी पैदा हो गयी है, जिन्होंने पहले वाले प्रोफार्मा पर आपत्ति दाखिल कर दी है। अब वे परेशान है कि उन्हें दोबारा आपत्ति तो नहीं दाखिल करना पड़ेगा। इस पर डायट कर्मियों का कहना है कि जिन अभ्यर्थियों ने पहले वाले प्रोफार्मा पर आपत्ति दाखिल करते समय टीईटी के अंकपत्र की छाया प्रति लगा दी थी, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।
''प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती को लेकर आपत्तियां ली जा रही है। इन आपित्तयों को संकलित किया जा रहा है। आपत्तियां आने के बाद उसके निदान की कार्रवाई की जाएगी। निदेशालय का जो भी आदेश होगा, उसके अनुरूप कदम उठाया जाएगा। ''
- मनोहर लाल, प्राचार्य डायट गोंडा
tet merit sir maine 2011 me avedan bharte samay by mistake sci ki jagah art fill kar diya tha or ab prtyavedan me sci &art ka koi ullekh nahi hai sir pls batye ki mai ab kya kroon.
ReplyDeleteसुप्रभात। दोस्तों।
ReplyDeleteगणित-विज्ञान शिक्षकों की भर्ती के लिए कम होगी मेरिट
सामान्य वर्ग में 65% अंक पाने वालों को भी मिल सकता है मौका
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राइमरी स्कूलों में गणित व विज्ञान शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए मेरिट कम करने की तैयारी है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद के प्रस्ताव पर शासन में विचार किया जा रहा है। विभागीय जानकारों की मानें तो सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग में 55 फीसदी अंक वाले आवेदकों को मौका मिल सकता है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय किया जाना बाकी है। शासन इस संबंध में शीघ्र ही निर्णय करने के साथ दिशा-निर्देश जारी करेगा।
उच्च प्राइमरी स्कूलों में गणित व विज्ञान शिक्षक के 29,334 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगते हुए मेरिट जारी की गई थी। भर्ती के लिए शैक्षिक मेरिट का आधार रखा गया। सामान्य वर्ग की 70 से 71 फीसदी और आरक्षित वर्ग की मेरिट 60 फीसदी तक गई। मेरिट के आधार पर 7 और 8 जुलाई को जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डायटों) पर काउंसलिंग की गई।
विभागीय जानकारों के मुताबिक पहले चरण में मात्र 4,883 अभ्यर्थियों ने ही काउंसलिंग कराई है। इनमें गणित शिक्षक के लिए 2,611 और विज्ञान शिक्षक के लिए 2,227 अभ्यर्थियों ने अपने प्रमाण पत्रों का मिलान कराया।
शासनादेश के मुताबिक आरक्षणवार, जातिवार और विषयवार तीन गुना तथा विशेष आरक्षण के पांच गुना अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में बुलाया जाना था। इस हिसाब से काउंसलिंग में आवेदकों के न आने के कारण बेसिक शिक्षा विभाग चाहता है कि पद के मुताबिक अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में बुलाने के लिए मेरिट कम कर दी जाए। इसके लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलने के बाद दूसरे चरण की काउंसलिंग के लिए मेरिट कम कर आवेदकों को बुलाया जा सकता है।