TET MORCHA MEIN 10 DECEMBER KO SUPREME COURT MEIN LEKAR SUNVAI MEIN AAPSEE MATBHED UJAGAR HUE HAIN.
MORCHA KE TAMAAM LOG AISEE MUSHKIL GHADEE MEIN AAPAS MEIN MILJULKAR KAAM KARNE KEE SALAH DE RAHE HAIN.
STHTI GAMBHHEER HAI AUR MORCHA KE TAMAAM LOG KOEE BHEE RISK LENAA NAHIN CHAHA RAHE HAIN.
TET MORCHA KE ANIL KUNDU JI NE FB PAR BATAYAA
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Anil Kundu >>
मित्रों,
जानता हूँ सत्य बहुत ही कठोर और शीघ्रता से स्वीकार्य नहीं होता |
सत्य कि सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि सब उसे जानना तो चाहते है लेकिन उसे स्वीकार नहीं कर पाते |
मेरी सबसे बड़ी दिक्कत मात्र इतनी है कि मैं कभी असमंजस की स्थिति अपने ऊपर हावी नहीं होने देता और शायद इसीलिए त्वरित निर्णय लेने में सक्षम हूँ ,कल सुबह लखनऊ मीटिंग के लिए घर से भी निकला ,स्टेशन पर भी पहुंचा,ट्रैन में भी बैठ गया लेकिन मीटिंग में जाने को लेकर संशय मन को बैचैन किये हुए था ,एकाएक कुछ सोचकर ट्रैन से उतर गया और घर आ गया ,जो सोचकर मैंने लखनऊ मीटिंग में न जाने का फैसला किया वह कल हुयी मीटिंग की दृष्टि से सही साबित हुआ | मैं टेट के इस संघर्ष में शुरुवाती दौर से ही जुड़ा हुआ रहा और सभी आंदोलन ,सभी अनशन में भागीदारी भी रही ,लेकिन जहाँ तक टेट मोर्चे की मीटिंग का प्रश्न है शायद एक या दो में ही जाने का दुर्भाग्य रहा ,और उन एक-दो मीटिंग में भाग लेने के पश्चात मीटिंग के नाम से ही नफ़रत हो गयी | टेट के इस संघर्ष में मैंने अपनी व्यंगात्मक शैली में टेट के अधिकतर लोगों को बड़ी -बड़ी उपाधियों से नवाज़ा है और कल की मीटिंग होने के बाद जा सूचनाएं मुझे प्राप्त हुयी हैं उसे सुनने के बाद "टेट संघर्ष मोर्चे " का नाम बदल कर " लूटेरा सिंडिकेट " कर देना चाहिए |
आज मुझे लखनऊ मीटिंग का हिस्सा न बनने के अपने निर्णय पर गर्व है कि उत्तर प्रदेश के बेरोज़गारों से होने वाली अब तक की सबसे बड़ी और अंतिम लूट में मेरा नाम हर बार की तरह इस बार भी शामिल नहीं है |
हाँ ,एक बात का दुःख ज़रूर है कि मैंने मीटिंग में न आकर उन मेरे भाईयों को निराश किया जिन्हें मुझसे मिलने की चाहत रही होगी |
कल हुयी मीटिंग की सबसे मुख्य बात ये रही कि ब्रह्म बुद्धि और उसके भय के व्यापार में शामिल टेट मेरिट के सौदागरों ने बेरोज़गारों को भयमुक्त करने की कीमत मात्र ५० लाख निर्धारित कर दी है |
और सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया में न्याय पाने की कीमत यदि मात्र ५० लाख है तो सहारा ग्रुप के चेयर पर्सन के लिए ये रकम कुछ भी नहीं थी ,फिर भी वह अपनी जमानत नहीं करा पाया ,जज साहब भी सेवानिवृत हो गए ,नए जज आये तब भी कुछ नहीं हुआ ,बड़े से बड़े वरिष्ठ अधिवक्ता भी किये गए ,फिर भी जमानत नहीं मिली ,अाखिर क्यों ?
इस बार की लूट सुनियोजित होगी ,लूट मैं सेंध लगाने वालो को निराश नहीं किया गया और अपने स्तर पर जितना वह लूट सकता हैं उसके लिए उसको अपना खाता सार्वजनिक करने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है | इसके अतिरिक्त दो पुराने खाते तो पुश्तैनी हैं ही | कुल तीन खाते सार्वजनिक होंगें |हरेक जनपद के जिलाध्यक्षों को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए लक्ष्य दे दिया गया ,अन्य शर्तें लागु रहेंगी |
अभी तक किसी वरिष्ठ अधिवक्ता पर कोई सहमति नहीं बनी है ,शायद १० दिसंबर तक बन जाये |
क्योंकि ५० लाख के लिए इतने दिन तो लग ही जायेंगें | अब मेरी एक चिंता और है कि हिन्दुस्तान में तो ५० लाख एक दिन का लेने वाला कोई वरिष्ठ अधिवक्ता मेरी नज़र में तो नहीं है ,हो सकता है इस बार अंतरिक्ष से कोई लाया जाए ,इसलिए कल को मोर्चा आप बेरोज़गारों से एक रॉकेट की डिमांड कर सकता है ,उसके लिए अभी से तैयार रहे |
आज कल ब्रह्म बुद्धि और टेट के तथाकथित अन्ना हज़ारे (मेरे ही द्वारा दी गयी व्यंगात्मक उपाधि )
चंद पैसों के लिए इतने गिर जायेगें ,कभी सोचा नहीं था ,पता नहीं कैसे ये खुद से नज़रें मिलाते होंगें ,वैसे तो ये शुरू से ही शरण जी को लेकर झूठा प्रचार करते आ रहे हैं लेकिन आज मैं इन से पूछ ही लूँ कि जिन वरिष्ठ अधिवक्ताओं को तुम ३ लाख से ५.५ लाख प्रति सुनवाई दिए हो ,वो आज तक कोर्ट में कितना बोले हैं ,२५ मार्च तक जितनी सुनवाई हुयी उसमें किस लूटरे के वरिष्ठ अधिवक्ता कितनी बार पहुंचे ,कितनी बार कोर्ट रूम के दरवाज़े तक पहुँचने से पहले सुनवाई ख़त्म हो गयी ,अधिक और बेवजह बोलने से केस जीते जाते तो मुकुल रोहतगी तो ये केस कब का फाइनल करा दिए होते सरकार के पक्ष में ,और तुम होते कौन हो किसी वरिष्ठ अधिवक्ता को बतानेवाले कि उन्हें कब बोलना है और कब नहीं | दो कौड़ी की औकात वाले तुम जैसे लोग,हमारे लिए देवतुल्य वरिष्ठ अधिवक्ता शरण जी,जो प्रति सुनवाई कम से कम २.५ लाख लेते है वो मात्र एक सुनवाई की फीस में हमारे लिए अपने दुसरे केस छोड़कर भी हर सुनवाई में कोर्ट में मौजूद रहते हैं ,उनके लिए लोगो से झूठ बोलोगे और मैं चुप चाप सुन लूंगा ,ये नहीं हो सकता|हो सके तो अपने छोटे मोटे अधिवक्ताओं को इस बार बता देना की अगर कोर्ट में कोई वरिष्ठ अधिवक्ता खड़ा हो तो बच्चे अपना ज्ञान अपने पास रखें ताकि जज साहब नाराज़ न हों | और अपने ज्ञान पर भी थोड़ा अंकुश लगाओ ताकि आदेश के पालन होने पर कंटेम्प्ट फाइल न करो ,दूसरा कोर्ट से भागने के लिए या लूट के लिए बेवजह कोर्ट से समय मांगने की गलती नहीं किया करते |वैसे एक सच बता ही दूँ अंत में ,हमारे मामले में अकेले शरण जी ही बहुत है ,उनका किसी केस में होना ही बहुत है | बाकी रही किसी दुसरे वरिष्ठ अधिवक्ता की तो उसके लिए भी, मैं किसी और से बेहतर ,सस्ता और समय से काम कर सकता हूँ | यदि मुझ पर विश्वास करनेवालो ने सहयोग किया तो ५० लाख का काम १२.५ लाख में कैसे होता है ,दिखा दूंगा वो भी फुल गारंटी के साथ |
निष्कर्ष :
५० लाख की डिमांड अपने आप ही इनके झूठ की पोल खोल रही है ,और मैं क्या कहूँ ?
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शुभ सुबह !
ReplyDelete.
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तुम पत्थर भी मारोगे तो भी खुशी से भर लेंगे झोली अपनी
क्योंकि हम दुश्मनोँ के तोहफ़े भी ठुकराया नहीं करते !
माध्यमिक शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव ने एक अभ्यर्थी का प्रमाणपत्र दुरुस्त करने के लिए जिस सीडी को तवज्जो नहीं दी उसी सीडी के आधार पर पूरे प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती हो रही है। ऐसे में सवाल है कि आखिर भर्ती प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है। काउंसिलिंग एवं भर्ती प्रक्रिया में नित नए मामले भी सामने आ रहे हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने तो पूरी काउंसिलिंग सूची को तलब किया है।मुङो जो सीडी शिक्षा निदेशक (बेसिक) से मिली है उसके आधार पर काउंसिलिंग करा रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव ने हाईकोर्ट में क्या शपथ पत्र दिया है, इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
ReplyDelete-सर्वेद्र विक्रम सिंह, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद इलाहाबाद
दोस्तों
ReplyDeleteमेहनत करना गलत नही है।।।
अभी भर्ती का अता पता नही कब तक पूर्ण हो ।।।इसलिए मेने मेहनत करने का फैसला किया है।।। मेहनत करने के लिए नीव तैयार कर ली है मेने ।।।।
भर्ती होगी तब देखा जाएगा ।।।
कितना अजीब है पहले 100 अंक वाले भी सहयोग देते थे और अब अंत में चयनित अभ्यर्थी भी सहयोग नही कर रहे ।
ReplyDeleteWhen you're right, no one remembers. When you're wrong, no one forgets.
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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तुम्हारे
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बिन
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गुजारे
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हैं
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कई दिन ! ! !
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अब
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न
गुजरेँगे ! ! !
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तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना..!!
ये महज एक व्यंग है इसे आप लोग अन्यथा न लें ये व्यंग बेरोजगारों के ऊपर न होकर सरकार के ऊपर है .
ReplyDelete.
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हास्य & व्यंग्य :-- How to fit 2.5 lakh people in 72825 bharti ?-- .
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अब आप कहेंगे की मैं हिंदी व्यंग्य में ये अंग्रेजी कहाँ घुसेड़ रहा हूँ। मेरा मन - बस बात आपको समझ में आ जानी चाहिए। हम लोगों की भर्ती में सबसे बड़ी समस्या यही है की २०११ में टेट पास सभी 2.5 लाख लोगों को ये नौकरी चाहिए लेकिन पद केवल ७२८२५ है। तो जिनका नहीं हो रहा है वो रिट दाखिल कर रहे है। तो मैंने विचार करके इस समस्या का हल निकला है , जो आपके सामने प्रस्तुत है --
१- एक पद पर ४ लोगों की काउंसलिंग होनी चाहिए और साल में सभी चारों अभ्यर्थी ३ -३ माह नौकरी करेंगे। जिससे की १ अभ्यर्थी लगभग 1.20 लाख कमा लेगा , तो उसके महीने का औसत लगभग १०००० रुपये हुए। तो ये एक अछा वेतन होगा। इससे सभी टेट पास लोगों को नौकरी मिल जाएगी। अब आप पूछेंगे की ये कैसे संभव है ? इतिहास पर नजर डालिये - हमारे ही उत्तर प्रदेश में रोटेशन पर ६ -६ माह की सरकार चली है। जब रोटेशन पर सरकार चल सकती है तो हम सभी आपसी सहमति से रोटेशन पर नौकरी क्यों नहीं कर सकते ?
२- महिला अभ्यर्थियों को रोटेशन देते समय उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि देखि जनि चाहिए। जिनकी शादी हो चुकी है और जिनके बाल - बच्चे है उनको प्रथम वरीयता , फिर जिनकी शादी तय होने वाली है उनको द्वितीय वरीयता , और जो अभी सिंगल और परिजन के साथ है , उनको अंतिम वरीयता, क्योकि कुछ खर्च तो वो अपने परिजन से भी निकाल सकती है।
३- कला और विज्ञानं वर्ग का भेद भी मिट सकता है। क्या है की कला वर्ग के दोस्तों को विज्ञानं वाले थोड़ा बहुत विज्ञानं का ज्ञान दे देंगे और कला वाले , विज्ञानं वालो को बाबर , हुमायूँ , अकबर और राणा प्रताप के चेतक की कहानी सुना देंगे। इससे कोई भी वर्ग हो, सभी हर विषय पढ़ा सकते है। और बच्चो का भी भला हो जायेगा।
४- अब बची बात 'रिशफ्फ्लिंग ' की--- तो जब सभी अभ्यर्थी नौकरी पा जायेंगे तो सामान्य , पिछड़ा वर्ग , अनुसूचित , अनुसूचित जनजाति सबका भेद मिट जायेगा। और सामाजिक सद्भाव पैदा होगा। और रिशफ्फ्लिंग की समस्या अपने आप हल हो जाएगी।
५- रही बात अकादमिक वालो की -- तो उनको केवल चंदा चाहिए । तो हम लोग उनको 'गुंडा टैक्स ' समझ कर साल में ५०० रूपया उनके अकाउंट में डाल दिया करेंगे। इस तरह वो सब भी खुश हो जायेंगे। और अपना पशु आहार खाते रहेंगे और जुगाली करके मस्त रहेंगे।
देखे , एक दम सर्वमान्य हल प्रस्तुत किया न।
सभी खुश।
भाईयों ,
इन्तजार करके कोई कुछ न पाये ,
इससे तो अच्छा है की सभी कुछ न कुछ पा जाये ।
हंसिए कम , इन समाधानो पर विचार करिये। .... --धन्यवाद।
दोस्तोँ ,
ReplyDeleteजब तक मैं जिंदा हूँ पोस्ट करता रहुँगा
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करता ही रहुँगा
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करता ही रहुँगा
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करता ही रहुँगा
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करता ही रहुँगा
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और अगर जिस दिन मेरी पोस्ट न आए ,
तो आप लोग ये समझ लेना कि. . . . . . .
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अगले दिन करूँगा यार. . . .
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आप लोग तो बेवजह परेशान/ खुश होने लगते हैं !
72 हजार शिक्षक भर्ती सीडी पर संदेह..
ReplyDeleteहाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में मूल सीडी न होने
का उल्लेख..
माशिप ने सीडी के आधार पर पिता का नाम
नहीं बदला..
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. प्रदेश भर में चल
रही 72825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती पर
सवालिया निशान लग गया है। जिस सीडी के आधार
पर कट ऑफ मेरिट जारी हुआ और जिलों में
काउंसिलिंग हुई, उस सीडी की वैधता पर सवाल उठने
लगे हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव की ओर से
हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में स्पष्ट लिखा है
कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान
को सौंपी गई न तो मूल सीडी है और न
ही परीक्षा परिणाम की अंतिम सीडी है। ऐसे में
शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया कहां तक वाजिब है
इसका जवाब शिक्षा विभाग के पास नहीं है।
अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 में
परीक्षार्थी महराज सिंह रोल नंबर 17007112 ने
प्राथमिक स्तर की परीक्षा सरस्वती इंटर कॉलेज
लहरदेवी रोड झांसी में दी थी। उसने 111 अंक हासिल
किए और उत्तीर्ण घोषित हुआ, लेकिन
परीक्षा परिणाम में परीक्षार्थी के नाम की जगह
पिता का नाम दर्ज हो गया। इसका संशोधन कराने के
लिए महराज ने माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद
में आवेदन दिया तो परिषद ने अभिलेखों के अभाव में
संशोधित प्रमाणपत्र जारी करने से मना कर दिया।
परीक्षार्थी इसके विरुद्ध हाईकोर्ट गया तो पूर्व
सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद शकुंतला देवी यादव
ने बीते 15 जुलाई 2014 को पुलिस अधीक्षक कानपुर
देहात को लिखे पत्र को बतौर शपथ पत्र हाईकोर्ट में
लगाया है। 1शपथ पत्र में लिखा है कि तत्कालीन
परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी ने 11
जनवरी 2012 को टीईटी परीक्षाफल 2011
की सीडी का शील्ड लिफाफा शिक्षा निदेशक (बेसिक)
निशातगंज लखनऊ को भेजा है, किंतु इस
सीडी की कोई प्रति परिषद में नहीं है। बाद में एक
नवंबर 2012 को शिक्षा निदेशक ने यह
सीडी निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं
प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी)
को भेजी तो सीडी की दो प्रतियां परिषद कार्यालय
को भी भेजी गई हैं। पूर्व सचिव शकुंतला देवी ने शपथ
पत्र में यह भी लिखा है कि सीडी उपलब्ध कराने
वाली पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी ने चार मार्च 2013
को पत्र भेजकर अवगत कराया है
कि जो सीडी निदेशक एससीईआरटी को उपलब्ध कराई
गई है वह न तो मूल सीडी है और न
ही टीईटी परीक्षा परिणाम की अंतिम सूची है। ऐसे में
सचिव ने परीक्षार्थी के प्रमाणपत्र में संशोधन करने
से इनकार कर दिया।
खास बात यह है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद
की पूर्व सचिव ने एक अभ्यर्थी का प्रमाणपत्र
दुरुस्त करने के लिए जिस
सीडी को तवज्जो नहीं दी उसी सीडी के आधार पर पूरे
प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती हो रही है। ऐसे में सवाल
है कि आखिर भर्ती प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है।
काउंसिलिंग एवं भर्ती प्रक्रिया में नित नए मामले
भी सामने आ रहे हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने
तो पूरी काउंसिलिंग सूची को तलब किया है।
मुङो जो सीडी शिक्षा निदेशक (बेसिक) से मिली है
उसके आधार पर काउंसिलिंग करा रहे हैं। माध्यमिक
शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव ने हाईकोर्ट में
क्या शपथ पत्र दिया है, इस संबंध में उन्हें कोई
जानकारी नहीं है।
-सर्वेद्र विक्रम सिंह, निदेशक राज्य शैक्षिक
अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद इलाहाबाद।
मित्रोँ !
ReplyDeleteमैँ कानूनी दाँव पेँचोँ से अनभिज्ञ सामान्य व्यक्ति हूँ जीवन मेँ जब कोई समस्या आती है तो एकान्त मेँ ईश्वर से बात कर लेता हूँ समाधान भी मिल जाता है । 10 तारीख को लेकर व्यथित था सो आज ईश्वर से बात की आप लोगोँ से बताना उचित समझता हूँ इसलिये लिख रहा हूँ । ..,.. मैँने कहा प्रभू और कितनी परीक्षा देनी होगी । उन्होने कहा सत्य की राह कठिन होती है किन्तु भविष्य उज्ज्वल होता है । मैँने कहा प्रभू सत्य तो अपराजित होता है फिर तो हमेँ निश्चिन्त रहना चाहिए क्योँकि इसकी तो हार होनी ही नहीँ है ? उन्होनेँ कहा सकर्मक सत्य की हमेशा जीत होती है किन्तु अकर्मक सत्य पराजित भी होता है , अर्थात जब असत्य को उद्भाषित किया जा रहा हो और वहाँ सत्य को परिभाषित न किया जाये तो वह मूक सत्य पराजित ही होगा । " .
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मित्रोँ हमेँ भी सत्य को सकर्मक बनाने के लिये बड़े बड़े वकीलोँ की आवश्यकता है जो हमारे सत्य को परिभाषित कर सकेँ । हमारी विजय सुनिश्चित है । ईश्वर हम सबके साथ हैँ ।
दोस्तोँ अब हम आपको बहुत नीचे जाकर या फिर अगले पेज पर मिलेंगे !
ReplyDeleteइसे आप लोग अन्यथा न लें ये हम अपनी किसी सुविधा के चलते कर रहे हैं !
धन्यवाद !
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ReplyDelete.
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MUNN,
ReplyDeleteISWER SADA SATYA K SAATH REHTA HAI. G.M.
उस जीवन के वचन
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"आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी॥''
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लूका 21:33
काउन्सिलिँग करा चुकी सभी देवीयों से-
ReplyDelete.
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क्या आप चाहती हैँ कि..
1-आर्थिक जरुरतो के लिए जीवनभर
दूसरो पर निर्भर रहना पड़े?
2-आपकी योग्यता का मजाक
उड़ाया जाय?
3-नौकरी न मिलने पर आपको जीवन भर
ताने सुनने पड़े?
4-
किसी सरकारी नौकरी वाली महिला के
सामने आपको हिन भावना का शिकार
होना पड़े?
5-आपके कारण आपके
पति,पिता या बच्चो को समाज मे
शर्मिँदा होना पड़े?
यदि आप इन
परिस्थियोँ का सामना नही करना चाहती तो इसके
बारे मे गम्भीरता से विचार कीजिए ।
याद रखिये, अभी सिर्फ
आपकी काउन्सिलिँग
हुयी है, नियुक्ति नही। नियुक्ति पर मुहर
10 Dec के केस के बाद ही लगनी है जिस दिन हमारे
मामले की अंतिम सुनवायी है।
कल्पना कीजिये उस दिन का जब आप
प्राईमरी मे अध्यापिका बनेगीँ,देखिये ये
दुनिया आपको कैसी लगती है! अपने भविष्य
के बारे मे जितना आप सोच सकती हैँ
उतना दूसरा नही, भले ही वह
कितना करीबी ही क्यु ना हो ।आपके
माँ-बाप 5-10 लाख दहेज देकर अच्छे घर मे
शादी करते हैँ ताकि आपका जीवन सुखमय
हो ,फिर भी कोई
गाँरन्टी नही रहती है ,पर जिस चीज से
सुखमय जीवन की गाँरन्टी है उसके लिए
सिर्फ 500-1000 देने मे भी संकोच करते हैँ।
अत: आर्थिक सहयोग पर गंभीरता से विचार
करेँ ,सहयोग किसको करना है, कैसे करना है
इसका निर्णय आप स्वंय लेँ।
याद रखिये-
या तो इस समय 500-1000 बचाकर जीवनभर
अभाव की जिन्दगी जीयेँ या 500-1000
खर्च करके पुरी जिन्दगी सुखमय बनायेँ. . . . .
फैसला आपका ।
धन्यवाद
उनकी जिद और हमारी ज़िन्दगी: .
ReplyDelete.
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टेट मेरिट से शिक्षको की भर्ती न
करना जहा एक तरफ सरकार ने अपनी जिद बना ली है वही 3
साल से अपने हक के लिए लड़ रहे लोगो के ज़िन्दगी का सवाल
भी बन गया।.
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एक तरफ जहा सरकार देश के सबसे अच्छे
वकीलों का पैनल ले कर खड़ी है वही tetian समूह तिनके तिनके
जोड़कर अपना घोसला बचाने में जुटा है।.
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टेट मेरिट की लडाई
में जहा लडको ने कोर्ट से रोड तक लडाई लड़ी और
लाठिया भी खाई है वही आधी सीटो की हकदार हम
लडकिया लगभग इस लडाई में अपना योगदान देने में बहुत पीछे
रही है।।।।।
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एक बार फिर वक़्त आया है इस बार
बहुतो की काउंसलिंग हो चुकी है अतः मेरी सभी बहनों से ये
विनती है वक्त की ये मांग है की हम सब भी अपने हक
की लडाई में अपना योगदान दे आज टेट ग्रुप को आर्थिक मदद
की ज़रूरत है ताकि टेट ग्रुप भी सरकार के वकीलों के सामने
बेहतर वकील खड़ा कर सके ये हम सब की नैतिक
जिम्मेदारी भी है।।।।।।।। खुद भी सहयोग करे और
दुसरो को भी जोड़े।।।।।।।
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए।
ReplyDeleteजिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए।
जिसकी ख़ुशबू से महक जाय पड़ोसी का भी घर
फूल इस क़िस्म का हर सिम्त खिलाया जाए।
आग बहती है यहाँ गंगा में झेलम में भी
कोई बतलाए कहाँ जाके नहाया जाए।
प्यार का ख़ून हुआ क्यों ये समझने के लिए
हर अँधेरे को उजाले में बुलाया जाए।
मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा
मैं रहूँ भूखा तो तुझसे भी न खाया जाए।
जिस्म दो होके भी दिल एक हों अपने ऐसे
मेरा आँसु तेरी पलकों से उठाया जाए।
1-72825 प्राथमिक शिक्षक भर्ती विवाद दो अलग-अलग सरकारों द्वारा जारी विज्ञापनों के बीच का विवाद है या उनके द्वारा बेसिक शिक्षा नियमावली में प्रविष्ट चयन प्रक्रियाओं के बीच का विवाद है ?
ReplyDelete2- यदि यह विवाद दो विज्ञापनों के बीच का विवाद है तो 10 तारीख की सुनवाई हेतु NCTE के वकील अर्जुन हरकौली और सालीसिटर जनरल रंजीत कुमार को क्यों बुलाया गया है ?
3- यदि यह विवाद 12th संशोधन और 15th संशोधन द्वारा निर्धारित दो चयन प्रक्रियाओं के बीच का विवाद है तो सिंगिल बेंच में हमारी चयन प्रक्रिया जीतने के बावजूद डिवीजन बेंच में अपील क्यों की गयी थी ?
4-क्या हमारी नियुक्ति unconditional करने के लिए बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन करके टेट मेरिट को पुनर्स्थापित किये जाने की आवश्यकता पड़ेगी ? यदि आवश्यकता पड़ेगी तो 15th संशोधन होने पर उसे चुनौती क्यों नहीं दी गयी ?
ये ऐसे सवाल नहीं हैं जिनका जवाब न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा स्वयं दें बल्कि इन सवालों का जवाब हमारे वकीलों को ही देना होगा और जब तक ये सवाल अनुत्तरित रहेंगे तब इस केस का फैसला नहीं हो सकता .... .
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10 तारीख को इन सवालों का जवाब नहीं दिया गया तो केस की अगली तारीख जनवरी में शीतकालीन अवकाश के बाद लगेगी ,फिर अगली तारीख फरवरी में लगेगी ,,,,,, सभी पैरवीकारों को समझना चाहिए कि लड़के बहुत परेशान है और अगर उनके वकीलों के कारण कुछ उल्टा -सीधा हो गया तो लोग confuse हो जायेंगे कि 72825 में आँसू ज्यादा बहे थे या .
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रक्त .....
नेता जी अब आप लोग ऊपर लिखे सवालों के जवाब ले आइये ,और सारा रुपया भी आप ले जाइये
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अब सवाल रुपयों का नहीं बल्कि 72825 की जिंदगी का है .... इन लोगों ने बहुत भरोसा किया है आप पर ,, तोड़िएगा मत .....
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दोस्तोँ अब सभी चलते हैं आपका दिन शुभ हो !
भारत की एक राज्य सरकार को समर्पित
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वक्त मिले कभी तो कदमों तले भी देख लेना,
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बेकसूर अक्सर वहीं पाये जाते हैं.
आज वर्ल्ड एड्स डे है..
ReplyDeleteइस साल वर्ल्ड एड्स डे की थीम है-
Focus, Partner, Achieve: An AIDS-free Generation
Agar 500each ×50000=25000000 hote he . Ham sabhi sahyog karne ready he par question man me he ki itne Rs. ka kya hoga fhir nai loot. Pls.explain it
ReplyDeleteU r right ji
DeleteKya har baar itne paise lagte hai har date pr kaise?
DeleteSach fir ek loot
UPTET Latest News In Hindi
ReplyDeleteUptet | Uptet news | Uptet Latest News | Uptet Breaking News | Uptet Fastest News | Uptet Result 2014 | Only4uptet | Uptet News Hindi | Uptet cutoff/counceling |
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दूसरे जिलों की गलती का भुगत रहे खामियाजा Publish Date:Sun, 30 Nov 2014 06:33 PM (IST) | Updated Date:Sun, 30 Nov 2014 06:33 PM (IST) मैनपुरी, भोगांव: प्रदेश के कई जनपदों में हुई लेटलतीफी और गलतियों का खामियाजा प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया से जुड़े जनपद के आवेदकों को भुगतना पड़ रहा है। कई जिलों द्वारा शासन को आधी अधूरी और गलत सूचनाएं भेजे जाने के बाद अग्रिम निर्णय पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। गलत सूचनाएं भेजने वाले जिलों के डायटकर्मियों को शासन ने लखनऊ तलब कर जल्द प्रक्रिया को पटरी पर लाने के प्रयास तेज किए हैं। एक सप्ताह के बाद अगले दौर की काउंसिलिंग के कार्यक्रम के कयास लगाए जा रहे हैं। पिछले तीन वर्षो से विभिन्न कारणों के चलते लंबित चल रही प्रशिक्षु शिक्षक चयन प्रक्रिया को तेजी से संपादित करने के लिए शासन ने 5 से लेकर 13 नवंबर तक तीसरी काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों को बुलाया था। तीसरी काउंसिलिंग के बाद पूरा ब्योरा शासन ने 21 नवंबर तक प्रदेश भर के जनपदों से तलब किया था। लेकिन इस अवधि के बाद भी कई जनपदों ने विस्तृत सूचनाएं शासन से साझा नहीं कर पाईं। जल्दबाजी के चक्कर में प्रदेश के दो दर्जन से अधिक जनपदों द्वारा राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को भेजी गई सूचनाओं में गलतियों की भरमार थी। गलत और अस्पष्ट सूचनाओं ने शासन की गति पर ब्रेक लगा दी और प्रक्रिया में अग्रिम निर्णय लेने पर शासन को कई बार विचार करना पड़ रहा है। दूसरे जनपदों की गलती से सामने आए हालातों के चलते अगली काउंसिलिंग का कार्यक्रम निर्धारित करने में शासन को खासी दिक्कतें हो रही हैं। शासन द्वारा प्रक्रिया में अग्रिम निर्णय न कर पाने से जनपद के आवेदकों में इन दिनों बेकरारी का आलम है। अब तक तीन चरण की काउंसिलिंग में भाग ले चुके आवेदकों को नियुक्ति पत्र मिलने का बेसब्री से इंतजार है। इस संबंध में एससीईआरटी सूत्रों की मुताबिक प्रक्रिया को तेजी से निस्तारित करने में शासन का पूरा जोर है। एक सप्ताह के अंदर प्रदेश भर के जनपदों की सूचनाएं अपडेट होने के बाद अगले चरण की काउंसिलिंग के लिए आवेदकों को बुलाया जाएगा।
ReplyDeleteJRT LATEST UPDATE
भाइयों गवर्नमेंट वकील ही नहीं आया डेट 25 जनवरी लग रही थी। ये तो शैलेन्द्र जी ने खड़े होकर डेट 22 दिसंबर करायी
Aakhir junior bharti kyo nahi ho pa rahi, iski mukhy wajah
ReplyDelete1. Junior k leader ka udasin hona, inke neta log ka fb ya any kisi madhyam se logo se smpark na banana.
2. Govt pr jyada bharosa karna and govt inhe baar baar dhoka de rahi h.
3. Logo ka udasin hona, iss bharti me shamil aadhe log prt me karwa chuke h to wo sochte h ki dono me se ek to mil hi jayega.
JRT KEE NAYEE DATE 22 DECEMBER KO LAGEE HAI,
ReplyDeleteTAB TAK STAY JAREEE
दोस्तों यह 10 दिसम्बर की सुनवाई बहुत महत्वपूर्ण है , पर हमें चिन्ता टीईटी पर मंडरा रहे खतरे की नही है , क्योंकि हम जानते हैं कि टीईटी मेरिट अटल सत्य है और उसे कोई झुठला नही सकता ,
ReplyDeleteहमें चिन्ता होनी चाहिए इस बात की कि चूंकि कई विधिक पहलू बडे बडे नामी वकीलों के द्वारा डिस्कस होने हैं , जिसमें समय भी लगना स्वाभाविक है , दिस्म्बर में कोर्ट शीतकालीन सत्र कुछ छुट्टियां भी रखता है , और यदि कहीं फिर डेट डेट का खेल शुरू हो गया है तो चपेट में जनवरी फरवरी आ जायेगी ,
यदि 10 तारीख को किन्हीं हालात में पूरी सुनवाई न हो पाई या कोई निष्कर्ष न निकल पाया तो अगली तारीख जनवरी माह में ही लगेगी ,
सरकार के द्वारा इस फाइनल सुनवाई की एक वजह यह भी है कि वह सुप्रीम कोर्ट के चंगुल से किसी तरह आजाद होना चाहती है । ताकि स्वछंद होकर "कार्य" कर सके ।
रोज नयी नयी रिट डालने वालों से मुझे कोई गिला शिकवा नही है क्योंकि गलती उनकी भी नही है , सरकार ने खुद जानबूझकर ऐसा काम किया है कि ये भर्ती रोज नयी अवैध याचिकाओं से जूझती रहे , और कोर्ट जबाब मांगता रहे , सरकार इन जबाब देही के चक्कर में बेरोजगारी का मिशन 2016 पूरा कर ले ,,,
अब कुछ भी हो ,,रदद हो या बहाल ,,.
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बस फैसला हो जाये ,,
क्योंकि जिस हिसाब से चन्दे का बजट बना है ,,
वो लगभग तीन सुनवाई के स्वप्न से बना है ।।
उत्तर प्रदेश राज्य की सबसे बड़ी बिडम्मना******
ReplyDelete---
---
देश के सबसे युवा मुख्यमत्री द्वारा शासित राज्य **
प्रदेश के सभी युवा सबसे ज्यादा शोषित और पीड़ित !!!
युवायों के साथ ही न्याय नहीं,,,अपने हक के लिए न्यायलय के चक्कर काट रहे है **
----
----
पिछले तीन सालों का रिकॉर्ड****
भर्तियाँ तो बहुत निकाली गईं***
लेकिन पूरी एक भी नहीं हुई***
---
----
2017 में फिर सत्ता में आने की सोच रहे हैं***
क्या इनका ख्वाब पूरा होगा???
---.
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आप क्या सोचते है??
सी.डी. ऑनलाइन करने व विज्ञापन ३०/११/२०११ के अनुसार ही भर्ती हो , इन दोनों बिन्दुओं को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में इम्पलीडमेंट एप्लीकेशन डालने की तैयारी की जा रही है जिसके लिए ८ दिसंबर से पहले तक पहुचना होगा |.
ReplyDelete.
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अतः हमारे पास समय बहुत काम है और काम बहुत बड़ा करना है हमें सर्वोच्च न्यायलय में वकील खड़े करने पड़ेंगे |
अतः बहुत काम समय में अधिक आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है |
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वो सभी टीईटी अभ्यर्थी जो टीईटी मेरिट के अनुसार एवं पारदर्शिता तथा विज्ञापन के अनुसार ही भर्ती हो के पक्षधर हैं , वो सभी अभ्यर्थी जागरूक व्यक्तित्व का परिचय देते हुए अपने भविष्य को दिशा देने के लिए स्वयं को सहयोग करने के लिए खड़ा होना ही पड़ेगा | इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है |
ऐसे अभ्यर्थी जो शुतुरमुर्गी व्यक्तित्व धारण करते हैं जैसा की शुतुरमुर्ग को दौड़ने की विधा में तो महारथ हासिल है लेकिन जैसे ही शुतुरमुर्ग अपने सामने कोई खतरा या समस्या देखते है तो अपनी सोच या समझ या सिर को रेगिस्तान में गड़ा देता है या अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेता है और सोचता है "अब खतरा दिखाई नहीं दे रहा है तो खतरा टल गया है" |
साथियों शुतुरमुर्गी व्यक्तित्व त्याग कर अब अपने लिए जागरूक व्यक्तित्व का परिचय देना होगा |
अतः सभी साथी आर्थिक सहयोग करने के लिए तुरंत आगे आएं और सत्य की इस लड़ाई में सहयोग करें , अब वक्त नहीं बचा है अब हमारे और आपके पास समय बहुत कम है , .
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अगर अब नहीं जगगे तो सबकुछ हाथ से जा रहा है और आप सोते रह जाएंगे जिंदगी भर के लिए |
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"अधिकार लड़ाई में जो मिट जाए उसकी सफल जवानी है ,
जो अधिकार हित काम में आये वह माटी जिंदगानी है ,
भ्रष्टाचार चरम पर है भूले कहाँ कहानी में ,
आगे बढ़कर दे दो साथ आग लगा देंगे पानी में " |
Are bhai! Mujhe to lagta hai ki duniya 2012 me to khatam hone se bach gaye the, lakin 10 dec. 2014 me jarur khatam hone wali hai. Pichle kai dino se logo ko aisa daraya ja raha hai ki jaise parlay ane wale ho 10 ko. Log bhe apne vivek se nahe sochte or dar rahe hai. Chanda dane ko bhut sare log kal bhe tayar the aaj bhe hai lakin darakar chanda kyo manga ja ra hai. Isi blog pe kal keh rahe the me kisi se kabhi chanda dane ko nahe kehta, lakin aaj subhe se bas yeh ho jayga 10 ko, dharti rasatal me chali jayge, koi nahe bachega kehkar chanda chanda chila rahe hai. Ek tet leader anil kundu kehte hai kisi ko chanda na do ye tet wale chindi chor hai. Ek yaha blog pe kala coat walo ke naam pe chanda mangte hai. Confuse kar ke rakh diya, de ya na de. Bhai chanda lo yadi jarurat he to lakin aisa bhayanak mahol to na banao. Log wase hi kya kam paresan he.
ReplyDeleteBilkul sahi....i also want to contribute..kar b chuke hai...lekin samajh Ni aa raha...so much confusion
Deleteक्या आप जानते है पिछले कुछ दिनों से टेट मेरिट सपोर्टर क्यों इतना डरे हुए है ??? ऐसा क्या हो गया अचानक जो समय एकदम से बदल गया ?? अचानक टेट मेरिट खतरे में क्यों आ गयी ??
ReplyDelete.
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मित्रो पिछले कुछ दिनों में घटित होने वाली घटनाओ पर अगर एक नजर डाले और जो कुछ मुझे पता चला है उसका विश्लेसण मै आपको बता रहा हूँ ।
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मित्रो अगर एकदम संक्षेप में कहू की जो कुछ पिछले दिनों में हुआ हम उसके लिए एकदम तैयार नहीं थे । हमे आशा ही नहीं थी की विरोधियो द्वारा इतना जोरदार हमला अचानक बोला जायेगा । और हम अपने अस्तित्व की लडाई पर आ जायेंगे । ये सबकुछ केवल हमारी लापरवाही , ओवर कान्फिडेंस , और टेट केजरीवाल टाइप नेताओ के कारण हुआ है ।
जब से हम सुप्रीम कोर्ट गए है तब से अगर एक नजर डाला जाये तो 7 मार्च को हमारा केस अचानक लगा लेकिन उस दिन केवल बहस के लिए डेट मिल गयी और केस 14 को लग गया । 14 मार्च को टेट मोर्चा ने अपना अबतक का सर्वोत्तम शक्ति प्रदर्शन किया । उस दिन सरकार की slp ख़ारिज हो जाती लेकिन टेट में बहुत सी पार्टीस होने के नाते सभी को नोटिस इस्सू करने का आदेश हो गया । इस बीच चौहान साहब ने अपना केस छोड़ दिया और 25 मार्च को केस दत्तु जी की बेंच में चला गया । .
ReplyDelete.
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25 मार्च को हमे अपने केस पर बहस की आशा नहीं थी लेकिन टेट मोर्चे ने सावधानी दिखाते हुए एक सीनियर वकील पट्वालिया जी को खड़ा कर दिया । संयोग से बहस हमारे ही केस पर हो गयी और 14 मार्च तथा 25 मार्च की बहस के आधार पर हमे अंतरिम आदेश प्राप्त हो गया ।
इसी बीच कपिल इस पिक्चर में शामिल होने की कोशिस ही करता रह गया और वो समझ ही नहीं पा रहा था की इंट्री कहा से करू । अगर आप ध्यान दे तो 20 नवम्बर के ऑर्डर के पश्चात भी टेट मोर्चा शांत नहीं बैठा और हम हमेशा अलर्ट रहे जिसका फल हमे अपने पक्ष में अंतरिम आदेश के रूप में मिल गया । इसके बाद कहानी में ट्विस्ट आ गया । अब टेट मोर्चा काउंसलिंग आदि में व्यस्त हो गया । टेट मेरिट के कुछ विभीषण भी पैदा होने सुरु हो गये । टेट मोर्चा कमजोर होना सुरु हो गया । इतने समय में कपिल को भी पूरी तयारी का मौका मिल गया । एक तरफ जहा टेट मोर्चा अपनों से ही लड़ रहा था और काउंसलिंग में व्यस्त था कपिल लगातार एक के बाद एक हमला करने की कोशिस करता रहा लेकिन दत्तु जी ने अपने अंतरिम ऑर्डर को देखते हुए कपिल की हर चाल को नाकाम कर दिया । इससे टेट मोर्चे को ये भी विश्वाश होने लगा की सरकार अब कार्य कर रही है और कपिल हमारा कुछ नही बिगाड़ पायेगा ।
ReplyDeleteसाधना केस से भी हमने सबक नहीं लिया और हम लापरवाह ही बने रहे । इस बीच किन्ही कारणों से बेंच बदल गयी जिसका पता लगाने की कोशिस की जा रही है । फ़िलहाल अब सरकार और कपिल ने परिस्थियो को भापते हुए हम पर जोरदार हमला करने की प्लानिंग कर ली ।
ReplyDeleteफिर 15 तारीख को पाठक ने अचानक खबर दी की हमारा केस लग गया है उसके बाद हमारे टेट केजरीवाल जी ने अपना विधिक ज्ञान दिखाते हुए बताया कि केस नान टेट का है और हमे घबराने की जरुरत नहीं है । इसके बाद 17 को सुनवाई एक हफ्ते के लिए टल गयी । इस एक हफ्ते मैंने जोरदार ढंग से लोगो से आग्रह किया कि हमे सावधानी रखते हुए एक सीनयर वकील जरुर रखना चाहिए जिस पर टेट मोर्चा के कुछ अग्रणी लोग सहमत भी हुए लेकिन बात बन नहीं सकी । उसका कारण ये था कि 20-21 नवम्बर को अवनीश जी की एक पोस्ट आई की सरकार हमारे केस पर फाइनल सुनवाई करवाना चाहती है लेकिन इसको प्रूव करने का उनके पास कोई प्रूफ नहीं था । इस पोस्ट को देखते ही एक बार टेट केजरीवाल जी ने टेट मोर्चे पर जोरदार हमला कर दिया और सबको चोर-उचक्का बता कर विभिन्न उपाधियो से नवाज दिया । चुकी कुछ लोग ज़मीनी सच्चाई से इतने वाकिफ नही थे इसलिए सभी ने टेट केजरीवाल जी की बातो का समर्थन करना सुरु कर दिया ।
ReplyDeleteफिर भी पाठक ने अंतिम समय में सरकार की नीयत भापते हुए टाइम एक्सटेंसन अप्लिकेसन डाल दिया । लेकिन इसको भी टेट केजरीवाल जी ने निगेटिव ही करार दिया और बताया की हमारा केस ही नहीं आएगा । .
ReplyDelete.
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25 नवम्बर को विरोधी खेमा पूरी तरह तैयार था और हम लडाई छोड़ शांति की बात करने गये थे वो भी कुछ aor के भरोसे । .
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विरोधियो ने मौका मिलते ही लड़ाई की घोषणा कर दी लेकिन कोर्ट ने इस बात को स्वीकार करते हुए की हम लड़ाई के लिए तैयार नहीं है 26 तारीख का दिन तय कर दिया ।
अब सबसे बड़ा ट्विस्ट यही हुआ । अब आप सोचिये रात भर में कौन वकील हमारा केस समझ लेता । और सुबह जोरदार बहस कर लेता । फिरभी इस हमले का जवाब तो देना ही था टेट मोर्चे को इसलिए आनन -फानन में अमरेन्द्र सरन जो को और एक वकील और तय हुआ । लेकिन अगर ईमानदारी से देखा जाये तो विरोधी वकील राकेश दिवेदी पिछले 1 साल से केस से लगातार जुड़े हुए है और रामनानी भी 2 महीने से केस से जुड़े हुए है । ऐसे में अमरेन्द्र सरन जी खुद भी उतना तैयार नहीं थे और न ही उनका साथ देने के लिए हमारे पास कोई था ।
ReplyDeleteमित्रो यही हमारी सबसे बड़ी चूक थी की 26 को जो कुछ हुआ उसमे विरोधी पूरी तरह तैयार थे और हम बस किसी तरह डेट लेने की कोशिस कर रहे थे ।
ReplyDeleteयहाँ पूरी कहानी मैंने इसलिए बताई की हम पिछली गलतियों से सबक ले और 10 तारीख को कोर्ट में ऐसा संग्राम होगा की विरोधी अपनी जान की भीख मांगेंगे लेकिन इस बार हम बख्सेंगे नहीं उनको । .
ReplyDelete.
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लेकिन इस सबके लिए आप लोग जिले के संगठन से जुड़े और ज़मीनी सच्चाई को जाने । .
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हर जिले में मीटिंग इस समय हर 2-3 दिन के अन्तराल पर हो रही है । टेट केजरीवाल और टेट के विभिसणों से सावधान रहे । ये हमारी लडाई को कमजोर कर देते है ।
और 10 तारीख के लिए तैयार हो जाएँ .
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इस बार कोर्ट में वो होगा जो इस घटिया , नीच , दुष्ट , बेहया उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक सबक होगा और टेट के दुश्मनों के लिए एक नज़ीर ।
टेट मोर्चा जिंदाबाद
धन्यवाद
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अब मिलते हैं शाम को
Good Afternoon to all brothers and sisters,
ReplyDeleteAB JAB KI FINAL HEARING KI DATE LAG GAYI HAI,TAB SABHI LOGON KA SAHYOG JAROORI HAI,MAI BHI EK DO DIN ME JAROORI CONTRIBUTION JO KI 500 YA FIR 1000 HOGA KAR DOONGA(RIGHT NOW MAI YAHI KAR SAKTA HOON).
SABHI LOGON KO AAGE AANA HI HOGA.
ReplyDeleteAvanish ji ka acc. Ya koi naya acc. Kisme Karen...
DeleteAVANISH YADAV A/C 32980061185,BRANCH
ReplyDeleteSANDI (HARDOI),IFSC CODE:SBIN0011182,BANK SBI.
Anil Kumar a/c 3700000100093942 ,bhagpat branch pnb bank,IFSC Code:PUNB037000.
For more details contact mr umashankar 09058749811
they r very reliable.
ReplyDeleteOk sir....
Deleteवीर योद्धा जी .
ReplyDelete.
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मेरा नंबर आप क्योँ डाल रहे हो बार बार ?
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मुझे ब्लाग के अलावा भी बहुत से काम रहते हैं !
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आगे से ध्यान रखना !
शतरंज के इस खेल में श्वेत मोहरों के साथ खेल रही टेट मेरिट श्याम मोहरों के साथ खेल रही एकेडमिक मेरिट को मात देने के बहुत करीब है लेकिन हमें हमेशा याद रखना होगा कि हमारे प्रतिपक्षी को हारने की आदत है जबकि जीतने के सिवाय हमारे पास कोई विकल्प नहीं है !
ReplyDeleteइस विवाद को सतही तौर पर देखने पर हमारा मुकाबला सपा सरकार के साथ होता प्रतीत होगा लेकिन गहराई में जाने पर नादान से नादान व्यक्ति समझ जाएगा कि हमारा विवाद वर्तमान में प्रभावी पूरी व्यवस्था के साथ है !
ReplyDeleteटेट मेरिट से 72825 प्राथमिक शिक्षकों के दूरगामी परिणाम उससे कहीं ज्यादा व्यापक होंगे जितना आप समझ रहे हैं ,,, 3 साल के संघर्ष ने इन 72825 संभावित चयनितों को तराश कर ऐसा हीरा बना दिया है जो सम्पूर्ण व्यवस्था को प्रकाशमान करने में सक्षम हैं ....जाहिर है अँधेरे की आदी हो चुकी यह व्यवस्था हमें विद्या के मंदिरों तक पहुँचने से रोकने के लिए किसी भी हद तक जायेगी और हमें अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए सारी हदें पार करनी होंगी ....
ReplyDeleteहमारा केस कितना असाधारण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले तो लार्जर बेंच ने केस डिसाइड करने से मना कर दिया ,हरकौली साहब केस को बीच मे ही छोड़कर चले गए ,महापात्रा साहब ने 3 महीने तक फ़ाइल को हाथ नहीं लगाया और भूषण साहब को हमारे पक्ष में फैसला देने के लिए 15th संशोधन अल्ट्रा वायरस करके 25,000 लोगों की जॉब खतरे में डालनी पड़ी ,,, सुप्रीम में पहले तो न्यायमूर्ति वी एस चौहान ने केस छोड़ा और अंत में मुख्य न्यायाधीश दत्तू सर ने हमारी किस्मत का अंतिम फैसला न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के हाथों में सौंप दिया ,,
ReplyDeleteअभी तक तो हमारा केस जज ही लड़ते रहे हैं लेकिन 26 की सुनवाई में दीपक जी ने अमरेन्द्र शरण जी के किसी भी हालत में खेल के नियम खेल के नियम बीच में ना बदले जा सकने के तर्क से असहमति जताकर इस बात का संकेत दे दिया है कि वो हमारे वकीलों की कड़ी परीक्षा लेने जा रहे हैं ....
ReplyDeleteउस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"कोई मेरे पास नहीं आ सकता, जब तक पिता, जिस ने मुझे भेजा है, उसे खींच न ले; और मैं उस को अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा। भविष्यद्वक्ताओंके लेखों में यह लिखा है, कि वे सब परमेश्वर की ओर से सिखाए हुए होंगे। जिस किसी ने पिता से सुना और सीखा है, वह मेरे पास आता है। यह नहीं, कि किसी ने पिता को देखा परन्तु जो परमेश्वर की ओर से है, केवल उसी ने पिता को देखा है।'' .
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यूहन्ना 6:44-46
Reporter - सर वर्ल्ड एड्स डे पर आप कुछ कहना चाहेंगे ?
ReplyDeleteमुलायम सिंह यादव - गलतियां हो जाती हैं लौंडो से .
कुछ लोग ये कहकर सहयोग करने से कतरा रहें हैं .... हम तो एक बार पहले सहयोग कर चुके हैं। उन लोगों से मेरा बस इतना ही कहना है ... एक बार सुप्रीम कोर्ट के वकील की एक बार की हियरिंग की फीस पता कर लें। बाकी आप सभी खुद ....काबिल और समझदार हैं .... कुछ बताने की जरुरत नहीं ..!!
ReplyDeleteएक बड़ी प्रसिद्ध कहावत है ...... "अंत भला तो सब भला"
ये अंतिम मौका है .... आप अपनी विजय भारत के इतिहास में दर्ज करने जा रहें है ... बशर्ते सहयोग में कमी न रह जाये अन्यथा ....वो सपना जो हम सब ने मिलकर देखा है अपने सुखद कल के लिए .... कहीं साकार होते होते रह न जाये ....??
समय बहुत कम है विरोधियों को अंतिम बार चारों खाने चित करना है।
अगर एक टीइटी समर्थक 5 टीइटी समर्थक को अपने साथ जोड़ कर सहयोग करने का निश्चय कर ले तो सब कुछ आपका है .... जीत ... जश्न ... और सुनहरा कल ....!!
सभी साथियों विनम्र निवेदन है फैसले की इस निर्णायक घड़ी पर यथासंभव आर्थिक सहयोग अवश्य करें
चाहता तो हूँ कि ये पूरी दुनिया ही बदल दूँ ....
ReplyDeleteपर दो वक़्त की रोटी के जुगाड़ में फुर्सत ही नहीं मिलती
OK UMABHAI AAGE SE DHYAN RAHEGA.
ReplyDeleteकैसी हमारी किस्मत है .....
ReplyDelete.
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जिस हक को प्राप्त करने के लिए हमने रात दिन एक करके पढाई द्वारा जीवन मे फैले अंन्धकार को छांटने का उपक्रम किया एक घृणित साजिश द्वारा सपा ने उस अंन्धकार को और अधिक घना और घनघोर कर दिया ।
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शायद ये हमारी किस्मत और सरकार की कुटिल ,निर्मम और निर्दयी चाल और छल का परिणाम है कि हमारे पास न्याय के सबसे विशाल मंन्दिर का प्रस्शत्रि पत्र होने के बाद भी हमारी चिन्ताये और हमारे जीवन के लक्ष्य की अनिश्चितता आज भी जस की तस बनी हुई है ।
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हमारे संघर्ष का क्रम आज भी अनवरत जारी है ....पर धन्य है हम और हमारी जीवटता की इस आततायी और अपने को स्यम्भू समझने वाली सरकार के विरूद्ध लडने की हमारी इच्छाशक्ति और आत्म विश्वास कम नही हुआ है और तब तक नही होगा जब तक शत्रु अपनी हार मानकर अपने कुक्रत्य के लिए अपना माथा न पटकने लगे ।
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हमने जब नौनीहालोँ के जीवन का अंन्धकार छाटने का बीडा उठाया है तो फिर लगे हाथ सपा सरकार का घंमंड भी
छाटते चले ..... .
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तो इसमे हर्ज ही क्या है ?
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन
ReplyDeleteक्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.
dear tetians zindgi ko agr behtr banana h to dil kholkr tet morche ko economy help Karen taki 10 DEC. ko dushman ko zamidoze kiya ja sake.aur tet merit ka parcham buland kiya ja sake .yad rakhna dushman ko haraanaa h tetians ka jivan Achchha banana h .insha Allah.jay tet .
ReplyDeleteDosto aj jo case lucknow bench pe laga tha uska kya hua
ReplyDeleteArre bhai koi account number bhi de doo... IFSC code ke sath..
ReplyDeleteAgli date 8 dec jitendra kr sengar vs up gov. For detail contact adv.IP Singh-9838507025.
ReplyDeletedear tetians aap in accounts me sahyog Karen.
ReplyDeleteAnil Kumar a/c 3700000100093942 baghpat branch pnb bank IFSC CODE:PUNB037000
AVANISH YADAV a/c 32980061185 BRANCH SANDI (HARDOI) IFSC CODE:SBIN0011182 BANK ,SBI.jay tet.
Aj case take up nahi ho paya. Daily cause list mein 60 number par tha parantu 59 par khatm kar di crt. Next date 8 december 2014. Dhairya bnae rakhein. Dhanyavaad
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट में 10दिसम्बर को होने वाली सुनवाई को लेकर पुरे प्रदेश में हाहाकार मचा है। चाहे वो टेट मेरिट आधार पर काउंसलिंग करा चूका हो या वो जिसका गुणांक से ही चयन संभव हो। जबकि पिछले तीन सालों में हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सब कुछ तय किया जा चूका है। 10दिसम्बर को फिर से वही दो प्रश्न है
ReplyDelete●क्या टेट मेरिट के आधार पर भर्ती हो सकती है या नही...??????
●क्या टेट का वेटेज दिया जानाअनिवार्य है या नही...?????
जिनके कि उत्तर पहले ही कई बार दिए जा चुके है।
जबकि वास्तविक प्रश्न यह है कि
●क्या भर्ती सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर सही प्रकार से चल रही है..????
●क्या भर्ती अनिल संत द्वारा 30/11/11 को प्रकाशित टेट मेरिट आधारित विज्ञापन से ही हो रही है..????
●क्या पात्र अभ्यर्थी की चयनित हो रहे है..????
●क्या टेट संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश संतुष्ट है..??????
पहले दो प्रश्नों के लिए मोर्चा के प्रथम पंक्ति के नेतृत्व को सलाह है कि 10दिसम्बर को अंतिम तारीख के साथ अगली संभावित तारीख की भी तयारी रखें साथ ही वकीलों की फ़ौज के बजाय दो वरिष्ठ अधिवक्ता पर वरीयता दें।
अन्य प्रश्नों के मात्र आप उत्तर ही दे दें।
धन्यबाद
15000 पदों के लिए # btcअभ्यर्थियों की भर्ती का सेड्युल जारी ...............
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteपहले लिखना सीख ले फिर आकर पूछना !
ReplyDeleteभारत के एक युवा मुख्यमंत्री और उसी राज्य के समस्त युवाओं को समर्पित
ReplyDelete.
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एक राजा था जिसकी प्रजा अच्छे हिन्दुओ की तरह सोई हुई थी!
बहुत से लोगों ने कोशिश की प्रजा जग जाए ... अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसका विरोध करे, लेकिन प्रजा को कोई फर्क नहीं पड़ता था!
राजा ने तेल के दाम बढ़ा दिए, प्रजा चुप रही...
राजा ने अजीबो-गरीब टैक्स लगाए, प्रजा चुप रही...
राजा ज़ुल्म करता रहा, लेकिन प्रजा चुप रही.....
एक दिन राजा के दिमाग में एक बात आई उसने एक अच्छे-चौड़े रास्ते को खुदवा के एक पुल बनाया जबकि वहाँ पुल की कतई ज़रूरत नहीं थी...
प्रजा फिर भी चुप थी... किसी ने नहीं पूछा के भाई यहाँ तो किसी पुल की ज़रूरत नहीं है फिर आप क्यों बना रहे है?
अब राजा ने अपने सैनिक उस पुल पर खड़े करवा दिए और पुल से गुज़रने वाले हर व्यक्ति से टैक्स लिया जाने लगा। फिर भी किसी ने कोई विरोध नहीं किया!
फिर राजा ने अपने सैनिको को हुक्म दिया कि जो भी इस पुल से गुजरे उसको 4 जूते मारे जाए और एक शिकायत पेटी भी पुल पर रखवा दी कि किसी को अगर कोई शिकायत हो तो अपनी शिकायत लिखकर पेटी मे डाल दे... लेकिन प्रजा फिर भी चुप!
राजा रोज़ शिकायत पेटी खोल कर देखता कि शायद किसी ने कोई विरोध किया हो... लेकिन उसे हमेशा पेटी खाली मिलती !
कुछ दिनो के बाद अचानक एक एक चिट्ठी मिली...
राजा खुश हुआ कि चलो कम-से-कम एक आदमी तो जागा!
जब चिट्ठी खोली गई तो उसमें लिखा था - .
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"हुजूर जूते मारने वालों की संख्या बढ़ा दी जाए... हम लोगो को काम पर जाने मे देरी होती है।
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याद रखीऐ आप की ये चुप्पी एक दिन इस देश को ले डूबेगी !!
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अगर जीना चाहते हो तो गलत को गलत बताओ और अपनी आवाज़ उठाओ !!!
प्रिय मित्रों,
ReplyDeleteकोर्ट में सभी बिन्दुओं पर बहस के दौरान यह
बात पुरे दमदारी के साथ रखी जाये कि इस
भर्ती में कुछ भी गलत नही था...सब कुछ
सही था पर आज तक यह भर्ती अगर पूर्ण
नही हुई और अदालत की चौखट पर बार-बार
अपने पैदा होने का दर्द लिए सर पटकती है
तो उसका एक ही कारण है....
कि यह भर्ती तात्कालीन सरकार का न होकर
पूर्ववर्ती सरकार की है जिसके प्रति यह
सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित है...
जज साहब को पूर्व में
भर्तियों को पूरा ब्यौरा देते हुए बताया जाय
कि किस प्रकार से राजनैतिक
प्रतिद्वन्दिता का दंश इस देश
का युवा बेरोजगार झेलने के लिए अभिशप्त है...
मा. कोर्ट को आत्महत्या कर चुके नौजवानो के
बारे में बताया जाय जिनकी परिवार आज चीख-
चीखकर इस प्रदेश की हालत बता रहा है..कैसे
उनके विधवावों के आंसू आज भी सुखे नही है...
मा. कोर्ट को यह बताया जाय कि जब से
सरकार इस भर्ती के पीछे पडी है तबसे इन तीन
सालोंइ में दो लाख सत्तर हजार टेट पास
नौजवानो को रोजगार दे चुकी होती...
जय टेट
शुभ NIGHT
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ReplyDeletebol kutte
ReplyDeletebolti bnd ho gyi
ReplyDeletearvind mishra aaj k bad fir blog pr n ana aur tmntmn ko kuchh n bolna
ReplyDelete“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
ReplyDeleteमुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
गुड RATRI
NINETY 8
Jo bhi yha aata h vo turat prt ko chanda chor khne lagta h.kya aap logone dus ya bees hzar chanda me diye h.
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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तुम्हारे
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बिन
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गुजारे
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हैं
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कई दिन ! ! !
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अब
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न
गुजरेँगे ! ! !
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हिचकियों को न भेजो अपना मुखबिर बना कर ।
हमें और भी काम हैं तुम्हें याद करने के अलावा ।।
एलपीजी के दामों में होगी 113 रुपये की भारी कटौती
ReplyDeleteमंत्री जी का साला
ReplyDeleteपूलिस विभाग मे भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी,
भर्ती प्रक्रिया मे मंत्री जी का साला भी भाग ले रहा था,
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स्वभाविक था कि
सब अपनी ओर से जो चापलूसी कर सकते थे, करने का प्रयास कर रहे थे
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500 मीटर की रेस पूरी हुईं,
मंत्री जी के साले साहब ने 4 मिनट 30 सेकेण्ड मे रेस पूरी की !
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उपनिरीक्षक ने लिस्ट बनाते समय 4 मिनट कर दिया
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लिस्ट जब आफिस पहुँची, तो अधिकारी ने सोचा 4 मिनट मे रेस पूरी की है,
उसने उसे 3 मिनट 30 सेकेण्ड कर दिया !
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इसी प्रकार लिस्ट डी.एस.पी , एस.पी और डी.आई.जी से होती हुई
आई.जी के पास पहुँची तब समय 1 मिनट 35 सेकेण्ड तक हो गया था
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आई जी ने जैसे ही लिस्ट को देखा चौक पड़े ....
उन्होंने अपने पी ए से पूछा -
"ये कौन है जिसने 1 मिनट 35 सेकेण्ड मे रेस पूरी की ?"
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पी ए ने बताया - "सर मंत्री जी का साला है"
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आई.जी बोले :-
"अबे भूतनी के वो सब तो ठीक है,
लेकिन विश्व रिकार्ड का तो ध्यान रखते"