सुधार के निर्देश
UGC-NET, Lecturer, Teacher Eligibility Test (TET),
मालवीय नेशनल मिशन ऑन टीचर्स एंड टीचिंग के तहत विश्वविद्यालयों को शिक्षा विभाग की स्थापना के निर्देश
अगले पांच सालों में दस लाख सेवारत शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे विश्वविद्यालय,
गुणवत्ता में सुधार की कवायद
’ 12 लाख शिक्षकों की कमी देश में
5.5 लाख शिक्षकों के पास कोई पेशेवर प्रशिक्षण नहीं।
’ सेवारत शिक्षकों के लिए नियमित प्रशिक्षण के इंतजाम नहीं है’ चुनिंदा संस्थाओ के पास ही शिक्षकों को ट्रेनिंग की सुविधा’
अच्छे शिक्षकों की कमी शिक्षा की गुणवत्ता खराब होने की बड़ी वजह
नई दिल्ली
मदन मोहन मालवीय नेशनल मिशन ऑन टीचर्स एंड टीचिंग की शुरुआत के साथ ही सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को आदेश दिया गया है कि वे अपने यहां स्कूल ऑफ एजुकेशन विभाग की स्थापना करें। इसमें बीएड एवं एमएड के कोर्स तो चलाए ही जाएं, साथ ही स्कूल शिक्षकों को इन सविस ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जाए। मानव संसाधन विकास मंत्रलय की योजना है कि अगले पांच वर्ष में दस लाख स्कूलों शिक्षकों को इन सविस ट्रेनिंग दी जाए।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष डा. वेद प्रकाश के अनुसार इस मिशन का उद्देश्य अच्छे शिक्षकों की उपलब्धता बढ़ाने के साथ सेवारत शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर उनकी गुणवत्ता में सुधार करना है। बदलते माहौल में शिक्षकों को निरंतर प्रशिक्षण देकर उनकी गुणवत्ता बेहतर करने की जरूरत है। सवाल यह था कि उन्हें ट्रेनिंग कहां दी जाए? अब यह कार्य विश्वविद्यालयों में होगा। इस मिशन को लांच करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि शिक्षक को डॉक्टर या इंजीनियर की तरह पेशेवर का दजा नहीं मिलने से इस क्षेत्र में अच्छे नौजवान नहीं आ रहे हैं।
देश में 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय काय कर रहे हैं लेकिन सभी में शिक्षा विभाग नहीं है। लेकिन अब सभी को विभाग बनाना होगा। इसी प्रकार यूजीसी ने राज्यों के विश्वविद्यालयों से भी कहा है कि वे भी शिक्षा विभाग की स्थापना करें जिसके लिए यूजीसी उन्हें आर्थिक सहायता भी देगा। डा. वेद प्रकाश ने कहा, इसके लिए यूजीसी ने 110 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इंटर यूनिवसिटी केंद्र की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
यह केंद्र विश्वविद्यालयों एवं स्कूलों के बीच समन्वय का काय करेगा। मंत्रलय के एक अधिकारी के अनुसार शिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। इसके तहत साल में शिक्षकों के लिए एक निश्चित अवधि की ट्रेनिंग लेनी अनिवार्य होगी और यह प्रक्रिया नियमित रूप से चलेगी। डाक्टरों, इंजीनियरों को दी जाने वाले सतत पेशेवर शिक्षा की तर्ज पर शिक्षकों को भी यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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