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Wednesday, December 31, 2014

अब बीए की पढ़ाई के दौरान कर सकेंगे बीएड

अब बीए की पढ़ाई के दौरान कर सकेंगे बीएड

आगरा वरिष्ठ संवाददाता

केंद्र सरकार शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए नई व्यवस्था पर विचार कर रही है। इसके तहत स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही बीएड करने का मौका मिल सकता है। इसी प्रकार पोस्ट ग्रेजुएट के विद्याथी एमएड कर सकेंगे। यह व्यवस्था 2015-16 से लागू हो सकती है। सोमवार को ताज रोड स्थित होटल ताज रिजॉट में आयोजित प्रेस वाता में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रामशंकर कठेरिया ने यह जानकारी दी।केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में शिक्षकों की कमी दूर करना चाहते हैं। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।

इसके तहत बीएड और एमएड की पढ़ाई स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई के साथ कराई जा सकती है। इससे स्कूलों को कम उम्र के ऊजावान शिक्षक मिलेंगे जो कि राष्ट्र के लिए शिक्षित नई पीढ़ी तैयार करने में सहायक सिद्ध होंगे। इस प्रस्ताव से जुड़ी सभी संभावनाओं पर विचार किया जा चुका है। यह व्यवस्था 2015-16 से लागू की जा सकती है। जल्द ही इस नीतिगत फैसले की घोषणा कर दी जाएगी। यह निर्णय देश में शिक्षकों की कमी को दूर करने में काफी हद तक कारगर सिद्ध होगा।

पांच साल में एमए-एमएड :

नई व्यवस्था लागू होने पर पढ़ाई में अव्वल रहने वाले छात्र अब मात्र पांच साल में एमए-एमएड कर सकेंगे। अभी तक इस स्तर की डिग्री हासिल करने के लिए छात्रों को न्यूनतम नौ साल का समय लग जाता है।

यूनिवर्सिटी का बड़ा ऑपरेशन होगा

डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय की बदहाली को लेकर पूछे गए सवाल पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि चिंता न करें, जल्द ही बड़ा ऑपरेशन होगा। उन्होंने कहा कि इस मसले पर संबंधित पक्षों से बात हो चुकी है। तीन महीने के अंदर यदि यूनिवर्सिटी के हाल-चाल नहीं सुधरे तो बड़ा एक्शन लिया जाएगा।

इस तरह होगी व्यवस्था

मसलन कोई छात्र बीए में प्रवेश लेता है। इसी दौरान वह बीएड की प्रवेश परीक्षा पास कर लेता है। छात्र बीए में अध्ययनरत होते हुए भी बीएड में प्रवेश लेने का पात्र हो जाएगा। यदि छात्र ने बीए के दूसरे साल में बीएड में एडमीशन लिया है तो उसके दो कीमती साल बच जाएंगे। यह स्थिति बीएससी, बीकॉम सहित अन्य स्ट्रीम पर भी लागू होगी। इसी प्रकार एमए की पढ़ाई के दौरान ही छात्र को एमएड करने का मौका रहेगा।

इनका कहना है

एक साथ दो कोर्स करने की अनुमति की प्रक्रिया कुछ मुश्किल नजर आ रही है। फिर भी यदि अमल में आती है तो इससे छात्रों को बड़ा फायदा होगा। उनका कीमती समय बचेगा।डॉ. मनोज रावत, प्राचार्य, आगरा कॉलेज

3 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

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  2. bikul galt ho raha h jo abhi b.ed or m.ed h unke bare mai kuch ni socha ja raha h.

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  3. Manoj ji you are right abhi jo log hai un sab ko nokri mil gyi kya jo ye sab karne ki nobat aa gyi ye or bheed hi bhadegi or kuch to hoga nahi agar gunwata lani hai to manak kade karne hige naki easy.

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