Newsकेंद्रीय व राज्य कर्मियों ने बनाया साझा मंच और आगे बढ़ी कर्मचारी संगठनों की एका
मांगों के लिए एकजुट होकर करेंगे संघर्ष लखनऊ। कर्मचारी संगठनों की एकता एक कदम और आगे बढ़ गई है। पिछले दिनों राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के तीनों गुटों के एक होने के बाद शनिवार को यहां केंद्रीय व राज्य कर्मचारी संगठनों ने मिलकर साझा मंच बना लिया। इसका नाम केंद्रीय एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति रखा गया है। यह फैसला इसी महीने 11 दिसंबर को दिल्ली में केंद्रीय श्रम संघों और राज्य कर्मचारी संघों की संयुक्त बैठक में हुई चर्चा के आधार पर किया गया है। साथ ही तय किया गया है कि 31 दिसंबर को फिर बैठक होगी जिसमें पदाधिकारियों की चयन किया जाएगा। आर.के. पांडेय को साझा मंच का संयोजक बनाया गया है।
बैठक में मौजूद श्रम संघों के प्रतिनिधियों ने पुरानी पेंशन योजना पर केंद्र सरकार की हीलाहवाली की आलोचना की। बैठक में कहा गया कि 40 सांसदों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का पत्र भी केंद्र सरकार को लिखा था। वर्तमान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी यह आश्वासन दिया था। पर, अब तक केंद्र एवं राज्य सरकार के लाखों कर्मचारियों की इस महत्वपूर्ण मांग पर सरकार चुप है। बैठक में संविदा पर कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगाने और डीए को वेतन में शामिल करने की मांग भी की गई।
बैठक की अध्यक्षता राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष इंजीनियर हरिकिशोर तिवारी ने की। बैठक में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री शिवगोपाल मिश्र, नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के आरके पांडेय, दूरसंचार के वीरेन्द्र तिवारी, आयकर कर्मचारियों के जेपी सिंह, जवाहर भवन इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे, चालक महासंघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार नेगी शामिल हुए।
News Sabhaar : अमर उजाला ब्यूरो