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सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक हिंदुस्तान,
कानपुर
महोदय,
दैनिक हिंदुस्तान के अंक ०१ जून २०१२ के पृष्ठ संख्या १ पर दी गई खबर, "शीर्षक-अगले २ साल में स्थाई होंगे १.२२ लाख शिक्षामित्र" में बताया गया है
की विधान परिषद् में भा.ज.पा. दल के नेता डा.नेपाल सिंह के उछे प्रश्नके उत्तर में प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द्चौध्री ने बताया कि शिक्षामित्रों का समायोजन प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में है और
चरणबद्ध रूप से प्रदेश के कुल १६९२०० शिखामित्रों में से ५८९८६ स्नातक शिक्षामित्रो को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है और २०१३ में इसके पूर्ण होते ही ये शिक्षामित्र स्थाई शिक्षक बन
जायेंगे. इसी तरह अगले चरण में ६४००० स्नातक शिक्षामित्रों को जुलाई २०१२ से ट्रेनिंग दी जाएगी जिसके २०१४ में पूरी होते ही ये स्थाई शिक्षक बन जायेंगे.
इस सन्दर्भ में मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूँ कि :
१. निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार २००९ की धारा २३(१) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुप्रयोग में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा २३ अगस्त २०१० जारी अधिसूचना (संलग्नक - १) में स्पष्ट किया गया
था कि प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापक के तौर पे नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी को अधिसूचना में दी गई न्यूनतम शैक्षणिक योग्यताओं के साथ-साथ अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) भी उत्तीर्ण होना आवश्यक है.
२. निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार २००९ की धारा २३(२) के क्रियान्वयन के लिए धारा ३५(१) के अंतर्गत केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी ०८ नवम्बर २०१० को जारी दिशानिर्देश (संलग्नक-२) के बिंदु ४ के अनुसार "अध्यापक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी.) उत्तीर्ण होने की शर्त से केंद्र सरकार द्वारा भी छूट नहीं दी जायेगी.
३. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा २ अप्रैल २०१० को जारी पब्लिक नोटिस (संलग्नक - ३) के अनुसार "राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा आमने-सामने पद्धति में केवल सेवापूर्व अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मान्यता प्रदान की जाती है एवं मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा पद्धति में अध्यापक्प्रशिक्षण कार्यक्रमों को केवल कार्यरत/ सेवारत अध्यापकों,अध्यापक प्रशिक्षकों, शैक्षिक प्रशासकों,शैक्षिक शोधार्थियों, पाठ्यचर्या एवं सामग्री निर्माताओं तथा शैक्षिक प्रणाली से सम्बंधित लोगों हेतु ही मान्यता प्रदान की जाती है. "
४. शिक्षामित्रों को दी जारी ट्रेनिंग की वैधानिकता पे सवाल उठाने वाली याचिका संख्या २८००४/२०११ की सुनवाई के दौरान माननीय उच्च न्यायालय द्वारा ने अपने स्थगनादेश (संलग्नक - ४) इस प्रशिक्षण के बारे में स्पष्ट कहा था," चूँकि प्रथमदृष्टया राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् एक्ट एवं इसके अंतर्गत बने नियम, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा एक्ट तथा निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार २००९ को संगत रूप से पढने पर प्रतीत होता है कि इस प्रकार का प्रशिक्षण केवल मान्य एवं वैधानिक तरीके नियुक्त अप्रशिक्षित शिक्षकों के मामले में अनुमन्य है एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा दिनांक १४ जनवरी २०११ को शिक्षामित्रों को
प्रशिक्षण दिए जाने की अनुमति इस गलत मान्यता पर आधारित है कि वे कानूनी तौर पे नियुक्त अप्रशिक्षित अध्यापक है." इस केस में जारी स्थगनादेश राज्य सरकार द्वारा दाखिल किये गए विशेष अनुमति याचिका के आधार पर भले ही हटाकर इस ट्रेनिंग को चलने दिया गया हो पर यह केस अभी भी विचाराधीन है.
उपरोक्त तथ्यों के आलोक में मैं कहना चाहता हूँ कि उपरोक्त जवाब के माध्यम से मंत्री महोदय द्वारा न सिर्फ सदन को गुमराह किया गया है बल्कि बिना किसी स्पष्ट आधार प्रदेश के १६९२०० शिक्षामित्रों को भी सस्ती
लोकप्रियता केलिए जन-बूझकर बरगलाया जा रहा है. जब टी.ई.टी. के बिना कोई अध्यापक बन ही नहीं सकता और केंद्र सरकार भी इससे छूट नहीं दे सकती तो फिर मंत्री महोदय किस आधार पर उन्हें स्थाई शिक्षक बनाने का सपना दिखा रहे हैं ?
अगर मान भी लिया जाये कि ट्रेनिंग पाने के बाद इन्हें टी.ई.टी. उत्तीर्ण करने के उपरांत नियुक्ति दी जाएगी तो इस बात की गारंटी कौन लेगा कि ये टी.ई.टी. उत्तीर्ण कर ही लेंगे ?
इस प्रकार के अनिश्चित संभावनाओं के बावजूद शत-प्रतिशत शिक्षा-मित्रों के समायोजन को सरकार की प्राथमिकता में गिनना स्वयं सिद्ध करता है कि इस सरकार की प्राथमिकता ठोस कार्य करने के बजाये आश्वासनों का झुनझुना थामना अधिक है.
चुनावों के पहले बेरोजगारी भत्ते की घोषणा करने वाली सरकार ने किस कारीगरी से युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के नियम रचे, उस से प्रदेश के युवा आज तक अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं औरे अब शायद शिक्षा-मित्रों की बारी है.
आशा है,आप उपर्युक्त बातों को गंभीरता से से लेते हुए, वास्तविक तथ्यों के आधार पर इनकी सत्यता को परख कर जनता को इस मामले के सत्य से परिचित कराकर अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करेंगे.
भवदीय
श्याम देव मिश्रा
मुंबई
thanks to the better effort by Shyam Dev Mishra Ji. Such type of effort is unique and very appreciable by active candidates among us. I want to appeal all of UPTETians to do their best effort alike this good one during this valuable chance that we have got due to summer and achar sanhita period. We too are in the way of activating some projects to reveal the govt. and other disturbances in between the recruitment process that will come soon in front of you also to help in it. Till then best of job is the demand of the time we have got in this crucial month.
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ReplyDeletelog to aapke rasto par patthar dalenge parantu ye aap par nirbhar krta h ki aap un pattharo ko badha samajh ke apni yatra rokkar wapas chale jayenge ya fir un pattharo se bridge banakar badhao ko paar karenge
ReplyDeleteso friends be +ve and think +ve dont care of any obstruction motivate yrsesf by these type of obstructions so do quickly watever u want without caring of anythinG.
U WILL SUCCEED
Mr shayam dev mishra ji kindly contact with me.
ReplyDeleteGurpal(jila adhyaksh rampur) 9758869752
शिक्षा मित्रोँ के लिए गड्ढा खोदने वालोँ, तुम खुद उसमेँ गिरोगे ।
ReplyDeleteHizdo maine bhi tet pas kiya khud to kuch hua nahi. shiksha mitro ke liye Khodoge gaddhe to keede padenge tumko salo. tumhari saat pushten bhi kah ke marengi ki kutto ki jaise mat khujlao .b-tex shiksha mitro se sahanubhuti se lagwao .....chudi pahan kar baith jao
ReplyDeletejai prakash