UPPSC : आरक्षण नियमों में बदलाव के खिलाफ याचिका निस्तारित
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के नए आरक्षण नियमों के खिलाफ दाखिल याचिका पर फैसला अब नहीं आएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयोग के इस निर्णय को वापस लेने की जानकारी मिलने के बाद इस संबंध में दाखिल याचिका को अर्थहीन करार देते हुए गुरुवार को निस्तारित कर दिया है।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि आयोग के विवादित नियम को वापस लेने के बाद याचिका पर फैसले का विवाद बिंदु स्वत: ही समाप्त हो गया है। ऐसे में इस मामले में फैसला सुनाने का कोई औचित्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति एलके महापात्र तथा न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुधीर कुमार सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने गत 22 जुलाई को दोनों पक्षों की बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। फैसला आने से पहले ही आयोग ने आरक्षण नियमों में किए गए बदलाव को वापस ले लिया और पुराने नियम पर ही आरक्षण देने का फैसला लिया तथा कोर्ट को हलफनामा दाखिल कर इसकी जानकारी दी। याचिका में उठाए गए मुद्दे आयोग के निर्णय के बाद स्वत: समाप्त होने पर कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया और प्रकरण का पटाक्षेप कर दिया। आयोग को आरक्षण नियमों में बदलाव का फैसला छात्रों के व्यापक विरोध व कोर्ट में उचित विधिक कारण बता पाने में विफल होने को देखते हुए लेना पड़ा।
मालूम हो कि आयोग ने विगत 27 मई को एक प्रस्ताव पारित कर पीसीएस की प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार तीनों स्तर पर आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दी थी। इस प्रक्रिया से सामान्य श्रेणी की सीटों पर आरक्षित वर्ग के लोगों की ओवरलैपिंग के कारण प्रतियोगी छात्रों में व्यापक आक्रोश था। आयोग के इस निर्णय के खिलाफ छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी
News Source / Sabhaar : Jagran (1.8.13)