संविदा शाला शिक्षक वर्ग अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में
दिपेन्द्र सेन 0982986032। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुऐ कातिल में है:- प्रिय नवयुवक मित्रों पहली बार हमारें अधिकारों की जो ज्वाला सम्पूर्ण मध्य प्रदेश के 50 जिलों में धधकी है इसे बुझनें मत देना, इसे तो अब इतना प्रचण्ड रूप देना है कि शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचारी रावण जलकर खाख में मिल जाये।
ये हमारे भविष्य की आखरी लडाई है जिसे हमें हर हाल में जीतना ही होगा चाहे हमें अब कांग्रेस से मिलना पडे जिसे ग्वालियर जिले के अभ्यार्थी आसानी से कर सकते है। वर्तमान मेें म.प्र. शिक्षा विभाग एक ईस्ट इण्डिया कम्पनी है और ये क्रान्ति 1857 की क्रान्ति और हम क्रान्तिकारी है इन्ही में से कई क्रान्तिकारी कल भोपाल थाने में बन्द तक कर दिये गये थे यदि जेल जाने से ही हमें अपने अधिकार मिलेंगे तो हम उसके लिए भी तैयार है। अब इस क्रान्ति के लिए एक झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की भी आवश्यकता है क्योकि लडकियों एवं महिलाओं को नौकरी तो चाहिये पर उनका योगदान अंश मात्र है उनके स्थान पर उनके भाई,पिता या पति इस क्रान्ति में सहयोग करे।
हम सभी इस बात से अवगत है कि द्वितीय चरण में भी पुराने नियमों के आधार पर ही सत्यापन किया जा रहा है तो फिर द्वितीय चरण में विभाग किन अभ्यार्थीयों का सत्यापन करना चाहता है किसके लिए इतनी बडी व्यवस्था की गई है जबकि पुराने नियमों की योग्यता वाले सभी अभ्यार्थीयों का चयन पहले ही हो चुका है। विभाग ने विस्तृत विज्ञापन न तो 16.09.2013 को दिया और न ही 18.09.2013 को दिया और 17.09.2013 को एक संक्षिप्त विज्ञापन दिया जो एक गोलमोल विज्ञापन है ताकि विधार्थी भ्रम में रहे और किसी को कुछ समझ ही न आऐं। विभाग की इसमें एक गहरी सोची समझी साजिश है जैसाकि विभाग पहले भी चिकित्सकों की फर्जी भर्ती में कर चुका है।
वर्तमान में केवल प्रतिक्षा सूची वर्ग 1,2,3 की प्रकिया ही उचित है जिससे हमें किसी प्रकार की आपत्ति नही है लेकिन सत्यापन प्रक्रिया पर हमें शीध्र उच्च न्यायालय जबलपुर से स्टे आर्डर लेना होगा और राजपत्र लागू होने पर ही सत्यापन प्रक्रिया प्रारम्भ करवानी होगी। हमारे कई नैतृत्वकर्ता टुकडियाॅ लेकर आज जबलपुर उच्च न्यायालय के लिए रवाना हो चुके है और उसके बाद दिल्ली सर्वोच्च न्यायालय तक हम अपने अधिकारों के लिए पीछे नहीं हटेंगे इसके लिए हमें आप सभी के पूर्ण सहयोग की आवश्यकता है। अब हमें 30 अगस्त 2013 एजूकेशन पोर्टल का राजपत्र तथा 4 सितम्बर 2013 का म.प्र. राजपत्र को लागू करवाना है जो मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा हाल ही में बनाया गया है क्योंकि इस राजपत्र में वर्ग 1,2,3 के सभी अभ्यार्थीयों प्रशिक्षित व अप्रशिक्षित तथा अनुसूचित जाति, अनुसचित जनजाति तथा पिछडा वर्ग की 5ः छूट आदि सभी प्रकार के नियमों का उल्लेख है।
इन राजपत्रों में जो नियम अब दिये गये है वह नियम हमारी विज्ञप्ति तथा पात्रता परीक्षा के पहले से ही भारत के राजपत्र 2 अगस्त 2011 में वर्णित है इसलिए उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से हम इन्हे लागू करवाऐंगे क्योकि हमारी पात्रता परीक्षा की वैधता जनवरी 2015 तक है
News Sabhaar : Facebook
दिपेन्द्र सेन 0982986032। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुऐ कातिल में है:- प्रिय नवयुवक मित्रों पहली बार हमारें अधिकारों की जो ज्वाला सम्पूर्ण मध्य प्रदेश के 50 जिलों में धधकी है इसे बुझनें मत देना, इसे तो अब इतना प्रचण्ड रूप देना है कि शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचारी रावण जलकर खाख में मिल जाये।
ये हमारे भविष्य की आखरी लडाई है जिसे हमें हर हाल में जीतना ही होगा चाहे हमें अब कांग्रेस से मिलना पडे जिसे ग्वालियर जिले के अभ्यार्थी आसानी से कर सकते है। वर्तमान मेें म.प्र. शिक्षा विभाग एक ईस्ट इण्डिया कम्पनी है और ये क्रान्ति 1857 की क्रान्ति और हम क्रान्तिकारी है इन्ही में से कई क्रान्तिकारी कल भोपाल थाने में बन्द तक कर दिये गये थे यदि जेल जाने से ही हमें अपने अधिकार मिलेंगे तो हम उसके लिए भी तैयार है। अब इस क्रान्ति के लिए एक झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की भी आवश्यकता है क्योकि लडकियों एवं महिलाओं को नौकरी तो चाहिये पर उनका योगदान अंश मात्र है उनके स्थान पर उनके भाई,पिता या पति इस क्रान्ति में सहयोग करे।
हम सभी इस बात से अवगत है कि द्वितीय चरण में भी पुराने नियमों के आधार पर ही सत्यापन किया जा रहा है तो फिर द्वितीय चरण में विभाग किन अभ्यार्थीयों का सत्यापन करना चाहता है किसके लिए इतनी बडी व्यवस्था की गई है जबकि पुराने नियमों की योग्यता वाले सभी अभ्यार्थीयों का चयन पहले ही हो चुका है। विभाग ने विस्तृत विज्ञापन न तो 16.09.2013 को दिया और न ही 18.09.2013 को दिया और 17.09.2013 को एक संक्षिप्त विज्ञापन दिया जो एक गोलमोल विज्ञापन है ताकि विधार्थी भ्रम में रहे और किसी को कुछ समझ ही न आऐं। विभाग की इसमें एक गहरी सोची समझी साजिश है जैसाकि विभाग पहले भी चिकित्सकों की फर्जी भर्ती में कर चुका है।
वर्तमान में केवल प्रतिक्षा सूची वर्ग 1,2,3 की प्रकिया ही उचित है जिससे हमें किसी प्रकार की आपत्ति नही है लेकिन सत्यापन प्रक्रिया पर हमें शीध्र उच्च न्यायालय जबलपुर से स्टे आर्डर लेना होगा और राजपत्र लागू होने पर ही सत्यापन प्रक्रिया प्रारम्भ करवानी होगी। हमारे कई नैतृत्वकर्ता टुकडियाॅ लेकर आज जबलपुर उच्च न्यायालय के लिए रवाना हो चुके है और उसके बाद दिल्ली सर्वोच्च न्यायालय तक हम अपने अधिकारों के लिए पीछे नहीं हटेंगे इसके लिए हमें आप सभी के पूर्ण सहयोग की आवश्यकता है। अब हमें 30 अगस्त 2013 एजूकेशन पोर्टल का राजपत्र तथा 4 सितम्बर 2013 का म.प्र. राजपत्र को लागू करवाना है जो मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा हाल ही में बनाया गया है क्योंकि इस राजपत्र में वर्ग 1,2,3 के सभी अभ्यार्थीयों प्रशिक्षित व अप्रशिक्षित तथा अनुसूचित जाति, अनुसचित जनजाति तथा पिछडा वर्ग की 5ः छूट आदि सभी प्रकार के नियमों का उल्लेख है।
इन राजपत्रों में जो नियम अब दिये गये है वह नियम हमारी विज्ञप्ति तथा पात्रता परीक्षा के पहले से ही भारत के राजपत्र 2 अगस्त 2011 में वर्णित है इसलिए उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से हम इन्हे लागू करवाऐंगे क्योकि हमारी पात्रता परीक्षा की वैधता जनवरी 2015 तक है
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