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Sunday, September 8, 2013

Article : देश में आदर्श व्यवस्था का पालन कैसे हो ?

देश में आदर्श व्यवस्था का पालन कैसे हो ?



मेरे ख्याल से हमारे देश को ऐसा संविधान संसोधन करना चाहिए , जिस के तहत 
देश के प्रधान मंत्री और रास्ट्रपति  को देश की जनता सीधे चुन सके 

जिस से वह सिर्फ देश हित में अच्छे निर्णय ले सकें ( अमेरिका का कानून , इंग्लेण्ड  के कानून के बाद बना है और उसे इंग्लेण्ड  के कानून की खामियों को दूर करके ही बनाया गया होगा )


अभी जैसा  की संसद  में बिल पास हुआ  - दागी नेता पहले की तरह लड़ते रहेंगे चुनाव, चंद मिनटों में बिल पास - 



दागी नेता पहले की तरह लड़ते रहेंगे चुनाव, चंद मिनटों में बिल पास


मेरे ख्याल से -

राज्य सभा (उच्च सदन) में ऐसा प्रावधान होना चाहिए की उसके सदस्यों को  देश की जनता चुने और उनकी वोट डालने की न्यूनतम योग्यता स्नातक हो , अधिक योग्य जनता जैसे - परस्नातक  , डोक्टर 
इंजिनियर आदि  के वोट को अधिक अधिभार / वेटेज दिया जाये 

इस से  संविधान संसोधन वाले बिल देश हित में अच्छे तरह से पास हो सकेंगे । 

जनलोक पाल के दायरे में सभी लोग आयें सिर्फ ख़ुफ़िया विभाग / और डिफेन्स के महत्वपूर्ण विभाग , संवेदनशील विभाग आदि 

आर टी आई से सिर्फ सूचना प्राप्त की जा सकती है , मगर सही कार्य का पालन नहीं कराया जा सकता और पालन कराने के लिए  लिए फिर वही कोर्ट कानून कचहरी और सालों चक्कर लगाना 

जिस से देश के प्रधान मंत्री , रास्ट्रपति जनता के प्रति बेहतरीन  कार्य प्रस्तुत कर सकें और आदर्श के मामले में प्रथम स्थान पर हों 


131 comments:

  1. कश्ती भी नहीं बदली, दरिया भी नहीं बदला,
    हम डूबने वालों का जज्बा भी नहीं बदला,
    है शौक-ए-सफर ऐसा, इक उम्र हुई हम ने,
    मंजिल भी नहीं पाई और रास्ता भी नहीं बदला..!!

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  2. हमने अनशन किया,धरना दिया,लाठी खाई,जेल गये,,,18 महीनों में लगभग पच्चीस-तीस लाख लाख रूपये वकीलों को केस लड़ने के लिए दिए,,,अगर आंदोलनकारियों द्वारा लखनऊ और मोर्चे के सक्रिय कार्यकर्ताओं द्वारा सुनवाई पर इलाहाबाद जाने के किराए एवं अन्य खर्चे को जोड़ लिया जाए तो उससे खरीदे विधायकों के कारण सपा सरकार अल्पमत में आ जाति,,,,

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  3. आज नहीं तो कल हम नौकरी तो ले ही लेंगे प्यार से दी तो ठीक है वरना सरकार की हलक में हाथ डालकर ले लेंगे,,,,दस के आंदोलन से काम ना चला तो लोक सभा चुनावों के बाद बालकों के शिक्षा के मूल अधिकार का हनन करने के इल्जाम में इस सरकार को बर्खास्त करवाकर और टेट मेरिट वालों के आन-लाइन फार्मों में जमा धन से सपा विधायकों को खरीदकर किसी और पार्टी की सरकार बनवाकर उससे अपना हक ले लेंगे,,,लेकिन ये एकैडमिक वाले क्या करेंगे??????? मुझे तो कभी-कभी इनपर तरस आता है,,,,, कानूनन हमारे लिए समयसीमा का कोई बंधन नहीं है लेकिन 31 2014 के बाद इन कालियों का क्या होगा???? नमक खायेंगे या गोली??

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  4. एकैडमिक से भर्ती चाहने वालों ने अब तक अपनी नौकरी के लिए क्या किया है,,सिवाय अमर खुजाला और दैनिक जागरण जैसे घटिया अखबार पढ़ने के,,,,,,रो-धोकर आन्दोलन किया भी तो मात्र सौ लोग आये,,,, थर्ड पार्टी बनने की फीस ना जुटा पाने के कारण अदालत जाकर यह सच्चाई भी नहीं जान पाए की जब तक टेट मेरिट वालों को उनका अधिकार नहीं मिल जाता तब तक उनको भीख भी नहीं मिल पाएगी,,,, एकैडमिक वाले बैठे रहें घर में और 31 मार्च 2014 की समय सीमा को अपनी आँखों के सामने से गुजरता देखें,,,

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  5. एक जगह पर टण्डन पूरी तरह गलत साबित हुए,,, चूँकि टण्डन अच्छी तरह जानते थे कि हमारी न्यायिक व्यवस्था की कमजोरी का लाभ उठाकर सरकार के पास हमारी भर्ती करने में अडंगा लगाने के करने के हजारों विकल्प मौजूद हैं(मेरे ख्याल से अदालती कार्यवाही के इतने अनुभव के बाद भर्ती ना होने देने के दस-बीस विकल्प तो आप सब भी जान गये होंगे)वरना वो कपिलदेव की याचिका पर ही 30-11-11 के विज्ञापन की त्रुटि को दूर करके या उसी विज्ञापन से नियुक्ति का कोई जुगाड़ करके मामला निस्तारित कर देते,,,,,,उन्होंने पद विहीन होने के बावजूद (जो कि SCERT विवरण भेजने वाले आदेश में ही मान लिया गया था)7-12-12 का विज्ञापन रन करने देकर यह उम्मीद कि थी कि एकैडमिक वाले संगठित होकर सरकार पर अपनी नियुक्ति के रास्ते की बाधाओं का निराकरण करने हेतु दबाव बनाएंगे और यह तभी हो पायेगा जब 72825 पदों पर टेट मेरिट से नियुक्ति हो जाए,,,,,

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  6. लेकिन उन्हें क्या पता था कि एकैडमिक वाले हाथी के गोबर समान हैं,,,,,, एकैडमिक वालों को शायद अभी अंदाजा नहीं है कि हमारे देश के नेता पाला बदलने में कितने माहिर होते हैं,,,, जिस दिन मुख्यमंत्री महोदय को समझ में आ गया कि जो एकैडमिक वाले संगठित होकर हाथ में आकर निकल चुकी अपनी नौकरी के लिए नहीं लड़ पाए वो उनकी पार्टी को वोट कैसे देंगे उसी दिन वो भी टेट मेरिट जिंदाबाद का नारा लगाते नजर आएगा,,,,

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  7. किसी दिन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मैं उन्हें एक ऐसा फार्मूला दे दूंगा कि वो टेट मेरिट से भर्ती के को हरी झंडी दिखाने के साथ ही एकैडमिक से भर्ती के लिए पदों का सृजन भी कर लें

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  8. मैं अपने हाथों से किसी का बुरा नहीं करना चाहता भले ही उसने मेरा किया हो,,, इसीलिए अपनी सबसे खतरनाक पोस्ट को आज तक लिखा नहीं है,,,, एक बार अगर मैंने याचिका डाल दी तो सर्वोच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ भी एकैडमिक से भर्ती करा नहीं पायेगी,,,,,वृहद पीठ के आदेश पर भी मत जाइयेगा,,वेटेज से भी भर्ती नहीं हो पाएगी.... सच तो यह है कि हमारी भर्ती के बाद प्राथमिक में कोई भर्ती हो ही नहीं पाएगी.....

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  9. प्राथमिक में बी.एड वालों की भर्ती के बारे में एक बाधा से ज्यादातर लोग अभी भी अवगत नहीं है,,,,, RTE में प्रावधान है कि केन्द्र सरकार यदि समझती है कि सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्राथमिक में भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता में छूट दिया जाना आवश्यक है तो वह ऐसा कर सकती है लेकिन पाँच साल तक ही

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  10. चूँकि RTE 1 अप्रैल 2010 को लागू किया गया था इसलिए इस प्रावधान का सीधा सा मतलब है कि 31 मार्च 2015 के बाद प्राथमिक में बी.एड वालों कि भर्ती की अनुमति देने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से संविधान संशोधन करना पडेगा,,जाहिर है कि ये काम लगभग असंभव है,,,,, एकैडमिक वाले सोच लें कि वर्तमान हालात में उनके स्वास्थ्य के लिए क्या लाभदायक है,,दस सितम्बर को हमारे पीछे चलना या सद्-सदा के लिए गर्त में जाना,,,,,

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  11. "प्रमुख किले"

    चितौड का किला = चितौड़गढ़= चित्रागंद मौर्य
    जैसलमेर का किला = जैसलमेर= जैसलदेव
    कुम्भलगढ़ का किला = उदयपुर = कुम्भा
    आमेर का किला = जयपुर = घोलाराय जी
    तारागढ़ का किला = अजमेर = अजयपाल
    सिंघाना का किला = जोधपुर= वीर नारायण
    जालौर का किला = जालौर = परमार वंश
    नाहरगढ़ का किला = जयपुर = कछवाहा वंश
    डीग का किला = भरतपुर = राजा सूरजमल
    भटनेर का किला = हनुमानगढ़= भूप भाटी
    बयाना का किला = भरतपुर = विजयपाल
    रणथंभौर का किला = सवाई माधोपुर
    मेहरानगढ़ का किला = जोधपुर = राव जोधा
    जूनागढ़ का किला = बीकानेर= रायसिंह
    अचलगढ़ का दुर्ग = आबू = कुम्भा
    अकबर का किला = अजमेर = अकबर
    सिवाना का दुर्ग = सिवाना बाड़मेर = वीरनारायण
    पवार
    लोहागढ़ का दुर्ग = भरतपुर- सूरजमल जाट
    तिमंगढ़ का किला = भरतपुर -तीमन पाल
    सोजत का दुर्ग = पाली = रावमालदेव
    अजय मेरु = अजमेर = अजयराज
    माधो राजपुरा = जयपुर = माधो सिंह
    कोटा गढ़ = कोटा = जैत्र सिंह
    दौसा का दुर्ग = दौसा = बडगूजर
    राजगढ़ = राजगढ़ = प्रताप सिंह
    मांडल गढ़ = चानणा गुर्जर
    सोनार का किला = जैसलमेर = जैसल भाटी
    किलोण = बाड़मेर = राव भोमोजी
    गागरोन = झालावाड़ = परमारराजपूत
    नाहरगढ़ = जयपुर = जय सिंह
    जयगढ़ = जयपुर = जय सिंह

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  12. "इश्क गरम चाय कि तरह है और
    दिल पारले जी बिस्कुट
    कि तरह ... हद से
    ज्यादा डुबाओगे तो टूट
    जाएगा...."

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  13. hum to aaina hain ,daag dikhayenge chehre ke, jise bura lage wo saamne se hattttttttttttttt jaye

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  14. बड़ा भोला बड़ा सादा बड़ा सच्चा है तेरे
    शहर से तो मेरा गाँव
    अच्छा है॥
    वहां मैं मेरे बाप के नाम से
    जाना जाता हूँ।
    और यहाँ मकान नंबर से
    पहचाना जाता हूँ॥
    वहां फटे कपड़ो में भी तन
    को ढापा जाता है।
    यहाँ खुले बदन पे टैटू
    छापा जाता है॥
    यहाँ कोठी है बंगले है और कार है।
    वहां परिवार है और संस्कार है॥
    यहाँ चीखो की आवाजे दीवारों से
    टकराती है।
    वहां दुसरो की सिसकिया भी सुन
    यहाँ शोर शराबे में मैं कही खो जाता हूँ।
    वहां टूटी खटिया पर भी आराम से
    सो जाता हूँ॥
    यहाँ रात को बहार निकलने में
    दहशत है...
    मत समझो कम हमें की हम गाँवसे आये
    है।
    तेरे शहर के बाज़ार मेरे गाँव ने
    ही सजाये है॥
    वह इज्जत में सर सूरज की तरह
    ढलते है।
    चल आज हम उसी गाँव में चलते है.....
    ............. उसी गाँव में चलते है

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  15. कोर्ट की अपनी सीमाएं हैं इसलिए उससे उतनी ही उम्मीद करें जितने उसके पास अधिकार हैं,,,,, वर्तमान परिस्थितियों में महापात्रा साहब अधिक से अधिक हमारे लिए एक काम कर सकते हैं की वो सीधे-सीधे सी.बी यादव से कहें की आपकी सरकार भर्ती प्रक्रिया बदलकर एकैडमिक से करना चाहती है जो संभव नहीं है,,, यदि आपको एकैडमिक से भर्ती करनी है तो पहले पूर्व विज्ञापन के अभ्यर्थियों के हितों के अनुरूप विज्ञापन लाकर उनकी भर्ती पूरी करें और उसके बाद एकैडमिक से भर्ती के लिए नवीन पदों का सृजन करके NCTE से अनुमति लेकर उनपर भर्ती करें ,,,,अब आप सरकार से निर्देश लेकर आयें की वो इन हालत में क्या करना चाहती है,,,,, उसके बाद कोहराम मच जाएगा,,,एकैडमिक वालों की जिंदगी में भी और सरकार में भी,,,,,,,
    लेकिन सवाल यह है की क्या हमें घर में बैठकर 31 मार्च 2014 तक उस शुभ दिन के आने का इन्तजार करना चाहिए????

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  16. लेकिन आंदोलन करके नौकरी पाने पर आपका रूतबा कुछ और ही होगा ,,,,,, इसलिए दस तारीख को टेट 2011 पास कम से कम दस हजार लोग लखनऊ आयें और अपनी नौकरी के रास्ते की सारी बाधाओं को दफनाकर ससम्मान घर वापस जाएँ,,,, जिन्हें एकैडमिक से नौकरी पानी हो वो भी आयें क्योंकि सात महीने से जारी स्टे के बाद ये तो बिलकुल पक्का हो चुका है जब तक टेट मेरिट वालों का कल्याण नहीं होगा तब तक एकैडमिक वालों का भी नहीं हो सकता,,,,

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  17. अनुमति की समयसीमा उनके ऊपर हीं लागू होती है,,,जूनियर में भर्ती का सपना देखने वाले तो सारे काम-धाम छोड़कर पधारें,,,आंदोलन में उनकी भागीदारी कुछ याचिकाओं पर पूर्ण विराम लगा सकती है,,वरना खाली दिमाग बहुत अच्छी याचिकाएं लिखता है..... जो साथी पिछले वर्ष हुए आन्दोलनों में आते रहे थे वो तो आंदोलन से प्राप्त आनंद लेने आयेंगे ही,,, जो कभी नहीं आये वो भी इस बार आ जाएँ वरना बाद में पता नहीं कभी ऐसा शुभ अवसर जिंदगी में आये या ना आये,,,,,, एक बात तो आज कहकर रहूँगा चाहे वकील साहबान मेरे ऊपर मुकदमा ही क्यों ना दायर करवा दें ,,,,, आंदोलन करने में जो आनंद है वो केस के मेंशन हो जाने ,,लिस्ट में केस ऊपर-नीचे चले जाने या अनलिसटेड हो जाने में नहीं है ,,,,,,,,, इस पोस्ट को पड़ने वाले जिस व्यक्ति को दस को लखनऊ ना आना हो उससे बस एक ही इल्तजा है,,,,, दस सितम्बर को आइना देखने से बचे,,कहीं शर्म से मर गया तो .....___________________________________,

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  18. कोर्ट में तेरह को या उसके बाद जो होगा उसपर हमारा–आपका कोई बस नहीं है,,,,, सरकार का काम है नियुक्ति देना और कोर्ट का काम है यह देखना की जो नियुक्ति सरकार देना चाह रही है वो विधि के अनुरूप है या नहीं,,अगर नहीं है तो स्टे लगा देना और उस स्टे को तब तक लगे रहने देना जब तक सरकार वो नियुक्ति करने के लिए राजी ना हो जाए जो विधिक रूप से सही हो,,,,,, कोर्ट अपना काम कर चुका है,,,,,,,अब हमें सरकार को उसका काम करने के लिए बाध्य करना है,,,लोकसभा चुनाव नजदीक है,एकैडमिक वाले भी सात महीने से लगे स्टे के कारण इस सच्चाई से अवगत हो चुके हैं की उनकी भर्ती तभी हो सकती है जब हमारी समाप्त हो जाए,,सरकार द्वारा जारी एक और(जूनियर का) विज्ञापन वृहद पीठ के वेटेज के निर्देश के कारण कोर्ट के रहमोकरम पर है,,,,, इसलिए अगर दस सितम्बर को टेट संघर्ष मोर्चा अपनी अधिकतम क्षमता और अधिकतम अनुशासन के साथ लखनऊ की सरजमीं पर उतर जाए तो मंजिल ज्यादा दूर नजर नहीं आती..

    ReplyDelete
  19. यह सब आज इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि हम दस तारीख को वहीं से शुरुआत करने जा रहे हैं जहाँ छोड़कर आये थे,,,, लेकिन इस बार टेट मोर्चे के कार्यकर्ताओं के द्वारा वो गलती नहीं होनी चाहिए जो पिछली बार हुई थी,,,,,, हमें यह समझना होगा की भीड़ अगर सही निर्णय ले सकती तो नेतृत्व की जरूरत ही क्यों पड़े.... रही बात मेरी तो मैं ना तो कभी नेतृत्व का हिस्सा था,ना हूँ और ना ही आगे बनना है,,,, मुझे तो मोर्चे के आम कार्यकर्ताओं के बीच ही रहना है,,,,,उनका हिस्सा बनकर,उनकी आवाज बनकर.....आप चाहें तो मुझे नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के बीच की कड़ी समझ सकते हैं,,,,,

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  20. tum itna jor sor se bol rahe ho.tum bi sun lo tet merit se bharti nahi ho sakti h.kewal tet ko 25% weightage mil sakta h vo bi hahare dura appeal kark.ese gar bete rahoge.kuch nahi hoga, date par date milna bi govt ki chai h.

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  21. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  22. Sanjay Mohan ko jamanat mil gayi aur Prbha tripathi ko clean chit den ki taiyari hai jitan bhi Tet ke ghotalo me fase the wo bahal ho gaye par mara kon kewal wo ladka jo tet me good number laya tha aur hamar chhote bhai jinke Acd me good marks hai wo bhi sochane lage ki TET me number paise de kar laye hai. Un nasamjho ko kon bataye ki ye sab gov ki chal thi aur kuchh nahi. Gov ne ham logo ko lada kar naukri na dene ki taiyari kar li thi. Par muka aaj bhi hai ki sab log ek ho kar lko me chalo aur gov ko vivash karo ki bharti ko chalu kare aur tet se bharati karke sarv shiksha abhiyan ko baye

    ReplyDelete


  23. IMPORTANT STEP FOR MOVEMENT..


    JO BHI TET FIGHTERS MOVMNT Me
    AA RAHE H WO APNE SATH CHHOTA
    YA BADA TIRANGA JARUR LEKE AAYE
    QKI HMARE DESH KA KANOON TIRANGE
    PE LATHI CHARGE KI IJAJAT NHI DETA,,,,

    IS BAAT KA DHYAN RAKHE...

    SAth me ye bhi yad rakhe ki tirange ko
    maryada ke anusar apne hath me pakde
    uska apman na kare.

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  24. *बहुमूल्य सन्देश *


    प्यारे टेट पास साथियों ।

    आज 8 सितम्बर है।
    और -----10 सितम्बर ----कल के बाद है।

    अब हमें सरकार को अपनी ताकत व
    एकता शक्ति दिखाने का समय आ गया है।

    **याद रखना ये अन्तिम अवसर होगा
    अपने लिए कुछ कर दिखाने का ***

    *इस के बाद शायद कोई आन्दोलन न हो*

    इस महाआन्दोलन मे भाग लेने अपने
    साथियों के साथ जरूर पधारे।

    ये मौका अब दुबारा नहीं मिलेगा l

    यू पी टेट मोर्चा,

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  25. Sachchidanand Chaturvedi > Fight for
    TET MERIT "

    Allahbd ke tetian dhyan de ---

    aj sham 5 baje
    mushlim hostal me 10 ki rannit taiyar karne ke
    liye aur hme kis prakar lkw ko prasthan krna hai
    is pr vichar kiya jayega ath ap mahanubhav se
    nivedn hai ki ap 5 bje jarur aye aur apne mitro ko
    v sath laye taki hamari fir vhi 2000 sankya allhbd
    se chale aur hila de lkw ko ......

    jay tet ....

    ReplyDelete


  26. 10 SEP LUCKNOW CHALO

    UPTET SANGHARSH MORCHA HAMIRPUR

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  27. Sandeep Kushwaha --:-)


    Bhatpar rani kshetra ke tetian jinko maine suchna
    di thi ki 8-9-13 sunday ko deoria me meeting
    rakhi gayi hai unhe mai batana chahta hun ki
    sunday ki meeting na rakhkar sidhe 9-9-13
    monday ko krishak exp. Se lucknow chalna
    hai.

    isliye sunday ki meeting cancel aur lucknow
    jane ki taiyari tez.

    yaad rakhe 9-9-13 krishak exp.

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  28. यूपीः फ्री लैपटॉप नहीं मिला तो फांसी लगाई

    यूपी की अखिलेश
    सरकार द्वारा फ्री लैपटॉप बांटे जाने
    की योजना कानपुर के एक परिवार के लिए
    इतनी भारी उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा।

    कानपुर के मोहल्ला बर्रा में रहने वाले एक युवक ने
    सपा सरकार द्वारा बांटे जा रहे फ्री लैपटॉप योजना में
    चयनित नहीं होने के कारण फांसी लगाकर जान दे
    दी।

    क्या था मामला--

    कानपुर के एसएस
    डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाला आलोक
    वर्मा शिक्षा विभाग द्वारा बांटे जा रहे लैपटॉप
    योजना में अपना नाम नहीं होने से अवसाद में था,
    जबकि अलोक के दोस्तों का नाम था। आलोक के पिता के
    मुताबिक इस कारण आलोक काफी दिनों से परेशान था।
    इसके चलते उसने दुपट्टे से फांसी लगाकर अपनी जान
    दे दी। वहीं इस मामले में शिक्षा विभाग के
    अधिकारियों का कहना है कि जिन छात्रों को इस
    योजना में चुना गया था, उसमें आलोक शामिल नहीं था।
    आलोक ने स्थानीय इंटर कॉलेज से
    12वीं की परीक्षा 45 प्रतिशत अंको के साथ पास
    की थी। वह एसएस डिग्री कॉलेज से बीकॉम
    की पढ़ाई कर रहा था।

    सरकार में आने के बाद 2012 में अखिलेश सरकार ने
    इंटर पास 15 लाख छात्रों को फ्री लैपटॉप देने
    का वादा किया था। हालांकि अखिलेश सरकार
    अपने लक्ष्य से कोसों दूर है।

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  29. Ali khan ji andolan 10 se suru hoker kab tak chalega kripya andolan jari rakhe tabhi jyada log pahunch payege

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  30. Jalaun ke sabhi log 10 Sep ko puspak exp 4:03 am gorakhpur mum ex 6:50 am intercity 7:35 am se lucknow pahunche

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  31. Please mention time and place for 10 sep

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  32. one more thing that i want to advice is we should try to publish this information in the local news papers tommorow so that our other friends who does not hv internet can be informed about protest

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  33. Lakhimpur ke sathi morning me 5:30 pe centuary express se lucknow pahuche

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  34. RAJ BHAI JI YE TET MERIT WALE JO HE NA YE BAHUT MDRCHD HE AUR INAKE AGRANI NETA TO MAN CHUKE HAI KI BHARTI TET M,ERIT SE NAHI HOGI LEKIN YE DALIDRAPAN FAILA RAHE JISAKA KOI JAMINI ADHAR HI NAHI BACHA ..

    AAP DEKHANA WATAGE TO MIL SAKTA HE WO BHI SHYAD.. KOI JARURI NAHI KI MILE HI..

    KISI BHI NIYAM KANOON ME ME YE NAHI LIKHA HAI KI MERIT BANATE SAMAY TET KO WAREEYATA DI JAYE....

    HAAN KUCH NYAY DHEESO NE YE JAROOR KAHA HAI KI BHARTI ME TET KE ANKO KO BHI WAREEYATA DE..NA KI DENI HI CHAHIYE YA FIR DENI HOGI...


    KOI BHI NYAYDHEES KANOON SE BAHAR JAA KAR FAISALA NAHI DE SAKTA ...


    AGR AISA HOTA TO DILLI KE BUS RAPE KAND ME NABALIK AROPI KO MAHAZ 3 SAL KI SAZA NA HOTI BALKI US DARINDE KO FASI HI HONI CHAHIYE
    THI............................




    YE TET MORCHA WALE KEWAL FADFADA RAHE JISAKA KOI ARTH NAHI NIKALATA HAI.......

    ReplyDelete
  35. LUKNOW SAB CHALO LEKIN UDDESHY AIK FAISALA JALD HO NA KI TET YA GUNANK MERIT ADHAR NAHI WE NETA HE BADE WALE KAMINE JO HAM DONO GROUPS KO AAPAS ME HI LADA KAR MAMALE KO THANDE BASTE ME DAAL DENGE....

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  36. Sunil Yadav Uptet


    10 aep lucknow chalo fb/blog par bahut ho chuke
    andolan,ye aandolan real mai hoga ,jiska koi
    parinam ho,bcoz iske bad achar sanhita,
    election,,ncte time khatm,
    b.ed ka suraj ast,72825 ki kitab band.

    isliye is maha aandolan ko safal banaye
    Abhi nahi to kabhi nahi .

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  37. Sunil Yadav Uptet


    Deepak KambojStruggle for Right to Education
    Implementation"एक पहल"


    Media ko sath le

    10 ke aandolan ko safal
    karne kn liye call kare

    samachar plus ka no.
    01204646300

    Emergency Telephone
    Number

    Aaj Tak/ business Today :
    011-23684878/88
    India Today/Business
    Today :
    011-23315801/ 101-04
    112-3684888 AAJ TAK
    0120-4341818 IBN7
    011-26446666 NDTV NEWS
    0120-4602585 NEWS 24
    120-3352659 P7 NEWS
    01202511182 ZEE NEWS

    ReplyDelete


  38. शुभ संध्या टेटियन्स

    एक बार फ़िर ...पूरे जोश ,हिम्मत और हौसले के साथ
    निकल पडिये अपने अधिकार को पाने के लिये ..

    जोश का समंदर दिल में पैदा कर लो।

    बहते जाओ नाव की तरह
    तेज चलती हवाऐं
    उठती हुई ऊंची लहरें
    तुम्हें डुबा नहीं सकती
    अपने अंदर
    मंजिल तक पहुंचने का हौंसला भर लो।।
    और यह भी याद रखिये ..
    जीतेगें हम सच की जंग जिसकी आशा कम विश्वास
    अधिक है...

    इसी विश्वास के साथ अधिकाधिक संख्या में १०
    को अपना शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत
    का अहसास कराना है ॥

    ReplyDelete


  39. Mayank Dwivedi


    kuch tet merit leader kuch karan se 10 sep ke
    visal daran predras ko rocna chate hi aap log un
    logo ki bat mi na fse vo logo tet sangers morcha
    se nikal deya gya hi.sayad vo govt ke sath ho gye
    unko govt se 5 lac ruppey and gram vikas adikari
    ki job ka offere aa chukka hi.plez ye sub govt ke
    Nye rannete hi.sayad kuch acdmik vale logo ki cal
    bhi ho saqti hi.

    ReplyDelete


  40. my dear friend plz come on
    lucknow at 10 sep 2013.

    ye baji antim baji hai ye humko
    jitna hi hoga plz aap log ghar se
    niklo nhi to jindgi bhar gar pe sona padega.

    ReplyDelete


  41. Shalabh Tiwari > Swami Vivekanand
    Educational Society of UPTET Merit
    Holders


    दस तारीख की रणनीति के सन्दर्भ में हर बाते
    फेसबुक पर लिखना उचित नहीं रहेगा लेकिन कुछ
    बातें
    हैं जिनको सार्वजनिक करने से किसी प्रकार
    की समस्या नहीं होगी बल्कि कुछ समस्याओं से
    निपटने में सहायता ही मिलेगी,,, पिछले
    आन्दोलनों के अनुभव के आधार पर कुछ बातें स्पष्ट
    करने का प्रयास कर रहा हूँ, मोर्चे के जिम्मेदार
    लोग
    जहाँ उचित समझें संशोधन कर लें..

    १-बारह बजे के लगभग हम चारबाग पर
    जमा होंगे,,जो साथी पहले पहुँच जाएँ वो इस बात
    का विशेष ख्याल रखें कि पुलिस-प्रशासन
    उनको हिरासत में लेकर पास के स्टेडियम में बंद
    करके
    शाम को रिहा कर देगा,लेकिन इससे हम कमजोर
    हो जायेंगे , वक्त से पहले गिरिफ्तारी से कैसे
    बचना है इसकी रणनीति ट्रेन में
    ही बना लीजियेगा,

    २-आंदोलन हर हाल में शांतिपूर्ण रहना चाहिए,,यह
    जिम्मेदारी जिला अध्यक्षों और सक्रिय
    कार्यकर्ताओं की है ,,पाँच-दस हजार आक्रोशित
    युवाओं की भीड़ अगर चाहे तो कुछ घंटों के लिए
    लखनऊ पर कब्जा कर सकती है लेकिन इससे कुछ
    हासिल नहीं होगा सिवाय सौ-दो साथियों सौ के जेल
    जाने के,

    ३-सभी लोग दूसरों को अनुशासित करने से पहले अपने
    आपको अनुशासन में रखें,,यदि कोई घुसपैठिया माहौल
    बिगाड़ने का प्रयास करे
    तो बिना हिंसा का सहारा लिए
    उससे कैसे निपटना है ये आप अच्छी तरह जानते
    हैं..... यदि हम इतने अनुशासित हो सकें कि जब मौन
    रहने को कहा जाए तो मौन हो जाएँ और जब नारे
    लगाने को कहा जाए तो एक किलोमीटर तक आवाज
    गूंजे,,हम जीत जायेंगे.

    ४- एक बात का ध्यान हमेशा रखें कि बैठे हुए लोगों पर
    लाठी चार्ज नहीं किया जाता है,,,दारुलशफा में
    तो सिर्फ तब ही लाठी चलाई जा सकती है जब आप
    पुलिस पर हमला कर दें या अंदर से सडकपर ईट-
    पत्थर
    चलायें, पुलिस का काम है आपको डराकर
    आप की अपने लक्ष्य के लिए
    प्रतिबद्दता की परीक्षा लेना,,जब आप डरने से
    इन्कार कर देते हैं तो वो आपको डराने का प्रयास
    तक नहीं करती,,,, शासन-प्रशासन आपके सामने बेबस
    हो जाता है,,,, उसके बाद प्रशासन
    आपको गिरिफ्तारी देने के लिए कहता है लेकिन
    जब
    गिरिफ्तारी देने वाले अहिंसक
    लोगों की संख्या चार-पाँच
    हजार हो जाती है तो वो गिरिफ्तार करने से इन्कार
    कर देता है,,,अगर गिरिफ्तारी होती भी है
    तो बहुत
    ही सम्मान के साथ पुलिस लाइन ले
    जाया जाता है ,शाम को पूछा जाता है कि आप अब
    जेल जाना चाहेंगे या घर,,,,,, यदि पाँच हजार
    व्यक्ति जेल जाने पर अमादा हो जाते हैं तो प्रशासन
    की हवा खराब हो जाती है,,,तब जाकर सरकार
    आपको गंभीरता से लेती है,,,,,डर के आगे ही जीत
    है,हर हाल में बस इतना याद रखना..

    ५-चारबाग पर प्रशासन का रवैया और
    हमारी संख्या ,,और सबसे बड़ी बात है नेतृत्व
    की मजबूती इस बात को निर्धारित
    करेगी कि आगे
    क्या होगा इसलिए इस बारे में ज्यादा अनुमान
    ना लगाएं,,,,, नेतृत्व की बात मानकर ही आप
    प्रशासन
    की नज़रों में उसे मजबूती प्रदान कर सकते हैं,,नेतृत्व
    की मजबूती में ही हम सबका हित है.

    ६-हमारा संचार तंत्र
    ही हमारी मजबूती है,,,,,लखनऊ
    में किन्हीं भी हालात में हम सबके बीच टेलीफोन
    का संपर्क बना रहना चाहिए,,,, एस.एम..एस कार्ड
    डलाकर आयें,,सुपरिचित साथियों के एस.एम एस. पर
    ध्यान देते रहें,,,, और हर हाल में फोन को सुरक्षित
    रखें ,मोबाइल की बैटरी फुल चार्ज होनी चाहिए....

    ReplyDelete


  42. Shalabh Tiwari > Swami Vivekanand
    Educational Society of UPTET Merit
    Holders


    दस तारीख की रणनीति के सन्दर्भ में हर बाते
    फेसबुक पर लिखना उचित नहीं रहेगा लेकिन कुछ
    बातें
    हैं जिनको सार्वजनिक करने से किसी प्रकार
    की समस्या नहीं होगी बल्कि कुछ समस्याओं से
    निपटने में सहायता ही मिलेगी,,, पिछले
    आन्दोलनों के अनुभव के आधार पर कुछ बातें स्पष्ट
    करने का प्रयास कर रहा हूँ, मोर्चे के जिम्मेदार
    लोग
    जहाँ उचित समझें संशोधन कर लें..

    १-बारह बजे के लगभग हम चारबाग पर
    जमा होंगे,,जो साथी पहले पहुँच जाएँ वो इस बात
    का विशेष ख्याल रखें कि पुलिस-प्रशासन
    उनको हिरासत में लेकर पास के स्टेडियम में बंद
    करके
    शाम को रिहा कर देगा,लेकिन इससे हम कमजोर
    हो जायेंगे , वक्त से पहले गिरिफ्तारी से कैसे
    बचना है इसकी रणनीति ट्रेन में
    ही बना लीजियेगा,

    २-आंदोलन हर हाल में शांतिपूर्ण रहना चाहिए,,यह
    जिम्मेदारी जिला अध्यक्षों और सक्रिय
    कार्यकर्ताओं की है ,,पाँच-दस हजार आक्रोशित
    युवाओं की भीड़ अगर चाहे तो कुछ घंटों के लिए
    लखनऊ पर कब्जा कर सकती है लेकिन इससे कुछ
    हासिल नहीं होगा सिवाय सौ-दो साथियों सौ के जेल
    जाने के,

    ३-सभी लोग दूसरों को अनुशासित करने से पहले अपने
    आपको अनुशासन में रखें,,यदि कोई घुसपैठिया माहौल
    बिगाड़ने का प्रयास करे
    तो बिना हिंसा का सहारा लिए
    उससे कैसे निपटना है ये आप अच्छी तरह जानते
    हैं..... यदि हम इतने अनुशासित हो सकें कि जब मौन
    रहने को कहा जाए तो मौन हो जाएँ और जब नारे
    लगाने को कहा जाए तो एक किलोमीटर तक आवाज
    गूंजे,,हम जीत जायेंगे.

    ४- एक बात का ध्यान हमेशा रखें कि बैठे हुए लोगों पर
    लाठी चार्ज नहीं किया जाता है,,,दारुलशफा में
    तो सिर्फ तब ही लाठी चलाई जा सकती है जब आप
    पुलिस पर हमला कर दें या अंदर से सडकपर ईट-
    पत्थर
    चलायें, पुलिस का काम है आपको डराकर
    आप की अपने लक्ष्य के लिए
    प्रतिबद्दता की परीक्षा लेना,,जब आप डरने से
    इन्कार कर देते हैं तो वो आपको डराने का प्रयास
    तक नहीं करती,,,, शासन-प्रशासन आपके सामने बेबस
    हो जाता है,,,, उसके बाद प्रशासन
    आपको गिरिफ्तारी देने के लिए कहता है लेकिन
    जब
    गिरिफ्तारी देने वाले अहिंसक
    लोगों की संख्या चार-पाँच
    हजार हो जाती है तो वो गिरिफ्तार करने से इन्कार
    कर देता है,,,अगर गिरिफ्तारी होती भी है
    तो बहुत
    ही सम्मान के साथ पुलिस लाइन ले
    जाया जाता है ,शाम को पूछा जाता है कि आप अब
    जेल जाना चाहेंगे या घर,,,,,, यदि पाँच हजार
    व्यक्ति जेल जाने पर अमादा हो जाते हैं तो प्रशासन
    की हवा खराब हो जाती है,,,तब जाकर सरकार
    आपको गंभीरता से लेती है,,,,,डर के आगे ही जीत
    है,हर हाल में बस इतना याद रखना..

    ५-चारबाग पर प्रशासन का रवैया और
    हमारी संख्या ,,और सबसे बड़ी बात है नेतृत्व
    की मजबूती इस बात को निर्धारित
    करेगी कि आगे
    क्या होगा इसलिए इस बारे में ज्यादा अनुमान
    ना लगाएं,,,,, नेतृत्व की बात मानकर ही आप
    प्रशासन
    की नज़रों में उसे मजबूती प्रदान कर सकते हैं,,नेतृत्व
    की मजबूती में ही हम सबका हित है.

    ६-हमारा संचार तंत्र
    ही हमारी मजबूती है,,,,,लखनऊ
    में किन्हीं भी हालात में हम सबके बीच टेलीफोन
    का संपर्क बना रहना चाहिए,,,, एस.एम..एस कार्ड
    डलाकर आयें,,सुपरिचित साथियों के एस.एम एस. पर
    ध्यान देते रहें,,,, और हर हाल में फोन को सुरक्षित
    रखें ,मोबाइल की बैटरी फुल चार्ज होनी चाहिए....

    ReplyDelete


  43. Ashwani Shukla ----


    ::: EK JARURI SOOCHNA::::


    AAP sabhi tet abhayrthiyo ko apne dist ki taraf se
    25-25 Rs ...DARULSAFA LUCKNOW se aur kharch
    karne honge....hum sabhi vahan se ANSHAN karte
    hue EK PATRA ..RASTPATI ..NEW DELHI ko
    bhejenge...vo bhi News chanal valon ke
    samne...Humne apne dist BAHRAICH ke liye
    PATRA type kara liya hai..sath me lifafe
    bhi....aap sabhi ye patra speed post ke
    madhayam se bhejne hain...

    TET SANGHARSH MORCHA BAHRAICH
    apko patra aur lifafa uplabdh
    karayega..

    ASHA hai sabhi tet ke jilaadhaksh is baare me
    sarthak pahal karenge.

    ReplyDelete


  44. Shyam Dev Mishra > Struggle for Right to
    Education Implementation"एक पहल"

    युवा मुख्यमंत्री के राज में युवाओं का असंतोष
    क्या गुल खिलायेगा??

    उत्तर प्रदेश टी ई टी संघर्ष मोर्चा का 10
    सितम्बर 2013 को लखनऊ में आयोजित आन्दोलन 72825
    प्रशिक्षु शिक्षकों के पदों पर 30.11.2011 के
    विज्ञापन की शर्तों के अनुसार न सिर्फ
    भर्ती की माँग करेगा बल्कि को प्रदेश के
    अबतक के सबसे युवा मुख्यमंत्री द्वारा शासित सूबे में
    शिक्षित बेरोजगार योग्य युवाओं की दो साल से
    हो रही बेशर्म अनदेखी को भी जाहिर करेगा।

    देखना होगा, युवाओं के बूते सत्ता में आई यह सरकार अब
    चेतती है या सत्तामद में अंधी होकर मदमत्त आचरण
    करती है।

    4 जनवरी 2012 से तकनीकी पेचीदगियों,
    इलाहाबाद उच्च न्यायालय की उदासीनता और
    उत्तर प्रदेश सरकार के राजनैतिक विद्वेष से
    प्रेरित बेपरवाह रवैये के भंवर में उलझी 72825
    प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के अबतक के
    घटनाक्रम से स्पष्ट है कि इस मामले को सुलझाने के
    लिए सरकार जो कर सकती थी, वह उसने
    नहीं किया, बल्कि एक ऐसा रवैया अख्तियार
    किया, जिस से मामला आजतक अटका पड़ा है। सरकार
    भले ही यह कहकर कि "मामला कोर्ट में है, कोर्ट के
    आदेश का पालन किया जायेगा!" गेंद कोर्ट के पाले में
    डालने की कोशिश करे, पर अभ्यर्थी भली-
    भांति समझते हैं कि चूँकि सरकार कोर्ट में पुराने
    तरीके से भर्ती के विरोध में और संशोधित नियमों से
    भर्ती के समर्थन में अड़ी खड़ी है, इसीलिए
    मामला कोर्ट में है, सरकार के राजी होने की सूरत में
    मामला कोर्ट में रहेगा ही नहीं।

    इस मामले में एकल पीठ द्वारा 16.01.2013 को दिए
    गए निर्णय के अंश जैसे "सितम्बर 2012 में बने नियम
    पूर्ववर्ती प्रभाव से 30.11.2011 के विज्ञापन पर
    प्रभाव नहीं डाल सकते!", "खेल प्रारंभ हो जाने के बाद
    नियम बदले नहीं जा सकते", "मंत्रिमंडल
    द्वारा जिन आधारों पर पुराने विज्ञापन को रद्द
    किया गया, वे सही नहीं है!" न तो इस मामले के
    प्रभावितों के प्रति सहानुभूति से उपजे थे, न
    ही प्रातः स्मरणीय
    न्यायमूर्ति द्वारा प्रतिपादित कोई अद्वितीय,
    अभूतपूर्व और नितांत मौलिक न्यायिक मानदंड।

    ReplyDelete


  45. सामान्य बुद्धि रखने वाला भी ये बातें पहले से
    जानता था। पुराने विज्ञापन पर उठाई गई
    आपत्तियों के जवाब में मायावती-सरकार के बेसिक
    शिक्षा सचिव अनिल संत द्वारा जिस विस्तृत
    हलफनामे में सभी आपत्तियों का तार्किक और
    तथ्यात्मक निराकरण किया गया था, उसपर
    बिना विचार के ही, नियमावली में प्रशिक्षु
    अध्यापक का कोई पद/संवर्ग न होने
    को तकनीकी खामी बताते हुए एकल पीठ ने
    विज्ञापन रद्द किये जाने को सही ठहरा दिया, यह
    जरुर एक बड़ी चालाकी की श्रेणी में आ सकती है।
    हाँ, जस्टिस हरकौली के हाथों में जबतक यह
    मामला रहा, इसकी गति और दिशा सही रही,
    उन्होंने सरकारी मनमानी पर न सिर्फ स्टे
    की नकेल डाली, बल्कि धांधली के
    आरोपों की तथ्यात्मक विवेचना करके स्पष्ट कर
    दिया कि राज्य सरकार द्वारा उल्लखित
    धांधली केवल चन्द पूर्वाग्रह-ग्रस्त
    लोगों का दिमागी फितूर है न कि कोई विचारणीय
    सत्य! पर जस्टिस हरकौली के सेवानिवृत्त होने के
    बाद से यह मामला फिर से लटका पड़ा है। वह
    तो भला हो उनका कि जाने से पहले इस मामले के हर
    पहलू पर उन्होंने अपने विचार और निष्कर्ष इस
    स्पष्टता से आदेशों में प्रकट किये कि विपरीत
    निर्णय की संभावना ही समाप्तप्राय हो गई
    वरना सरकारी पहल पर मौजूदा स्टे
    का भी वही हाल
    किया जा सकता था जो शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग
    पर लगे स्टे का हुआ है।
    1 जुलाई से 5 सितम्बर 2013 तक मामले में एक
    भी सुनवाई नहीं होना भी यह दिखाता है कि मामले
    को उस ईमानदार गंभीरता से
    नहीं देखा जा रहा जो बच्चों के समय-सीमाबद्ध
    संवैधानिक अधिकारों के स्पष्ट हनन से जुड़े और
    सरकार पर क़ानूनी रूप से बाध्यकारी दिशा-
    निर्देशों के खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन से जुड़े मामलों में
    अपेक्षित होती है। यदि कोई यह कहे कि न्यायालय
    सरकार को भर्ती करने को बाध्य नहीं कर
    सकती तो यह कार्यालयों में क्लर्क जैसी सामान्य
    भर्तियों और सेवा-मामलों के सन्दर्भ में तो सत्य
    हो सकती है पर "निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल
    शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009" के
    प्रभावी होने के बाद शिक्षकों की भर्ती के मामले
    में नहीं। प्राथमिक शिक्षा को संवैधानिक
    अधिकार का दर्जा मिलने के बाद 31.03.2013
    (संसद द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के
    प्रावधानों के अनुपालन के लिए निर्धारित समय-
    सीमा) के पूर्व प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में
    हर 30 बच्चों पर एक शिक्षक उपलब्ध कराना प्रदेश
    सरकार के लिए वैधानिक रूप से बाध्यकारी है और
    यदि न्यायालय द्वारा अपने अधिकारों का समुचित
    प्रयोग किया जाता तो वह नए विज्ञापन को रद्द
    कर सकती थी, उसे संशोधित करवा सकती थी,
    पुराने विज्ञापन को आवश्यक संशोधनों के साथ बहाल
    या उसके बदले संशोधित विज्ञापन
    जारी करवा सकती थी, वो भी समयसीमा के
    अन्दर।

    ReplyDelete


  46. प्राथमिक स्तर पर छात्र-शिक्षक अनुपात
    के अनुसार पर्याप्त संख्या में
    अध्यापकों की उपलब्धता "बाल शिक्षा के
    अधिकार" के दायरे में आने के बाद न्यायालय
    को आवश्यक संख्या में अध्यापकों की नियुक्ति के
    लिए राज्य सरकार को निर्देशित करने
    का अधिकार मिल चुका है, इसमें शायद
    ही किसी को संदेह होगा।

    साथ ही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद्
    द्वारा बी एड डिग्री-धारकों को प्राथमिक स्तर
    पर अध्यापक के तौर पर नियुक्ति के लिए
    दी गयी समय-सीमा, जो आनेवाले 31 मार्च को समाप्त
    हो रही है, को देखते हुए भी आवश्यक है कि ये
    क़ानूनी लड़ाई, चयन-प्रक्रिया और नियुक्ति इसके
    पहले निपट जाएँ। अन्यथा की स्थिति में अगर
    अभ्यर्थी कोर्ट से जीत भी जाते हैं तो राजनैतिक
    विद्वेष और खिसियाई यह सरकार निर्णय
    की तिथि तक बीत चुकी समय-सीमा के आधार पर
    इस भर्ती में रोड़े अटकाने से बाज आएगी, इसमें
    भी बहुतों को संदेह होगा। ऐसी स्थिति में मामले के
    कोर्ट में विचाराधीन होने के दौरान बीती हुई
    समय-सीमा के पेंच से छुटकारा पाने के लिए अगर
    एक और क़ानूनी लड़ाई लड़नी पड़े तो कोई बड़ी बात
    नहीं!

    इस हाई कोर्ट में पहले भी एक
    ऐसा मामला काफी लम्बा चला था जिसका निर्णय
    सरकार के खिलाफ आने के पूरे आसार थे, परन्तु मई
    2011 में शुरू इस मामले में 26.09.2011 को सुनवाई
    पूरी कर निर्णय रिजर्व रख लिया गया और
    पैरवीकारों द्वारा निर्णय रिलीज कराने के
    गंभीर प्रयासों का नतीजा यह हुआ कि न्यायाधीश
    महोदय ने 06.07.2012 को मामले की फिर से सुनवाई
    शुरू कर के निर्णय को टाल दिया। तब से कई मामलों में
    याचिकाकर्ता बारी-बारी से
    अपनी याचिका वापस ले चुके हैं, कुछ याचिकाएं
    इसी वजह से डिसमिस हो चुकी है तो कुछ में पैरवी न
    होने से मामला जहां-का-तहां है। सवा लाख
    नियुक्तियों का रास्ता साफ करने में जुटी सरकार ने
    उस मामले में क्या किया होगा, इसका बस
    अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है। पर इस से इलाहाबाद
    उच्च न्यायालय में विद्यमान संभावनाओं का अनुभव
    अवश्य होता है।

    ज़ाहिर है कि अभ्यर्थियों के सब्र का पैमाना छलक
    रहा है। उच्च न्यायालय में जस्टिस हरकौली की बेंच
    में सुनवाई और उनके द्वारा नई प्रक्रिया पर 4
    फरवरी 2013 को जारी स्टे के अध्याय को छोड़ पहले
    एकल पीठ और उसके बाद खंडपीठ का रवैया कतई
    आशानुरूप नहीं कहा जा सकता। लगातार कई
    तारीखों पर वकीलों और पैरवीकारों के प्रयासों और
    अनुरोध के बावजूद मामला खंडपीठ द्वारा सुना तक
    नहीं गया है न ही इसे महत्त्व देते हुए असूचीबद्ध
    (अनलिस्टेड) करके प्रतिदिन सुनवाई कर
    निपटाने की कोई पहल की गई है।

    यही कारण है कि इस मामले के अभ्यर्थी 10
    सितम्बर 2013 को लखनऊ में आन्दोलन के लिए लामबंद
    हो चुके है। आन्दोलन के साथ-साथ अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट
    से मामले की समयबद्ध सुनवाई और निपटारे के
    निर्देश लाने की संभावनाएँ भी तलाश रहे हैं। प्रदेश
    के शिक्षित युवा, इनका संख्याबल और इनके इरादे
    अगर पूर्ण बहुमत वाली इस बेलगाम सरकार
    को लोकतंत्र में लोक-शक्ति का सच दिखा पाए तो यह
    एक शुभ संकेत होगा।

    यदि आप अभ्यर्थी हैं तो यह जरुर जान लें
    कि इनकी सफलता में ही आपकी सफलता है, और
    आपकी ताकत ही इनकी ताकत! आप इनके साथ हैं
    या नहीं, निर्णय आपका, क्यूंकि सफलता-जनित लाभ
    भी आपका और असफलता-जनित हानि भी आपकी।

    ReplyDelete


  47. Sandeep Jha


    farrukhabad ki tet morcha ki meeting aaj sham ko
    pandabag mandir me manoj sharma ji ke
    margdarshan me hui. manoj sharma ji ne sabhi
    tetians se ekjut aur dhairya ka parichay dene ko
    kaha.

    ReplyDelete


  48. Tapan Maurya

    टीईटी संघर्ष मोर्चा भदोही

    TET Sangharsh Morcha Bhadohi ne phuka
    sangharsh ka bigul. 9 sep ki sam Bhadohi station
    se 4.30 pm par karega lucknow kuch. Lucknow
    me hone wale maha andolan ka banega gawah aj
    hui meeting me utsah se bhare tetians ne ailan
    kiya lucknow jung ka karo ya maro ki sthiti me aa
    chuke tetians ne meeting me ki gahan mantrna.
    kal inercity se niklega tetians ka jattha jo log is
    meeting ka hissa nahi bn sake unse agrah hai ki
    kal Bhadohi station k hanuman mandir par
    phunche aur antim aur nirnayak andolan ka hissa
    bne lakho rupaye kharch kar bed karne walo ye
    andolan hi hamara bhavisya decide karega agar
    10, 11, 12, andolan par baith gye to kisi
    mahapatra k bap ki aukat nahi ki sunwai na kare
    gov kuch karna nahi chahti ab tk to ap jan hi
    chuke honge isliye ap gharo se nikaliye nahi to
    jindagi bhar apki atma apko kosegi ki ek andolan
    me chale gye hote to aj naukari mil gyi hoti bund
    bund se sagar bnta hai isliye ap sabhi ki upasthiti
    anivarya hai

    Contact us at 8563975368, 9651790932,7408
    786514

    ReplyDelete

  49. Shalabh Tiwari >


    हम टेट मेरिट वालों ने अपनी भर्ती के लिए अब
    तक लखनऊ पर छः बार हमला बोला,,,, सातवाँ और
    निर्णायक हमला बोलने के लिए दस तारीख
    का इन्तजार करना टेट मोर्चे के
    जांबाजों की सेना को अखर रहा है,,,,,हमने अनशन
    किया,धरना दिया,लाठी खाई,जेल गये,,,18
    महीनों में लगभग पच्चीस-तीस लाख लाख रूपये
    वकीलों को केस लड़ने के लिए दिए,,,अगर
    आंदोलनकारियों द्वारा लखनऊ और मोर्चे के सक्रिय
    कार्यकर्ताओं द्वारा सुनवाई पर इलाहाबाद जाने के
    किराए एवं अन्य खर्चे को जोड़ लिया जाए तो उससे
    खरीदे विधायकों के कारण सपा सरकार अल्पमत में आ
    जायेगी,,,, आज नहीं तो कल हम नौकरी तो ले
    ही लेंगे प्यार से दी तो ठीक है वरना सरकार
    की हलक में हाथ डालकर ले लेंगे,,,,दस के आंदोलन से
    काम ना चला तो लोक सभा चुनावों के बाद बालकों के
    शिक्षा के मूल अधिकार का हनन करने के इल्जाम
    में इस सरकार को बर्खास्त करवाकर और टेट
    मेरिट वालों के आन-लाइन फार्मों में जमा धन से
    सपा विधायकों को खरीदकर किसी और
    पार्टी की सरकार बनवाकर उससे अपना हक ले
    लेंगे,,,लेकिन ये एकैडमिक वाले क्या करेंगे???????
    मुझे तो कभी-कभी इनपर तरस आता है,,,,, कानूनन
    हमारे लिए समयसीमा का कोई बंधन नहीं है लेकिन
    31 2014 के बाद इन कालियों का क्या होगा????
    नमक खायेंगे या गोली??
    एकैडमिक से भर्ती चाहने वालों ने अब तक
    अपनी नौकरी के लिए क्या किया है,,सिवाय
    अमर खुजाला और दैनिक जागरण जैसे
    घटिया अखबार पढ़ने के,,,,,,रो-धोकर आन्दोलन
    किया भी तो मात्र सौ लोग आये,,,, थर्ड पार्टी बनने
    की फीस ना जुटा पाने के कारण अदालत जाकर यह
    सच्चाई भी नहीं जान पाए की जब तक टेट मेरिट
    वालों को उनका अधिकार नहीं मिल जाता तब तक
    उनको भीख भी नहीं मिल पाएगी,,,, एकैडमिक
    वाले बैठे रहें घर में और 31 मार्च 2014 की समय
    सीमा को अपनी आँखों के सामने से गुजरता देखें,,,
    एक जगह पर टण्डन पूरी तरह गलत साबित हुए,
    चूँकि टण्डन अच्छी तरह जानते थे
    कि हमारी न्यायिक
    व्यवस्था की कमजोरी का लाभ उठाकर सरकार के
    पास हमारी भर्ती करने में अडंगा लगाने के करने
    के हजारों विकल्प मौजूद हैं(मेरे ख्याल से
    अदालती कार्यवाही के इतने अनुभव के बाद
    भर्ती ना होने देने के दस-बीस विकल्प तो आप सब
    भी जान गये होंगे)वरना वो कपिलदेव
    की याचिका पर ही 30-11-11 के विज्ञापन
    की त्रुटि को दूर करके या उसी विज्ञापन से
    नियुक्ति का कोई जुगाड़ करके
    मामला निस्तारित कर देते,,उन्होंने पद विहीन
    होने के बावजूद (जो कि SCERT विवरण भेजने वाले आदेश
    में ही मान लिया गया था)7-12-12 का विज्ञापन
    रन करने देकर यह उम्मीद
    कि थी कि एकैडमिक वाले संगठित होकर
    सरकार पर अपनी नियुक्ति के रास्ते की बाधाओं
    का निराकरण करने हेतु दबाव बनाएंगे और यह
    तभी हो पायेगा जब 72825 पदों पर टेट मेरिट से
    नियुक्ति हो जाए,, लेकिन उन्हें
    क्या पता था कि एकैडमिक वाले हाथी के गोबर
    समान हैं,,

    ReplyDelete


  50. एकैडमिक वालों को शायद
    अभी अंदाजा नहीं है कि हमारे देश के
    नेता पाला बदलने में कितने माहिर होते हैं,, जिस
    दिन मुख्यमंत्री महोदय को समझ में आ
    गया कि जो एकैडमिक वाले संगठित होकर हाथ में
    आकर निकल चुकी अपनी नौकरी के लिए
    नहीं लड़ पाए वो उनकी पार्टी को वोट कैसे देंगे
    उसी दिन वो भी टेट मेरिट जिंदाबाद
    का नारा लगाते नजर आएगा,,,,, किसी दिन
    मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मैं उन्हें एक
    ऐसा फार्मूला दे दूंगा कि वो टेट मेरिट से भर्ती के
    को हरी झंडी दिखाने के साथ ही एकैडमिक से
    भर्ती के लिए पदों का सृजन भी कर लें फिर
    भी एकैडमिक से भर्ती हो ना पाए, जब एक
    पार्टी मैं होउंगा और एक पार्टी सरकार और
    दोनों ही पार्टियां एक ही बात चाहती होंगे
    तो भला भर्ती हो कैसे पायेगी???सरकारें
    तो अपनी भर्ती ना करने के विकल्पों की तलाश में
    ही रहती हैं, अखिलेश यादव
    की तो मेरा फार्मूला पाने के साथ ही लाटरी निकल
    आएगी ,आश्वासन भी दो और काम
    भी ना करो यही तो उसका मूल मन्त्र है....मैं अपने
    हाथों से किसी का बुरा नहीं करना चाहता भले
    ही उसने मेरा किया हो, इसीलिए अपनी सबसे
    खतरनाक पोस्ट को आज तक लिखा नहीं है, एक
    बार अगर मैंने याचिका डाल दी तो सर्वोच्च न्यायालय
    की पूर्ण पीठ भी एकैडमिक से
    भर्ती करा नहीं पायेगी,,वृहद पीठ के आदेश पर
    भी मत जाइयेगा,,वेटेज से
    भी भर्ती नहीं हो पाएगी.. सच तो यह है
    कि हमारी भर्ती के बाद प्राथमिक में कोई
    भर्ती हो ही नहीं पाएगी अगर हम ना चाहें तो..
    प्राथमिक में बी.एड वालों की भर्ती के बारे में
    एक बाधा से ज्यादातर लोग अभी भी अवगत
    नहीं है, RTE में प्रावधान है कि केन्द्र सरकार
    यदि समझती है कि सर्व शिक्षा अभियान के
    लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्राथमिक में
    भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता में छूट
    दिया जाना आवश्यक है तो वह ऐसा कर सकती है
    लेकिन पाँच साल तक ही ,, चूँकि RTE 1 अप्रैल
    2010 को लागू किया गया था इसलिए इस प्रावधान
    का सीधा सा मतलब है कि 31 मार्च 2015 के बाद
    प्राथमिक में बी.एड
    वालों कि भर्ती की अनुमति देने के लिए संसद के
    दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से संविधान संशोधन
    करना पडेगा,,जाहिर है कि ये काम लगभग असंभव
    है,, एकैडमिक वाले सोच लें कि वर्तमान हालात में
    उनके स्वास्थ्य के लिए क्या लाभदायक है,,दस
    सितम्बर को हमारे पीछे चलना या सद्-सदा के लिए
    गर्त में जाना,

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  51. Ritesh Ojha > Uptet Sangharsh Morcha

    कन्धों से मिलते हैं कन्धे,
    कदमों से कदम मिलते हैं ,
    हम चलते हैं जब ऐसे तो,
    दुश्मन के दिल हिलते हैं,

    कुछ इसी अंदाज और आगाज में 10 का दिन
    होना चाहिये ,,,जैसा कि आप स्वयं जान चुके हैं
    कि हमारी भर्ती के मुकदमे के बाद न जाने
    कितने ही मुद्दे कोर्ट में पहुँचे और निपट कर
    पतली गली से निकल लिये लेकिन
    हमारी कहानी का पटापेक्ष करने में
    अभी कितना समय लगेगा उसको कोई
    नहीं बता सकता । मुझे तो एक बात समझ में
    नहीं आती कि हमारी नियुक्ति तो टेट से होगी ये
    तो मैं जानता हूँ फिर वो चाहे आज हो, कल
    हो या मायावती आयें तब करें लेकिन ये एकेडमिक वाले
    किस का इंतजार कर रहे हैं । कोर्ट जब स्पष्ट रूप से
    कह चुका है कि नियमावली में संशोधन असंवैधानिक
    है तो 31 मार्च 2014 के बाद ये किस मन्दिर
    का घण्टा घनघनायेंगे । कालिया नाग की तरह
    शीतकालीन ऊँघाई किसके दम पर ले रहे हैं । इसके
    दो ही अर्थ हो सकते हैं या तो यह समझ गये हैं कि यह
    हमारे पद हैं ही नहीं या तो ये वास्तव में विशुद्ध
    अकेडमिक अर्थात गधे हैं
    जिनको इसका अंदाजा ही नहीं कि सबसे बड़ा खेल
    इन्ही के साथ खेला गया है । इनको तो सबसे
    ज्यादा बौराना चाहिये था लेकिन..............खैर
    गधों का क्या ,,,,??? कहीं भी किसी भी खूंटे से
    बान्ध दो..????अब अपनी बात ,,,,सभी साथियों ने
    मेरा अनुरोध है कि जितना भी हो सके चिर
    निद्रा और दिव्या स्वप्न से
    साथियों को उनकी नपुंसकता से जागृत कर सकें तो करें
    । उनको बतायें कि अगर इस बार चूक गये तो 3 हजार
    में अपनी जिंदगी प्राइवेट स्कूल में काटने
    को तैयार रहें । इसलिये चाहे 1 दिन का 300 रूपये कट
    भी जाये तो कम से कम 30000 का इंतजाम करने में
    ही तो बर्बाद होंगे । 2 साल का इतना बड़ा नुकसान
    सहने की क्षमता आप लोग में हैं तो क्या 1 दिन
    का 250 या 300 कटवाने की क्षमता नहीं है ।
    इसलिये कमजोर मत बनिये ,,,कमजोर बनाइये ,,,,मैं
    तो अपने दल के साथ 10 तारीख को सुबह 10 बजे
    चारबाग पर एक बार फिर आर - पार की लड़ाई के
    लिये सामने हौउँगा ,,,,और आप ...???? एक
    बात और अगर जो भी अपने को टेट मेरिट समर्थक
    कहता है और 10 को किसी भी प्रकार
    का बहाना बनाकर आंदोलन में नहीं आता है तो वह अपने
    को 10 के बाद टेट मेरिट समर्थक कहना छोड़ दे और
    कोई कहे या न कहे लेकिन मेरी नजर में वह नपुंसक
    और गद्दार से ज्यादा कुछ नहीं ॥

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  52. Shashwat Pathak > Uptet Sangharsh Morcha


    ॥ 10 सितंबर 10 बजे लखनऊ पहुँचे॥

    सरकार से भर्ती शुरू करने हेतु आवश्यक कदम उठाने
    की एक मात्र माँग करने के लिए टेट 2011 पास
    सभी अभ्यर्थी 10 बजे लखनऊ पहुँचे । सरकार जिस
    तरह भर्ती शुरू कर सकती है करे । हमारी एक
    मात्र माँग 72825 पदों पर शिक्षक जल्द भर्ती शुरू
    करो । पूर्व मे हुई कोर्ट सुनवाई और गुणाँक आधार पर
    कोर्ट के डबल स्टे से यह तय हो चुका है कि सरकार
    मनमाने तरीके से शिक्षक भर्ती नही कर
    सकती है । अब यह भर्ती जब भी होगी टेट मैरिट से
    होगी और गुणाँक की भर्ती तब तक
    नही होगी जब तक यह भर्ती पूरी नही होगी । 10
    सितंबर को लखनऊ नही पहुँचने वाले लोग अपने आप
    कोभर्ती सपोर्टर होने या टेट सपोर्टर कहकर
    शर्मिँदा न हों । उन्हे टेट 2011 फैल
    ही माना जाएगा ।

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  53. Aap log bharti hone ki mang karo tet vs accd karke andolan kyu kamjor kar rahe ho

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  54. Alikhan bhai namskar mai badlpur jaunpur se aa raha hu 7 logo k sath mai ye janna chahta hu ki amran anshan bhi hoga ya nahi kitna din process chalega

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  55. Bharti suru hone ki mang karo base chahe kuch ho kam se kam 72825 logo ko to naukri milegi jalaun dist. Ke adyaksh ka no. Publish kare pls

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  56. Pls jalaun ka no. De mujhe aana hai 12 sathiyo ke sath lucknow me kis jagah pahuche

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  57. Andolan tabhi khatam hoga jab bharti suru karegi sarkar

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  58. Shalabh Tiwari > Uptet Sangharsh Morcha


    यदि अधिकतम शिद्दत से चाहने के बावजूद
    आपकी कोई चाहत इस वजह से
    ना पूरी हो पा रही हो कि कोई और भी अपनी दुआओं
    में वही मांग रहा है जिसे आप चाहते हैं, तो समझ लें
    कि यह ईश्वरीय इच्छा है कि आप अपनी चाहत
    को विस्तार दें,,,,अपने लिए तो सब मांगते हैं लेकिन
    जो दूसरों के लिए मांगता है उसके हितों का ध्यान
    रखने के लिए विधाता भी बाध्य है तो एक अदना से
    मुख्यमंत्री की क्या बिसात है......
    यू.पी. टेट 2011 पास साथियों में से अधिकाँश
    को लगता था कि सरकार जो चाहती है
    वही होता है,,,कुछ लोगों को लगता था कि कोर्ट
    जो चाहता है वही होता है,,,,, लेकिन नहीं...... आप
    जो चाहेंगे वही होगा बशर्ते कि आपकी चाहत
    किसी के सपनो को ना तोडती हो,,,,,
    हमारे मामले में पिछले दो महीनों से सुनवाई ना होने से
    सिर्फ टेट मेरिट चाहने वाले परेशान नहीं है
    बल्कि यू.पी. टेट 2011 पास हर शख्स परेशान
    है,,,,दुखी है,,,,,,,अब जाकर साकार हुआ है उत्तर
    प्रदेश टेट संघर्ष मोर्चा....जिनके सुख-दुःख
    की वजहें एक हो जाती हैं वो एक समुदाय का रूप ले
    लेते हैं,,,,,सवा दो लाख लोगों के संगठित समुदाय
    की मांगों की अनदेखी करना किसी लोकतंत्र में
    तो संभव है नहीं.....
    हम टेट विवाद के समाधान के बहुत निकट हैं,,,,
    प्राथमिक के नए टेट में बी.एड वाले शामिल
    नहीं किये गये,,जूनियर का पेपर इतना कठिन
    आया कि उसे देखकर अच्छे-अच्छों के रोंगटे खड़े
    हो गये,,,, सरकार ने टेट में धांधली पर एक
    हलफनामा लगाया और उसी हलफनामें में
    प्रभा त्रिपाठी द्वारा उस हलफनामे का खंडन
    कराया,,, दो दिन बाद प्रभा त्रिपाठी के ऊपर जांच
    बैठा दी गई जिसमें परसों उन्हें क्लीन चिट दे
    दी गई,,,उससे पूर्व संजय मोहन की पत्नी को सपा में
    शामिल कर लिया,,,,इससे भी पूर्व सिंगिल बेंच में
    retrospective effect से amendment के बारे में दिए
    अपने हलफनामे से मुकर ही चुकी थी,,,,इस
    सबका सीधा सा मतलब है कि सरकार ने मजूरी में
    ही सही लेकिन अपनी गलती स्वीकार कर
    ली है....इस गलती की एक ही सजा है
    कि वो दुगने पदों पर नियुक्ति करे,,,, मुझे
    नहीं लगता कि सरकार को ऐसा करने में कोई खास
    एतराज होगा,,जूनियर में एकैडमिक से 29334
    पदों पर चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है,,,,उसको अब
    सिर्फ प्राथमिक के 43,000 ऐसे पदों का सृजन मात्र
    करना है जिनकी 65%तनख्वाह केन्द्र सरकार
    देती है,,,,,ये सब पहले ही हो सकता था लेकिन
    एकैडमिक वाले तो अमर उजाला के मालिकों के भरोसे
    थे,,,,,, सरकार चलाने वाले इतने भी बेवकूफ नहीं हैं
    कि एकैडमिक वालों को बिना मांगे ही सब कुछ दे
    दें..... अगर सरकार 1,50,000 पदों पर
    नियुक्ति करेगी तो भला कोर्ट को उसका श्रेय
    क्यों देना चाहेगी????? वो चाहेगी कि लखनऊ
    की सड़कों पर दस हजार अध्यापक उतर कर
    राजधानी को धन्य करें,,,,,, नियुक्ति पत्र
    मिलना तो बस एक औपचारिकता है अब.....
    इसलिए जो टेट पास 29,000 जूनियर में एकैडमिक +
    72,825 प्राथमिक में टेट मेरिट + 43,000
    प्राथमिक में एकैडमिक मेरिट से नियुक्ति के
    फार्मूले का पूर्णतः समर्थन करता हो वो तो दस
    सितम्बर को लखनऊ में होने वाले महांदोलन में शामिल
    हो,,,,, हाँ,यदि किसी को इस फार्मूले से एतराज
    हो तो वो इसके किसी भी एक तिहाई हिस्से
    का समर्थन करने के लिए भी शामिल
    हो सकता है,,उसकी नियुक्ति उसके
    द्वारा समर्थित फार्मूले से हो जायेगी,,,

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  59. Base kuch bhi karo process suru kare sarkar yeh sarkar or courte milke natak kar rahe hai jan boojhkar metter nahi niptaya ja raha sirf chunavi labh dekh rahi ye sarkar

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  60. Jalaun: Laxmikant Pathak
    &
    Saurabh

    9452023375 & 9125338157

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  61. Jalaun:

    Laxmikant Pathak
    &
    Saurabh

    9452023375 & 9125338157

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  62. ab to aandolan ho ke rahrga lekin bharti agar tet merit walo ke wazhj se ruki to man lo ye bharti kabhi nahi ho payegi karan agar sarakar tet merit par razi hogi to academic wale hi bharti ki ma chod denge tab sab apana -2 pakad ke hilana kyuki jab koi bharti hi nahi hona chahata to gvt kya kar sakti he..


    tab tet merit wale sadako pe jaha milenge dauda dauda ke kutto ki tarah chinhit kar mara jayega jaise sk pathak ke sath me hua

    me manata hu ki unake sath galat hua lekin akosh jab bhi foota to neta type log hi barbad huye he

    in morch forcha walo ki gand hi tod di jayegi aur dharane inaki gand me gused diya jaye aisi hi ranneeti bharti samarthako ne banayi ye madar chod

    swarthi bhosadi wale apane apane swarth ke chakkar me bharti ko pichhale 2 sal se latakaye huye hai...........

    ReplyDelete
  63. Bharti karwane ki mang kare base kuch bhi ho

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  64. Gaand todni hi hai to unki kyu nahi todte jin ma ke laudo ne writ dali wo suwar ki aulad apni writ wapis le bharti suru ho jayegi

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  65. IN DONO MORCHE WALO KI WAZAH SE 175 SE ADHIK TET HOLDER ATMAHATYA KAR CHUKE........

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  66. JARA SOCHO IN HATYAO KA ASAL QASOORWAR ASALI DOSI ASALI QATIL KON HE.............?????????

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  67. Un madarchodo ke ghar fodo unki ma chodo unki gaand me petrol dal ke aag lagao jo writ dale hai sab ko dhoond ke kutte ki maut maro case apne aap khatam ho jayega

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  68. KYA SARKAR NE 2011 ME STAY LAGAWAYA THA .................

    2012 ME BHI KYA SARAKAR NE STAY LAGAWAYA THA..........

    ReplyDelete
  69. YE SAB INHI MADAR CHOD MORCHO KIHI DEN JO SALE SIRF APANA FAYADA DEKH RAHE ..

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  70. SALE KHUD STAY LAGAWANGE.......

    FIR BHOSADI WALE KAHENGE SARAKAR AUR COURT DONO APAS ME MILI HIYI HE...

    BHOSADI WALE YE DUMUHE JAB KATENGE TO BAHUT BURA KATENGE......

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  71. Ab andolan to hona hai sala abhi tak 2 party bani huyi hai
    1 tet merit pe bharti
    2 accd pe bharti
    or bharti suru ki jaye
    ab yeh to pata chale andolan ka adhar kya hai

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  72. दस को करेंगे विधानसभा का घेराव

    Updated on: Sun, 08 Sep 2013 07:47 PM (IST)


    घोसी (मऊ): टीईटी संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष
    रणवीर सिंह ने 10 सितंबर को विधान सभा के सामने
    आंदोलन में जिले के सदस्य अग्रणी भूमिका निभाने
    को तैयार रहें। प्रदेश सरकार का अड़ियल
    रवैया कायम रहा तो आमरण अनशन भी होगा।

    स्थानीय नगर के मझवारा मोड़ स्थित शिवमंदिर
    पर श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार
    की नीयत सही न होने के कारण 30 नवंबर 11
    को प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश में
    72825 शिक्षकों की नियुक्ति न हो सकी। अब
    मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद प्रदेश
    सरकार ने दोबारा नया विज्ञापन प्रकाशित
    किया है। ऐसे में टीईटी संघर्ष मोर्चा आर-पार
    की लड़ाई को तैयार है। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव
    में इसका प्रभाव दिखने की चेतावनी दी। मोर्चा के
    जिला उपाध्यक्ष विच्येंद्र यादव ने
    कहा कि सरकार की मंशा साफ है तो उच्च न्यायालय
    में हलफनामा दायर कर पुराने विज्ञापन के अनुसार
    नियुक्ति करे। अध्यक्षता सर्वदानंद एवं संचालन
    रामविजय यादव ने की। मुहम्मद अहमद, सुनील
    उपाध्याय, गुलाब चौहान, अमीष कुशवाहा, बृजभान
    यादव, सदानंद सिंह, मंजेश राजभर, नूतन कुमार, शैलेंद्र
    सिंह एवं सतीश गुप्ता आदि रहे।

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  73. Ab andolan karke kya ghanta ukhdega pahle ek mudda to bana lo aapas me hi ladke pitke laut aaoge
    accd aur tet wale ek dusre ka sir fodege sarkar tamasa dekhegi na police ki jarurat padegi na media ki aapas me hi ek dusre ki gaand marege andolankari tet vs acd wale

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  74. Bharti suru ab ho sakti hai to acd par hi isliye sirf bharti suru karne ki mang kare na ki tet merit ki

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  75. Breaking news........ 10 sep. Ko lko me andolan me tet merit aur acd merit walon me bhari takrav tatha kafu lagne ke asaar hain.sawdhan.

    ReplyDelete
  76. दस तारीख की रणनीति के सन्दर्भ में हर बाते लिखना उचित नहीं रहेगा लेकिन कुछ बातें हैं जिनको सार्वजनिक करने से किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी बल्कि कुछ समस्याओं से निपटने में सहायता ही मिलेगी,,,,,,, पिछले आन्दोलनों के अनुभव के आधार पर कुछ बातें स्पष्ट करने का प्रयास कर रहा हूँ,,, मोर्चे के जिम्मेदार लोग जहाँ उचित समझें संशोधन कर लें.....

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  77. १-बारह बजे के लगभग हम चारबाग पर जमा होंगे,,जो साथी पहले पहुँच जाएँ वो इस बात का विशेष ख्याल रखें कि पुलिस-प्रशासन उनको हिरासत में लेकर पास के स्टेडियम में बंद करके शाम को रिहा कर देगा,लेकिन इससे हम कमजोर हो जायेंगे ,,, वक्त से पहले गिरिफ्तारी से कैसे बचना है इसकी रणनीति ट्रेन में ही बना लीजियेगा,,,

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  78. २-आंदोलन हर हाल में शांतिपूर्ण रहना चाहिए,,,यह जिम्मेदारी जिला अध्यक्षों और सक्रिय कार्यकर्ताओं की है ,,,,, पाँच-दस हजार आक्रोशित युवाओं की भीड़ अगर चाहे तो कुछ घंटों के लिए लखनऊ पर कब्जा कर सकती है लेकिन इससे कुछ हासिल नहीं होगा सिवाय सौ-दो साथियों सौ के जेल जाने के,,,,

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  79. ३-सभी लोग दूसरों को अनुशासित करने से पहले अपने आपको अनुशासन में रखें,,यदि कोई घुसपैठिया माहौल बिगाड़ने का प्रयास करे तो बिना हिंसा का सहारा लिए उससे कैसे निपटना है ये आप अच्छी तरह जानते हैं..... यदि हम इतने अनुशासित हो सकें कि जब मौन रहने को कहा जाए तो मौन हो जाएँ और जब नारे लगाने को कहा जाए तो एक किलोमीटर तक आवाज गूंजे,,हम जीत जायेंगे....

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  80. ४- एक बात का ध्यान हमेशा रखें कि बैठे हुए लोगों पर लाठी चार्ज नहीं किया जाता है,,,,,,दारुलशफा में तो सिर्फ तब ही लाठी चलाई जा सकती है जब आप पुलिस पर हमला कर दें या अंदर से सडकपर ईट-पत्थर चलायें,,,, पुलिस का काम है आपको डराकर आपकी अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्दता की परीक्षा लेना,,जब आप डरने से इन्कार कर देते हैं तो वो आपको डराने का प्रयास तक नहीं करती,,,, शासन-प्रशासन आपके सामने बेबस हो जाता है,,,, उसके बाद प्रशासन आपको गिरिफ्तारी देने के लिए कहता है लेकिन जब गिरिफ्तारी देने वाले अहिंसक लोगों की संख्या चार-पाँच हजार हो जाती है तो वो गिरिफ्तार करने से इन्कार कर देता है,,,अगर गिरिफ्तारी होती भी है तो बहुत ही सम्मान के साथ पुलिस लाइन ले जाया जाता है ,शाम को पूछा जाता है कि आप अब जेल जाना चाहेंगे या घर,,,,,, यदि पाँच हजार व्यक्ति जेल जाने पर अमादा हो जाते हैं तो प्रशासन की हवा खराब हो जाती है,,,तब जाकर सरकार आपको गंभीरता से लेती है,,,,,डर के आगे ही जीत है,हर हाल में बस इतना याद रखना......

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  81. ५-चारबाग पर प्रशासन का रवैया और हमारी संख्या ,,और सबसे बड़ी बात है नेतृत्व की मजबूती इस बात को निर्धारित करेगी कि आगे क्या होगा इसलिए इस बारे में ज्यादा अनुमान ना लगाएं,,,,, नेतृत्व की बात मानकर ही आप प्रशासन की नज़रों में उसे मजबूती प्रदान कर सकते हैं,,नेतृत्व की मजबूती में ही हम सबका हित है.....

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  82. ६-हमारा संचार तंत्र ही हमारी मजबूती है,,,,,लखनऊ में किन्हीं भी हालात में हम सबके बीच टेलीफोन का संपर्क बना रहना चाहिए,,,, एस.एम..एस कार्ड डलाकर आयें,,सुपरिचित साथियों के एस.एम एस. पर ध्यान देते रहें,,,, और हर हाल में फोन को सुरक्षित रखें ,मोबाइल की बैटरी फुल चार्ज होनी चाहिए....

    ReplyDelete
  83. एक बार फ़िर ...पूरे जोश ,हिम्मत और हौसले के साथ
    निकल पडिये अपने अधिकार को पाने के लिये ..
    जोश का समंदर दिल में पैदा कर लो।
    बहते जाओ नाव की तरह
    तेज चलती हवाऐं
    उठती हुई ऊंची लहरें
    तुम्हें डुबा नहीं सकती
    अपने अंदर
    मंजिल तक पहुंचने का हौंसला भर लो।।
    और यह भी याद रखिये ..
    जीतेगें हम सच की जंग जिसकी आशा कम विश्वास
    अधिक है...
    इसी विश्वास के साथ अधिकाधिक संख्या में १०
    को अपना शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत
    का अहसास कराना है ॥

    ReplyDelete
  84. Dosto - 10 September ka Lucknow andolan hamare bhavishya ka nirdharan karega.Agar ham apna future bright chahte hai to 10 Sept ko adhik se adhik sankhya me apne tet sathiyo ko le chale.Ha dhyan rakhe hame purn anushasan me me rahna hai aur kisi prakar ki uddandta nahi karni kyoki apke dwara uthaya gaya ek galat kadam hamare 72825 sathiyo ko job se dur kar dega.Andolan purntah SHANTIPURN hona chahiye aur hame shasan,prasashan se varta ke sare vikalp khule rakhne hoge.Hame vishwas hai ki jeet hamari hogi.

    ReplyDelete
  85. एक सेठ अपने बगीचे से बहुत प्रेम करते थे वसंत आते ही उनके
    बगीचे
    मे हर तरह के फूलों ने अपनी छटा बिखेर दी सुंदर सुंदर फूलों के
    बीच जब सेठ जंगली फूलों को देखते तो उदास हो जाते सेठ ने
    उन जंगली फूलों को उखाड़कर फेंक दिया लेकिन कुछ
    दिनों बाद वे जंगली फूल फिर उग आए सेठ ने
    सोचा क्यों न इन पर दवा का प्रयोग किया जाए फिर
    उन्हें किसी जानकार ने बताया कि इस तरह तो अच्छे
    फूलों के नष्ट होने का खतरा भी है तब सेठ ने निराश होकर
    अच्छे अनुभवी माली की सलाह ली माली ने कहा अच्छी चीजों के
    साथ
    बुरी चीजें जीवन के अनिवार्य नियमों मे शामिल है
    जहाँ बहुत सी बातें अच्छी होती है वहाँ कुछ अनचाही दिक्कते और
    तकलीफ भी पैदा हो जाती है मेरी मानो सेठजी तो तुम इन्हें
    नजरअंदाज करना सीखों यही खुश होने का सर्वोत्तम उपाय है
    इन फूलों की तुमने कोई ख्वाहिश तो नही की थी लेकिन
    अब वेतुम्हारे बगीचे का हिस्सा बन गये है यह जीवन ऐसा ही है
    इसे
    स्वीकार करके ही तुम खुश हो सकते
    हो यदि गुणों का फायदा उठाना चाहते
    हो तो अवगुणों को बर्दाश्त करना ही होगा..! —

    ReplyDelete
  86. एक अहम ुसूच ना जन हित मैं जारी -------
    मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें हैं, जिनके
    बारे में हमें जानकारी नहीं होती..लेकिन
    मुसीबत के वक्त यह मददगार साबित
    होती है ।
    इमरजेंसी नंबर - दुनिया भर में मोबाइल
    का इमरजेंसी नंबर 112 है ।
    अगर आप मोबाइल की कवरेज एरिया से
    बाहर हैं,तो 112 नंबर द्वारा आप उस
    क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें..
    ख़ास बात यह है कि यह नंबर तब भी काम
    करता है जब आपका कीपैड लौक हो !
    मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस
    दौरान जरूरी कॉल करनी हो, ऐसे में आप
    *3370# डायल करें
    आपका मोबाइल फिर से चालू
    हो जायेगा और आपका सेलफोन बैटरी में 50
    प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा !
    मोबाइल का यह रिजर्व दोबारा चार्ज
    हो जायेगा जब आप अगली बार मोबाइल
    को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे !
    मोबाइल चोरी होने पर-मोबाइल फोन
    चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले
    जरूरत होती है ,
    फोन को निष्क्रिय करने की ताकि चोर
    उसका दुरुपयोग न कर सके।
    अपने फोन के सीरियल नंबर को चेक करने के
    लिए *#06# दबाएँ. इसे दबाते
    हीं आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट का कोड
    नंबर आयेगा. इसे नोट कर लें और
    किसी सुरक्षित स्थान पर रखें.
    जब आपका फोन खो जाए उस दौरान अपने
    सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे
    तो वह आपके हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा !
    कार की चाभी खोने पर -अगर आपकी कार
    की रिमोट केलेस इंट्री है और गलती से
    आपकी चाभी कार में बंद रह गयी है और
    दूसरी चाभी घर पर है
    तो आपका मोबाइल काम आ सकता है !
    घर में किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन पर
    कॉल करें !
    घर में बैठे व्यक्ति से कहें कि वह अपने
    मोबाइल को होल्ड रखकर कार
    की चाभी के पास ले जाएँ और चाभी के
    अनलॉक बटन को दबाये साथ ही आप अपने
    मोबाइल फोन को कार के दरवाजे के पास
    रखें, दरवाजा खुल जायेगा !
    है न विचित्र किन्तु सत्य

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  87. कन्धों से मिलते हैं कन्धे,
    कदमों से कदम मिलते हैं ,
    हम चलते हैं जब ऐसे तो,
    दुश्मन के दिल हिलते हैं,
    कुछ इसी अंदाज और आगाज में 10 का दिन होना चाहिये ,

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  88. जैसा कि आप स्वयं जान चुके हैं कि हमारी भर्ती के मुकदमे के बाद न जाने कितने ही मुद्दे कोर्ट में पहुँचे और निपट कर पतली गली से निकल लिये लेकिन हमारी कहानी का पटापेक्ष करने में अभी कितना समय लगेगा उसको कोई नहीं बता सकता ।

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  89. मुझे तो एक बात समझ में नहीं आती कि हमारी नियुक्ति तो टेट से होगी ये तो मैं जानता हूँ फिर वो चाहे आज हो, कल हो या मायावती आयें तब करें लेकिन ये एकेडमिक वाले किस का इंतजार कर रहे हैं । कोर्ट जब स्पष्ट रूप से कह चुका है कि नियमावली में संशोधन असंवैधानिक है तो 31 मार्च 2014 के बाद ये किस मन्दिर का घण्टा घनघनायेंगे । कालिया नाग की तरह शीतकालीन ऊँघाई किसके दम पर ले रहे हैं । इसके दो ही अर्थ हो सकते हैं या तो यह समझ गये हैं कि यह हमारे पद हैं ही नहीं या तो ये वास्तव में विशुद्ध अकेडमिक अर्थात गधे हैं जिनको इसका अंदाजा ही नहीं कि सबसे बड़ा खेल इन्ही के साथ खेला गया है । इनको तो सबसे ज्यादा बौराना चाहिये था लेकिन..............खैर गधों का क्या ,,,,??? कहीं भी किसी भी खूंटे से बान्ध दो..???

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  90. अब अपनी बात ,,,,सभी साथियों ने मेरा अनुरोध है कि जितना भी हो सके चिर निद्रा और दिव्या स्वप्न से साथियों को उनकी नपुंसकता से जागृत कर सकें तो करें । उनको बतायें कि अगर इस बार चूक गये तो 3 हजार में अपनी जिंदगी प्राइवेट स्कूल में काटने को तैयार रहें । इसलिये चाहे 1 दिन का 300 रूपये कट भी जाये तो कम से कम 30000 का इंतजाम करने में ही तो बर्बाद होंगे । 2 साल का इतना बड़ा नुकसान सहने की क्षमता आप लोग में हैं तो क्या 1 दिन का 250 या 300 कटवाने की क्षमता नहीं है । इसलिये कमजोर मत बनिये ,,,कमजोर बनाइये ,,,,मैं तो अपने दल के साथ 10 तारीख को सुबह 10 बजे चारबाग पर एक बार फिर आर - पार की लड़ाई के लिये सामने हौउँगा ,,,,और आप ..............?????? एक बात और अगर जो भी अपने को टेट मेरिट समर्थक कहता है और 10 को किसी भी प्रकार का बहाना बनाकर आंदोलन में नहीं आता है तो वह अपने को 10 के बाद टेट मेरिट समर्थक कहना छोड़ दे और कोई कहे या न कहे लेकिन मेरी नजर में वह नपुंसक और गद्दार से ज्यादा कुछ नहीं ॥

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  91. यदि अधिकतम शिद्दत से चाहने के बावजूद आपकी कोई चाहत इस वजह से ना पूरी हो पा रही हो कि कोई और भी अपनी दुआओं में वही मांग रहा है जिसे आप चाहते हैं, तो समझ लें कि यह ईश्वरीय इच्छा है कि आप अपनी चाहत को विस्तार दें,,,,अपने लिए तो सब मांगते हैं लेकिन जो दूसरों के लिए मांगता है उसके हितों का ध्यान रखने के लिए विधाता भी बाध्य है तो एक अदना से मुख्यमंत्री की क्या बिसात है......

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  92. यू.पी. टेट 2011 पास साथियों में से अधिकाँश को लगता था कि सरकार जो चाहती है वही होता है,,,कुछ लोगों को लगता था कि कोर्ट जो चाहता है वही होता है,,,,, लेकिन नहीं...... आप जो चाहेंगे वही होगा बशर्ते कि आपकी चाहत किसी के सपनो को ना तोडती हो,

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  93. हमारे मामले में पिछले दो महीनों से सुनवाई ना होने से सिर्फ टेट मेरिट चाहने वाले परेशान नहीं है बल्कि यू.पी. टेट 2011 पास हर शख्स परेशान है,,,,दुखी है,,,,,,,अब जाकर साकार हुआ है उत्तर प्रदेश टेट संघर्ष मोर्चा....जिनके सुख-दुःख की वजहें एक हो जाती हैं वो एक समुदाय का रूप ले लेते हैं,,,,,सवा दो लाख लोगों के संगठित समुदाय की मांगों की अनदेखी करना किसी लोकतंत्र में तो संभव हीं नहीं.....है

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  94. हम टेट विवाद के समाधान के बहुत निकट हैं,,,, प्राथमिक के नए टेट में बी.एड वाले शामिल नहीं किये गये,,जूनियर का पेपर इतना कठिन आया कि उसे देखकर अच्छे-अच्छों के रोंगटे खड़े हो गये,,,, सरकार ने टेट में धांधली पर एक हलफनामा लगाया और उसी हलफनामें में प्रभा त्रिपाठी द्वारा उस हलफनामे का खंडन कराया,,, दो दिन बाद प्रभा त्रिपाठी के ऊपर जांच बैठा दी गई जिसमें परसों उन्हें क्लीन चिट दे दी गई,,,उससे पूर्व संजय मोहन की पत्नी को सपा में शामिल कर लिया,,,,

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  95. ,इससे भी पूर्व सिंगिल बेंच में retrospective effect से amendment के बारे में दिए अपने हलफनामे से मुकर ही चुकी थी,,,,इस सबका सीधा सा मतलब है कि सरकार ने मजूरी में ही सही लेकिन अपनी गलती स्वीकार कर ली है....इस गलती की एक ही सजा है कि वो दुगने पदों पर नियुक्ति करे,,,, मुझे नहीं लगता कि सरकार को ऐसा करने में कोई खास एतराज होगा,,

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  96. gadu baba tum to acd walo ko aise kah rahe jaise tum tet merit se bharti ho gaye ho....

    aby dalit sapano me itana mat doob ki jab bharti ho tab tu sach me na pagalet ho jaye....????

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  97. जूनियर में एकैडमिक से 29334 पदों पर चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है,,,,उसको अब सिर्फ प्राथमिक के 43,000 ऐसे पदों का सृजन मात्र करना है जिनकी 65%तनख्वाह केन्द्र सरकार देती है,,,,,ये सब पहले ही हो सकता था लेकिन एकैडमिक वाले तो अमर उजाला के मालिकों के भरोसे थे,,,,,, सरकार चलाने वाले इतने भी बेवकूफ नहीं हैं कि एकैडमिक वालों को बिना मांगे ही सब कुछ दे दें..... अगर सरकार 1,50,000 पदों पर नियुक्ति करेगी तो भला कोर्ट को उसका श्रेय क्यों देना चाहेगी????? वो चाहेगी कि लखनऊ की सड़कों पर दस हजार अध्यापक उतर कर राजधानी को धन्य करें,,,,,, नियुक्ति पत्र मिलना तो बस एक औपचारिकता है अब.....

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  98. इसलिए जो टेट पास 29,000 जूनियर में एकैडमिक + 72,825 प्राथमिक में टेट मेरिट + 43,000 प्राथमिक में एकैडमिक मेरिट से नियुक्ति के फार्मूले का पूर्णतः समर्थन करता हो वो तो दस सितम्बर को लखनऊ में होने वाले महांदोलन में शामिल हो,,,,, हाँ,यदि किसी को इस फार्मूले से एतराज हो तो वो इसके किसी भी एक तिहाई हिस्से का समर्थन करने के लिए भी शामिल हो सकता है,,उसकी नियुक्ति उसके द्वारा समर्थित फार्मूले से हो जायेगी,,,

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  99. एक पहल"
    युवा मुख्यमंत्री के राज में युवाओं का असंतोष
    क्या गुल खिलायेगा??
    उत्तर प्रदेश टी ई टी संघर्ष मोर्चा का 10
    सितम्बर 2013 को लखनऊ में आयोजित आन्दोलन
    72825
    प्रशिक्षु शिक्षकों के पदों पर 30.11.2011 के
    विज्ञापन की शर्तों के अनुसार न सिर्फ
    भर्ती की माँग करेगा बल्कि को प्रदेश के
    अबतक के सबसे युवा मुख्यमंत्री द्वारा शासित सूबे में
    शिक्षित बेरोजगार योग्य युवाओं की दो साल से
    हो रही बेशर्म अनदेखी को भी जाहिर करेगा।
    देखना होगा, युवाओं के बूते सत्ता में आई यह सरकार
    अब
    चेतती है या सत्तामद में अंधी होकर मदमत्त आचरण
    करती है।
    4 जनवरी 2012 से तकनीकी पेचीदगियों,
    इलाहाबाद उच्च न्यायालय की उदासीनता और
    उत्तर प्रदेश सरकार के राजनैतिक विद्वेष से
    प्रेरित बेपरवाह रवैये के भंवर में उलझी 72825
    प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के अबतक के
    घटनाक्रम से स्पष्ट है कि इस मामले को सुलझाने के
    लिए सरकार जो कर सकती थी, वह उसने
    नहीं किया, बल्कि एक ऐसा रवैया अख्तियार
    किया, जिस से मामला आजतक अटका पड़ा है। सरकार
    भले ही यह कहकर कि "मामला कोर्ट में है, कोर्ट के
    आदेश का पालन किया जायेगा!" गेंद कोर्ट के पाले में
    डालने की कोशिश करे, पर अभ्यर्थी भली-
    भांति समझते हैं कि चूँकि सरकार कोर्ट में पुराने
    तरीके से भर्ती के विरोध में और संशोधित नियमों से
    भर्ती के समर्थन में अड़ी खड़ी है, इसीलिए
    मामला कोर्ट में है, सरकार के राजी होने की सूरत में
    मामला कोर्ट में रहेगा ही नहीं।
    इस मामले में एकल पीठ द्वारा 16.01.2013 को दिए
    गए निर्णय के अंश जैसे "सितम्बर 2012 में बने नियम
    पूर्ववर्ती प्रभाव से 30.11.2011 के विज्ञापन पर
    प्रभाव नहीं डाल सकते!", "खेल प्रारंभ हो जाने के बाद
    नियम बदले नहीं जा सकते", "मंत्रिमंडल
    द्वारा जिन आधारों पर पुराने विज्ञापन को रद्द
    किया गया, वे सही नहीं है!"

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  100. JAIL WALI KE LIYE
    .
    .
    .
    .
    ..
    .
    ..
    .








    वो बड़े उदास से आए थे, और खुद में ही समाए थे

    मुझे ये खबर ना हो सकी, वो मेरी तलाश में आए थे

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  101. मुझसे मेरे ही खयालों में बात करती हो
    बंद रखता हूं तेरे खातिर अपने दोनों पलके

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  102. jail wali




    उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है,
    उनसे कह नही पाना हमारी मजबूरी है,
    वो क्यूँ नही समझते हमारी खामोशी को,
    क्या प्यार का इज़हार करना जरूरी है.

    ReplyDelete
  103. Ye hai un deviyo ke liye ..Jo kahti hai kiMai...Nhi a paungi mere papa ghar pr nhi...or akle hm nhi a skte mummy bolengi..etc....Mai ye bat kh rha hu ye mera ankho...dekha hal hai...2011 me jb pahli bar..vacc.Niklithi to us time bankdraft ki photocopy lg rhi thi..alam ye,tha ak..boy or girl km se km 50 form lekar khada tha chhote postoffice pr..bs akdin do form liye jate the jiske vajay se hmlog allahabd me post krne ke railway station pr chale jate..vha ak admi 24 ~30 hour lg jate,the vha par ye deviya v hm logo ke..Sath kadake ki thand me puri rat khadi rhti thi koi apni mummy..Ke sath toKoi apne papa..keSath aya hai..Koi apne bhai ka form lekr ayaTha to koi mummy apne bete lkr form ayi thi to kuch boy itneChalak the ki apne girl fnd ko lekr girl ki line me apna form jama karwate the jb hmlog kadai krte means ldkiya kevl girls ka form..dalengi to gfrnd bolti ye mere bhai ka hai air piche se b frndv saport krta khair ye sabh bat chhodo...girl ka vha pr mang isliye bd gayi ki girl ki sankhya 6o rhti to boy ki sankya 120 aur v bad jate jisse girl ka form...jaldi ho jata aur boys k let. Bt ye b.Chhodo ab ao point pr...Jb rat 1bje aur thand kadke ki tej badhi aur.dhundh girne..Lagi to n to vha se koi boys hile n girl aur gov. ki trf se vyavsthaye thi ak bhigi hoi lkadi jo ki jalane se nhi jalti to hm logo ne aps me 4~4 rs collect kr lakdi kharid kr lye aur jaye jisse ye deviya inke mummy papa sabhi log hm sabh b ag ke sahare..puri rat us kadake ki thand me rhe fir subhh lambi lin bdti gyi to is ghatna ko mai..Dekhkr hairan tha ki jb ye puri rat ye aur inke mummy papa inka sahyog kr rhe hai..To kya ye hmare andoln me nhi a sakti JO KAHTI HAIN KI HUM BARABAR KI HISSEDAAR HAIN aur inke pita pati etc koi b to askta hai jb ye bhai ka formdal skti to.bhai ke hk ke liye ld v skti jb ye pati ka form lin me khda hkr us thnd me puri rat form jama kr skti to kya ye 1000 ki sankhya me andoln me bhag nhi le skti...Dhikkar hai in deviyo lant hai inke naukri...Are hmsbhko bs rama tripathi kshama avasathi aur sarika ji jaise matr 100 logo ka sahyog prapt ho jay to ye gov ki prasasn aj kuch nhi kr pati aur hm aj apne maksad me..Kamyab hote bt hmaradurbhgy hai ki ye log puri rat kadake ki thand me form dalne ke liye inke mummy papa agya de sktebt naukri ko lene ke liye lkw jane keliye agya nhi de skte aur uprse inke nakhade..... mere mitr vo durlbh dirsy jo rat kdake ki thand thi sabhi boys girl s sbhke mummy papa hsbnd etc..us khule asman ke niche allhbd railwaystation pr form chhodne ke liye puri rat khade the yadi mere mitr ke pas vo pict hogi to use post v karunga...plz admin ji ydi apko uchitlge to ise jarur share kare aur un soye hue logo.........Yadi jo log allabd railway station pr se form dale honge to vo is ghatna se bhali bhat jarur parchit honge

    ReplyDelete
  104. aby chillandoos pahale aam ki baur to ane de fir amiya tod ke kha lena

    dhaporshankh abhi to bahut andhiya baki jaise aik aur stay gunank per bharti kyu nahi...

    jaise chalati prakriya me niyamo me badalav...

    tet merit kaise sambhav be..

    tumk logo ki bakchodi pe mujhe to galiya aur kabhi kabhi hasi aati ..

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  105. क्या आप अपना भविष्य बनाना चाहते है?
    क्या आपका भविष्य आपके पडोसी संवारेगे?
    क्या आपको अपना हक खैरात मे मिल जायेगा? नही,
    आपको अपने पराक्रम से अपना हक लेना पडेगा,अपने
    भविष्य का निर्माण करना पडेगा,तो उठ खडे हो ,
    अन्तिम अवसर लक्ष्य प्राप्त करने का, 10/09
    को भारी संख्या मे लखनऊ पहुंच कर अपने आन्दोलन
    को सफल बनाये।

    गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाये आपका हर कार्य मंगलमय हो...
    जय श्री गणेश जय
    विघ्नहर्ता जय गजानन.......

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  106. beta teer sarkar ne fek diya nishana tum log ho .....


    jyada se jyada kya hoga koi mantree ayega ashwashan ki pudiya thama ke chala jayega....

    aik baar to lahar ANNA ki bhi thi par kya hua sarkar ne apani rajneeti se



    ANNA ka ghotanna chheen liya..

    aur fir mamala thande baste me..


    wahi hal TET MERIT Ka hona...

    ReplyDelete
  107. अगर आप कोई काम रोज रात को याद करते हैं लेकिन सुबह भूल जाते हैं
    तो उसको याद रखने का अचूक इलाज़....
    .
    .
    रात को सोने से पहले उस कार्य को अपने मोबाइल फोन द्वारा -
    खुद को ही एस एम् एस करें.......
    रिसीव होने पर खोल कर देखेंनहीं.....और सो जाएँ....
    .
    आदमी साला कुछ करे ना करे सुबह उठते ही मोबाइल जरुर देखेगा

    ReplyDelete
  108. TET MERIT TO SAPANA HAI

    GUNANK MERIT HI APANA HAI>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>


    gadu baba ABY PAGALET kal bach ke rahana kuch ho na jaye stat sulag raha he....

    kono gand me bati laga ke na sulaga de....>>>>>>>>>>>>>>>> loko chalo
    jai bharti jai sarkar>>>>> tet&gunank merit murdabad

    hame nokaree chahiye kisi bhi adhar pe .........>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>

    ye dono morche wale swarthi he...>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>

    kal ye nare na lage to kahana...>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>

    ReplyDelete
  109. tet dharak jindabad>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> morche wale murdabad chanda chor he...>>>>

    morche wale hatyare he
    >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>


    175 TET DHARAK LOGO KI MAUT KE JIMMEDAR HE .....>>>>>>>

    ReplyDelete


  110. Ranbir Singh > Uptet Sangharsh Morcha


    TET Sangharsh Morcha Mau 100 tetians k saath
    Utsarg Exp. se aaj prashthan karega. Sabhi zaroor
    pahuche.

    Akhilesh hum aa rahe hai.

    ReplyDelete


  111. Brijesh Rajput > Struggle for Right to Education
    Implementation"एक पहल"


    "शिक्षित युवा बेरोजगार बनाम सरकार
    की मनमानी"-------------


    "सत्ता" वैदिक काल से ही शक्ति का प्रतीक
    रही है,,,,,, और शक्ति के दो पहलू होते हैं एक
    उपयोग और दूसरा दुरुपयोग,,,,,,, जब दुरुपयोग बढ़
    जाता है तब आम जनमानस मे असंतोष उत्पन्न हो जाता है
    और यही असंतोष ही परिवर्तन का आधार
    बनता है,,,,,अगर आप इतिहास पढ़ें तो पायेंगे
    कि असंतोष के प्रदर्शन से ही समय समय पर
    सत्ता का सीमांकन और
    शक्तियों का विकेन्द्रीकरण किया जाता रहा है
    जिसका परिणाम लोकतन्त्र के रूप मे हमारे सामने
    है|

    ऐसा ही असंतोष इस समय प्राथमिक शिक्षक
    भर्ती के आवेदकों मे फैल चुका है,,,, अगर वो एकमत
    होकर एकसाथ अपने असंतोष का प्रदर्शन करें
    तो परिवर्तन होना निश्चित है,,,, वर्तमान
    सरकारों मे स्वेछाधारी शासन
    की जो प्रकृति उत्पन्न हो गयी है उसका सबसे
    निम्न उदाहरण उत्तर प्रदेश की वर्तमान
    सरकार है जिसका नेत्रत्व एक नौसिखिये
    तथाकथित युवा मुख्यमंत्री कर रहे हैं,,,,, युवा होने
    का अर्थ सिर्फ ये नहीं है कि आपकी उम्र 21 से
    लेकर 40-45 वर्ष हो बल्कि इसका अर्थ है आपके पास
    नवीन विचारों का विशाल भंडार है, आप शारीरिक
    और मानसिक तौर पर उस पड़ाव पर हैं
    जहाँ व्यक्ति सभी कार्य करने मे सबसे अधिक
    सक्षम होता है,,,, आपकी समायोजन
    क्षमता अद्वितीय है,,,आप वक्त के साथ चलना जानते
    हैं,,,,आपका तकनीकी ज्ञान अधतन है,,,आप
    रूढ़िवादिता पर यकीन नहीं रखते
    बल्कि अन्वेषण, विश्लेषण और अनुसंधान आधारित
    विज्ञान के समर्थक हैं,,,आप केवल सैद्धांतिक
    मान्यताओं मे विश्वास नहीं करते बल्कि नए
    क्रियात्मक अनुभवों को वरीयता देते है,,, आप अपने
    विचारों से तार्किक योग्यता के आधार पर लोगों मे
    सहमति बनाने का गुण रखते है,,,,आप मे नेत्रत्व कर
    हृदय सम्राट बनने की क्षमता है,,,,आप
    अपनी दक्षता का समुचित प्रयोग करना जानते
    हैं,,,इत्यादि| ऐसे तमाम गुण युवाओं
    की विशेषता होती है जिनमे से एक भी पैतृक
    संपत्ति के उतराधिकारी के रूप मे पार्टी के
    नेत्रत्वकर्ता का पद राजतंत्रीय परंपरा से प्राप्त
    करने वाले इन मुख्यमंत्री महोदय मे नहीं है,,,,, ऐसे
    गुणविहीन व्यक्ति के द्वारा अपने
    अधिकारों का हनन होते हुये देखना एक वास्तविक
    युवा का अपने वजूद को समाप्त मान लेने के समान
    है,,,,,,इसलिए ऐसी व्यवस्था को खुद युवाओं को आगे
    बढ़कर बदलना होगा और अब समय आ गया है
    कि इसकी पहल शुरू की जाये|

    लोकतन्त्र मे शक्ति की सर्वोच्चता जनता मे निहित
    होती है,,,,,, अर्थात वास्तविक सर्वोच्च
    शक्ति जनता के पास होती है,,,, ऐसा नहीं है
    कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार कुछ भी करने के
    लिए स्वतंत्र है या उसके खिलाफ कुछ
    किया नहीं जा सकता,,,, संविधान ने सरकार
    को जो स्वतन्त्रता दी है उसकी सीमाएं निश्चित
    हैं,,,,जो अधिकार दिये उनमे कर्तव्य बोध है,,,,
    जो विशेष शक्तियाँ दी उन पर दायित्व का रोपड़ है
    और ये सब कुछ जनता के कल्याण के लिए है न
    कि राजनीतिज्ञों के व्यक्तिगत
    हितों की पूर्ति के लिए,,,,कहने का तात्पर्य
    यही है कि सबकुछ जनता के हांथों मे है कि वो अपने
    ऊपर किसके द्वारा किस तरह के शासन
    को निर्धारित करे,,,,और आप उस जनता की रीढ़ हैं
    आप पर ही सब निर्भर है|

    गीता का सार ये बताता है जब आपके स्वाभिमान
    को अपमान और छल के द्वारा हानि पहुंचायी जाये,,,,
    प्रकृति प्रदत्त अधिकारों का द्वेषवश किसी के
    द्वारा हनन किया जाये तो युद्ध करना आपका कर्तव्य
    है,,,,

    ReplyDelete


  112. 10 सितंबर का लखनऊ मे होने वाला आह्वान न सिर्फ
    सरकार की निष्क्रियता और शिक्षित
    युवा बेरोजगारों की अनदेखी के खिलाफ युद्ध
    का बिगुल है बल्कि ये घटिया और निम्नतम दर्जे
    की राजनीति के खिलाफ व्यवस्था परिवर्तन के
    युद्ध का एक प्रतीक है,,,,अगर आप अपने
    अधिकारों की संवैधानिक स्वतन्त्रता चाहते हैं तो इस
    आह्वान के भागीदार जरूर बने,,,ये न सिर्फ इस
    भर्ती को पूर्ण करने के लिए सरकार को मजबूर
    करेगा बल्कि आम जनमानस को ये संदेश
    भी देगा कि आपके अनुसरण से कोई भी अपने हक
    को सरकार से छीन सकता है|

    इतिहास गवाह है युवा वर्ग के असंतोष
    की अनदेखी ने बड़े बड़े
    तानाशाहों की सत्ता को जमीदोज़ कर
    दिया,,,,अमेरिका का स्वतन्त्रता संघर्ष हो या फ्रांस
    की क्रान्ति,
    रूसी क्रान्ति हो या चीनी क्रान्ति,,,,इटली के
    फासिस्टों का अंत हो या जर्मनी के नाजीवाद
    का,,,,,विश्व युद्ध हों या फिर हमारा महान
    स्वतन्त्रता संघर्ष,,,,,,,इन सभी परिवर्तनों का आधार
    प्राकृतिक अधिकारों का हनन और सत्ताओं
    की मनमानी थी,,,,,,जिससे उपजे असंतोष ने इन्हें
    इतिहास मे दफन कर दिया और फिर हमारे
    अधिकार तो संविधान मे स्पष्ट लिखे हैं,,,,,, इसलिए
    उनके हनन से उपजे इस असंतोष के द्वारा देश मे एक
    बार फिर से पुनर्जागरण की आवश्यकता है
    जिसका सूत्रपात कल उत्तर प्रदेश की मदमस्त
    सत्ता के खिलाफ लखनऊ मे संघर्ष का बिगुल बजते
    ही हो जायेगा|

    इस संघर्ष की गूँज इतनी तीव्र
    होगी कि न्यायपालिका की संवेदनहीनता तक
    इसकी कर्कश्ता से अपने दायित्वों के निर्वहन के
    लिए बाध्य हो जाये,,,,,,,भारत के
    राष्ट्रपति को भी अपने अधिकारों के खुले
    या अंदरूनी दुरुपयोग की अनुमति नहीं है ये
    अधिकार सभी संस्थाओं को उनके दायित्वों के
    निर्वहन के लिए दिये गए हैं न
    कि अपनी व्यक्तिगत आकांक्षाओं के हित साधने
    के लिए ,
    इसलिए ऐसे सभी अभ्यर्थियों से निवेदन है जो उत्तर
    प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों मे
    शिक्षक भर्ती के आवेदक हों,,,,,,कल लखनऊ मे
    अपनी उपस्थिती अनिवार्य रूप से दर्ज कराकर
    इस एतिहासिक संघर्ष के
    साक्षी बने,,,,,,जितनी ज्यादा संख्या होगी उतने
    ही कम समय मे सफलता आपके हाथ होगी,,,,ये संघर्ष
    आपको न केवल आपके अधिकार
    दिलाएगा बल्कि आपके भावी शिक्षक होने के नाते
    आपका आदर्श स्थापित करने के साथ साथ आपके एक
    जिम्मेदार और जागरूक भारतीय नागरिक होने के
    कर्तव्य को भी पूरा करेगा|

    अन्त मे मेरा एक निवेदन ये भी है कि हम
    सभी शिक्षित लोग हैं जो कलम और वार्तालाप से
    युद्ध मे यकीन रखते हैं,,,, हमे दंगाइयों,
    उपद्रवियों और अराजक तत्वों की तरह ईंट पत्थर
    चलाना, सार्वजनिक या व्यक्तिगत
    संपत्ति को क्षति पहुंचाना, आम जनता के साथ
    अशोभनीय व्यवहार
    करना इत्यादि शोभा नहीं देता,,,,,ये न सिर्फ
    विधि के शासन के विरुद्ध है वरन एक अपराध
    भी है,,,,जिसकी कई धाराएँ गैरजमानती भी हैं,,,ये
    धाराएँ किसी भी शिक्षित युवा के भविष्य
    को हमेशा के लिए अंधकारमय बना सकती हैं इसलिए
    ऐसे कृत्य न तो स्वयं करें और न दूसरों को करने दें,,
    वही शांतिपूर्ण आंदोलन, अनशन, सत्याग्रह
    इत्यादि आपका संवैधानिक अधिकार है जिसको न
    सर्वोच्च न्यायालय आपसे छीन सकता है न ही भारतीय
    संसद,,,,,और जैसा कि मै आपको ऊपर बता चुका हूँ
    अधिकार मे कर्तव्य की भावना निहित होती है
    तभी इसको अधिकार
    कहा जाता है ,,बिना कर्तव्य भावना के ये
    निरंकुशता कहलाता है और निरंकुशता संविधान
    की मूल भावना के विरुद्ध है| वैसे भी किसी संघर्ष
    का अंत कलम के द्वारा ही होता है........


    सभी को कल सफलता प्राप्त करने की शुभकामनायें....


    !! सत्यमेव जयते !!

    ReplyDelete


  113. Rakesh Shukla


    क्या आप अपना भविष्य बनाना चाहते है?

    क्या आपका भविष्य आपके पडोसी संवारेगे?

    क्या आपको अपना हक खैरात मे मिल जायेगा?

    नही,

    आपको अपने पराक्रम से अपना हक लेना पडेगा,अपने
    भविष्य का निर्माण करना पडेगा,तो उठ खडे हो ,
    अन्तिम अवसर लक्ष्य प्राप्त करने का, 10/09
    को भारी संख्या मे लखनऊ पहुंच कर अपने आन्दोलन
    को सफल बनाये।

    ReplyDelete


  114. Shalabh Tiwari > Uptet Sangharsh Morcha


    कल के आंदोलन की रणनीति स्पष्ट है ,,अगर
    प्रशासन ने हमें चारबाग से दारुलशफा जाकर अनशन
    धरना करने दिया तो हम मान लेंगे कि सरकार
    हमारे दबाव में काम करती है ,,हमसे डर गई है,,,,,
    लेकिन अगर उसने लाठियाँ फटकारने के बारे में
    विचार तक किया तो हम retrospective effect से
    अपना मांगपत्र संशोधित कर देंगे और उसमें लिख
    देंगे कि भर्ती पर से स्टे हटवाओ ,,भर्ती करो चाहे
    जैसे करो ,,,,याचिकाकर्ताओं को आगे
    किया ही नहीं जाएगा जो सरकार कह सके
    कि जाकर याचिका वापस ले लो हम भर्ती शुरू कर
    देंगे,,,,,,, उसके बाद हमारी लखनऊ यूनिट
    की जिम्मेदारी होगी कि वो मीडिया में इस
    तरह प्रचारित करे कि सरकार मान रही है कि ये
    भर्ती एकैडमिक से हो ही नहीं सकती जब तक टेट
    मेरिट वालों की नियुक्ति नहीं हो जाती ,,इस तरह
    सरकार टेट मेरिट और एकेडमी वाले सभी टेट
    २०११ पास अभ्यर्थियों को बेवकूफ
    बना रही है,,,,सरकार कोर्ट की आड़ में
    भर्ती को हमेशा के लिए लटकाए रखना चाहती है
    जिससे नक़ल माफियाओं को गुणवत्तापरक शिक्षा देने
    में सक्षम अध्यापकों की सेवायें घटी दरों पर उपलब्ध
    रहें और गरीब बालकों को मुफ्त में गुणवत्तापरक
    शिक्षा प्राप्त करने के मूल अधिकार से वंचित
    रखा जा सके ...... हमें उन हथियारों पर
    भरोसा करना चाहिए जिनके प्रयोग में हमें महारथ
    हासिल हो चुकी हो,,जाहिर है मीडिया के
    दुष्प्रचार से निपटते-निपटते हम प्रचार युद्ध के
    माहिर तो बन ही चुके हैं,,,, देखना तो यह है
    कि नियुक्ति पाने से पहले हमारी किस्मत में और
    क्या-क्या बनना लिखा है ..........

    कल मिलते
    हैं,,,चारबाग पर

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  115. pichhle saal se ab tak antar ye hai ki ab hum
    naye nahi hai.

    humne bahut kchh anubhav prapt kr liya
    hai.

    isliye waha naye ki tarah bartaav nahi
    krna hai.

    sarkar aur media ki chal pr apni chal
    chalni hai.

    abki ladayi josh aur anubhav ke mishrad
    ki hogi.

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  116. kal kuch apne ko TET ke samarthak kehne wale
    morche ke pratham pankti ke jujharuon ko phone
    dvara 10 ke andolan ko postphone kerne ki baat
    ker rahe the,,,,agar aise gaddaron ka phone ap
    ke pass aye to apko kya kerna hai ye ap jante
    hain,,,,ye ginti ke 3-4 hote kaun hain jo nirdharit
    keren ki hame kya kerna hai..khair inse 10 ke
    baad niptenge,,,,,kal aisa chha jana hai ki
    akhilesh sarkaar ke baap ko ek baar fir kamaan
    apne hath mein lena pade.....

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  117. Best Slogan......

    Tet merit pr karo bharosa,

    primary hoga convent jaisa.

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  118. MY ALL FRIENDS FOR GIVING US SUPPORT FOR INCREASING THE AGE LIMITS 21 -40
    FOR JUNIOR TEACHERS VACANCY.
    hello friends on 11 september 2013 (WEDNESDAY) ko jiyada se jiyad ki tadat mai LUCKNOW (UP) GPO PARK mai 35 - 40 age wale meeting ke liye pahoochey....overage morcha sangh 11 september ko CM AKHILESH YADAV JI se aur other ministers say mulakaat karega...isliye jiyada se jiyada ki maatra ke log pahooche ...meeting morning me 8:00 AM. par hai GPO park mai....plz come...sirf ek din ke liye ek ho jao yakin maniye sarkar hamari bheed dhekar age limit zaroor bada degi....aapki presence hamari takat wa jeetney ka vishwas bada dega…plz come. CONTACT FOR MORE INFORMATION…TO MR VINAY KUMAR SHAI 09919018111, NIGAM JI 09455608743

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  120. MY ALL FRIENDS FOR GIVING US SUPPORT FOR INCREASING THE AGE LIMITS 21 -40
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  121. UP KI KAHANI...
    AACHAAR SANHITA SE PAHLE... RASTRPATI SHASHAN LAGNE KI SAMBHAWANA BADHTI JA RAHI HAI...

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  122. मैं अपने 11 मित्रो के साथ कल सुबह 7 बजे लखनऊ चारबाग पहुंच जाऊँगा।
    मैं पहले तो लखनऊ जाने के बिल्कुल मूड में नहीं था लेकिन आज मन नहीं मान रहा, अभी नहीं तो कभी नहीं शायद यह आखिरी मौका है इस नौकरी को पाने का।
    जो भी मित्र यह सोच रहे हैं कि निर्णय कोर्ट से होगा मैं उन्हें बता देना चाहता हूँ कि यह मामला कोर्ट का अब है ही नही इस पर सिर्फ राजनीतिक फैसला लेना है और राजनीतिक फैसले हमेशा दबाव और संख्या बल पर ही लिए जाते हैं।
    हमारी जितनी अधिक संख्या होगी हम दबाव बनाने में उतने ही कामयाब होंगे।
    मित्रो अब कल के बाद कभी हमें दबाव बनाने का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा।
    अपना सब कुछ छोड़ कर लखनऊ पहुंचे। अगर 72825 पदों की भर्ती नहीं हुई तो इसके जिम्मेदार कोई और नहीं सिर्फ हमलोग ही होंगे।

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