/* remove this */ Blogger Widgets /* remove this */

Saturday, May 17, 2014

Breaking News : लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा

News : हार से जेडीयू में मचा हाहाकार, नीतीश ने दिया इस्तीफा
इस्तीफा देकर बोले नीतीश, उम्मीद है अच्छे दिन आएंगे


नीतीश ने लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया। बीजेपी से गठबंधन टूटने की कीमत जेडीयू को चुकानी पड़ी है। उसे सिर्फ 2 सीटें ही मिली हैं। यहां तक कि शरद यादव भी पप्पू यादव के हाथों हार झेलनी पड़ी है। पार्टी की फजीहत देख नीतीश ने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया



लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा


नीतीश कुमार के इस्तीफे के एक कारण बिहार विधानसभा में जेडीयू का पूर्ण बहुमत नहीं होना है. वर्तमान विधानसभा में जेडीयू के 116 विधायक है. हालांकि तकनीकी रूप से अगर देखें तो पार्टी के पास केवल 112 विधायक ही हैं. बीजेपी से अलग होने के बाद जेडीयू के पास 117 विधायक थे. तब से लेकर नीतीश कुमार ने 5 विधायकों को पार्टी से निकाल दिया है. इस तरह जेडीयू के पास अब केवल 112 विधायक हैं.





बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी जेडीयू के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.





बीजेपी नेता रामेश्वर चौरसिया ने कहा, 'नीतीश कुमार हमेशा दूसरों के सहारे रहे हैं. उनमें अकेले खड़े रहने की हिम्मत नहीं है. पहले लालू के सहारे मंत्री बने. फिर हमारे सहारे बिहार के मुख्यमंत्री बने. आज जब बिहार में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है तो उन्हें अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है. खुद पीएम बनने का सपना पालने लगे थे अब जमीनी हकीकत का पता चला तो इस्तीफा देकर पिंड छुड़ा लिया.




बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने तो यहां तक दावा कर दिया कि उनके संपर्क में जेडीयू के करीब 50 विधायक हैं. वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. दूसरी तरफ, हाल ही में एनडीए में शामिल होने वाले एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान ने अपनी पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बाद शनिवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने समर्थकों को चेताया था कि बिहार में सरकार कभी भी गिर सकती है. अक्टूबर तक चुनाव हो सकते हैं. इसलिए एनडीए कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
राजनीतिक विरोधि‍यों ने नीतीश कुमार के इस्तीफे को सियासी ढोंग करार दिया है. उन्होंने सवाल उठाया है कि नीतीश ने करारी हार के बाद सहानुभूति पाने के लिए ऐसा किया है. पर उन्हें कोई फायदा नहीं मिलने वाला.



इस्तीफा देकर बोले नीतीश, उम्मीद है अच्छे दिन आएंगे

हम जनमत का सम्मान करते हैं : नीतीश कुमार


इस्तीफे के बाद नीतीश ने कहा, 'मैं चुनाव में हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और मैंने नैतिकता और सिद्दांत के आधार पर अपना इस्तीफा दिया है।'

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पत्रकारों के सामने आकर अपनी प्रतिक्रिया तो नहीं दी है, लेकिन उन्होंने सोशल साइट 'फेसबुक' पर जनमत के प्रति सम्मान प्रकट किया है। नीतीश ने फेसबुक पर लिखा, 'हम जनमत का सम्मान करते हैं। जय बिहार, जय भारत।' 


 नीतीश ने शाम 5 बजे प्रेस कांफ्रेंस कर अपने इस्तीफे की पुष्टि की। नीतीश ने कहा कि बिहार में अपनी पार्टी का चुनाव का मैं नेतृत्व कर रहा था। जो नतीजे आए उसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। हमने सारी मर्यादाओं का पालन करते हुए चुनाव लड़ा। नीतीश ने कहा कि पूरा का पूरा चुनावी अभियान में मुद्दों पर चर्चा कम, नीतियों पर बातें कम, आरोप प्रत्यारोप ज्यादा, व्यक्तिगत टिप्पणियां ज्यादा रहा। इस तरह का चुनाव प्रचार मैंने अपने राजनीतिक जीवन में नहीं देखा


विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने हार का ठीकरा नीतीश कुमार पर फोड़ते हुए कहा था कि पार्टी के अंदर अव्यवस्था का बोलबाला है। किसी भी फैसले से पहले विधायकों-मंत्रियों से राय नहीं ली जाती। दो दिन पहले भी कैबिनेट की बैठक में मंत्री रमई राम भीम सिंह और नीतीश मिश्रा आपस में भिड़ गए थे। तीसरी बार बने मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार में यह तीसरा कार्यकाल है। पिछले सात सालों के अलावा वर्ष 2000 में उन्होंने सात दिन के लिए बिहार की बागडोर संभाली थी। इसके बाद वर्ष 2005 में भाजपा के साथ मिलकर उन्होंने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। वर्ष 2010 का चुनाव भी वे भाजपा के साथ मिलकर लड़े और अपार सफलता पाई। लेकिन, बाद में नरेंद्र मोदी की भाजपा में पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में ताजपोशी के बाद उन्होंने राजग से नाता तोड़ लिया था।