News : स्मृति ने तोड़ी चुप्पी, बोलीं काम से हो मेरा आकलन
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Vichar :
लगता है देश में अब शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं
क्या अब लोगो को अब पहले जॉब दी जाएगी , और बाद में काम देखा जायेगा
क्या अब अशिक्षित और शिक्षित में कोई फर्क रह जायेगा ।
लोग पहले भी सोनिया गांधी , राबड़ी देवी और गोलमा देवी की शिक्षा पर बहुत सवाल उठा चुके हैं
Mere Khyaal se -
कुछ पदों की मर्यादा को देखते हुए उचित शैक्षणिक योग्यता बहुत जरूरी है
साथ ही कोई लीडर एलिजिबिलिटी टेस्ट आदि करना बहुत जरूरी है
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See News Circulated in Media :
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर हो रही आलोचनाओं पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि मंत्री के रूप में उनका मूल्यांकन उनके काम के आधार पर किया जाना चाहिए।
मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के साथ ही उनके ग्रेजुएट नहीं होने के आधार पर शुरू हुई आलोचना से स्मृति व्यथित नजर आ रही हैं। लेकिन वे इन आलोचनाओं को चुनौती के रूप में ले रही हैं। मंत्री के रूप में पहले ही दिन बुधवार को स्मृति सुबह नौ बजे से रात दस बजे तक अफसरों के साथ बैठकें कर मंत्रालय के कामकाज को समझती रहीं। बृहस्पतिवार को भी वह सुबह नौ बजे शास्त्री भवन स्थित अपने दफ्तर पहुंच गईं। देर शाम तक वे मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा के लिए अफसरों के साथ आधा दर्जन बैठकें कर चुकी थीं।
शैक्षणिक योग्यता को लेकर आलोचनाओं को चुनौती के रूप में ले रहीं मानव संसाधन विकास मंत्री
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Vichar :
लगता है देश में अब शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं
क्या अब लोगो को अब पहले जॉब दी जाएगी , और बाद में काम देखा जायेगा
क्या अब अशिक्षित और शिक्षित में कोई फर्क रह जायेगा ।
लोग पहले भी सोनिया गांधी , राबड़ी देवी और गोलमा देवी की शिक्षा पर बहुत सवाल उठा चुके हैं
Mere Khyaal se -
कुछ पदों की मर्यादा को देखते हुए उचित शैक्षणिक योग्यता बहुत जरूरी है
साथ ही कोई लीडर एलिजिबिलिटी टेस्ट आदि करना बहुत जरूरी है
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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर हो रही आलोचनाओं पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि मंत्री के रूप में उनका मूल्यांकन उनके काम के आधार पर किया जाना चाहिए।
मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के साथ ही उनके ग्रेजुएट नहीं होने के आधार पर शुरू हुई आलोचना से स्मृति व्यथित नजर आ रही हैं। लेकिन वे इन आलोचनाओं को चुनौती के रूप में ले रही हैं। मंत्री के रूप में पहले ही दिन बुधवार को स्मृति सुबह नौ बजे से रात दस बजे तक अफसरों के साथ बैठकें कर मंत्रालय के कामकाज को समझती रहीं। बृहस्पतिवार को भी वह सुबह नौ बजे शास्त्री भवन स्थित अपने दफ्तर पहुंच गईं। देर शाम तक वे मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा के लिए अफसरों के साथ आधा दर्जन बैठकें कर चुकी थीं।
शैक्षणिक योग्यता को लेकर आलोचनाओं को चुनौती के रूप में ले रहीं मानव संसाधन विकास मंत्री