हाथ मलते रह जाएंगे जयललिता, ममता और नवीन पटनायक
बहुत लम्बे समय बाद क्षेत्रीय पार्टीयों के समर्थन की जरूरत नहीं
जयललिता, नवीन पटनायक और ममता बनर्जी अच्छे नतीजों के बावजूद अब हाथ मलते रह जाएंगे.
उन्हें आशा थी कि भाजपा को या कहें नरेंद्र मोदी को सरकार के गठन के लिए उनकी ज़रूरत पड़ेगी.
हाल ही में जयललिता की पार्टी के एक सहयोगी ने जब यह सुझाव दिया कि उनकी पार्टी मोदी को समर्थन के लिए तैयार है, तो जयललिता ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया. ये उनकी हेकड़ी का ही एक नमूना था.
अगर देश में मोदी लहर थी, तो तमिलनाडु में जयललिता की लहर. राज्य में उनकी पार्टी खुद एक बड़ी शक्ति बनकर उभरी है और 39 में से 34 सीटें हासिल
बहुत लम्बे समय बाद क्षेत्रीय पार्टीयों के समर्थन की जरूरत नहीं
जयललिता, नवीन पटनायक और ममता बनर्जी अच्छे नतीजों के बावजूद अब हाथ मलते रह जाएंगे.
उन्हें आशा थी कि भाजपा को या कहें नरेंद्र मोदी को सरकार के गठन के लिए उनकी ज़रूरत पड़ेगी.
हाल ही में जयललिता की पार्टी के एक सहयोगी ने जब यह सुझाव दिया कि उनकी पार्टी मोदी को समर्थन के लिए तैयार है, तो जयललिता ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया. ये उनकी हेकड़ी का ही एक नमूना था.
अगर देश में मोदी लहर थी, तो तमिलनाडु में जयललिता की लहर. राज्य में उनकी पार्टी खुद एक बड़ी शक्ति बनकर उभरी है और 39 में से 34 सीटें हासिल