कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस विचार को दोहराया है कि राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त नहीं किया जा सकता। कांग्रेस ने कहा कि इसके लिए संविधान सभा की सहमति चाहिए, जिसे पुनर्जीवित नहीं किया सकता।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर कोई भी बयान देने से पहले संविधान की मूलभूत समझ होनी चाहिए। इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने अनुच्छेद 370 पर चर्चा की बात करके विवाद खड़ा कर दिया था।
तिवारी ने ट्विटर पर लिखा, अनुच्छेद 370 (3) जिसे अनुच्छेद 370 (2) के साथ पढ़ा जाए, स्पष्ट करता है कि 370 को संविधान सभा की सहमति के बिना निरस्त नहीं किया जा सकता जबकि संविधान सभा अब अस्तित्व में भी नहीं है। दिमाग लगाने का कोई लाभ नहीं।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को यदि आप अनुच्छेद 370 की धारा तीन के साथ पढ़े तो यह स्पष्ट करता है कि केवल राष्ट्रपति इसे अधिसूचना से रद्द कर सकता है यदि उसके पास संविधानसभा की स्पष्ट सहमति हो। उन्होंने कहा, संविधान सभा का सत्रावसान हो चुका है और वह अस्तित्व में नहीं है। उसे भंग का दिया गया है और उसका फिर से गठन नहीं किया जा सकता।
तिवारी ने कहा कि इसलिए संवैधानिक प्रावधानों को पढ़कर यह स्पष्ट हो जाता है कि यदि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की इच्छा हो तो भी इसे निरस्त नहीं किया जा सकता़़ऐसे संवेदनशील मुददे पर कोई बयान देने से पहले संविधान की मूलभूत समक्ष होनी चाहिए।
इसी लहजे में उमर ने आज कहा कि भाजपा सरकार तब तक अनुच्छेद 370 को निरस्त नहीं कर सकती, जब तक कि संविधान सभा को आहूत नहीं किया जाता।
News Source /Sabhar : livehindustan.com (20.05.2014)
बीएड टीईटी बेरोजारों ने प्रदर्शन कर प्रभारी डीएम कोसौंपा ज्ञापन1टीईटी भर्ती करें वरना राजधानी में प्रदर्शन
ReplyDeleteजागरण कार्यालय, गोंडा: सूबे में लंबित 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को बिना किसी बिलंब के अति शीघ्र पूरा कराने की मांग को लेकर सोमवार को बीएड टीईटी बेरोजगारों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। बाद में मांगों से संबंधित मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रभारी डीएम को सौंपा। 1बीएड टीईटी बेरोजगार संघ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय के नेतृत्व में सोमवार को संघ के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियोंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन करने में हीला हवाली कर रही है। सरकार जान बूझकर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लटकाए रखना चाहती है। प्रदर्शनकारियोंने आरोप लगाया कि 72 हजार 825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लटक जाने सेगांवों में पढ़ने वाले मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों व समाज के अति पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखनेवाले नौनिहालों के नए सत्र जुलाई से योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षक नहीं मिल सकेंगे, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित होगी। 1संघ के पदाधिकारियों ने तय किया कि अगर राज्य सरकार प्रशिक्षु शिक्षकों के चयन में विलंब करती है तो तीन जून को लखनऊ में प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शनकारियोंने बाद में मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रभारी जिलाधिकारी एमएल पांडेय को सौंपा। इस अवसर पर चंद्र प्रकाश द्विवेदी, राजेश भास्कर, अशोक त्रिपाठी, श्याम किशोर पांडेय, मुजफ्फर अली, अमित आर्या, छत्रपति वर्मा, जितेंद्र मिश्र, सुनीता देवीसहित अन्य मौजूद थे।सोमवार को डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करते टीईटी बेरोजगार जागरण6बीएड टीईटी बेरोजारों ने प्रदर्शन कर प्रभारी डीएम को सौंपा
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