Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, 72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011,
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फीरोजाबाद : शिक्षक भर्ती के लिए सन 2011 में भरे गए फॉर्म बाहर निकल आए हैं। कई दिन की मशक्कत के बाद में अब विभाग ने इन फॉर्म की स्क्रीनिंग शुरु कर दी है। स्क्रीनिंग के बाद में फॉर्म को नेट पर डाला जाएगा तथा इसके बाद में शासन द्वारा इनकी मेरिट घोषित की जाएगी। हालांकि अभी तक शासनादेश स्पष्ट नहीं हो सका है।
सन 2011 से रुकी शिक्षक भर्ती के तहत विभाग को अभी तक शिक्षक तो एक भी नहीं मिला है, लेकिन काम दो गुना करना पड़ा है। 72000 भर्तियों के लिए एक तरफ पहले जहां मेरिट निकाली जा चुकी है, अब न्यायालय के आदेश पर 2011 में भरे गए फॉर्म के आधार पर नियुक्ति की तैयारी चल रही है। शासन से आए निर्देशों के क्रम में विभाग ने भी 2011 के फॉर्म निकलवा लिए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग भी इसमें सहयोग कर रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पांच कंप्यूटर लगाकर विभाग ने यहां पर ऑपरेटर भी तैनात कर दिए हैं। फॉर्म की स्क्रीनिंग करने के बाद में इन्हें नेट पर अपलोड किया जा रहा है। विभागीय सूत्रों की माने तो टीईटी आधार पर ही अपलोड किए जा रहे हैं। हालांकि मेरिट स्पष्ट शासनादेश आने के बाद में शासन स्तर पर निकाली जाएगी। विभाग द्वारा कस्तूरबा गांधी स्कूलों के ऑपरेटर को इस काम पर लगाया है।
बीएसए को दफ्तर में कई मिले गैरहाजिर
शुक्रवार को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी डा. जितेंद्र सिंह यादव द्वारा अपने दफ्तर का औचक निरीक्षण किया। दस बजकर 20 मिनट पर हुए निरीक्षण में बीएसए डा.यादव ने रजिस्टर देखने के बाद में कक्षों में भी जाकर स्थिति को देखा। कई लिपिक दस से पांच मिनट की देरी पर यहां पर पहुंचे। लेखा विभाग के लिपिकों के देर से आने पर भी बीएसए द्वारा जमकर डांट लगाई गई। बीएसए डा.यादव ने लेखा कर्मचारियों से कहा दफ्तर में वक्त से आना होगा। सुबह दस बजे हर हाल में दफ्तर में आने की हिदायत लिपिकों एवं कर्मचारियों को दी
News Source / Sabhaar : Jagran (May 09,2014 07:40:56 PM | Updated Date:Friday,May 09,2014 07:40:18 PM)
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Be-khabar ho gaye hai kuch log humse,
jo hamari zarurat ko mehsoos nahi karte..
kabhi bhot baaten kiya krte the hum se,
ab kheriyat tak maloom nahi karte
परम गौभक्त वीर योद्धा महाराणा प्रताप को शत शत नमन...''9 मई 1540 _ _ 19 जनवरी 1597'' ..!
ReplyDeleteक्या आप जानते हैं..?
¶ गौमाता को बचाने के लिय महाराणा प्रताप एक खुंखार बाघ से लड़ गये.. और उसे पछाड़ कर भगा दिया.!
¶ उनके भाला का बजन 80 किलो और कवच 72 किलो का था.!
¶ रणभूमि पर भाला, ढाल, कवच , 2 तलवार को मिलाकर 207 किलो बजन होते हुए भी दिन भर दुशमनों के छक्के छुड़ा देते थे..सोची कितनी ताकत होगी.!
¶उनके पास सबसे बुद्धिमान व तेज रफ्तार का चेतक नाम का घोड़ा था, जिस चेतक की कई कहानी प्रसिद्ध हैं.!
¶ महाराणा प्रताप जी अपनी उँगलियों के बीचमें सिक्के को मसल कर लम्बा कर देते थे.!
वीर योद्धा महाराणा प्रताप को भुला दिया,..
_ _ _ _क्रूर अकबर को महान बना दिया.!!!
मै शेयर मार्केट मे रहता हूँ और मेरा पी सी 20 घंटे चलता रहता है
ReplyDeleteआप लोग तो ऐसे पूछ रहे हैं जैसे मोहब्बत करना कोई काम ही नही होता है
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तुमने अंदाज-ए-मुहब्बत तो देखी है,
पर अंदाज-ए-वफा नही देखी।
पिंजरे खोल भी दो तो कुछ पंछी उड़ा नही करते।
अब अगर कुछ दुश्मन में हो जाये तब्दील तो बेहतर है।
ReplyDeleteक्योंकि अब ये तादाद दोस्तों की हमसे संभाली नही जाती।
हम आपको
ReplyDeleteSupreme Court Order : शिक्षक भर्ती में लग सकती है देरी
वाली खबर मे भी मिलेंगे
कश्ती भी नहीं बदली दरिया भी नहीं बदला
ReplyDeleteऔर डूबने
वालों का जन्बा भी नहीं बदला
तस्वीर
नहीं बदली शीशा भी नहीं बदला
नजरें भी सलामत हैं
चेहरा भी नहीं बदला
है शौक-ए-सफर ऐसा इक उम्र से यारों ने
मंजिल भी नहीं पाई
रास्ता भी नहीं बदला
बे-कार गया बन में
सोना मेरा सदियों का
इस शहर में तो अब तक
सिक्का भी नहीं बदला
बे-सम्त हवाओं ने हर लहर से साजिश की
ख्वाबों के जजीरे
का नक्शा भी नहीं बदला.....
No one can return to me the days that I have so thoughtlessly wasted.
ReplyDeleteBut I can claim each of the days that I have left with deep-held honesty, heart-strong courage, soul-bright laughter and conscious love.
Yes ...
सुबह से एक ही चीज़ है बस आज की समय सीमा - समय सीमा !!!!!!!!!!
ReplyDeleteअभी एक वकील साहब से बात की है वो भी बता देता हूँ |
ये एक कोर्ट प्रोसीजर है क्यूंकि ये जान चुके हैं की हम समय से भर्ती नहीं कर पाएंगे तो ये एक हलफनामा कोर्ट में लगा देंगे, अभी उसपे कोई बेहेस या सुनवाई नहीं होगी और उसमे न पक्ष विपक्ष को सुना जाएगा और ये कोर्ट में बैठे जज की मानसिकता पे निर्भर करता है की वे बढ़ाएं या नहीं पर उस हलफनामे का एक फायदा इन्हे मिल जाएगा वो कैसे ये सुनिए :
अगर ये लोग भर्ती १०-१५-२० दिन डिले कर देते हैं और कोर्ट इनसे सवाल करता है की समय का क्या हुआ तब ये हलफनामा इनके काम आएगा की हमारी मजबूरी थी और इधर कोर्ट की अवकाश थी और हम एडमिनिस्ट्रेशन में हलफनामा पहुंचा चुके थे उसके सम्बन्ध में और हाँ सुनवाई हुई उसपे तो तभी साफ़ हो जाएगा की क्या होगा ?
इसमें बिलकुल भी निराश होने की जरूरत नहीं है और न ही गधो की बातों में आने की जरूरत है |
ReplyDeleteआज ही एक अलाहाबाद से पोस्ट भी आ गयी है की कभी सुनवाई के दौरान किसी और मुद्दे पे चर्चा हो जाये तो में उसका खंडन करता हूँ पर हाँ ये मानता हूँ की सभी एक हो जाएं|
किसी और मुद्दे पे चर्चा का मतलब नहीं है अब तो भर्ती कोर्ट आर्डर से ही होगी |
धन्यवाद |
खुश रहे घबराए नहीं . न ही और ग्रुप से निकलने वाली नेगेटिव ऊर्जा को अपनाएं
टेट मोर्चा आपके साथ है
टेट हाथ नियुक्ति , टेट हाथ नौकरी
अबकी बार टेट वालों की सरकार
"आदेश का असर चाहे जितना ही गंभीर क्यों न हो लेकिन उसकी अवहेलना नहीं की जा सकती, अवमानना के क्षेत्राधिकार के तहत कार्यवाही करते हुये कोर्ट अपने आदेश को लागू करा सकता है,,,, और अवहेलना करने वाले को दंडित कर सकता है। कोर्ट के आदेश की अवहेलना, कानून के शासन के मूल पर प्रहार करने जैसा है,जिसे कोर्ट कभी बर्दाश्त नही कर सकती क्योंकि जिस पर न्यायायिक प्रणाली टिकी है। न्यायायिक आदेश का हर हाल में पालन होना चाहिए।"
ReplyDeleteये कुछ मुसलमान है जो कश्मीर से आए है
ReplyDeleteकई सरदार है जो पंजाब और कनेड्डा से आए है
कुछ ईसाई भी है जो केरल से आए है,
कुछ अमीर तो कई गरीब है,
मगर सारे अपने इन्तेजाम से आए है,
किस किस को भेजोगे पाकिस्तान सारे हिंदुस्तान से आए है
कोई डॉक्टर था तो कोई इंजीनियर था,
किसी के शोहरत कदम चूमती थी
कोई कॉलेज में था तो कोई विदेश में था,
बेईमानी से लड़ने सारे इंसान अपने ईमान से आए है
किस किस को भेजोगे पाकिस्तान सारे हिंदुस्तान से आए है
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हर किसी को खुश रखना
शायद हमारे बस मे न हो...
लेकिन किसी को
हमारी वजह से दु:ख न पहुचे
यह तो हमारे बस मे है........
जान बूझ कर प्रोसेस स्लो किय था इन्होने ।
ReplyDeleteवरना अब तक तो पूरी काउंसिलिंग हो चुकी होती।
kya sarkar itani bevkhuf lagti he aapko ki record na hote to veh ye baat SC me nhi kehti....ye sab bakwas news he....sabhi record safe he,aur ek baat in dono akhbaro [par case darj karao...logo ko galat news dene ke aarop me...sarkar ke paas record na hota to veh pahale hi court me keh deti...lekin aur bhi bhartiya to hui he,usi tet se fir ye jagran aur ujala kyon logo ko bevkuf bna rhe he.....jab sarkar bharti ko raji to kya karegi akhbarbaji
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय कोई
ReplyDeleteखैराती दवाखाना नहीं है कि रोज एक रुपया देकर
पर्चा बनवा के पहुँच जाओ ये कहने कि आज पेट
दर्द है, आज पेचिस हो रही है, आज पेट में
ट्यूमर हो गया है o:)
पहले तो ये सोचिये कि जब अभी आधा समय (6
सप्ताह) बाकी हैं तो ऐसे में समय माँगने
का क्या औचित्य है ??? कोर्ट
पूछेगा नहीं कि मूर्खों! आधा समय बाँकी है और
तुमने पहले से ही धारणा बना ली है कि आदेश
का पालन करना ही नहीं है,,,,समय माँगने के नाम
पर कोर्ट को उल्लू बनाविंग ?? जज साहब कहेंगे
चलो पहले उधर कोने में मुर्गा बन जाओ
दूसरी बात कि अब कोर्ट में ग्रीष्म अवकाश
हो रहा है तो मोहलत किससे माँगने जाएँगे ?
नरेंद्र मोदी से या पप्पू के जीजा से ?
इतना आसान नहीं है समय माँगना,,,, पहले तो ये
प्रार्थना जुलाई से पहले नहीं कर पायेंगे ((समय
माँगने की प्रार्थना उसी बेंच में होगी जिसने
आदेश अनुपालन की समय सीमा तय की है)),,,,,
और उस समय प्रार्थना के बजाय आदेश
की अवमानना का सामना करना पड़ सकता है
सो अलग,,,,, दूसरा ये कि समय के लिए सचिव
महोदय को अपनी 84
दिनों की उपलब्धि दिखानी होगी कोर्ट को,,,, जब
न्यायमूर्ति महोदय सचिव की प्रगति रिपोर्ट में
देखेंगे कि 25 मार्च के आदेश के बाद
पहली मीटिंग एक महीने बाद हुई है और उसके
भी 15 दिन बाद आधिकारिक आदेश दिया है
तो सचिव से जरूर पूछेंगे कि आपने किस आधार
पर हमारे आदेश में लिखे शब्दों “as
expeditiously as possible at any
rate within 12 weeks' time” का अर्थ-
‘हलुआ’ समझ लिया ?
आपको पता है सहारा समूह को जब सुप्रीम कोर्ट
ReplyDeleteने आदेश दिया था तो सुब्रत राय उसको हल्के
में क्यों ले रहे थे ??
क्योंकि इनका मानना था कि ये अभिजात्य वर्ग
के हैं इसलिए कोर्ट-ओर्ट इनका कुछ नहीं कर
सकते,,,, ऊपर से नेता जी के फाइनेंसर में से एक
हैं तो यूपी में उनका कोई क्या उखाड़ लेगा ?
लेकिन अब जब 3 महीने से तिहाड़
की रोटी खा रहे हैं तो औकात पता चल गयी है
इनको,,,,, तीन बार कोर्ट के सामने कुत्ते
की तरह गिड़गिड़ा चुके हैं जमानत के लिए लेकिन
झिड़की के सिवा मिला कुछ नहीं है अभी तक,,,,,
उनकी जमानत की आखिरी याचिका की सुनवाई के
वक्त कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि आदेश
का असर चाहे जितना ही गंभीर क्यों न हो लेकिन
उसकी अवहेलना नहीं की जा सकती,,,,अवमानना
के क्षेत्राधिकार के तहत कार्यवाही करते हुये
कोर्ट अपने आदेश को लागू करा सकता है,,,, और
अवहेलना करने वाले को दंडित कर सकता है|
कोर्ट में सुब्रत ने दलील दी कि उनको सुनवाई
का मौका दिये बिना ही उनके खिलाफ
कार्यवाही कर दी गयी,,,, तब जज महोदय ने
कहा कि 81 सुनवाइयाँ हुई हैं और आपने सिवाय
फर्जी दलीलों और अप्रामाणिक सामग्री के
अतिरिक्त कुछ नहीं दिया है,,,, इसमें कोर्ट
का बेशकीमती वक्त जाया हुआ है और इस
आधार पर आपकी सुनवाई का मौका न दिये जाने
की दलील खारिज की जाती है,,,,उनके वकील
को कड़े शब्दों में समझाया गया कि जमानत के
नाम पर आगे से कोर्ट का समय बर्बाद न
करें,,,,,
कोर्ट की टिप्पणी की कुछ
ReplyDeleteपंक्तियाँ अखबारों में भी अलग से मोटे अक्षरों में
छपी थी,,, लिखा था “कोर्ट के आदेश
की अवहेलना, कानून के शासन के मूल पर प्रहार
करने जैसा है, जिस पर न्यायायिक
प्रणाली टिकी है| न्यायायिक आदेश का हर हाल
में पालन होना चाहिए”| साथ ही केंद्र सरकार
को निर्देश भी दिया कि ‘बेवजह मुकदमेबाजी’
करने वालों पर रोक लगाने के लिए अनिवार्य रूप
से जुर्माना लगाने का नियम बनायें
ताकि ऐसा करने वालों को पहले से ही पता रहे
कि उन्हें निश्चित रूप से इसका परिणाम
भुगतना होगा| ये सब इसलिये लिखा है
ताकि आप समझ सकें कि कोर्ट
की नाराजगी कितनी भारी पड़ती है|
जिन्हें लगता है कि सचिव का जेल जाना कोई
बड़ी बात नहीं है या पलटुआ खुद थोड़े ही जेल
जाएगा,,,,उसका क्या है जमानत
करवा देगा सचिव की,,,, ऐसे लोगों को सर्वोच्च
न्यायालय का आदेश फिर से पढ़ना चाहिए जिसमें
भर्ती का आदेश स्टेट को दिया गया है न
कि स्टेट गवरमेंट को| इसका अर्थ ये है कि ऐसे
में कार्यपालिका का कार्य सिर्फ अनुमोदन
करना भर है,,,,सारी ज़िम्मेदारी राज्य
प्राधिकारियों की है,,,, और अवमानना की गाज
भी इन्हीं पर गिरेगी,,,, केवल सचिव
को नहीं बल्कि जिम्मेदार सभी प्रमुख
अधिकारियों को अवमानना का दण्ड
भुगतना पड़ेगा| जब कोर्ट विधि के शासन में
अतिक्रमण करने वालों पर कार्यवाही शुरू
करता है तब सरकारें आवारा कुत्ते से भी बदतर
स्थिति में चली जाती हैं,,,,
बहुत कम लोग इस
ReplyDeleteबात को समझते होंगे कि कितने गंभीर परिणाम
होते हैं जब न्यायालय सरकार
की संवैधानिकता के रददीकरण की कार्यवाही शुरू
करते हैं|
भारत में विधि का शासन है,,,,,अधिकार और
शक्तियों के साथ कर्तव्य अनिवार्य रूप से
सभी के साथ जुड़े हुए हैं फिर चाहे वो कोई
स्वतंत्र नागरिक हो या पूर्ण बहुमत
की सरकार,,,,, अधिकारों को निरंकुशता समझने
की भूल कतई न करें| कल वाले सचिव के
जिलाधिकारियों को आदेश की प्रति में बिन्दु 4
को ध्यान से पढ़ें,,, उसमें सचिव महोदय
जिलाधिकारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता का पाठ
पढ़ाते हुये बता रहे हैं कि माननीय सर्वोच्च
न्यायालय के आदेश का अनुपालन समयबद्ध रूप
से पूर्ण करने के लिए वो वैधानिक रूप से बाध्य
ही नहीं बल्कि वचनबद्ध भी हैं| समय माँगने के
लिए सचिव को पहले कोर्ट को ये विश्वास
दिलाना पड़ेगा कि हमने आदेश को वाकई
गंभीरता से लिया और इतना कार्य (सामान्य
व्यावहारिक तौर पर एक से दो काउंसिलिंग कम
से कम, वो भी चयनितों को नियुक्ति पत्र
भी मिल जाएँ) कर लिया है,,,, इसके बाद कोर्ट
इस बात का परीक्षण
करेगा कि क्या प्राधिकारी वास्तव में आदेश
का पालन कर रहे थे ? क्या 84 दिन आदेश
अनुपालन के लिए अपर्याप्त थे ? विभाग और
अधिकारियों की कार्यविधि क्या थी ?
कहीं लापरवाही, दुर्भावना या पूर्वाग्रह से
ग्रसित होकर अनुचित विलम्ब उत्पन्न करने
का प्रयास तो नहीं किया गया ??
ये सब
ReplyDeleteइसलिए होगा क्योंकि सरकार की अनुचित माँग
और लापरवाही की शिकायत तथा सरकार
द्वारा समय बढ़ाने की प्रार्थना, दोनों कोर्ट में
आमने सामने होंगी|
मैंने कहीं पढ़ा था कि किसी अखबार का मानना है
कि वर्ष 2011 के टेट रिजल्ट को फिर से
ऑनलाइन करना पड़ेगा इसलिए भी और समय
की आवश्यकता है,,,, अब आप बताइये कि ये
अखबार वाले लपड़झंडे हैं कि नहीं ??? जब
सबको मार्क शीट दी जा चुकीं हैं तो रिजल्ट
को ऑनलाइन करने का क्या मतलब,,,, रिजल्ट
का सत्यापन विभाग को करना है अब कि सबके
अंक रिजल्ट के अनुसार ही उनके आवेदन में हैं
कि नहीं| इसका रिजल्ट ऑनलाइन करने से
क्या संबंध है ? किसी को पता हो तो बताये
कृपया....
चुनावी मौसम में चुनावी स्टंटो से घबराइए मत,,,,
ये भर्ती सरकार और मीडिया दोनों को हजम
नहीं हो रही है इसलिए
खिसियानी बिल्ली खंभा नोच रही है और कुछ
नहीं,,,,, अगर ये बन्दर राजा वाली उछल कूद
नहीं करेंगे तो इनको राजा मानने वालों को कैसे
यकीन होगा कि ये भी उन्हीं की तरह रेंकते हैं|
2-4 दिन में ही ये आँख
मिचौनी वाली खबरों का खेल खत्म
हो जाएगा और आप केवल सुखद समाचार
ही सुनेंगे|
सत्यमेव जयते !
ईस्वर ने हमारे शरीर
ReplyDeleteकी रचना कुछ इस प्रकार की है
कि ना तो हम अपनी पीठ
थपथपा सकते है और ना ही स्वयं
को लात मार सकते हैं
इसलिए हमारे जीवन में शत्रु /मित्र होना जरुरी हैं।
नया सतूना टेट का रिकॉर्ड नहीं है :
ReplyDeleteहद है इस सरकार से और हमारे अखबार से, तमाम दुनिया ७२८२५ के पीछे ही पड़ी है जबकि अब सबको पता है की सर्वोच्च न्यायलय का डिसिशन आ गया है |
इन हराम के ढकनो से ये पूछो की १०८००, ९७०० बी.टी.सी क्या इनकी नाजायज औलाद हैं जिनको सत्यापन किये बिना ही तनखा दे रहे हैं |
याद आती है १४/०२/२०१४ जब सचिव ने सुप्रीम कोर्ट से निकलते हुए कहा था की ये ७२८२५ मेरी कलम से नहीं होगी और राम गोविन्द चौधरी का तो सभी को पता है में कई बार बता चूका हूँ |......अब क्या हुआ ?
खैर अगर ऐसा है तो ये जेल जाने की तयारी करें और जिन्हे ये परेशान कर रहे हैं इनके खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दें |
आज बताऊंगा सचिव ने वक्त वक्त पे क्या क्या कहा था भर्ती को लेके |
प्रतीक्षा करें |
N.D.Tiwari को बेटा मिल गया ।
ReplyDeleteModi ji
को बीबी मिल गयी ।
दिग्गी को बेटी जैसी पत्नी मिल गयी ।
भैय्या एक बात समझ मेँ नही आ रही है कि ये
लोकसभा का चुनाव है
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कि कोई कुम्भ का मेला ।
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खूबसूरत इंसान से
मोहब्बत नही होती ----------
-------बल्कि जिस से मोहब्बत
हो जाऐ...वो इंसान खूबसूरत
हो जाता है----------!!
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मुझे रिश्तो की,
लम्बी कतारों से मतलब नहीं...
कोई दिल से हो मेरा ,
तो एक शख्स ही काफी है ....!!
कुछ रोचक तथ्य >>>>
ReplyDelete1. टाइटैनिक जहाज को बनाने को लिए
उस समय 35 करोड़ 70 लाख रूपये लगे थे
जब कि टाइटैनिक फिलम बनाने के लिए
1000 करोड़ के लगभग लागत आई....
2. बिल गेट्स हर सेकेण्ड में करीब
12000 रुपये कमाते हैं यानि एक दिन में
करीब 102 करोड़ रूपये.
3. राष्ट्रपति जार्ज बुश ने एक बार
जपानी प्रधानमंन्त्री की कुर्सी पर
उल्टी कर दी थी.
4. चीन में एक 17 साल के लड़के ने i
pad2 और i phone के लिए
अपनी kidney बेच दी थी.
5. धरती पे जितना भार
सारी चीटीयों का है उतना ही सारे
मनुष्यो का है.
6. Octopus के तीन दिल होते हैं.
8. सिर्फ मादा मच्छर ही आपका ख़ून
चूसती हैं. नर मच्छर सिर्फ आवाजे करते हैं.
9. ब्लु वेहल एक साँस में 2000
गुबारो जितनी हवा खिचती है और बाहर
निकालती है.
10. मच्छलीयो की यादआसत सिर्फ कुछ
सेकेंड की होती है.
11. पैराशूट की खोज हवाईजहाज से 1
सदी पहले हुई थी.
12. कंगारु उल्टा नही चल सकते.
13. चीन में आप किसी व्यकित को 100
रूपया प्रति घंटा अपनी जगह लाइन में
लगने के लिए कह सकते है.
14. Facebook उपयोग करने
वाली सबसे बुजुर्ग मनुष्य 105 साल
की एक महिला है जिसका नाम Lillion
Lowe है.
15. ग्रीक और बुलगागिया में एक युद्ध
सिर्फ इसलिए लड़ा गया था क्योंकि एक
कुत्ता उनका border पार कर गया था.
16. 1894 में जो सबसे
पहला कैमरा बना था उससे
आपको अपनी फोटो खीचने के लिए उसके
सामने 8 घंटे तक बैठना पड़ता था
क्या आप जानते हैं:
ReplyDelete1 से 99 तक की स्पेलिंग में कही भी a, b, c, d का उपयोग नहीं होता है.
d का प्रयोग पहली बार 'Hundred' में होता है.
1 से 999 तक की स्पेलिंग में कही भी a, b, c का उपयोग नहीं होता है.
a का प्रयोग पहली बार 'Thousand' में होता है.
1 से 999,999,999 तक की स्पेलिंग में कही भी b, c का उपयोग नहीं होता है.
b का प्रयोग पहली बार 'Billion' में होता है.
c का प्रयोग इंग्लिश काउंटिंग में कही भी नहीं होता...
72825 शिक्षक भर्ती मे अफवाहो का बाजार गर्म है, ,,नित नई खबरे सुनने को मिल रही है कि सरकार समय बढवाने को अपील करेगी, ,,टी.ई.टी.का सत्यापन कैसे होगा,,,,मेरिट कितनी जायेगी,,,,कौन -कोन से प्रमाण पत्र तैयार करे,,,,विज्ञान वर्ग के कितने है, ,,विकलॉग कितने है, ,,,आदि-आदि.....
ReplyDeleteतो मित्रो मै आपको बता दूँ कि न तो सरकार अभी किसी भी प्रकार की कोई अपील करेगी, ,क्योकि उसके लिए उसे भर्ती का 50% कार्य पूर्ण करना होगा ....और टी.ई.टी.के सत्यापन मे कोई समस्या नही है, क्योकि बी.टी.सी.और वि.बी.टी.सी. वालो का सत्यापन आराम से हो रहा है...ऐसी अफवाहे कुछ मन्दबुद्धि लोगो द्वारा फैलायी जा रही है .....
और रही बात मेरिट की तो उसके लिए मै कई बार आप लोगो को सूचित कर चुका हूँ कि मेरिट काफी low जायेगी...इसकी आप लोग कल्पना भी नही कर सकते....
अंत मे मै आप लोगो से क्षमा मॉगता हू कि मेरे इनबाक्स मे कोई प्रश्न न करे क्योकि समयाभाव के कारण मै आप लोगो को जबाव नही दे पाता ....
Garmi bahut hai.
ReplyDeleteदैनिक जागरण बोलता है -------- >>>>>>>>> अपनी नौटंकी पेलकर "कमर खुजाला" कि जमात में शामिल हुआ ,,,, तो फ़िर BTC. वालों को नियुक्त कर वेतन क्यों दे रही है सरकार गलत तरीक़े से ? अब आएगा मजा जब इनकि # मे जायेगे डंडे ..... हा हा हा हु हु हु -------------
ReplyDeleteदैनिक जागरण ::: सवाल यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग किस आधार पर टीईटी की मार्कशीट का मिलान या सत्यापन करेगा।दरअसल, टीईटी में धांधली के आरोपों के बाद रमाबाईनगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने टीईटी-11 का रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी में छापा मारकर सारे दस्तावेजों के साथ कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क भी निकाल ली थी। जब पुलिस ने दस्तावेज सीज किए तब तक टीआर (टेबुलेशन रजिस्टर) तैयार नहीं हो सका था, जबकि टीआर ही किसी भी रिजल्ट का मूल रिकॉर्ड होता है। इसी के आधार पर मार्कशीट का मिलान या संशोधन किया जाता है। लेकिन आज की तारीख में टीआर न तो यूपी बोर्ड के पास मौजूद है और न ही बेसिक शिक्षा विभाग के पास। यही कारण है कि यूपी बोर्ड टीईटी-11 की मार्कशीट में संशोधन नहीं कर पा रहा है।
__________________जब ऐसा कोइ रिकार्ड किसी के पास नहीं तो फिर BTC. की नियुक्तियां बिना टेट पास ही सचिव साहब ने कैसे और किसके कहने पर की जोकि एक बहुत ही बड़ा गुनाह है बिन टैट पास BTC वालों की नियुक्ति जबकि उनके टेट रिकॉर्ड को मिलान ही नहीं किया गया
यदि टेट का कोइ रिकॉर्ड किसी के पास नहीँ है तो। , जो असंवैधानिक है ------- अब सबका जेल जाना तय ,, सचिव हर हाल में जेल की हवा खाने को तैयार रहें क्युंकी ये वो सरकार है जो अपनी गन्दी हठ के लिये भगवान को भी जेल भेज सकती है जिसे खुद भगवान ने पैदा किया और जीवन दिया। ये किसी की नहीं। महज एक क़त्ल कराने वाली सरकार है और कुछ नहीं।
ReplyDeleteएक नजर में सम्भावित भर्ती कार्यक्रम1- मई21तक फार्म फीडिन्ग का काम पूरा।2-मई25-28तक आनलाइन फार्म संसोधन।3-जून5को पहली कट आफ जारी।4-जून10 से पहली काउन्सिलिग शुरू ।दोस्तों यह तभी सम्भव है जब द्रढ इच्छा शक्ति होगी ।
ReplyDeleteफतेहपुर। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत प्रदेश सरकार से निर्देश मिलने के बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दिया है। डायट 21 मई तक प्रक्रिया पूरी करलेगा। इस दौरान जिले में आए 10 हजार 398 आवेदन फार्मों की स्क्रीनिंग करके कंप्यूटर फीडिंग का काम पूर्ण कर लिया जाएगा। कार्यवाही पूरी होने के बाद डायट शासन को पत्रावली भेज देगा। ऐसी हालत में जून के पहले सप्ताह भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।प्रदेश शासन के सचिव नीतीश्वर कुमार सात मई को पत्र भेजकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। इसके लिए दो सप्ताह के भीतर लंबित शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पूरीकरने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह अवधि 21 मई को पूरी हो रही है। मुख्यमंत्री मायावती सरकार के कार्यकाल में भर्ती इन शिक्षकोंकी प्रक्रिया में फतेहपुर जिले में कुल 12 शिक्षकों को भर्ती करने के लिए रिक्तियां निकाली गई थीं। इन पदों पर भर्ती के लिए कुल 10 हजार 398 आवेदन फार्म जमा हुए थे। इनमें 10 हजार 250 आवेदन फार्मों की पहले कंप्यूटर फीडिंग का काम पूरी कर लिया गया था। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया रुकने के बाद 150 आवेदन फार्मों की फीडिंग का काम अधूरा है, जिससे डायट चालू सप्ताह में पूरा कर लेगा। इस दौरान डायट सभीआवेदकों की स्क्रीनिंग करने के बाद अवशेष फार्मों की फीडिंग का काम पूरा करेगा। इसके बाद संबंधित पत्रावली शासन को भेजेगा। यह प्रक्रिया जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान केप्राचार्य की अध्यक्षता वाली समिति की देखरेख में पूरी की जानी है। समिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सदस्य सचिव, राजकीय बालिका इंटर कालेज के प्रधानाचार्य, जिलाधिकारी द्वारा अधिकृत प्राधिकारी सदस्य होंगे।कोटसात से दो सप्ताह के भीतर सभी आवेदकों की स्क्रीनिंग के साथ कंप्यूटर फीडिंग का काम पूरा करके पत्रावली शासन को भेजने का निर्देश प्राप्त हुआ है। ऐसी हालत में हर हालत में 21 मई तक यह कार्य पूरा करके शासन को भेज दिया जाएगा। इसके बाद शासन से प्राप्त निर्देशों के तहत भर्तीप्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। डायट प्राचार्य राजेंद्र प्रताप।
ReplyDeleteमशरूफ रहने का अंदाज़ तुम्हे तन्हा न कर दे।
ReplyDelete.....
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रिश्ते फुर्सत के नही तबज्जो के मोहताज़ होते है।
लोक सभा चुनावों के तुरंत बाद एकेडमिक समर्थकों और उन्हें पैदा करने वाले उत्तर प्रदेश के नक़ल माफियाओं के पैरों तले से जमीन खिसक जायेगी तथा सर पर आसमान फट जाएगा ,,,, यह बात वाद विवाद का विषय अवश्य हो सकती है कि 72825 की टेट मेरिट से होने वाली नियुक्ति 12वें संशोधन से शासित होगी या फीस वापसी वालों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने के लिए 30-11-11की संशोधित विज्ञप्ति और उसके लिए बेसिक शिक्षा नियमावली में टेट मेरिट पुनर्स्थापित होगी ,,,, लेकिन यह निश्चित है कि भूषण साहब द्वारा लार्जर बेंच एवं अनुच्छेद 14 की दुधारी तलवार से वध किये जा चुके 15वें संशोधन के स्थान पर ऐसा नियम लाना होगा जिससे SC या HC में चैलेन्ज ही ना किया जा सके ,,, जो लोग समानता के मूल अधिकार की क्षमताओं से वाकिफ हैं वो आसानी से समझ जायेंगे कि टेट मेरिट ना सिर्फ बेसिक शिक्षा नियमावली में स्थाई रूप शामिल होने वाली है बल्कि अन्य सभी नियुक्ति प्रक्रियाओं से एकेडमिक का विलोप होने वाला है ....
ReplyDeleteभविष्यवाणी सत्य होगी........
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट ने याची पर ठोका जुर्माना
जागरण ब्यूरो;(नई दिल्ली): सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट को गुमराह करने के कारण ७२८२५ शिक्षको के भर्ती के मामले में सुनवाई करते हुए याची कपिल देव लाल बहादुर यादव एवं अन्य याचियों पर ५०-५० लाख का जुर्माना ठोक दिया|
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा की हमने पहले ही सरकार द्वारा एक नोटिस के माध्यम से दैनिक समाचार पत्रो में सभी याची को १४ फरवरी २०१४ को बुलाया था,जिससे ३ सालो से भर्ती की राह में चली आ रही सारी समस्याओं को दूर किया जा सके|चूँकि १४ फरवरी को कोई भी याची नहीं आया जिससे कोर्ट ने यह माना की किसी भी याची का हित प्रभावित नहीं हो रहा है
अतःकोर्ट ने २५ मार्च को भर्ती करने का अंतरिम आदेश पारित कर दिया| यह आदेश न्यायमूर्ति एच एल दत्तू व न्यायमूर्ति बोबडे की खंडपीठ ने याची के याचिका को ख़ारिज करते हुए पारित किया| यह जुर्माना ३१ मई २०१४ तक किसी भी हाल में जमा करना होगा|जुर्माना न भरने की दशा में कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को भी आदेश दिया है की वह सभी याचियों को किसी भी कीमत पर १ जून को सुप्रीम कोर्ट में लाये|
ReplyDeleteटेट साथियों पूरा खाली गिलास आधा शुद्ध दूध से भर चुका है शेष बचा आधा गिलास भी 12 मई को सपा के लिए महत्वपूर्ण चुनाव अभियान खत्म होते ही तेजी से भरना शुरू हो जाएगा । sc के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार प्रशिक्षु शिक्षक के स्थान पर सहायक शिक्षक पद पर 25 जून से पहले आपको नियुक्ति देने के लिए बाध्य है । 12 मई तक विभिन्न समाचार पत्रो के माध्यम से इसी तरह उल्लुओँ को उल्लू बनाया जाता रहेगा । 12 मई से 29 जून तक sc बंद रहेगा और जो बेँच खुली रहेंगी उनमे हमारे मामले मे कोई हस्तक्षेप नही किया जा सकता ।
ReplyDeleteKya Sir o.b.c. male arts 124 hai .Deoria me kya chance hai.
ReplyDeletePrashant Kumar Gupta Azamgarh