668 लाख अभ्यर्थियों में से केवल 72133 का शुल्क वापस 16 आवेदन पर विचार के लिए 10 जुलाई तक मांगा जा रहा ड्राफ्ट
Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, 72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011, B Ed, UPTET, BTC , B Ed 2012 in 72825 Teacher Counslling
2012 के विज्ञापन पर भर्ती की मांग, प्रदेशव्यापी आंदोलन का एलान
सचिव बेसिक शिक्षा और डायट प्राचार्य के कार्यालय में लगा तांता
शुल्क वापसी मामला
क्या है मुद्दा
एकेडमिक मेरिट समर्थकों ने कसी कमर
बीटीसी 2013 की दूसरी सूची जारी
वहीं डायट इलाहाबाद के प्राचार्य विनोद कृष्ण ने अभ्यर्थियों को बताया कि 2011 में पांच जिलों में ड्राफ्ट भेजा गया था। यदि किसी को दो-तीन या फिर चार जिलों के ड्राफ्ट वापस मिल गये हैं तो परेशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि एक ड्राफ्ट तो उनका जमा ही है। बशर्ते मूल जिले का ड्राफ्ट वापस न आया हो
प्रदेश में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए वर्ष 2011 में यह निर्देश हुआ था कि अभ्यर्थी पांच जिलों में 500-500 रुपये के बैंक ड्राफ्ट भेजे। बाद में कहा गया कि इन्हीं ड्राफ्ट की फोटो कापी अन्य जिलों में भी भेजकर आवेदन कर सकते हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सरिता शुक्ला ने इस संबंध में वाद दायर किया। न्यायाधीश अरुण टंडन ने तीस नवंबर 2011 की विज्ञप्ति को निरस्त करने का आदेश दिया। 31 अगस्त 2012 को आदेश हुआ कि पांच जनपदों में भेजे गए शुल्क में से किसी एक जनपद को मूल मानकर बाकी के जिलों में आवेदन करना है तथा चार अन्य जिलों में जमा किये गये शुल्क को वापस किया जाए। इस संबंध में एनसीईआरटी के आदेश पर अभ्यर्थियों को धन वापस कराया गया। 1
आवेदन नहीं कर सकते अभ्यर्थी : निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने डायट से शुल्क वापस लिया है वे यदि अपने आवेदन पत्र पर विचार कराना चाहते हैं तो उन्हें उसी डायट में फिर नया बैंक ड्राफ्ट जमा करना होगा। अभ्यर्थी अब नया आवेदन नहीं कर सकते। तीन साल पहले हुए आवेदन ही मान्य हैं। शुल्क को डाक या फिर हाथों-हाथ दोनों तरह भेज सकते हैं, बशर्ते 10 जुलाई तक जमा हो जाएं। इसमें अभ्यर्थी का नाम पता आदि होना चाहिए। जिनका शुल्क वापस नहीं हुआ है तो अभ्यर्थी को कुछ करने की जरूरत नहीं है उनका धन व आवेदन सुरक्षित है। जिन्होंने पैसा वापस लिया है वे फिर शुल्क जमा करें। उन्होंने नियमों में अस्पष्टता के संबंध में अभ्यर्थियों से लिखित सवाल पूछने का अनुरोध किया है।
इलाहाबाद : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती का प्रकरण अब शुल्क जमा-निकासी के इर्द-गिर्द घूम रहा है। डायट से धन वापस लेने वाले या फिर धन वापसी के लिए आवेदन करने वालों को यह सूझ नहीं रहा है कि वह अब क्या करें। ऐसे सैकड़ों अभ्यर्थियों का मेला बुधवार को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद एवं डायट प्राचार्य के कार्यालयों में लगा रहा। अभ्यर्थियों से कहा गया है कि उन्हें डायट में लौटाया गया शुल्क जमा करना होगा।
प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में आवेदन शुल्क वापस लेने वाले अभ्यर्थियों को दस जुलाई तक का समय दिया गया है। इस आदेश पर अफरातफरी का माहौल रहा। दरअसल अभ्यर्थियों के मन में शुल्क दोबारा जमा करने को लेकर तरह-तरह के सवाल कौंध रहे हैं। मसलन, पांच जिलों में से किसी एक जिले का शुल्क वापस हो गया है तो क्या चार अन्य आवेदन खत्म हो गए हैं। किसी ने पांचों जिलों में शुल्क वापसी के लिए आवेदन किया था, लेकिन शुल्क वापस नहीं मिला है ऐसे में अब क्या करना चाहिए। क्या एक ही ड्राफ्ट प्रदेश के सभी जनपदों के लिए मान्य होगा। ड्राफ्ट वापस मिला, लेकिन उसे कैश नहीं कराया है तो अब क्या करें। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने तो अभ्यर्थियों को इन सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया। वह बोले इस संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं है। वहीं डायट इलाहाबाद के प्राचार्य विनोद कृष्ण ने अभ्यर्थियों को बताया कि 2011 में पांच जिलों में ड्राफ्ट भेजा गया था। यदि किसी को दो-तीन या फिर चार जिलों के ड्राफ्ट वापस मिल गये हैं तो परेशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि एक ड्राफ्ट तो उनका जमा ही है। बशर्ते मूल जिले का ड्राफ्ट वापस न आया हो। फिर भी यदि अभ्यर्थी चाहें तो वह संबंधित जिले में नया ड्राफ्ट बनाकर आवेदन कर सकते हैं। इलाहाबाद में शुल्क जमा करने के लिए पटल खोल दिया गया है। यहां पर हाथों-हाथ और डाक दोनों तरीके से शुल्क स्वीकार होगा।
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें
टीईटी अभ्यर्थी विश्वेश्वर सिंह, सतीश कुमार शुक्ल, बृजेश कुमार, देवेंद्र शर्मा, चंद्रशेखर मौर्य, नवनीत कुमार चौरसिया, अखिलेश कुमार यादव, संजय यादव, आलोक कुमार आदि ने मांग की है कि जिन अभ्यर्थियों का शुल्क वापस हुआ है उनकी सूची जिलेवार जारी की जाए। जिन अभ्यर्थियों ने शुल्क वापसी के लिए आवेदन किया है और शुल्क वापस नहीं हुआ है उनकी स्थिति स्पष्ट हो और शुल्क जमा करने की समय सीमा बढ़ाई जाए या फिर काउंसिलिंग के समय ही शुल्क जमा कराने की व्यवस्था की जाए।
इलाहाबाद जिले की स्थिति1प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू होते ही जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इलाहाबाद में मात्र 1500 सीटों के सापेक्ष 151065 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इन सभी आवेदकों की डाटा फीडिंग पूरी हो चुकी है। इनमें से 800 अभ्यर्थियों को शुल्क वापस भेजा गया है, जबकि 19 हजार अभ्यर्थियों का बैंक ड्राफ्ट आया था।
इलाहाबाद : प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में उल्टी गंगा बह रही है। हाईकोर्ट के आदेश के दो साल बाद भी सरकार सभी अभ्यर्थियों को शुल्क लौटा नहीं पाई है। प्रदेश में प्राप्त कुल 68 लाख आवेदन पत्रों में से मात्र 72133 के ही ड्राफ्ट वापस हो सके हैं। हाईकोर्ट ने इसके साथ ही एक जगह जमा शुल्क की छायाप्रति लगाकर अन्य जगह आवेदन करने की छूट दी थी। विभाग ने अब आदेश दिया गया है कि जिन अभ्यर्थियों ने अपना धन वापस ले लिया था वे फिर शुल्क जमा करें तभी उनके आवेदन पत्र पर विचार होगा। अभ्यर्थियों को यह नहीं समझ आ रहा कि वे करें तो क्या करें। हालात यह हैं कि एससीईआरटी यह भी नहीं बता पा रहा कि आखिर उसने किनके पैसे वापस किए हैं। इस हालात में हर आवेदनकर्ता परेशान है।1मायावती सरकार में अनुसूचित जाति, जनजाति के अभ्यर्थियों को 200 व अन्य को 500 रुपये का राष्ट्रीयकृत बैंक से रेखांकित बैंक ड्राफ्ट आवेदन करने वाले पांच जनपदों के प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के पदनाम से बनवाकर भेजने का निर्देश था। कोर्ट के हस्तक्षेप पर मायावती सरकार ने ही एक ड्राफ्ट को ही पूरे प्रदेश में मान्य कर दिया था। प्रदेश में सरकार बदलते ही सपा सरकार ने कपिलदेव की रिट पर दिसंबर 2012 में दोबारा बेसिक शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से विज्ञापन जारी कराया और मनचाहे जिले में फार्म भरने की छूट दे दी। इसमें बहुतेरे आवेदकों ने तो प्रदेश के सभी जिलों में आवेदन कर दिया था। इसी दौरान हाईकोर्ट के निर्देश पर सपा सरकार ने पूर्व में जमा शुल्क वापस करने की शुरुआत की थी। इसके लिए अभ्यर्थियों से आवेदन मंगाए गए थे। इसमें पांच जिलों में से किसी को दो और किसी को तीन जनपद का शुल्क वापस किया गया। 1हाल ही में सूबे में तीन साल से अटकी 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही फिर नियमों पर सवाल उठ रहे हैं। इस मर्तबा प्रशिक्षुओं को लौटाए गए शुल्क का प्रकरण तूल पकड़ गया है। ‘जितने मुंह उतनी बातें’ की तर्ज पर प्रशिक्षु शिक्षक आला अधिकारियों से सवाल कर रहे हैं। अफसर इन सवालों पर बगले झांकने को मजबूर हैं। दरअसल किन प्रशिक्षुओं को डायट से शुल्क लौटाया जा चुका है इसकी सूची अब तक जारी नहीं हुई है। न ही इस शुल्क को वापस जमा करने के तौर-तरीके की ही जानकारी दी गई है। सिर्फ यह कहा गया है कि दस जुलाई तक शुल्क जमा कर दें, तभी आवेदन पर विचार होगा
इलाहाबाद : प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में फिर एकेडमिक मेरिट की तान छिड़ गई है। युवाओं ने 2012 के विज्ञापन के आधार पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती कराने की मांग की है, अन्यथा प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने का एलान किया है। युवाओं ने अल्टीमेटम दिया है कि दस जुलाई को विधानसभा का घेराव होगा और आवेदक लखनऊ में आमरण अनशन करेंगे।
यूपी में 72,825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह भर्ती टीईटी की मेरिट पर होनी है। सपा सरकार ने वर्ष 2012 में नया विज्ञापन निकाला था और भर्ती एकेडमिक मेरिट पर कराने को कहा था। वही बात अब युवा दोहरा रहे हैं। वह लोग दो साल से भर्ती शुरू होने की उम्मीद लगाए थे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी है। युवा नेता अरविंद यादव, राजेश सिंह गुड्डू, अशोक द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसी ही मांग उठ रही है। ऐसे में इस मांग को आंदोलन का रूप दिया जाएगा। युवक दस जुलाई को लखनऊ में जुटेंगे और दोपहर में विधानसभा को घेरेंगे, उसी दिन लक्ष्मण मेला मैदान में आमरण अनशन पर बैठेंगे। बैठक में मनोज यादव, अंशुल मिश्र, हरिओम गुप्ता, कुंवर शरद, नीरज राय, विनीत सिंह, नारद यादव, राज गुप्ता, अभिषेक, संतोष आदि शामिल थे।इलाहाबाद : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार हो गयी है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के कार्यालय ने बुधवार को सूची जारी की है। इसमें प्रदेश भर के करीब दस हजार सीटों के परिणाम घोषित हुए हैं। शासन ने इस संबंध में कटआफ मेरिट लिस्ट भी जारी कर दी है।
News Sabhaar : Jagran (3.7.14)
Sabhi sakriya tet leaders ( avnish yadav,s. K. Pathak, Ganesh Dixit, sujeet singh, Rakesh Yadavanil, bagpat, Vijay Singh Tomar, Anil Kundu, Rajesh Pandey, Ratnesh Pal, Shalabh Tiwari, farukh, Shyam Dev Mishra, anil verma, naveen srivastava, aadi ) ka ye naitik dayitva hai ki supreme court me aane wali 7 tarikh ko koi bada laywer jarur kare jo apna paksh majbooti se rakh sake, court me hume sarkar ke upar ye dabav banana padega ki wo agli sunwai tak 72825 chynit kshatro ki soochi court me prastut kisi bhi haalat me kare taaki 1 ya 2 counselling ke baad humare low merit wale tet bhai apni baari ka intezaar hi karte na reh jaye aur sarkar isi majboori me humari prakiya poori kare.... Aap sabhi se nivedan hai ki aap aab SM/JRT par kaam jarur kare par iske chakkar me PRT ko na bhool jaye,
ReplyDeleteHathdharmita tyag kar antim prahar majbooti se kare..
Dhanyawwad
10000 btc Bharti me sarkar S.C me SLP dalne jaa rahi hai..kyuki H.C ne D.Ed and BL.Ed and NTT walo ko bhi bharti me shamil karne ka mauka diya tha..ab S.C se faisle ke baad hi niyukti patra diya jayega..
ReplyDeleteIss sambandh me H.L Gupta Ji ne G.O me jikra kiya hai ki ye bharti s.c me dakhil hone wali Slp ke nirnay ke adhen hogi..jiske order sachiv basik and nideshak ko diye jaa chuke hain.
आवेदन नहीं कर सकते अभ्यर्थी : निदेशक
ReplyDeleteराज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने डायट से शुल्क वापस लिया है वे यदि अपने आवेदन पत्र पर विचार कराना चाहते हैं तो उन्हें उसी डायट में फिर नया बैंक ड्राफ्ट जमा करना होगा। अभ्यर्थी अब नया आवेदन नहीं कर सकते। तीन साल पहले हुए आवेदन ही मान्य हैं। शुल्क को डाक या फिर हाथों-हाथ दोनों तरह भेज सकते हैं, बशर्ते 10 जुलाई तक जमा हो जाएं। इसमें अभ्यर्थी का नाम पता आदि होना चाहिए। जिनका शुल्क वापस नहीं हुआ है तो अभ्यर्थी को कुछ करने की जरूरत नहीं है उनका धन व आवेदन सुरक्षित है। जिन्होंने पैसा वापस लिया है वे फिर शुल्क जमा करें। उन्होंने नियमों में अस्पष्टता के संबंध में अभ्यर्थियों से लिखित सवाल पूछने का अनुरोध किया है।
वि में प्रोविजनल डिग्री के लिए हंगामा
ReplyDeleteजागरण संवाददाता, आगरा: शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों की विवि में भीड़ उमड़ने लगी है। डिग्री की अनिवार्यता के लिए आवेदक विवि में प्रोविजनल डिग्री बनवाने पहुंच रहे हैं। बुधवार को घंटों इंतजार के बाद भी डिग्री न मिलने पर आवेदकों ने हंगामा किया। हालत बेकाबू होने पर पुलिस फोर्स बुला लिया गया।
अव्यवस्थाओं के चलते विवि से स्नातक और परास्नातक कर चुके छात्रों को डिग्री नहीं मिली हैं। वहीं, शिक्षक भर्ती के लिए प्रमाण पत्रों में डिग्री भी अनिवार्य है। ऐसे में प्रोविजनल डिग्री के लिए विवि में सैकड़ों आवेदन किए जा रहे हैं। मगर प्रोविजनल डिग्री बनने की प्रक्रिया बहुत धीमी है। इसके चलते चार्ट रूम और परीक्षा विभाग के साथ ही रजिस्ट्रार कार्यालय के बाहर आवेदकों ने हंगामा किया। हालत बेकाबू होने पर विवि प्रशासन ने पुलिस फोर्स बुला लिया। इसके बाद भी प्रोविजनल डिग्री के लिए हंगामा होता रहा।
बीएड और वर्ष 2010 के बाद ही डिग्री पर संकट
बीएड के चार्ट सील हैं। इसी तरह वर्ष 2010 से 2013 तक के चार्ट फाइनल नहीं हुए हैं। ऐसे में इन सत्रों के आवेदकों की डिग्री पर संशय बना हुआ है। कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद मुजम्मिल ने बताया कि सभी आवेदकों को डिग्री मिल सके, इसकी व्यवस्था की जा रही है।
डिग्री बनवा रहे बाहरी युवक, कॉकस सक्रिय
डिग्री के लिए लाइन लगने पर बाहरी युवक सक्रिय हो गए हैं। कर्मचारियों से साठगांठ कर जल्दी डिग्री दिलवाने के लिए सौदेबाजी करने के साथ ही खुद ही डिग्री बनवा रहे हैं। इसे लेकर छात्रों ने हंगामा किया। वहीं, डिग्री और संशोधित मार्कशीट बनवाने के लिए विवि में कॉकस सक्रिय हो गया है। 200 से 500 रुपये लेकर तुरंत डिग्री और मार्कशीट देने के लिए सौदेबाजी की ज। 200 से 500 रुपये लेकर तुरंत डिग्री और मार्कशीट देने के लिए सौदेबाजी की जा रही है। इसमें तथाकथित छात्र नेता भी शामिल हैं।
प्रोविजनल डिग्री के लिए सात काउंटर
विवि में प्रोविजनल डिग्री के लिए भीड़ उमड़ने पर सात काउंटर बनाए गए हैं। विवि प्रशासन अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने पर अतिरिक्त काउंटर बनाने पर विचार कर रहा है। वहीं, प्रोविजनल डिग्री के लिए मार्कशीट के सत्यापन में सबसे ज्यादा समस्या आ रही हैं।
हर diet पर DD वापस लेने वालो की लिस्ट लग रही है . आप लोग जो भी diet के आसपास रहते हो तो diet जाके लिस्ट लेकर group पर डाल दे ताकि बाकि लोगों को भी आराम रहे ....................
ReplyDelete72825&72825 (tet merit and acd marit) dono bh a bharti kare sarkar b'cos fees to dono bharti ki De h hamne to hame aapas me Kyo ladaya ja rha hai tab na hi koi matter cort me jata
ReplyDeletePLZ PLZ HELP MY FRND- MERE FRND KI TET MARKSHEET ME. CANDIDATE NAME & FATHER'S NAME KE AAGE DONO JAGAH FTAHER'S NAME LIKH DIYA HAI, USNE APNI ORIGINAL MARKSHEET AUR APPLICATION SAMBHANDIT OFFICE ALLAHABAD 2012 ME SPEED POST KAR DI THI. PER SARA RECORD POLICE KE PAAS HONE SE WO ABHI TAK THIK NAHI HO PAYI HAI, ACTUALLY YE GADBADI JAB DEC.2011 ME SANSHODHAN CHAL RAHA THA TAB HUI THI. SASHODHAN SE PEHLE JO NET SE PRINTOUT WALI MARKSHEET HAI BILKUL THIK HAI. AB USKE PAAS DO CHEEZ HAI EK TO NET SE SHANSHODHAN SE PEHLE KI PRINT OUT KARI HUI MARKSHEET JISME SAB THIK HAI & ORIGINAL MSRKSHEET KI PHOTOCOPY JISME GALTI HAI. AB PLZ AAP LOG SUJHAV DE KI WO KYA KARE? KIS SE JA KAR MILE? ISS SANDHARB ME KAUN USKI SUN SAKTA HAI? APKI BAHUT KRIPA HOGI. PLZ PLZ DO NOT IGNORE THIS PLZ I REQUEST U ALL .
ReplyDelete