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Wednesday, December 24, 2014

शिक्षामित्रों के चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित करने का निर्देश।

शिक्षामित्रों के चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित करने का निर्देश।

एससीईआरटी के निदेशक ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को भेजा पत्र।

92 हजार शिक्षामित्रों की 2 दिसम्बर को हुई थी सेमेस्टर की परीक्षा।

लखनऊ (एसएनबी)। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को प्रशिक्षणरत शिक्षामित्रों के चौथे सेमेस्टर का परीक्षाफल घोषित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की प्राचायरे को द्वितीय व तृतीय चरण के शिक्षामित्रों के अंकपत्रों के सत्यापन का काम शीघ्र पूरा करने को कहा गया है। एससीईआरटी में उप शिक्षा निदेशक डा. इश्तियाक अहमद ने निदेशक के निर्देश पर यह पत्र भेजा है, पत्र में कहा गया है कि विभागीय मंत्री रामगोबिंद चौधरी ने शिक्षामित्रों के द्वितीय बैच के चौथे सेमेस्टर का रिजल्ट तत्काल घोषित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सचिव से इस मामले में गंभीरता से विचार करते हुए ससमय आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराने को कहा है। उल्लेखनीय है कि चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं इसी महीने दो दिसम्बर को करायी गयी हैं। पिछले दिनों आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के इस दिशा में कार्रवाई जल्द पूरी कराने के अनुरोध के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री ने इस दिशा में जल्द कार्रवाई पूरी कराने का निर्देश दिया है ताकि शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा कि निदेशक के इस पत्राचार को सकारात्मक कार्रवाई बताया है। उधर शिक्षामित्र शिक्षक कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा ने भी जल्द रिजल्ट घोषित करने की मांग की है। उनका कहना है कि 92 हजार शिक्षामित्रों के दिसम्बर में शिक्षक बनने की राह में अफसर समय से रिजल्ट न घोषित करके अडं़गा डाल रहे हैं। उन्होंने पूर्व में समायोजित किये गये शिक्षामित्रों को वेतन जल्द दिलाने की मांग भी उठायी है। प्रदेश में पहले चरण में दूरस्थ बीटीसी का प्रशिक्षण ले चुके 59 हजार शिक्षामित्रों को बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापक पदों पर समायोजित किया जा चुका है। कई जिलों में उनका वेतन भी जारी हो चुका है लेकिन कई जिलों में अब भी इस श्रेणी के सहायक अध्यापकों के शैक्षिक कागजात के सत्यापन की प्रक्रिया भी अधूरी पड़ी है, इसके चलते उन्हें तनख्वाह जारी नहीं की जा रही है, जबकि प्रदेश सरकार ने पहले ही उनके लिए आवश्यक बजट जारी कर दिया था।