हुजूर आते-आते बहुत देर कर दी
(Slow process of Recruitment Process Make Breaks of Election Code of Conduct)
-शिक्षकों का अंतरजनपदीय तबादला भी लटका
( Basic Teachers Inter Departmental Transfer also Suspended)
लखनऊ, जागरण ब्यूरो : बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्तियों और तबादलों के जरिये बेरोजगार नवजवानों और अध्यापकों का दिल जीतने की राज्य सरकार की हसरत धरी रह गई। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षकों और मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों की नियुक्तियां और बड़े पैमाने पर शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले फिलहाल लटक गए हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशालय ने प्राथमिक स्कूलों में 80000 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अगस्त 2010 में शासन को प्रस्ताव भेजा था लेकिन कैबिनेट तक यह प्रस्ताव पहुंचने में एक साल से अधिक समय लग गया। कैबिनेट ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी दी बीती 14 सितंबर को। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य किये गए टीईटी के आयोजन को लेकर भी महीनों अनिश्चितता रही। अंतत: यूपी बोर्ड टीईटी का आयोजन 13 नवंबर को करा सका। 25 नवंबर को टीईटी का परिणाम आने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 30 नवंबर को प्रकाशित विज्ञप्ति को हाई कोर्ट ने रद कर दिया। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परिषद को न सिर्फ दोबारा विज्ञप्ति प्रकाशित करनी पड़ी बल्कि भर्ती की प्रक्रिया निपटाने के लिए शासन ने एनसीटीई ने समयावधि भी बढ़ाने का अनुरोध किया है। बहरहाल 24 दिसंबर से प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने की वजह से शिक्षकों की नियुक्ति फिलहाल खटाई में पड़ गई है। बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर भले कह रहे हों कि नियुक्ति की प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन आचार संहिता की वजह से चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक परिणाम रुका रहेगा।
मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए राज्य सरकार ने 1997 से पहले के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को उर्दू शिक्षक नियुक्त करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अपील को बीते अगस्त माह में वापस लेने में भले ही तेजी दिखायी हो लेकिन जिस मकसद से शासन ने यह फैसला किया, वह भी चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने तक पूरा होता नहीं दिखता।
चुनावी वर्ष में राज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को तोहफा देने के मकसद से शासन ने स्थानांतरण सत्र 2011-12 को शून्य घोषित करने के अपने फैसले के खिलाफ जाने का फैसला किया। शिक्षकों को उनकी मर्जी के मुताबिक अंतरजनपदीय तबादलों की सौगात देने के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कराया गया। शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों की राह से रोड़े दूर करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन किया गया। अंतरजनपदीय तबादलों के लिए शिक्षकों से 31 दिसंबर तक विकल्प मांगे गए। अब जबकि तबादले के लिए लगभग 58,000 आवेदन आ चुके हैं, आचार संहिता ने इस पर भी ग्रहण लगा दिया।
mere vichar se hum sabhi tet passed candidate ko stay ke against supreme court chalna chahiye kyun ki supreme court pehle bhi allahabad high court ko bika kah chuka hai. High court 1feb ke bad phir koi date deker mamala uljhaye rakhega. Leader+allahabad high court=berojgar.
ReplyDeleteMai allahabad high court justice sudhir agrawal se puchhana chahata hu ki kya 72825 candidate ke liye aapke pass rojgar aur 2 waqt kiroti ka bandobast hai. Agar nahi hai to tum vacancy radd hone par ye sawal mat poochhana ki tum maowadi aur naxalite kyun bane.
ReplyDeletemere vichar se santi se chunav samapt hone ka intjar karana chahia kyo ki achar sanhita ke dauran bharti ka koi chance nahi hai.
ReplyDeletejab madhyamik ayog bharti k liye interviews krwa rha hai to basic counselling to krwa skta
ReplyDeletesupreme court chalo
ReplyDeleteSupreme court hi ek antim vikalp bacha hai kyunki highcourt gandi rajniti ka shikar hokar 1 february ke baad fir koi naya date de sakta hai. High court ke sakaratmak nirnay ke baad bhi aniyamitata ko lekar case kiya jana abhi baki hi hai. Behtar hai sabkuchh supreme court ke aadhin ho.
ReplyDeleteH.C. Congress ki agency ki tarah se behave kar raha hai. Sabko pata hai kis tarah aajkal STAY liya jata hai. Congress ko ye bhari padega.
Deleteटीईटी का परिणाम संशोधित
ReplyDeleteJan 11, 11:00 pm
बताएं
इलाहाबाद: माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बुधवार को फिर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का परिणाम संशोधित कर दिया। इससे उर्दू के अभ्यर्थियों के दो अंक बढ़ गए।
उच्च न्यायालय ने 16 दिसंबर को परिषद को आदेश दिए थे कि सौ रुपये के शुल्क पर वह अभ्यर्थियों से आपत्तियां लेगा। इसके बाद उनकी शंकाओं का समाधान करेगा। इसी क्रम में 2 जनवरी तक अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन लिए गए और उसका निस्तारणकिया गया। बुधवार को परिषद ने फिर से परिणाम संशोधित कर दिए। इससे उर्दू अभ्यर्थियों के 2 अंक बढ़ गए।
सहायक अध्यापकों की भर्ती पर रोक बढ़ी
ReplyDeleteStory Update : Thursday, January 12, 2012 1:44 AM
इलाहाबाद। प्रदेश में 72 हजार 825 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन पर फिलहाल रोक जारी रहेगी। हाईकोर्ट में बुधवार को राज्य सरकार की ओर से इस मामले में जवाब दाखिल किया गया। सुनवाई के दौरान बेसिक शिक्षा सचिव अनिल संत औरअन्य अधिकारी भी अदालत में मौजूद थे।याचिका पर न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल सुनवाई कर रहे हैं।
पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने प्रदेश सरकार को यह बताने का निर्देशदिया था कि बेसिक शिक्षा बोर्ड को भर्ती का विज्ञापन जारी करने का अधिकार है अथवा नहीं। प्रदेश सरकार की ओर से जो जवाब दाखिल किया गया उससेअदालत संतुष्ट नहीं थी। प्रदेश सरकार को ओर से फिर से जवाब दाखिल करने की बात कही गई है। न्यायालय ने नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन पर लगी रोक को बढ़ाते हुए याचिका पर एक फरवरी को सुनवाई का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का सहायक अध्यापक पद पर चयन के लिए बेसिक शिक्षा बोर्ड द्वारा विज्ञापन जारी किया गया था। इसे यह कहते हुए चुनौती दी गई कि विज्ञापन बेसिक शिक्षा नियमावली के प्रावधानों के अनुसार नहीं है। नियुक्ति अधिकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी है इसलिए विज्ञापन जारी करने का अधिकार भी उसी को है। नियम में परिवर्तन किए बिना बोर्ड द्वारा विज्ञापन जारी करने को गलत बताया गयाहै।
mujhe ye btaiye k jinke no. bde h, wo kya kre, ye ptyavedan k liye kb kha gya tha.
ReplyDeleteplese tell me.
plese tell me ye prtyavedan k liye kb kha gya aur iska process kya h.
ReplyDelete1.5 carore me dhaki gayi maya aur hathiyo ki moorti.
ReplyDeleteKya ye khula bhrastachar nahi h.
Maya high court chunao ayog sab bhrast h.
Dosto tet k chakkar me na padkar koi private job dhoondlo.
Court k faisle dimag se nahi paise se aate h.
kya karna hai? kisi ek ko decision lena chahiye soch samajhker advocate se salah leker aur others ko sahmat hona chahiye.
ReplyDeletekya karna hai?kisi ek ko decision lena chahiye vo bhi soch samajh kar advocate se salah leke aur others ko sehmat hona chahiye.
ReplyDeletekya karna hai?
ReplyDeleteLetter kise likhna hai?
ReplyDeletekya hua?
ReplyDeletebhaiyo bharty hone ki ummed man se nikal do aur wapas rajneeti me lag jao
ReplyDeletekyo ki berojgao k liye sirf rajneeti bachati h aur kuchh nahi......................