केस-1 : प्रवीण कुमार बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा पहली बार कराई गई यूपी टीईटी-2011 की परीक्षा दी थी। परीक्षा पास भी हो गए। 104 अंक भी मिले पर समस्या यह है कि उनके नाम की स्पेलिंग गलत हो गई है। अब वे अपने नाम में संशोधन कराना चाहते हैं और इसके लिए देवघर से यूपी बोर्ड दफ्तर उनका चौथी बार आना हो रहा है। यूपी बोर्ड के बाबू उनसे कोई रिकॉर्ड न होने की बात कहते हैं पर प्रवीण क्या करें..कहां जाएं..किससे फरियाद करें कोई बताने वाला नहीं है।
केस-दो : प्रतिभा त्रिपाठी संतकबीर नगर की रहने वाली हैं। उन्होंने भी टीईटी की परीक्षा 102 अंकों के साथ पास की थी पर उनकी समस्या यह है कि उनकी मार्कशीट कहीं गुम हो गई है। प्रदेश में 72,825 शिक्षकों की भर्ती शुरू करने का फैसला होने के बाद वो तीसरी बार यूपी बोर्ड आईं। उन्होंने अधिकारियों और बाबुओं से फरियाद की, मिन्नतें की कि उन्हें डुप्लीकेट मार्कशीट इश्यू कर दी जाय, यह उनके भविष्य का सवाल है पर कोई फायदा नहीं हुआ। मायूस होकर, आंखों में आंसू लिए प्रतिभा अपने घर रवाना हो गईं।
ये तो सिर्फ उदाहरण मात्र है। टीईटी के भूत से यूपी बोर्ड ही नहीं प्रदेश सरकार भी हलकान है। माध्यमिक शिक्षा परिषद में रोज ऐसे दर्जनों अभ्यर्थी प्रदेश के कोने-कोने से आते हैं पर मायूस होकर लौट जाते हैं। किसी का नाम गलत है तो किसी की टीईटी की मार्कशीट गायब हो गई है। यूपी बोर्ड के अधिकारियों से संपर्क करने पर कह दिया जाता है कि उनके पास टीईटी का टेबुलेशन रिकॉर्ड नहीं है और बिना उसके वे कुछ नहीं कर सकते। यूपी बोर्ड के कुछ रहमदिल बाबू भी इस बात से परेशान हैं। उन्हें भी दुख होता है कि छात्र प्रदेश भर से आते हैं पर वे चाहकर भी उनकी कोई मदद नहीं कर पाते। यूपी बोर्ड के पास कोई रिकॉर्ड न होने से बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती करना भी सरकार के लिए आसान नहीं रह गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 12 सप्ताह में नियुक्ति पूरी करनी है, लेकिन यूपी बोर्ड या बेसिक शिक्षा परिषद के पास परीक्षा से जुड़े रिकॉर्ड ही नहीं हैं। ऐसे में सवाल यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग किस आधार पर टीईटी की मार्कशीट का मिलान या सत्यापन करेगा।
दरअसल, टीईटी में धांधली के आरोपों के बाद रमाबाईनगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार किया था। 1इसके बाद पुलिस ने टीईटी-11 का रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी में छापा मारकर सारे दस्तावेजों के साथ कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क भी निकाल ली थी। जब पुलिस ने दस्तावेज सीज किए तब तक टीआर (टेबुलेशन रजिस्टर) तैयार नहीं हो सका था, जबकि टीआर ही किसी भी रिजल्ट का मूल रिकॉर्ड होता है। इसी के आधार पर मार्कशीट का मिलान या संशोधन किया जाता है। लेकिन आज की तारीख में टीआर न तो यूपी बोर्ड के पास मौजूद है और न ही बेसिक शिक्षा विभाग के पास। यही कारण है कि यूपी बोर्ड टीईटी-11 की मार्कशीट में संशोधन नहीं कर पा रहा है। स्थिति यह है कि संशोधन के हजारों आवेदन यूपी बोर्ड मुख्यालय में पड़े हुए हैं। इस मसले पर कोई अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
News Source / Sabhaar : Jagran (10.5.2014)
Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, 72825 Teacher Recruitment, UP-TET 2011
लोक सभा चुनावों के तुरंत बाद एकेडमिक समर्थकों और उन्हें पैदा करने वाले उत्तर प्रदेश के नक़ल माफियाओं के पैरों तले से जमीन खिसक जायेगी तथा सर पर आसमान फट जाएगा ,,,, यह बात वाद विवाद का विषय अवश्य हो सकती है कि 72825 की टेट मेरिट से होने वाली नियुक्ति 12वें संशोधन से शासित होगी या फीस वापसी वालों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने के लिए 30-11-11की संशोधित विज्ञप्ति और उसके लिए बेसिक शिक्षा नियमावली में टेट मेरिट पुनर्स्थापित होगी ,,,, लेकिन यह निश्चित है कि भूषण साहब द्वारा लार्जर बेंच एवं अनुच्छेद 14 की दुधारी तलवार से वध किये जा चुके 15वें संशोधन के स्थान पर ऐसा नियम लाना होगा जिससे SC या HC में चैलेन्ज ही ना किया जा सके ,,, जो लोग समानता के मूल अधिकार की क्षमताओं से वाकिफ हैं वो आसानी से समझ जायेंगे कि टेट मेरिट ना सिर्फ बेसिक शिक्षा नियमावली में स्थाई रूप शामिल होने वाली है बल्कि अन्य सभी नियुक्ति प्रक्रियाओं से एकेडमिक का विलोप होने वाला है ....
ReplyDeleteजाति देखकर वोट देने वालो,
ReplyDeleteयाद रखो...
तुम सांसद चुन रहे हो...
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अपना जीजा नही ???
फिर भी मैं आपको पीछे की खबर मे ही मिलूँगा
ReplyDeleteभविष्यवाणी सत्य होगी........
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट ने याची पर ठोका जुर्माना
जागरण ब्यूरो;(नई दिल्ली): सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट को गुमराह करने के कारण ७२८२५ शिक्षको के भर्ती के मामले में सुनवाई करते हुए याची कपिल देव लाल बहादुर यादव एवं अन्य याचियों पर ५०-५० लाख का जुर्माना ठोक दिया|
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा की हमने पहले ही सरकार द्वारा एक नोटिस के माध्यम से दैनिक समाचार पत्रो में सभी याची को १४ फरवरी २०१४ को बुलाया था,जिससे ३ सालो से भर्ती की राह में चली आ रही सारी समस्याओं को दूर किया जा सके|चूँकि १४ फरवरी को कोई भी याची नहीं आया जिससे कोर्ट ने यह माना की किसी भी याची का हित प्रभावित नहीं हो रहा है
अतःकोर्ट ने २५ मार्च को भर्ती करने का अंतरिम आदेश पारित कर दिया| यह आदेश न्यायमूर्ति एच एल दत्तू व न्यायमूर्ति बोबडे की खंडपीठ ने याची के याचिका को ख़ारिज करते हुए पारित किया| यह जुर्माना ३१ मई २०१४ तक किसी भी हाल में जमा करना होगा|जुर्माना न भरने की दशा में कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को भी आदेश दिया है की वह सभी याचियों को किसी भी कीमत पर १ जून को सुप्रीम कोर्ट में लाये|
ReplyDeleteटेट साथियों पूरा खाली गिलास आधा शुद्ध दूध से भर चुका है शेष बचा आधा गिलास भी 12 मई को सपा के लिए महत्वपूर्ण चुनाव अभियान खत्म होते ही तेजी से भरना शुरू हो जाएगा । sc के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार प्रशिक्षु शिक्षक के स्थान पर सहायक शिक्षक पद पर 25 जून से पहले आपको नियुक्ति देने के लिए बाध्य है । 12 मई तक विभिन्न समाचार पत्रो के माध्यम से इसी तरह उल्लुओँ को उल्लू बनाया जाता रहेगा । 12 मई से 29 जून तक sc बंद रहेगा और जो बेँच खुली रहेंगी उनमे हमारे मामले मे कोई हस्तक्षेप नही किया जा सकता ।
ReplyDeleteहमारे मामले मे केवल माननीय दत्तू जी की ही बेँच कोई सुनवाई कर सकती है जो जुलाई मे खुलेगी । तब तक अगर भर्ती पूरी नही होती तो सरकार अवमानना का सामना कर रही होगी । sc की अवमानना पर प्रतिक्रिया को कुछ दिन पहले विभिन्न समाचार पत्रो मे प्रमुखता से छपी खबर पढ़कर आप अच्छी तरह समझ सकते है जिसमे कहा गया था कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन हर कीमत पर होना चाहिए भले ही उसके परिणाम कितने भी घातक क्यों न हों । हमारे केस को माननीय दत्तू जी की बेँच ने कोई महत्वपूर्ण बिंदु नही रह जाने के कारण सिविल मे भेज दिया जिस पर निकट भविष्य मे कोई सुनवाई होने की गुंजाइश नही ह
ReplyDeleteGarmi bahut hai
ReplyDeleteअंततः आज सरकार के पास भर्ती तय समय मे पूरी करने के अलावा कोई विकल्प नही है । टेट मैरिट सपोर्टर आधा खाली गिलास न देखकर दूध से भरा आधा गिलास देखकर खुश रहे वहीं अकेडमिक वाले टेट मैरिट का आधा खाली गिलास देखकर कुछ दिन और खुश रहें । अकेडमिक वाले फिलहाल 72825 पदों पर ही नही भविष्य मे होने वाली किसी विभाग की किसी भर्ती मे अपने चयन होने का भ्रम छोड़ कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करे क्यों कि 25 मार्च के sc के आदेश के बहुत दूरगामी परिणाम साबित होंगे। धीरे धीरे ही सही मगर नकल माफियाओ का युग अब समाप्त होगा । नकल को जन्म सिद्ध अधिकार समझने वाली भावी पीढ़ी इससे घ्रणा करेगी और देश हित के इस कार्य का श्रेय टेट मोर्चा को है और रहेगा । सत्यमेव जयते ॥
ReplyDeleteअब अगर गर्मी जादा लग रही है तो किसी नहर नदी मे डूब जाओ न यहाँ पर क्या कर रहे हो जी
ReplyDeleteAbe garmi ki dukan hill station pe chala ja paise nai hai to hand fan se hawa kar. Itne faltu comment yaha mat de
ReplyDeleteAditya shukla ji aise bekaar ke comment na Karen to achha hoga .jay SHRI RAAM JAY HANUMAAN JAY TET
ReplyDeleteNa jaane ye nalayak SAPA SARKAAR KYA KARNA CHAHTI HAI.12 tareekh ke chunaav mein sapa SARKAAR ke khilaaf matdaan karunga.kya yehi samrajwad hai?jay Shri Raam jay Hanumaan jay Tet
ReplyDeleteHamaari jeet avashya hogi.Sapa sarkaar ko jhukna padega.JAY HANUMAAN JAY SHRIRAAM jay TET.
ReplyDeleteBura lag Rana hai? Be practical not theoretical.
ReplyDeleteबेबी
ReplyDelete!
!
!
देखो,
मैं केवल दस तक गिनूँगा।
आओ, तो ठीक है,
वरना, फिर सौ तक गिनूँगा।
सरकार के पास पुख्ता आंकड़े भी नहीं हैं कि 2011 में शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया के रद होने पर कितने अभ्यर्थियों ने आवेदन शुल्क वापस ले लिया।
ReplyDeleteसरकार की सुस्ती का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि शिक्षकों की भर्ती टीईटी की मेरिट के आधार पर करने के बारे में शासन ने अब तक कोई औपचारिक आदेश नहीं जारी किया है। अब जबकि तीन महीने में से आधा समय बीत चुका है तो सरकार ने आनन-फानन सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगने का फैसला किया है। परिषदीय स्कूल पहले से ही शिक्षकों की जबर्दस्त कमी का सामना कर रहे हैं।
" सूरज तो नहीं हूँ, एक अदना सा दिया हूँ मैं,
ReplyDeleteजितनी मेरी बिसात, उतनी रौशनी कर रहा हूँ मैं "
मेरे लफ्जों से न करो मेरे किरदार का फैसला..
ReplyDeleteऐसे तो सदियां गुजर आएंगी मेरी हकीक़त जानने में ..
प्रेम वो चीज है जो इंसान को कभी मुरझाने नहीं देता
ReplyDeleteऔर नफरत वो चीज है जो इंसान को कभी खिलने नहीं देती
टेट साथियो काउंसलिँग की उल्टी गिनती शुरू हो गई है । scert ने परसों दिनांक 9 मई के अपने पत्र मे सभी डायट को EXCEL फाइल के रूप मे मैरिट/काउंसलिँग की घोषणा करने हेतु 20 मई तक अभ्यर्थियोँ का पूरा विवरण अनिवार्य रूप से scert को सौंपने का निर्देश दिया है । अब हर आदेश मे सर्वोच्च प्राथमिकता /अति महत्वपूर्ण / अनिवार्य रूप से जैसे शब्दों का प्रयोग होते देख लगने लगा है कि विभाग 12 मई के बाद आवश्यकता पड़ने पर दिन रात काम करने का आदेश भी सभी डायट को दे सकता है ताकि sc के आदेश के अनुपालन समयबद्ध रूप से हो सके और अंतिम अभ्यर्थी को 1 जुलाई तक अनिवार्य रूप से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति मिलना सुनिश्चित हो सके । सत्यमेव जयते ॥
ReplyDeleteसभी भाइयों को निरहुआ का प्रणाम।
ReplyDeleteसरकार द्वारा समय सीमा बढ़वाने
की अपील डालने सम्बन्धी अफवाहों के
मद्देनजर हमने टेट पुरोधा अनिल बागपत
जी से संपर्क
साधा,,,सरकारी मंशा की जानकारी होते
ही अनिल बागपत जी दिल्ली कूच कर गए
थे,,,सर्विस मैटर के पितामह सीनियर
एडवोकेट पी.पी. राव जी की ए ओ आर
शारदा देवी जी के समक्ष उन्होंने
हमारी शंका और
समस्या रखी,,,,श्रीमती शारदा देवी ,,
जो की स्वयं सुप्रीम कोर्ट
का लम्बा अनुभव रखती हैं और पी.पी.राव
जैसे पितामह के सान्निध्य में कानून की हर
बारीकियों से भली-भाँति परिचित
भी हैं,,उन्होंने अनिल बागपत
जी को बताया कि चूँकि कोर्ट ग्रीष्मकालीन
अवकाश घोषित कर चुका है अतः आवश्यक
मामलों के लिए कुछ कोर्ट खुलेंगी जिनमें
जरुरी मामले ही सुने जायेंगे।
हमारा मामला सर्विस मैटर से जुड़ा होने के
कारण 'अर्जेंट मैटर' की कैटेगरी में
नहीं आता किन्तु फिर भी अगर सरकार इस
बारे में कोई कदम उठाती भी है तो ये
मामला न्यायमूर्ति चौहान साहब की कोर्ट
में सुना जाएगा और चौहान साहब इस मामले
में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से
बचना चाहेंगें क्योंकि इस केस को दत्तू
जी की कोर्ट में ट्रांसफर के लिए उन्होंने
ही रेकमेंड किया था,,दूसरी बात यह है
की समय सीमा बढ़वाने की अपील के लिए
सरकार को कम से कम 60-70% काम
पूरा करके कोई ठोस आधार के साथ
ही अपनी बात रखनी होगी,,यानी की कम से
कम दो राउंड काउंसलिंग करवाने के बाद
इन्हें कोई उचित कारण
बताना होगा की निर्धारित समय में आदेश
का पालन क्यों नहीं हो पाया। आपको याद
होगा की श्री दत्तू साहब ने पहले चार फिर
आठ और अंत में बारह हफ़्तों का समय
दिया था अतः अब इन्हें किसी भी प्रकार
की रिलीफ मिलने की संभावना नगण्य है।
फिर भी यदि परिस्थितियाँ बिलकुल
ReplyDeleteही सरकार के पक्ष में रहीं और सरकार येन-
केन प्रकारेण कोर्ट को ये यकीन दिलाने में
कामयाब हो भी गयी की लाख कोशिशों और
समर्पित प्रयासों के बावजूद निर्धारित
समय कम पड़ गया तब भी इनको ज्यादा से
ज्यादा दो हफ्ते का समय चेतावनी के साथ
ग्रांट हो सकेगा,,वैसे इसकी संभावना ना के
बराबर है साथ ही यदि कोर्ट को कहीं भी ये
लगा की किसी द्वेष भावना या पूर्वाग्रह से
ग्रसित होकर सरकार टाल-मटोल कर रही है
तो इनको उसका भयंकर परिणाम
भुगतना पड़ेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के
आदेश में मेंशन "at any rate" अपने आपमें
एक सख्त आदेश होता है,,इसे हलके में
लेना सरकार को मुसीबत में डाल देगा। इसके
अतिरिक्त सरकार गुपचुप तरीके से अपील
करके समय सीमा नहीं बढ़वा सकती,,जब
भी सरकार अपील करेगी तब
उसकी रिसीविंग हमें भी करवाई जायेगी और
हमें भी अपनी बात रखने का पूरा-
पूरा मौका मिलेगा जहाँ हम सरकार के ढुलमुल
रवैये की बखिया उधेड़ देंगे। कुल मिलाकर
सरकार को अपील करने के लिए भी कम से
कम दो राउंड काउंसलिंग
करवानी ही पड़ेगी,,समय सीमा बढ़नी तो दूर
इन्हें फटकार लगने के साथ-साथ
चेतावनी मिलना तय है,,किन्ही कारणवश
समय बढ़ा भी तो दो हफ़्तों से
ज्यादा नहीं बढ़ेगा। अनिल बागपत जी इस
समय भी दिल्ली में ही हैं और इस पूरे
प्रकरण पर नजर बनाए रखने
की व्यवस्था में जुटे हुए हैं। कुछ समयाभाव
के कारण उन्होंने फोन करके ये सब
जानकारी मुझे पोस्ट करने को कहीं थीं,,और
उन्ही के आदेश पर टेट भाइयों की शंका दूर
करने के लिए ये पोस्ट कर रहा हूँ। अतः आप
सभी भाइयों से विनम्र निवेदन है की आप
लोग अफवाहों से बचें और काउंसलिंग
की तैयारी करें। पूरे प्रकरण पर
अग्रणी बन्धु नजर जमाये हुए हैं,,सरकार
की कोई कुटिल मंशा कामयाब नहीं होने
दी जायेगी।
जय हिन्द जय टेट।
Result ka Tabulation rahe ya na rahe, fee vapasi walo ka record rahe ya na rhe, sarkar ke pass time rahe ya na rahe lekin bhartee hmare dwara Di gyi samay seema ke andar 30/11/2011 ke add par honi chahiye, bhale hi iske liye govt. Raat din counseling karwaye..
ReplyDelete-- Hon. H.L.Dattu
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गड़बड़ ..कहीं ना कहीं..कुछ ना कुछ तो ज़रूर है
ऐसे कैसे, बिना बात के मिल गयी मुझे हूर है ॥
"M" is for the million things she gave me,"O" means only that she's growing old,"T" is for the tears she shed to save me,"H" is for her heart of purest gold,"E" is for her eyes, with love-light shining,"R" means right, and right she'll always be Happy
ReplyDeleteHAPPY Mother'S Day
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Kasoor mera tha to kasoor Unka bki tha......
Nazre hamne jo Uthai to wo hi jhuka lete na........
आज फिर दैनिक जागरण ने एक फालतू की खबर छाप दी कि शासन के पास शुल्क वापसी का कोई ब्यौरा नही है ,
ReplyDeleteकिसी विभागीय अधिकारी ने तो कभी ऐसा कोई बयान दिया नही , फिर अखबार वालों को ऐसी बातें कैसे पता चल जाती हैं । स्थिति साफ है कि खबर मनगढंत है। चलिए इन्हें इसी में खुशी मिलने दें , कम से कम हमें इतना तो फायदा मिल रहा है कि भर्ती चर्चा में है ।
हमारी भर्ती का सबसे बडा प्लस प्वाइंट है
12 weeks At Any rate
क्या मनो स्थिति रही होगी उस न्यायाधीश की जिसे ऐसा लिखने पर मजबूर होना पडा , जब कोई कोर्ट किसी फैसले के बारे में ऐसा लिखती है तो इसका मतलब होता है कि सभी कार्यों को छोड़कर पहले इसे पूरा करें । इससे ज्यादा महत्वपूर्ण कोई और काम नही ।
फिर भी ऐसे आर्डर को हवा में लेकर कोई सरकार अभी भी सपने में जी रही है। तब बहुत आश्चर्य होता है ।
क्या सोचती होगी आधा अधूरा करेंगे और जाकर वहाँ अपनी परेशानी ,व्यस्तता , चुनाव , जटिल प्रक्रिया आदि का हवाला देकर टाइम ले आयेंगे । और आगे भी आराम से धीरे धीरे कार्य करते रहेंगे ।
अब केस चाहे न्यायमूर्ति दत्तू जी सुनें या कोई अन्य जज , जब अंतरिम आर्डर की फाइल खुलेगी और न्याय की गददी पर बैठा हुआ जज उस लाईन को पढेगा कि " किसी भी स्थिति में "" तो उसकी मानसिकता तुरन्त बदल जायेगी । और यही सोचेगा कि यह तो सुप्रीम कोर्ट की इज्जत का सवाल है । ऐसे आर्डर को भी अगर किसी ने टाला मटोली की तो इसका मतलब कोर्ट , नियम , न्याय , संविधान उसने एक ताक पर रख दिये हैं ।
फिर चाहे सरकारी वकील लाख दलीलें दे , न्यायालय सुनेगा नही और रही सही कसर टेट मोर्चे का वकील पूरा कर देगा । वैसे भी सुप्रीम कोर्ट के प्रश्न पूछने का अन्दाज बहुत निराला है
ऐसा लगता है जैसे गला दबा दबाकर कोई उत्तर पूंछ रहा हो ।
भर्ती का समय आगे बढे या न बढे लेकिन वहाँ उपस्थित सचिव जी पर जो कहर टूटेगा उसे वो ता जिन्दगी याद रखेंगे । ये चाहे वहाँ भर्ती का 70% हिस्सा भी कम्प्लीट करके पहुंचे तब भी वहाँ शुद्ध कर दिये जायेंगे और अगर कहीं ऐसे ही फाइलें और दलीलें लेकर पहुँच गये तो परमपिता ही मालिक है इनका ।
16 मई तक हम सभी तो तिल तिल कर मर लेंगे , पर 16 मई के बाद जैसे जैसे दिन बीतेंगें इनकी हवाइयाँ उडनी शुरू हो जायेंगी रोज इनका बीपी हाई और लो होगा ।।
ReplyDeleteआप लोग देखना कि कैसे सरकारी अमला आनन फानन में काम करता है।
शायद भर्ती शताब्दी एक्सप्रेस ना बन जाये !
Is pyar me bewafai ka jharokha nahi hota.
ReplyDeleteFanaa kardo jindagi Maa-Baap k kadmo pe
Q k yahi wo pyar hai jisme dhokha nahi hota.
●क्या आपको सही-सही पता है कि 30/11/11विज्ञापन में कुल कितने अभ्यर्थी सामिल है...????
ReplyDelete●उन अभ्यर्थियों में कितनी महिला और कितने पुरुष है...?????
●महिला और पुरुष में कितने आर्ट और कितने साइंस ग्रुप से है...?????
●और प्रत्येक वर्ग में से ऐसे कितने अभ्यर्थी है जो अन्य जगह अच्छी जॉब पा चुके है...???
●जो अभ्यर्थी आज सामिल है उनका अभ्यर्थन कितनी डाइट पर है...????
यदि आपके पास इन सभी प्रश्नों के उत्तर नही है तो मेरिट का अंदाजा लगाना बंध करे।
और आप सभी से निवेदन है कि इन ख़याली मेरिट से सावधान रहे। जब आप इतने लम्बे समय से एक उम्मीद के साथ भर्ती पूरी होने की प्रतीक्षा कर चुके है तो कुछ दिन का धैर्य ऒर धारण कर लीजिये। तथा अपने ईष्ट देव पर भरोषा रखिये, वो आपके साथ अन्याय नही होने देंगे।
याद रखिये "समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को कुछ नही मिलता है। आपका धर्म है कर्म करना, बस उसे करते रहिये।"
मेरे प्रभु सभी का कल्याण करेंगे।
जय हिन्द जय टेट जय भारत
Aaj ek msg
ReplyDeleteMummy k naam...
Beautiful line for Mom...
Aziz bhi wo hai,
Nasib bhi wo hai,
Duniya ki bheed mein karib bhi wo hai,
Unki dua se chalti hai zindagi kyun ki khuda bhi wo hai,
aur takdir bhi wo hai..
M=(Mom)
U=(U Live)
M=(Many)
M=(More)
Y=(Years)
Maa ki lambi umar k liye logo ko send kro
.....
Ek Aisi Hasti Hai*
ReplyDelete*SAMANDAR NE KAHA*
MAA
Ek Aisi Hasti Hain
Jo Aulad Ke Lakho Raaz.
Apne Seene Mein.
Chhupa Leti Hain.
_________________________
*Dua NE KAHAN*
MAA
Wo Shaksiyat Hain
Jo Har Waqt
Aulad Ke Liye Dua
Mangti Rehti Hain
_________________________
*JANNAT NE KAHAN*
MAA
Wo Hasti Hain
Jo Main Bhi Uske
Qadmon Tale Hoon
_________________________
*GHAR NE KAHAN*
MAA
Wo Hasti Hain
Jiske Bagair Main.
Kabristaan Hoon
_________________________
*KHUSHBU NE KAHAN*
MAA
Wo Hasti Hain
Jiske Khushbu
Se Sara Jahan
Mahek Uthta Hain
_________________________
*Allah Tala Ne Farmaya*
MAA
Wo Shaksiyat Hain
Jo Meri Taraf Se
Nayab Tohfa Hain
_________________________
VALUE & RESPECT UR
M O T H E R
A. L. W. A. Y. S
Agar internet free ho
to iss msg ko itna
felao Jitna aap
apni Maa se pyar
Karte ho..ek Msg
Maa k Nam..
उत्तर प्रदेश सरकार और समाजवादी पार्टी में फर्क समझो सपाई चमचों ।
ReplyDeleteसपा का वर्तमान समय से अधिक स्वर्णिम दौर नहीं हो सकता है।
मुझे उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद् के अधीन नौकरी करने की इच्छा है
सपाई चमचा बनकर अथवा सपा के रहमोकरम पर मुझे नौकरी मिलनी है तो मुझे ऐसी नौकरी नहीं चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट से हम मुकदमा जीते हैं और उसी के आदेशों के अवलोक में मिली नौकरी पूरी ईमानदारी के साथ निष्ठा और लगन से करेंगे।
जिनको किसी
राजनैतिक पार्टी की चमचागिरी का भूत सवार हो वे खुद करें किसी को उपदेशित न करें।
कार्यपालिका सदैव न्यायपालिका और विधायिका के प्रति समान रूप से उत्तरदायी है तथा न्यायपालिका भी सरकार का हिस्सा है अतः एक बार लोक प्रशासन अवश्य पढ़ें ।
लोकतंत्र जनता का शासन है परन्तु कुछ पढ़े लिखे मूर्ख इसे भीड़तंत्र साबित करने को बेताब रहते हैं क्योंकि इसमें उनका स्वार्थ किसी न किसी रूप में निहित होता है।
मुलायम सिंह जी ने शिक्षामित्रों को धमकी दी परन्तु सुप्रीम कोर्ट के विजेताओं को नहीं दी क्योंकि सही गलत क्या है इसका आभास उनको भी है।
जिनको मेरी बात पसंद न आये मुझसे बहस की बजाय मुझसे छुटकारा पाने को तरजीह दें तो बेहतर होगा ।
मेरी बात से किसी को कष्ट पहुंचे तो मुझे क्षमा करें।
आपका शुभचिन्तक
Mr.
T.
M.
N.
T.
B.
N.
आजम खाँ के बेतुके बयानोँ मेँ एक और इजाफा-
ReplyDeleteकहा,"बनारस हिन्दू
विश्वविद्यालय बनाने में मालवीय
जी का कोई योगदान
नही था बल्कि इसे तो अंग्रेजो ने
बनवाया था ।"
जबकि खाँ साहब को पता होना चाहिए, मालवीय जी ने इस विश्वविद्यालय के लिए भीख तक माँगा था ।
यार खाँ साहब कभी तो होश मेँ रहकर बोला करो....