टीईटी : चुनाव के चलते प्रमाणपत्रों का वितरण रुका
कानपुर, शिक्षा संवाददाता : विधान सभा चुनाव के चलते राजकीय इंटर कालेज में हो रहे शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का वितरण रोक दिया गया है। अब प्रमाणपत्र चुनाव बाद बांटे जायेंगे। उधर टीईटी में हुए कथित घपले को लेकर परीक्षा निरस्त होने की आशंका से परेशान सफल अभ्यर्थियों में प्रमाणपत्र लेने का उत्साह ठंडा पड़ गया है।
टीईटी (प्राथमिक व जूनियर) की परीक्षा में सफल हुए 53,000 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का वितरण यहां राजकीय इंटर कालेज से किया जा रहा है। एक दर्जन खिड़कियां बनाई गयी हैं। शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी पर लगने व कालेज में प्रशिक्षण कार्य शुरू होने से फिलहाल वितरण रोक दिया गया है। प्रधानाचार्य के मुताबिक अब प्रमाणपत्रों का वितरण चुनाव बाद होगा।
पिछले कुछ दिनों से इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, रमाबाई आदि शहरों से आ रहे अभ्यर्थियों की भीड़ लगती रही जबकि सोमवार को उनकी संख्या अचानक घट गयी। सोमवार को 1200 अभ्यर्थियों ने प्रमाणपत्र लिए। सायं तीन बजे तक खिड़कियां खाली हो गयीं। अभी 40 प्रतिशत अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र लेने हैं।
बताया गया कि जबसे टीईटी में कथित घपले के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी हुई है और टीईटी निरस्त करने की मांग उठी है, सफल अभ्यर्थी काफी निराश हैं। उनका प्रमाणपत्र लेने के प्रति उत्साह ठंडा पड़ रहा है। वे आशंकाग्रस्त हैं कि यदि परीक्षा निरस्त हो गयी तो उन्हें फिर परीक्षा देनी होगी? उनकी नियुक्ति भी रुक जायेगी। चुनाव बाद नौकरी मिलने की संभावना पर पानी फिरता दिख रहा है। उधर जिन अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाया है वे चाह रहे हैं कि घपलेबाजी का पुलिंदा बन गयी यह परीक्षा निरस्त हो जाये ताकि उन्हें फिर से किस्मत आजमाने का मौका मिले।
इंसेट : नियुक्ति प्रक्रिया पर भी आशंकाएं
टीईटी से सीधे नियुक्ति देने व पहले जिला बार व अब कितने ही जिलों में आवेदन करने की छूट को लेकर न्यायालय में याचिकाएं विचाराधीन हैं। कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को उसके फैसले का बेसब्री से प्रतीक्षा है क्योंकि उन्हें पता है कि फिलहाल जो 70 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां होनी हैं, उनमें उन्हें मौका मिल पाना मुश्किल है। उधर पात्रता परीक्षा नियुक्ति की अर्हता बनाने का जोरदार विरोध शुरू हो गया है। अभ्यर्थी चुनाव बाद आने वाली सरकार की नीति की प्रतीक्षा में हैं। संभव है कि सीधे नियुक्ति की नीति बदले अथवा इसी को कायम रखा जाये परंतु अपने लाभ का आकलन कर अभ्यर्थी आशंकाओं से घिरे हैं।
News : Jagran (13.2.12)
BREAKING NEWS..
ReplyDeleteKAPIL SIBBAL ne ki uptet ki cbi janch karane ki ghosna..
keep in touch i will give u more update..
ya
Deletev r waiting
Kaise log ho yar apni mehnat par viswas nahi karte .tet nirast nahi ho sakta.
ReplyDeletekapil sibbal ne tet dhandali par cbi janch ki mang ki hai
ReplyDeletekapil sibbal ne tet ki janch ko CBI janch ki maang ki hai aaj ke amar ujala agra edition main.ab to cancel nahi ho sakti tet janch puri hone tak.
ReplyDeleteaaj ke amar ujala agra edition main kapil sibbal ne tet ki cbi janch ki maang ki hai ab tet cancel nahi ho sakti jab tak jaanch puri na ho jaye .so enjoy all tet pass union
ReplyDeleteSibbal investigate or mulayam cancel exam, these are only a political stunt to humiliate other parties. Mayawati also approached towards vacancy as a political instrument. In my mind only supreme court can help us then there is no meaning of any party or leader.
ReplyDeleteAll tet pass candidates jab certificate lene jaye to ek dusre ke phone no. Lena na bhule ye hamara apna kam hai . Ek dusre ka intjar na kare. Tet me agar ye paise dekar marks prapt karne vale out ho gaye to merit niche aa jayegi -kyonki Bp.ed ,appearing,primary me pahle se pada rahe , anya mistakes wale kafi log bahar honge.
ReplyDeleteachha koi ye batai ke ......... allahabd high court main sunvaye kab honi hai............
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