( Rajasthan RTET : 4 Lakh B. Ed Degree Holders are out of race in Teachers Recruitment)
Reason - Not Qualified in TET (Teachers Eligibility Exam) conducted by Rajasthan Govt.
जयपुर.राज्य सरकार की लेटलतीफी ने प्रदेश के चार लाख डिग्रीधारी बेरोजगारों को शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिया। ये युवा बीएड, एमएड, बीएसटीसी योग्यताधारी हैं और कई साल से भर्ती का इंतजार कर रहे थे। राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (आरटेट) उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता ने यह संकट पैदा किया। राज्य में आरटेट एक बार ही हुई है, ऐसे में ये बेरोजगार शिक्षक भर्ती के साथ ही अगले आरटेट की तैयारी में भी लगे थे। अगले आरटेट से पहले यह भर्ती पूरी हो जाने से कई युवाओं का भविष्य बर्बाद होने का खतरा है।
राज्य में करीब 60 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं। नए सत्र में शिक्षक उपलब्ध कराने के मकसद से राज्य सरकार इनकी भर्ती जल्द पूरा करना चाहती है। पिछले शिक्षा सत्र में एनसीटीई के निर्देशों के बाद जल्दबाजी में आरटेट कराया गया। बड़ी संख्या में युवा पहले प्रयास में परीक्षा पास नहीं कर सके।
दूसरी बार आरटेट होने का इंतजार करते रहे, लेकिन तिथि अब तक तय नहीं हो सकी। ऐसी स्थिति में केवल वे ही युवा भर्ती में शामिल होंगे जिनके पास आरटेट का प्रमाण-पत्र है। शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संदीप कलवानिया का कहना है सरकार ने यदि भर्ती प्रक्रिया से वंचित रहने वाले डिग्रीधारी युवाओं को मौका नहीं दिया तो बड़ी संख्या में युवाओं को सरकारी नौकरी की आस छोड़नी पड़ेगी। लंबी समयावधि में भर्तियां निकलने से कई उम्र सीमा को पार कर दौड़ से बाहर हो जाएंगे।
क्या हो सकता है विकल्प
भर्ती प्रक्रिया के साथ ही आरटेट का आयोजन भी कराया जाए। आरटेट पास कैंडीडेट को भर्ती योग्य माना जाए। अभ्यर्थियों का तर्क है कि जब सीटेट दो बार हो चुका है तो आरटेट में देरी का खमियाजा वे क्यों भुगतें?
ऐसे मिल सकता है मौका
राज्य में फिलहाल व्यवस्था है कि स्नातक फाइनल ईयर का छात्र पीटीईटी में शामिल हो सकता है। बीएड के लिए चुने जाने पर उसे काउंसलिंग से पहले निर्धारित अंकों से स्नातक उत्तीर्ण की मार्कशीट देनी होती है। यही व्यवस्था बीएसटीसी व एमएड में लागू है। सरकार शिक्षक भर्ती में बेरोजगारों को मौका देने के लिए यह फॉर्मूला लागू कर सकती है।
अड़चन यहां :
सरकार के लिए बड़ी अड़चन आरटेट का कम समय में आयोजन है। यदि सरकार ने वैकल्पिक रूप से शिक्षक भर्ती परीक्षा के योग्य मान लिया और यदि समय पर परीक्षा नहीं हुई अथवा रिजल्ट नहीं आ पाया तो प्रदेशभर में नियुक्तिप्रक्रिया अटकने का खतरा।
इन्हें फायदा :
सरकार यदि आरटेट उत्तीर्णता को ही परीक्षा का आधार रखती है तो प्रदेश के उन ढाई लाख छात्र-छात्राओं के लिए अच्छा होगा जिन्होंने पहले प्रयास में ही आरटेट उत्तीर्ण कर ली। राज्य में 41 हजार भर्तियों के लिहाज से उन्हें कम छात्रों की प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ेगा।
मापदंडों का पालन करना मजबूरी
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा अशोक संपतराम का कहना है कि एनसीटीई के मापदंडों का पालन करना हमारी मजबूरी है। यह जरूर है कि इसका आयोजन एक बार ही होने से काफी युवा भर्ती में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्हें शिक्षक बनने के लिए आरटेट क्लियर करना जरूरी है।
Info : Bhaskar (26.2.12)
* एक सफल व्यक्ति और असफल व्यक्ति में साहस का या फिर ज्ञान का अंतर नहीं होता है
ReplyDeleteबल्कि यदि अंतर होता है तो वह इच्छाशक्ति का होता है।*
* The difference between a successful person and others is not a lack of strength,
not a lack of knowledge,
but rather in a lack of will. *
@ mr. Sachin you have a lack of knowledge...
ReplyDeleteGraduation bhi meerut se kiya hoga?