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Tuesday, February 28, 2012

RTET : Due to Board RMSB Mistakes , Candidates Suffer Selection in Teacher

बोर्ड की गलती, खामियाजा भुगतेंगे आरटेट अभ्यर्थी
(RTET : Due to Board RMSB Mistakes , Candidates Suffer Selection in Teacher )

अजमेर.राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की गलती का खामियाजा आरटेट में बैठे प्रदेश के सैकड़ों अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ सकता है। बोर्ड द्वारा ली गई आरटेट परीक्षा में दो प्रश्नों के उत्तर गलत जांचने के कारण अनेक अभ्यर्थियों की प्रतिशत प्रभावित हुई है। इसके चलते राज्य सरकार द्वारा की जाने वाली थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती में प्रदेश के सैकड़ों अभ्यर्थी सम्मिलित होने से वंचित हो जाएंगे।

बोर्ड की ओर से जुलाई 2011 में ली गई आरटेट परीक्षा में डी सीरीज के प्रश्नपत्र में प्रश्न संख्या 117 और 124 के उत्तरों की बोर्ड ने गलत जांच की है। अभ्यर्थियों के उत्तर सही होने पर भी बोर्ड ने उन्हें गलत करार दे दिया है। इसके चलते जिन अभ्यर्थियों ने सही विकल्प भरे थे, उसके बाद भी उनके दो अंक कट गए हैं। अजमेर निवासी अभ्यर्थी कपिल परमार भी ऐसे ही अभ्यर्थियों में शामिल है। कपिल ने सूचना के अधिकार के तहत जब बोर्ड से ओएमआर शीट की प्रति और बोर्ड द्वारा जारी की गई उत्तर की का मिलान किया तो इसका खुलासा हुआ।

"पहले बता देते, अब परिणाम जारी हो चुका है। अब क्या किया जा सकता है।"

पीसी जैन,
विशेषाधिकारी (परीक्षा) व सह समन्वयक आरटेट


ये हैं प्रश्न जिनके उत्तर बोर्ड ने गलत जांचे

प्रश्न संख्या 117- भारतीय संविधान भाग 4, अनुच्छेद 51 ए में नागरिकों के कितने मूल कर्तव्य वर्णित हैं?

विकल्प- अ 10, ब 12, स 15 और द 11।

बोर्ड ने विकल्प‘ अ ’को सही माना, जबकि परमार समेत अनेक अभ्यर्थियों ने विकल्प ‘द ’ को सही किया।

इसलिए है सही







अभ्यर्थियों ने मूल कर्तव्य 11 बताए। बोर्ड की कक्षा 10 की गणित (द्वितीय भाग) के अंतिम पृष्ठ पर भी मूल कर्तव्य 11 ही बताए गए हैं। जबकि आरटेट की ओएमआर शीट की जांच में इसे गलत बताते हुए 10 मूल कर्तव्य को सही बताया है।

प्रश्न संख्या 124 : महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा किस भाषा में लिखी?

विकल्प : ए हिंदी, ब मराठी, स गुजराती और द अंग्रेजी विकल्प दिए गए।

बोर्ड ने इस प्रश्न का उत्तर ‘द ’अंग्रेजी सही करार दिया। लेकिन वास्तविकता यह है कि महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा गुजराती में लिखी थी। अभ्यर्थियों ने विकल्प ‘स’ अर्थात गुजराती सही किया लेकिन परीक्षकों ने इसे गलत करार देकर अंक काट दिए।







एक अंक मिल जाता तो थर्ड ग्रेड का पात्र हो जाता

परमार के मुताबिक आरटेट में उसे 89 अंक मिले हैं। अगर बोर्ड दो प्रश्न सही करार देता है, तो उसके अंक हो जाते हैं 91 और वो थर्ड ग्रेड भर्ती परीक्षा में बैठने का पात्र हो सकता है। परमार के मुताबिक प्रदेश के ऐसे सैकड़ों अभ्यर्थी हैं, जो एक अंक से ही पिछड़ रहे हैं।

सचिव ने दिया यह जवाब

अगस्त 2011 में बोर्ड ने आरटेट का परिणाम घोषित कर दिया था। इसके तुरंत बाद ही परमार ने सूचना के अधिकार के तहत बोर्ड में अर्जी दायर कर दी थी। लेकिन बोर्ड ने जवाब देने में काफी विलंब किया। बोर्ड सचिव व समन्वयक मिरजूराम शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत परमार को दिए जवाब में लिखा-

‘विषय- प्रश्न पुस्तिका के उत्तर में त्रुटि के बाबत। उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि प्रश्न पुस्तिका में त्रुटि की सूचना आप द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित होने के बहुत समय बाद प्राप्त हुई है। अत: इस पर अब कोई कार्रवाई करना संभव नहीं है।’

गणित की किताब के पीछे ये छपे हैं 11 मूल कर्तव्य

1. संविधान का पालन करें और उसके आदर्शो, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें।

2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले, उच्च आदर्शो के हृदय में संजोये रखें और उनका पालन करें।

3. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण बनाए रखें।

4. देश की रक्षा करें और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करें।

5. भारत के सभी लोगों में समरसता और सामान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें, जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभावों से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो महिलाओं के सम्मान के विरुद्ध हो।

6. हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझें और उसका परीक्षण करें।

7. प्राकृतिक पर्यावरण की जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करें, और उसका संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें।

8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें।

9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें और हिंसा से दूर रहें।

10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करें, जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की ऊंचाइयों को छू सके।

11. 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को उनके अभिभावक अथवा संरक्षक या प्रतिपालक जैसी भी स्थिति हो शिक्षा के अवसर प्रदान करें।




आत्मकथा गुजराती में लिखी :

विकीपीडिया दे इन्साइक्लोपीडिया के मुताबिक ‘सत्यना प्रयोगों अथवा आत्मकथा’(द स्टोरी ऑफ माई एक्सपीरियंस विद ट्रुथ) मूलत: गुजराती भाषा में लिखी है। इसका अंग्रेजी में अनुवाद महादेव देसाई ने किया।


News : Bhaskar (28.2.12)

3 comments:

  1. Unnao me tet sangharsh morcha ki meeting 4 march ko 10 baje Nirala Park me hogi. Aap log jyada se jyada sankhya me pahuche.

    Atul Tiwari (president) tet sangharsh morcha Unnao


    Utho, jago aur apne haq k liye lado.

    ReplyDelete
  2. ~ RAJASTHAN mein CONGRESS ki government hei.....aur wahan bade aaram se BHARTI nikal rahi hein......

    ~ NA koi NCTE boundation, TET ghotala....
    jabki RTET mein Na to PAPER mila tha....
    aur Na hi ANSWER SEAT ki copy......

    ~ FARK keval itna hei.....ki wahan CHUNAV nahi hein.....

    ~ UP mein ho sakta 1-2 % GHOTALA ho lekin CHUNAV k karan use VIPAKSH 80% bana raha hei.....aur rahi sahi baat AMAR UJALA ne poori kar di.....

    ~ HUMARI taraf to CHUNAV ho gaya.....
    aur BSP aage hei.....

    ~Jab humne 8-10 HAZAR kharch kiye hein aur mehnat ki hei to hum usko chune ......
    JISNE hume NAUKRI deni ki suruaat to ki.....

    ReplyDelete

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