कानपुर, शिक्षा संवाददाता: यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर के 53 लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा को लेकर संशय करने की जरूरत नहीं है। कार्यवाहक निदेशक सीपी तिवारी ने साफ किया है कि परीक्षार्थियों का भविष्य हर हाल में बचाया जायेगा। होली से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जायेंगी।
पहले शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र की बर्खास्तगी, फिर निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी और अब बोर्ड सचिव प्रभा त्रिपाठी, जिनके हाथ में बोर्ड परीक्षा की पूरी कमान रहती है, अचानक छुंट्टी पर चले जाने से हाई स्कूल व इंटरमीडिएट की संस्थागत व्यक्तिगत परीक्षा को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। उस पर चुनाव के चलते अभी तक बोर्ड परीक्षा तैयारियों में तेजी नहीं आ पा रही है। कार्यवाहक निदेशक सीपी तिवारी ने इलाहाबाद बोर्ड कार्यालय में अधिकारियों की बैठक करने के बाद परीक्षार्थियों व उनके अभिभावकों से वायदा किया है कि 16 मार्च से प्रस्तावित परीक्षाएं समय से और पूर्व कार्यक्रमानुसार ही होगी। उनमें कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।
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क्या हैं संकट
परीक्षा को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। बोर्ड ने अभी तक कक्ष निरीक्षकों की तैनाती के स्पष्ट नियम नहीं भेजे हैं इसलिए जिलों में तैयारी ठप है। बोर्ड अभी तक परीक्षा केंद्रों की भी अंतिम सूची जारी नहीं कर पाया है। केंद्रों पर प्रश्नपत्र कब तक पहुंचेंगे इसका अता पता नहीं है। स्ववित्तपोषी केंद्रों पर पर्यवेक्षकों व केंद्राध्यक्षों की तैनाती को लेकर भी संशय बना हुआ है। प्रवेशपत्र कब तक आयेंगे की भी जानकारी नहीं है। परीक्षा कार्यक्रम नेट पर तो है परंतु मुद्रितरूप से अभी नहीं आया। अभी एक चौथाई की प्रयोगात्मक परीक्षा भी शेष है।
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दो दिनों में होगा फैसला
बोर्ड निदेशक के मुताबिक दो दिनों में फैसला कर लिया जायेगा कि परीक्षा तैयारी को कैसे और गतिमान किया जाये। जिलों में 70 प्रतिशत कापियां पहुंच चुकीं हैं। कक्ष निरीक्षकों की तैनाती व परीक्षा के बाबत अन्य नियम निर्देश 26 तक जारी कर दिये जायेंगे। होली तक सभी तैयारियां पूरी हो जायेगी। प्रश्नपत्रों का वितरण भी शीघ्र शुरू हो रहा है।
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40 लाख हाईस्कूल व 23 लाख इंटरमीडिएट परीक्षार्थियों की लगभग दस हजार केंद्रों पर होने वाली परीक्षा तैयारियों का जायजा लिया है। 6 मार्च तक सभी व्यवस्थाएं चाकचौबंद हो जायेंगी। नकल रोकने को मंडल स्तर पर बोर्ड पर्यवेक्षक रहेंगे। नकल कराने वाले सीधे जेल भेजे जायेंगे।
- सीपी तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा
News : Jagram (19.2.12)
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कई जिलों तक फैलेगा टीईटी जांच का दायराजल्द गिरफ्तार होंगे कुछ और अफसर
ReplyDeleteवरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अभ्यर्थियों से वसूली के मामले में पूछताछ के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक संजय मोहन ने कुछ और अधिकारियों के नाम लिए हैं। पूछताछ में पूर्व निदेशक संजय मोहन के इलाहाबाद में भी कुछ अधिकारियों के बहती गंगा में हाथ धोने के संकेत देने के बाद हड़कंप मच गया है। इस खुलासे के बाद कुछ अधिकारियों का नपना तय माना जा रहा है। शनिवार को रमाबाई नगर पुलिस के बोर्ड दफ्तर आने और पूछताछ करने के बाद जांच की आंच यूपी बोर्ड समेत कई क्षेत्रीय कार्यालयों पर भी पड़नी तय मानी जा रही है। शनिवार को माध्यमिक शिक्षा के नए निदेशक सीपी तिवारी ने बोर्ड परीक्षा की तैयारियों के लिए समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक मेंबोर्ड व क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में सचिव की गैर मौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए। बैठक में कानाफूसी हुई। वह कई दिनों से बोर्ड कार्यालय नहीं आ रही हैं। सचिव कहां हैं, अवकाश पर हैं या लखनऊ में हैं इस बाबत कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। फिलहाल सचिव की अनुपस्थिति को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। टीईटी प्रकरण के बाद से उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ जा रहा है। इन सबके बीच यूपी बोर्ड दफ्तर में सचिव के न रहने से सचिव स्तर के कई काम फंसे हुए हैं। खासतौर पर वित्तीय। ज्ञातव्य है कि अभ्यर्थियों से वसूली के मामले में पुलिस ने कोर्ट से वारंट लेकर संजय मोहन को सात फरवरी को लखनऊ में उनके आवास से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 35 लाख रुपये बरामद कराने व रैकेट में शामिल अन्य लोगों के बाबत पूछताछ करने के लिए कोर्ट से रिमांड मांगा था। कोर्ट ने 16 फरवरी को रिमांड का आदेशकिया था। सूत्रों के मुताबिक संजय मोहन ने पूछताछ में टीईटी रैकेट से जुड़े कुछ और अफसरों की संलिप्तता के बाबत महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
अब ग्रेजुएट चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनेंगे शिक्षक
ReplyDeleteबरेली, जागरण संवाददाता: बेसिक शिक्षा विभाग के मृतक आश्रित ग्रेजुएट चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को लंबी लड़ाई और धैर्य के बाद सुखद नतीजा मिल गया। ऐसे सभी कर्मचारियों को जल्द बेसिक शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। इस संबंध में शासन की अक्टूबर में ही मंजूरी मिल गई थी, लेकिन देरी से मिले पत्र की वजह से कर्मचारी आचार संहिता के खौफ में रहे। अब पत्र जब कई हाथों में पहुंच गया तो बात भी खुल गई। मृतक आश्रित चतुर्थ श्रेणी ग्रेजुएट कर्मचारियों की शिक्षक बनाने की मांग करीब दस साल पहले शुरू हुई। इसके लिए पोस्टकार्ड अभियान चलाया, शिक्षक संघों और दो दर्जन से ज्यादा विधायकों का लिखित समर्थन भेजा। बात नहीं बनी तो लखनऊ में कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया। इस मामले ने तब और जोर पकड़ा जब शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने को मंजूरी मिली। 31 अक्टूबर 2011 को विशेष सचिव डीके सिंह ने बेसिक शिक्षा निदेशक को शासन की मंजूरी का पत्र जारी किया। इसमें कहा गया है कि मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत कार्यरत स्नातक परिचारकों को नौ महीने का विशेष प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाया जाए। इससे पहले बेसिक शिक्षा निदेशालय ने 9 अक्टूबर को इस संबंध में शासन से निर्देश लेने को भेजे गए पत्र का भी हवाला दिया गया। बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी एसोसिएशन के जिलामंत्री प्रवेश कुमार पांडे ने शासन के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि इंटरमीडिएट कर्मियों को भी पदोन्नति कर लिपिक बनाए जाए।
jo siksak banne layak hai wo to nahi lekin mandbuddhi. moodh. bewkoof. mad. jhadu lagane wale.naale saaf karne wale jaroor teacher banege.
ReplyDeleteInse padhne wale b jhadu hi lagayege.
Ye hai shining india
jugaad walo ki fati padi hai ki kahi unka naam na pata chal jaye padosiyo ko.aur waise ab yeh blog bhi tet ke alawa faltu baaton ka akahada ban gaya hai.
ReplyDeletebahut se padosiyo ko to pata b hai lekin ve kya kare
Deleteपूछताछ पूरी, पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक का जेल में दाखिला
ReplyDeleteरमाबाई नगर, हमारे प्रतिनिधि : टीईटी चयन के नाम पर अभ्यर्थियों से वसूली के मामले में पुलिस ने रविवार को रिमांड का समय पूरा होने पर पूछताछ के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक का जेल में दाखिला करा दिया। पुलिस का दावा है कि मामले में पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक से पूछताछ के बाद कुछ और अफसरों के नाम सामने आये हैं। टीईटी चयन के नाम पर अभ्यर्थियों से वसूली के मामले में पुलिस ने कोर्ट से वारंट लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक संजय मोहन को 7 फरवरी को जीआईसी परिसर लखनऊ स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था। पुलिस ने35 लाख रुपये बरामद कराने व रैकेट में शामिल अन्य लोगों के बाबत पूछताछकरने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल कर पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक का रिमांड मांगा था। इसपर कोर्ट ने 16 फरवरी को रिमांड का आदेश किया था। शुक्रवार को अकबरपुर कोतवाल दिनेश त्रिपाठी ने माती कारागार से रिमांड पर लाने के बाद पुलिस लाइन में कड़ी सुरक्षा के बीच बंद कमरे में पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक से पूछताछ की। कोतवाल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि पूछताछ में पूर्व निदेशक ने रैकेटसे जुड़े कुछ और अफसरों की संलिप्तताके बाबत महत्वपूर्ण जानकारी दी है। पूछताछ का समय पूरा होने पर रविवार को जिला अस्पताल में पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक का चिकित्सकीय परीक्षण कराने के बाद जेल में दाखिलाकरा दिया गया है। उन्होंने बताया कि वसूली के रुपयों को उनके परिवार के लोगों द्वारा हटाने की संभावना है, तहकीकात करायी जा रही है।
is saal nakal ke saare record tutenge .ab kya maya kya mulayam dono ki muti par agarbatti jalaya karo BTC main ab to admission pakka .high merit jo banegi.
ReplyDeleteराज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक 22 को
ReplyDeleteइस बैठक में जिन विषयों पर चर्चाहोगी उनमें राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा पात्रता ढांचा (एनवीईक्यूएफ), उच्च शिक्षा के लिए साझा पात्रता प्रवेश परीक्षा प्रमुख है
नई दिल्ली (एजेंसी)। शिक्षा में आमूलचूल सुधार कार्यक्र म को आगे बढ़ाने से जुड़े सर्व शिक्षा अभियान, माध्यमिक शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय एकल साझा प्रवेश परीक्षा,व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्र म जैसे विषयों पर चर्चा के लिए 22 फरवरी कोराज्य के शिक्षा मंत्रियों की बैठक होने जा रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों ने भाषा से कहा कि 22 फरवरी को राज्य के शिक्षा मंत्रियों की बैठक होगी जिसकी अध्यक्षता मंत्री कपिल सिब्बल करेंगे। इस बैठक में जिन विषयों पर चर्चा होगी उसमें राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा पात्रता ढांचा (एनवीईक्यूएफ), उच्च शिक्षा के लिए साझा पात्रता प्रवेश परीक्षा प्रमुख है। बैठक में 12वीं योजना केतहत सामुदायिक कालेजों की स्थापना और उससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी। शिक्षा मंत्रियों की बैठक में प्राथमिक शिक्षा के लिए पाठ्यक्र म को बेहतर बनाने पर भी चर्चा होगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छह से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून के तहत पाठ्यक्र म को बेहतर बनाने के संदर्भ में राज्यों के शिक्षा सचिवों, नवोदय विद्यालय समिति के आयुक्तों, केंद्रीय विद्यालयों, सीबीएसई के अध्यक्ष आदि को इसी महीने परामर्श भेजा है। इस परामर्श में कहा गया है कि घर की बोलचाल की भाषा और पाठ्यपुस्तकों की भाषा में अंतर के कारण बच्चों के सीखने की रुचि प्रभावित होती है। इसलिए आरटीईकानून के प्रावधानों के तहत जितना व्यावहारिक हो, घर की बोलचाल की भाषामें पढ़ाई कराई जाए। मंत्रालय नौवींकक्षा से स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को शामिल करना चाहता है। उन्होंने कहा कि बिहार के मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही के नेतृत्व में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की एक समिति बनाई गई थी। इस समिति ने व्यावसासिक शिक्षा के संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। शिक्षा मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है। शिक्षा मंत्रियों की बैठक में यह अहम विषय रहेगा।
ab guno ko gehu main kaha se dhudhoge.ya to bharti cancel to hai hi isme koi sak nahi aur dobara tet BTC walo ke liye to hota hi rahega,isliye BTC wale to mast hai ki unko jab bhi paas karle vacancy itni hai ki unko joining main kabhi bhi bhavissya main wait nahi karna .choching lo ya setting karo tet pass ghar baithe joining lo.yeh fayda baba mulayam ne BTC ki merit nakal se banwa di up board walo ki.dhnaya hai baba mulayam aur unki soch.
ReplyDeleteटीईटी घोटाला : पुलिस को नहीं मिल रहीं प्रभा त्रिपाठी
ReplyDeleteमाध्यमिक शिक्षा सचिव जांच के घेरे में
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अमर उजाला ब्यूरो
कानपुर/लखनऊ। टीईटी घोटाले में एक नया मोड़ आ गया है। माध्यमिक शिक्षा सचिव प्रभा त्रिपाठी दस्तावेज मांगे जाने के बाद से दफ्तर और घर से लापता हैं। पुलिस टीम के तमाम प्रयास के बाद भी वह नहीं मिली। इससे यह भी जांचके घेरे में आ गईं हैं। उधर, पूर्व निदेशक संजय मोहन और उनके दामाद के घर भी टीम ने सुराग खंलागे। दो दिन कीरिमांड खत्म होने के बाद रविवार की सुबह पूर्व निदेशक को माती जेल में दाखिल कर दिया गया।
टीईटी में अभ्यार्थियों से चयन के नाम पर वसूली करने के मामले में अब तक12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अकबरपुर कोतवाली प्रभारी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि पूछताछ के बाद संजय मोहन को लखनऊ ले जाया गया। वहां उनके सरकारी आवास और हजरतगंज थाना इलाके स्थित दामाद धीरज गर्ग के घर की तलाशी ली गई। इन स्थानों से घोटाले से जुड़े दस्तावेज और नकदी मिलने की उम्मीद थी। पुलिस टीम माध्यमिक शिक्षा सचिव प्रभा त्रिपाठी के विकास नगर लखनऊ स्थित आवास, इलाहाबाद में एमजी मार्ग में दफ्तर और सरकारी आवास भी गई। लेकिन, कहीं भी शिक्षा सचिव का पता नहीं लगा। थानाप्रभारी के मुताबिक विभागीय अफसरों से पूछने पर पता चला है कि 12 फरवरी से प्रभा त्रिपाठी बगैर किसी सूचना के ड्यूटी से गैरहाजिर चल रही हैं।
•टीम इलाहाबाद दफ्तर और लखनऊ स्थित घर पहुंची, नहीं लगा पता
•12 फरवरी से बगैर किसी सूचना के हैंलापता
Muskan ji plz Faizabad me TET Baithak ki news ko apne blog pe submit kijiye jo ki aj yha k news paper me hai
ReplyDeleteAMBEDKAR NAGAR TET UTTRIN MORCHA
ReplyDeleteAmbedkar Nagar me 23/2/2012 din Thursday ko Gayatri Mandir nikat purana Tehseel me TET Uttrin student ki ek baithak dophar 2 bje rakhi ja rhi hai. app sb se anurodh hai ki kripya baithak me upasthit ho ese safal bnaye.
Awadesh Nandan 9506567575
@CSM,
ReplyDeleteSend me the link of NEWS
abe kyo lad rahe ho?jis par bhi selection hona hoga ho jayega.. Apas me ladkar mat maro..
ReplyDeleteAmit Jaiswal
lakhimpur uptet morcha adyach
mob-8423431789