चंडीगढ़। शहर के 107 सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के इंतजार में बैठे हजारों युवाओं के लिए खुशखबरी है। करीब चार साल के बाद आखिरकार चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की भरती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सूत्रों के अनुसार मंगलवार को सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत करीब 650 जेबीटी शिक्षकों की भरती का विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। पिछले दो दिनों से आला अधिकारी छुट्टी के बावजूद इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। वर्ष 2009 में 538 शिक्षकों की भरती में धांधली के आरोपों से सबक लेते हुए इस बार शिक्षा विभाग फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। सूत्रों के अनुसार एसएसए शिक्षकों की भरती कांट्रेक्ट पर होगी। जेबीटी शिक्षकों को शुरुआत में करीब 16,600 हजार वेतन दिया जाएगा। मंजूर हो चुके टीजीटी शिक्षकों के 212 पदों की भरती बाद में होगी। उधर, शिक्षा विभाग केंद्र सरकार को पिछले बजट में 2000 नए स्थायी शिक्षकों की भरती का प्रपोजल भेज चुका है।
लिखित परीक्षा नहीं, सिर्फ मेरिट पर होगी भरती
एसएसए शिक्षकों की भरती प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। आवेदन करने से लेकर मेरिट लिस्ट बनने तक का काम ऑनलाइन होगा। विभाग ने स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं लेने का फैसला लिया है। फाइनल मेरिट लिस्ट एकेडमिक और सीटीईटी के नंबरों से तैयार होगी। भरती में इस बार इंटरव्यू भी नहीं रखने का फैसला लिया गया है। आयु सीमा शिक्षा विभाग में पहले हुई रिक्रूटमेंट के हिसाब से ही रहेगी। वहीं डेढ़ महीने के अंदर भरती प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। आवेदन के लिए जनरल कोटे में फीस 300 रुपये और रिजर्व कोटे के लिए 150 रुपये रखी गई है। चंडीगढ़ एसएसए की वेबसाइट पर मंगलवार से भरती के संबंध में पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी।
कौन होगा आवेदन के योग्य
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने भरती नियमों में अहम फैसला लिया है। एसएसए शिक्षकों की भरती के लिए अनिवार्य सीटीईटी (सेंट्रल एलिजिबिल्टी टेस्ट) के अलावा पंजाब और हरियाणा सरकार की ओर से अपने स्तर पर आयोजित स्टेट पात्रता परीक्षा पास करने वालों को भी आवेदन करने की छूट देने की संभावना है। फैसले से दोनों राज्यों के हजारों युवाओं को फायदा होगा।
अप्रैल से बढ़ेगा एसएसए शिक्षकों का वेतन
पिछले महीने 26 से 28 फरवरी के बीच दिल्ली में केंद्रीय मंत्रालय के साथ एसएसए अधिकारियों की सालाना बजट को लेकर मीटिंगहुई थी।
इसमें अप्रैल से एसएसए में जेबीटी शिक्षकों का मानदेय 26 हजार और टीजीटी का 29 हजार करने को मंजूरी मिल चुकी है ऐसे में नए भरती शिक्षकों के भी वेतन बढ़ने की उम्मीद है।
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ReplyDeleteclick-
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@blogeditor
ReplyDeletekya hum up wale iss me apply kar sakte hain maine ctet qualify kiya hai acd 272(ba+b.ed)hai
pls tell
I felt -
ReplyDeleteChandigarh Union Territory hai, Aur Central Govt. kee jobs ke liye doosre state ke log bhee patr hote hain.
Phir bhee avertisement jaroor dekhiye usee se sahee stithi pata chalegee.
निरस्त होगी टीईटी ! Mar 12, 11:24 pm -
ReplyDeleteचुनावी सभा में अखिलेश यादव कर चुके हैं घोषणा लखनऊ, जागरण ब्यूरो : प्राथमिक
स्कूलों में अध्यापक बननेका ख्वाब देख रहे
प्रदेश के लाखों नौजवानोंके लिए
निराशा का सबब और बसपा सरकार के
लिए गले की हड्डी बनी शिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) को निरस्त करने के बारे में अब सपा सरकार
ही फैसला करेगी। टीईटी कोलेकर
विवादों की फेहरिस्त और
शिक्षकों की भर्ती के लिएपहली बार
आयोजित की गई इस परीक्षा में जिस
तरह से भ्रष्टाचार उजागर हुआ, उसे देखते हुए यह तय माना जा रहा है
कि सपा सरकार इसे निरस्त करेगी।
प्रदेश के नये मुख्यमंत्री चुने जा चुके
अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभा के
दौरान कह भी चुके हैं
कि यदि सपा सरकार आयी तो टीईटी को निरस्त
किया जाएगा। शिक्षा के अधिकार
अधिनियम के तहत प्राथमिक व उच्च
प्राथमिक स्कूलों में
शिक्षकों की भर्ती के लिएपहली बार
टीईटी आयोजित की गई थी। टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड
को सौंपी गई थी। टीईटी की मेरिट
को ही शिक्षक चयन का आधार
बनाया गया था। इसे लेकर भी विवाद
खड़ा हुआ क्योंकि राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने टीईटी को सिर्फ
पात्रता परीक्षा माना था।13 नवंबर
को आयोजित टीईटी का परिणाम 25
नवंबर को घोषित किया गया।पैसे लेकर
परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर होने
पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन समेत कईलोग जेल भेजे जा चुके हैं।
उधर एक याचिका की सुनवाई करते हुए
उच्च न्यायालय ने
भी शिक्षकों की भर्ती पर रोक
लगा दी है। टीईटी को लेकर हाल ही में
अपर कैबिनेट सचिव रवींद्रसिंह के कार्यालय में बैठक हुई थी। बैठक में शासन
और शिक्षा विभाग के ज्यादातर अफसर
ने टीईटी को निरस्त करने का मत
जाहिर किया। इसके बावजूद
टीईटी को लेकर बैठक में कोई
सर्वसम्मति नहीं बन पायी।वजह यह थी कि टीईटी को लेकर पहले
ही शर्मसार हो चुकी सरकारके
आला अधिकारी परीक्षा को निरस्त
किये जाने से उपजने
वाली परिस्थिति के सभी पहलुओं पर
गौर करना चाहते हैं। उन्हें यह भी आशंका है कि टीईटी को निरस्त किये जाने से
परीक्षा को उत्तीर्ण करनेवाले
अभ्यर्थी अदालत
का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
परीक्षा निरस्त किये जानेपर
अभ्यर्थियों को फीस की धनराशि लौटानी पड़ी तो यह
भी सिरदर्द साबित होगा। अफसर इस
बात को लेकर भी असमंजस में हैं
कि टीईटी को निरस्त करने से पहले
अदालत की अनुमति ली जाए या नहीं।
कार्यवाहक सरकार वैसे भी कोई नीतिगत निर्णय नहीं कर सकती। इन
हालात में इस बात के प्रबल आसार हैं
कि टीईटी को रद करने का फैसला अब
सपा सरकार ही करेगी।
टीईटी उत्तीर्ण आवेदक भी भड़के
ReplyDeleteStory Update : Tuesday, March 13, 2012 12:00 AM
हरदोई। टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण के आधार पर शिक्षक चयन प्रक्रिया शुरू कराने की मांग पर अड़े उत्तीर्ण आवेदकों के विरोध के स्वर तेज होते जा रहे हैं। रविवार को आवेदकों ने बैठक कर रणनीति तैयार की, वहीं सोमवार को कलक्ट्रेट में एकत्रित होकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों ने चयन प्रक्रिया शासनादेशों के अनुसार कराने की मांग करते हुए अन्यथा की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है।
इसके लिए राज्यपाल को संबोधित एक प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को सौंपा है। शासनादेश के अनुसार जारी विज्ञप्ति को लागू कराने तथा लंबित प्रशिक्षु की प्रक्रिया को पूरी कराने की मांग को लेकर टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले दर्जनों आवेदकों ने आवाज बुलंद की। टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि कुछ अराजकतत्वों व अनुत्तीर्ण आवेदकों की द्वेषभावना के कारण आपत्तियां लगाकर चयन प्रक्रिया को बाधित कर दिया गया और चयन प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाया गया, जबकि शासनादेशों के अनुसार उत्तीर्ण आवेदकों का चयन किया जाना था, पर शासनादेशों की अवमानना कर दी गई।
उन्हाेंने शासनादेशों की अवमानना करने वाले लोगों को कठोर दंड देने तथा चयन प्रक्रिया निरस्त न करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया निरस्त होने से दोषियों को बल मिलेगा तथा उत्तीर्ण आवेदकों को हताशा। उन्होंने शासनादेशों में किसी प्रकार का परिवर्तन न करने तथा विज्ञप्ति के अनुसार तथा एनसीटीई द्वारा दिए गए दो महीने के समय के अंतर्गत ही चयन पूरा करने की मांग की। टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों ने राज्यपाल को संबोधित प्रार्थना पत्र डीएम को देकर चयन प्रक्रिया शुरू कराने की मांग की है। इस दौरान पिंकल यादव, बृजेश कुमार, ज्योति गुप्ता, देवेश सिंह गौर, तारिक शफी खां, जुबैर, आदित्य कुमार, अनिल पांडेय, राजेश श्रीवास्तव, अवनीश यादव व शिखा पाल आदि मौजूद थे।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/article/index.php?choice=show_article&location=37&Ep_relation=14&Ep_edition=2012-03-13&articleid=111735388771155216
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