मैट्रिक की परीक्षाओं में गणित का पर्चा लीक होना असामान्य बात नहीं होते हुए भी जैसा कि अधिकारी कह रहे हैं असामान्य बात ही है। मैट्रिक ही क्यों, यहां तो बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं के भी प्रश्नपत्र लीक होते रहे हैं। शासन-प्रशासन ने इस बार हालांकि मैट्रिक की परीक्षाएं ढंग से कराने की खासी व्यवस्था कर रखी है, इसके बावजूद धांधली करने वाले 'तू डाल-डाल तो मैं पात-पात' की चाल चलते रहते हैं। जैसा कि एक अधिकारी का कहना है, परीक्षा की पूर्व संध्या पर या उससे पहले प्रश्नपत्र लीक होता तो कुछ और बात होती, लेकिन चंदवा में गणित के हस्तलिखित प्रश्न पत्र परीक्षा प्रारंभ होने के बाद बाजार में पाए गए। प्रशासन की नजर में यह भले ही गंभीर बात न हो, लेकिन गहराई से सोचा जाय तो निश्चय ही यह एक गंभीर मसला है। बीडीओ और थाना पुलिस ने इसीलिए मामला दर्ज कराया है। यदि परीक्षाओं के दौरान भी कोई परीक्षार्थी अथवा अन्य स्रोत 30 मूल प्रश्नों में से 28 कागज पर उतार कर बाहर भेज देता है तो क्या यह गंभीर बात नहीं है?
यदि यह प्रकरण भी हुआ है तो इतना स्पष्ट है कि परीक्षाएं लीकप्रूफ नहीं हो रहीं। परीक्षार्थी यदि प्रश्न पत्र उतार कर परीक्षा कक्ष से बाहर भेज देते हैं या फिर परीक्षा केंद्र का ही कोई कर्मी ऐसा करता है तो निश्चय ही यह असामान्य बात है। इसका मतलब यह भी हुआ कि परीक्षाएं कदाचारमुक्त नहीं हो पा रहीं। काफी परीक्षा केंद्रों से परीक्षाओं में कदाचार की बातें सामने आ रही हैं। पिछले वर्ष मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं में अत्यंत दयनीय प्रदर्शन के कारण भी बहुत संभव है कि इस बार गलत तरीकों का इस्तेमाल कर बेहतर परीक्षा परिणाम देने की गुंजाइश बनाई जा रही हो।
राज्य की शिक्षा में आखिरकार व्यवस्था पुरानी ही है और शिक्षक भी वे ही हैं, जो पिछले साल थे। छिटफुट तबादले हुए हों तो यह अलग बात है। नई बहालियां तो हुई नहीं कि शिक्षण व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन की उम्मीद की जाय। इन परिस्थितियों में प्रश्नपत्र लीक होना बहुत आश्चर्यजनक नहीं। आश्चर्यजनक यही है कि उच्च स्तर पर नीति, सिद्धांत, नैतिकता और उच्च मानदंडों की डपोरशंखी बातें खूब बघारी जाती हैं, लेकिन बिगड़ी व्यवस्था को पटरी पर लाने के उपाय नहीं किए जाते। झारखंड को न केवल शिक्षा, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में इसी बात की अधिक जरूरत है। शासन-प्रशासन यदि इस तथ्य पर ध्यान दे तो बोर्ड परीक्षाओं के पहले या उनके संपन्न होने के दौरान या परिणाम निकलने पर हायतौबा नहीं मचेगी।
News : Jagran (1.3.12)
6th march ke baad kya kuch decide hoga ki tet ka kya hona chahiye ......yadi sp aati to kya hoga darrrrrrrr keval isi ka hai....
ReplyDeleteDarne ki jarurat nahi kyoki,
ReplyDeleteDarrrr k aage jeet hai!!!
Darne ki jarurat nahi kyoki,
ReplyDeleteDarrrr k aage jeet hai!!!
jo dar gaya samjho mar gaya
Deleteghotala+bharastachar = sarkar
ReplyDeletematlab
BSP+CONGRESS = sarkar
.
Today its new gov. making formula
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteKisi bhi EXIT POLL par aankh band kar ke bharosa na kare ye galat sabit hote h jaise 2009 lok sabha me sare EXIT POLL galat sabit huye the
ReplyDelete2009 LOK SABHA EXIT POLL
SURVEY......BJP+..CON+..3rd-fr.OTHERS
Star_News.. 196...199...100....36
Times_Now..183...198....---....162
India_Tv.......194...195...108....46
News_X........191...199...104....48
UTVi............189...195....---.....14
.
.
.
RESULT......160...262...79.....42
source:
http://www.travelindia-guide.com/elections-indian-lok-sabha/election09-exit-polls.php
Saharanpur mandal ke candidates plz contect me
ReplyDeletehame har halat mai is naukri ko bachana hai
manoj kumar gupta
9548938754
तृतीय श्रेणी शिक्षक
ReplyDeleteभर्ती परीक्षा पर हाईकोर्ट
की रोक
04 Mar 2012 02:26,
(4 Mar) जोधपुर.हाईकोर्ट ने
शनिवार को तृतीय
श्रेणी शिक्षक
भर्ती परीक्षा की संपूर्ण
प्रक्रिया पर अंतरिम रोक
लगा दी। साथ
ही पंचायती राज विभाग के
सचिव, शिक्षा सचिव,
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक,
आरटेट के सचिव सहित संबंधित
अधिकारियों को नोटिस
जारी कर 13 मार्च तक जवाब
मांगा गया है। न्यायाधीश
गोपाल कृष्ण व्यास ने जोधपुर
निवासी देवीसिंह व अन्य
की ओर से दायर
याचिका की सुनवाई के
दौरान स्वप्रेरित प्रसंज्ञान से
यह आदेश दिया। अदालत ने
स्वप्रेरित प्रसंज्ञान में अब तक
आरपीएससी द्वारा ली जाने
वाली इस
परीक्षा को जिला परिषद के
माध्यम से जिलेवार कराने
तथा इसमें दिए जा रहे आरक्षण
को संविधान की भावना के
विरुद्ध माना है। आरटेट
नहीं कराने को लेकर दायर
की थी याचिका प्रार्थियों ने
याचिका लगाई
थी कि सरकार ने पिछले वर्ष
आरटेट कराने के लिए
विज्ञप्ति जारी की थी,
लेकिन इसका आयोजन
नहीं हुआ। अब शिक्षक
भर्ती परीक्षा होने से पिछले
वर्ष बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थी व
पिछली आरटेट में अनुत्तीर्ण
अभ्यर्थी इसमें शामिल
नहीं हो पाएंगे। ऐसे में
या तो उन्हें भर्ती में अंतरिम
प्रवेश दिया जाए
या भर्ती की संपूर्ण
प्रक्रिया को रोका जाए। मई
में होनी थी परीक्षा 41
हजार पदों के लिए
भर्ती परीक्षा मई में
होनी थी। इस परीक्षा के
ऑनलाइन फार्म 2 मार्च से
मिलने थे और फार्म भरने
की अंतिम तिथि 2 अप्रैल
रखी थी
http://www.amarujala.com/city/Unnao/Unnao-66213-40.html
ReplyDeleteउन्नाव
जल्द से जल्द नियुक्ति हो
उन्नाव। परिषदीय विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति न किए जाने के विरोध में यूपीटीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने रविवार को बैठक का आयोजन किया।
स्थानीय निराला पार्क मेंआयोजित बैठक मे मोर्चा अध्यक्ष अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि प्रदेश के सभी टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षुओं को प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति पाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। संरक्षक अमित त्रिपाठी नेटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की ओर से सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति मेरिट के आधार पर नहीं की गई तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा। कहा कि टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद बीएड अभ्यर्थियों का मानसिक व आर्थिक उत्पीड़नबर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उपाध्यक्ष राकेश शुक्ल और महामंत्री शिरीशशुक्ला ने कहा कि सरकार ने जो टीईटी प्रमाणपत्र दियाहै उसका कोई औचित्य ही नहीं है जब तक कि सरकार इनकी नियुक्ति परिषदीय विद्यालयों में नहीं करतीहै।
बैठक में तय किया गया कि 12 मार्च को अंबेडकर पार्क में सभी टीईटी प्रशिक्षणार्थी इकट्ठा होंगे। यहां से जिला मुख्यालय तक शांति मार्च निकालेंगे। बैठक में मनोजगुप्ता, सुशील तिवारी, देवेंद्र सिंह, निजाम, अनूप बाजपेई, सोनू शुक्ला, उमाकांत मिश्रा, अनूप कुमार गौतम, सहित कई प्रशिक्षु मौजूद थेू|
Amar Ujala Unnao edition March5,2012
http://www.amarujala.com/city/Unnao/Unnao-66213-40.html
ReplyDeleteउन्नाव
जल्द से जल्द नियुक्ति हो
उन्नाव। परिषदीय विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति न किए जाने के विरोध में यूपीटीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने रविवार को बैठक का आयोजन किया।
स्थानीय निराला पार्क मेंआयोजित बैठक मे मोर्चा अध्यक्ष अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि प्रदेश के सभी टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षुओं को प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति पाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। संरक्षक अमित त्रिपाठी नेटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की ओर से सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द से जल्द प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति मेरिट के आधार पर नहीं की गई तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया जाएगा। कहा कि टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद बीएड अभ्यर्थियों का मानसिक व आर्थिक उत्पीड़नबर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उपाध्यक्ष राकेश शुक्ल और महामंत्री शिरीशशुक्ला ने कहा कि सरकार ने जो टीईटी प्रमाणपत्र दियाहै उसका कोई औचित्य ही नहीं है जब तक कि सरकार इनकी नियुक्ति परिषदीय विद्यालयों में नहीं करतीहै।
बैठक में तय किया गया कि 12 मार्च को अंबेडकर पार्क में सभी टीईटी प्रशिक्षणार्थी इकट्ठा होंगे। यहां से जिला मुख्यालय तक शांति मार्च निकालेंगे। बैठक में मनोजगुप्ता, सुशील तिवारी, देवेंद्र सिंह, निजाम, अनूप बाजपेई, सोनू शुक्ला, उमाकांत मिश्रा, अनूप कुमार गौतम, सहित कई प्रशिक्षु मौजूद थेू|
Amar Ujala Unnao edition March5,2012
Good.
ReplyDeleteअब पीजीटी रिजल्ट में
ReplyDeleteभी अनियमितता
Story Update : Monday,
March 05, 2012 1:45 AM
इलाहाबाद। टीजीटी चयन
परिणाम में
गड़बड़ियों कामामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ
था कि माध्यमिक
शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर एक
और नतीजे में
अनियमितता बरतने का आरोप
लगा है। अभ्यर्थियों का आरोप
है कि चयन बोर्ड ने
पीजीटी परिणाम में भी कई
ऐसे प्रतिभागियों को सफल
घोषित कर दिया है
जो लिखितपरीक्षा में असफल
थे। दावा है कि गड़बड़ी पकड़े
जाने के भय से बोर्ड ने संशोधन के
नाम पर कुछ विवादित नाम
तो हटा दिए लेकिन परिणाम
में बड़ी संख्या में गड़बड़ियां हैं,
जिन्हें ठीक नहीं किया गया।
टीजीटी नतीजों में
फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद हुई
जांच में पीजीटी के परिणाम
में भी कुछ ऐसे नाम सामने आए
जो लिखित परीक्षा में सफल
नहीं थे।
अभ्यर्थियों का दावा है
कि हिन्दी, संस्कृत, इतिहास,
समाजशास्त्र, भौतिक
विज्ञान, रसायन विज्ञान,
वाणिज्य, मनोविज्ञान,
अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र,
कृषि, शिक्षाशास्त्र के
परिणाम की पूरी तरह से
स्कैनिंग की तो इसमें बोर्ड के
पदाधिकारियों, सदस्यों और
कुछ पुराने सदस्यों के
आश्रितों और
रिश्तेदारों केनाम सामने आए।
परीक्षा में शामिल संजय
पांडेय, रामानुज,
ओमप्रकाशमिश्र, आशुतोष,
चंद्रशेखर आदि का दावा है
कि टीजीटी में
गड़बड़ी का खुलासा होते
ही चयन बोर्ड अधिकारियों ने
पीजीटी परिणाम में चुपचाप
संशोधनकिया और एक महत्वपूर्ण
पदाधिकारी के दो सगे
रिश्तेदारों का नाम
अंतिमचयन सूची से बाहर कर
दिया लेकिन लगभग 20 और
रोलनंबर्स को लेकर गड़बड़ियों के
आरोप है, जिनके बारे में चयन
बोर्ड ने कोई
फैसला नहीं किया।
अभ्यर्थियों का कहना है
कि पूरा परिणाम संशोधित न
किया गया तो मामला शासन
तकले जाएंगे और जिम्मेदार
लोगों के खिलाफ कार्रवाई
की मांग करेंगे।
ye adhikari log pase ke liye ye sab karke lakho ka career barbad kar dete hai................
ReplyDeleteउस्ताद निकला चयन बोर्ड का कंप्यूटर
ReplyDeleteइलाहाबाद, 4 मार्च (जाका): आइटी विशेषज्ञों को उप्रमाध्यमिक शिक्षा सेवा चयनबोर्ड के उस कंप्यूटर के बारे में शोध करना चाहिए, जिसने गलती से टीजीटी-पीजीटी नियुक्ति के लिए बोर्ड पदाधिकारियों के ऐसे रिश्तेदार चुन लिए, जोलिखित परीक्षा में बैठे ही नहीं थे। भुक्तभोगी अभ्यर्थियों द्वारा कंप्यूटर की इस गलती का भंडाफोड़ कर दिए जाने के बाद हालांकि, ऐसे पांच अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर कर दिए गए हैं, पर आशंका है कि बोर्ड का कंप्यूटर ऐसी और न जाने कितनी गलतियां कर चुका होगा। मौजूदा प्रकरण उच्चन्यायालय में विचाराधीन है। कंप्यूटर की गलती से जो पांच अभ्यर्थी सीधे चुन लिए गए थे, उनमें से एक बोर्ड के सदस्य का बेटाहै, जबकि एक अन्य महिला अभ्यर्थी बोर्ड के एक अन्य उच्चाधिकारी की करीबी रिश्तेदार। बाकी तीन अभ्यर्थी भी बोर्ड के असरदार पदाधिकारियों के करीबी नाते-रिश्तेदार हैं। आश्चर्य की बात यह हैकि इतने गंभीर रहस्योद्घाटन के बावजूद बोर्ड प्रशासन ने अब तक कंप्यूटर के अलावा किसी अन्य की जिम्मेदारी निर्धारित नहीं की है, कार्रवाई तो दूर की बात है। बहरहाल, अनुचित ढंग सेचयनित पांच अभ्यर्थियों को बाहर करवाने में सफल होचुके अन्य अभ्यर्थियों काकहना है कि वे उच्च न्यायालय से याचना करेंगेकि इस नियुक्ति घोटाले की जांच किसी भरोसेमंद एजेंसी से कराने का आदेश दे ताकि इससे पहले की तमामनियुक्तियों में हुई धांधली का भी भंडाफोड़ हो सके। दरअसल, कई अभ्यर्थियों के लिखित परीक्षा में सफल हुए बिना चयन हो जाने पर प्रतियोगी छात्रों ने ही आपत्ति उठाई थी। शुरू में बोर्ड प्रशासन किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से साफ इन्कार करता रहा, पर प्रकरण उच्च न्यायालय पहुंचने पर कंप्यूटर की गलती पकड़ में आ गई और पांच अभ्यर्थीचयन सूची से बाहर कर दिए गए। बोर्ड के ही सूत्रों का कहना है कि जब तक अंक नहीं बढ़ाए जाएं, अभ्यर्थी मेरिट में नहीं आ सकता। जब तक मेरिट में नहीं आएगा, तब तक केजिंग नहीं होगी। सवाल उठता है कि जिस अभ्यर्थी का नाम मेरिट लिस्ट में नहीं था, वह सामाजिक विज्ञान की केजिंग लिस्ट में कैसे आ गया? सवाल यह भी उठ रहा हैकि क्या इसकी जानकारी अध्यक्ष व संबंधित सदस्य को नहीं थी? अभ्यर्थियों का कहना है कि अपने मकसद में कामयाब होने के बाद ओएमआर शीट बदलने की योजना थी, जो फलीभूत नहीं हो सकी। पैनल की जांच में चारऔर पकड़े गए : प्रशासनिक अधिकारियों ने जब फाइनल पैनल की परीक्षा परिणाम से जांच कराई तो उसमें प्रवक्ता के चार ऐसे अभ्यर्थी मिले, जो लिखित परीक्षा में फेल थे। बाद में जांच समिति की आपत्ति के बाद इन चारों को भी बाहर कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक ये चार अभ्यर्थी भी जिम्मेदार लोगों के ही खास थे।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/article/index.php?choice=show_article&location=37&Ep_relation=13&Ep_edition=2012-03-05&articleid=11173484
Hamara system great hai,tga/pgt me dhandali sabit hone par bhi kisi adhikari ke khilaf ab tak koi karwahi nahi hui,ab ye officers jante hai ki hoga kuch nahi bas kuch din janch ke nam par documents check kiye jayenge aur sab thande baste me,
ReplyDeletechayan board ke director ne ab tak kisi ko nilambit bhi nahi kiya hai,aur chayan board kah raha hai ki ye choti se technical mistake hai.
Friends jaise hi nayi govt. bane hume turant dharna pradarshan shuru kar govt. Par pressure banana hoga.
ReplyDeleteDharna sabse pehle sabhi district me ek sath ek din gyapan D.m. K through C.M. Ko.
Iske bad lucknow me ek bada dharna.
Agar anna ka 'janlokpal' bill pass ho gaya hota to koi ek bhi candidate in officers ke khilaf appeal kar sakta tha aur in adhikario ko,bina vibhag ke permission ke hi tatkal nilambit kar 1 sal ke ander hi saja de di jati,
ReplyDeletepar hamari political parties aisa hone dena nahi chahti...
Iske pehle govt. Hamara bura karne k bare me soche hume apni takat govt. Ko dikhani hogi.
ReplyDeleteAaj kal ki raajneeti pressure group k favour me kaam karti hai to hume bhi yahi karna hai.
ghotale me kisi adhikari ki koi galti nahi galti sirf computer ne ki hai.
ReplyDeleteComputer ko phansi par latka dena chahiye
adhikariyo ko 1 arab ka muavja mile
Some visitors writing comments using name "Blog Editor".
ReplyDeleteSuch comments NOT accepted, as Blog owner also uses name "Blog Editor"
It creates confusion, who writes such comments.
महोबा, कार्यालय प्रतिनिधि : रविवार को मुख्यालय के अंबेडकर पार्क में टीईटी (अध्यापक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें अभ्यर्थियों ने टीईटी की भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र सम्पन्न कराने की आवाज बुलंद की।
ReplyDeleteबैठक में अखिलेश साहू ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के भविष्य को ध्यान में रखकर भर्ती प्रक्रिया को अतिशीघ्र सम्पन्न कराया जाये। कहा कि इसे राजनीतिक रंग न देते हुये भर्ती प्रक्रिया को यथावत रखा जाये। अभ्यर्थियों ने ऐलान किया कि यदि शीघ्र प्रक्रिया सम्पन्न नहीं होती तो आंदोलन किया जायेगा। इस मौके पर दीपक कौशल, मुबीन खान, राजेश सोनी, दीपक कुमार, कृष्णेंद्र कुमार सिंह, रहमत खां, छत्रसाल सिंह सहित भारी संख्या में टीईटी अभ्यर्थी मौजूद रहे।