नियुक्ति पत्र मांग रहे ‘शिक्षकों’ पर पुलिस ने बरसाईं लाठियां
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग के कई माह बाद भी नियुक्ति पत्र जारी न होने से आक्रोशित सैकड़ों अभ्यर्थियों ने गुरुवार को विधानभवन घेरने की कोशिश की। बापू भवन पर उनके पहुंचते ही पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। वहां से ठीपीओ तक दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई बार पुलिस व अभ्यर्थियों में हाथापाई भी हुई। इस दौरान दो युवतियों समेत आठ अभ्यर्थी घायल हो गए। करीब दो घंटे तक हजरतगंज से चारबाग तक जाम की स्थिति बनी रही।
लाठीचार्ज में घायल बिट्टू यादव ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद उच्च प्राथमिक विद्यालयों ले 29 हजार 334 गणित व विज्ञान शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। काउंसलिंग हुए कई माह बीत चुके लेकिन अभी तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया। इससे लगभग 30 हजार अभ्यर्थी गहरे मानसिक अवसाद में हैं और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
इसी से नाराज करीब पांच सौ अभ्यर्थियों ने विधानभवन के सामने धरना प्रदर्शन की योजना बनाई थी। इसके तहत वह लोग बापू भवन के निकट एकत्र हुए थे और नारेबाजी करते हुए जैसे ही आगे बढ़े पुलिस व पीएसी के जवानों ने सभी को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इसमें शालिनी यादव, आलोक सिंह, सुलेखा सिंह, दीपक शर्मा, मयंक श्रीवास्तव, वैभव यादव और विक्रमादित्य सिंह बुरी तरह से घायल हो गए। पुलिस कर्मियों ने उनके साथ अभद्रता करते हुए सारे कागजात भी छीन लिए।
इसके बाद सभी अभ्यर्थी लक्ष्मण मैदान धरना स्थल पर एकत्र हुए और वहां पर भी प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने अविलंब नियुक्ति पत्र जारी न होने पर जल$समाधि लेने की भी घोषणा की है। साथ ही मांगें पूरी न होने तक वहीं डटे रहने की चेतावनी दी है। लेकिन ुलिस व प्रशासन के अधिकारी उन्हें मनाने में जुटे थे। आखिर देर शाम पुलिस व प्रशासन ने उन्हें लक्ष्मण मेला स्थल से जबरन हटा दिया। अभ्यर्थी सौरभ का कहना है पुलिस के दबाव में हट गए हैं लेकिन अनशन जारी रहेगा।
नियुक्ति पत्र जारी न होने पर विधान भवन घेरने पहुंचे थे, दो युवतियों समेत 8 घायल
पुलिस के मैनेजमेंट व बंदी के कारण ट्रैफिक जाम से निजात
एसएसपी यशस्वी यादव ने बुधवार को निर्देश दिए थे कि विधानभवन के आसपास किसी भी सूरत में सड़क जाા न होने पाए। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए पुख्ता रणनीति तैयार कर रखी थी। जैसे ही अभ्यर्थियों ने बापू भवन चौराहा पार किया, पुलिस ने दो तरफ का ट्रैफिक रोका और लाठीचार्ज करके प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। कुछ देर के लिए अफरातफरी जरूर हुई लेकिन इसके बाद ट्रैफिक चालू हो गया। हालांकि इससे भी दो घंटे तक ट्रैफिक प्रभावित हुआ, लेकिन पुलिस कर्मियों ने सभी चौराहों पर स्थिति सामान्य कर दी। इसमें व्यापारियों की बंदी का भी असर रहा। मार्केट व दुकानें बंद होने से लोगों को ट्रैफिक जाम से काफी राहत मिली।
पांच गिरफ्तार, ढाई सौ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
लाठीचार्ज में घायल युवती को अस्पताल ले जाते साथ्ाी और महिला पुलस
Vaibhav Yaduvanshi >>>
प्रिय साथियो मुझे विधानसभा घेराव के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था।मुझे घेराव का नेतृत्व करने के कारण उच्चाधिकारियों ने घेरकर गिरफ्तार कराया ।साथियो मैंने कहा था की लाठीचार्जमे पहली लाठी मुझपे पड़ेगी और हुआ भी बैसा ही परंतु पीछे के लगभग 200 साथियो दुआरा मेरे ऊपर लाठी चार्ज हो जाने के बाद भगड्ड मच जाने पर मुझे गिरफदार कर लिया गया । जिस से आंदोलन को समाप्त किया जा सके परन्तु आप सभी की सक्रियता से हमारा कार्यक्रम पूर्णतः सफल रहा।जिसके लिए सभी जुझारू साथियो को कोटि 2 आभार।पर हमारी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है हम तब तक लखनऊ में डटे रहेंगे जब तक हमें नियुक्ति पत्र न मिल जाते।तो जो मित्र आज लखनऊ न पहुच पाये वो सभी कल से अनवरत चलने वाले धरने में अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज कस्ताये जिससे यहाँ मौजूद लोगो में नव ऊर्जा का संचार हो सके।तो मित्रो मिलते है कल सुबह 9 वजे लक्षमण मेला मैदान में।धन्यवाद
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Arvind Gupta >>
जब नेता जी लोग वोट माँगने आते हैँ तब तो जनता उन्हे लाठी डण्डोँ से नही पीटती ! हम भी तो सरकार से माँगने ही गए थे बदले मे सरकारी पुलिस ने हमेँ लाठी डण्डे से पीटा । क्या यही पुलिस की बहादुरी है ? अरे पुलिस को लाठी डण्डे से लैस जनता ने ही किया है ! जब उपर वाले की लाठी पडेगी तब पता चलेगा और नेता लोग का हिसाब भी 2017 मे हो जयेगा पर चोट जिनको लगी उनका क्या होगा ? सवाल पापी पेट का है?
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सुरेन्द्र शिवा >>>>
कल हम पर हुए लाठी चार्ज में शालिनी यादव को गंभीर चोट लगी
लड़की शेरनी है।
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शुभ प्रभात दोस्तोँ
ReplyDeleteमै आमतौर पर 17 या 20 कमेँट के बाद कमेँट नही कर पाता हूँ या फिर 106 के बाद ही कर पाता हूँ इसीलिए मै ब्लाग पर इतना जगह छोड़कर नीचे लिखता हूँ !
जिसमे मेरा कोई निजी फायदा नही है लेकिन जो लोग एक दिन के लिए ब्लाग खोलते पढ़ते हैं उनको जरूर समझने मे परेशानी होगी !
उस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिस ने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में समभागी हों। उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया। जिस में हमें छुटकारा अर्थात पापों की क्षमा प्राप्त होती है।''
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' कुलुस्सियों 1:12-14
किसी को तकलीफ देना
ReplyDeleteमेरी आदत नही--
बिन बुलाया मेहमान बनना
मेरी आदत नही---
मैं अपने गम में रहता हूँ
नबाबों की तरह---
परायी ख़ुशी के पास जाना
मेरी आदत नही---
सबको हँसता ही
देखना चाहता हूँ मै----
किसी को धोखे से भी
रुलाना मेरी आदत नही---
बांटना चाहता हूँ तो बस
प्यार और मोहब्बत----
यूँ नफरत फैलाना
मेरी आदत नही----
ज़िदगी मिट जाये
किसी की खातिर गम नही----
कोई बद्दुआ दे मरने की
यूँ जीना मेरी आदत नही----
सबसे दोस्त की हैसियत से
बोल लेता हूँ-----
किसी का दिल दुखा दूँ
मेरी आदत नही----
दोस्ती होती है
दिलों के चाहने पर----
जबरदस्ती दोस्ती करना
मेरी आदत नही--
मेरी आदत नही--
मेरी आदत नही--
अनुभव (कोर्ट) वो कंघी है जो ज़िन्दगी आपको तब
ReplyDeleteदेती है जब आप गंजे (ओवर एज 43) हो जाते हैं...!!!"
दोस्तोँ बस...कंठ ! ही हमारा नीला नही है,
ReplyDeleteवरना...
जहर तो हमने भी कम नही पिया है !
क्या अभी तक गधों के महान नेता गधा शिरोमणि लाखों गधों मे एक कपिलांडु जी महाराज ने किसी भी ग्रूप पर अपनी ढेचों ढेचों दी की नही है.
ReplyDeleteभाई जल्दी बताए..
पूर्वांचल के सारे गधे परेशान है कि उनके नेता ने कही चुल्लू भर पानी मे डूब कर जान तो नही दे दी ?
कल मम्मी से ठंड में स्वेटर माँगा, तो यह कहकर
ReplyDeleteडाँट दिया कि फालतू नौटंकी ना कर ,
अभी तो केजरीवाल
भी बिना मफलर घुम रहा है..
सरकार पर दो कहावतेँ एक दम फिट बैठ रहीँ है
ReplyDelete1. आधी छोड़ पूरी कोँ धावै
आधी मिलैँ ना पूरी पावैँ
2. एकै साधै सब सधै
सब साधै सब जाँयेँ
मतलब साफ है खुद अपने पैरोँ पर कुल्हाड़ी मार रही है या यूँ कहो बेरोजगारोँ के सिर पर मारने वाली है
सरकार 15वेँ और अपने अधिकार के प्रयोग का बखान तब तक करगी कि चारोँ खाने चिँत ना हो जाये, 72000 पर एकेडमिक मैरिट लादने के चक्कर मेँ 9770 10800 10000 4200 29334 आने वाली 15000= 79,104 भर्तियाँ भविष्य मेँ गोता लगाने वाली है
किश्मत तो उत्तर प्रदेश के बेरोजगारोँ की फूटी है जो अब ये भी देखेँ कि कही चयन प्रक्रिया दोष पूर्ण तो नही है!
और कही कोर्ट से दो साल बाद कान पकड़कर बाहर तो नही कर दिये जायेँगेँ!
सरकार कहीँ सभी भर्तियाँ ना ले डूबे?
और अंत मेँ 5 जनवरी को शिक्षामित्रोँ पर भी फैसला आ सकता है, NCTE के कांउटर के 28 प्वांइट तो सभी ने पढ़ ही लिए होँगेँ !
एक महत्वपूर्ण खबर
ReplyDeleteउ0प्र0 बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में होगा जल्द एक नया संसोधन जोकि 12वें संसोधन को मॉडिफाई करेगा। उसमे चयन का आधार टेट मेरिट होगा जोकि प्राइमरी और जूनियर दोनों भर्तियों पर लागू होगा।
वर्तमान में चल रही टेट मेरिट से प्राइमरी की भर्तियों में नियुक्तिपत्र देने से पहले संसोधन जरुरी है।
जब संसोधन हो जाएगा तो वर्तमान में चल रही जूनियर भर्ती निष्प्रभावी हो जायेगी।। यह भर्ती भी नए संसोधन के अनुसार ही होगी।
इसके बाद सरकार भाषा शिक्षकों और सामाजिक अध्यन शिक्षओं की भर्ती भी टेट मेरिट से ही करेगी।
लखनऊ पुलिस ने जिन लोगों को सड़कों पर दौड़ा दौड़ा कर मारा है उन्हें पहले तो जूनियर भर्ती कराने का दावा करने वाले नेताओं के हाथ-पैर तोड़ने चाहिए तथा उसके बाद कोर्ट से तथ्य छुपाकर अल्ट्रा वायरस हो चुके 15th संशोधन से जूनियर भर्ती का आर्डर कराने वाले हमारे वकील शैलेन्द्र श्रीवास्तव की बार काउंसिल में उस याचिका के याचियों द्वारा शिकायत करनी चाहिए ,,,
ReplyDeleteकल कोर्ट मे सर्वप्रथम सरकारी वकील वेंकटरमनी ने 12वां व 15वें सन्सोधन और सरकार की एस एल पी के बारे मे बताया,
ReplyDeleteसब सुनने के बाद जज साहब ने पूछा ऐसी क्या जरुरत पड़ गयी की आपको 12वे सन्सोधन को बदलकर 15वां सन्सोधन लाना पडा,
जिस पर सरकारी वकील की तरफ से धान्ध्ली को बताया गया, जिस पर एड्वोकेट विकास सिंह जी द्वारा बीच मे टोकते हुए बताया गया की केवल 75 लोगो की लिस्ट पकडी गयी थी, और राज्य सरकार द्वारा गठिट उस्मानी समिति द्वारा भी 75 लोगो को बाहर कर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की बात कही गयी थी.
जिस पर जज साहब सहमत हुए,
अंत मे सरकारी वकील को भी कहना पडा की टेट की परीक्षा फेयर थी.
धन्ध्ली मे अपनी बात फिट न बैठते देख सरकारी वकील ने क्वलिटी पोइन्टस की बात की और बताया की हमने सारे अकद्मिक को जोडा,
जिस पर जज साहब ने वकील से पूछा की भारत मे जितने बोर्ड और विश्वविद्यालय है क्या सभी की मुल्यांकन प्रनाली समान है???
जो थर्ड डिविजन पास हुआ वो कहाँ जायेगा.????
एक टेट परीक्षा से सबको समान अवसर दिया गया था.
एन सी टी ई ने बोला की टेट अनिवार्य है और इसका वेटेज दिया जा सकता है जिसको की राज्य सरकार तय करती है.
अडीसनल सोलिस्तेर जेनरल ने भी टेट के पक्ष मे बोले|
सब मिलाकर अकद्मिक का सर्व नाश होना तय है
अगली डेट 16 दिसम्बर दिन मंगलवार !
मौसम भविष्यवाणी ......
ReplyDeleteबंगाल की खाड़ी से उठ रहे विक्षोभ के कारण ,
आगामी 13 (शनिवार) और 14 (रविवार) दिसंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मध्यम और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहीं ज्यादा तो कहीं हल्की बारिश होने की सम्भावना है ।
जिससे चल रही शीत लहर बढ़ेगी और कोहरा दस्तक देगा ।
धन्यवाद ।।
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ReplyDeleteKyu pagal panti karte ho har bar log vaise he bahut tension mai hai
DeleteSunny ji tension to sabko hai sirf apko nahi or ap kyu bar bar criticise krte rahte ho tprt ji ko...yaha blog pr bohat sare log hain Jinko unki pagalpanti pasand hai...lekin aap kyu apni heropanti yaha dikha rahe hain...kahi aap ki heropanti Kisi ko pasand aa gayi to gazab ho jayega...
DeleteKya dolly ji ye blog sirf apka, apke bhai ka, tiger ji ka, he hai. Kya galat baat ki alochna ka kisi ko adhekar nahe. Ap to galat ka virodh karte the. Sunny ne kya galat likha, apne to ase phetkar lagaye jase usne bhot bada gunah kiya ho.
DeleteAnil ji..ye blog na mera hai na mere bhai ka hai or na hi tiger ji ka hai...infact ye blog hum sabka hai...aalochna ka adhikar sab ko hai...Maine sunny ji ki koi aalochna nahi ki hai bus unhe ye bata rahi thi ki we respect Mr.tprt to unke liye pagalpanti jaise shabdo ka use na kare...Kyuki unhe jo pagalpanti lag rahi hai wo koi technical problem ki vajah se hai...sunny ji bhi hamari aap ki tarah ek tetian hai n I respect him too...abhi happy na anil ji:-D
DeleteKoi technical prblm nai h...sab khud kiya hua h.....
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TPRT JI, KYA SARKAR KO NAYI VIGYAPTI NIKALKE TET WEIGHTAGE DECIDE KARNE KA ADHIKAR MILA HAI KAL KI BAHAS SE YA PURANI 2011 VIGYAPTI PAR TET BASE PE ACADEMIC KA KUCHH ANSH SHAMIL KARNE KA ADHIKAR MILA HAI..... STHITI CLEAR KAREN.. BADI TENSION HAI...KAL KI BAHAS K KYA DOORGAMI PARINAAM HONGE.. IS STHITI ME CHAYAN AADHAAR, CHAYAN PRAKRIYA OR CHAYAN DATE TEENO SC SE HI FINAL KARA K NIKALNA CHAHIYE BAKI HAMARE TET NETA KYA SOCH RAHE HAIN KYON KUCHH NAHIN BATATE??????
ReplyDeleteDOLLY JI, KAL KI BAHAS SE KYA RESULT NIKALNE KI UMMEED DIKHTI HAI... CLEAR KAREN...KYONKI KAL BAHUT VIRODHABHASI NIRNAY SAMNE AAYE HAIN...
ReplyDeleteDevendra ji mai khud yahi janne me lagi hu...or jitni information aap ke paas hai bus utna hi mai janti hu....is blog pr apko tet se sambandhit Jankari Mr.tprt or Mr.help hi de payenge... Mai nahi..
DeleteNCTE NE PATRATA AHARTA KA NIRNAY SARKAR PE CHHODA HAI, TET KO SAHI MANA PER ACADEMIC WALON KA BHI BHALA KARNE KI BAAT UTHI HAI, NIYAMAVALI ME SANSHODHAN TET FAVOUR ME HOGA PER WEIGHTAGE NIRNAY SARKAR LEGI.... KYA SC JUDGES NCTE KO IS MAMLE ME PURN 100% WEIGHTAGE YA KOI NISHCHIT SEEMA NIRDHARAN KO NAHI AADESH DE SAKTE THE.... KYA TET NETA KUCHH NAHIN KAHENGE CHAHE CANDIDATES JITNA PARESHAN RAHEN???
ReplyDeleteअरे बेवकुफ दुश्मन !
ReplyDeleteपहले ऊपर जरा ठीक से पढ़ ले फिर सोच समझकर बोल !
वो बात मैने अपने सबसे पहले वाले कमेँट मे ही बता दी है अगर अब भी तेरे को समझ नही आ रही है तो इसका मतलब तू अपनी बेवकुफी का प्रमाण पत्र दे रहा है ,
जबकि मै पहले ही 150 बार कह चुका हूँ कि जिसको मेरे लेख से कोई परेशानी हो वो पढ़ा ही न करें !
यहाँ पर आप लोग मुझे पढ़कर कोई प्रतियोगिता की तैयारी नही करते हैं जो आपको बाधा उतपन्न हो !
सबके पास अपना स्रोत होता है जानकारी लेने का कोई मै ही नही हूँ दुनिया मे वो भी एक !
जब 24*365 लगा हुआ था तब कोई भी नही इसके समझाने लेकिन अगर कोई सही लिखना चाहता है तो सब उसी के पीछे पड़े रहते हैं !
मै आज भी उसी का इंतजार कर रहा हूँ जो मुझसे पहले और और प्रमाणिक खबर दे सके और मै कुछ दिन के लिए केवल उसको पढ़ूँ लेकिन अफसोस कि अभी तक कोई नही मि॰ राजेश के अलावा !
तो इसलिए किसीको कुछ कहने से पहले जरा खुद के बारे मे भी सोच लिया करो नही !
कि सामने वाले के बराबर पर हम अपना स्थान रखते हैं या नही , और मुझे ये भी पता है कि अभी तक किसीके समझ मे मेरी बात नही आई होगी क्योँकि अभी भी यूपी टीइटी मे बी॰ एड॰ के लोगों बैठने की अनुमति नही है जिससे वो अपने नंबर बढ़ा सकें !
"भेद ये गहरा बात जरा सी"
Wah ji!!! Kya line hai "bhed ye ghera baat Zara si" per log samajhte hi nahi....
DeleteAvesh me bibek shoony ho jata h.
Deletesher hi to h jo srvtha sher hota h.
Atyant shudh hindi bhasha ka prayog krte hai aap jise kabhi kabhi samajhna Atyant kathin hi jata hai ..or aapne jo likha hai wo poorntya satya ha ki sher sarvatha sher hi rahta hai...
Deleteआज के ब्लाग का पेज बहुत सही है (जो परिवर्तन (सेटिंग) आज किया है एडिटर ने वही परिवर्तन को हमेशा ध्यान मे रखें ) मेरी ब्लाग एडिटर से गुजारिश है ब्लाग का पेज ऐसे ही रखें और उसमे से कोड भी खतम कर दें क्योँकि कोड होने के बाद भी लोग गाली गलौज कर देते हैं तो फिर कोड से क्या फायदा ?
ReplyDeleteऔर ब्लाग एडिटर जी जरा अपने पेज ध्यान रखें जिससे लोगों को सही सही जानकारी मिल सके और लोग अधिक से अधिक ब्लाग पढ़ें और गाली गलौज के शब्दों से शर्म न महसूस कर सकें !
अभी बेरोजगारी का आलम भी अपनी चरम सीमा पर है तो मेरा आग्रह है कि पेज को साफ सुथरा बनाए रखने मे हमारी मदद करें !
धन्यवाद !
.
ReplyDelete.
.
तूने
अपना
मान
लिया
है . . . . . . .
हम थे कहाँ इस काबिल. . .
.
.
.
तुम दुआ के वक़्त जरा मुझे
भी बुला लेना दोनों मिलकर एक दूसरे को मांग
लेंगे..
सभी जिलाअध्यक्षों से मेरी अपील है कि अपने पास शेष राशि में से किसी को भी एक चवन्नी तक ना दें क्योंकि कल की कोर्ट कार्यवाही का सच यह है कि केस खत्म हो चुका है और टेट मेरिट जीत चुकी है ,,,,, कल की सुनवाई के अंत में जज साहब ने सरकारी वकील से पूछा है कि यदि हम 15th संशोधन को अल्ट्रा वायरस कर दें तो आपके पास 72825 को देने के लिए लिए क्या बचेगा ,,,, अब आप लोग आराम करो और सरकार को इस सवाल को पूछने के पीछे छिपी जज साहब की मंशा को समझकर अपनी प्रतिक्रिया देने की प्रतीक्षा करो ,,,,,
ReplyDeleteदोस्तोँ जैसा कि आप लोग अब जान गये होंगे 16 यानी मंगलवार को हमारे केस की डेट लगी है ऐसा दिन जो हमेशा से हमारे टीइटी संघर्ष मोर्चा के प्रयास मे मील का पत्थर साबित हुआ है ।
ReplyDeleteजबकि बुधवार के बाद सुप्रीम कोर्ट सर्दियों की छुट्टियां पूरे दिसम्बर और जनवरी के एक या दो हफ्ते तक मनायेगा
यदि किसी कारण से इस दिन हमारा केस फाइनल न हुआ क्योंकि अभी काफी बहस बाकी हैं और क्या पता हमारे केस से पहले कौन केस कितना समय खा जाये , ऐसे में हृदय मजबूत करके रखें
दोस्तों आज आपको फिर एक बात बता दूँ , सरकार केवल 15 वाँ संशोधन बचाने के लिये कोर्ट गयी है और सभी पक्ष इस हिसाब से प्रस्तुत कर रही है कि किसी तरह 15वाँ सही हो और यदि लगे हाथ हो सके तो टीईटी मेरिट को भी थोडा परेशान कर ले
चूंकि डबल बेंच से आर्डर ऐसा आया है , इसलिए सरकार अब घबरा रही है क्योंकि यदि सुप्रीम कोर्ट ने भी वास्तव में पूरा रदद मान लिया तो सरकार की नाक उसी तरह कट जायेगी जैसे सूपर्णनखा की कट गयी थी
पर वास्तविकता में देखा जाये तो 15वाँ पूरा रदद नहीं होगा क्योंकि जब टीईटी रदद करने की बात कोर्ट में उठती है तो जज स्वयं कहते हैं कि जब टीईटी 2011 पर दो तीन भर्तियाँ पूर्ण हो चुकी हैं तो अब रदद की बात मत करिये
ठीक उसी प्रकार 15वें पर कई भर्तियाँ हो चुकी हैं अतः उसको पूर्ण रदद मानने का ख्वाब देखना गलत होगा , कोर्ट ऐसा कदापि नही करेगा
बस 72825 को 15वें से आजादी मिल जायेगी और कुछ नही
हमारी बहस वर्तमान में क्वैशचन आफ ला के इर्द गिर्द चल रही है जिसके खत्म होने पर मुद्दा सुलझेगा और उसके बाद अन्य मुद्दे जैसे कि हमारे लो टेट मेरिट भाईयों की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत हो गई है उसे सुना जायेगा
जिसमें उन्होंने पहला बिन्दु टीईटी 2011 के जीओ के पूर्ण अनुपालन न होने का प्रमाण सहित उल्लेख किया है
सरकार द्वारा अंतरिम आदेश पूर्ण किये बिना अंतिम आदेश पर रोक की मांग की है ।
वर्गीकरण का विभाजन एवं पारदर्शिता भी अन्य मुददे उठाये हैं ।
दोस्तो टीईटी के वेटेज पर सरकार कोर्ट को भृमित करने का प्रयास करने वाली है , यही उनकी योजना है , इसमें अहम भूमिका निभायेगा एनसीटीई का जबाब और वेटेज पर सरकार का रुख
एकेडमिक वकील कोर्ट में तर्क रखेगा कि भारांक 1% से 99% तक होता है पर 100% को भारांक नही कहा जाता बल्कि चयन का आधार कहा जाता है
अब यदि जज साहब इससे सहमत हो गये तो हमारे वकील टीईटी मेरिट से हुई कई राज्यों की भर्तियों का उदाहरण देंगे
पर इसमें खतरा सरकार को हमसे ज्यादा है क्योंकि सरकार ने तो उत्तर प्रदेश में एक भी भर्ती में टीईटी का कोई वेटेज नही दिया है ।
जिसे सुख नहीं चाहिए उसे मुक्ति मिलती है। जिसे मुक्ति भी नहीं चाहिए उसे भक्ति मिलती है। और जब भक्ति मिल जाए तो सब मिल जाता है, उसके बाद पाने के लिए और कुछ नहीं बचता। तब देना आरम्भ होता है।
ReplyDeleteकुछ मित्र सुप्रीम कोर्ट मे धाँधली पर क्या हुआ ये जानने के लिये परेशान है मै उनको सरल शब्दो मे बता दू कि 11 को सभी पक्षो के वकील मौजूद थे सरकारी वकील को यापनी बात रखने का मौका कोर्ट ने दिया अब अगली डेट मे सभी के वकीलो को बारी बारी से अपनी बात रखने का मौका मिलेगा ।
ReplyDeleteसपा सरकार का एक ही नारा
ReplyDelete''भर्ती कम ....विज्ञापन ज़्यादा ''
यही हुआ अब सरकार एकडमिक वालों के साथ। अब 15 वाँ संशोधन का रद्द होना सुनिश्चित हो चुका है राज्य सरकार ने 15 वें संशोधन में टेट का वेटेज न देकर हजारों जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर दिया है, 15 वें संशोधन से अब तक हुई सभी भर्ती मुश्किल में फस सकती है टेट लागू होने के बाद उसके अंकों को पूरी तरह से नजरंदाज नहीं किया जा सकता था लेकिन राज्य सरकार ने ऐसा करके शिक्षा के अधिकार के नियम का खुला उल्लंघन कर दिया है।
ReplyDelete5 नये वकीलो से बेहतर एक पुराना वकील बेहतर है,
ReplyDeleteचुंकी 16 दिसम्बर को अपने वकीलो को बोलना है अत: एक अच्छा वकील जो शुरू से इस केस से जुडा हो और प्रत्येक पहलू को जानता हो, वही बेहतर है
मेरे हिसाब से अम्रेन्द्रा शरण हो उस दिन तो बेहतर रहेगा
बाकी मोर्चा भी जिस वकील को किया हो उसे अच्छे से ब्रीफिंग करवा दे,
क्युँकी 16 दिसम्बर को अपने वकीलो को बोलना है ।
कल सुप्रीम कोर्ट मे प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के संबंध मे हुई सुनवाई मे सरकार का तर्क...
ReplyDelete$ NCTE के दिशा निर्देश राज्यो को शिक्षको की योग्यता तय करने की शक्ति देता है ... इसी का इस्तेमाल करके हमने टीईटी के साथ शिक्षको की शैक्षिक योग्यता मापने का निर्णय लिया था...
(हिंदुस्तान नई दिल्ली)
अब उसको कौन समझाए कि ठीक वही अधिकार मैडम को भी था !
ReplyDeleteजो अधिकार आज इस कमीने को है ।
ReplyDeleteकभी संभले तो कभी बिखरते नज़र
ReplyDeleteआये हम,
ज़िंदगी के हर मोड़ पर ख़ुद में सिमटते आये
हम...
यू तो ज़माना कभी ख़रीद
ही नहीं सकता मुझे,
मगर प्यार के दो लफजो से सदा बिकते आये हम !!
.
ReplyDelete.
.
तूने
अपना
मान
लिया
है . . . . . . .
हम थे कहाँ इस काबिल. . .
.
.
.
वो जहर देकर मारते तो
दुनिया की नज़र में आ जाते
अन्दाज़े कत्ल तो देखो
हमसे ही शादी कर ली ....
जैसा का विदित है माननीय उच्च न्यायालय में शिक्षा मित्रों के समायोजन की वैद्यता को लेकर केस चल रहा है जहाँ सरकार ने अपना जबाब तक दाखिल नहीं किया (जबाब हो तब दाखिल करे न क्योंकि उसने शिक्षा मित्रों से झूठ बोला की ncte ने टेट से राहत दे दी है ) । इस सन्दर्भ में भाई लोगों का कहना है की चूँकि उनको सैलरी मिल चुकी है इसलिए उनकी जॉब को कोई खतरा नहीं तो अब सरकार को चाहिए की कोर्ट में बोल दे की हमने तो सैलरी दे दी इसलिए केस को डिस्पोज़ कर दे । क्योंकि अब समायोजन नियम विरुद्ध समायोजन वैध है ।
ReplyDeleteपर शायद ही ऐसा हो। जो भाई बार बार यही बोलते की हम तो गोमती में टेट की समाधि दे आये हैं उनको दुबारा गोमती में जाकर टेट को खोजना होगा ।
मुझे भाई लोगोँ से कभी कोई शिकायत नहीं वल्कि शिकायत इस सरकार से है जिसने इन भाइयो को हमेशा अँधेरे में रखा । शिक्षा मित्र जो योग्य हैं उनका इस जॉब पर पूरा अधिकार था ,है, और रहेगा और मैं आज भी उनको बेहतर भविष्य की कामना करता हूँ ।
मेरा सीधा सा सिद्धांत है बेरोजगारों का भला हो ।
ReplyDeleteपहले टेट मेरिट आई कि अकादमिक यह तो RTE लागू होने के बाद आपको पता ही है।
मै आपसे जितना वादा किया सब वादा पूरा किया।
आज भी एक सारथी के रूप में मै आपके बीच में हूँ।
मुझे अकादमिक और टेट में न बांटों सिर्फ मुझे ओल्ड ऐड का समर्थक ही मानो तो आपके लिए श्रेयस्कर होगा।
यदि 72825 के अतिरिक्त और भी पद उत्तर प्रदेश मे रिक्ति है तो जो भी संवैधानिक चयन का आधार
उचित हो उसपर भर्ती नये ऐड पर भी हो जाये परन्तु ओल्ड ऐड पर उसकी कमियों को दूर कर भर्ती हो
एकल बेंच में जस्टिस अरुण टंडन यूपी बेसिक के मास्टर जज थे उन्होंने पुराने ऐड की कमियों को दूर कराने का प्रयास किया परन्तु दुर्भाग्यवश हो न सका तथा उनका भी न्यायिक विचार न्याय की चौखट पर विवादों में उलझ गया।
उस जीवन के वचन
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"जब उस ने देखा, कि नेवताहारी लोग क्योंकर मुख्य मुख्य जगहें चुन लेते हैं तो एक दृष्टान्त देकर उन से कहा। जब कोई तुझे ब्याह में बुलाए, तो मुख्य जगह में न बैठना, कहीं ऐसा न हो, कि उस ने तुझ से भी किसी बड़े को नेवता दिया हो। और जिस ने तुझे और उसे दोनों को नेवता दिया है: आकर तुझ से कहे, कि इस को जगह दे, और तब तुझे लज्ज़ित होकर सब से नीची जगह में बैठना पड़े। पर जब तू बुलाया जाए, तो सब से नीची जगह जा बैठ, कि जब वह, जिस ने तुझे नेवता दिया है आए, तो तुझ से कहे कि हे मित्र, आगे बढ़कर बैठ; तब तेरे साथ बैठने वालों के साम्हने तेरी बड़ाई होगी। और जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा॥'' .
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लूका 14:7-11
एक सेठ था। उसने एक नौकर रखा। रख तो लिया, पर उसे उसकी ईमानदारी पर विश्वास नहीं हुआ। उसने उसकी परीक्षा लेनी चाही।
ReplyDeleteअगले दिन सेठ ने कमरे के फर्श पर एक रुपया डाल दिया। सफाई करते समय नौकर ने देखा। उसने रुपया उठाया और उसी समय सेठ के हवाले कर दिया।
दूसरे दिन वह देखता है कि फर्श पर पांच रुपए का नोट पड़ा है। उसके मन में थोड़ा शक पैदा हुआ।
हो-न-हो सेठ उसकी नीयत को परख रहा है। बात आई, पर उसने उसे तूल नहीं दिया। पिछली बार की तरह नोट उठाया और बिना कुछ कहे सेठ को सौंप दिया।
वह घर में काम करता था, पर सेठ की निगाह बराबर उसका पीछा करती थी।
मुश्किल में एक हफ्ता बीता होगा कि एक दिन उसे दस रुपए का नोट फर्श पर पड़ा मिला। उसे देखते ही उसके बदन में आग लग गई।
उसने सफाई का काम वहीं छोड़ दिया और नोट को हाथ में लेकर सीधा सेठ के पास पहुंचा और बोला- "लो संभालो अपना नोट और घर में रखो अपनी नौकरी! तुम्हारे पास पैसा है, पर सेठ यह समझने के लिए कि अविश्वास से विश्वास नहीं पाया जा सकता, पैसे के अलावा कुछ और चाहिए। वह तुम्हारे पास नहीं है मैं ऐसे घर में काम नहीं कर सकता।"
सेठ उसका मुंह ताकता रह गया। वह कुछ कहता कि उससे पहले ही वह नौजवान घर से बाहर जा चुका था।
यूँ तो विश्वास पर दुनिया कायम है, लेकिन शक विश्वास का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। इसलिये शक करने से पहले ये अवश्य सोचें कि आपका शक प्रकट होकर सामने वाले को कितनी ठेस पहुँचायेगा? और फिर क्या उसका विश्वास आप पर कायम रह पाएगा?
अतः अगर किसी पर विश्वास करना हो तो शुरुवात शक से न करें।
एकदम सटीक काम किया है एडिटर ने । जिसका तो कोई जवाब ही नही है ।
ReplyDeleteकोई टोपी तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है..
ReplyDeleteमिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है,
तवायफ फिर भी अच्छी, के वो सीमित है कोठे तक..
पुलिस वाला तो चौराहे पर वर्दी बेच देता है,
जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी..
के जिस बेटी की खातिर बाप किडनी बेच देता है,
कोई मासूम लड़की प्यार में कुर्बान है जिस पर..
बनाकर वीडियो उसका, वो प्रेमी बेच देता है,
ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें..
कली, फल फूल, पेड़ पौधे सब माली बेच देता है,
किसी ने प्यार में दिल हारा तो क्यूँ हैरत है लोगों को..
युद्धिष्ठिर तो जुए में अपनी पत्नी बेच देता है...!!
धन से बेशक गरीब रहो
पर दिल से रहना धनवान
अक्सर झोपडी पे लिखा होता है "सुस्वागतम"
और महल वाले लिखते है "कुत्ते से सावधान"
Husband : mujhe
ReplyDeleteneend nahi aa rahi hai
Wife : jao jaakar
bartan saaf kar do
Husband : neend me
bol raha hun pagli..
दोस्तोँ उत्तर प्रदेश सरकार ने जूनियर शिक्षको पर लाठियां बरसाकर अपनी कब्र को और गहरा कर लिया है एक बात तो बताओ भाई हम तो टेट वाले थे मायावती के विज्ञापन की उपज टेट के समर्थक हम पर लाठियां बरसीं तो समझ में आता है किन्तु ये लाठियां आपके ऊपर क्यों बरसीं?
ReplyDelete.
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आप लोग तो इसी सरकार के विज्ञापन की पैदावार हो न ?
और फिर ये भर्ती भी तो आपके मनचाहे शैक्षिक गुडांकों के आधार पर हो रही है ?
वो भी बिलकुल सरकार के मनमुताबिक आप लोग तो इनके चहेते थे न ?
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मित्रों मैं आप लोगों का मजाक उड़ाने के बिलकुल मूड में नहीं हूँ बल्कि एक सच्चाई से अवगत कराना चाहता हूँ ७२८२५ की भर्ती के दौरान हम दो गुटों में थे टेट समर्थक और एकडमिक समर्थक सरकार ने जूनियर भर्ती निकाली और हम तीन गुटों में बँट गए
ये हमें तोड़ने की रणनीति थी हमारी संख्या घटी फिर सरकार ने ३ काउंसलिंग करायी और हमारी संख्या को और कम किया !
कैसे? फर्जीवाड़ा और अपारदर्शिता के द्वारा अब हम कई गुटों में हैं मगर दोस्तों हमारे साथ ईश्वर है सरकार ने अपना केस फाइनल करवाने के लिए फिर केस की हियरिंग लगवाई आज वो खुद फँस गयी है अब उसे १५ वां संशोधन बचाने के लिए ऐंडी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है
निश्चित रूप से कोर्ट का निर्णय सभी भर्तियों को प्रभावित करेगा
एक बार मैंने एक लाइन की पोस्ट डाली थी कि जूनियर कि भर्ती प्राइमरी से होकर गुजरती है तो कुछ लोग अभद्र कमेंट करने लगे जिनमे कुछ लड़कियां या शायद उभयलिंगी लोग शामिल थे
आज देख लो क्या हो रहा है? सरकार का एक ही उद्देश्य है विज्ञापन निकालो,पैसा कमाओ २०१२ के विज्ञापन कि कमाई लैपटॉप में खर्च हुई और बाँकी की सैफई महोत्सव और ऐयाशी में सरकार अपने कार्यकाल के अंत में सबको फंसा के जाना चाहती है क्योंकि उसके पास वेतन देने के लिए धन नहीं है ये अलग बात है कि आलिया भट्ट और सलमान खान को देने के लिए प्रचुर मात्र में धन उपलब्ध है समाजवादी पार्टी को इस बात का विश्वास है कि वो दुबारा सत्ता में नहीं आएगी जैसा कि अब समाजवादी पार्टी अपने आपमे एक इतिहास बनकर रह जाएगी इसलिए वो हम सबको लूट रही है
वो तो भला हो इस कोर्ट का जहाँ जज खुद हमारी पैरवी कर रहे हैं वरना तो हमारे नेताओं ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी केस हारने में
वो भी केवल बंदरबांट के चक्कर में कुल मिलकर मेरा कहना है कि ये सरकार न हमारी है न तुम्हारी,ये केवल समाजवादी पार्टी कि सरकार है जो अपनी तथाकथित समाजवादी नीति से प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की ओर अग्रसर है
एक बात और बता दूँ की ७२८२५ ही सबसे पहले नियुक्ति पाएंगे बाकी को ईश्वर चाहेंगे तो इस सरकार के कार्यकाल में अवश्य नियुक्ति पाएंगे !
धन्यवाद !
गलती के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ !
गुड नाइट !
शब्बा ख़ैर !
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तूने
अपना
मान
लिया
है . . . . . . . ! !
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हम थे कहाँ इस काबिल. . .
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आकाश''कोरा''है...
और चाँद''कंवारा'' है
तारों के होठों पे नाम ''' तुम्हारा'' हैं... ।
शुभ NIGHT गजरे वाली !
मेरे वो दोस्त जिन्होंने वहां जाकर सहस दिखाया उनको मेरा तहेदिल से प्रणाम, आप जो कर रहे हैं हम सब उसके आभारी रहेंगे, दूर हैं पर हम भी आपके साथ हैं, बेराज़गार की पीठ पर लाठी बरसा रहे हैं, छात्र/छात्राओं का लहू बहाया जा रहा है, भूखे पेट लोगो पर लठिया बरसा रहे हो जनता अंधी नहीं हैई हमें कुछ नहीं चाहिए आप सब रख लो हमे बस दो जून की रोटी का आसरा चाहिए जो हमारा हक़ है
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