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Friday, February 17, 2012

APTET - Andhra Pradesh Teacher Eligibility Test - TET News

Students get no marks increase in TET recheck
(APTET - Andhra Pradesh Teacher Eligibility Test - TET News )

HYDERABAD: The state government has allegedly earned Rs 36 lakh by issuing photocopies of OMR answer sheets with fresh totalling of marks for candidates looking to reevaluate their Teacher Eligibility Test.
What’s worse is that none of the candidates managed to get even an additional mark, making it an exercise in futility. The first TET was conducted on July 2011 for which the school education department set up a cell to issue photocopies of OMR sheets to candidates for Rs 500, if they had any doubts over computing of marks. After the exam, 1,200 candidates applied for the OMR sheets but none of them managed to improve their results.


The only result is that the government coffers got richer by Rs 6 lakh. It was a similar story during the recent TET exam which was held on January 8, 2012 and the results declared on January 30.
With nearly 50 percent of candidates out of 4.50 lakh appeared failing to clear the exam, around 6,000 of them again applied for their OMR answer sheets.
The number of applicants increased as the state government came out with a DSC notification for recruitment to teacher posts on January 31.
As many of them had failed to clear the cut-off marks by one or two marks, they decided to take a chance and in the process become eligible for the DSC.
Take for example, M Venkanna, a BC candidate who got 73 marks out of 150 when the eligibility mark for BCs is 75. “I sought a copy of the OMR sheet with a fresh totaling of marks but my score did not increase. All my hopes of becoming a teacher are now dashed,” Venkanna said.

News : ibnLive (14.2.12)

8 comments:

  1. जांच में 60 फर्जी शिक्षक पकड़े गए
    वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों के पैनल सत्यापन में 60 फर्जी शिक्षकों को पकड़ा है। इसमें से 30 शिक्षक फर्जी तरीके से समायोजन की ताक में थे, जबकि बाकी 30 शिक्षक बिना परीक्षा, साक्षात्कार के फर्जी तरीके से नियुक्ति के प्रयास में थे। फिलहाल 40 से अधिक शिक्षकों के खिलाफ डीआइओएस द्वारा एफआइआर दर्ज करवाई जा चुकी है, बाकी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। अभी भी कई जनपदों के पैनल सत्यापन बाकी हैं, जिसमें कुछ और फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने की उम्मीद है। प्रदेश में कई फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने पैनल सत्यापन की जांच कराने का फैसला किया था। जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की गई थी। जांच समिति को 10 वर्षो में चयनित शिक्षकों के पैनल का सत्यापन करना था। पैनल सत्यापन का काम बोर्ड ने 26 सितंबर से शुरू कर दिया। इस जांच में सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को 10 वर्षो में भेजे गए पैनल के साथ बोर्ड दफ्तर में आना था। कहा गया कि पैनल संबंधित जिलों के जिलाविद्यालय निरीक्षक खुद लेकर आएंगे। साथ में एक वरिष्ठ कर्मचारी भी होगा। विडंबना यह है कि लाख प्रयास के बावजूद भी अभी तक सभी जिलों के पैनल सत्यापन नहीं कराए जा सके हैं। अभी तक के पैनल सत्यापन में समायोजन के नाम पर मुरादाबाद में 9, बस्ती में 16 व मेरठ में 5 फर्जी शिक्षक पकड़े जा चुके हैं। ये शिक्षक विद्यालयों में समायोजन के नाम पर फर्जी तरीके से नियुक्ति पाना चाहते थे, जबकि हाईकोर्ट ने भी समायोजन पर रोक लगा रखी है। इनमें से कई ने ज्वाइन भी कर लिया है। बोर्ड ने संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षकों को फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने को कहा है। इसी तरह प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी)व प्रवक्ता (पीजीटी) के पदों पर भी 30 फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति का खुलासा हुआ है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव शेषमणि पांडेय ने बताया कि फर्जी नियुक्तियों के प्रदेश में अब तक 60 मामले प्रकाश में आ रहे हैं। एफआइआर दर्ज कराए जाने के आदेश दिए जा चुके हैं।

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  2. अधर में लटकी शिक्षामित्रों की परीक्षा
    जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : चुनावी व्यस्तता के कारण शिक्षामित्रों की परीक्षा अधर में लटक गई है। स्थिति यह है कि जो परीक्षा जनवरी माह में होनी थी, अब तक उसका फार्म तक नहीं भराया जा सका है। परीक्षा कब से शुरू होगी, इसके बारे में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। वहीं चुनाव के कारण शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग भी रोक दी गई है। इससे शिक्षामित्रों में असमंजस की स्थिति है, क्योंकि कुछ दिनों बाद बच्चों की परीक्षा का समय आ जाएगा फिर सब उसमें व्यस्त हो जाएंगे। इसको देखते हुए शिक्षामित्र ट्रेनिंग के बहिष्कार की योजना बना रहे हैं। बेसिक स्कूलों में कार्यरत स्नातक शिक्षामित्रों को नियमित करने के लिए शासन ने जुलाई माह में दो साल की ट्रेनिंग देने की योजना शुरू की। इसके लिए प्रदेश के एक लाख 24 हजार शिक्षामित्रों का चयन हुआ। संख्या अधिक होने के कारण ट्रेनिंग को दो चरणों में कराने की योजना बनी। पहले चरण में 62 हजार शिक्षामित्रों को प्रदेश के हर ब्लाक संसाधन केंद्रों में ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें उन्हें बच्चों को पढ़ाने के साथ उनसे बातचीत एवं व्यवहार में बदलाव लाने की सीख दी जा रही है। इसकी परीक्षा जनवरी माह में होनी थी। उसमें मिलने वाले अंक के आधार पर ही शिक्षामित्रों को आगे बढ़ाया जाएगा। परंतु चुनावी व्यस्तता के कारण अभी तक परीक्षा का फार्म भी नहीं भराया गया। अधिकतर कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में लगने के कारण ट्रेनिंग भी रोक दी गई है। इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

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  3. रमाबाई नगर : टीईटी में चयन कराने में अभ्यर्थियों से धन वसूली के मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक संजय मोहन को रिमांड पर लेने के बाद पुलिस ने पूछताछ शुरू की। एसपी ने उनसे पूछताछ के बाद मामले में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की बात कही है। अभ्यर्थियों से धन वसूली के मामले का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस ने कोर्ट से वारंट लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक संजय मोहन को सात फरवरी को लखनऊ में उनके आवास से गिरफ्तार किया था। पुलिस को उनके पास 4,86,900 रुपये, 165 परीक्षार्थियों की सूची व एफआईआर की फोटो कापी मिली थी। इसके बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था। पुलिस ने 12 को पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर दिये जाने का आग्रह कर याचिका दाखिल की थी। जिला जज अली जामिन ने उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड का आदेश दिया था। शुक्रवार को यहां उनसे कड़ी सुरक्षा के बीच बंद कमरे में पूछताछ की गयी। उन्हें कुछ देर के लिए बंद वाहन से कहीं ले भी जाया गया। कोतवाल ने बताया कि पूर्व निदेशक ने महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं।

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  4. अंक पत्र पाकर भी नहीं लौटी रौनक
    शहर प्रतिनिधि, गोरखपुर : आखिरकार, माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का अंक पत्र बांटना शुरू कर ही दिया। पहले दिन शुक्रवार को महानगर के 5 माध्यमिक विद्यालयों से लगभग 50 फीसदी अंक पत्रों का वितरण हुआ। दूसरे दिन शनिवार को भी पूर्वाह्न 11 से सायं 4 बजे तक वितरण कार्य किया जाएगा। हालांकि कई ऐसे अभ्यर्थी भी थे जिनका सेंटर पर अंक पत्र ही नहीं पहुंचा था। पर, जिनके हाथों में अंक पत्र पहुंचा भी तो उनके चेहरों पर रौनक नहीं लौटी। वितरण दिन के 11 बजे से होना था। पर, दूर- दराज से आए अभ्यर्थी पूर्वाह्न 9 बजे से ही स्कूलों में जम गए थे। 10 बजते- बजते राजकीय जुबिली इंटर कालेज, मारवाड़ इंटर कालेज, एमजी इंटर कालेज, एमपी इंटर कालेज और सेंट एण्ड्रयूज इंटर कालेज में अभ्यर्थियों की लंबी लाइन लग गई। वितरण के लिए सभी विद्यालयों ने अपने यहां अलग से काउंटर खोल रखे थे। देर शाम तक जितने भी अभ्यर्थी काउंटर पर पहुंच गए उनका अंक पत्र प्रदान किया गया। हालांकि सैकड़ों अभ्यर्थी ऐसे भी थे जिनका अंक पत्र पहुंचा ही नहीं था। ऐसे में वे परेशान दिखे। उनका कहना था कि यहां भी परेशानियां पीछा नहीं छोड़ रहीं। इस बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक पीके द्विवेदी ने कहा कि जिनका अंक पत्र नहीं आया है उनकी सूची तैयार हो रही है। ऐसे अभ्यर्थी प्रवेश पत्र की छाया प्रति कार्यालय में जमा कर देंगे। इसके बाद उसे परिषद कार्यालय को भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल करीब 32 हजार अंक पत्र बांटे जाने हैं। पहले दिन लगभग 16 हजार का वितरण किया गया।

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  5. गोरखपुर : अंक पत्र लेने आए अभ्यर्थियों के चेहरों पर मायूस ही थी। वे यही सोचकर परेशान हैं कि आगे क्या होगा। पता नहीं भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी की नहीं। परीक्षार्थी ऋचा सिंह कहती हैं कि भर्ती होनी चाहिए। अगर प्रकिया रोकी गई तो अभ्यर्थियों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। देवरिया से आए दुर्गा शंकर धर द्विवेदी तो शासन और विभाग दोनों को ही कठघरे में खड़ा करते हैं। कहते हैं अन्य प्रदेशों में तो ऐसा नहीं हुआ, यही क्यों हो रहा है। जब सुचिता बनाने वाले ही सुचिता को भंग करेंगे तो बेरोजगार तो छले ही जाएंगे। उल्लेखनीय है कि जब से टीईटी प्रक्रिया शुरू हुई तब से अभ्यर्थियों के सामने सिर्फ मुश्किलें ही आई हैं। अब तो मार्कशीट मिल जाने के बाद भी वे उहापोह की स्थिति में पड़े हैं कि नियुक्ति होगी कि नहीं। अभ्यर्थियों ने की शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग गोरखपुर : टीईटी एकता मंच ने भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग की है। इसके लिए मंच ने शुक्रवार को एक बैठक की। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश संयोजक डा. धनन्जय मणि त्रिपाठी ने कहा कि बीएड बेरोजगारों को सपने दिखाकर सरकार और शिक्षा विभाग फिर से उन्हें बेरोजगार कर देना चाहती है। यदि टीईटी की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो मंच आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इस मौके पर यूसुफ आजाद, विवेक दूबे, अमित कुमार सिंह, कुलदीप दूबे, प्रदुम्न दूबे आदि मौजूद थे।

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  6. gupta bhai mere mob. ko hindi padhane nahi aati...

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  7. kya karu baruta bhai english news paper me up tet ke bare me kuch nikalata he ni hai..

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