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Sunday, February 19, 2012

8 Lecturers Got Government Job through Fake Marksheets / Certificates

आठ लेक्चर्स ने फर्जी दस्तावेजों से पाई नौकरी
(8 Lecturers Got Government Job through Fake Marksheets / Certificates)

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भोपाल। कमला नगर पुलिस ने राजधानी के सरकारी होम्योपैथिक कॉलेज के आठ लेक्चर्स के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इन्होंने फर्जी जाति और अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर कॉलेज में नौकरी हासिल की थी। कमला नगर पुलिस ने बताया कि ग्वालियर निवासी पी कुमार पिप्पल ने साल 2002 में कॉलेज के आठ लेक्चर्स द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल करने की शिकायत की थी। फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले सभी लेक्चर्स की गिरफ्तारी के लिए पुलिस शनिवार को कॉलेज जाएगी।

क्या है आरोप
पुलिस के अनुसार डॉ. राजीव सेंगर, डॉ. संतोष देशमुख, डॉ. हेमंत सोनी ने जिले की तहसील हुजूर से एवं डॉ. लिंकी रामटेके ने तहसील कार्यालय ग्वालियर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाए थे, जिनका पंजीयन तहसील कार्यालय में है ही नहीं।

इसके अलावा छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आरक्षण नियमों का लाभ लेने वाले डॉ. अंबा सिंह ने मध्य प्रदेश में खुद को अनुसूचित जनजाति का बताकर कॉलेज में नौकरी पा ली थी। इस कारण सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

कर लिए मृत प्राचार्य के दस्तखत
कमला नगर पुलिस ने बताया कि कॉलेज की व्याख्याता डॉ. पूजा शर्मा ने नौकरी पाने के लिए वसुंधरा राजे होम्योपैथिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप गुप्ता का अनुभव प्रमाण पत्र 2002 में जमा किया था, जबकि डॉ. गुप्ता की मौत अनुभव प्रमाण पत्र जारी होने के दो माह पहले हो चुकी थी। डॉ. शर्मा ने ऐसा कॉलेज में व्याख्याता की नौकरी पाने के लिए किया था।

एक साथ तीन जगह नौकरी व्याख्याता डॉ. ज्ञानेश शाक्य ने कॉलेज में नौकरी पाने पांच-पांच साल के तीन अनुभव प्रमाण पत्र जमा किए थे। तीनों प्रमाण पत्रों में एक ही समयावधि में काम करना बताया गया था। पुलिस के मुताबिक डॉ. शाक्य ने ऐसा तब किया जब वे वसुंधरा राजे होम्योपैथिक कॉलेज ग्वालियर में अपनी डिग्री पूरी करने इंटर्नशिप कर रहे थे। डॉ. शाक्य ने 1997-2005 तक खुद को राजीव गांधी फाउंडेशन चैरिटेबल हॉस्पिटल दिल्ली एवं इंदौर के एक निजी अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर होना बताया है। इसके अलावा व्याख्याता डॉ. बबीता सक्सेना ने अपने आवेदन पत्र में मूल निवासी प्रमाण पत्र के स्थान पर शपथ पत्र को मूल निवासी प्रमाण पत्र बताया, जबकि उन्होंने अपने आवेदन फार्म पर दस्तावेजों के साथ मूल निवासी प्रमाण पत्र जमा करने का उल्लेख किया था।

संस्थान के किसी भी लेक्चरर के खिलाफ कमला नगर पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने की सूचना नहीं मिली है। यदि मामला दर्ज किया गया है तो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस शनिवार को कॉलेज आएगी।
डॉ. एसके मिश्रा, प्राचार्य, शासकीय होम्योपैथिक कॉलेज

किस लेक्चरर ने क्या गलत किया
नाम------------------------आरोप
डॉ. राजीव सेंगर------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. संतोष देशमुख------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. हेमंत सोनी------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. अंबा सिंह------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. लिंकी रामटेके------------फर्जी जाति प्रमाण पत्र
डॉ. पूजा शर्मा------------फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र
डॉ. ज्ञानेश शाक्य------------फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र
डॉ. बबीता सक्सेना------------मूल निवासी के स्थान पर शपथ पत्र
नोट : नाम और आरोप कमला नगर पुलिस थाने से लिए गए हैं।


News : Bhaskar (18.02.2012)
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32 वर्ष से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी


जाति प्रमाण पत्र के सहारे एक पटवारी की शिकायत को थाने में दर्ज होने में चार माह से अधिक का समय लग गया। आखिर में मामला दर्ज हुआ तो प्रकरण में फर्जीवाड़ा करने वाले पटवारी के साथ ही, तत्कालीन एसडीएम, कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को भी नामजद किया गया है।कुशलगढ़ क्षेत्र के कुशलापाड़ा में कार्यरत पटवारी मिश्री लाल पुत्र विरम रामजी की ओर से थाने ने नौ सितंबर 2011 को लिखित में शिकायत की थी। तत्कालीन एसपी की ओर से मामले की जांच सीओ बांसवाड़ा को दी थी, इसके बाद में थाना पुलिस ने 16 फरवरी 2012 को शाम को पांच बजे प्रकरण दर्ज किया है। थाना पुलिस ने धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज के नियमित उपयोग और फर्जी दस्तावेजों को किसी न्यायालय आदि के समक्ष प्रस्तुत करने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।



कोतवाली थाने में दर्ज रिपोर्ट में आरोपी पटवारी लोहारिया क्षेत्र भुवासा निवासी धूलजी पुत्र छगन लाल पर आरोप लगाए गए हैं कि आरोपी मूल रूप से नगारची जाति का है और उसकी ओर से एससी जाति का प्रमाण पत्र लगा कर नौकरी पाई है, साथ ही प्रमोशन भी पाया है। इस मामले में आहत मिश्री लाल की रिपोर्ट पर पुलिस ने तत्कालीन उपखंड अधिकारी को आरोपी बनाया गया है। साथ ही कहा है कि जब मामले की शिकायत जिला कलेक्टर को समय समय पर की गई और गत वर्ष मामले की शिकायत संभागीय आयुक्त उदयपुर को की थी, इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। इस कारण इन दोनों को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
अभी गढ़ी के मोर गांव में पदस्थ है आरोपी
दर्ज रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला कलेक्टर भू अभिलेख की ओर से 28 फरवरी 1980 को नियुक्त पत्र दिया गया है। जारी की गई लिस्ट में आरोपी धूलजी पुत्र छगनजी का नाम 41 नंबर था और नरवाली के लिए नियुक्त दी गई थी। तब से आरोपी नौकरी कर रहा है वर्तमान में गढ़ी के मोर में कार्यरत है। वर्ष 1978 में सीधी भर्ती के जरिए पटवार परीक्षा आयोजित की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी ने तत्कालीन सब डिविजनल मजिस्ट्रेट से मिलकर और अन्य कार्मिकों की मदद से फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया था। इसके आधार पर आरोपी ने नौकरी प्राप्त की। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले मिश्री की ओर से आरोपी की जमीन आदि के दस्तावेज भी दिए हैं, इसमें आरोपी की जाति का उल्लेख किया गया है। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
तब धनेश्वर पाटीदार थे उपखंड अधिकारी
जिस समय बांसवाड़ा में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई तब धनेश्वर पाटीदार (29 मई 76 - 7 जुलाई 78) बांसवाड़ा में उपखंड अधिकारी थे, जबकि आरोपी को नौकरी मिली तब राम प्रसाद (8 जुलाई 78 - 26 अक्टूबर 81) के पास उपखंड अधिकारी का कार्यभार था।

News : Bhaskar (18.2.12)

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फर्जी डिग्री संचालकों पर होगी कार्रवाई

रतिया, संवाद सहयोगी : रतिया व उसके आसपास के इलाके में फैले हेपेटाइटिस सी की बीमारी को फैलाने में दंत चिकित्सकों की भूमिका होने पर संदेह जताया गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने बिना डिग्री तथा फर्जी डिग्री के सहारे क्लीनिक चला रहे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बनाया है। इसके लिए विभाग ने एक टीम गठित की गई है। रतिया क्षेत्र में इन दिनों हेपेटाईटिस सी की बीमारी अधिक फेल रही है। पीजीआई से सर्वे के लिए आई टीम ने इस बीमारी का एक कारण दंत चिकित्सकों द्वारा उपचार के दौरान लापरवाही बरतने का कारण भी माना है। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों का मानना है कि क्षेत्र में दंत चिकित्सकों की अनेक दुकानें हैं। उन्होंने अंदेशा जताया है कि बिना डिग्री धारक डॉक्टर जो अज्ञानता के अभाव में बिना पानी में उबाले औजार एक मरीज से दूसरे मरीज पर प्रयोग करते हैं। जिसकी वजह से भी इस रोग के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। क्षेत्र में हेपेटाइटिस की की बीमारी उजागर होने के बाद व मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद स्वास्थ्य विभाग हेपेटाइटिस बीमारी की रोकथाम के लिए सक्रिय हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के 27 डाक्टरों की टीम आई हुई है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने जहा डिस्पोजल सीरिज का प्रयोग करने पर सभी डाक्टरों को हिदायतें देकर बोर्ड लगा दिए थे।
इस बारे में जब सिविल सर्जन डॉ. सूरजभान कंबोज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह रोग इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के संक्रमित खून के संपर्क में आने से, यौन संबंधों से हो जाता है। जिसमें से दंत चिकित्सकों द्वारा अनजाने में या लापरवाही से दूषित औजार प्रयोग किए जाने से हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डिग्री धारक दंत चिकित्सकों को हिदायतें दी जाएंगी कि दंत चिकित्सा में नए औजारों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि बगैर डिग्री धारक व फर्जी डिग्री धारकों पर कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई है। जो भी क्लीनिक संचालक फर्जी अवस्था में मिला उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

News : Jagran (17.2.12)

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जामिया की फर्जी डिग्री बेचते थे 55 हजार में

वरिष्ठ संवाददाता॥ नई दिल्ली क्राइम ब्रांच ने साउथ दिल्ली से 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर जामिया मिल्लिया की फर्जी डिग्रियां और मार्कशीटें बनाकर बेचने का आरोप है। इनके कब्जे से पुलिस को ऐसे लोगों की डिटेल भी मिली है, जिन्होने इनसे फर्जी डिग्री खरीदकर दिल्ली और एनसीआर की कई जानी-मानी कंपनियों में नौकरी हासिल की। पकड़े गए लोगों की पहचान निमेश प्रुथी (29), मार्टिन (35), आतिफ (28), रेहान खान (26) और जितेंद्र उर्फ साहिल (29) के रूप में हुई है। ये लोग 100 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट 50 से 55 हजार रुपये में बेच चुके थे।

पुलिस ने आरोपियों के ठिकाने से जामिया मिल्लिया की बीए/बीकॉम की 30 फर्जी डिग्रियों के अलावा 12वीं की कई मार्कशीटें जब्त की हैं। पुलिस को आरोपियों से एक सेंट्रो कार भी मिली जिसमें बैठकर वे क्लाइंट से बात किया करते थे। क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर संदीप गोयल ने बताया कि पुलिस टीम को पता चला कि गिरोह के लोग 3 अगस्त को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक होटल की पार्किंग में डील करने पहुंच रहे हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सेंट्रो कार में बैठे फरीदाबाद के निमेश, नेब सराय के मार्टिन और ओखला के आतिफ को गिरफ्तार कर लिया। मौके पर उनके पास से पुलिस को जामिया मीलिया की 4 फर्जी डिग्रियां और मार्कशीटें बरामद हुईं।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि फर्जी डिग्रियां और मार्कशीटें रेहान और जितेंद्र उर्फ साहिल से मिलती हैं, जो इन्हें ओखला में लैपटॉप, रबर स्टांप और स्कैनर की मदद से तैयार करता है। फर्जी सर्टिफिके बनाने में इस्तेमाल कागज चावड़ी बाजार से मिल जाता था। इस पर पुलिस ने ओखला में रेड डालकर रेहान और जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। यहां पर पुलिस को जामिया मिल्लिया की 26 डिग्रियों के अलावा 7 कोरे माईग्रेशन सर्टिफिकेट्स, 2 फर्जी रबर स्टांप, 7 कोरे ट्रांसफर सर्टिफिकेट्स मिले।  

News : Navbharat Times Epaper

20 comments:

  1. शिक्षा घोटाला: पैसा फेंको, टीचर बनो
    माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित हाइस्कूल और इंटर बोर्ड की परीक्षा के अतिसंवेदनशील होने के बावजूद उस पर कभी 'घोटाले' का दाग नहीं लगा, जबकि इसी परिषद द्वारा पहलीबार कराई गई अध्यापक पात्रता परीक्षा(टीईटी) का परिणाम तमाम संदेहों के घेरे में है.
    आरोप है कि पैसे लेकर अयोग्य लोगों को पास किया गया. उत्तर प्रदेश में सामने आ रहे इस नए घोटाले में माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक संजय मोहन समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 96.94 लाख रु. भी बरामद हुए हैं. संजयमोहन की गिरफ्तारी 7 फरवरी को उनके लखनऊ स्थित निवास से की गई है.
    गिरफ्तार लोगों के बयान, बरामद दस्तावेजों और जांच में लगे पुलिस अधिकारियों की मानें तो यह परीक्षा घोटाला लगभग 200 करोड़ रु. का है. 12 करोड़ रु. का खुलासा हो चुका है.
    इस घोटाले की जांच कर रहे रमाबाई नगर (कानपुर देहात) के पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे कहते हैं, ''यह घोटाला सिर्फ 12 करोड़ रु. तक सीमित नहीं है और इसमें संजय मोहन समेत कई लोग शामिल हैं.'' निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम लागू होने के बाद बीएड डिग्री धारकों को शिक्षक बनाने का फैसला हुआ. फिर टीईटीका नियम बना दिया गया. अब इस परीक्षा को पास किए बगैर कोई शिक्षक नहीं बन सकता. यहीं से जोड़-जुगाड़ शुरू हुआ.
    उत्तर प्रदेश शासन को लगभग 72,000 शिक्षकों की जरूरत है. इसके लिए 13 नवंबर, 2011 को टीईटी परीक्षा कराई गई. परीक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद को सौंपी गई. इसमें 11 लाख से ज्‍यादा बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थी शामिल हुए जिसमें सिर्फ 2,70,000 पास हुए.
    परिणाम आते ही आरोपों से घिर गया. परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण बीच में ही रुक गई. चुनाव आयोग के आदेश पर काला धन बरामदगी के लिए रमाबाई नगर में 31 दिसंबर को पुलिस ने वाहनों की चेकिंग की थी, तभीएक टैक्सी में 46,73,000 रु. के साथ 5 लोग धरे गए. पकड़े गए लोगों ने ही शिक्षा विभाग के इस महाघोटाले का पर्दाफाश किया. इसके बाद से अब तक माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक संजय मोहन सहित 12 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
    केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने इस घोटाले को बहुत गंभीरतासे लिया है और इसकी सीबीआइ जांच करवाने की मांग की है. रमाबाई नगर के एस.पी. सुभाष चंद्र दुबे के अनुसार, ''गिरोह चूंकि शिक्षा विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी संचालित कर रहा था, इसलिएयह काम पूरी तरह से फल-फूल रहा था. चुनाव के कारण भंडाफोड़ हो गया. अब कोईबचेगा नहीं.'

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  2. ALLAHABAD: The Allahabad High Court on Friday dismissed all the five bunches of writ petitions, filed by thousands of candidates against the UP Teachers Eligibility Test ( UPTET) 2011 for appointment of teachers in elementary schools, scheduled to be held on November 13, 2011.

    The judgement was delivered by Justice Dilip Gupta on a bunch of writ petitions filed by the candidates, seeking their inclusion/exclusion in the TET examination 2011 with certain conditions.

    Dismissing the bunch of writ petitions, the court said that all these are policy decisions and court should not sit in judgement over the wisdom and effectiveness or otherwise of the policy laid down by the academic body.
    ...
    "It is exclusively within the domain of the academic body to determine as a matter of policy, what measures should be incorporated for the efficient holding of the examination," the court added while dismissing all the writ petitions.

    B PEd, D PEd, LT and distance education candidates are among the petitioners. Similarly, some writ petitions have also been filed for inclusion of Sanskrit as language in second paper of the test along with Urdu and English.

    The BTC candidates took the ground that first batch of the said training has already been given appointment and has also joined, whereas the petitioners, instead of being given appointment, are being compelled to appear in UPTET- 2011. Similar plea has been taken by the candidates of special BTC 2007 and 2008.

    In addition, the candidates having obtained the degree of Physical Education through distance mode have contended that their course is duly recognized by the NCTE and therefore they should also be given opportunity to appear in UPTET- 2011
    (News source Mr. Shashank Trivedi)

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  3. ALLAHABAD: The Allahabad High Court on Friday dismissed all the five bunches of writ petitions, filed by thousands of candidates against the UP Teachers Eligibility Test ( UPTET) 2011 for appointment of teachers in elementary schools, scheduled to be held on November 13, 2011.

    The judgement was delivered by Justice Dilip Gupta on a bunch of writ petitions filed by the candidates, seeking their inclusion/exclusion in the TET examination 2011 with certain conditions.

    Dismissing the bunch of writ petitions, the court said that all these are policy decisions and court should not sit in judgement over the wisdom and effectiveness or otherwise of the policy laid down by the academic body.
    ...
    "It is exclusively within the domain of the academic body to determine as a matter of policy, what measures should be incorporated for the efficient holding of the examination," the court added while dismissing all the writ petitions.

    B PEd, D PEd, LT and distance education candidates are among the petitioners. Similarly, some writ petitions have also been filed for inclusion of Sanskrit as language in second paper of the test along with Urdu and English.

    The BTC candidates took the ground that first batch of the said training has already been given appointment and has also joined, whereas the petitioners, instead of being given appointment, are being compelled to appear in UPTET- 2011. Similar plea has been taken by the candidates of special BTC 2007 and 2008.

    In addition, the candidates having obtained the degree of Physical Education through distance mode have contended that their course is duly recognized by the NCTE and therefore they should also be given opportunity to appear in UPTET- 2011
    (News source Mr. Shashank Trivedi)

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  4. Can any one provide rajesh rao mobile number .

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  5. Yaar uttar pradesh madhymik siksha parishad jab itne bade exam itna bada ghotala kara sakti hai ,toh phir ye siochne wali bat hai ki 10TH ,12TH ,BA ,B.ED MAIN KYA SE KYA HOTA HOGA.

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  6. WAHAN PAR TO KARIB 60 LAKH CANDIDATES HOTE HAIN.

    Bahut sare school aur colleges ne to ghoosh dekar manyata pai hai.




    09224305305

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  7. up main paisa pheko aur academics me man chahe number mil sakte hai yaaro.

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  8. kabhi up ka naam tha education ke mamle main.
    10th pass karna ek challenge hota tha aur kisi school main ek ya do hi first class aate the.

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  9. aise log competition beat karne ki takat rakhte thee. Aur nakal ka naam nahi tha.


    yah sab bigda mulayam sarkar ke dauran.

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  10. aaj up ka education system bhagwan bharose hai.


    Jab tet jaise exam sahi tarike se nahi ho sakte to board exams ke baare me sooch hi nahi sakte.

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  11. Every ovne is free to comment on my views.
    09224305305

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  12. ab nakalmar candidates ke karan sahi log bhi sak ke dayre main aa gaye hain

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  13. Par ab kalyug hai . Aur aise he karne wale succes hai.

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  14. Kalyug ho ya satyug lekin andher kahi nahi chalta hai.Hame aage badhker jung jitna hoga.Bhartiy jan manas ko apne-apne farz pure karne honge.

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  15. CASE RELATED TO speed post documents OF TET CANDIDATES NOT REACHED in time in the office of D.I.E.T


    Earlier news provided by MUSKAN ji

    http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2012/02/uptet-questioning-for-original.html

    •टीईटीउत्तीर्ण अभ्यर्थियों के दस्तावेज देर से पहुंचे डायट
    इलाहाबाद। शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण दर्जनभर अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेजों के डायट में देर से पहुंचने...............अवधेश कुमार और अन्य अभ्यर्थियों की ओर से इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। .........न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने भारत सरकार को एक माह में जवाब देने को कहा है।




    The copy of same judgement



    Case :- WRIT - A No. - 7413 of 2012

    Petitioner :- Awadhesh Kumar & Others
    Respondent :- State Of U.P. & Others
    Petitioner Counsel :- Ved Mani Tiwari,Ashish Pandey
    Respondent Counsel :- C.S.C.,A.S.G.I. (2012/2902),C.N. Tripathi

    Hon'ble Sudhir Agarwal,J.
    1. Sri U.S. Upadhyay, Advocate who has put in appearance on behalf of respondent no. 3 states that he may be granted time to file reply so that the issue as to what prompted respondent no. 3 to commit default by not serving speed post documents well in time in the office of concerned Principal, D.I.E.T. may be examined hereat by this Court and responsibility of post office may also be determined in this very matter.
    2. As prayed, a month's time is allowed to file counter affidavit.
    3. List immediately after expiry of aforesaid period.
    Order Date :- 9.2.2012


    http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=1687087





    NEXT HEARING DATE

    Writ - A : 7413 of 2012 [Allahabad]
    Petitioner: AWADHESH KUMAR & OTHERS
    Respondent: STATE OF U.P. & OTHERS
    Counsel (Pet.): VED MANI TIWARI
    Counsel (Res.): C.S.C.
    Category: Service-Writ Petitions Relating To Primary Education (teaching Staff) (single Bench)-Appointment
    Date of Filing: 07/02/2012
    Last Listed on: 09/02/2012 in Court No. 33
    Next Listing Date (Likely): 12/03/2012


    http://www.allahabadhighcourt.in/casestatus/caseDetailA.jsp?type=WRIA&num=7413&year=2012

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  16. * In chauron k ELECTION ne hum ko BARBAD kar diya......

    * In 403 Vidhaykon ka chayan 72,825 TEACHERs k chayan se jyada important hei...

    *Is DESH mein In NETAON ka raaj hei......

    kaun kehta hei ki yahan LOKTANTRA hei...

    * Jis DESH k PRESIDENT ka ladka CONGRESSI hei aur uske paas 1 CRORE rs GAIR KANUNI mile hein....

    * In sab ko apne ELECTIONs ki padi hei....

    * Hum 2 LAKH 70 Hajar log apne 8-10 hajar kharch karke pichle 6-7 months se theek se soye tak nahi...


    * FIR BHI AAP INKO APNA NETA CHUNTE HEIN.....

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  17. sab chor hain. Pehle khuda par or phir khud par vishwas karo, or kisi par nai. Yahan sab chor h. Ye shahidoun ke kafan kha gaye to ap or hum kya h. Ye darinde h, adamkhor h. In par vishwas mat karo. Har su kalabazari h. Khuda par bharosa rakho, wo sub kuch janta h, sub kuch dekh raha h. Aj nai to kal haqtalfi karne walo ko saza zarur milegi. Agar kanun na de saka to KHUDA saza dega. Khuda k kanun k age dunia walo ka kanun kuch b nai.

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  18. HUM LOGO KI PROBLEM KA ASLI JIMEDAR HIGH COURT HAI. 2 MONTHS SE STAY KYO LAGAYA? KYA AD ITNA BADA ISSUE THA?

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  19. abe kyo lad rahe ho?jis par bhi selection hona hoga ho jayega.. Apas me ladkar mat maro..
    Amit Jaiswal
    lakhimpur uptet morcha adyach
    mob-8423431789

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