Madhya Pradesh Samvida Shikshak Teacher Recruitment News -
भोपाल। संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण ऐसे उम्मीदवार जिन्हें 50 प्रतिशत के टंटे में रोक दिया गया है, का धैर्य अब टूटने लगा है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शासन की ओर से किसी भी प्रकार का संकेत ना मिलने के बाद अब गंभीर आंदोलन की तैयारियां शुरू हो गईं हैं।
अभ्यर्थी अभिषेक कांत पाण्डेय ने भोपालसमाचार.कॉम को भेजे मेल में बताया कि मध्य प्रदेश में व्यापम परीक्षा उतीर्ण योग्य ऐसे बेरोजगारों जिन्होंने बीए व डीएड की डिग्री एनसीटीई के नियमानुसार प्राप्त की लेकिन उन्हें नौकरी इसलिए नहीं दी जा रही है कि उनका पिछली परीक्षा स्नातक या इंटर में 50 प्रतिशत से कम अंक है।
इस कारण से ऐसे हजारों योग्य उम्मीदवारों को बाहर कर दिया वहीं व्यापम परीक्षा में अनुत्तीर्ण अतिथि शिक्षकों के हवाले माडल स्कूल सौंप दिया गया है। सरकार की अदूरदर्शिता के चलते व्यापम परीक्षा उतीर्ण बीएड व डीएड डिग्री धारक सड़कों पर आंदोलन करने के लिए बाध्य हो गये हैं।
संविदा शाला वर्ग 1 व 2 हजारों सीटें रिक्त है। जबकि 14 जून 2013 को हाईकोर्ट जबलपुर का एक फैसले में 50 प्रतिशत की बाध्यता को निरस्त कर दिया गया वहीं सरकार को चार हफ्ते में शीध्र भर्ती करने को आदेश भी दिया गया है।
इसके बावजूद व्यापम परीक्षा में अनुतीर्ण कुछ अतिथि शिक्षक को माडल स्कूल में पढ़ाने का दायित्व सौंपा गया है। जबकि प्रदेश में हजारों योग्या व्यापम परीक्षा उतीर्ण बीएड एवं डीएड योगयातधारी की अनदेखी की जा रही है।
व्यापम परीक्षा उमीर्ण और संविदा शाला वर्ग दो के उम्मीदवार मनीष नामदेव को कहना है कि जब हमने एनसीटीई के नियमानुसार बीएड का प्रशिक्षण स्नातका में 50 प्रतिशत से कम अंक में किया और बीएड उतीर्ण के साथ व्यापम की परीक्षा उतीर्ण की है तो सरकार हमारी अनदेखी नहीं कर सकती है। अगर जल्द सरकार चेती नहीं तो हम फिर अपने हक के लिए सड़को पर उतरेंगें
भूकंप आया तो सेना बुलाओ..
ReplyDeleteकहीं भी कोई आपदा आये तो सेना बुलाओ..
कहीं बाढ़ आये तो सेना बुलाओ..
कहीं नक्सली हमला हो जाए तो सेना बुलाओ..
कोई बच्चा बोरवेल पाइप मेंफंस जाए तो सेना बुलाओ..
कोई दंगा फसाद हो जाए तो सेना बुलाओ..
और जो इनके ऊपर भारतीय सीमाओं
की सुरक्षा की जिम्मेवारी है वो अलग..
अब कोई ये बताये कीहमारा लोकतंत्र
क्या घास चरने चला जाता है..
कोई नेता मंत्री नहीं.. सेना के हाथों में पूरा देश दो.. पुरे देश की सुरक्षा सेना के हाथों में दो...
और इन सेनिको के शहीद होने के बाद इनके परिवार की कोइ सुध भी नही लेता ।।
लाल बहादुर शास्त्री जी की रहस्यमयी मृत्यु !
ReplyDeleteक्या आप जानते हैं हमारे देश के अभी तक के सबसे
अच्छे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु
एक षड़यंत्र के तेहत हुई है . शास्त्री जी को दूध में
ज़हर मिलाकर दिया गया था. शास्त्रीजी हमेशा उनके
रसोइये के हाथ का खाना ही खाते थे और
उनका रसोइया हर जगह उनके साथ जाता था . 10
जनवरी 1966 को शास्त्री की तस्केंत दौरे पर गए थे
पाकिस्तान से शांति समझोते के लिए. और उस दिन
वह उनके रसोइये का अपहरण कर लिया गया और
उसकी जगह किसी और को बिठा दिया गया.
शास्त्री को रात को दूध पीकर सोने की आदत थी और
उस दिन जब उन्होंने दूध पिया तो उनकी दूध पीते से
ही मृत्यु हो गयी. दूध में बहुत ज्यादा मात्रा में ज़हर
था इतना की शास्त्री जी का शरीर पूरा नीला पड़
गया था.
पर भारत सरकार ने इस बात को छुपा दिया और
सबको बताया गया की शास्त्री जी की मृत्यु दिल
का दौरा पड़ने से हुई है . जब शास्त्री जी के डॉक्टर
को सरकार की बात पर शक हुआ और उनके मृत शरीर
को देखने का आग्रह किया तो सरकार ने माना कर
दिया .जब
शास्त्री जी की पत्नी श्रीमती ललिता देवी जी ने
आग्रह किया तो सरकार को मज़बूरी में उन्हें
दिखाना पड़ा और देखने के बाद ललिता जी ने
पाया की शास्त्री जी का शरीर पूरा नीला था और
वो बार बार सरकार से
कहती रही की शास्त्री जी मृत्यु ज़हर देने की वजह से
हुई है पर सरकार ने उनकी एक न सुनी और यहाँ तक
की सरकार ने शास्त्री जी का पोस्ट मार्टम तक
नहीं होने दिया. और इसके बाद शास्त्री जी पर
भ्रष्टाचार के झूठे आरोप भी लगाये , जो की जांच के
बाद गलत साबित हुए .
शास्त्री जी ही अभी तक एक मात्रा ऐसे प्रधान
मंत्री रहे हैं जो वास्तव में किसान और
सैनिको का भला चाहते थे. वो देश को स्वदेशी तरीके
से चलाना चाहते थे
लड़कियों की स्कूटी पर भले ही दो की जगह चार ब्रेक लगवा दो फिर भी..
ReplyDelete.
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रोकती पैरों से ही हैं..
Best Message Ever In The
ReplyDeleteGalaxy:
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Do You Know Why Love Is
Blind ??
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Because...
Your MOM Started To LOVE
You Before Seeing Your
Face.. ....
शिक्षामित्र नहीं जानते राष्ट्रपति का नाम
ReplyDeleteUpdated on: Wed, 26 Jun 2013 07:22 PM (IST) निज प्रतिनिधि, फीरोजाबाद : परिषदीय
स्कूलों में बच्चे क्या सीख रहे हैं।
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है
कि स्कूलों में पढ़ाई का जिम्मा विभाग ने जिन पर
छोड़ रखा है वो देश के राष्ट्रपति का नाम तक
नहीं जानते हैं। बुधवार को इसका प्रत्यक्ष प्रमाण जिलाधिकारी दफ्तर में मिला। एक शिक्षामित्र
राष्ट्रपति का नाम तक नहीं बता सके। राइटर
की मांग कर रहे शिक्षामित्र के इस सामान्य
ज्ञान पर जिलाधिकारी ने इन्हें वापस
लौटा दिया। बुधवार को जिलाधिकारी दफ्तर में पहुंचे
प्राथमिक विद्यालय सिंहपुर एका के एक
शिक्षामित्र ने शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए
राइटर की मांग की। विकलांग शिक्षामित्र
की व्यथा को सुनकर जिलाधिकारी इनकी मांग
पर भी सुनवाई करती, लेकिन अचानक जिलाधिकारी ने शिक्षामित्र से
राष्ट्रपति का नाम पूछ लिया। डीएम
संध्या तिवारी द्वारा राष्ट्रपति का नाम पूछने
पर यह शिक्षामित्र इधर-उधर देखने लगे। काफी देर
सोचने के बाद भी शिक्षामित्र
राष्ट्रपति का नाम नहीं बता सके। इस सामान्य ज्ञान पर डीएम भी खफा हुई तथा शिक्षामित्र
को वापस लौटा दिया। शिक्षामित्र ने
जिला विद्यालय निरीक्षक दफ्तर में
भी प्रार्थना पत्र दिया हुआ है। जब
शिक्षामित्रों का हाल यह है तो आखिर
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का क्या हाल होगा।
पाकिस्तान की जेल में एक और भारतीय कैदी की हत्या.
ReplyDeleteUpTA Evenîng►►टीईटी में गणित ने उलझाया
ReplyDeleteUpdated on: Thu, 27 Jun 2013 08:40PM (IST)
जागरण संवाददाता, आगरा: टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) गुरुवार कोदो पालियों में हुई। परीक्षा में अभ्यर्थी गणितके सवालों में उलझे रहे। पंजीकृत 3 हजार 648 अभ्यर्थियों में से 3 हजार349 ने परीक्षा दी। 299 अभ्यर्थी परीक्षा में अनुपस्थित रहे।
गुरुवार को सुबह की पाली में 10 से 12:30 बजे तक छहपरीक्षा केंद्रों और दोपहरकी पाली में 2:30 से 5:30 बजे तक एक केंद्र पर परीक्षा हुई। सुबह कीपाली में प्राथमिक स्तर की टीईटी का पेपर पांच भागों में विभक्त था। हिंदी, अंग्रेजी, गणित, बाल विकास, मनोविज्ञान और पर्यावरण परआधारित कुल 150 प्रश्न अभ्यर्थियों को हल करने थे। प्रत्येक भाग के लिए 30-30 प्रश्न निर्धारित थे। सुबह की पाली में पंजीकृत 3 हजार 528 में से282 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। वहीं, दूसरी पाली में राजकीय इंटर कॉलेज में प्राथमिक स्तर की टीईटी काभाषाई विषयों का पेपर हुआ।इसमें पंजीकृत 120 में से 17 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। शुक्रवार को पहली पाली में 37 औरदूसरी में तीन परीक्षा केंद्रों पर जूनियर स्तर की परीक्षा होगी। पहली पाली में 19 हजार 262 और दूसरी में 1 हजार 776 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे।
डीआइओएस राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई। शुक्रवार की परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
roshan G
ReplyDeleteदोस्तो एक जुलाई को एस के पाठक की रिट जो ओल्ड ऐज को लेकर है की सुनवाई होगी अब अगर हमारी रिट जो ओल्ड विज्ञापन को लेके है उसकी भी सुनवाई एक साथ हो सकती है ।
एक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गयी. वैसे
ReplyDeleteतो घडी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से
जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था.
उसने खुद भी घडी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे में
खोजता तो कभी बाड़े तो कभी अनाज के ढेर में ….पर तामाम
कोशिशों के बाद भी घड़ी नहीं मिली. उसनेनिश्चय
किया की वो इस काम में बच्चों की मदद लेगा और उसने आवाज
लगाई , ” सुनो बच्चों , तुममे से जो कोई भी मेरी खोई घडी खोज
देगा उसे मैं १०० रुपये इनाम में दूंगा.”
फिर क्या था , सभी बच्चे जोर-शोर दे इस काम में लगा गए…वे
हर जगह की ख़ाक छानने लगे , ऊपर-नीचे , बाहर, आँगन में ..हर
जगह…पर घंटो बीत जाने पर भी घडी नहीं मिली.
अब लगभग सभी बच्चे हार मान चुके थे और किसान
को भी यही लगा की घड़ी नहीं मिलेगी, तभी एक लड़का उसके
पास आया और बोला , ” काका मुझे एक मौका और दीजिये, पर
इस बार मैं ये काम अकेले ही करना चाहूँगा.”
किसान का क्या जा रहा था, उसे तो घडी चाहिए थी, उसने तुरंत
हाँ कर दी.
लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जानेलगा…और जब वह
किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में थी.
किसान घड़ी देख प्रसन्न हो गया और अचरज से पूछा ,” बेटा,
कहाँ थी ये घड़ी , और जहाँ हम सभी असफल हो गए तुमने इसे
कैसे ढूंढ निकाला ?”
लड़का बोला,” काका मैंने कुछ नहीं किया बस मैं कमरे में गया और
चुप-चाप बैठ गया, और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान केन्द्रित करने
लगा , कमरे में शांति होने के कारण मुझे घड़ी की टिक-टिक सुनाई
दे गयी , जिससे मैंने उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और
आलमारी के पीछे गिरी ये घड़ी खोज निकाली.”
Friends, जिस तरह कमरे की शांति घड़ी ढूढने में मददगार साबित
हुई उसी प्रकार मन की शांति हमें life कीज़रूरी चीजें समझने में
मददगार होती है . हर दिन हमें अपने लिए थोडा वक़्त
निकालना चाहिए , जसमे हम बिलकुल अकेले हों , जिसमे हम
शांति से बैठ कर खुद से बात कर सकें और अपने भीतर
की आवाज़ को सुन सकें , तभी हम life को और अच्छे ढंग से
जी पायेंगे...
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This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteabhi ham logo ki date confirm nhi hui hai kya tmntbbn bhai? O.K. Gud nyt
ReplyDeleteBest of luck everyone to tet exam(junior).
ReplyDeleteBest of luck everyone to tet exam(junior).
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