Read more: http://joinuptet.blogspot.com (VISIT ALSO FOR UPTET SPECIFIC INFO)
HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD
?Court No. - 33
Case :- WRIT - A No. - 54362 of 2011
Petitioner :- Indrasan Singh
Respondent :- State Of U.P. And Others
Petitioner Counsel :- R.P.Dubey,Manoj Kumar Singh
Respondent Counsel :- C.S.C.,V.K.Kushwaha
Hon'ble Arun Tandon,J.
Shri K.S.Kushwaha, learned Standing Counsel made an attempt to suggest to this Court that in view of Section 2 (n) read with Section 23 and Section 38 of the Right to Free and Compulsory Education Act, 2009 along with the notification issued by the Central Government dated 31.03.2010 appointing National Council for Teachers Education (N.C.T.E.) as the academic authority to lay down the minimum qualifications for a person to be eligible to be appointed as teacher along with Rule 15 of the U.P. Right to Free and Compulsory Education Rules, 2011 submits that no teacher in any institution covered within the definition of School under Section 2(n) of the Act, 2009 which will include all institutions run by the Basic Shiksha Parishad namely Junior Basic Schools and Senior Basic Schools as well as recognised and aided Junior High School, can be appointed unless he has passed teacher's eligibility test. In view of the recital in the notification dated 27.07.2011 pertaining to the Rules, 2011 all earlier Rules on the subject with regard to the qualification of teachers in Schools stand superceded. Therefore, the district level authorities are justified in refusing to nominate a nominee to the Selection Committee to be constituted under the Rules, 1978 for the Junior High Schools concerned in as much as in the Advertisement it had not been mentioned that the persons with T.E.T. qualification alone can apply.
This Court will address to the contentions so raised later. But on reading of Section 23 of Act, 2009 proviso, this Court finds that it has further been provided that if a teacher already working and is not possessed of the minimum qualification as is laid down under Section 23 shall acquire minimum qualification within a period of five years.
The question, therefore, arises as to whether the State after framing the Rules of 2011 has issued any direction/notification to all education authorities of the State of U.P. asking them to ensure that the teachers already working in various institutions run and managed by the Basic Shiksha Parishad as well as those which are recognized and aided Junior High Schools are made aware of the said requirement of passing the TET examination within five years from the date the said qualification has come into force.
Let the Secretary (Secondary Education) file his personal affidavit disclosing whether any such letter/circular with reference to Section 23(3) has been issued by the State till date and, if not, reasons for the same must be stated. He also explain as to how the statutory Rules framed in exercise of powers under Section 19 of the U.P. Basic Education Act can be superceded by framing of Rules in exercise of powers under Section 38 of Act No. 35 of 2009.
Prima facie this Court is of the opinion that both the Acts operate in separate fields.
Put up for further hearing on 01.05.2012.
Dated :17.04.2012
VR/54362/11
राहुल सविता
ReplyDeleteआप जल्दी से सुधर जाओ क्योँकि पुराना विज्ञापन बहाल होने के उपरान्त आपको सुधरने हेतु कोई अतिरिक्त समय नहीँ दिया जाएगा।
और आपको ये चेतावनी दी जाती है कि फिर से किसी की आई॰डी॰ बना कर लोगोँ को ग़ुमराह न करेँ।
dupliket TMNTBBN tum hosh me aa jaao nahi to tumhaare naam se 1 rit padegi
ReplyDeleteaur jis koleg me tum studantt ho main uska presipall reh chooka hun
hum tumhari int se int bajaa denge.
logon ko gumraah karna chhod de nahi to tumaari maa ko chod denge
ReplyDeleteagar nahi sudharna hai apni bahan ko mere paas bhej de kameene duplikat I.D waala
ReplyDeletekya gaali galouz kar rahe ho aap log bhaavi teacher hain aapko ye sab shobha nahi deta
ReplyDeleteएक युग पूर्व पांडवों ने साम्राज्य से अपना अधिकार त्यागकर सिर्फ पांच गाँव स्वीकार करने पर सहमति दी थी,,,, नतीजा,,, कौरवों से सुई की नोक के बराबर जमीन लेने के लिए उन्हें कुरुक्षेत्र की धरती को खून से लाल करना पड़ा था ,,अपने अपनों की ही लाशों का पुल बनाकर,,,,
ReplyDeleteएक बार यदि आप अपने अधिकारों के प्रति रत्ती भर भी समझौतावादी रुख अख्तियार करने को तैयार हो जाते हैं तो आप अपने ही विपक्षी की नज़रों में गिर जाते हैं ,,,,, दुर्योधन ने युधिष्ठिर को बिलकुल सही सबक सिखाया था ,,,,, दुर्योधन ने सुई की नोक के बराबर जमीन ना देने की बात कहकर संसार को शिक्षा दी थी कि किसी को भी अपने अधिकारों का त्याग करने पर कितने गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं,,,, पांडवों ने महाभारत में अपना सब कुछ खोकर वो पाया जिसे वो शायद अपनी जिद के सहारे ही पा सकते थे,,, जिद का जवाब जिद ही हो सकता है,,,, जिद्दी और अड़ियल होना शायद कुछ लोगों की नज़रों में अच्छा ना होता हो लेकिन कई बार इसके सिवाय कोई विकल्प ही नहीं होता ,,,,,, इस बार न्याय के पक्ष में लड़ रहे टेट मेरिट चाहने वाले पांच गाँव नहीं मांगेंगे बल्कि सारा साम्राज्य मांगेंगे ,,इस बार हम सुई की नोक के बराबर जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं होंगे ..... हमें हमारी सम्पूर्ण टेट मेरिट चाहिए ,,,,,
जितना अधिकतम किया जा सकता था वो करने की मैंने कोशिश की है ,,कितना सफल रहा हूँ ये तो मैं नहीं जानता लेकिन मेरा मानना है कि समस्याओं को दबाने की प्रवृति घातक ही होती है ,,,, यदि मैं गलत हूँ तो मुझे गलत साबित होकर बहुत खुशी होगी,,, वैसे अब मुझे लगता है कि यदि इलाहाबाद में मीटिंग होती है तो सवाल-जवाब के लिए मेरा वहां होना या ना होना ज्यादा मायने नहीं रखेगा ,,,, उम्मीद कर्ता हूँ कि फोन पर गुपचुप तरीके से एक ही सवाल के सौ जवाब दिए जाने की प्रवृति का परित्याग किया जाएगा ,,,, शेष जीतने के बाद,,,,
ReplyDeleteहमारी रिट पर 24 के बाद हस्ताक्षर होंगे फिर वह डबल बेँच पहुँचेगी । हमारा विषय यह है कि क्या किसी अंतिम स्तर तक पहुँच चुकी किसी भर्ती के नियम बदले जा सकते है ? क्या prospective amendment का प्रभाव retrospective हो सकता है ? इन दोनोँ प्रश्नो का जवाब कोर्ट NO मे दे चुका है ।
ReplyDeletesrf TETians hi koshish kre qk ve kr paynge gunank wale apna dimag na lgaya qk unke baska nhi h ye.... if 4+5=41
ReplyDelete, 5+6=122,
6+7=255
then 7+8=?
Neelesh purohit
ReplyDeleteसर्व शिक्षा अभियान पर लगा ग्रहण
- लेटलतीफी के कारण केंद्र ने नहीं दी 1748 विद्यालयोंको मंजूरी
----------------
राजीव दीक्षित, लखनऊ : सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2011-12 में मंजूर स्कूलों में से छह सौ से ज्यादा नहीं बन सके। जमीन न मिलने के कारणपांच सौ स्कूलों का निर्माण तो अभी शुरू नहीं हो सका है। जमीन न मिलने के कारण ही राज्य ने 2011-12 में स्वीकृत 205 प्राथमिक व 67 उच्च प्राथमिक स्कूलों को सरेंडर करने की पेशकश की है। हालांकि केंद्र ने स्कूलों को सरेंडर करने के प्रस्ताव को यह कह कर ठुकरा दिया कि स्कूलों के निर्माण के लिए पैसा दिया जा चुका है और जमीनों का बंदोबस्त कराना जिलाधिकारियों का काम है।
समय से स्कूलों का निर्माण पूरा न होने का खामियाजा राज्य को उठाना पड़ा है। 2011-12 में मंजूर स्कूलों का निर्माण पूरा न होने के कारण ही केंद्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत चालू वित्तीय वर्ष में राज्यकी ओर से 1497 प्राथमिक, 237 उच्च प्राथमिक व 14 आवासीय विद्यालयों के निर्माण को मंजूरी देने की राज्य की मांग को ठुकरा दिया है। केंद्र ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2011-12 में उत्तर प्रदेश के 10,366 प्राथमिक व 1052 उच्च प्राथमिक स्कूलों के निर्माण को मंजूरी दी थी। स्कूलों का निर्माण छह से आठ महीने की अवधि में हो जाना चाहिए लेकिन 31 मार्च तक इनमें से 644 स्कूलों का निर्माण शुरू नहीं हो पाया था। लेटलतीफी पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए सर्व शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) ने राज्य की वार्षिक कार्य योजना में प्रस्तावित नये स्कूलों और आवासीय विद्यालयों को स्वीकृति से मना कर दिया।
हालांकि पीएबी की बैठक में शिरकत करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने उस वक्त यह कहा था कि संसाधनों की कमी के कारण केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में नये स्कूलों के निर्माण को मंजूरी नहीं दी। लेकिन अब जबकि केंद्र ने पीएबी की बैठक में दी गई स्वीकृतियों का कार्यवृत्त सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय को भेजा है तो नये स्कूलों के निर्माण को मंजूरी न मिलने की असल वजह जाहिर हो गई है। कार्यवृत्त में केंद्र ने स्पष्ट किया है कि पूर्व में स्वीकृत स्कूलों में 644 विद्यालयोंका निर्माण पूरा न होने की वजह से नये स्कूलों को मंजूरी नहीं दी जा रही है।
सर्व शिक्षा अभियान के राज्यपरियोजना कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार जमीन नमिलने की वजह से तकरीबन 500 स्कूलों का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। उनका यह भी कहना है कि स्कूलों के निर्माण के लिए केंद्र ने 2011-12 में सिर्फ आधी धनराशि दी, आधी अगले वित्तीय वर्ष में दी। बीच में विधानसभा चुनाव की वजह से भी स्कूलों के निर्माण कार्य में व्यवधान पड़ा।
संपूर्ण भारत में १५ सौ से ज्यादा ऐसे उद्योगपति है जिनके पास अपने खुद के हेलीकाप्टर है .........
ReplyDeleteइतनी बड़ी रास्ट्रीय आपदा आई है तो क्या किसी भी घराने में मानवता नहीं बची की अपने हेलीकाप्टर वहां मदद के लिए भेजे ??
यही तो दुर्भाग्य है की ऐसी विकट परिस्तिथि में भी सिर्फ एक गरीब कंगाल देश की तरह सिर्फ २० या ३० हेलीकाप्टर लगाये गएँ है : हद है नीचता एवं कर्तव्य परायणता की
कहाँ है वो कुत्ता शाहरुख़ खान ,
ReplyDeleteपाकिस्तान की बाद पीड़ित जनता के लिए फ्री शो करने वाला,
कहाँ है वो कुत्ता आमिर खान ,
सत्य मेव जयते शो में रोने वाला,
कहाँ है वो कुत्ता सलमान खान ,
बींग हिउमैन की टी शर्ट पहनने वाला,
कहाँ है वो कु____या सोनिया गाँधी , आतंकवादी के मरने पे आंसू बहाने वाली,
कहाँ है वो कुत्ता राहुल गाँधी ,
गरीबो के खाना खाकर दिखने वाला,
सबरजीत के पाकिस्तान की जेल में हत्या होने के मामले पर गुजरात हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है ..जिसमे मांग किया गया है की भारत सरकार इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में ले जाये ..
ReplyDeleteहाईकोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई की भारत के एक नागरिक की विदेश की जेल में पीटपीट कर हत्या होने के बाद भी भारत सरकार खामोश है ... कोर्ट ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कैदियों के मौत के सम्बन्धित करार माँगा है ..
साथ ही हाईकोर्ट ने अगली तारीख पर विदेश मंत्रालय के एक सचिव स्तर के अधिकारी को पेश होने का निर्देश दिया है
( शर्मनाक..! )
ReplyDelete.
"पता चला है कि उत्तराखंड में जहां-तहां फंसे श्रद्धालुओं के सहायतार्थ लगाए गए सेना और प्राईवेट हेलीकाप्टर काफी देर तक उड़ान नहीं भर पाए..!"
.
"वजह, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और 'यू.पी.ए. अध्यक्ष सोनिया गांधी' माफ़ करे कुत्ते कुतिया हवाई सर्वेक्षण कर तबाही का जायका ले रही थे..!"
.
"इसलिए उनकी सुरक्षा कारणों से काफी समय तक सहायता कार्य में लगे हेलीकाप्टरों की उड़ान नहीं भर सके..!"
.
"17 हेलीकॉप्टर पीड़ितोँ की मदद के लिए और 74 चार्टेड हेलीकॉप्टर खड़े है कांग्रेस के नेताओं के घुमाने के लिए, सैर- सपाटोँ के लिए...!"
.
( "हो रहा भारत निर्माण.)
उत्तराखण्ड आपदा-
ReplyDeleteये हैं कंट्रोल रूम के कुछ नंबर-
हेमकुंड साहिब, बद्रीनाथ, चमोली:
01372251437, 01372253785,
9411352136;
टिहरी गढ़वालः 01376233433,
9412076111; देहरादून,
ऋषिकेशः 01352726066,
9760316350, 9412992363;
पौड़ी गढ़वालः 01368221840;
अल्मोड़ा: 05962237874,
9411378137;
पिथौरागढ़ः 05964228050,
9412079945; हरिद्वार:
01334223999, 9837352202;
बागेश्वर: 05963220197; नैनीताल:
05944250719, 9410376808
आँधियों के बीच जो, जलता हुआ मिल जायेगा |
ReplyDeleteतुम उस दिए से पूंछना, मेरा पता मिल जायेगा ||
जब कभी आओगे यारो, मुल्क मेरा देखने ,
वो यतीमों की तरह, सहमा हुआ मिल जायेगा |
रात भर लौटा नही वो, घर में अपने इसलिए ,
भूख से बेहाल बच्चा, जागता मिल जायेगा |
कागजों पर मुल्क का नक्शा, बनाना छोड़ दो,
वरना हर इक शख्स इसको, काटता मिल जायेगा |
मैंने सोते वक़्त यारों, ये कभी सोंचा न था,
ख्वाब में भी वो बच्चा, रोटी मांगता मिल जायेगा |
वो जो हँसता है उसे, देखो मगर कुछ दूर से ,
वरना उसमे शख्स कोई, चीखता मिल जायेगा |
मेमना हर जिस्म में हो, यह नही मुमकिन मगर,
आपको हर जिस्म में, इक भेड़िया मिल जायेगा
ग्वाला दूध दुह चुका था
ReplyDeleteऔर अब थन को,
बूंद- बूंद निचोड़ रहा था.
उधर खूंटे से बंधा बछड़ा
भूख से बिलबिला रहा था.
इसे देखकर ममता ममताई
गाय कुछ कसमसाई.
उसकी ममता उभर आयी.
उसने अपना एक पैर उठाया,
ग्वाले ने पीठ पर डंडा चलाया.
भूखे बछड़े की आँखों में
तब गर्म खून उतर आया.
फिर संवेदनशील
गाय ने ही उसे समझाया,
बेटा! अब दूध की आस छोड़,
तू चारे से अपनी भूख मिटा.
यह मानव तो बहुत भूखा है..
दूध और अन्न की कौन कहे
कभी-कभी, बालू- सीमेंट-
सरिया- पुल और सड़क
भी पचा जाता है.
फिर भी इसकी भूख
नहीं मिटती, पेट नहीं भरता.
मुझे तो बुढापे तक
सहनी है इसकी पिटाई.
जब हो जाउंगी अशक्त,
ले जाएगा मुझे कोई कसाई.
फिर भी भूल जाती सबकुछ ,
जब यह पुचकारता है
मुझे कहता है -'माँ'और'माई'.
एक तरफ दोगली कांग्रेस की केंद्र सरकार उत्तराखंड के पीडितो के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष बनाकर भीख मांग रही है .. हर चैनेल पर कहा जा रहा है की कृपया उत्तराखंड बाढ़ पीड़ित राहत कोष में दान दे ....
ReplyDeleteदूसरी तरफ बैशाखी चोर विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ईराक में जाकर इराक को दो करोड़ डालर देने, २०० बसे, पचास रेल इंजन, दो हास्पिटल खोलने का एलान करता है .. अरे दोगलो ... भारत के लोगो के लिए तुम राहत के लिए हमसे भीख मांग रहे हो और ईराक के जाकर खजाना खोल रहे हो ? क्या ये तुम्हारे बाप का पैसा है ??
kal all up tet morcha k adhaycho ki baithak hui jisme supreem court me new writ dlne k taiyari chal rahi hai... agar harkauli ji ne hamare against decision diya to hm sc me case ladege.... hc me hame jitne ki koi ummed dikhayi nahi de rhi..... sare ahych ek dusre se mar peet par utaru hai.. salbh tiwari ji ko kal juto se mara gaya.... maine mauka dekhkr waha se bhag liya.... chande k paiso ka koi hishb nahi, syam dev ji nesr paisa apne account me rakhe hai.... aur hero honda hunk khridne k chakkar me hai.....
ReplyDeleterahul savita ji mai aap se sahmat hu bharti kewal acd se hi hogi..... tet merit to ek spna tha kuch log aaj b sapna dekh rahe hai....
ReplyDeleteif 4+5=41,
ReplyDelete5+6=122,
6+7=255
then 7+8=?
7+8=452
इस वेवकूफ से कहो कि अभी कोई मीटिंग नहीँ हुई है बल्कि 27 को प्रस्तावित है। ये कौन सी तबेले वाली मीटिँग मे पहुँच गया जहाँ इसको लोग मार रहे थे ?
ReplyDeleteMr. M.M.A.A.K.K.
ReplyDeleteआपका उत्तर सही है।
Duplicate id kaise ban gayee
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteजब बात कौम की आती है तो दुश्मन-2 भी आपस मेँ मिल जाते हैं, ठीक उसी तरह अकैडमिक-2 भी मिल जाते हैँ जैसे RAHUL SAVITA+ Mr. TMNTBBN(Duplicate)
ReplyDeleteजबकि कल से ये दोनो को गाली गलौज करते नहीँ थक रहे थे। चलो देर से ही सही बुद्धि तो आई।
hi
ReplyDelete4+5 (4x4+5x5)x1=41,
ReplyDelete5+6 (5x5+6x6)x2=122,
6+7 (6x6+7x7)x3=255
then 7+8=?
7+8 (7x7+8x8)x4=452
Intlgnt
Deletekaha hai wo kutta n modi gujrat me vikas gatha likhne ki baat karne wala tuchcho ki tarah kewal 2 crore dene ke alawa kuchh nahi kiya .
ReplyDeletesare hiduo ka neta hone ka dawa krne wala jise hindu bhaiyo ka dard nahi dikhayi deta.
TET MERIT JINDABAD.
TET MORCHA JINDABAD.
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletetet se merit chahne walo ek baat ka jawaw do ki agar tet se merit ban gayi toh b.ed toh kewal ek eligibilty test reh jayega.....1000 marks ka eligibility test or 150 marks ka bharti ka test what a joke.....sudhar jao tet pe bharti walo...........
ReplyDeletewah sandeep bhai kya SIXER mara hai.... iska jwab tet merit walo k pass nahi hai... jai acd
ReplyDeletedulicate tmhtbn mai tabele ki meeting me gya tha, jaha salbh tiwari aur syam dev nam k do bail the.
ReplyDeleteiska jabaw tet merit ke premi nahi manniya harkauli ji denge no ball par sixer lagakar abhi tumne shayad triple bench ka order nahin dekha tabhi aisi bachkani batein kar rahe ho us order mein saaf kaha gaya hi koi rajya sarkar tet ke weightage ko andekha nahin kar sakti hai agar kabootar billi ko dekhkar ankein band kar le to uska yeh matlab nahin ki khatra tal gaya hai ab to maan jao kabootaro jai tet merit jai bharat.
ReplyDeleteiska jabaw tet merit ke premi nahi manniya harkauli ji denge no ball par sixer lagakar abhi tumne shayad triple bench ka order nahin dekha tabhi aisi bachkani batein kar rahe ho us order mein saaf kaha gaya hi koi rajya sarkar tet ke weightage ko andekha nahin kar sakti hai agar kabootar billi ko dekhkar ankein band kar le to uska yeh matlab nahin ki khatra tal gaya hai ab to maan jao kabootaro jai tet merit jai bharat.
ReplyDeleteA
ReplyDeleteBaba Ram Dev, Sadhvi, Ayodhya k arbpati saikron sant mahant kahan chale gaye, Tilak dhari Hindu ka Rakshak, Sare Neta Jo ram mandir k leye Hinduon ki vote lene k leye mandir banwate rahe hai woh kedarnath gaye ya nahi. nahi gaye honge akhir daan kerna padega na. swiss bank me paisa kaise jaega.
ReplyDeleteBhgwan Shiv ne apni jataon se kedar nath ko loota tabah kar diya lekin sirphiron ne kedarnath mandir me tabahi k waqt moortion ko loota. lashon se zewar rupya churaya. Akhir Bhagwan k samne aisa kerte hue dar na laga. kya rupya dhan dulat Bhagwan se bhadh ker hai?
ReplyDeleteGANDE LOGO KA KOI KAUM YA DHARM NHI HOTA. INTENSION ME JATIGAT COMMENTS MAT KARO NA KOI NEWS BATANE KI KOSHISH KARO. HAME PATA HAI. AGAR HAM NEWS SUNAYE JO KI TUM SUNTE HO TAB BHI SHAYAD KOI EHSAS TUMHE HO. WARNA TUM JANTE HO HAMARE MULK ME SABSE JYADA WAFADAR KAUN HAI. INDIA IS A DEMOCRATIVE COUNTRY SO EVERYONE CAN TELL ANY COMMENTS BUT INDIAN CITIZEN CAN NOT ALLOW TO ROUGH WORD TO OUR CULTURE,RELIGION OR ANY INDIAN HUMAN. SHUT UP UR MOUTH NAHI TO GINTI HAME BHI AATI HAI. THAK JAOGE COUNT KARTE-KARTE. SHUBH RATRI.
ReplyDelete