मम्मा कितनी प्यारी होती,
मुझको है निन्ना आ जाती.
माँ तू आंगन मैं किलकारी,
माँ ममता की तुम फुलवारी।
सब पर छिड़के जान,
माँ तू बहुत महान।।
दुनिया का दरसन करवाया,
कैसे बात करें बतलाया।
दिया गुरु का ज्ञान,
माँ तू बहुत महान।।
मैं तेरी काया का टुकड़ा,
मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
दिया है जीवनदान,
माँ तू बहुत महान।।
कैसे तेरा कर्ज चुकाऊं,
मैं तो अपना फर्ज निभाऊं।
तुझ पर मैं कुर्बान,
माँ तू बहुत महान।।
Kavita By -
-दीनदयाल शर्मा,
बाल साहित्यकार
10/22 आर.एच.बी. कॉलोनी,
हनुमानगढ़ जंक्शन-335512
राजस्थान, भारत
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हे माँ ! हे माँ !
तेरे जैसा कोई नहीं !
तुम हमारे साथ होती हो
जब हम उदास होते हैं ;
तुम अपनी मीठी मुस्कान से
हमें प्रसन्न कर देती हो ;
तुम कितनी प्यारी हो !
हमारे दिल की धड़कन हो !
हे माँ ! हे माँ !
तेरे जैसा कोई नहीं !
तुम हमेशा कहती हो आशा
का दामन मत छोडो ;
जब हम भ्रमित होते हैं
तुम सही मार्ग दिखाती हो ;
तुम दीर्घजीवी हो !स्वस्थ हो !
शक्तिसंपन्न हो !
हे माँ ! हे माँ ! तेरे जैसा कोई नहीं !
शिखा कौशिक
very thanks to write and post this poem on mothers day .
ReplyDeletesundeep vajpai
ayodhya
9044418050