UPTET 29334 Junior High School Science Math Teacher Recruitment : Next Date 09 Jan 2015 Stay on JRT Recruitment Continued on Promotion Matter
जूनियर अभ्यर्थीयों ने अनशन किया, लाठियां खाई
कुछ अभ्यर्थीयों पर एफ आई आर दर्ज होने की खबर भी आई है , लेकिन अभ्यर्थीयों के मुश्किल हालातों को देखकर कोई न कोई राहत
आने की पूरी सम्भावना है
लेकिन स्टे पर अभी कोई समाधान नहीं आया ,
वकीलों की हड़ताल की वजह से सुनवाई की नयी तारिख 9 जनवरी 2015 हो गई है
Case Status - Allahabad
Pending
Special Appeal / 622 / 2014 [Allahabad]
Petitioner: ANIL KUMAR SINGH
Respondent: STATE OF U.P. AND 8 ORS.
Counsel (Pet.): SHAILESH UPADHYAY
Counsel (Res.): C.S.C.
Category: Special Appeals Special Appeals-Against Final Order Of Single Judge In Writ Petition
Date of Filing: 04/07/2014
Last Listed on: 22/12/2014 in CJ Court
Next Listing Date (Likely): 09/01/2015
http://joinuptet.blogspot.com/
कॉपी पेस्ट अनिल मौर्य फेसबुक
ReplyDeleteकल क्या होगा किसने जाना
दरअसल में कोर्ट ने सरकार को जो आर्डर थमाया है वह
हमारे लिये तो खुशी का विषय है परन्तु विभाग के लिये
चिन्ता का विषय है
कोर्ट अच्छी तरह समझ गई थी कि 12वें और 15वें के
चक्कर में अब 15वें की बैन्ड बजनी तय है अतः वह
भी पेशोपश में था कि क्या निष्कर्ष निकाला जाये
क्योंकि एक ओर वैध टीईटी मेरिट थी और दूसरी ओर खतरे में
15 वाँ संशोधन , जिस पर कई लोग वर्तमान समय में वेतन
भोग कर रहे है।
ऐसे में 3 लाख पदों के खाली होने का जिक्र छिडते
ही जज साहब ने तत्काल ऐसा आदेश दिया कि न
टीईटी मेरिट वाले हुडदंग काटें और न एकेडमिक वाले
क्योंकि कोर्ट द्वारा दिये गये मानक में 1 लाख 65 हजार
टीईटी अभ्यर्थी आ रहा है
पर इन सबको एक तरफ करके देखा जाये तो कोर्ट का रुख
टीईटी मेरिट की ओर बिल्कुल स्पष्ट हो गया और इतने सारे
मात्रा में पदों के भरने के आदेश के साथ साथ 12
वाँ संशोधन को और मजबूत बना दिया है क्योंकि टेट मेरिट
समर्थन का वह सबसे बडा सबूत है
15वाँ अब और गटर में जाने की स्थिति में चला गया है ,
क्योंकि वेटेज नाम की बहस शुरू ही एनसीटीई
की गाइडलाइन की वजह से ही शुरू हुई थी , जिस पर
सालिसीटर जनरल ने कहा भी था कि यह सरकार पर निर्भर
करता है कि वह कितना वेटेज देती है ।
अब आप लोग इस पंक्ति से स्वयं समझ सकते हैं कि सरकार
वेटेज नाम के इस शब्द को पूर्णतया इग्नोर करके कैसे 15 वें
पर भर्तियाँ कर रही है।
अब 25 फरवरी को कोर्ट में सरकार को दिये गये आदेश के
अनुपालन सम्बन्ध में रिपोर्ट सौंपनी है जिसमें नियुक्ति देकर
आने की बात कही गयी है
और नियुक्ति पत्र नाम का यह शब्द जज साहब ने अपने
आदेश में तब लिखवाया जब सीनियर अधिवक्ता अमरेन्द्र
शरण जी ने कहा था कि वर्तमान में तो 54000
पदों की काउसिंलिंग हो चुकी है और सत्यापन भी चल
रहा है
अतः यह तो भूल ही जाईये कि बिना ज्वाइनिंग लेटर थमाये
सरकार कोर्ट में पंहुच जायेगी क्योंकि कोर्ट कहेगा 3 लाख
की स्टोरी पर रोना बंद करो जिनका सबकुछ हो गया है
उनका क्या किया है
पर सरकार की समस्या शुरू होती है यहाँ से कि 72825 के
अलावा और पद लाये कहाँ से जायें क्योंकि टीईटी मेरिट के
72825 को खत्म कराने गई सरकार अब डेढ लाख
टीईटी मेरिट का गठठर सर पे लाद लायी अब इतने ढेर
का इतने कम समय में कैसे क्या करें
अब दूसरी समस्या शुरू होती है कि सरकार ट्रेनी टीचर
मान के खुशी खुशी झूला झूल रही थी पर आदेश सहायक
अध्यापक का हो गया क्या सहायक अध्यापक का नाम
आते ही सभी प्रकार का वर्गीकरण समाप्त हो जाता है
अब विभाग जनवरी को चतुर्थ काउसिंलिंग के नाम पर और
औपबंधिक डाटा करेक्शन के नाम पर टरकाना चाहती है पर
बकरे की माँ कब तक खैर मनायेगी , एक न एक दिन
तो माँ का बकरा कटना ही है
सामान्य 70% तक और आरक्षित 65% तक ऐसे लोग
जिनकी काउसिंलिंग नही हुई है तत्काल एकजुट हो जायें और
हिमांशु राणा व अजय ठाकुर का सहयोग करें और 29
को लखनऊ मीटिंग में जायें क्योंकि बात नौकरी की है कोई
राजनीति या मजाक की नही
अब भी यदि किसी की भर्ती फंसाने की मंशा वाली बात
सुनाई दे ,,तो रुकना मत सीधा जूता उतारना और तब तक
उस हरामजादे के मारना जब तक जूते का तलवा न घिसजाए।
अगले चरण की कॉउंसलिंग सरकार यदि करने जा रही है
तो निश्चित रूप से इनके 2-4 अधिकारी जेल में होंगे पूँछिये
कैसे- अरे जब कोर्ट मानक तय कर चुकी है कॉउंसलिंग के
तो इनके अधिकारी क्या अलग से 118, 116 मेरिट पहुचाएंगे
और 70 फीसदी से ऊपर वालो को क्या लिखित में दे पाएंगे
कि में आपकी कॉउंसलिंग से इंकार करता हूँ क्यों कि मुझे 97
से नीचे वाले शिक्षामित्र या अन्य लोगो को सीट बचा कर
रखनी है नहीं न या अभी-भी उसी पुराने ऐड के प्रसिक्छु
चयन पर भर्ती करेंगे या नए आर्डर पर सहायक अध्यापक
बनाएंगे फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में बैठे भगवन स्वरुप जज ने
आपकी नौकरी का आर्डर दे दिया है अब हनुमान
जी की तरह आपकी शक्ति ओ पहचानो और नौकरी छीन
लो जिसके लिए सारे रास्ते खुद तय करो न कि टी ई टी के
स्वार्थी और मक्कार नेताओ पर भरोसा करो।
DIET SITAPUR से प्राप्त जानकारी के अनुसार #TET मार्कसीट का ONLINE VERIFICATION हो चुका है। अन्य प्रमाणपत्रो की जाँच भी समाप्ती की ओर है... जल्द ही नियुक्तिपत्र से सम्बन्धित GOOD NEWS मिलनेवाली है।
ReplyDeleteखबर :
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश सरकार इस बात को समझ गयी है कि
जो काम मेरा है वह अब कोर्ट कर रही है।
कटऑफ़ BSA/DIET , परिषद्/SCERT
जारी करती है तथा नियुक्ति BSA देता है।
जबकि कोर्ट ने इनके न्यूनतम कटऑफ़ 60/55 को देखकर
अभी 70/65 को छः सप्ताह में नियुक्ति का आदेश दिया है।
तथा अब इनका कटऑफ़ जारी करने का अधिकार अपने हाथ में ले लिया है।
एकल बेंच डिवीज़न बेंच में चले विवाद ने मामले को नया मोड़ दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट फंडामेंटल राईट की रक्षा के लिए ही निर्मित है।
इधर सरकारी अन्दर खाने की खबर है कि 11 जनवरी से चौथी काउंसिलिंग हो सकती है।
अभी तक जितनी SLP सुप्रीम कोर्ट में दौड़ रही हैं उनमें
72825 पद की ही जिक्र है ( हरिजन महिला विकलांग संगठन की PIL to Convert SLP Civil को छोड़कर)
इसी के साथ कपिल देव की याचिका पर पर अंतरिम आदेश लेकर उसको पद देकर दोनों विवाद मात्र 1.5 लाख पदों में सुप्रीम कोर्ट से ख़त्म करना चाहती है।
इसी लिए मै चाहता हूँ कि
अब हमारे पास एक बड़ा संगठन होना चाहिए जो कि
उसका नेतृत्व लोग स्वयं खुद करें तथा कोई नेतृत्व भी हो तो एक प्रतीक मात्र हो जो सबको साथ लेकर चल सके।
अब कोई भी चयनित किसी अचयनित का नेतृत्व नहीं कर सकता है।
आप सभी मेरे बड़े/छोटे भाई बहन
29 दिसम्बर को लखनऊ आयें।
बारादरी पार्क में एक कार्यकर्त्ता के रूप में पहुंचकर पहले हम
स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को पूरा करेंगे उसके बाद हम
बेरोजगारों के हित और नौनिहालों के भविष्य पर रणनीति बनायेंगे।
आप सब अब एक हो जायें।
- CONSTITUTION OF INDIA ---
ReplyDeleteARTICLE 32: Remedies for enforcement of rights conferred by this Part
32. Remedies for enforcement of rights conferred by this Part.-
(1) The right to move the Supreme Court by appropriate proceedings for
the enforcement of the rights conferred by this Part is guaranteed.
(2) The Supreme Court shall have power to issue directions or orders
or writs, including writs in the nature of habeas corpus, mandamus,
prohibition, quo warranto and certiorari, whichever may be
appropriate, for the enforcement of any of the rights conferred by
this Part.
(3) Without prejudice to the powers conferred on the Supreme Court by
clauses (1) and (2), Parliament may by law empower any other court to
exercise within the local limits of its jurisdiction all or any of the
powers exercisable by the Supreme Court under clause (2).
(4) The right guaranteed by this article shall not be suspended except
as otherwise provided for by this Constitution.
आइये आपको 17 दिसम्बर की कोर्ट कार्रवाई से अवगत कराते हैं :-
ReplyDelete2 बजे माननीय जज कोर्ट रूम आये और 602 नम्बर का केस मेंसनिंग हुआ , तत्पश्चात अपना केस टेक अप हुआ। उस समय हमारे तरफ से सर्व श्री अमरेंद्र शरण और सुधीर चंद्रा जी कोर्ट में उपस्थित थे। श्री श्री पी पी राव जी जब आदेश लिखाया जा रहा था तब आये ,श्री विकास सिंह जी केस प्रारम्भ होने के पश्चात 10 मिनट बाद आये।
सरकार के वकील श्री आर वेंकटरमणी ने बहस प्रारम्भ की और पुनः कहा "Due to the mallpractice we had amend the rule , for neutrallinzing bad part of tet exam we have adopt carier graph method (academic merit) , in which we include 4 important examination of carier .
माननीय दीपक मिश्रा सर - i have never seen that a state is challenging its own rule (मैंने ऐसा कभी नहीं देखा कि एक राज्य अपने बनाये स्वयं के नियम को कोर्ट में चैलेन्ज कर रहा है )
आर वेंकटरमणी - we had not done 12th amendment , at that time another government was in power.(हमने 12 वां संशोधन नहीं किया था , उस समय दूसरी सरकार सत्ता में थी )
माननीय दीपक मिश्रा सर- mr venkatramni are you forgetting therory ऑफ़ continuation of government (मिस्टर वेंकटरमणी आप सरकार की सततता का सिद्धांत भूल रहे हैं )
आर वेंकटरमणी - no Lordship but
इतने में राकेश द्विवेदी खड़े हुए और कहा ; lordship NCTE can decide minimum qualification only.
माननीय दीपक मिश्रा - where is mr harkaulee who represents ncte (मिस्टर हरकौली कहाँ हैं जो ncte का अधिवक्ता के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं।)
ReplyDeleteदाहिने ओर एक किनारे खड़े एक अधिवक्ता ने कहा sir i am gaurav sharama who is representing ncte today (सर मै गौरव शर्मा हूँ जो ncte का आज प्रतिनिधित्व कर रहा हूँ )
माननीय दीपक मिश्रा - mr gaurav sharama will u againg represent ncte.(मिस्टर गौरव शर्मा आप पुनः ncte का प्रतिनिधित्व करेंगे ना ) इस बात पर माननीय जजों समेत सभी लोग हसने लगे। तब माननीय दीपक मिश्रा सर ने दुबारा पूछा mr sharma have you read the breefing (मिस्टर शर्मा क्या आपने ब्रीफिंग पढ़ी है )
गौरव शर्मा - yes lordship
माननीय दीपक मिश्रा - what is your view about 12 th amedment .(आपका मत 12 वें संशोधन के विषय में क्या है ?)
गौरव शर्मा - we fix minimum qualification only एंड a state has power to determine what weightege are they giving as per clause 9 b . (हम मात्र न्यूनतम अर्हता तय करते हैं और यह एक राज्य पर निर्भर है कि वह कितना वेटेज क्लॉज 9 b के तहत देता है)
इस बीच वेंकटरमणी साहब फिर बोले तब हमारे सभी वकील खड़े हो गए और aor शारदा देवी जी कोर्ट डायस के सामने चली गई , और बोलने लगीं , राकेश द्विवेदी प्रीतिका द्विवेदी आदि सभी वकील खड़े हो गए और शोर में पता नहीं चल रहा था कि कौन क्या बोल रहा है।
माननीय दीपक मिश्रा - all ऑफ़ you not listening me (आप लोग मुझे नहीं सुन रहे हैं ) इस बात पर सभी लोग हसने लगे और माहौल शांत हो गया।
ReplyDeleteमाननीय दीपक मिश्रा - mr ranjeet kumar, sgi we told you come with a formula to appoint 10000 candidates , have u come with (मिस्टर रंजीत कुमार हमने आपसे 10000 लोगों की नियुक्ति का फार्मूला खोजने के लिए कहा था क्या आप उसके साथ आये हैं )
रंजीत कुमार - LORDSHIP comptitive exam is better way of appointment (लार्डशिप प्रतियोगी परीक्षा नियुक्ति के लिए एक बेहतर पथ है। )
माननीय दीपक मिश्रा - is tet comptitive exam ? (क्या टेट एक प्रतियोगी परीक्षा है )
रंजीत कुमार - yes Lordship (हाँ लार्डशिप )
इसी बीच माननीय ललित साहब पूछ बैठे
माननीय ललित सर - mr ranjeet kumar what do you mean by weightege ? (आप वेटेज से क्या समझते हैं मिस्टर रंजीत कुमार )
रंजीत कुमार - weightege is kind of prefrence (अधिभार देना एक प्रकार की प्राथमिकता देना है )
माननीय ललित सर - like one has secured 51% marks and other has 49% but you will prefer to appoint one who has secured 51%. (जैसे किसी ने 51 % प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं और किसी ने 49 % अंक किन्तु आप नियुक्ति में 51 % वाले को प्राथमिकता देंगे )
इसी बीच सुधीर चंद्रा जी बोले कि गुजरात में 100 % वेटेज दिया गया था
इस पर माननीय दीपक मिश्रा ने उन्हें टोका कि where was you yesterday mister chandra , ohh perhappes you was busy in some ipr ,trademark case,please sit down mr chandra . (आप कल कहाँ थे मिस्टर चंद्रा , ओह शायद आप कल इंटेलेकटुअल प्रॉपर्टी राइट और ट्रेड मार्क के केस में व्यस्त थे, कृपया बैठ जाइये मिस्टर चंद्रा )
माननीय दीपक मिश्रा - please continue mister kumar (कृपया जारी रखें मिस्टर कुमार )
इस बीच राकेश द्विवेदी बोले why are you giving prefrence to tet marks (आप टेट प्राप्तांको को वरीयता क्यों दे रहे हैं )
रंजीत कुमार - i am coming on that issue mister dwivedi (मै उसी मुद्दे पर आ रहा हूँ मिस्टर द्विवेदी ) , in primary teacher appointment candidates come from different streams like arts , science , agriculture (प्राथमिक शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थी विभिन्न विषय क्षेत्रो आते हैं जैसे कला , विज्ञानं और कृषि आदि ) but tet exam has 5 common papers फॉर all like maths ,hindi ,engilsh , evs एंड pedagogy which is essential for a primary level teacher (किन्तु टेट परीक्षा में सभी के लिए 5 कॉमन पेपर होते हैं जो कि प्राथमिक स्तर के शिक्षक के लिए आवश्यक हैं) so for uniform standard we advocating tet वेटेज (अतः एकसमान मानको हेतु हम टेट वेटेज का पक्ष ले रहे हैं )
माननीय दीपक मिश्रा - mr kumar as ammicus tell me is १००% tet weightege right? (मिस्टर कुमार एक न्यायमित्र के तौर पर मुझे बताएं कि क्या 100 % टेट वेटेज सही है )
रंजीत कुमार - yes lordship
तभी प्रीतिका द्विवेदी जो कि एकेडेमिक मेरिट पक्ष की aor हैं ने हाथ खड़ा किया
ReplyDeleteमाननीय दीपक मिश्रा- yes maim you want to say something (हाँ मैम आप कुछ कहना चाहती हैं )
प्रीतिका द्विवेदी - in the state ऑफ़ delhi no weightege has given (दिल्ली राज्य में कोई वेटेज नहीं दिया गया है )
माननीय दीपक मिश्रा- you are not arguing for state ऑफ़ delhi ,you have come फॉर candidates who belongs to state of uttar pradesh (आप दिल्ली प्रदेश के लिए बहस नहीं करने आयी हो , आप उन अभ्यर्थियों के लिए बहस करने आयी हो जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। )
इस पर माननीय दीपक मिश्रा सर ने कोर्ट के स्टेनोग्राफर से कहा कि आर्डर लिखो और आदेश लिखवाने लगे।
आर्डर लिखवाने के दौरान वेंकटरमणी साहब ने कहा कि विभिन्न जिलो में रिक्तियों की संख्या अलग अलग है हमें नियुक्ति प्रदान करने में दिक्कत आएगी , इस पर अमरेंद्र शरण जी ने कहा की ये 54000 लोगों की काउंसलिंग करा चुके हैं और उनके प्रमाण पत्रों के सत्यापन सम्बन्धी आदेश जारी कर चुके हैं, इस g. o . का अनुवाद कुंडू भाई कराके श्री शरण को दे चुके थे।
इसी बीच 75 % सामान्य श्रेणी और 70 % आरक्षित श्रेणी का आदेश लिखवाया जाने लगा जिस पर सुश्री प्रीतिका द्विवेदी ने कहा कि इसे 70 % सामान्य और 65 % आरक्षित श्रेणी कर दें लॉर्डशिप इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया जबकि कुछ लोग इसे विकास सिंह और प्रशांत शुक्ल की देन बता रहे हैं , महिला और पुरुष आरक्षण का मुद्दा उठने विकास सिंह बोले कि यह मुद्दा अभी हाईकोर्ट के एकल बेंच में है और अनिर्णीत है।
मजेदार बात यह रही कि जैसे कोर्ट से प्रीतिका द्विवेदी निकली वैसे ही एकेडेमिक ग्रूप के लोग उनके पास जमा हुए , प्रीतिका जी ने एकेडेमिक अभ्यर्थियों से पूछा कि मैंने 70 % कट -ऑफ करा दिया आप लोगों का चयन तो अब हो जायेगा तब लड़के निराश होकर कहने लगे नहीं मैम हमारा नहीं हो पायेगा , प्रीतिका जी ने पुनः पुछा आपमें से किसी का 105 और 98 नहीं है क्या , गुड्डू भाई बोले नहीं मैम हम लोगों का 90 से 97 तक है।
Hum Sab apke sath ek naye josh ke sath hai
ReplyDeleteभाइयो अपनी सोंच के दायरे में एक बात का ख़ास ध्यान रखे
ReplyDeletesc अपना आदेश संविधान से हटकर भी दे सकता है scद्वारा दिया हुआ आदेश एक कानून बन जाता है
संसद me bhi ,sirf us par bahas ho sakti h,uske bad rastrpati ko bheja jata h ,agar rastrpati uchit samajhte h to manyniy nyaydhish se charcha kar sakte h uske bare me,nyaydhish mane ya na mane ye un par nirbhar karta h.
सुप्रीम कोर्ट के डिसीजन से अनुसूचित जाति/जनजाति, विशेष आरक्षण (विकलांग, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी आश्रित और भूतपूर्व सैनिक स्वयं) एवम् महिला अभ्यर्थी बहुत निराश हैं सभी का मत है कि उनके साथ अन्नयाये किया जा रहा है ...........
ReplyDeleteपर सभी भूल रहे हैं कि संबिधान और सुप्रीम कोर्टअभीतक बंचित वर्ग का सबसे बड़ा रक्षक रहा है ,सुप्रीम कोर्ट के अबतक के डिसीजन पिछड़े और बंचित वर्ग की उन्नति में सहायक रहे हैं ...........
सुप्रीम कोर्ट का ये प्रथम चरण का डिसीजन है जिसमे एक स्टेप को पूरा करने और अधिक योग्य को पहले लाभ देने को कहा गया है अगली स्टेप में वाकी सभी के हितों को भी ध्यान रखने की उम्मीद है ....
परन्तु अपना हक मागने पर ही मिलता है सिर्फ इन्तजार करना मंहगा साबित हो सकता है , जरुरत है संगठित होने की क्यूँ कि संगठन में शक्ति होती है ....
नये संगठन के लिए सभी टेट पास हिंमांशू राणा जी और राहुल पाण्डेय जी के साथ एक हो जाएँ सभी को जॉब मिल जायेगी सभी का भला हो जायेगा ....
टेट/ अकेडमिक का मैटर प्राइमरी के लिए अब ख़तम हो चूका है , भक्षक की तो छोड़िये रक्षकों की भी असलियत सामने आ चुकी है इनके झांसे में ना आयें ....
अगले चरण की कॉउंसलिंग सरकार यदि करने जा रही है तो निश्चित रूप से इनके 2-4 अधिकारी जेल में होंगे पूँछिये कैसे- अरे जब कोर्ट मानक तय कर चुकी है कॉउंसलिंग के, तो इनके अधिकारी क्या अलग से 118, 116 मेरिट पहुचाएंगे और 70 फीसदी से ऊपर वालो को क्या लिखित में दे पाएंगे कि में आपकी कॉउंसलिंग से इंकार करता हूँ क्यों कि मुझे 97 से नीचे वाले शिक्षामित्र या अन्य लोगो को सीट बचा कर रखनी है नहीं न या अभी-भी उसी पुराने ऐड के प्रसिक्छु चयन पर भर्ती करेंगे या नए आर्डर पर सहायक अध्यापक बनाएंगे फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में बैठे भगवन स्वरुप जज ने आपकी नौकरी का आर्डर दे दिया है अब हनुमान जी की तरह आपकी शक्ति को पहचानो और नौकरी छीन लो जिसके लिए सारे रास्ते खुद तय करो न कि टी ई टी के स्वार्थी और मक्कार नेताओ पर भरोषा करो
ReplyDeleteOUR STRATEGY FOR 3 LAKH TEACHERS RECRUITMENT........
ReplyDelete____________________________
Dear friends, Hon'ble Judges ke margdarshan me chalkar, hume lakshya ki prapti hetu, apne sbhi vivado ko bhool kr UNITE hona hoga, aur jis tarah is tanasah govt ko Hon'ble judges ne Aacharya Kautilya ke sukti ko ulekhit krte huye Bacho ko Shiksha na uplabdh krane pr Apradhi kha he, ushi tarah hume ishe dhyan dilana hoga ki "Shikshak kbhi sadharan nhi hota, Pralaya aur nirmaan uski goud me palte he".
Dosto, aaj UP me 3 lacs vacant post he, aur ye Post, Indian constitution dwara pradat bacho ki shiksha ke Fundamental Rights se judda he, aur Supreme Court samvidhaan aur uske fundamental features ka guardian hone ke naate, UP ke unconstitutional govt ko 3 lacs post ko tatkal fill krne ka aadesh kr diya he, prantu is govt ki gndi manshikta ko madde-najar rakhte huye apne hak ko paane ke liye mere vichar se nimn-likhit strategy apnani hogi...........
STEP 1:- U.P. govt ke damad (Shikshamitra) ke avedh niyukti ko rokna hoga, iske liye Humari RTI, NCTE ka Lucknow bench me counter, Hon'ble SC ke constitutional bench dwara parit aadesh aur Supreme court ke bhut saare order humari help karenge. Shivam Rajan aur Mohd. Arshad jo ki SM matter ke against main petitioner he ka contact no. ho ske to provide kre jisse me unhe un sbhi orders ko provide kra sku aur Shiksh-shatruvo ke avedh samayojan ko rok ske.
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ReplyDeleteSTEP 2:- RTE ACT, Fundamental Rights ke violation, aur 3 lacs post ko fill karna Janhit ka mamla he, isliye P.I.L. hi is samay sarvottam rhegi. Iske liye bhai Ajay Thakur ji ki P.I.L. already paddi huyi he aur vo ab tk kaafi beneficial bhi rha he. Is tarah unki PIL (convert to SLP 11671/2014) humari mother writ hogi. Aur unki PIL team humari maango ki mother team hogi. aur is team ka mukhya udeshya "3 lakh shikshak bharti" hoga.
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STEP 3:- Agar Govt,,, Supreme court ke order ki mool-bhavna ke anuroop 105 & 98 tk ke sbhi candidates ko niyukti nhi deti he to hume 2 mukhya team ka gathan krna hoga jo PIL team (mother team) ke branch honge......
Rajesh ji greeting
ReplyDeleteopbandhik walo ko kya karna h
sir maine sitapur se opbandhik conclng karai the
pls sir ji btane ka kasht kre kya wahan par jana hoga varification k liye
pls sir
pls sir
my whatsapp no-9582765525
1. 105 & 98 se upar number paane waalo ki team jo Article 14 & Violation of Fundamental Rights ke tehat writ ke madhyam se apni joining ki maang rkhenge.
ReplyDelete2. 105 & 98 se km marks paye candidates ki team jiska backbone RTE ACt ki PIL team hogi aur court se apne joining ki maang rkhenge.
In 2 Branch's ka backbone Bhai Ajay Thakur ji ki PIL(SLP 11671/2014) hogi,
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Is tarah govt ko hme charo taraf se gher kr 3 lakh shikshak bharti ke liye majboor kr dena he. Hon'ble courts bhi humare saath he.
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Uprokt strategy ko apnaate huye iske mool-udeshy "3 lakh shikshk bharti" se koi bhi leader samjhota na kre.
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Counselled leader is team ko lead na kre sirf maargdarshan kre, chandachori ka game bhi bnd hona chahiye.
JUSTICE FOR ALL.
THANK U!
नरेश भाई जब आपने कॉउंसलिंग करा ली है तो आपके डाक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन करना डाइट की जिम्मेदारी है l जहाँ तक मुझे जानकारी है उस हिसाब से सफल अभ्यर्थियों की लिस्ट डाइट पर चस्पा होगी l
ReplyDeleteबंन्दर कितना भी कुलाटी क्यो न मार ले लेकिन
ReplyDeleteएक न एक दिन तो कला चूकता ही है .....और जब कला चूकता है तो फिर जमीन पर औधे मुँह धडाम होता है ।
....ये सरकार भी 72825 पर 2011 से कुलाटे मार रही है और ये कुलाटी 17 दिसम्बर तक जारी रही । ....लेकिन फिर मिश्रा जी ने ऐसा दांव मारा की सरकार औधे मुँ जमीन पर आ गयी है उसकी सारी तिकडमबाजी जज साहब ने सरकार के पिछवाडे मे घुसेड दी है ।
.....सरकार के लिए ये आर्डर गुंड लगे हासिये जैसा है जो सरकार से अब न निगला जायेगा और न ही उगला जायेगा।
.....जितनी कमीनीपंथी सरकार ने तीन साल मे की है उन सबका एंन्टीडोज जज महोदय ने सरकार को अपने आर्डर मे दे दिया है अब सरकार को निश्चित ही अपने कर्मो पर तरस आ रहा होगा .....कास वो बिना हीला हवाली के ये भर्ती दत्तू के अन्तरिम आर्डर पर कर देती लेकिन कोर्ट कचहरी मे भर्ती को फंसाये रखने की अपनी आदत अब उसे भारी पडने वाली है
अर्ज है ग़ालिब
ReplyDelete……
पहले आवेदन, फिर काउसलिग और अब लाठी चार्ज
बड़ी ही बे रहमी से तबाह किया है हमें इस सरकार ने
…
#शिक्षामित्रो के #चतुर्थसेमेस्टर का #रिजल्ट घोषित करने का #शासनादेश जारी
ReplyDeleteRajesh ji maine 2 conclng karai thi tab diet walo ne kaha tha 3 k bad veriez hoga uske bad koi jankari nahi mili diet se
ReplyDeleteकोई टेट मेरिट से चयन का समर्थक था ,कोई एकेडमिक से तो कोई टेट वेटेज से ,,, कुछ लोग सभी टेट पास लोगों के समायोजन का समर्थन कर रहे थे ......
ReplyDeleteकुल मिलाकर इतने सारे मतों का परिणाम यह हुआ कि सभी टेट पास लोगों को उम्मीद की कोई ना कोई किरण कहीं ना कहीं से मिल ही गयी वरना इस विवाद से जन्मा अवसाद अब तक बहुत जिंदगियाँ लील चुका होता ,,,,, यह निश्चित है कि अब कम से कम 1.50 लाख की भर्ती होगी ,,,,, सबसे दुखद घटना तब होगी जब उन लोगों का नाम चयन सूची में आएगा जिन्होंने इस विवाद का निर्णायक समाधान होने से पहले ही हार मान ली और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली .. ..... काश उन लोगों ने किसी भी गुट पर भरोसा किया होता.....
बीते हुए कल की खातिर आने वाला कल मत खोना ..... जाने कौन कहाँ से आकर तेरी राहें फिर से सँवारे .....
सबसे बड़ी आशा है जीवन ,नादाँ हैं जो जीवन से हारे
नरेश भाई आपके डाक्यूमेंट्स डाइट में जमा है या नहीं?
ReplyDeleteYa phir jakr dekh lu ek bar diet par kya kehte h mujhe apse talk kani h
ReplyDeleteMaine juniar ke karn prt me counsling nhi krai mai ab kha counsling krau mera f/obc/sci 98 marks hai.please rajesh ji suggest me.
ReplyDeleteसुप्रीम कोर्ट के आदेश का विश्लेषण -
ReplyDelete१. आदेश की उक्त लाइनें बता रही हैं कि वर्तमान आदेश ७२८२५ पदों के बेस आफ सेलेक्शन के बहंस को ध्यान में रखकर नहीं वरन् शिक्षा का अधिकार अधिनियम को ध्यान में रखकर दिया गया है तथा समस्त पदों को शीघ्र से शीघ्र भरा जाना कोर्ट की पहली प्राथमिकता है। आदेश के निम्न अंशों से यह स्पष्ट है ===> .....इस समय, हम यह अवश्य कहते हैं कि विज्ञापन सहायक अध्यापकों के 72825 रिक्त पदों को भरने के लिये जारी किया गया था, जिन्हें कक्षा एक से पॉंच तक के छात्रों को शिक्षा देना है। हमें उत्तरदाताओं के विद्वान वकीलों द्वारा यह बताया जा चुका है कि आज की स्थिति के अनुसार तीन लाख पद खाली पडे हैं। .....बहुत से बच्चे, विशेष रूप से वंचित समूहों और कमजोर वर्गों के बच्चे जो प्राथमिक शिक्षा पूर्ण करने से पहले स्कूल जाना छोड देते हैं, उनकी संख्या आज भी बहुत अधिक बनी हुई है। .....अनुच्छेद २१ ए, जो कि संविधान में 86वें संशोधन अधिनियम २००२, द्वारा शामिल किया गया, के अनुसार, एक मौलिक अधिकार के रूप में छह से चौदह वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है, उस प्रकार से जैसा कि राज्य कानून द्वारा निर्धारित कर सकती है। .....प्रस्तावित कानून इस विश्वास के सहारे है कि समानता, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के नैतिक मूल्य और एक न्यायसंगत और मानवीय समाज की रचना को केवल और केवल सभी के लिए समावेशी प्राथमिक शिक्षा के प्रावधान के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। .....ऐसी स्थिति में, हम यह नहीं मान सकते कि पद खाली रहें, छात्र न पढें और स्कूल इस तरह के हों जैसे कि किसी रेगिस्तान में कोई ऐसी बंजर भूमि हो जो कि हरा भरा मरूद्यान बनने के लिये काफी समय से इंतजार कर रही हो। शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में बंजर भूमि को हरे भरे मरूद्यान बनाने के लिये कार्य करेंगे। अत उपरोक्त निर्देश दिये गए हैं।
२. आदेश की उक्त लाइनों के अनुसार टेट परीक्षा न पास करने वाले शिक्षा मित्रों का समायोजन असंभव हो जाएगा क्यों कि कोर्ट ने माना है कि वर्तमान में शिक्षा की गुणवत्ताक संतोषजनक नहीं है और चूंकि वर्तमान में जो शिक्षा दी जा रही है वह मुख्य रूप से शिक्षा मित्रों द्वारा है जो कि अप्रशिक्षित हैं। ===> .....इसके अलावा, जो कुछ भी सीखा जाता है उसकी गुणवत्ता भी हमेंशा पूर्ण रूप से संतोषजनक नहीं है, उन बच्चों के मामले में भी जो पूरी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। ..... (क) हर बच्चे का अधिकार है कि उसे किसी औपचारिक स्कूल में संतोषजनक और न्यायसंगत गुणवत्ता युक्त पूर्णकालिक प्राथमिक शिक्षा प्रदान किया जाय, और उस शिक्षा में कुछ बुनियादी मानदंड और मानक अवश्य शामिल हों।
ReplyDelete3. यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरा पालन करती है तो सभीं टेट पास के समायोजन का रास्ता साफ हो जाएगा क्योंकि ७०,६५ के फार्मूले पर कुल लगभग ०१ लाख पद भरने होंगे। और स्वाभाविक है कि सरकार ऐसा नहीं करेगी। इसलिये जो भी टीमें आज समायोजन की बात कर रही हैं और टेट मोर्चा भी कोर्ट खुलते ही ०५ जनवरी तक कन्टेम्ट फाइल करने की पूरी तैयारी कर ले। यदि सरकार वर्तमान काउंसलिंग प्रक्रिया को जारी रखते हुए ७२८२५ मात्र का चयन करने की सूचना जारी करती है या नई काउंसलिंग करके भी केवल ७२८२५ भरने की कोशिश करती है तो भी उसपर कन्टेकम्ट दाखिल होना चाहिये।
Ji sir ji orignal doc jama h
ReplyDeleteयदि सरकार केवल ७२८२५ पद भरने की कोशिश करती है फिर २५ फरवरी को पुनह ७२८२५ के लिये बेस आफ सेलेक्शन की लडाई आरम्भ हो जाएगी क्योंकि ७२८२५ के लिये बेस आफ सेलेक्शसन पर फाइनल आर्डर अभीं बाकी है लेकिन यदि ७२८२५ से अधिक पद सरकार भरती है या भरने को बाध्य कर दी जाती है तो उस दशा में २५ फरवरी को तीनों ही पार्टियों के हित में है कि वे केवल सरकार के खिलाफ लडे। उस दशा में जबकि आदेश से ७२८२५ से ज्यादा पद भरे जा रहे हों तो २५ दिसम्बर को
ReplyDelete१. समायोजन की मांग करने वाला पक्ष आरटीई और खाली पदों का हवाला देकर सभीं टेट पास के समायोजन की मॉंग करे और यह बात भी उठाए कि आज शिक्षको की कमी के साथ जो अप्रशिक्षित शिक्षामित्र हैं उनके कारण ही शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है इसलिये प्रशिक्षित शिक्षकों से सभीं रिक्त पद तुरन्त भरे जायं। यह भी पता चला है कि कुछ लोग जो समायोजन की बात कर रहे हैं उनके पास आरटीआई से ऐसी सूचना उपलब्ध है कि वर्तमान में पद ४.५ लाख खाली पद हैं। यदि यह सही है तो शिक्षा मित्रों के बावजूद वे समायोजन की बात उठाने के लिये इसका प्रयोग कर सकते हैं।
२. टेट मोर्चा और एकेडमिक टीम दोनों में से कोई ७२८२५ से ज्यादा पद भरे जाने की दशा में बेस ऑफ सेलेक्शन पर कदापि बहंस न करे वरन् टेट मोर्चा खाली पदों का हवाला देकर मेरिट को और नीचे किये जाने की मांग करे तथा एकेडमिक मोर्चा दूसरे विज्ञापन से भी अर्थात् दोनों विज्ञापन से खाली पदों के तुरन्त समायोजन की मॉंग करे।
............... इस प्रकार ७२८२५ से ज्यादा पद भरे जा रहे हों तो सभीं पक्ष आपस में एक कार्टेल बना लें कि वे आपस में भले ही प्रतिद्वन्दी हों लेकिन २५ को वे बहंस को बेस ऑफ सेलेक्शन पर न कराकर केवल सरकार को दोषी बताकर सरकार के खिलाफ बहंस करेंगे, और यदि ऐसा हुआ कि सभीं पक्ष एक सुर से किसी ना किसी कारणवश सरकार को दोषी बताएंगे तो कोर्ट जो भी फैसला देगी वह सरकार के खिलाफ होगा और फिर उस दिन तीनों पक्षों में से चाहे किसी के भी पक्ष में आदेश हो इससे सभीं पक्षों का भला हो जाएगा।
यह मेरे व्यक्तिगत विचार हैं जो मुख्य रूप से उन आम आवेदकों के लिये हैं जो खुद आर्डर के प्वाइंट्स को पढना और समझना चाहते हैं। लेकिन यह मेरे व्यक्तिगत विचार हैं। इसका उद्देश्य किसी पक्ष को क्षति पहुंचाना नहीं है। यदि किसी के विचार अलग हों तो वह अस्वीकार कर दे, मुझे कोई आपत्ति नहीं है और मैं किसी से यह अपेक्षा भी नहीं करता कि वह इन व्याख्याओं को अपनाए। लेकिन आदेश का निष्पक्ष भाव से विश्लेषण करने पर मु्झे जो प्रतीत हुआ वह मैने यहॉं प्रस्तुत कर दिया। धन्यवाद।।
ReplyDeleteETAH KASGANJ
ReplyDeleteDIET KE PRACHARYA BHI 17 KO ALLAHABAD GAYE TET KA VERIFACATION PURA
FROM UMESH DIET DATA OPERATOR
Satya bachan
ReplyDelete1--High court me padi sabhi rite nistarit by sc
2--mayavati ke Aaraskan prakiya 5% se badakar 20% per kutharaghat by sc
( 83 wale job paye aur 113 wale baher)
3--samanta ka adhikar niyam lagu by sc
(Primary teacher ke liye art sci male female ke vargikarn ko kharij by sc)
4-- akhilesh govm ke gadho ko chavanprash aur ghodo ko only ghaas niyam per kutharaghat by sc
(Achchhi shiksha per jor; sm khallas by sc)
5--Arakshan ka purn palan hoga by sc
( 50% anarakshit; 27% obc; 21% sc; 2%st)
Spl cat +sm ko kewal 5% chhoot)
6-- chandachoro ka dandha band chahe acd ho ya tet merit by sc
7--72825 ke atrikt pad badwane ka irada by sc
(72825 +72825= 145650 hone ka chans)
8-- next cutoff gen 65%, other 60%,
Will be given by sc
Thanks to all of you
(Note -- its my personal view )
अगले चरण की काउंसलिंग पर होगा विचार-विमर्श
ReplyDeleteप्राइमरी स्कूलों के लिए 72,825 प्रशिक्षु
शिक्षकों की भर्ती में सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश आने के
बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने 24 दिसंबर को विभागीय
अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई है।
इसमें सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के आधार पर अगले चरण
की काउंसलिंग पर विचार-विमर्श होगा। राज्य शैक्षिक
अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) अब तक
तीन चरणों की काउंसलिंग करा चुका है।
इसमें करीब 78 फीसदी पदों के लिए अब तक पात्र
अभ्यर्थी मिले हैं। चौथी काउंसलिंग 2 से 12 जनवरी तक
कराने संबंधी शासनादेश जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट
का नया आदेश आ गया।
राज्य सरकार को दिया भर्ती का आदेश
सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को टीईटी में 70 फीसदी पाने
वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों और 65 फीसदी पाने
वाले आरक्षित वर्ग को सुप्रीम कोर्ट ने पात्र मानते हुए
भर्ती करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है।
टीईटी 150 अंक की है। इस हिसाब से देखा जाए
तो सामान्य वर्ग का 105 अंक और आरक्षित वर्ग के
अभ्यर्थी 97.5 अंक पर प्रशिक्षक शिक्षक बनने के लिए
पात्र होंगे।
जबकि तीसरे चरण में महिला कला सामान्य वर्ग की सबसे
कम मेरिट 103, महिला कला एससी की 83 , पुरुष
कला सामान्य की 113 व पुरुष कला एससी की 100 अंक
गई थी।
सचिव बेसिक शिक्षा 24 दिसंबर को बैठक में सुप्रीम
कोर्ट के आदेश के मुताबिक मेरिट तय करने पर विचार-
विमर्श करेंगे। इसमें चौथे चरण की काउंसलिंग की तारीख
में भी फेरबदल पर भी विचार हो सकता है।
इसलिए भी हुई थीं दिक्कतें
शिक्षक भर्ती से संबंधित प्रदेश के 30 जिलों ने
जो सूचनाएं भेजी थी वह आधी-अधूरी थीं और इसमें से छह
तो ऐसी थीं जिन्होंने प्रोफार्मा के विपरीत सूचनाएं दे
दी थीं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद
(एससीईआरटी) जिलों से सूचनाएं मिलने के बाद इसे
एनआईसी को देगा।
एससीईआरटी चाहता है कि जिन अभ्यर्थियों के आवेदन में
खामियां हैं उसे दिसंबर के पहले हफ्ते से ऑनलाइन ठीक
करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की तीसरी काउंसलिंग 13 नवंबर
को समाप्त हो चुकी है। एससीईआरटी ने डायट
प्राचार्यों के साथ बैठक कर जल्द से जल्द
पूरी सूचना निर्धारित प्रोफार्मा पर देने को कहा था।
इन जिलों ने दोहराई गलतियां
इसके बाद भी उन्नाव, संतरविदास नगर, संतकबीरनगर,
ललितपुर, संभल, श्रावस्ती, मुरादाबाद, पीलीभीत,
सुल्तानपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर,
महाराजगंज, शाहजहांपुर, हरदोई, कुशीनगर, बहराइच, गोंडा,
लखीमपुर खीरी, अमेठी, कानपुर नगर, बिजनौर, फैजाबाद,
बस्ती, बाराबंकी, फर्रुखाबाद, कन्नौज, प्रतापगढ़ और
अंबेडकर नगर ने आधी-अधूरी सूचनाएं भेजी हैं।
अब विदा लेता हूँ भाइयों l
ReplyDeleteआपका दिन शुभ हो l
Rajesh ji mera tet me 11o num h maine 2nd counselling me gonda me coun. kari thi ,gonda k final list a gai h usme 11o num pe 1987 dob tk k bacho ko lya gaya h meri dob 1989 h list me mera naam ni h ab mai kya karo pls bataye bht tnsn ho rhi h pls help me
ReplyDeleteFriends Maine gonda mai 3rd counciling krai h mere 107 no. h aur wahan ki gen female science ki cutoff 111h to kya muje 4the counciling krani hogi.plz reply soon
ReplyDeleteRampur mae female gen sci ke ketne tet marks ke candidates ka fix ho gya hae in 3 councilling please tell me if any one know.
ReplyDeleteBehraich ki gen fem art ki merit kitni h...Sir 3 rd counseling me photocopy jama hui thi. Verification photocopy se hogi????
ReplyDeletebhgwan kare uptet2011 pass sabhi ka samayojan ho jaye jaise ki shikshamitro ka hua hai to hum sabhi ka kyu nahi......
ReplyDeletearti 108 cut off gai h
ReplyDeleteKis dist ka aur kis category ka
DeleteMere 110 no gen fem art 3 councling Shahjahnpur krai h kya mera wha ho skta h
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