Dainikbhaskar.com | Dec 22, 2014, 11:43:00 PM IST
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लखनऊ. बढ़ती शीतलहर और ठंड को देखते हुए सीएम अखिलेश यादव ने यूपी के सभी स्कूलों में कक्षा 12 तक की कक्षाओं को आगामी 28 दिसंबर तक बंद करने के आदेश दिया है। स्कूलों के बंद होने का यह आदेश सभी सरकारी स्कूलों, मान्यता प्राप्त, अशासकीय सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर भी लागू होगा। यूपी बोर्ड के साथ-साथ आईसीएसई और सीबीएसइ बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूल बंद रहेंगे।
बताते चलें, सीएम के इस आदेश का पालन अंग्रेजी माध्यम के भी सभी स्कूलों को भी इस निर्देश का पालन करना होगा। वहीं, परिषदीय स्कूल 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश के चलते बंद रहेंगे। शासन ने सभी जिलाधिकारियों, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस आदेश का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराने के लिए कहा है।
शुभ प्रभात दोस्तों
ReplyDeleteअगले चरण की काउंसलिंग पर होगा विचार-विमर्श
प्राइमरी स्कूलों के लिए 72,825 प्रशिक्षु
शिक्षकों की भर्ती में सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश आने के
बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने 24 दिसंबर को विभागीय
अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई है।
इसमें सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के आधार पर अगले चरण
की काउंसलिंग पर विचार-विमर्श होगा। राज्य शैक्षिक
अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) अब तक
तीन चरणों की काउंसलिंग करा चुका है।
इसमें करीब 78 फीसदी पदों के लिए अब तक पात्र
अभ्यर्थी मिले हैं। चौथी काउंसलिंग 2 से 12 जनवरी तक
कराने संबंधी शासनादेश जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट
का नया आदेश आ गया।
राज्य सरकार को दिया भर्ती का आदेश
सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को टीईटी में 70 फीसदी पाने
वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों और 65 फीसदी पाने
वाले आरक्षित वर्ग को सुप्रीम कोर्ट ने पात्र मानते हुए
भर्ती करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है।
टीईटी 150 अंक की है। इस हिसाब से देखा जाए
तो सामान्य वर्ग का 105 अंक और आरक्षित वर्ग के
अभ्यर्थी 97.5 अंक पर प्रशिक्षक शिक्षक बनने के लिए
पात्र होंगे।
जबकि तीसरे चरण में महिला कला सामान्य वर्ग की सबसे
कम मेरिट 103, महिला कला एससी की 83 , पुरुष
कला सामान्य की 113 व पुरुष कला एससी की 100 अंक
गई थी।
सचिव बेसिक शिक्षा 24 दिसंबर को बैठक में सुप्रीम
कोर्ट के आदेश के मुताबिक मेरिट तय करने पर विचार-
विमर्श करेंगे। इसमें चौथे चरण की काउंसलिंग की तारीख
में भी फेरबदल पर भी विचार हो सकता है।
इसलिए भी हुई थीं दिक्कतें
शिक्षक भर्ती से संबंधित प्रदेश के 30 जिलों ने
जो सूचनाएं भेजी थी वह आधी-अधूरी थीं और इसमें से छह
तो ऐसी थीं जिन्होंने प्रोफार्मा के विपरीत सूचनाएं दे
दी थीं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद
(एससीईआरटी) जिलों से सूचनाएं मिलने के बाद इसे
एनआईसी को देगा।
एससीईआरटी चाहता है कि जिन अभ्यर्थियों के आवेदन में
खामियां हैं उसे दिसंबर के पहले हफ्ते से ऑनलाइन ठीक
करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।
प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की तीसरी काउंसलिंग 13 नवंबर
को समाप्त हो चुकी है। एससीईआरटी ने डायट
प्राचार्यों के साथ बैठक कर जल्द से जल्द
पूरी सूचना निर्धारित प्रोफार्मा पर देने को कहा था।
इन जिलों ने दोहराई गलतियां
इसके बाद भी उन्नाव, संतरविदास नगर, संतकबीरनगर,
ललितपुर, संभल, श्रावस्ती, मुरादाबाद, पीलीभीत,
सुल्तानपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर,
महाराजगंज, शाहजहांपुर, हरदोई, कुशीनगर, बहराइच, गोंडा,
लखीमपुर खीरी, अमेठी, कानपुर नगर, बिजनौर, फैजाबाद,
बस्ती, बाराबंकी, फर्रुखाबाद, कन्नौज, प्रतापगढ़ और
अंबेडकर नगर ने आधी-अधूरी सूचनाएं भेजी हैं।
आज का विचार .
ReplyDelete.
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जरूरी नहीं कि कुत्ता ही वफादार निकले,
वक्त आने पर आपका वफादार भी, कुत्ता निकल सकता है.
Devi ji nikli h.hme
Deleteदिमाग का दही तब हो जाता है, जब anuj को भेजा जाने वाला मैसेज गलती से anju को चला जाता है ...!!
ReplyDeleteOr jab mobile me koi aisi problem ho jaye jisse Sara data hi chala jaye or aapke pass kisi ka bhi number na ho tab bhi dimag ka....
Deleteमा.दीपक मिश्रा सर को जब हमारे एडवोकेटस
ReplyDeleteद्वारा यह बताया गया कि तीन लाख पद
अभी खाली है तभी मा.जजेज के दिमाग में यह
बात खटकी की सरकार की मंशा इस भर्ती के
प्रति के प्रति क्या है...मा.जजेज ने जब
रमानी जी से जानना चाहा कि क्या यह सही है?
तो रमानी जी की मूक सहमति..सरकार की पोल
खोल दी....उन्हे समझ में आने लगा कि जब इतने
पद खाली हैं तो 72825 के जगह उन्हे तीन लाख
खाली पद दिखाई देने लगे..जिसका उल्लेख
मा.जजेज द्वारा अपने आदेश में rte act के
मंशा के साथ की है...छः सप्ताह के अंदर 72825
पदों पर भर्ती कर जो अनुपालन रिपोर्ट दाखिल
करने का आदेश 25 फरवरी 2015 तक
दिया गया है वह आदेश इसी तरह 3 लाख
पदों पर भर्ती के आदेश के रुप में तब्दील होने
गया....
उस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया। जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था। और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा; आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है। वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है? स्वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा। और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।'' .
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लूका 1:26-33
.*** प्रेम समर्पण एक ही हैं ***....
ReplyDelete...प्रेम और समर्पण का एक ही अर्थ होता है। प्रेम के बिना कैसा समर्पण। और अगर समर्पण न हो तो कैसा प्रेम! प्रेम के बिना तो समर्पण हो ही नहीं सकता। प्रेम के बिना जो समर्पण होता है, वह समर्पण नहीं है, जबरदस्ती है।
जैसे किसी आदमी ने तुम्हारी छाती पर छुरी रख दी और कहा, करो समर्पण! और तुम्हें करना पड़ा। उसने कहा, चलो करो समर्पण—घड़ी, तुम्हारा बटुआ, समर्पण करो। अब छुरी के घबड़ाहट में तुमने समर्पण कर दिया, यह समर्पण तो नहीं है। यह तो मजबूरी है। इससे तो तुम बदला लोगे, मौका मिल जाएगा तो तुम इसे छोड़ोगे नहीं। यह समर्पण नहीं है, यह तो हिंसा हुई।
समर्पण का अर्थ है, स्वेच्छा से, अपनी मर्जी से। तुम पर कोई दबाव न था, कोई जोर न था, कोई कह नहीं रहा था, कोई तुम्हे किसी तरह से मजबूर नहीं कर रहा था। तुम्हारा प्रेम था, प्रेम में तुम झुके, तो समर्पण। प्रेम में ही समर्पण हो सकता है।
और जहां प्रेम है, अगर समर्पण न हो तो समझ लेना प्रेम नहीं है। आमतौर से लोग यह कोशिश करते हैं कि प्रेम के नाम पर समर्पण करवाते हैं। तुम्हें मुझसे प्रेम है, करो समर्पण! अगर प्रेम है तो समर्पण होगा ही, करवाने की जरूरत नहीं पडेगी। बाप कहता है कि मैं तुम्हारा बाप हूं तुम बेटे हो, मुझे प्रेम करते हो? तो करो समर्पण। पति कहता है पत्नी से कि सुनो, तुम मुझे प्रेम करती हो? तो करो समर्पण। प्रेम है तो समर्पण हो ही गया, करवाने की कोई जरूरत नहीं है। जो समर्पण करवाना पड़े, वह समर्पण ही नही। जो हो जाए, जो सहज हो जाए। अगर सहज न हो तो तुम एक झूठी मुद्रा में उलझ गए। एक नकली मुद्रा में उलझ गए।
कितने संबंध टूट चुके, कितने प्रेम, तथाकथित प्रेम गिर चुके, फिर भी तुम न मालूम किस सुबह की आस लगाए बैठे हो। हर सपना व्यर्थ सिद्ध हो गया, फिर भी न मालूम सपनों में टटोल रहे, टटोल रहे, टटोल रहे। जागो!
सत्य के लिए एक ही पात्रता चाहिए, वह है प्रेम की पात्रता। अगर तुम्हारे हृदय में प्रेम आ जाए—और आ जाए कहना ठीक नहीं, भरा है वहा—सिर्फ तुम बहाने की कला सीख जाओ। तुम उसे रोके बैठे हो, तुम बड़े कंजूस हो, कृपण हो, जब भी प्रेम देने का मौका आता है तुम एकदम रोक लेते हो, उसे बहने नहीं देते, बड़े सोच—सोचकर, फूंक—फूंककर कदम रखते हो प्रेम के मामले में।
बांटो। दोनों हाथ उलीचिए। जो मिले उसे बांट दो। और यह तो फिकर ही मत करो कि वह लौटाएगा कि नहीं लौटाएगा, प्रेम लौटता ही है। हजार गुना होकर लौटता है। इसकी भी फिकर मत करो कि इस आदमी को दिया तो यही लौटाए। कहीं से लौट आएगा, हजार गुना होकर लौट आएगा, तुम फिकर मत करो। प्रेम लौटता ही है।
ही, अगर न लौटे, तो सिर्फ एक प्रमाण होगा कि तुमने दिया ही न होगा। अगर न लौटे, तो फिर से सोचना—तुमने दिया था? या सिर्फ धोखा किया था? देने का दिखावा किया था या दिया था? अगर दिया था तो लौटता ही है। यह इस जगत का नियम है। जो तुम देते हो, वही लौट आता है—घृणा तो घृणा, प्रेम तो प्रेम, अपमान तो अपमान, सम्मान तो सम्मान। तुम्हें वही मिल जाता है हजार गुना होकर, जो तुम देते हो।
यह जगत प्रतिध्वनि करता है, हजार—हजार रूपों में। अगर तुम गीत गुनगुनाते हो तो गीत लौट आता है। अगर तुम गाली बकते हो तो गाली लौट आती है। जो लौटे, समझ लेना कि वही तुमने दिया था। जो बोओगे, वही काटोगे भी।..
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ReplyDelete.
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कोई
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वादा
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न
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करें
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कभी
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खाएँ
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न
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कसम ! ! ! ! ! !
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जब कहें बस ये कहेँ मिलके बिछड़ेँगे न हम ! ! ! !
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हटो आँखों से आंसू पोंछ डालो
वो देखो रेलगाड़ी आ रही है
मैं तुमको छोड़कर हरगिज़ न जाता
मेरी गरीबी मुझको लेकर जा रही है !
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को याद दिलाई चाणक्य नीति
ReplyDelete.
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उत्तर प्रदेश में पठन-पाठन और आरटीई (नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार) कानून की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिन्ता जताई है।
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72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसम्बर को महान दार्शनिक चाणक्य की नीति का हवाला देते हुए यूपी सरकार को शिक्षा व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं।देश की सर्वोच्च अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा-‘लगभग दो हजार साल पहले कौटिल्य (चाणक्य) ने कहा था कि जो अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं भेजते वे सजा पाने के हकदार हैं। लगभग सात सौ साल पहले इंग्लैंड में भी ऐसा ही माहौल था।’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्राथमिक शिक्षा बच्चों के प्राथमिक स्वास्थ्य के समान है। ‘जब बच्चे पढ़ते हैं तो देश सभ्यता की ओर अग्रसर होता है। कोई छात्र बिना मार्गदशन के शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकता। अपने सभी नागरिकों के अभिभावक के रूप में एक राज्य की जिम्मेदारी है कि वो बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे।’ ऐसे हालात में यह स्वीकाय नहीं कि शिक्षकों के पद खाली हो, बच्चे अशिक्षित रहें और स्कूल रेत में नखलिस्तान (शिक्षक) का इंतजार करते नजर आएं। बकौल सुप्रीम कोर्ट- ‘शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में नखलिस्तान की भूमिका अदा करें’। सवोच्च अदालत ने यूपी सरकार को डेढ़ महीने में शिक्षकों के खाली पद भरने के निदेश दिए हैं। .
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वर्तमान में उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के लगभग तीन लाख पद खाली हैं।
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हाईकोर्ट ने विन्सटन चचिल का किया था जिक्र
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता पर हाईकोर्ट की वृहदपीठ ने 31 मई 2013 के अपने आदेश में विन्सटन चर्चिल के ऐतिहासिक वक्तव्य को कोट किया था। चर्चिल ने कहा था-‘एक प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर के पास इतनी शक्ति होती है जितनी की प्रधानमंत्री के पास भी कभी नहीं होती।’ हाईकोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के शिक्षकों के प्रति नजरिए का भी जिक्र किया था।
The air knows no boundaries, the sun knows no boundaries. In reality there is no boundary on Earth. They are all man-made divisions between different people.
ReplyDeleteRight sir ji, sayad hum bhe kuch sekh sake parkarti se.
DeleteBhai apna mob number Mujhe msg karo
Deleteदोस्तोँ उस समय कोई टेट मेरिट से चयन का समर्थक था ,कोई एकेडमिक से तो कोई टेट वेटेज से ,,, कुछ लोग सभी टेट पास लोगों के समायोजन का समर्थन कर रहे थे .......
ReplyDelete.
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कुल मिलाकर इतने सारे मतों का परिणाम यह हुआ कि सभी टेट पास लोगों को उम्मीद की कोई ना कोई किरण कहीं ना कहीं से मिल ही गयी वरना इस विवाद से जन्मा अवसाद अब तक बहुत जिंदगियाँ लील चुका होता ,,,,, .
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यह निश्चित है कि अभी कम से कम 1.50 लाख की भर्ती होगी ,,,,, .
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सबसे दुखद घटना तब होगी जब उन लोगों का नाम चयन सूची में आएगा जिन्होंने इस विवाद का निर्णायक समाधान होने से पहले ही हार मान ली और अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली .. ..... .
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काश उन लोगों ने किसी भी गुट पर भरोसा किया होता.....
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बीते हुए कल की खातिर आने वाला कल मत खोना ..... .
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जाने कौन कहाँ से आकर तेरी राहें फिर से सँवारे .....
सबसे बड़ी आशा है जीवन , नादाँ हैं जो जीवन से हारे !
72,825 शिक्षक भर्ती: 24 दिसंबर को होगा अहम फैसला
ReplyDeleteराज्य सरकार को दिया भर्ती का आदेश
सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को टीईटी में 70 फीसदी पाने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों और 65 फीसदी पाने वाले आरक्षित वर्ग को सुप्रीम कोर्ट ने पात्र मानते हुए भर्ती करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है।
टीईटी 150 अंक की है। इस हिसाब से देखा जाए तो सामान्य वर्ग का 105 अंक और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 97.5 अंक पर प्रशिक्षक शिक्षक बनने के लिए पात्र होंगे।
जबकि तीसरे चरण में महिला कला सामान्य वर्ग की सबसे कम मेरिट 103, महिला कला एससी की 83 , पुरुष कला सामान्य की 113 व पुरुष कला एससी की 100 अंक गई थी।
सचिव बेसिक शिक्षा 24 दिसंबर को बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक मेरिट तय करने पर विचार-विमर्श करेंगे। इसमें चौथे चरण की काउंसलिंग की तारीख में भी फेरबदल पर भी विचार हो सकता है ।
पुलिस है कि डंडा लेके घुमती है। आप किसी पुलिस ऑफिसर्स से पूछिए के डंडा क्यों है तुम्हारे हाथ में या किसी कांस्टेबल से पूछिए के तुम ये डंडा ठक ठक करके घूमते हो ... क्यों डंडा है तुम्हारे हाथ में ? किसी और अधिकारी के हाथ में आपने डंडा देखा है ? पुलिस के ही हाथ में डंडा क्यों? बड़ा ऑफिसर है तो छोटा रूल लेके चलेगा और छोटा अधिकारी है तो लम्बा सा डंडा लेके चलेगा। क्यों ?? कोई भेड़ बकरी को चराने जाना है क्या ? गाँव का कोई लकडहारा भेड़ बकरी को चराने जाता है तो डंडा लेके जाता है, तो भाई डंडे से भैंस को हांकता है बक़री को हांकता है तो ठीक है लेकिन तुम पुलिसवाले ये डंडा लेके क्यों ठक ठक करते हो ?
ReplyDeleteपुलिस मैन्युअल में ये लिखा हुआ है के हर पुलिस ऑफिसर को डंडा लेना ही पड़ेगा। 1860 का कानून है Indian Police Act , उस कानून में ये लिखा हुआ है के पुलिस जो है वो अंग्रेजो का है और डंडा जिस पर चलेगा वो भारतीय लोग है, तो अंग्रेजो की पुलिस के हर एक व्यक्ति के हाथ में डंडा होना चाहिए ताकि वो भारतीय लोगों को जब चाहे तब पिट सके। तो Indian Police Act के हिसाब से हर अंग्रेज पुलिस ऑफिसर को एक अधिकार दिया गया है जिसको अंग्रेजी में कहते है Right to Offence और भारतवासी जिसकी पिटाई हो रही है उसको कोई अधिकार नही है Right to Defence आपको अपने Defence करने का कोई अधिकार नही है। अगर पुलिस ऑफिसर ने डंडा चलाया और आपने उसका डंडा पकड़ लिया तो केस आपके ऊपर बनेगा नाकि ऑफिसर के ऊपर , कि आपने एक पुलिस ऑफिसर को उसकी ड्यूटी करने से रोका।
यह कानून 1860 का बनाया हुआ आज भी चल रहा है और पुरे देश में लाग़ू है, उसमे कहीं कोई बदलाव नही हुआ है।
अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें: �
http:// www.youtube.com/ watch?v=lCQPy6AL 5uk
टेट संघर्ष मोर्चे
ReplyDeleteका जिला एवं प्रदेश स्तरीय ने तृत्वस्वार्थ में इतना अँधा हो गया है कि उसे साफ़-साफ़ शब्दों में दीवार पर लिखी इबारत दिखाई नहीं दे रही ,,,, .
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17 दिसंबर को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने दत्तू साहब के 72825 सम्बन्धी आदेशको modify करते हुए न्यूनतम 1.50 लाख पदों पर भर्ती करने का निर्देश दिया है जिससे टेट मोर्चे के नेतृत्व द्वारा टेट मेरिट समर्थकों से 100 तक नंबरलाने वाले लगभग सभी का चयन हो जाने का दावा सही साबित हो सके ,,,, .
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चूँकि मोर्चे के नेतृत्व ने सरकार के साथ साँठ-गाँठ करके टेट वेटेज सेभर्ती का प्रयास करने के चक्कर में मामले को 2 साल तक उलझाए रखा इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने टेट प्राप्तांकों को 200% वेटेज देकर सारे फसाद की जड़ ही समाप्त कर दी ....... .
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अब यदि मोर्चे का नेतृत्व चंदाचोरी में लिप्त होकर अपना ईमान ना खोता तो अब तक 72825 की अशुभ सँख्या के प्रति आसक्ति से मुक्त होकर 1.50 लाख या उससे अधिक की भर्ती की सम्भावना जागने पर प्रसन्न जरुर होता .....
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मोर्चे के नेतृत्व ,उसके कमीशन एजेंटों और उसके वकीलों की इतनी हैसियत नहीं है कि वो समझ सकें कि भूषण साहब तथा दत्तू सर के आदेशों की सबसे बड़ी ताकत यही है कि उनका पालन किया जा सकना संभव नहीं है ,,,,,,.
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मैं इस मुद्दे पर और बहस की जरूरत नहीं समझता ,,,,,.
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मोर्चे का नेतृत्व सभी को यही बता रहा हैकि 17 दिसंबर का आदेश 12th संशोधन और 30-11-11 के विज्ञापन के आधार पर 72825 की भर्ती के सन्दर्भ में है ???? .
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नेतृत्व का यह दावा सच है या झूठ इसका पता थोड़े दिनों बाद स्वयं ही चल जाएगा ,,,,,.
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यदि ऐसा ना होकर सरकार ने अपनी SLP वापस लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में लंबित कपिलदेव यादव की order modificationapplication पर सुनवाई कराकर भर्ती की तो यह प्रमाणित हो जाएगा कि टेट संघर्ष मोर्चे के नेतृत्व ने अपने समर्थकों के साथ विश्वासघात किया था ,,,, .
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यह प्रमाणित हो जाने पर मोर्चे के सभी पैरवीकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नजदीक पोलो ग्राउंड के उसी पेड़ के नीचे मुर्गा बनकर सभी आम टेट मेरिट समर्थकों से माफ़ी मांगेंगे जिसके नीचे खड़े होकर उन्होंने लोगों को बेवकूफ बनाकर ठगना सीखा था !
कम लोगों को पता है लोकल ट्रेनों और बसों में बिकने वाली 'करोड़पति बनें मात्र पंद्रह दिनों में' नामक पुस्तक के लेखक दरअसल रॉबर्ट वाड्रा जी है |
ReplyDeleteWhat , a joke !!!!!! Sir ji
Deleteजब तक बच्चा रोता नहीं है तब तक माँ उसे दूध नहीं पिलाती है , परन्तु हंसी आती है बीएड-टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों पर की घर बैठकर नौकरी की चाहत रखते हैं जबकि समाजवाद की सरकार न ही तो हमारी माँ है और न ही रिश्तेदार |
ReplyDeleteखुदी को कर बुलंद इतना की खुदा भी आकर बन्दे से पूछे की बता तेरी रजा क्या है ?
ये मुद्दा लेकर समिति बनानी है अब अपनी जिसको हिंदुस्तान के संवैधानिक तरीके से आगे बढ़ाना है और अपनी आवाज २५ फ़रवरी को न्याय के सर्वोच्च मंदिर में बुलंद करनी है |
न ही तो हमारा कोई नेता है न ही हमारा कोई धर्म , हमारा धर्म है हमारी नौकरी और उसके आधार पर चलने वाला परिवार |
हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है लेकिन पाने के लिए बहुत कुछ है परन्तु प्रयास करना ही होगा |
तारीख - 29 दिसंबर 2014
स्थान - बारादरी पार्क , केसर बाघ , लखनऊ |
समय - प्रातः 11 बजे
ध्यान रखिये मीटिंग में सु-स्वार्थी कौन्सेल्लेड लोगों का ही स्वागत है , किसी भी स्वार्थी लोगों के आने के अहबान पर न जाएं जिन्होंने 3 साल तक हमारा यूज किया अब उनका साथ नहीं चाहिए अब और न ही उनका आह्वान |
उत्तर प्रदेश के शैक्षिक वातावरण के सूखे को समाप्त करने के लिए
ReplyDeleteरिक्त पदों को भरने हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने टीईटी परीक्षा में 70 फीसदी अंक प्राप्त करने वालों को नियुक्त करने का आदेश किया है।
आरक्षित वर्ग को टीईटी परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए
पांच फीसदी अंक की छूट के
कारण उनको पांच फीसदी अंक की छूट देते हुये 65 फीसदी अंक पर नियुक्ति देने का आदेश पारित किया है।
पहले सरकार ने रिव्यु में जाने का विचार किया परन्तु फिर सोचा कि यदि रिव्यु ख़ारिज हुआ तो आदेश का पालन
भी करना पड़ेगा तथा राजनैतिक लाभ से भी वंचित होना पड़ेगा।
फैसले के अमल में मंचन हेतु
24 दिसम्बर 2014 को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गयी है।
विधिक अड़चनों के मद्देनजर कुछ बड़े फैसले की संभावना है ।
उक्त बैठक के बाद रणनीतिक विचार-विमर्श हेतु अभिभावक एवं टीईटी बेरोजगारों की बैठक लखनऊ के बारादरी पार्क में
29/12/2014 को सुबह 11 बजे आयोजित होगी ।
जिसमें प्रदेश के सभी टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों के इकठ्ठा होने की प्रबल संभावना है।
कल क्या होगा किसने जाना ! !
ReplyDelete.
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दरअसल कोर्ट ने सरकार को जो आर्डर थमाया है वह हमारे लिये तो खुशी का विषय है परन्तु विभाग के लिये चिन्ता का विषय है
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कोर्ट अच्छी तरह समझ गई थी कि 12 वें और 15 वें के चक्कर में अब 15 वें की बैन्ड बजनी तय है अतः वह भी पेशोपश में था कि क्या निष्कर्ष निकाला जाये क्योंकि एक ओर वैध टीईटी मेरिट थी और दूसरी ओर अवैध 15 वाँ संशोधन , जिस पर कई लोग वर्तमान समय में वेतन भोग कर रहे है।
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ऐसेमें 3 लाख पदों के खाली होने का जिक्र छिडते ही जज साहब ने तत्काल ऐसा आदेश दिया कि न टीईटी मेरिट वाले हुडदंग काटें और न एकेडमिक वाले रिट डाल सकें क्योंकि कोर्ट द्वारा दिये गये अभी तक के मानक में 1 लाख 65 हजार टीईटी अभ्यर्थी आ रहे हैं
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पर इन सबको एक तरफ करके देखा जाये तो कोर्ट का रुख टीईटी मेरिट की ओर बिल्कुल स्पष्ट हो गया और इतने सारे मात्रा में पदों के भरने के आदेश के साथ साथ 12 वाँ संशोधन को और मजबूत बना दिया है क्योंकि टेट मेरिट समर्थन का वह सबसे बडा सबूत है
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15 वाँ अब और गटर में जाने की स्थिति में चला गया है , क्योंकि वेटेज नाम की बहस शुरू ही एनसीटीई की गाइडलाइन की वजह से ही शुरू हुई थी , जिस पर सालिसीटर जनरल ने कहा भी था कि यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह कितना वेटेज देती है ।
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अब आप लोग इस पंक्ति से स्वयं समझ सकते हैं कि सरकार वेटेज नाम के इस शब्द को पूर्णतया इग्नोर करके कैसे 15 वें पर भर्तियाँ करेगी ?
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अब 25 फरवरी को कोर्ट में सरकार को दिये गये आदेश के अनुपालन सम्बन्ध में रिपोर्ट सौंपनी है जिसमें नियुक्ति देकर आने की बात कही गयी है
और नियुक्ति पत्र नाम का यह शब्द जज साहब ने अपने आदेश में तब लिखवाया जब सीनियर अधिवक्ता अमरेन्द्र शरण जी ने कहा था कि वर्तमान में तो 54000 पदों की काउसिंलिंग हो चुकी है और सत्यापन भी चल रहा है
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अतःयह तो भूल ही जाईये कि बिना ज्वाइनिंग लेटर थमाये सरकार कोर्ट में पंहुच जायेगी क्योंकि कोर्ट कहेगा 3 लाख की स्टोरी पर रोना बंद करो और उनका क्या किया ?
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पर सरकार की समस्या शुरू होती है यहाँ से कि 72825 के अलावा और पद लाये कहाँ से जायें क्योंकि टीईटी मेरिट के 72825 को खत्म कराने गई सरकार अब डेढ लाख टीईटी मेरिट का गठठर सर पे लाद लायी अब इतने ढेर का इतने कम समय में कैसे क्या करें
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अब दूसरी समस्या शुरू होती है कि सरकार ट्रेनी टीचर मान के खुशी खुशी झूला झूल रही थी पर आदेश सहायक अध्यापक का हो गया क्या सहायक अध्यापक का नाम आते ही सभी प्रकार का वर्गीकरण समाप्त हो जाता है
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अब विभाग जनवरी को चतुर्थ काउसिंलिंग के नाम पर और औपबंधिक डाटा करेक्शन के नाम पर टरकाना चाहती है पर बकरे की माँ कब तक खैर मनायेगी , एक न एक दिन तो माँ का बकरा कटना ही है
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सामान्य70% तक और आरक्षित 65% तक ऐसे लोग जिनकी काउसिंलिंग नही हुई है तत्काल एकजुट हो जायें और हिमांशु राणा व अजय ठाकुर का सहयोग करें और 29 को लखनऊ मीटिंग में जायें क्योंकि बात नौकरी की है कोई राजनीति या मजाक की नही
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अब भी यदि किसी की भर्ती फंसाने की मंशा वाली बात सुनाई दे ,,तो रुकना मत सीधा जूता उतारना और तब तक उस हरामजादे के मारना जब तक जूते का तलवा न घिस जाये
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धरती हमेशा वीरों का बलिदान मांगती है
भडकने वाली आग बस एक फूंक मांगती है
जो हर चुनौती को ठोकर मार देते हैं
जवानी भी उससे जवानी मांगती है
फारुख और उमर अब्दुला दोनों बाप बेटे समुंदर में डुबने के लिए निकल पड़े है।
ReplyDeleteपर अभी निर्णय नहीं लिया है की कहा छलांग मारेंगे !
Opbandhik walo ko kya karna hoga pls sir ji btane ka kasht kare maine sitapur me opbandhik conclng krai thi kya waha jana padega
ReplyDeletepls sir
pls apki ati krpa hogi
my whatsapp no-9582765525
>>>> SCERT अपडेट <<<<<<
ReplyDelete.
72825 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश
आने के पश्चात आज SCERT में कुछ चर्चा इस बारे में
भी हुई,,,हालाँकि आज की बैठक मुख्यतः सर्व
शिक्षा अभियान से जुड़े मुद्दों के संदर्भ में थी लेकिन
72825 शिक्षक भर्ती का मुद्दा भी उठाया गया,,,आज
प्राप्त जानकारी के अनुसार निम्नलिखित तथ्य सामने
आये हैं-
(1) सभी डायटों को औपबंधिक काउंसलिंग समेत अन्य
डाटा करेक्शन का कार्य किसी भी हालत में दिनाँक
24 दिसंबर 2014 तक पूर्ण करने
की चेतावनी दी गयी है,,इस आशय का एक विभागीय
पत्र भी जारी किया गया है जिसमें उक्त नियत
तिथि तक कार्य पूरा ना करने पर सम्बंधित जनपद
डायट/अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक
कार्यवाही किये जाने का भी स्पष्ट उल्लेख
किया गया है।
(2) डाटा फीडिंग के फीड बैक को देखते हुए लगभग
सभी जनपदों का कार्य संतोषजनक पाया गया है
किन्तु 14 जनपदों का कार्य अभी भी संतोषजनक
नहीं है,,इन जनपदों के सम्बंधित
अधिकारियों को विशेष हिदायतें दी जा चुकी हैं।
(3) सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी सभी जनपद
डायटों को मेल की जा चुकी हैं और इस आदेश
का हवाला देते हुए शीघ्रता से कार्य करने का आदेश
दिया गया है,,,कुल मिलाकर SCERT के सम्बंधित
अधिकारी अगली डेट पर सुप्रीम कोर्ट में कुछ करके
दिखाने को कटिबद्ध नजर आ रहे हैं,,उम्मीद है जल्द
ही परिणाम सामने आएगा।
(4) यदि डाटा फीडिंग का कार्य निर्धारित
तिथि तक संपन्न नहीं हो पाता है तो आगामी माह के
प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ होने वाली चौथी काउंसलिंग
की तिथि कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ाए जाने
की उम्मीद है,,,यानि काउंसलिंग दूसरे सप्ताह में
प्रारम्भ हो सकती है।
(5) दिनाँक 24 दिसम्बर 2014 को शासन स्तर की बैठक
होनी है जिसमें 72825 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम
कोर्ट द्वारा पारित आदेश पर विचार-विमर्श कर उसके
अनुपालन के बारे रणनीति/योजना बनाई
जायेगी,,शासन स्तर पर इस आदेश को लेकर काफी हलचल
देखी जा सकती है।
खुद जाना पड़ेगा या फिर 1 जनवरी का वेट करो ।
ReplyDeletenaresh kumar ji pls sitapur k 3 cut off list bataiyae agar apko pta ho obc/f/sci
ReplyDeleteWait kaisa sir ji ye bhi btaye pls
ReplyDeleteदोस्तोँ यदि अगले चरण की कॉउंसलिंग सरकार करने जा रही है तो निश्चित रूप से इनके 2-4 अधिकारी जेल में होंगे पूँछिये कैसे-? ? .
ReplyDelete.
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अरे जब कोर्ट मानक तय कर चुकी है कॉउंसलिंग के ,
तो इनके अधिकारी क्या अलग से 105 मेरिट पहुचाएंगे और 70 फीसदी से ऊपर वालो को क्या लिखित में दे पाएंगे कि हम आपकी कॉउंसलिंग से इंकार करता हैं क्योंकि हमे 97 से नीचे वाले शिक्षामित्र या अन्य लोगो को सीट बचा कर रखनी है ! नहीं न ,
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या अभी-भी उसी पुराने ऐड के प्रसिक्छु चयन पर भर्ती करेंगे या नए आर्डर पर सहायक अध्यापक बनाएंगे .
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फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में बैठे भगवान स्वरुप जज ने आपकी नौकरी का आर्डर दे दिया है .
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अब हनुमान जी की तरह आपकी शक्ति को पहचानो और नौकरी छीन लो जिसके लिए सारे रास्ते खुद तय करो .
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न कि टी ई टी के स्वार्थी और मक्कार नेताओ पर भरोषा करो ।
अभी तक इन जिलों ने नही भेजा है डाटा
ReplyDeleteकल तक डाटा .भेजना है
इन जिलों ने दोहराई गलतियां
इसके बाद भी उन्नाव, संतरविदास नगर, संतकबीरनगर,
ललितपुर, संभल, श्रावस्ती, मुरादाबाद, पीलीभीत,
सुल्तानपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर,
महाराजगंज, शाहजहांपुर, हरदोई, कुशीनगर, बहराइच, गोंडा,
लखीमपुर खीरी, अमेठी, कानपुर नगर, बिजनौर, फैजाबाद,
बस्ती, बाराबंकी, फर्रुखाबाद, कन्नौज, प्रतापगढ़ और
अंबेडकर नगर ने आधी-अधूरी सूचनाएं भेजी हैं।
Ab to koi number bhi nahi hai ki mai kisi ko pareshaan kr saku.. Ae mere khuda tu hi apna number De please.!! It's very urgent god please...
DeleteTMNTBBN सर मोबाइल नंबर चेंज कर लिए हैं क्या ? नया नंबर मुझे भी दे दीजिये सर काफी दिनों से आपसे बात नहीं हो पायी l
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ReplyDeleteहमारी सोच भी अजीब है.....
ReplyDeleteकामयाबी मिले तो अपनी अक्ल पर खुश होतें है,
और
मुसीबत आये तो अपने नसीब को कोसतें है ..!!
अजय ठाकुर तुम जियो हजारो साल आप
ReplyDeleteकी कृपा से चंदा चोर का सवॅनाश हो चुका है
उत्तर प्रदेश सरकार इस बात को समझ गयी है कि
ReplyDeleteजो काम मेरा है वह अब कोर्ट कर रही है।
कटऑफ़ BSA/DIET , परिषद्/SCERT
जारी करती है तथा नियुक्ति BSA देता है।
जबकि कोर्ट ने इनके न्यूनतम कटऑफ़ 60/55 को देखकर
अभी 70/65 को छः सप्ताह में नियुक्ति का आदेश दिया है।
तथा अब इनका कटऑफ़ जारी करने का अधिकार अपने हाथ में ले लिया है।
एकल बेंच डिवीज़न बेंच में चले विवाद ने मामले को नया मोड़ दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट फंडामेंटल राईट की रक्षा के लिए ही निर्मित है।
इधर सरकारी अन्दर खाने की खबर है कि 11 जनवरी से चौथी काउंसिलिंग हो सकती है।
अभी तक जितनी SLP सुप्रीम कोर्ट में दौड़ रही हैं उनमें
72825 पद की ही जिक्र है ( हरिजन महिला विकलांग संगठन की PIL to Convert SLP Civil को छोड़कर)
इसी के साथ कपिल देव की याचिका पर पर अंतरिम आदेश लेकर उसको पद देकर दोनों विवाद मात्र 1.5 लाख पदों में सुप्रीम कोर्ट से ख़त्म करना चाहती है।
इसी लिए मै चाहता हूँ कि
अब हमारे पास एक बड़ा संगठन होना चाहिए जो कि
उसका नेतृत्व लोग स्वयं खुद करें तथा कोई नेतृत्व भी हो तो एक प्रतीक मात्र हो जो सबको साथ लेकर चल सके।
अब कोई भी चयनित किसी अचयनित का नेतृत्व नहीं कर सकता है।
आप सभी मेरे बड़े/छोटे भाई बहन
29 दिसम्बर को लखनऊ आयें।
बारादरी पार्क में एक कार्यकर्त्ता के रूप में पहुंचकर पहले हम
स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को पूरा करेंगे उसके बाद हम
बेरोजगारों के हित और नौनिहालों के भविष्य पर रणनीति बनायेंगे।
आप सब अब एक हो जायें।
उस जीवन के वचन
ReplyDelete.
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"मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं। स्वर्गदूत ने उस को उत्तर दिया; कि पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।'' .
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लूका 1:34-35
क,ख,ग क्या कहता है जरा गौर करें...
ReplyDeleteक - क्लेश मत करो
ख- खराब मत करो
ग- गर्व ना करो
घ- घमण्ड मत करो
च- चिँता मत करो
छ- छल-कपट मत करो
ज- जवाबदारी निभाओ
झ- झूठ मत बोलो
ट- टिप्पणी मत करो
ठ- ठगो मत
ड- डरपोक मत बनो
ढ- ढोंग ना करो
त- तैश मे मत रहो
थ- थको मत
द- दिलदार बनो
ध- धोखा मत करो
न- नम्र बनो
प- पाप मत करो
फ- फालतू काम मत करो
ब- बिगाङ मत करो
भ- भावुक बनो
म- मधुर बनो
य- यशश्वी बनो
र- रोओ मत
ल- लोभ मत करो
व- वैर मत करो
श- शत्रुता मत करो
ष- षटकोण की तरह
स - सच बोलो
ह- हँसमुख रहो
क्ष- क्षमा करो
त्र- त्रास मत करो
ज्ञ- ज्ञानी बनो !!
अब तक कॉउंसिलिंग (70/65) करा चुके लोग सभी सेफ है .
ReplyDelete.
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आज सुप्रीम कोर्ट के दो वकील साहब से मैनें ७२८२५ के अंतरिम फैसले का आर्डर दिखाया तो उन्होंने हमें बताया कि यह आर्डर उन लोगों के लिए है जो पात्र रहने के बावजूद बाहर हैं .
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७०% और ६५% वाला बात यह है कि बचे २४% सीटें है उसमें कैटेगरी वाइज नियुक्ति पत्र मिलेगा ा महिलाओं की सीट पर तभी अन्य लोगों का होगा जब उस कोटे मे अन्य महिलायें न हो ा विशेष आरक्षण जैसे सेनानी भूतपूर्व सैनिकों पर ६५% से कम का नियम तब लागू होता जब ६५% से कम वाले बाहर हो सीटें भी खाली हों .
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और उसी प्रकार सभी आरक्षित कोटे के लोग बेफिक्र रहे क्योंकि यह मैं बहुत अच्छे से वकील साहब से पूछ चुका हूँ ा .
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तो दोस्तों जिनकी काउंसिलिंग जिस कोटे में हुई है बावजूद उसके अगर जनरल ७०% और आरक्षित वर्ग के ६५% वाले बाहर है उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जायेगा ७२८२५ सीटें भर जाने के बाद भी भर्ती ३लाख पदों के लिए होगी सारी बातें सुप्रीम कोर्ट के वकील धर्मेन्द्र पाण्डेय व अनिमेष पाण्डेय के अनुसार हम भी भ्रम मे थे लेकिन अब मामला स्पष्ट है सब अपने कोटे की सीट पर बने रहेगें और अगर खाली सीट बचेगी तो उस पर ७०% और ६५% से कम वालों का होगा !
धन्यवाद !
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ReplyDelete.
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कोई
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वादा
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न
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करें
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कभी
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खाएँ
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न
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कसम ! ! ! ! ! !
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जब कहें बस ये कहेँ मिलके बिछड़ेँगे न हम ! ! ! !
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बात ये नही है पगली कि तेरे
बिना जी नही सकता
बात ये है कि तेरे बिना जीना नही चाहता !
गुड नाइट 98
किस्मत से लड़ने मे मजा आ रहा है दोस्तोँ ! ! !
ReplyDelete.
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ये मुझे जीतने नही दे रही है और मैं मान नही रहा !
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SHUBH नाइट दोस्तोँ !
सिंघम take care of your health and get well soon brother
ReplyDeleteThank's bro
DeleteYour wise going on
Filling better now
After 5days and your wise just