•केंद्र का भर्ती से पहले शिक्षकों का वेतन देने से इनकार
•नए 1271 प्राथमिक स्कूलों को नहीं मिली मंजूरी
लखनऊ। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सर्व शिक्षा अभियान में यूपी के लिए 10600 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्र ने 1271 नए स्कूल खोलने और भर्ती से पहले शिक्षकों का वेतन देने से मना कर दिया है। यूपी के अधिकारियों से कहा गया है कि पहले शिक्षकों की भर्ती की जाए, इसके बाद उनके वेतन की मांग की जाए। राज्य सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को 15 हजार 705 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था।
राज्य सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय को वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए प्रस्ताव भेजा था। नई दिल्ली में प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक शुक्रवार को हुई। इसमें यूपी से सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार, सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक अतुल कुमार समेत अन्य अधिकारी गए थे। राज्य सरकार ने 1155 नए प्राइमरी और 116 उच्च प्राइमरी स्कूल तथा गरीब व बेसहारा बच्चों के लिए 70 नए आवासीय स्कूल खोलने का प्रस्ताव था।
इसके अलावा शिक्षक व शिक्षा मित्र मानदेय 11409.18 करोड़, निर्माण कार्य 1455.60 करोड़, नि:शुल्क यूनिफार्म 720.41 करोड़, प्रबंधन एवं गुणवत्ता 291.71 करोड़, ब्लाक संसाधन केंद्र 285.83 करोड़, मुफ्त पाठ्य पुस्तक 136.55 करोड़, मेंटीनेंस ग्रांट 112.11 करोड़ का प्रस्ताव था। स्कूल ग्रांट 94.44 करोड़, समेकित शिक्षा 391.72 करोड़, शिक्षक व शिक्षा मित्र प्रशिक्षण 190.62 करोड़, इनोवेटिव एक्टिविटीज 18.14 करोड़, न्याय पंचायत संसाधन केंद्र 22.27 करोड़, शिक्षक ग्रांट 24.67 करोड़, आउट ऑफ स्कूल बच्चों को प्रशिक्षण 44.19 करोड़, शोध अनुश्रवण एवं मूल्यांकन 16.78 करोड़, सामुदायिक सहभागिता 23.69 करोड़, बच्चों के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा 5.48 करोड़, कंप्यूटर लर्निंग 37.50 करोड़, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के लिए 235.10 करोड़ रुपये का प्रस्ताव था। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसमें से 10600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पास किया है।
News : Amar Ujala (20.5.12)
Bharti nahi to money nahi good
ReplyDeleteAkhilesh ji july me school khul jaynge apke bachche to convent school me pad lenge garib bachho ko kaun padayga prt ki bharti kro plz
ReplyDeleteSayad ab akhilesh ko lalach aa jaye aur paise lene k lie bharti prakriya suru kr de.
ReplyDeleteMay be...
Deletekahi tetians na gher le isliye akhilesh ji ne 21 may ka moradabad ka doura radd kar dia
ReplyDeleteGood mr prianka ji.....
ReplyDeleteAkhilesh ji aaj apka din hai 5 years baad hamara din bhi aayega
ReplyDeleteAkhilesh ji aap moradabad aate to sahi....
ReplyDeleteaapka jordar swagat kia jata hamari puri taiyari thi.....but aap to pichche hat gaye
25 ko faisla tet merit supporter ke paksha mein aayega
ReplyDelete2 test (b.ed.+tet) k bad acc merit totaly anyay hai. 30-40 age walon k liye to bewkoof banane jaisa hai
ReplyDeleteSUNIL KUMAR JI MAI APKI BATO SE SAHMAT HU
ReplyDeleteCV
ReplyDeletegov ne 10 din mein apna rukh saaf karne ko kaha tha kya hua
ReplyDeletefghg jghm bjkghk khk hk lljl
ReplyDeleteCV
ReplyDeleteSUNIL KUMAR JI MAI APKI BAT SE SAHMAT HU
ReplyDeleteHai to all
ReplyDeleteAb intzar nahi ho pa raha. Ek kat ki putli ki tarah.dunia main agar sabse bad place agar koi hai to wo court hai.negative logo negative logic.har chij ko galat tarike se.media arushi murder ko jyada tul deti hai magar hamare 5 tetian bhai ki death ki koi reporting nahi.sab sale gandi chijo ko hi dikhate hai.ab samay aa gaya hai in gawaro se niptne ka.ek teacher shayad sabse kamjor group hai.
ReplyDeleteऊर्जा जीवन एक पहेली जीवन का क्या उद्देश्य है, जीवनका लक्ष्य क्या है यह रहस्य का विषय है। बहुत से लोगों के भिन्न-भिन्न विचार हैं, मत-मतांतर हैं। मानव अपने जीवन में सोचता रहता है कि वस्तुत: कौन सा मार्ग उत्तम है, लेकिन निर्णय नहीं कर पाता। उसे समझना होगा, जगत में ज्ञान और अज्ञान के बीच प्रकृतिके कौतुक पहेली की तरह हैं। जीवात्मा अविनाशी है, शेष सब कुछ नाशवान है। इस अवधारणा की परख जिसे हो, उसे आगे का रास्ता सूझता है। भ्रम की अनेक दशाएं लोगों को आगे बढ़ने से रोकती हैं, तब अंधेरे में एकमात्र आश्रय प्रभु का होता है। लोकों के स्वामी के पास क्षमा, दया और आनंद का अक्षय भंडार है। कोई सुपात्र ही इसके लिए हाथ फैलाता है। फिर भी उसके द्वार सबके लिए खुले हैं, कोई जीव उनके समीप आकर समस्त निधियां पा सकता है। प्राय: लोग यह सोचने को विवश होते हैं कि जो बात कल्पना में न आए, वह कैसे घटित हो जाती है। संभव कभी असंभव हो जाता है और असंभव संभव बन जाता है। इस पहेली को प्रभु की इच्छा समझकर क्यों झुठलाया जाए, क्योंकि वह सदैव भक्त की आशा से बंधी है। आशा तो बीज रूप है, विश्वास उसी से प्रकट होकर महावत बन जाता है। यह तथ्य प्रत्यक्ष अनुभवों से करोड़ों मनुष्यों के जीवन में प्रकट हो चुका है। इसलिए जीवन का रहस्य भी अंधेरे में नहीं रहगया है। उसका उद्देश्य और लक्ष्य प्रभु आस्था की ओर संकेत कर रहा है। प्रभु में आस्था बड़ी दुर्लभ स्थिति है। मन संसार भर में भागता है, चित्त भटकता रहता है। तब आशा की किरण बस अपनी संपूर्ण ज्योति मेंमिल जाना चाहती है। विश्वास सबसे बड़ी पूंजी है, प्रभु-आस्था से संतापों का अंत हो जाता है। ईश आस्था कठिन से कठिन रोगों और समस्याओं के निदान का सरल मार्ग है। यह जीवन की पहेली नहीं, प्रकृति का चमत्कार है। यदि ईश्वर के प्रति सहज समर्पण हो, तो दोषों का निवारण होता चला जाता है। हां, कर्मबंधन केकारण हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठना है। प्रभु में आस्थारखो और विवेक से कर्म में संलग्न रहो, जीवन की अनबूझ पहेली का यही रहस्य ह
ReplyDeleteऊर्जा जीवन एक पहेली जीवन का क्या उद्देश्य है, जीवनका लक्ष्य क्या है यह रहस्य का विषय है। बहुत से लोगों के भिन्न-भिन्न विचार हैं, मत-मतांतर हैं। मानव अपने जीवन में सोचता रहता है कि वस्तुत: कौन सा मार्ग उत्तम है, लेकिन निर्णय नहीं कर पाता। उसे समझना होगा, जगत में ज्ञान और अज्ञान के बीच प्रकृतिके कौतुक पहेली की तरह हैं। जीवात्मा अविनाशी है, शेष सब कुछ नाशवान है। इस अवधारणा की परख जिसे हो, उसे आगे का रास्ता सूझता है। भ्रम की अनेक दशाएं लोगों को आगे बढ़ने से रोकती हैं, तब अंधेरे में एकमात्र आश्रय प्रभु का होता है। लोकों के स्वामी के पास क्षमा, दया और आनंद का अक्षय भंडार है। कोई सुपात्र ही इसके लिए हाथ फैलाता है। फिर भी उसके द्वार सबके लिए खुले हैं, कोई जीव उनके समीप आकर समस्त निधियां पा सकता है। प्राय: लोग यह सोचने को विवश होते हैं कि जो बात कल्पना में न आए, वह कैसे घटित हो जाती है। संभव कभी असंभव हो जाता है और असंभव संभव बन जाता है। इस पहेली को प्रभु की इच्छा समझकर क्यों झुठलाया जाए, क्योंकि वह सदैव भक्त की आशा से बंधी है। आशा तो बीज रूप है, विश्वास उसी से प्रकट होकर महावत बन जाता है। यह तथ्य प्रत्यक्ष अनुभवों से करोड़ों मनुष्यों के जीवन में प्रकट हो चुका है। इसलिए जीवन का रहस्य भी अंधेरे में नहीं रहगया है। उसका उद्देश्य और लक्ष्य प्रभु आस्था की ओर संकेत कर रहा है। प्रभु में आस्था बड़ी दुर्लभ स्थिति है। मन संसार भर में भागता है, चित्त भटकता रहता है। तब आशा की किरण बस अपनी संपूर्ण ज्योति मेंमिल जाना चाहती है। विश्वास सबसे बड़ी पूंजी है, प्रभु-आस्था से संतापों का अंत हो जाता है। ईश आस्था कठिन से कठिन रोगों और समस्याओं के निदान का सरल मार्ग है। यह जीवन की पहेली नहीं, प्रकृति का चमत्कार है। यदि ईश्वर के प्रति सहज समर्पण हो, तो दोषों का निवारण होता चला जाता है। हां, कर्मबंधन केकारण हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठना है। प्रभु में आस्थारखो और विवेक से कर्म में संलग्न रहो, जीवन की अनबूझ पहेली का यही रहस्य ह
ReplyDeleteजागरण संवाददाता, नोएडा दि काउंसिल फॉर दि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने शनिवार को 10वीं (आइसीएसई) और 12वीं (आइएससी) के परीक्षा परिणाम घोषित किए। दोनों परिणामों में छात्राओं की सफलता का औसत छात्रों से अधिक रहा। इस बार 10वीं में धनबाद की माधवी सिंह और ठाणे की शलाका कुलकर्णी ने 98.80 फीसद अंक लेकर संयुक्त रूप से टॉप किया है। वहीं, 12वीं में दुबई मॉडल हाईस्कूल के रोहन संपत ने 99.50 अंक लेकर टॉप किया। कल्याणी विष्णु 99.25 फीसद अंक लेकर दूसरे नंबर पर रहीं। कल्याणी क्राइस्ट हायर सेकेंडरी स्कूल, तिरुवंतपुरम की छात्रा हैं। आइसीएसई की परीक्षा में छात्राओं के पास होने का प्रतिशत 99.15 रहा, जबकि छात्रों का 98.19 प्रतिशत। वहीं, आइएससी की परीक्षा में 98.35 प्रतिशत छात्राओं ने बाजी मारी और छात्रों का प्रतिशत 96.36 रहा। यह लगातार दूसरा मौका है जब झारखंड की छात्रा ने आइसीएसई में टॉप किया है।
ReplyDeletekya raj high court ka faishla up mai bhi mana jayega
ReplyDeleteNcte to sabhi ke liye ek hi hai jab rajisthan highcourt ke nirnay se ncte samay badhaygi to woh sabhi ke liye hi hoga.
ReplyDeletecentral gov akhilesh gov ko ak bhi paisa na de.tamash bana diya hai teacher bharti ko.
ReplyDeleteakhilesh ji pls tet walo ki bharti me ab jada natak baji mat karo hm logo ne tumhe cm berozgari door karne ke liye bnaya h.warna 5 sal kab chale jayenge pata nhi chalega aur bad me ghanta hilana bahar baith kar.so think about tetians.
ReplyDeleteCentral government ka decision bilkul sahi,ab to u.p. Sarkar ko samachh aani chahiye.
ReplyDeleteफिर जगी टीईटी पास युवाओं की आशा
ReplyDelete•अमर उजाला ब्यूरो
नोएडा। टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास कर चुके युवाओं की बेसिक स्कूलों में नियुक्ति पर सरकार के सकारात्मक रवैये ने एक बार फिर आशा की किरण जगा दी है। जिले के टीईटी उत्तीर्ण युवाओं की आंखों में एक बार फिर सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने का सपना जाग उठा है।
टीईटी परीक्षा गत वर्ष आयोजित की गई थी। जिसमें देश भर के लाखों युवाओं ने हिस्सा लिया था। जनपद से भी करीब 18 हजार लोग परीक्षा का हिस्सा बने थे, जिनमें 90 फीसदी लोगों ने सफलता हासिल की थी। टैट परीक्षा में बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूल में कार्यरत शिक्षक शामिल हुए थे।
परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही यह परीक्षा विवादों के घेरे में आ गई, जिसका खामियाजा पास हो चुके अभ्यर्थियों को झेलना पड़ा। लेकिन अब नई सरकार ने एक बार फिर टीईटी परीक्षार्थियों को सरकारी स्कूलों में नियुक्ति देने पर विचार किया है।
प्राइवेट स्कूल में कार्यरत टैट पास कर चुकी एक शिक्षिका का कहना है सरकार शीघ्र पॉजिटिव रिजल्ट दे तो चिंता खत्म हो, नहीं तो सरकारी प्रक्रि या से लोगों का भरोसा उठ जाएगा।sss