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लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) बुधवार को दाखिल कर दी है। एसएलपी पर निर्णय आने के बाद ही अब शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (19.12.2013)
सीएम से मिले टीईटी अभ्यर्थी पर आश्वासन भी नहीं मिला
लखनऊ। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। लक्ष्मण मेला मैदान पर अनशन कर रहे टीईटी पास अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री ने अनशन खत्म करने के लिए तो कहा लेकिन काउंसलिंग और नियुक्ति के मामले में कोई आश्वासन नहीं दिया। इस पर अभ्यर्थियों ने बुधवार को भी अनशन जारी रखा। इस दौरान कई अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ती रही और साथी उन्हें अस्पताल पहुंचाते रहे।
अभ्यर्थी गणेश शंकर दीक्षित ने बताया कि लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात में सकारात्मक संकेत तो मिला लेेकिन आश्वासन नहीं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जब पार्टी कार्यालय में बैठक से बाहर आए तो उनसे वार्ता हुई, लेकिन उन्होंने बिना कोई आश्वासन बगैर पहले अनशन खत्म करने को कहा।
गणेश ने बताया कि सीएम के वहां से जाने के बाद अन्य सपा नेताओं से भी अनशनकारियोें की बातचीत हुई। उन्होंने कहा, सरकार काउंसलिंग की तिथि तय कर दे, टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अनशन से हट जाएंगे।
•अखिलेश ने पहले अनशन खत्म करने को कहा
•नहीं माने अभ्यर्थी, कहा- ठोस आश्वासन मिलने पर ही टूटेगा अनशन
लक्ष्मण मेला मैदान में अनशन पर बैठे अवनीश व अन्य टीईटी अभ्यर्थियों का कहना है कि तिल-तिल कर मरने से अच्छा है कि राष्ट्रपति उन्हें व साथियों को इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दें। उन्होंने कहा, हाईकोर्ट के आदेशानुसार अगर 72,825 टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो वे और उनके साथी आत्मदाह करेंगे।
लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षक महासंघ के प्रदर्शन में कोई घोषणा न होने से नाराज शिक्षा मित्रों ने बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का निर्णय लिया है। शिक्षा मित्रों ने कहा कि इसके बाद भी यदि उन्हें शिक्षक पद पर समायोजित नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। यह जानकारी आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कुछ लोगों के दबाव में समायोजन का आदेश जारी नहीं कर रही है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के अनिल कुमार यादव ने कहा कि समायोजन की मांग को लेकर 6 जनवरी को झूलेलाल पार्क में रैली होगी
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (19.12.2013)
JAI SHREE RAM. JAI HIND
ReplyDeleteSalla kutta kamina sapwa aapana dogla aaukat dikha hi diya itne dino se thand me pradarshan karne ke bad v is nalaya aklss ki himmat nahi hui ki face to face apni najayaj aur chalbaaj hone ka sabut in kartbynishth veero ke samne apne kayar hone ka pradarsan kr de.lagta hai hc me iski ijjat ko kuch km loota jo apne asli baap ke prakop se bachne k lia wintar vac ka gap le lia harami kahi ka.
pata nahi teacher kb tak hm sabke nam ke sath judega.
सीएम से मिले टीईटी अभ्यर्थी पर आश्वासन भी नहीं मिला
ReplyDeleteलखनऊ। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। लक्ष्मण मेला मैदान पर अनशन कर रहे टीईटी पास अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री ने अनशन खत्म करने के लिए तो कहा लेकिन काउंसलिंग और नियुक्ति के मामले में कोई आश्वासन नहीं दिया। इस पर अभ्यर्थियों ने बुधवार को भी अनशन जारी रखा। इस दौरान कई अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ती रही और साथी उन्हें अस्पताल पहुंचाते रहे।
अभ्यर्थी गणेश शंकर दीक्षित ने बताया कि लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात में सकारात्मक संकेत तो मिला लेेकिन आश्वासन नहीं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जब पार्टी कार्यालय में बैठक से बाहर आए तो उनसे वार्ता हुई, लेकिन उन्होंने बिना कोई आश्वासन बगैर पहले अनशन खत्म करने को कहा।
गणेश ने बताया कि सीएम के वहां से जाने के बाद अन्य सपा नेताओं से भी अनशनकारियोें की बातचीत हुई। उन्होंने कहा, सरकार काउंसलिंग की तिथि तय कर दे, टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अनशन से हट जाएंगे।
•अखिलेश ने पहले अनशन खत्म करने को कहा
•नहीं माने अभ्यर्थी, कहा- ठोस आश्वासन मिलने पर ही टूटेगा अनशन
लक्ष्मण मेला मैदान में अनशन पर बैठे अवनीश व अन्य टीईटी अभ्यर्थियों का कहना है कि तिल-तिल कर मरने से अच्छा है कि राष्ट्रपति उन्हें व साथियों को इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दें। उन्होंने कहा, हाईकोर्ट के आदेशानुसार अगर 72,825 टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो वे और उनके साथी आत्मदाह करेंगे।
लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षक महासंघ के प्रदर्शन में कोई घोषणा न होने से नाराज शिक्षा मित्रों ने बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का निर्णय लिया है। शिक्षा मित्रों ने कहा कि इसके बाद भी यदि उन्हें शिक्षक पद पर समायोजित नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। यह जानकारी आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कुछ लोगों के दबाव में समायोजन का आदेश जारी नहीं कर रही है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के अनिल कुमार यादव ने कहा कि समायोजन की मांग को लेकर 6 जनवरी को झूलेलाल पार्क में रैली होगी
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सीएम से मिले टीईटी अभ्यर्थी पर आश्वासन भी नहीं मिला
ReplyDeleteलखनऊ। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। लक्ष्मण मेला मैदान पर अनशन कर रहे टीईटी पास अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री ने अनशन खत्म करने के लिए तो कहा लेकिन काउंसलिंग और नियुक्ति के मामले में कोई आश्वासन नहीं दिया। इस पर अभ्यर्थियों ने बुधवार को भी अनशन जारी रखा। इस दौरान कई अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ती रही और साथी उन्हें अस्पताल पहुंचाते रहे।
अभ्यर्थी गणेश शंकर दीक्षित ने बताया कि लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात में सकारात्मक संकेत तो मिला लेेकिन आश्वासन नहीं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जब पार्टी कार्यालय में बैठक से बाहर आए तो उनसे वार्ता हुई, लेकिन उन्होंने बिना कोई आश्वासन बगैर पहले अनशन खत्म करने को कहा।
गणेश ने बताया कि सीएम के वहां से जाने के बाद अन्य सपा नेताओं से भी अनशनकारियोें की बातचीत हुई। उन्होंने कहा, सरकार काउंसलिंग की तिथि तय कर दे, टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अनशन से हट जाएंगे।
•अखिलेश ने पहले अनशन खत्म करने को कहा
•नहीं माने अभ्यर्थी, कहा- ठोस आश्वासन मिलने पर ही टूटेगा अनशन
लक्ष्मण मेला मैदान में अनशन पर बैठे अवनीश व अन्य टीईटी अभ्यर्थियों का कहना है कि तिल-तिल कर मरने से अच्छा है कि राष्ट्रपति उन्हें व साथियों को इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दें। उन्होंने कहा, हाईकोर्ट के आदेशानुसार अगर 72,825 टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो वे और उनके साथी आत्मदाह करेंगे।
लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षक महासंघ के प्रदर्शन में कोई घोषणा न होने से नाराज शिक्षा मित्रों ने बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का निर्णय लिया है। शिक्षा मित्रों ने कहा कि इसके बाद भी यदि उन्हें शिक्षक पद पर समायोजित नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। यह जानकारी आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कुछ लोगों के दबाव में समायोजन का आदेश जारी नहीं कर रही है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के अनिल कुमार यादव ने कहा कि समायोजन की मांग को लेकर 6 जनवरी को झूलेलाल पार्क में रैली होगी
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mai yah 100pratishat kah sakta hu ki 15 wa sansodhan bahal hoga bharti acd se hi hogi
ReplyDeletemai yah 100pratishat kah sakta hu ki 15 wa sansodhan bahal hoga bharti acd se hi hogi
ReplyDeletemai yah 100pratishat kah sakta hu ki 15 wa sansodhan bahal hoga bharti acd se hi hogi
ReplyDeleteKya pagla gaye ho
Deleteनिरहुआ देख रहा है की सरकार के इस पलटवार से सभी टेटवीर अलग अलग अंदाज लगा रहे हैं। कोई कहता है की अब भर्ती लटक जाएगी कोई कहता है की सिर्फ 15वां शंशोधन ही बचाने के लिए एस एल पी दाखिल हुई है।
ReplyDeleteअरे टेटवीरों क्यों परेशान होते हो। विजय सत्य की ही होगी। जब सरकार हाई कोर्ट में कुछ नही कर सकी तो सुप्रीम कोर्ट में क्या ख़ाक करेगी। कुछ दिन, बस कुछ ही दिन बाद देखिएगा ये अखिलेश महोदय मुह छुपाते नजर ना आये तो कहना। हाँ , एक बात और ये निकम्मी सरकार 15वां शंशोधन ही नहीं अपने हर कुकर्मों को सही साबित करने का असफल प्रयास करेगी। भाइयों हमें दुश्मन से उम्मीद रखने की बजाय अपना पक्ष मजबूत बनाये रखना होगा।
RAJESH YADAV FIGHT FOR TET APPLICANT VRY.......IMP......................................................................................RAJESH YADAV HONGEY PRATAPGARH LOKSABHA K PRATYAASHI................................................................................................................................................................. SAMAJWADI PARTY K C N SINGH K VIRODH MAIN CHUNAAV YA SAMAJWADI PARTI K VIRODH MAI CHUNAV LADENGEY.........................................................................................................................................................................................................................................................................................TET SANGARSH MORCHA DWARA SAMARTHIT...........................................THANX.................................................................................................................................................................................................PRATAPGARH TET MORCHA K SADSYA MERE CONTACT NO 9307053592.......................THANX
ReplyDeleteDukh es bat ka nahi hai ki yah sarkar sc pahuch gayi dukh is bat ka hai 1 month ka pura samay khatm karke dusit erade lekar sc gaye
ReplyDeleteaaj dainik jagaran ki vah bat sach ho gayi jisme kaha gaya tha ki sarkar kisi bhi tarah bhartiya latkane ka prayas karegi
lekin fir bhi hume ab hatotsahit na hokar dugni takat se var karna hoga var eisa ki pahli bar me hi dusman charo khane chit ho jaye
so friends ab ladai antim mukam par hai jo jitni sahbhagita kar sakta hai jaroor kare jai tet merit
sc court ke paas aise vishesaadhikar prapt hai ki agar deri ho bhi jae ya nirdharit tithi nikal bhi jae tab bhi wo bharti ke aadesh ncte ko de sakta hai aisa mera manna hai par isko confirm karne ke liye kisi sc ke vakil se consult karna hoga
ReplyDeletesc jaao besak jaao ab to gaali wo log denge tujhe jinki bharti tu kar chuka hai kyon ki ab to confirm hai wo bhartiya cancel hongi aur bharti ka aadhar tet hoga tu jyada vote ke chakkar me pada haina saare voton ki maiya tune karwa li ab to ,tu bus ek dhed mahine ruk aur dekh tere kitne jute padte hai
ReplyDeleteLike · ·
jald bharti tet merit se hogi ye koi sc jaane ki news badi news nahi hai ye to is govt ko karna hi tha per ab humari jeet nischit ho gayi hai
ReplyDeletejai tet merit
टीईटी अभ्यर्थियों के पास खाली हाथ पहुंचे सीएम
ReplyDeleteहाईकोर्ट के आदेश के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की।लक्ष्मण मेला मैदान पर अनशन कर रहे टीईटी पास अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री ने अनशन खत्म करने के लिए तो कहा लेकिन काउंसलिंग व नियुक्ति के मामले में कोई आश्वासन नहीं दिया।इस पर अभ्यर्थियों ने बुधवार को भी अनशन जारी रखा। इस दौरान कई अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ती रही और साथी उन्हें अस्पताल पहुंचाते रहे।अभ्यर्थी गणेश शंकर दीक्षित ने बताया कि लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात में सकारात्मक संकेत तो मिला लेकिन आश्वासन नहीं।फोटो गैलरी: युवा प्रदेश का भूखा है, तुम्हारा समाजवाद झूठा हैउन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जब पार्टी कार्यालय में बैठक से बाहर आए तो उनसे वार्ता हुई, लेकिन उन्होंने बिना कोई आश्वासन बगैर पहले अनशन खत्म करने को कहा।�गणेश ने बताया कि सीएम के वहां से जाने के बाद अन्य सपा नेताओं से भी अनशनकारियों की बातचीत हुई। उन्होंने कहा, सरकार काउंसलिंग की तिथि तय कर दे, टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अनशन से हट जाएंगे।राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्युलक्ष्मण मेला मैदान में अनशन पर बैठे अवनीश व अन्य टीईटी अभ्यर्थियों का कहना है कि तिल-तिल कर मरने से अच्छा है कि राष्ट्रपति उन्हें व उनके साथियों को इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दें।उन्होंने कहा, हाईकोर्ट के आदेशानुसार अगर 72825 टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो वे और उनके साथी आत्मदाह करेंगे।शिक्षक भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपीराज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) बुधवार को दाखिल कर दी है। एसएलपी पर निर्णय आने के बाद ही अब शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
टीईटी अभ्यर्थियों के पास खाली हाथ पहुंचे सीएम
ReplyDeleteहाईकोर्ट के आदेश के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति की मांग को लेकर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की।लक्ष्मण मेला मैदान पर अनशन कर रहे टीईटी पास अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री ने अनशन खत्म करने के लिए तो कहा लेकिन काउंसलिंग व नियुक्ति के मामले में कोई आश्वासन नहीं दिया।इस पर अभ्यर्थियों ने बुधवार को भी अनशन जारी रखा। इस दौरान कई अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ती रही और साथी उन्हें अस्पताल पहुंचाते रहे।अभ्यर्थी गणेश शंकर दीक्षित ने बताया कि लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात में सकारात्मक संकेत तो मिला लेकिन आश्वासन नहीं।फोटो गैलरी: युवा प्रदेश का भूखा है, तुम्हारा समाजवाद झूठा हैउन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जब पार्टी कार्यालय में बैठक से बाहर आए तो उनसे वार्ता हुई, लेकिन उन्होंने बिना कोई आश्वासन बगैर पहले अनशन खत्म करने को कहा।�गणेश ने बताया कि सीएम के वहां से जाने के बाद अन्य सपा नेताओं से भी अनशनकारियों की बातचीत हुई। उन्होंने कहा, सरकार काउंसलिंग की तिथि तय कर दे, टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अनशन से हट जाएंगे।राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्युलक्ष्मण मेला मैदान में अनशन पर बैठे अवनीश व अन्य टीईटी अभ्यर्थियों का कहना है कि तिल-तिल कर मरने से अच्छा है कि राष्ट्रपति उन्हें व उनके साथियों को इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दें।उन्होंने कहा, हाईकोर्ट के आदेशानुसार अगर 72825 टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो वे और उनके साथी आत्मदाह करेंगे।शिक्षक भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपीराज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर करने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) बुधवार को दाखिल कर दी है। एसएलपी पर निर्णय आने के बाद ही अब शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
शुभ प्रभात मित्रों!
ReplyDeleteआखिर में सरकार ने अपनी कायरता दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एस एल पी दाखिल कर ही दी अब निरहुआ उस दिन को याद कर रहा है जब उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने सरकार के सुप्रीम कोर्ट ना जाने का संकेत दिया था। अब जब प्रदेश के मुख्यमंत्री के बयान का कोई मायने नहीं रह गया है तो उसके अन्य मंत्रियों की तो बिसात ही क्या होगी ? परन्तु एक बात अभी भी समझ से परे है की 18 दिसम्बर को तो सुप्रीम कोर्ट का कैलेन्डर अवकाश दर्शा रहा है ऐसे में ये नौटंकी कैसे संभव हुई।
भिखारिन - “बच्चा भूखा है, कुछ दे दे सेठ!”
ReplyDeleteगोद में बच्चे को उठाए एक जवान औरत
हाथ फैला कर भीख माँग रही थी।
“इस का बाप कौन है? अगर पाल नहीं सकते
तो पैदा क्यों करते हो?”
सेठ झुंझला कर बोला।
औरत चुप रही। सेठ ने उसे सिर से पाँव तक
देखा। उसके वस्त्र मैले तथा फटे हुए थे,
लेकिन बदन सुंदर व आकर्षक
था।
वह बोला, “मेरे गोदाम में काम
करोगी? खाने को भी मिलेगा और पैसे
भी।”
भिखारिन सेठ को देखती रही, मगर
बोली कुछ नहीं।
“बोल, बहुत से पैसे मिलेंगे।”
भिखारिन बोली...
“सेठ तेरा नाम क्या है?”
“नाम !! मेरे नाम से तुझे क्या लेना देना?”
“जब दूसरे बच्चे के लिए भीख
माँगूंगी तो लोग उसके बाप का नाम पूछेंगे
तो क्या बताऊँगी ?”
........अब सेठ चुप था.....
तनाव एवं समाधान:
ReplyDelete______________________
तनाव में वही होता है जिसकी सोच सीमित होती है।
मै भी कभी-कभी सीमित में ही सोचता हूँ तो तनावयुक्त हो जाता हूँ।
उदाहरण स्वरुप यह भली-भांति जानता हूँ कि संतान (B.Ed.) से बड़ी संतान की ममता होती है चाहे वह अपनी पत्नी(TET) से पैदा हुई हो या प्रेमिका(ACD) से उत्पत्ति हुयी हो और प्रेमिका को पत्नी का रूप देने में (15th) सफलता न मिली हो या पत्नी का रूप देने के बाद जुदाई(S.B./D.B./L.B./S.C) ने जकड़ लिया हो परन्तु उससे उत्पन्न संतान(100%TET/12th) बड़ी प्रिय होती है।
इस ७२८२५ पदों की शिक्षक भर्ती के विषय में जब सीमित रूप में सोचता हूँ तो यह लगता है कि शैक्षिक मेरिट के समर्थक सुप्रीम कोर्ट से हार जायेंगे और भर्ती शीघ्र अकैडमिक से शुरू हो जायेगी तो तनावग्रस्त हो जाता हूँ।
अतः इस भर्ती के अंतिम संभावित परिणाम तक सोचकर तसल्ली ले लेता हूँ।
लोकसभा चुनाव के सामने होते हुए भी सरकार अपने प्रिय नाजायज संतानों (ACD) को खुश करने के लिये सुप्रीम कोर्ट जरुर जाएगी ।
आज मजबूर है कि आखिर वो क्या करे।
उसकी हार्दिक इच्छा है कि उसकी नाजायज संतान अपने हक के लिये लड़कर कानूनी अधिकार ( 15 th ) प्राप्त करे लेकिन दुर्भाग्य उसका यह है कि उसके हक का वजूद नहीं है क्योंकि उसपर जायज हक किसी और(TET) का है।
ईश्वर करे ऐसा ना हो लेकिन दूर (हेग) तक सोचने में क्या जाता है। अतः आप भी सोचकर कुछ मन को तसल्ली दे लो।
न्यायमूर्ति टंडन ने सरकार से कहा कि
"ये ( पुराने आवेदक एवँ अधिक आयु के ) कुछ लोग हैं इनको कानूनी अधिकार दो और इनका वाजिब हक दो ,बिना किसी के अहित के "
तो सरकार ने
अपनी नयी संतान (ACD) ही पैदा कर दी।
पहले से वाजिबों ने कहा कि मेरे रहते ये लोग नहीं आ सकते और इंसाफ मांगने न्यायमूर्ति हरकौली और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र के पास गये तो इन दोनों ने कहा कि ७२८२५ लोग की जिन्दगी की सवाल है सरकार तत्काल
अपने क्रियाकलाप पर रोक (4 FEB) लगाये।
न्यायमूर्ति हरकौली जी ने खुद को बीच मेँ से ही मामले से हटा लिया ।
न्यायमूर्ति महापात्रा ने कहा कि अभी हम जायज- नाजायज का फैसला नहीं कर पायेंगे। क्योँकि चुनाव मेँ अभी समय है।
जायज नाजायज की पहचान के लिये न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा सामने आये और कहा कि पुराने 12th वाले जायज हैं।
सरकार उनके हकों पर कोई और संतान 15 th नहीं पैदा कर सकती है।
बेचारे नये फुटपाथ पर आ गये।
सरकार अपने इन बच्चों के लिये ( सही मायने मेँ टेढ़ी नाक के लिए ) बहुत चिंतित है लेकिन उसे यह भी चिंता है कि जो जायज हुये है अगर अब मैंने उनको नाराज किया तो मेरा बुढ़ापा ख़राब हो जायेगा। क्योँकि बुढ़ापे मे तो जायज ही काम आता है।
जायज संतानें सुप्रीम कोर्ट गयीं और वहां चेता (CAVEATE )आईँ कि अगर कोई मेरा हक लूटने आये तो मुझे जरूर बताना मै आकर अपना हक साबित करूँगा ।
अब बाबू जी तो सुप्रीम कोर्ट जाने रहे हैँ अगर नाजायज संतानें सुप्रीम कोर्ट जाकर कहेंगी कि मेरे बाबू जी मेरा हक नहीं दे रहे हैं और कुछ लोग को न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने हमारा हिस्सा सौप दिया है ।
सुप्रीम कोर्ट बोलेगी अरे हां एक दिन वो लोग आये थे यहाँ पर, रुको मैँ उनको अभी बुलाता हूँ और तुम्हारे सामने सब साफ़ हो जायेगा।
बाबू जी जायेंगे कहेंगे मै धृतराष्ट्र (मलयालम )हूँ दुर्योधन (पिल्ला देव)मेरा पुत्र है मैंने उसे राजगद्दी देनी चाही लेकिन न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहा कि बेशक़ युधिष्ठिर ( Mr. TMNTBN )आपका बेटा नहीं है लेकिन हक उसी का है।
बाकी हुज़ूर आप जैसे कहो वैसे करूँ।
हुज़ूर को लगेगा कि न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने सही कहा तो सबको लौटा देंगे और फिर राज्याभिषेक (CNSLNG )होगा।
अगर जायज लोग अपनी बात से हुज़ूर को संतुष्ट ना कर पाये तो उनके राज्याभिषेक पर हमेशा के लिए रोक लग जायेगी और फिर फैसला होगा की जायज कौन है और अंत में जायज पुनः जायज साबित होगा ।
जितना विलम्ब जायज नाजायज की पहचान में हुज़ूर लेंगे उतना अतिरिक्त वक़्त हमारे राज्याभिषेक के लिये देंगे।
अगर इस नूराकुश्ती (OLD-NEW /TET -ACD/12th-15th/MAYA-LESS/VALID-INVALID/) में मामला हुज़ूर तक ना पहुंचा या हुज़ूर ने सुनने से इंकार कर दिया और नियुक्त होने का समय भी निकल गया तो बेसिक सचिव पर कंटेम्प्ट होगा जिसे अक्सर न्यायमूर्ति देवेंन्द्र सिंह सुनाते हैं जिन्हें कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट का कसाई जज कहा जाता है या फिर न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल सुनेंगे परिणाम स्वरुप सचिव जेल जायेंगे और हम पुनः एकल बेंच में रेमेडी मांगेंगे और तब मुझे रेमेडी मिलेगी और नियुक्ति होगी।
अंततः जीत सत्य की होगी चाहे आज हो या कल हो।
भारत का सिस्टम जितना धीमा है मै उतनी ही दूर तक सोचता हूँ ,
भाई क्या करूँ जान देने से तो कुछ होगा नहीं , कभी तो अच्छा होगा ।
धन्यवाद।
जिन लोगो को लगता है कि विदेशी शिक्षा हमेशा ही देसी शिक्षा से अच्छी होती है उनको दंगा प्रदेश के मुख्यमंत्री मुन्ना यादव से प्रेरणा लेनी चाहिए कि बंदर हमेशा ही बंदर रहेगा और उसके हाथ में सत्ता रुपी उस्तरा देना हमेशा ही खतरनाक नतीजे देगा..........
ReplyDeleteयुवाओ कि सरकार कहने का दावा करने वालो ने सत्ता में आते ही पहले आरक्षण विवाद पैदा करके दोस्त को दोस्त से लड़ाया फिर टीइटी मामले में भाई को भाई से लड़ाने के कोशिश कर रहे है .......
चूकि सरकार को लगभग २ लाख प्राइमरी टीचर कि जरूरत है तो मेरा मानना है कि अकादमिक और टीइटी दोनों मोर्चा में लगे सारे भाई आपसी मतभेद भुला कर आपस में एकता बनाए रखते हुवे सरकार से मांग /सारकार को मजबूर करे कि ये लोग अपने सत्ता के लाभ के ;लिए भाई को भाई से लड़ना छोड़ कर दोनों लोगो को भर्र्ती करे ......
अकादमिक और टीइटी दोनों मोर्चे कि एकता समय कि मांग है कही ऐसा न हो कि समय निकल जाए फिर केवल हाथ मलने के सिवा और कुछ ना कर पाएं ........
बहुसंख्यक उसे "बरसात समझ कर" ख़ुशी से नाच रहा है...!
ReplyDeleteजबकि... आज देश में बहुसंख्यकों के इतने बड़े-बड़े और प्रभावशाली संगठन मौजूद हैं कि.... अगर वे आपस में सही तालमेल रखकर और एकजुट होकर काम करें तो...... विधर्मियों को आँखें दिखाना तो छोड़ ही दें.... ऊँची आवाज में बोलने तक का साहस नहीं होगा.....!
लेकिन लगता है कि.... बहुसंख्यकों को लात खाने और हर किसी से बेइज्जत होते हुए भी आत्मविभोर रहने की आदत सी पड़ गयी है...!
लेकिन .... एक बात हमेशा याद रखें........ जो इतिहास से कोई सीख नहीं लेते हैं.... इतिहास फिर से अपने आपको दुहराता है.
पुत्रमोह मे सपाप्रमुख को अब हा ई कोर्ट
ReplyDeleteका आदेश भी नही सुनायी देता वह टेट
बेरोजगारो को प्रताड़ित होते लुटते ही देखना चाहते
है क्या मायावती ने टेटयँस के
वोटो का बैनामा करवा लिया अथवा सपा को टेटयँस
के वोटो से चिढ है तभी तो दो साल से लगातार
टेटयँस पर कभी लाठीचार्ज कभी दोबारा फार्म
डलवा कर लूटा जा रहा है अतः सभी टेटयँस
10दिसम्बर को लखन ऊ पहुचकर अपनी आवाज
बुलंद करे
जयटेट मेरिट
जय न्यायपालिका
एक बार पप्पू अपनी क्लास टीचर के पास गया और उस से बोला, "मैडम जी एक बात पूछूं?"
ReplyDeleteशिक्षिका: हाँ बेटा पप्पू बोलो।
पप्पू: मैडम जी मैं आपको कैसा लगता हूँ?
शिक्षिका ने मुस्कुराते हुए पप्पू के गाल को थपथपाया और बोली, "बहुत ही प्यारे लगते हो"।
यह सून पप्पू ने अपने साथ बैठे लड़के को कोहनी मारी और बोला,
"देख तेरे को मैँने कल बोला था ना लाइन मारती है"।
एक चोर चोरी करने के इरादे से एक घर में घुसा, तिजोरी तोड़ने से पहले उसने देखा की उस पर कुछ लिखा हुआ था:
ReplyDelete'सूचना : तिजोरी तोड़ने की कोई ज़रूरत नहीं हे, इस खोलने के लिए ४२५ नंबर दबाएँ और सामने लगा लाल बटन दबा दें।
चोर बडा खुश हुआ, उसने वैसा ही किया।
इससे तिजोरी तो नहीं खुली उल्टे अलार्म बजने लगा, कुछ देर में पुलिस आ धमकी।
जब पुलिस चोर को ले जा रही थी तो उसने बड़ी हताशा से कहा : आज इंसानियत से मेरा विश्वास उठ गया।
AB HUM 11 P.M. KE BAAD HI MILENGE......USSE PAHLE MILNE KA KOI MATLAB HI NAHI HOTA
ReplyDeleteKYONKI AAZ HUM
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SE MILNEEEEEEEEEEEEEEEEEEE..............
AB HUM 11 P.M. KE BAAD HI MILENGE......USSE PAHLE MILNE KA KOI MATLAB HI NAHI HOTA
ReplyDeleteKYONKI AAZ HUM
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I
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SE MILNEEEEEEEEEEEEEEEEEEE..............
जरा सी कोर्ट मे SLP क्या पड़ गई
ReplyDeleteनकली नामक जीव पैदा हो गया है
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सुप्रभात दोस्तोँ!
ReplyDelete"जिन्दगी जिसकी अँधकारमय हो,
उसे उजाले से नफरत हुआ करती है....."
साथियोँ,आप सभी जानते हैँ सत्य परेशान हो सकता है लेकिन कभी पराजित नहीँ होता।आप सभी बेफिक्र रहेँ जब हम सिँगल,डबल और लारजर बैँच हाईकोर्ट से जीते हैँ तो सु.कोर्ट से भी जीतेँगे।
Long live revolution
ReplyDeleteAakhir paltuaa ne apni aukat dikha hi di. Saala roj kahata tha ki HIgh Court k order ka palan karenge lekin aapni bat par kaha tikana hai isako. Abhi aaj sam tak kahate rahe ki manthan chal raha hai lekin dekho chupake se jakar SLP dal di. Iname itana bhi dam nahi tha ki ek bar samane aa kar kah sake ki ha ham Supreme Court ja rahe hai. jaise inako dar tha ki ham jabran inako SLP dalane se rok lenge. Is Praddesh ki janata ne ab tak ki sabse nikammi sarkar ko chuna hai aur DHARTIPUTRA ne pata nahi kis manhus time me DHARTIBOJH paida kar diya.
ReplyDeleteGood Morning TET saathiyo, ab wo samay aa gaya hai jab ab S.C. me bhi vijay pataka fehraane wale hain... bas thoda samay lag sakta hai,, magar pareshaan hone ki jarurat nahi! Patience rakhiye aur upar wale par bharosha rakhiye..... S.K. Pathak ji se mili soochna ke anusaar ab hamari or S.C. ke top 5 ya 6 vakeelo ko khada karne ki planning hai jisse apne matter par jald se jald koi decision aa sake..... Saathiyon jiske liya jald hi S.K.Pathak ji ki or se jald hi ek a/c no. publish kar diya jayega..... jiske liye aap sabhi se nivedan hai ki aap sabhi TET saathi badh chadh kar aarthik sahyog dene ke liye kamar kas ke taiyaar rahiyega.... aur sab se sahyog k liye appeal kariye... Bhagwan ji se dua kariye aur jald se jald decision aa jaye.... aur HAMARE S.K.PATHAK BHAI AUR SUJEET BHAI ki MEHNAT rang laaye...... TAKE CARE..... BE POSITIVE.... SAATHIYON AFWAAHO SE BACH KE RAHE.... APKO AUTHENTIC NEWS HAM UPDATE KARTE RAHENGE.....
ReplyDeletemujhe to pata tha ye nikammi govt election tak is bharti ko ni karegi, aur last me vahi hua akhirkar wo apne masube me kamyam ho gai, ab hume bi uske masubo pe electon me pane pherna h, taki wo 10 seets se jyada na jeet sake....
ReplyDeleteअखिलेश सरकार का हाल ''एक ज़िद्दी बच्चे'' के समान है।
ReplyDeleteएक बालक जिद पर अड़ गया .... बोला की छिपकली खाऊंगा.
घरवालों ने बहुत समझाया पर नहीं माना।
हार कर उसके गुरु जी को बुलाया गया। वे जिद तुड़वाने में महारथी थे.
गुरु के आदेश पर एक छिपकली पकड़वाई गई. उसे प्लेट में परोस बालक के सामने रख गुरु
बोले, ले खा... बालक मचल गया.
बोला, तली हुई खाऊंगा.
गुरु ने छिपकली तलवाई और दहाड़े, ले अब चुपचाप खा. बालक फिर गुलाटी मार
गया और बोला, आधी खाऊंगा.
छिपकली के दो टुकड़े किये गये. बालक गुरु से बोला, पहले आप खाओ. गुरु ने आंख नाक
और भी ना जाने क्या क्या भींच किसी तरह आधी छिपकली निगली... गुरु के
छिपकली निगलते ही बालक दहाड़ मार कर रोने लगा की आप
तो वो टुकड़ा खा गये जो मैंने खाना था. गुरु ने धोती सम्भाली और वहां से भाग
निकले की अब जरा भी यहां रुका तो ये दुष्ट दूसरा टुकड़ा भी खिला कर
मानेगा...
करना-धरना कुछ नहीं,नौटंकी दुनिया भर की....
TET sathiyo.....Supreme court ki website me holiday dkha raha hai .
ReplyDeletehttp://www.supremecourtofindia.nic.in/calendars/cal.htm
Bhai pata karo ki sach me SLP dakhil kari hai ya sirf ham logon ko bhramit karne ke liye ye afwah hai....
Ab supreme court 2nd Jan ko open
hogi...agar SLP dakhil ki ha to uski hearing date kya hai? hame uske liye taiyar rehna padega....aur pehli heairng me hi supreme court ko NCTE ki deadline aur Loksabha chunav ki achar sanghita ke bare me batana padega jisse ki wo iski sunwayi tezi se kare.....
JAI TET merit
टीईटी मामले में एसपी यादव को लज्जित होते आज आपने देख ही लिया है जो कि सरकार के मंत्री हैं। अमिताभ जी और हमारे साथी एसके पाठक के सामने निरुत्तर थे ।
ReplyDeleteअमिताभ जी ने कहा कि आप (सरकार) बेरोजगारों का उत्पीड़न करके गोहत्या के समान पाप कर रहे हैं ।
जिसका परिणाम भी आ गया है
सरकार ने हमारे खिलाफ मुकदमा फाइल कर दिया है ।
क्या हम उत्तर प्रदेश के निवासी नहीं हैं?
आओ हम पुनः इसको पूरे देश के सामने शर्मसार करें यदि इसने हमें चुनौती दी है तो हम स्वीकार करें।
TET sathiyo.....Supreme court ki website me holiday dkha raha hai .
ReplyDeletehttp://www.supremecourtofindia.nic.in/calendars/cal.htm
Bhai pata karo ki sach me SLP dakhil kari hai ya sirf ham logon ko bhramit karne ke liye ye afwah hai....
Ab supreme court 2nd Jan ko open
hogi...agar SLP dakhil ki ha to uski hearing date kya hai? hame uske liye taiyar rehna padega....aur pehli heairng me hi supreme court ko NCTE ki deadline aur Loksabha chunav ki achar sanghita ke bare me batana padega jisse ki wo iski sunwayi tezi se kare.....
JAI TET merit
TET sathiyo.....Supreme court ki website me holiday dkha raha hai .
ReplyDeletehttp://www.supremecourtofindia.nic.in/calendars/cal.htm
Bhai pata karo ki sach me SLP dakhil kari hai ya sirf ham logon ko bhramit karne ke liye ye afwah hai....
Ab supreme court 2nd Jan ko open
hogi...agar SLP dakhil ki ha to uski hearing date kya hai? hame uske liye taiyar rehna padega....aur pehli heairng me hi supreme court ko NCTE ki deadline aur Loksabha chunav ki achar sanghita ke bare me batana padega jisse ki wo iski sunwayi tezi se kare.....
JAI TET merit
TET sathiyo.....Supreme court ki website me holiday dkha raha hai .
ReplyDeletehttp://www.supremecourtofindia.nic.in/calendars/cal.htm
Bhai pata karo ki sach me SLP dakhil kari hai ya sirf ham logon ko bhramit karne ke liye ye afwah hai....
Ab supreme court 2nd Jan ko open
hogi...agar SLP dakhil ki ha to uski hearing date kya hai? hame uske liye taiyar rehna padega....aur pehli heairng me hi supreme court ko NCTE ki deadline aur Loksabha chunav ki achar sanghita ke bare me batana padega jisse ki wo iski sunwayi tezi se kare.....
JAI TET merit
TET sathiyo.....Supreme court ki website me holiday dkha raha hai .
ReplyDeletehttp://www.supremecourtofindia.nic.in/calendars/cal.htm
Bhai pata karo ki sach me SLP dakhil kari hai ya sirf ham logon ko bhramit karne ke liye ye afwah hai....
Ab supreme court 2nd Jan ko open
hogi...agar SLP dakhil ki ha to uski hearing date kya hai? hame uske liye taiyar rehna padega....aur pehli heairng me hi supreme court ko NCTE ki deadline aur Loksabha chunav ki achar sanghita ke bare me batana padega jisse ki wo iski sunwayi tezi se kare.....
JAI TET merit
TET sathiyo.....Supreme court ki website me 18th Dec ko holiday dikha raha hai .
ReplyDeletehttp://www.supremecourtofindia.nic.in/calendars/cal.htm
Bhai pata karo ki sach me SLP dakhil kari hai ya sirf ham logon ko bhramit karne ke liye ye afwah hai....
Ab supreme court 2nd Jan ko open
hogi...agar SLP dakhil ki ha to uski hearing date kya hai? hame uske liye taiyar rehna padega....aur pehli heairng me hi supreme court ko NCTE ki deadline aur Loksabha chunav ki achar sanghita ke bare me batana padega jisse ki wo iski sunwayi tezi se kare.....
JAI TET merit
Pata nahi kab hogi bharti. Bhagwan jane
ReplyDeleteTET pass logo ka bhvishya is sp sarkar ne bigad k rakh diya hi...........
ReplyDeleteTET pass logo ka bhvishya is sp sarkar ne bigad k rakh diya hi...........
ReplyDeleteis dogali mc bc ko kewal aatanliyo aur badmasho ki bhasha samagh aati hai ese kewal tod phod bawal aur kohram wale hinshak sakti pradarshan ka hi samman karti hai santpriyo ko ye bhaw nahi deti.sasura e kab sudhari ekri ma.......
ReplyDeleterahul ji kya hua dukhi na ho bharti jald start hogi.god hamare sath hai..
ReplyDeleteSbaba yaar do saal se to dekh rhe hi pta nhi aor kitna sahana padega is bharti ko...............
ReplyDeletejab ncte ne tet pas ko hi prt me elegible kha h or high court ka b yhi order h to sarkar sikshamitro ka smayojan kaise kr skti h,iske ly hme writ dalni chiye hum b.ed or tet pass nukri k ly bhtak rhe h or wo inter pas bina tet pas nukri k hakdar kaise h
ReplyDelete'गर्लफ्रेंड:-
ReplyDeleteतुम कितने बजे उठते हो?
'बॉयफ्रेंड:-
अपुन का तो कोई टाइम नहीं...
जब दिल करे 'सो जाता हूँ,
जब दिल करे उठ जाता हूँ,
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'गर्लफ्रेंड:-
.
नोटी...बोय
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तुम बिलकुल मेरे 'कुत्ते पे गए हो!
अगर सरकार को स्टे नही मिला तो खंडपीठ का निर्णय प्रभावी रहेगा साथियोँ टेट मोर्चे द्वारा SC मेँ प्रभावी पैरवी हेतु मदद मेँ आगे आयेँ ।
ReplyDeleteमे
ReplyDeleteरी
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वा
ली
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Aapko bhul jaye wo nazar kaha se laye,
Kisi or ko cha le wo jigar kaha se laye,
Nahi rah skte aapke bina,
jisse Uff bhi na nikle wo zahar kaha se laye...........
निरहुआ क्रांतिकारी 'विद्रोही'> UPTET QUALIFIED QUALITY TEACHERS ASSOCIATION
ReplyDeleteकितने लोग हैं जो हम लोगों का साथ सुप्रीम कोर्ट में देने के लिए तैयार हैं ? अब लड़ाई का अंतिम एवं निर्णायक मोड़ आ चुका है और हम उसी शान से लड़ेंगे जिस शान के लिए टेटवीरों का नाम विख्यात है। हम टेटवीर हैं जो ना आसानी से हार मानते हैं और ना ही कोई हमें हराने का दुस्साहसिक स्वप्न ही देख सकता है क्यूंकि "पराजय और असमर्थता" जैसे शब्द हमारे शब्दकोष में ही नहीं हैं और ये बात निरहुआ नही टेट का इतिहास कहता है। जय टेट जय टेटवीर।
विधान सभा २०१२ के चुनाव के बाद जब अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया...तो लोगों को लगा कि यंग मुख्यमंत्री प्रदेश का विकाश जरूर करेगा....
ReplyDeleteपर वो कहते हैं न....''बाप नम्बरी, बेटा दस नम्बरी''..
नवनियुक्त मुख्यमंत्री अपने बाप के नक्से कदम से दो कदम आगे निकल गये.....राजनीतिक ड्रामे में इतने उस्ताद.....एक महीने में दस घोषणाएं करते हैं, और साल भर तक एक भी पूरी नहीं करते....
२०१२ चुनाव जीतने के बाद, बाप-बेटे का एक ही सपना बन गया...
बेटा तो मुख्यमंत्री है ही, अगर २०१४ चुनाव जीत गये तो बाप प्रधानमन्त्री बन जायेगा....
लेकिन शायद इन को ये पता नहीं है कि चुनाव जीतने के लिए जनता-जनार्दन का खुश और संतुष्ट होना बहुत जरूरी है......और इन बेवकूफों को ये कौन समझाये, कि लोग काम करने से खुश होते हैं, 'जनता-दरबार' लगाकर तमाशा करने से कोई भी संतुष्ट नहीं होता....
मुस्लिमों के लिए मरने वाली यह पार्टी किसी भी जाति, धर्म, समुदाय की भली नहीं रही....
२०१२ में बहुमत से जीतने वाली 'समाजवादी पार्टी' २०१७ के चुनाव् में कितनी बुरी तरह मात खायेगी इसकी एक झलक २०१४ के लोकसभा चुनाव में जरूर देखने को मिलेगी.......
ham tayar hi
ReplyDeleteआज लोग दुखी होंगे लेकिन मै प्रसन्न हूँ।
ReplyDelete२० नवम्बर २०१३ के पहले
न हमारे साथ समाज था ।
न मीडिया थी।
न न्यायपालिका थी।
न सरकार थी।
आज हमारे साथ सिर्फ सरकार नहीं है।
समाचार प्लस को पुनः बधाई।
बॉस अपनी सेक्रेटरी से – मैं और तुम एक हफ्ते के लिए लन्दन जा रहे है ... एन्जॉय करेंगे ....(आगे की सारी बातें फोन पर )
ReplyDeleteसेक्रेटरी अपने पति से – आफिस के काम से मुझे बॉस
के साथ एक हफ्ते के लिए लन्दन जाना है .....
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पति अपनी गर्लफ्रेंड से – बीबी एक हफ्ते के लिए
बाहर जा रही है ...तुम घर आ जाना एन्जॉय करेंगे ....
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गर्लफ्रेंड जो की टीचर है स्टूडेंट से – बच्चों आज से एक हफ्ते की छुट्टी ....
मैं कहीं बाहरजा रही हूँ .....
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स्टूडेंट अपने पिता से जो की बॉस है – पापा मेरी एक
हफ्ते की छुट्टी है मैं घर आ रहा हूँ.......
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पिता सेक्रेटरी से – मेरा बेटा आ रहा है एक हफ्ते के लिए .... टूर कैंसल .....
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सेक्रेटरी अपने पति से – टूर कैंसल ....
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पति अपनी टीचर गर्लफ्रेड से –
बीबी नही जा रही है ... प्रोग्राम कैंसल ......
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टीचर स्टूडेंट से – छुट्टी कैंसल.....
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स्टूडेंट अपने पिता से जो कि बॉस है – पापा टीचर ने छुट्टी कैंसल कर दी है ...
मैं नही आऊंगा .....
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बॉस सेक्रेटरी से - मेरा बेटा नही आ रहा है .... फिर से लन्दन ....
एन्जॉय करेंगे ......
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.
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बाकी आप लोग समझदार हैं ......
फिर वहीं से शुरू....
क्या जनता के प्रतिनिधि को, जनता का मत लेकर, जनता के विरुद्ध न्यायालय मेँ याचिका दायर करना न्यायसँगत है...?
ReplyDeleteजबकि अगर ये चाहते तो न्यायालयी आदेश के अनुपालन मेँ 72825 की प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरान्त, नये पदोँ का सृजन कर, नये विज्ञापन का अस्तित्व बचा लेते ।
अरे दंभ से भरे इस मदमस्त लुटेरोँ के गिरोह को सरकार कहना, लोकतन्त्र को अपशब्द कहने से कम नहीँ।
इतिहास के पन्नो मेँ आज भी उल्लिखित है कि गाँधी जी के सत्याग्रह से अँग्रेजोँ का हूदय द्रवित हो गया था, किन्तु इस दो टके के लड़के को इतना अहम हो चुका है कि खुद को मोहम्भद गोरी का वंशज समझ बैठा है, जबकि इसे यह संज्ञान नही है कि यहाँ पर हर रोज एक पृथ्वीराज चौहान जन्म ले रहे हैँ ।
कुछ न बिगाड़ पाओगे मेरा , मुझसे दुश्मनी कर के
ReplyDeleteदोस्ती कर लो मुझसे,
अगर मुझको मिटाना है"......
पत्नी ने पूछा - कल 'आप' का क्या प्रोग्राम रहेगा ?
ReplyDeleteमैने कहा - मुझे क्या मालूम, अरविंद केजरीवाल से पूछो...
[पत्नी ने माथा पकड़ लिया और अब वहमुझे 'आप' की बजाय'तुम' कहने लगी हैं...]
लडकीयाँ 100 रु॰ की एक सेँडल खरीद के आएगी और बोलेँगी,
ReplyDelete"पूरे घर मे कहती हैँ शाँपिँग करके आ रही हूँ"
.
.
और लडके 500 की दारु पीकर आते है फिर भी,
.
.
"चुप चाप सो जाते है कही बाप को पता ना चल जाये"
Breking news....
ReplyDeleteसर्वोच्च अदालत पहुंची शिक्षक भर्ती और संभावित
ReplyDeleteहश्र।
-
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक
सधी हुयी चालाकी के साथ सर्वोच्च अदालत में
विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल की है ।
शीतकालीन अवकाश के कारण कोर्ट बंद हो गयी है
और कोर्ट खुलने तक मोअल्लिम-ए-उर्दू
की भर्ती भी संपन्न हो जायेगी।
आश्चर्य इस बात का है कि यह भर्ती डिवीज़न बेंच
के आदेश की तिथि के पूर्व ही संपन्न हो रही है और
रिक्ति सूची आज भी जारी हो रही है।
सर्वोच्च अदालत के रजिस्टार के यहाँ से हाई कोर्ट
की खंडपीठ का निर्णय पक्ष में प्राप्त करने
वालों को नोटिस जारी होगी क्योंकि उन लोगों ने
कैविअट दाखिल किया है।
तदुपरांत पीड़ित पक्ष जो कि आज विजेता है उसे
काउंटर दाखिल करना होगा।
सरकार को एसएलपी संख्या प्राप्त होगी एवं बेंच
गठन के साथ मुक़दमे के स्वीकार किये जाने
या ख़ारिज किये जाने को लेकर बहस होगी।
सरकारी पक्ष क्रिटिकल कंडीशन बताकर
मुकदमा दाखिल कराने का पूरा प्रयास करेगा।
जहाँ तक मुझे उम्मीद है
सर्वोच्च अदालत खंडपीठ के फैसले पर रोक
नहीं लगायेगी ।
सरकार को यह उम्मीद है कि हाई कोर्ट द्वारा रद्द
बेसिक शिक्षा नियमावली का १५वां संशोधन बहाल
हो जायेगा लेकिन सरकार ने नकारात्मक पक्षों पर
भी विचार किया है इसलिए आनन-फानन में
मोअल्लिम-ए-उर्दू बेरोजगारों की भर्ती संपन्न
करा रही है जिससे इन बेरोजगारों के लिए
दया याचना की जा सके।
इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है
कि बेसिक शिक्षा नियमावली १९८१ के १५वें संशोधन
के आधार पर नियुक्त हुए बेरोजगारों के विरुद्ध
आपत्ति न होने के कारण उनको राहत प्राप्त हो ।
अर्थात उनको राहत मिलने की संभावना बरक़रार है
जिसका लाभ मोअल्लिम की अवैध
भर्ती को भी प्राप्त हो सकता है।
हाई कोर्ट की डिवीज़न बेंच द्वारा निर्गत
फैसला अपरिवर्तनीय होगा, राईट टू एजुकेशन
अधिनियम के कारण पुराने विज्ञापन पर शीघ्र
भर्ती अनिवार्य है।
उत्पीड़न की पराकाष्ठा उक्त बेरोजगारों पर पार
हो चुकी है सही जिरह सरकार पर
जुर्माना भी लगवा सकती है।
मेरे अनुमान से भविष्य में अब उत्तर प्रदेश बेसिक
शिक्षक नियमावली १९८१ का संशोधन १५
कभी बहाल नहीं होगा ।
इसमें टीईटी के अंकों का भारांक न
होना बड़ी कमी नही है क्योंकि यह भारांक एनसीटीई
के नियमों और आरटीई एक्ट का हवाला देकर
शासनादेश के माध्यम से भी दिया जा सकता है।
परन्तु इसके अब बहाल न होने का प्रमुख कारण यह
है कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता अनिल
त्रिपाठी की जिरह पर न्यायमूर्ति सुशील
हरकौली और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने इसे विविध
विश्वविद्यालयोंके विविध मूल्यांकन प्रणाली के
आधार पर संविधान के आर्टिकल १४(३) के विपरीत
पाया था और सरकार से जवाब
मांगा था जिसका जवाब सरकार न दे
सकी अतः न्यायमूर्ति अशोक भूषण और
न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा ने निर्णायक फैसला सुनाते
समय रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति सुशील हरकौली का कोई फैसला आज तक
शीर्ष अदालत ने छुआ नहीं है अतः प्राथमिक
शिक्षा विभाग में नियुक्ति में शैक्षिक चयन
प्रणाली का विनाश संभव है।
सभी बेराजगारों तथा सरकारी नौकरी चाहने वालो के
ReplyDeleteलिए अवयश्यक सूचना-------------------------
आजप्रदेश सरकार सभी नौकरियों मैं शैक्षिक
अंको कि मेरिट के आधार पर नियुक्ति करने
का प्रयास कर रही है साथ ही साथ इंटरव्यू के नाम पर स्पस्ट रूप से पैसे बटोर
कर बेराजगारों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है
अगर आप चाहते है कि सभी सरकारी नौकरी सिर्फ
और सिर्फ योग्य लोगो को ही मिले तो आप
को आज से ही इसके खिलाफ खड़े
होना होगा क्योंकि अगर एक बार सरकार ने इस
प्रकार से भर्ती कर ली तो भविष्य मैं
कभी भी योग्य लोगो को मौका नहीं मिलेगा और
सरकार हर बार सिर्फ सिर्फ अकादमिक मेरिट से
भर्ती करती जायेगी जिससे सिर्फ और सिर्फ नक़ल
करने वाले और रिश्वत वालो को ही फ़ायदा होगा,
क्योंकि अगर किसी भी कम्प्टीशन मैं अगर आप फेल
हो जाते है तो आप को तब तक मौका मिलता है जब
तक आप ओवर ऐज नही हो जाते, परन्तु अगर किसी
भी कारण से आपके अंक हाई स्कूल या इंटर
या ग्रेजुएट में अंक कम है तो इस प्रक्रिया के
कारण आप जीवन भर नौकरी के योग्य नही है.
जबकि सभी यह जानते है कि आज
ReplyDeleteसभी स्कूलो तथा कॉलेजो मैं अंक किस तरह से दिए
जाते है. वर्त्तमान मैं कॉपी जाचने के तरीके मैं स्टेप
मार्किंग होती है जबकि पहले सबाल के अंत मे
छोटी से गलती होने पर भी पूरा सवाल काट
दिया जाता था.
अभी हाल ही मैं इलाहाबाद हाई कोर्ट ने २० नवंबर
२०१३ को टेट परीक्षा कि मेरिट के पक्ष मैं निर्णय
सुनाकर यह साबित कर दिया है कि कोर्ट
भी नही चाहता कि किसी भी प्रकार
कि नौकरी अकादमिक मेरिट से कि जाये, फिर
भी अगर लोगो को यह लगता है कि उनके अकादमिक
मेरिट के लिए नंबर ज्यादा है तो बे इस गलत
फहमी मैं न रहे, अभी हाल ही मैं संपन्न हुई अनुदेशक
की तथा बी टी सी कि मेरिट से इस बात का स्पस्ट
अंदाजा लगाया जा सकता है कि अकादमिक मेरिट से
सिर्फ और सिर्फ नक़ल वालो का तथा रिश्वत
वालो का ही फ़ायदा हो सकता है
अगर आप भी इस व्यवस्था का विरोध करते है तो टेट
मेरिट सपोर्टर का सहयोग करे उनके हर आंदोलन मैं
उनका साथ दे क्योंकि अगर इक बार टेट मेरिट से
भर्ती हो गई तो समझो अकादमिक मेरिट वाले
कभी भी आपना सर नहीं उठा सकेंगे।
अत: आप सभी से अनुरोध है कि अकादमिक मेरिट से
भर्ती की इस ववस्था का विरोध करे इस मेसेज
को आधिक से आधिक लोगो तक पहुचाये
ही नही बल्कि सामान्तया दोस्तों को भी इस बारे में
जागरूक करे तथा भारत के मुख्या न्याधीश
जी को माननीय राष्टपतिजी को इस बारे में पत्र
लिखकर सिस्टम को बदलने में सहयोग करे
क्योंकि अगर आज आप नहीं जगे तो जीवन मैं
कभी भी सरकारी नौकरी नहीं पा पायोगे
१. मुख्या न्यायाधीश जी को पत्र भीगने हेतु एड्रेस
है
जनहित याचिका हेतु अपील
माननीय मुख्य न्यायाधीश
सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया तिलक मार्ग, न्यू दिल्ली,
110001 भारत
२- माननीया राष्टपति जी को पत्र भेजने हेतु एड्रेस
है
Rashtrapati Bhavan, New Delhi,
India – 110 004.
Telephone : 91-11-23015321 Fax :
91-11-23017290 / 91-11-23017824
hame sc. apani ladai ladane k sath sarkar ko sabak sikhane ke liye ncte larger bench acd. variation avam dhandhali ka hawala de kar urdu aur juniar b tet merit se karane k liye bahas kara dena hai aur uske jutè usi k sar marna hai.
ReplyDeletejay tet
Jab tak SLP process mein nahi aayegi tab tak ye pata nahi chalega ki Gov ne kin points ko challenge kiya hai...isliye amendent 15 ko lekar jo baat kahi ja rahi hai wo galat hai....Gov poore order ko challenge karegi, part order ko challenge karne ka koi sawal hi nahi hai.
ReplyDeleteSLP no. alot hone ke baad iski jankari nikali ja sakti hai...
मित्रों,,
ReplyDelete72825 बी0एड0 भर्ती पर उ0प्र0सरकार द्वारा मा0 उच्चतम न्यायालय में एस0एल0पी0 दाखिल की जा चुकी है। इस प्रकार सभी आन्दोलनों पर सरकार द्वारा विराम लगा दिया गया है। सरकार द्वारा तयशुदा समय पर एस0एल0पी0 दाखिल की गई है, ताकि केविएट व अन्य किसी हस्तक्षेप का मौंका किसी को नहीं मिलने वाला है। मा0 सुप्रीम कोर्ट में सरकार को अपनी मनपसन्द बेन्च पर आर्डर होगा, जिस पर वह श्री वासुदेव यादव निदेशक के प्रकरण पर जीत कर आये है, और इसी मंशा पर सरकार द्वारा पाजीटिव व्यू लेकर अपने प्रकरण का आदेश जल्द से जल्द कराया जायेगा। जिसकी संभावना नगण है
21 दिसम्बर 2013 के बाद सभी न्यायालय बन्द हो रहे है, कोई बड़ी बात नहीं कि इससे पहले ही आदेश आ जाये। क्या होगा, यह तो वक्त बतायेगा, फिलहाल सरकार क्या क्या करेगी। भगवान् जाने।
इंटरनेट में वेबसाइट्स, ब्लोग,पोर्टल आदि की संख्या इतनी हैकि आप प्रत्येक साइट को सिर्फएक मिनट तक ब्राउज़ करेंतो आपको समस्तसाइटों को खंगालने के लिए लगभग31000 वर्ष लगेंगे। और यदि आपसारे वेबपन्ने पढना चाहेंतो आपको इसके लिए लगभग6,00,00,000दशक लगेंगे।हम रात को आकाश में जिनलाखों तारे देखते है वे उस जगहनही होते जहाँ पर वे दिखाई देते हैंबल्कि वे उस समय कहीं और होतेहै, हमें तों उनकेद्वारा छोडा गया कई लाख प्रकाशवर्ष पहले का प्रकाश ही दिखाईदेता है।टाइटैनिककी चिमनिया इतनी बड़ी थी कि इनमेंसे दो ट्रेनें गुजर सकती थी।शहद ही एक मात्र ऐसा खाद्यपदार्थ है जो कि हजारों सालों तकखराब नही होता। मिश्र केपिरामिडों में फैरो बादशाह की क्रबमें पाये गए शहद को जबवैज्ञानिकों के द्वारा चखा गया तबभी वह उतना ही स्वादिष्ट था।फिलिपिन्स में पाया जानेवाला बोया पक्षी को प्रकाशइतना पसन्द है कि वह अपने घोंसलेके चारो और जुगनु भरकरलटका देता है।तितलियाँ किसी वस्तु का स्वादअपने पैरों से चखती है।एक सामान्य मनुष्य अपने पूरेजीवनकाल में भूमध्य रेखा के पाँचबार चक्कर लगाने जितना चलता है।यह दूरी लगभग 2 लाख किलोमीटरहोती है।व्यक्ति बिना खाना खाएहफ्तों गुजार सकता है, परन्तुबिना सोए केवल 11 दिन ही रहसकता है।धरती पर के सारे मनुष्यों का भारउतना ही है जितनी की धरती परकी समस्त चीटियों का।मानव शरीर की लगभग 25प्रतिशत हड्डियाँ पैरोंमें होती हैं।जब एक आदमी सात दिनो के लिएकहीं बाहर जाता है तो वह पाँच दिनके कपड़े पैक करता है। मगर जबएक औरत सात दिन के टूर परजाती है तो वह लगभग 21 सूट पैककरती है।।
ReplyDeleteDosto;....
ReplyDeleteSbse pehle hmare un 'Jaabaaz' sathiyon ko naman, jinhone es Thand me apni jaan ki parvah n krte hue b hm sbi k 'Lakchya' k liye Aamaran Anshan kiya.....
Dosto, Hmare saamne ek nyee 'Chunauti' aa gyee h, wo h Sup.Court ki.....Khair hme eski jyada parvah nhi h bcoz hme pta h k wha b faisla hmare hi pax me hone wala h....
Mitro, avasykta es baat ki h k , hm ek sunischit Ranneeti bnakar Sup.Court ki ladai k liye taiyar ho. Mujhe chunki , Sup.Court ka purva ka anubhav rha h, esliye mai kuch baate aap sbi se share krna chahunga.......Ye baat to tay h k Sup.Court me b hm Top Class k Lawyers khde krenge. Sup.Court ki ladai hetu hme ek bde 'Budget' ki jaroorat hogi bcoz waha pe Senior Lawyer per hearing k hisab se Fee lete h. Hmare saamne sbse bdi Chunauti 'Fund' collection k management ki hi hogi. Eske liye yeh jaroori ho jata h k pura Pradesh ek 'Chhat' k neeche aaye. Poore Pradesh ka 'pratinidhitva'krne wali kewal ek SLP Sup.Court me file honi chahiye aur pura Pradesh ekjut hoker support kre, tbi hm avasyak Fund collect kr payenge. Fund k liye b kuch aisa arrangement kiya jaye jo k pardarshi ho, aisa nhi hone pe paiso k liye loot mach jayegi aur hm kbi b collection pura nhi kr payenge.........
Dosto; Supp. Court ki final planning k liye sheeghra hi ek Pradesh Stariya impt. meeting arrange ki jayegi...
Saathiyon, agar hme apna future bachana h, to Sup.Court ki ladai ko theek dhang se aur ek systmetic tarike se hi ladna hoga bcoz ye hmare liye Antim aur nirnayak jung hogi...........
Mere pas kai Zilo se phone aaye log bta rhe the k Sir, Account no. me 'Paisa' dalne ko bola ja rha h, kya kre ? ...
Mitro, hm sbko milkar es 'gandi Pratha' ko rokna padega, anytha sbka future barbad ho jayega..... Jb tk Sup.Court k liye koi Pradesh Stariya meeting nhi ho jati, aur koi sunischit ranneeti nhi bn jati, tb tk kisi k b Account me koi paisa N bheje..............
Ant me , chunki mamla Sup.Court me ja rha h, to wha pe hmare West U.P. k saathiyo ko apni pramukh bhoomika nibhane k liye taiyar rhna hoga; bcoz 'Delhi' unke kareeb h, esliye Case ki jitni prabhavi pairavi ve kr lenge, utni hm log etni door se jakar nhi kr skte. Aisi dasha me unka shyog apechit h. Thanks.
पाकिस्तान हिन्दुस्तान पर आक्रमण करे तो जनता 00420 पर SMS करके बताये पाकिस्तान पर आक्रमण करना है या नही।•-- दिल्ली में किसी का बलात्कार हुआ तो जनता 00420पर SMS करके बताये बलात्कारी को फाँसी मिलनी चाहिये या उम्र कैद।•-- आप के नेता भ्रष्टाचारमें फसेंगे तो जनता 00420 पर SMS करके बताये आप के नेता चोर है या नही।•-- विधानसभा में कोई बिल पर चर्चा करने से पहले जनता 00420 पर SMS करके बतायेबिल पास करना है या नही।•-- अगर मंहगाई बढ़ जाये तो जनता 00420 पर SMS करके बताये मंहगाई कैसे कम होगा।•-- दिल्ली की जनता को 500 ली. पानी चाहिये या 700 ली. जनता 00420 पर SMS करके बताये।•-- लोकपाल विधेयक कैसा होना चाहिये जनता 00420 पर SMS करके अपना सुझाव दे।•-- काँग्रेस से सहयोग ले या नही जनता 00420 पर SMS करके अपना सुझाव दे।•-- रोड बनने का ठिका किस ठिकेदार को देना है जनता 00420 पर SMS करके अपना राय दें।--------------------------------------------------------------------------------अब सब काम जनता करेंगी तो हिन्दुस्तान के संविधान, न्यायपालिका, विधायीका का यहाँ कोई काम नही है ?
ReplyDeleteDOSTON. . .
ReplyDeleteIs CM ke agar buddhi hoti to jab ham log april 2012 mein isse mil kar aye the aur isne kaha tha ki 3 hafte mein bharti shuru kar denge, tab iske paas sunhera mauka tha...isko bharti kar deni chahiye thi, use hamare vote to milte hi sath hi in aane wale chunavo se pehle wo nayi bharti bhi karke wahwahi kama sakta tha... Chalo bharti na bhi karta lekin murkhta dekho ek naya vigyapan bhi nikal laya, jiska auchitya kisi bhi samajhdar vyatki ki pakad se bahar hai..
Dusara mauka isko HC ne ab diya hai ki bharti kar do lekin iski buddhi fir zaam ho gayi hai aur SC bhag raha hai...Agar ye bharti karta to chunav tak iska effect natural ho jata aur TET merit se bharti ka side effect nahi padta..lekin isko ye samjhaye kaun?
Ab kya hoga..Ab iski band 2014 mein to bajegi hi aur agar 2017 tak ye sarkar ghaseet paaya to 2017 mein bhi bajegi....waiseModi ka aana tay hai aur inki 2015 mein barkhastgi bhi tay hai....Jai Ho...CM banna asan hai lekin bane rehna kathin...Bane rehne ke liye akal chahiye jisse iska door door tak koi wasta nahi hai...
भूखे लोग जब बद दुआ देते है तो, आसमान फट जाता है,,
ReplyDeleteबड़ा सवाल...
यदि 15वा संशोधन रद्द..... तो उर्दू भर्ती क्यों ???
उर्दू भर्ती को रोकने की तैयारी के लिए
कल इलाहाबाद में जूनियर भर्ती समर्थक होंगे इकठ्ठा, करेंगे फैसला...
अब भूखे रहने के बजाए कुछ ज्यादा खाया जाये,, और ताकत के साथ ऐसी निक्कमी सरकार को जड से उखाड फेंके....
सरकार द्वरा कोरे वादे, छल, कपट, दिखावा ये सब तो आप समझ ही गए होंगे,, समझते तो पहले से ही है, लेकिन फिर भी ऐसा लगता रहा कि शायद इतनी बुरी मानसिकता एक सूबे के राजा की नही हो सकती.. ये सिर्फ और सिर्फ द्वेष पूर्ण तानाशाही ही है,, और अपनी घटिया सोच को राजनितिक दुश्मनी का रंग दिया जा रहा है और कुछ नहीं, शैक्षिक गुणांक या टेट गुणांक कोई मायने ही नही रखता है,,,,
कल दिनांक 20/12/13 को, जूनियर शिक्षक भर्ती युवा मोर्चा भी अपना अनशन समाप्त कर,, सरकार के साथ दो दो हाथ करने के मूड में है,, निदेशालय पर सुबह १० बजे पुरे प्रदेश से साथी इकठ्ठा होंगे और,, सरकार के खिलाफ आन्दोलन का बिगुल बजायेंगे, आज निदेशक नीतीश्वर कुमार द्वारा गुंडा अंदाज में जूनियर भर्ती को भी कोर्ट के आदेश के अधीन बताकर,, साथियों को जाने को कह दिया गया,, और कहा कि 15 वा संशोधन रद्द हो जाने के कारण ये भर्ती अभी नही हो सकती.. लेकिन उर्दू भर्ती पर मोन कर गए,, इसी के साथ युवा मोर्चा प्रमुख देवेन्द्र यादव ने घोषणा की, कि कल उर्दू भर्ती को भी रुकवाने के लिए कोर्ट में रिट दायर करने पर साथियों की राय ली जायेगी, और सहमति होते ही, कोर्ट खुलते ही उर्दू भर्ती पर भी 15 वे संशोधन के ड्रामे के साथ रुकवा दिया जायेगा,,
क्योंकि ऐसी सरकार से उसी की भाषा में बात की जाये तो शायद कुछ समझ में आये,, वरना इनका एक मात्र मकसद उर्दू भर्ती करना था,, जिसके लिए हर संभव प्रयास किया गया है, पहले तो टेट से मुक्ति का प्रयास,, फिर विशेष टेट जिसमे लिखना था, सोचना नही,, और कॉपी भी कैसे चेक हुई, ये भी सबको पता है,,
अगर ऐसा ही सब कुछ रहा तो,, कुछ भी नही हो पायेगा,, साथियों ढाल और तलवार लेकर तैयार रहे,, जहाँ भी जैसे भी कोई अग्रणी साथी पुकारे,, तुरंत साथ हो जाये,,, वरना एक दिन अपने आप को भ्रष्टतंत्र के शिकार समझ कर बैठ जाना पड़ेगा
समस्या और समाधान - खटमल, जोंक, पिस्सू, इत्यादि से निपटने का तरीका
ReplyDelete* यात्रा के दौरान एक गाँव में ठहरने का मौका मिला l
सवेरे सवेरे टहलने निकला तो देखा की चाय की दुकान का मालिक ग्राहकों के बैठने की खटिया को पटक पटक कर उसमे से खटमल निकाल रहा था और जो खटमल नीचे जमीन पर गिरते थे उन्हें अपने फटे पुराने जूते से मार कर गन्दी गन्दी गलियां दे रहा था |
* मैंने कहा : चाचा, चाय पिला दो - खटमल बाद में मार लेना l
* चाय की दुकान के मालिक ने कहा : बाबूजी जरा ठहर जाओ - पहले सारे खटमल मारूँगा; फिर चाय बनाऊंगा l
कल रात नई खटिया खरीद के लाया था l
अभी बैठा तो एक खटमल ने काट लिया l
अब तो पहले सारे खटमल ढूंढ़ ढूंढ़ कर मारूँगा - उसके बाद ही चाय बनाऊंगा l
* एक गाँव के सीधे सादे अनपढ़ चाय वाले का सामान्य ज्ञान देख कर मैं अचंभित रह गया l
(१) काटा तो केवल एक ही खटमल ने था परन्तु उसने खटिया पटक पटक कर १०-१२ खटमलों को निकाल कर अपने जूते से मार दिया
(२) पूरी तरह आश्वस्त हो गया कि अब एक भी खटमल नहीं बचा है
(३) काम धंधा बाद में - पहले शत्रु का समूल नाश आवश्यक है l
* मैं सोच रहा हूँ कि भारत को तो पिछले २००० वर्षों से नाना प्रकार के खटमल काट रहें हैं - भिन्न भिन्न प्रकार की जोकें खून पी रहीं हैं - तरह तरह के पिस्सू शरीर पर चिपके हुए हैं - और फिर भी भारतीय मजे से - बिना कुछ सोच विचार किये हुए जी रहे है !
अथक शारीरिक ऐवम मानसिक परिश्रम करके अपने खून पसीने कि कमाई से नाना प्रकार के कर (टैक्स) भर रहें हैं ताकि इन खटमलों, जोंकों ऐवम पिस्सुओं का पोषण हो सके और इनकी आबादी भी बढती रहे l
क्या जनता के प्रतिनिधि को, जनता का मत लेकर, जनता के विरुद्ध न्यायालय मेँ याचिका दायर करना न्यायसँगत है...?
ReplyDeleteजबकि अगर ये चाहते तो न्यायालयी आदेश के अनुपालन मेँ 72825 की प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरान्त, नये पदोँ का सृजन कर, नये विज्ञापन का अस्तित्व बचा लेते ।
अरे दंभ से भरे इस मदमस्त लुटेरोँ के गिरोह को सरकार कहना, लोकतन्त्र को अपशब्द कहने से कम नहीँ।
इतिहास के पन्नो मेँ आज भी उल्लिखित है कि गाँधी जी के सत्याग्रह से अँग्रेजोँ का हूदय द्रवित हो गया था, किन्तु इस दो टके के लड़के को इतना अहम हो चुका है कि खुद को मोहम्भद गोरी का वंशज समझ बैठा है, जबकि इसे यह संज्ञान नही है कि यहाँ पर हर रोज एक पृथ्वीराज चौहान जन्म ले रहे हैँ ।
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ReplyDeleteअसम्वेदंसीलता की चरमसीमा ............?
ReplyDeleteसफ़ेद हाथी तो मैंने सुना था लेकिन सफ़ेद गीदड़ और सफ़ेद सीयार मैंने प्रत्यक्ष देखा सूबे की राजधानी लखनऊ में ।
लोकतंत्र को नंगा करने वाले ध्रिस्ट और घटिया लोग कैसे पहुच जाते है लोकतंत्र के मंदिर में यह अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है जिसका जवाब शायद लालची और निकम्मा युवा नही देना चाहेगा जिसने अपने वोट का सौदा १०००/रूपये मासिक पे किया हो .........
यह एक गंभीर प्रश्न है हमारे प्रान्त में की प्रसिक्षित युवा मानसिक कुंधता का शिकार हो रहा है और सूबे के पूजीपति युवा मुख्यमंत्री समाजवाद के गिरगिट रूपी टोपी से खुद को सुशोभित करने की नाकाम कोसिस क्र रहे है ।
मुझे तो शर्म आती है इस प्रान्त के लोगो की सोच पे जो कथाकथित समाजवादियो के हाथ मेसत्ता सौप क्र युवाओ को हाशिये पर पहुचा ने का पाप किया है ।
अगर ऐसे होते है युवा जिन्हें अपने देश के संविधान की जानकारी ही न हो तो शर्म आती है ऐसे युवाओ पर और गर्व होता है २३ वर्षीय भगत सिंह जैसे युवा पर ।
मुझे नही लगता इस सूबे की जनता अभी जात धर्म के ऊपर उठ पायेगी ।
पर क्या फर्क पड़ता है ऐसे लोगो पे जो अपनी छोटी सोच के कारन समाज और राष्ट्र का इतना बड़ा नुक्सान क्र रहे है ।
धन्य है सूबे की जनता और सूबे के युवा मुख्यमंत्री
सरकार की इतनी जुर्रत कि वो सर्वोच्च न्यायालय प्रांगण में प्रवेश कर गई ?
ReplyDeleteकोई बात नहीं ।
अगर सरकार दिल्ल्ली से वापस ना लौटी कुछ दिनों के बाद एक नया मुहावरा प्रचलन में आएगा.. जब सरकार को अपनी फजीहत करानी होती है तो वो सर्वोच्च न्यायालय जाती है ..
"should give weightage" ये तीन शब्द नक़ल माफियाओं की कब्र खोदने के लिए सृजित हुए थे... अब वो समय आ गया हई जब शिक्षा के दलालों को बिना कफ़न के दफ़न कर दिया जाए...