ऑनलाइन भरे जाएंगे फाॅर्म, 35 साल तक की उम्र वालों को मिलेगा लाभ
इलाहाबाद। नए साल में दस हजार युवाओं को रोजगार का तोहफा मिलेगा। इससे पहले युवाओं को सरकार की योजना ‘कौशल विकास मिशन’ के तहत रोजगारपरक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इन दस हजार युवाओं में महिलाओं, अल्पसंख्यकों और बीपीएल कार्डधारकों के लिए जगह आरक्षित होगी। युवाओं के सामने प्रशिक्षण के लिए 283 पाठ्यक्रमों के विकल्प होंगे और पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। यानी युवाओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह जानकारी डीएम राजशेखर ने सोमवार को कलक्ट्रेट के संगम सभागार में प्रेस वार्ता में दी।
इस योजना के तहत 14 से 35 वर्ष आयु वर्ग वाले कक्षा आठ उत्तीर्ण युवा पात्र माने जाएंगे जबकि पांचवीं उत्तीर्ण युवा कम योग्यता की आवश्यकता वाले पाठ्यक्रमों के लिए पात्र होंगे। अकुशल या अर्धकुशल कर्मचारी भी इस योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। बताया कि मिशन के तहत प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं कौशल विकास में दक्ष करते हुए रोजगार मुहैया कराया जाएगा। विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की अवधि 240 से 1130 घंटे की होगी। इच्छुक युवाओं से ऑनलाइन आवेदन भरवाया जाएगा।
आवेदन ‘www.upsdm.org ’ पर किया जा सकता है। आवेदन के बाद एक यूनिक नंबर जारी किया जाएगा और फोन पर एसएमएस से यूनिक नंबर के बारे में बता दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए सरकार की तरफ से निजी प्रशिक्षण प्रदाता (प्राइवेट ट्रेनिंग पार्टनर) संस्थाओं की नियुक्तियां कर दी गई हैं। यूनिक नंबर मिलने के बाद आवेदनकर्ता इन संस्थाओं के पास जाएंगे, जहां उनकी योग्यता का आंकलन कर बताया जाएगा कि उनके लिए कौन पाठ्यक्रम बेहतर होगा। प्रशिक्षण पूरा करने पर एससीबीटी की ओर से जारी प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा जो आईटीआई के समतुल्य होगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अगले चरण में युवाओं को स्वरोजगार के लिए बैंक से लोन दिलाने या किसी निजी, अर्धसरकारी या सरकारी क्षेत्र में प्लेसमेंट दिलाने के लिए सरकार की तरफ से पहल भी की जाएगी। वैसे तो यह योजना वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 के लिए लागू की गई है लेकिन वर्ष 2014-15 में इस योजना के तहत 9099 युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 418 अल्पसंख्यकों, 1492 महिलाओं, 4334 ग्रामीण क्षेत्र के बीपीएल कार्डधारक और 993 शहरी क्षेत्र के बीपीएल कार्डधारकों के लिए जगह आरक्षित रखी गई है
Yahi problam hai sb logo ki thoda sa viggyapan dikhaya aur lag gye uske sapne dekhne.karo bate tgt ki.pucho tgt ka sylabus.aur ache writer ki book b puchlo.ye b puchlo ke kitne marks me selectn hoga aur kitna chalega.
ReplyDeleteTOTALY khalamuli ka timepas
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे सर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
ReplyDeleteमनीष पांडे, प्रतापगढ़/झांसी-ललितपुर। उत्तर प्रदेश में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई लागू होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११ को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर २०११ को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल आन्दोलन किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें अनेक बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के राहुल पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार इसे राजनैतिक मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर नया विज्ञापन निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी , जबकि टीईटी बेरोजगार कई दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के ज़माने का विज्ञापन होने के कारण भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के राहुल पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव, नीलेश पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्च न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के समूह को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत में रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर रखना चाहिए । उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई लाख से अधिक पद रिक्त हैं।
देशभक्त ऐसे होते हैं जो सीने पर गोलियां खा जाते हैं...
ReplyDelete.
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लेकिन ??
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इनसे एक कदम आगे है गांधी परिवार, जो देश कि तोपे तक खा जाते है.
इलाहाबाद। नए साल में दस हजार युवाओं को रोजगार का तोहफा मिलेगा। इससे पहले युवाओं को सरकार की योजना ‘कौशल विकास मिशन’ के तहत रोजगारपरक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इन दस हजार युवाओं में महिलाओं, अल्पसंख्यकों और बीपीएल कार्डधारकों के लिए जगह आरक्षित होगी। युवाओं के सामने प्रशिक्षण के लिए 283 पाठ्यक्रमों के विकल्प होंगे और पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। यानी युवाओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह जानकारी डीएम राजशेखर ने सोमवार को कलक्ट्रेट के संगम सभागार में प्रेस वार्ता में दी।
ReplyDeleteइस योजना के तहत 14 से 35 वर्ष आयु वर्ग वाले कक्षा आठ उत्तीर्ण युवा पात्र माने जाएंगे जबकि पांचवीं उत्तीर्ण युवा कम योग्यता की आवश्यकता वाले पाठ्यक्रमों के लिए पात्र होंगे। अकुशल या अर्धकुशल कर्मचारी भी इस योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। बताया कि मिशन के तहत प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं कौशल विकास में दक्ष करते हुए रोजगार मुहैया कराया जाएगा। विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की अवधि 240 से 1130 घंटे की होगी। इच्छुक युवाओं से ऑनलाइन आवेदन भरवाया जाएगा।
आवेदन ‘www.upsdm.org ’ पर किया जा सकता है। आवेदन के बाद एक यूनिक नंबर जारी किया जाएगा और फोन पर एसएमएस से यूनिक नंबर के बारे में बता दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए सरकार की तरफ से निजी प्रशिक्षण प्रदाता (प्राइवेट ट्रेनिंग पार्टनर) संस्थाओं की नियुक्तियां कर दी गई हैं। यूनिक नंबर मिलने के बाद आवेदनकर्ता इन संस्थाओं के पास जाएंगे, जहां उनकी योग्यता का आंकलन कर बताया जाएगा कि उनके लिए कौन पाठ्यक्रम बेहतर होगा। प्रशिक्षण पूरा करने पर एससीबीटी की ओर से जारी प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा जो आईटीआई के समतुल्य होगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अगले चरण में युवाओं को स्वरोजगार के लिए बैंक से लोन दिलाने या किसी निजी, अर्धसरकारी या सरकारी क्षेत्र में प्लेसमेंट दिलाने के लिए सरकार की तरफ से पहल भी की जाएगी। वैसे तो यह योजना वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 के लिए लागू की गई है लेकिन वर्ष 2014-15 में इस योजना के तहत 9099 युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 418 अल्पसंख्यकों, 1492 महिलाओं, 4334 ग्रामीण क्षेत्र के बीपीएल कार्डधारक और 993 शहरी क्षेत्र के बीपीएल कार्डधारकों के लिए जगह आरक्षित रखी गई है
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वाराणसी। किसी भी चैनल समूह का पूरा पैकेज लेने की मजबूरी नहीं है। केबल दर्शक बेसिक पैकेज के साथ अपनी पसंद के पे चैनलों का गुलदस्ता तैयार कर सकता है। फालतू के पैकेज के बजाय मनपसंद के जरूरी चैनल चुनने पर पैसों की बचत भी होगी। शहर के केबल आपरेटर उपभोक्ताओं को पैकेज का ही विकल्प सुझा रहे हैं। अलग-अलग चैनल चुनने की सुविधा की जानकारी नहीं दे रहे हैं। सहायक मनोरंजन कर आयुक्त एचएन शुक्ल का कहना है कि दर्शकों को अपनी मर्जी के चैनल चुनने की आजादी है। इसके हनन की शिकायत मिलने पर केबल आपरेटर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ReplyDeleteशहर में केबल आपरेटर उपभोक्ताओं से पैकेज एक्टिवेशन फार्म (पैफ) भरवा रहे हैं। इसमें चार तरह के पैकेज हैं, जिसमें एक चुनने को कहा जा रहा है। अलाकार्ट आधार पर चैनल चुनने की आजादी के बारे में लोगों को बताया ही नहीं जा रहा है। नियमानुसार यदि कोई उपभोक्ता चाहे तो बेसिक पैकेज के साथ अपनी मर्जी के पे चैनलों को चुन कर अपना गुलदस्ता तैयार कर सकता है। इसमें बेसिक पैकेज की दर 137.50 रुपये महीने है। स्पोर्ट्स के अलावा अन्य चैनलों की दरें तीन से 27 रुपये के बीच हैं। अलाकार्ट के आधार पर उपभोक्ता अपने बजट के हिसाब से चैनल चुन सकते हैं लेकिन इसमें आपरेटर का ज्यादा फायदा नहीं है।
अर्दली बाजार के उपभोक्ता आलोक कुमार ने 299 रुपये वाला पैकेज लिया है। घर में नियमित रूप से 10-15 चैनल ही देखे जाते हैं, जो इसी पैकेज में हैं। लंका के शिव कुमार यादव ने भी अलाकार्ट की सुविधा की बाबत जानकारी से इनकार किया। उन्होंने 199 रुपये का पैकेज लिया है लेकिन इसमें जरूरत भर के चैनल शामिल नहीं हैं। अधिक चैनल्स की डिमांड करने पर आपरेटर 260 और 299 रुपये के चैनल का विकल्प दे रहे हैं। सहायक मनोरंजन कर आयुक्त एचएन शुक्ल ने बताया कि उपभोक्ताओं को अधिकार दिया गया है कि वह एक निर्धारित रेट केबल आपरेटर को देकर मनपसंद चैनल्स का चुनाव प्रतिमाह की दर से कर सकता है। यदि कोई उपभोक्ता शिकायत करता है तो संबंधित लोकल केबल आपरेटर (एलसीओ) और मल्टी सिस्टम आपरेटर (एमएसओ) पर कार्रवाई की जाएगी।
ऐसा आता फैसला
ReplyDeleteमिल जाता न्याय
मित्रों
आज हम विक्रमादित्य के सिंहासन रूपी लार्जर बेंच पर बैठे
यकायक हमसे यह न्याय हो गया
सभी साक्ष्यों,शासनादेशों,एडवर्टाईजमेण्ट, नियम-काऩूनों को मद्देनजर रखते हुये पिछले दो वर्षों से दीर्घ-निद्रा में विलीन यह बेंच आज पूरे होश-हवाश में यह तय करती है कि
उ.प्र.में टी.ई.टी.पास बी.एड.अभ्यर्थियों पर बहुत जुल्म,ज्यादती और सितम हुये हैं
पहले पूर्व-वर्ती सरकार ने इन्हें गन्ने कि तरह चूसा
और दुबारा वर्तमान सरकार ने इनको कोल्हू की तरह पेरा है
इनको 'सोर्स आफॅ इनकम' मानकर पहले हाथी के श्रृंगार में लगभग 60करोड़ और फिर साईकिल की मरम्मत के लिये लगभग 400करोड़ एक ही मद(आवेदन) के नाम पर दो बार इन्हीं से उगाहे गये हैं
सरचार्ज (ड्राफ्टॅ,स्पीड-पोस्ट,इंटरनेट आदि खर्च) के रुप में भी लगभग40करोड़ इन्ही बेरोजगारों ने खर्च किये हैं
हमने शिक्षा का वह कानून पढ़ा है
जिसमें पूरे देश में प्राथमिक व जूनियर की नियुक्तियों में टेट को शत-प्रतिशत अनिवार्य अर्हता बताया गया है
हमने अखबारों,न्यूज चैनलों की उन खबरों को भी पढ़ा,देखा व सुना है
जिनमें टेट-बी.एड.बेरोजगारों द्वारा विधान-भवन,निदेशालय और बेंच परिसर के सामने शांतिपूर्वक किये जा रहे प्रदर्शन,धरना और अनशन में खलल डालने की पुलिस द्वारा बर्बरता भी हुयी है
इन बेरोजगारों को जानवरों की तरह लाठियों से पीटा गया है
व जेल तक भेजा गया है
हमने वह हलफनामा भी गौर से पढ़ा है
जो सचिव-बेसिक ने इस बेंच के समक्ष पेश किया है
जिसमें हमने पाया है कि बेसिक विभाग में शिक्षकों के 3लाख से अधिक पद खाली हैं
हमने यह भी पाया है कि निराशा,हताशा और माऩसिक संत्रणा में कई टेट बी.एड. बेरोजगारों ने अपनी जान तक गँवा दी है
और हम यह भी बखूबी जानते है कि वर्तमान सत्तारुढ़ सर-कार अपने-आप को बेरोजगारों की सरकार व मसीहा मानती है!
शायद यही साबित करने के लिये वह बेरोजगारों में भत्ता बाँट रही है
अतःसभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुये यह बेंच इस निश्कर्ष पर पँहुची है कि
यह सर-कार दो सालों से उऩ्ही बेरोजगारों को बेवकूफ बना रही है
जो उसी के 'बे'-रोजगार कार्यालय में 'पंजीकृत' हैं
तीन लाख से अधिक टेट पास उच्च-शिक्षित बी.एड.बेरोजगारों के सड़क पर होते हुये भी वह 1 लाख 72 हजार अर्ध-अप्रशिक्षितों को बिना टेट के ही शिक्षक बनाने पर तुली हुयी है
इस सर-कार ने भर्ती के नाम पर सिर्फ पैसे बनाये हैं
एक-एक बे-रोजगार से 40-40 हजार ऐंठ कर
40 बेरोजगारों में भत्ते के नाम पर एक-एक हजार बाँटा जा रहा है
यह तो सरासर
Magic of money-pulation
है
इसलिये इस बेंच का अभी यह अंतरिम परमादेश है कि
चुनावी मौसम और मुला-मय के पी.एम. पद के सपने की भयावहता को देखते हुये अकल-लेस सर-कार तत्काल सभी टेट पास बेरोजगारों (लगभग3लाख) को एक झटके में नौकरी दे
मौका भी है
दस्तूर भी है
पद भी खाली है
वोटबैंक भी खाली है
पूरा फैसला नये वर्ष पर देकर अकल ठिकाने लगायी जायेगी
मित्रों
यह रोती-बिलखती आँखो को हँसाने का एक छोटा सा प्रयास है
शायद ऐसे ही फैसले में सभी के लिये न्याय है
DOSTO
ReplyDeleteMUJHE ESA LAGTA HAI IS NAYE SAAL PER KUCH NAYA SC HI KAREGA JAHA TAK MUJHE LAGTA HAI SUPREME COURT ME SARKAR KAI TARAK DEGI LEKIN BAHAS KE BAAD EK HI FAISLA HOGA KI 31 MARCH TAK SABHI PRI TET PASS BED WALO KO 3 LAKH PADO PER BHARTI KARE PARANTU 72825 KO TET MERIT SE HI JOB DE BACHE UMMIDVARO KO BHI TET MERIT KE ADHAR PER PURE 3 LAKH PADO PER NIYUKATI DE KYUNKI SABHI NE EN TET WALO SE DHOKHA KIYA HAI AUR SHIKSHA ADHIKAR ADHINIYAM KE TAHAT YE SABHI TEACHER BANANE KE LIYE ELIGIBLE HAI AUR SHIKSHAMITR BINA TET PASS KIYE TEACHER NAHI BAN SAKTE AUR JINKO NAUKARI MIL GAYI HAI UNHE RELIEF DIYA JATA HAI PRANTU URDU KA TET IN INVALID HAI WE TEACHER NAHI BAN SAKTE ,
YAHI ADESH AAYEGA DOSTO
gud morng and happy new year 2014 in advance 2 all my dear frnds. Dosto arvind kejriwal k taviyat dik ni h isliye ham sab logo ko god se pray krna chahiye k wo jald se jald dik ho jaye or EK NAYA NAYAK kuch naya kr paye. NO CAREPTION NO CRIME
ReplyDeleteEk Dukandaar Ke Bahar Likha Tha:
ReplyDelete“Insaano Ki Tarah Baat Karne Wala Kutta
Bikau hai”
Ek Aadmi Dukandaar Se Jaakar Boola:
“Main Us Kutte Ko Dekhna Chahta Hun…”
Dukaandaar Ne Kaha:
Sath Ke Kamre Main Baitha Hai,
Jaa Kar Mil Lo!
“Aadmi Us Kamre Main Gaya. Kurshi Par
Ek Hatta-Katta Kutta Baitha Tha.”
Aadmi Ne Kutte Se Pucha: Kyun Bhai,
Tum Yahan Kya Kar Rahe ho?
Kutte Ne Jawab Diya: Kar To Main Bahut
Kuch Sakta Hun…
Lekin Aajkal Is Dukaan Ki Rakhwaali Karta
Hun. Isse Pahile America Ke Jasusi
Mahakme Main Kaam Karta Tha. Aur Kai
Khookhaar Aatankvaadiyon Ko Pakadwaya
hai…. Fir England Chala Gaya Jahan Police
Ke Liye Mukhbari Karta Tha Ek Saal Baad
Yahan aa Gaya.
Us Aadmi Ne Dukandaar Se Pucha:
Etne Gunwaan Kutte Ko Aap Kyun Bechna
Chahte Ho??
“Awwal Number Ka Jhuta Hai” Jawab
Mila
आज की तजा खबर
ReplyDeleteआज की तजा खबर
निरहुआ को मिला रोजगार
निरहुआ अब कमाएगा चार पैसे
निरहुआ अब भूखा नहीं सोयेगा
निरहुआ भी अब नहीं कहलायेगा बेरोजगार-
*
*
*
* जब से निरहुआ ने 5 रुपये × 5 पैसे वाला सवाल पोस्ट किया है तब से अभी तक निरहुआ को अकेडमिक वीरों के अभिभावकों की ओर से मिल चुके हैं कई ऑफर। अकेडमिक वीरों के अभिभावक चाहते हैं अपने बच्चों को निरहुआ से ट्यूशन पढ़वाना, मोटी फीस की भी की पेशकश।
(आप बताइए टेटवीरों की निरहुआ इन "गधों" का गुरु बने या नहीं, क्यूंकि निरहुआ तो खुद गधा है। लेकिन ये बात अभी अकेडमिक वीरों को पता नहीं है)
ऐसा आता फैसला
ReplyDeleteमिल जाता न्याय
मित्रों
आज हम विक्रमादित्य के सिंहासन रूपी लार्जर बेंच पर बैठे
यकायक हमसे यह न्याय हो गया
सभी साक्ष्यों,शासनादेशों,एडवर्टाईजमेण्ट, नियम-काऩूनों को मद्देनजर रखते हुये पिछले दो वर्षों से दीर्घ-निद्रा में विलीन यह बेंच आज पूरे होश-हवाश में यह तय करती है कि
उ.प्र.में टी.ई.टी.पास बी.एड.अभ्यर्थियों पर बहुत जुल्म,ज्यादती और सितम हुये हैं
पहले पूर्व-वर्ती सरकार ने इन्हें गन्ने कि तरह चूसा
और दुबारा वर्तमान सरकार ने इनको कोल्हू की तरह पेरा है
इनको 'सोर्स आफॅ इनकम' मानकर पहले हाथी के श्रृंगार में लगभग 60करोड़ और फिर साईकिल की मरम्मत के लिये लगभग 400करोड़ एक ही मद(आवेदन) के नाम पर दो बार इन्हीं से उगाहे गये हैं
सरचार्ज (ड्राफ्टॅ,स्पीड-पोस्ट,इंटरनेट आदि खर्च) के रुप में भी लगभग40करोड़ इन्ही बेरोजगारों ने खर्च किये हैं
हमने शिक्षा का वह कानून पढ़ा है
जिसमें पूरे देश में प्राथमिक व जूनियर की नियुक्तियों में टेट को शत-प्रतिशत अनिवार्य अर्हता बताया गया है
हमने अखबारों,न्यूज चैनलों की उन खबरों को भी पढ़ा,देखा व सुना है
जिनमें टेट-बी.एड.बेरोजगारों द्वारा विधान-भवन,निदेशालय और बेंच परिसर के सामने शांतिपूर्वक किये जा रहे प्रदर्शन,धरना और अनशन में खलल डालने की पुलिस द्वारा बर्बरता भी हुयी है
इन बेरोजगारों को जानवरों की तरह लाठियों से पीटा गया है
व जेल तक भेजा गया है
हमने वह हलफनामा भी गौर से पढ़ा है
जो सचिव-बेसिक ने इस बेंच के समक्ष पेश किया है
जिसमें हमने पाया है कि बेसिक विभाग में शिक्षकों के 3लाख से अधिक पद खाली हैं
हमने यह भी पाया है कि निराशा,हताशा और माऩसिक संत्रणा में कई टेट बी.एड. बेरोजगारों ने अपनी जान तक गँवा दी है
और हम यह भी बखूबी जानते है कि वर्तमान सत्तारुढ़ सर-कार अपने-आप को बेरोजगारों की सरकार व मसीहा मानती है!
शायद यही साबित करने के लिये वह बेरोजगारों में भत्ता बाँट रही है
अतःसभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुये यह बेंच इस निश्कर्ष पर पँहुची है कि
यह सर-कार दो सालों से उऩ्ही बेरोजगारों को बेवकूफ बना रही है
जो उसी के 'बे'-रोजगार कार्यालय में 'पंजीकृत' हैं
तीन लाख से अधिक टेट पास उच्च-शिक्षित बी.एड.बेरोजगारों के सड़क पर होते हुये भी वह 1 लाख 72 हजार अर्ध-अप्रशिक्षितों को बिना टेट के ही शिक्षक बनाने पर तुली हुयी है
इस सर-कार ने भर्ती के नाम पर सिर्फ पैसे बनाये हैं
एक-एक बे-रोजगार से 40-40 हजार ऐंठ कर
40 बेरोजगारों में भत्ते के नाम पर एक-एक हजार बाँटा जा रहा है
यह तो सरासर
Magic of money-pulation
है
इसलिये इस बेंच का अभी यह अंतरिम परमादेश है कि
चुनावी मौसम और मुला-मय के पी.एम. पद के सपने की भयावहता को देखते हुये अकल-लेस सर-कार तत्काल सभी टेट पास बेरोजगारों (लगभग3लाख) को एक झटके में नौकरी दे
मौका भी है
दस्तूर भी है
पद भी खाली है
वोटबैंक भी खाली है
पूरा फैसला नये वर्ष पर देकर अकल ठिकाने लगायी जायेगी
मित्रों
यह रोती-बिलखती आँखो को हँसाने का एक छोटा सा प्रयास है
शायद ऐसे ही फैसले में सभी के लिये न्याय है
happy new year 2014 in advance 2 all my dear frnds
ReplyDeletehappy new year 2014 in advance 2 all my dear frnds
ReplyDeletehappy new year 2014 in advance 2 all my dear frnds
ReplyDeleteहे ईश्वर,, _/\_
ReplyDeleteपलकें झुकें और नमन हो जाए.....मस्तक झुके, और वंदन
हो जाए !!
ऐसी नज़र कंहाँ से लाऊँ कि.....तुझे याद करूँ और तेरा दर्शन
हो जाए !!
! ! ! ! .....ॐ नमः शिवाय..... ! ! !
प्रणाम दोस्तों, सुप्रभात
आज इस साल के आखिरी दिन भगवान को पिछले सबके लिए धन्यवाद दीजिए.. क्योंकि अगर वो दुःख था तो ईश्वर ने ही हमे उसे सहने की शक्ति दी थी, वही हमारे साथ थे... और अगर ख़ुशी थी तो उन खुशियों के लिए प्रभु का आभार!!
अगले साल के लिए बस यही कामना की परिस्तिथियाँ जो भी हों, बस हर पल हमारा साथ रहना, हम अपनी राह से न डिगें..साथ देना .. ख्याल रखना !! _/\_
खुश रहें.. खुश रखें.. आपका दिन शुभ हो!!
समझ सका न कोई मेरे दिल को !
ReplyDeleteये दिल यूँ ही नादान रह गया !!
मुझे कोई गम नहीं इस बात का !
अफसोस हैं की मेरा यार भी मुझसे अंजान रह गया ...!!!
When my absence doesn't after your life, then my presence has no meaning in it
ReplyDeleteसाल खत्म होने का इतना इंतज़ार न होता,
ReplyDeleteअगर 2014 मेँ मोदी उम्मीद्वार न होता!!!
Your Blood group also speaks about you.
ReplyDeleteA(+) : Good leadership.
A(-) : Hardworking.
B(+) : Can Sacrifice for others and
very ambitious, tolerance.
B(-) : Non flexible, Selfish & Sadistic.
O(+) : Born to help.
O(-) : Narrow minded.
AB(+) : Very difficult to understand.
AB(-) : Sharp & Intelligent.
हमारी दुआ का असर:
ReplyDelete- राजु को दुआ दिये "सदा मुस्कुराते रहो"
(आज वो पागलखाने में है)
- पप्पु को दुआ दिये "दुनिया तेरे इशारे पर चले"
(आज वो ट्रैफ़िक हवलदार है)
- रामु को दुआ दिये "तुम्हारे ज़िंदगी में सदा फ़ुल खिलते रहे"
(आज वो स्कुल में माली है)
- बबलु को दुआ दिये "सदा चमकते रहो"
(आज उसके सर पर एक बाल नहीं है)
- पिंकी को दुआ दिये "हमेशा दुसरो के दुःख दर्द दुर करो"
(आज वो हास्पिटल में नर्स है)
अब आप सबके लिये दुआ करने का इरादा है.
अगर कुछ खास दुआ करनी हो तो बता दे, नहीं तो हम थोड़ी देर में खुद से आपके लिये कुछ दुआ कर लेंगे
तमन्नाओं में उलझाया गया हूँ ,
ReplyDeleteखिलौने दे दे के बहलाया गया हूँ |
आज उ .प्र. में गरीब ,युवा ,बेरोजगार, किसान भूख और ठण्ड से मर रहा है पर उ.प्र. सरकार के पास इनके लिए रुपये नहीं है पर सैफई में अय्यासी के नंगे नाच के लिए उ.प्र. सरकार के पास करोड़ों रुपये है वाह रे समाजवाद ......
ReplyDeleteSUPREME COURT KA FAISALA JO AYEGA
ReplyDelete72825 PADO PER NIYUKTI TET MERIT KE ADHAR PER PURV VIGYAPAN KE TAHAT HOGI JOKI 12 TH SANSODHAN KE AADHAR PER HOGI
72825 JO KE NAYA VIGYAPAN THA USKI BHARTI 15 VE SANSODHAN KE ADHAR PER HOGI KYUNKI 15 SANSODHAN NEW GOVT NE KIYA AUR VIGYAPAN NIKALA JISKA PRABHAV 12 VE SANSODHAN KI BHARTI KE BAAD LAGO HOGA
AUR JO TET PASS BED VALE BACHE HAI UNKA SELECTION GOVT TAY KAR SAKTI HAI KAISE KARE
SIKSHA MITR KO BINA TET KE GOVT BHARTI NAHI KAR SAKTI
JIN LOGO KO SINGLE BENCH KE ADESH KE BAAD BHARTI KIYA GAYA HAI UNHE RELIEF DIYA JATA HAI
KYUNKI BED KA VIGYAPAN PAHLE AAYE THA ISLIYE SENIORITY KE HISSAB SE IN SABHI PADO PER INHE NIYUKI DE GOVT AUR QUALITY TEACHER KE LIYE SABHI TET PASS ELIGIBLE HAI
PARANTU 15 DINO KE ANDAR YANI 31 MARCH TAK SABHI KO NIYUKTI DENE KE LIYE GOVT BADHYA HOGI KYUNKI SHIKSHA ADHIKAR ADHINIYAM KE TAHAT 270000 PRI TET PASS BED WALE ELIGIBLE HAI AUR YE SPECIAL CHOOT GOVT KO IN 3 LAKH PADO KO BHARNE KI MILI THI JISME SAB TEACHER BANANE KE LIYE ELIGIBLE HAI JO TET PASS HAI,
DOSTO
ReplyDeleteMUJHE ESA LAGTA HAI IS NAYE SAAL PER KUCH NAYA SC HI KAREGA JAHA TAK MUJHE LAGTA HAI SUPREME COURT ME SARKAR KAI TARAK DEGI LEKIN BAHAS KE BAAD EK HI FAISLA HOGA KI 31 MARCH TAK SABHI PRI TET PASS BED WALO KO 3 LAKH PADO PER BHARTI KARE PARANTU 72825 KO TET MERIT SE HI JOB DE BACHE UMMIDVARO KO BHI TET MERIT KE ADHAR PER PURE 3 LAKH PADO PER NIYUKATI DE KYUNKI SABHI NE EN TET WALO SE DHOKHA KIYA HAI AUR SHIKSHA ADHIKAR ADHINIYAM KE TAHAT YE SABHI TEACHER BANANE KE LIYE ELIGIBLE HAI AUR SHIKSHAMITR BINA TET PASS KIYE TEACHER NAHI BAN SAKTE AUR JINKO NAUKARI MIL GAYI HAI UNHE RELIEF DIYA JATA HAI PRANTU URDU KA TET IN INVALID HAI WE TEACHER NAHI BAN SAKTE ,
YAHI ADESH AAYEGA DOSTO
DOSTO
ReplyDeleteMUJHE ESA LAGTA HAI IS NAYE SAAL PER KUCH NAYA SC HI KAREGA JAHA TAK MUJHE LAGTA HAI SUPREME COURT ME SARKAR KAI TARAK DEGI LEKIN BAHAS KE BAAD EK HI FAISLA HOGA KI 31 MARCH TAK SABHI PRI TET PASS BED WALO KO 3 LAKH PADO PER BHARTI KARE PARANTU 72825 KO TET MERIT SE HI JOB DE BACHE UMMIDVARO KO BHI TET MERIT KE ADHAR PER PURE 3 LAKH PADO PER NIYUKATI DE KYUNKI SABHI NE EN TET WALO SE DHOKHA KIYA HAI AUR SHIKSHA ADHIKAR ADHINIYAM KE TAHAT YE SABHI TEACHER BANANE KE LIYE ELIGIBLE HAI AUR SHIKSHAMITR BINA TET PASS KIYE TEACHER NAHI BAN SAKTE AUR JINKO NAUKARI MIL GAYI HAI UNHE RELIEF DIYA JATA HAI PRANTU URDU KA TET IN INVALID HAI WE TEACHER NAHI BAN SAKTE ,
YAHI ADESH AAYEGA DOSTO
..... इलाहाबाद और औरैया मे हमारी मीटिंग आरम्भ होने वाली है... सभी समर्थक तुरन्त पहुंचे....
ReplyDeleteइलाहाबाद अध्यक्ष सुशील यादव और टीम के अन्य सदस्यो सुभास यादव, पी.के. मिश्र, सन्दीप यादव, अजय यादव, अशोक दूबे, अरविन्द वर्मा और विनय पांडे (विनय टेट एलाहाबाद) के कुछ स्टेटमेंट =>
..... भर्ती शैक्षिक मेरिट से कराने के लिये हम अपनी जान भी दाव पर लगा देंगे...
..... प्रयागराज इलाहाबाद अकेले उतना सहयोग करेगा जितना बनारस, औरैया, अम्बेडकर-नगर और जौनपुर मिलकर करेंगे मिलकर करेंगे...
..... अगर किसी ने हमे रोका तो हम उसे पटककर मारेंगे....
.......... बनारस के मुन्नालाल, गुड्डू भाई, मैने और कपिल जी ने कहा है कि हमारा सहयोग इलाहाबाद से ज्यादा होगा...
..... जौनपुर के जिला अध्यक्ष अरविन्द जी ने कहा है कि हम इलाहाबाद से आगे रहेंगे.... ..... प्रतापगढ के जिला अध्यक्ष बिनीत सिंह और सन्दीप गुप्ता ने कहा है कि हम इलाहाबाद से आगे रहेंगे....
औरैया के अंशुल मिश्र जी ने कहा है कि हम इलाहाबाद से आगे रहेंगे....
अम्बेडकर नगर के दिनेश मौर्या और हरिओम जी ने कहा है कि हम इलाहाबाद से आगे रहेंगे....
...... जलौन के नाजिर भाई ने कहा कि जालौन केवल 01 मीटिंग मे ही टाप 06 मे है और जलौन नम्बर 01 रहेगा...
... फतेहपुर, इटावा, बरेली, अमरोहा, लखनऊ, देवरिया, हमीरपुर, चित्रकूट, बुलन्दशहर, भदोही, कानपुर, कासगंज, अमेठी, बरेली, फैजाबाद, फरुखाबाद, फिरोजाबाद, लखीमपुर सबसे फिसड्डी जिले है... यहा एकेडमिक मेरिट समर्थक सो रहे है...
........ कुछ अन्य जिलो ने कहा है कि हम भी जल्द ही आप सबके बराबर पहुंचेंगे...
..... इलाहाबाद और औरैया मे हमारी मीटिंग आरम्भ होने वाली है... सभी समर्थक तुरन्त पहुंचे....
ReplyDeleteइलाहाबाद अध्यक्ष सुशील यादव और टीम के अन्य सदस्यो सुभास यादव, पी.के. मिश्र, सन्दीप यादव, अजय यादव, अशोक दूबे, अरविन्द वर्मा और विनय पांडे (विनय टेट एलाहाबाद) के कुछ स्टेटमेंट =>
..... भर्ती शैक्षिक मेरिट से कराने के लिये हम अपनी जान भी दाव पर लगा देंगे...
..... प्रयागराज इलाहाबाद अकेले उतना सहयोग करेगा जितना बनारस, औरैया, अम्बेडकर-नगर और जौनपुर मिलकर करेंगे मिलकर करेंगे...
..... अगर किसी ने हमे रोका तो हम उसे पटककर मारेंगे....
.......... बनारस के मुन्नालाल, गुड्डू भाई, मैने और कपिल जी ने कहा है कि हमारा सहयोग इलाहाबाद से ज्यादा होगा...
..... जौनपुर के जिला अध्यक्ष अरविन्द जी ने कहा है कि हम इलाहाबाद से आगे रहेंगे.... ..... प्रतापगढ के जिला अध्यक्ष बिनीत सिंह और सन्दीप गुप्ता ने कहा है कि हम इलाहाबाद से आगे रहेंगे....
औरैया के अंशुल मिश्र जी ने कहा है कि हम इलाहाबाद से आगे रहेंगे....
अम्बेडकर नगर के दिनेश मौर्या और हरिओम जी ने कहा है कि हम इलाहाबाद से आगे रहेंगे....
...... जलौन के नाजिर भाई ने कहा कि जालौन केवल 01 मीटिंग मे ही टाप 06 मे है और जलौन नम्बर 01 रहेगा...
... फतेहपुर, इटावा, बरेली, अमरोहा, लखनऊ, देवरिया, हमीरपुर, चित्रकूट, बुलन्दशहर, भदोही, कानपुर, कासगंज, अमेठी, बरेली, फैजाबाद, फरुखाबाद, फिरोजाबाद, लखीमपुर सबसे फिसड्डी जिले है... यहा एकेडमिक मेरिट समर्थक सो रहे है...
........ कुछ अन्य जिलो ने कहा है कि हम भी जल्द ही आप सबके बराबर पहुंचेंगे...
ReplyDelete72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती मामले में सरकार को पुनःSLP दाखिल करनी होगी... संसोधन करके.... SUPREME COURT OF INDIA COURTNIC DEFECTIVE Status of : Diary Number 40659 OF 2013 Date of Filing : 18/12/2013 STATE OF U.P & ORS .Vs. SHIV KUMAR PATHAK & ORS Filed By : MR. SATYA MITRA GARG State : Uttar Pradesh Section : XI Agency : HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD FOLLOWING ARE THE DEFECTS : 1. (i) PROPER AND REQUIRED NUMBER OF PAPER BOOKS(1+3) HAVE NOT BEEN FILED(ii)BRIEF LIST OF DATES/EVENTS HAS NOT BEEN FILED.(iii)PARAGRAPHS AND PAGES OF PAPER BOOKS HAVE NOT BEEN NUMBERED CONSECUTIVELY AND CORRECTLY NOTED IN INDEX BY AJAY THAKUR
SABHI BAHRTI SUPOOERTER DOSTO KOEK BAAT JAROOR BATANA CHAHTA HUN KIO ISS BHARTI KO FASANE MAIN SARKAR POORI TAKAT KE SATH SAKIRYA HAI....BUT APP LOG JO WAKEI MAIN TEACHERS BANNE LAYAK HAIN WO LOG KISI NA KISI GROUP JOINING KE KARAN OR ATI ATTM VISWASH KE KARAN YE MAAN BAITHE HAIN KI BHARTI SARKAR KARA LEGI BUT KUCH KATU SATYA BATANA CHAHTA HUN JOKI AAPKO AGE ANE WALE SAMAY MAIN JAROOR DEKHNE KO MILNE WALE HAI.... 1.SABSE PAHLE SARKAR KI WRIT LAGNE WALI HAI JO 8 SE 10 JAN 2014 KO LAGEGI USKE MAIN SABSE PAHLE CAVITE KA JABAB DENA PADEGA USMAIN KARIB 15 DIN KI DATE LAGEGI USKE BAAD CAVIATE LAGANE WALE USKA CAUNTER DHAKHIL KARENGE KARIB 28 JAN 2014 TAK PHIR USKE BAAD ACCADMIC KI WRIT LAGEGI TAB JAKAR WO SARKAR KI WRITE MAIN BUNCH HOGI HIGH COURT KI TARAH 2.USKE BAAD TET MORCH KI WRIT FILE HOGI USMAIN KARIB 15 SE 20 FEB 2014 KI DATE AA JAYEGI...USKE BAAD DATE PAR DATE OR 31 MARCH OUT ......BHARTI PHIR 2016 KI CHUNAV ACHAR SAHINTA SE PAHLE PHIR RAFTAR PAKDEGI..... 3. AGAR MERI IN BATON SE KISI KO TAKLIF PAHUNCHE TO MAFF KARNA BUT YE SATY HAI KIYONKI MAIN AUGUST 2013 MAIN HI BATA CHUKA THA KI YE BHARTI HIGH COURT SE LAGH BHAG 20 NOVEMBER SE PAHLE STAY REMOVE NAHIN HOGA...WAHI HUA BHI 4. AB APP SOCH RAHE HONGE KI YE BHARTI JALDI KESE HO TO APKO BATA DUN KI HATH PAR HATH RAKH KAR BAITHNE SE KUCH NAHIN HOGA APP KO MIL KAR SANGHRSH KARNA HOGA TABHI KUCH HO SAKTA HAI WO KEWAL JANHIT YACHIKA KE MADHYAM SE HI SAMBHAV HAI 5.JAN HIT YACHIKA KE LIYE HAMARI TEAM LAGATAR KAAM KAR RAHI HAI OR KAFI SAKRIY SADASY JUD RAHE HAIN APP SABHI KI JAROORAT HAIN KIYONKI AB LADAI 2 LAKS 70 HAZAR TEACHERS RTE ACT 2009 KE ANUSAAR POORI KARWANI HAIN ...SITE PAR MOOJOOOD NO ..9058838983 NO.. PAR APNA NAME OR JILA LIKH KAR OR ' I JOIN FIRST PARTY "LIKH KAR JALD HI SEND KAREN OR ISS ABHIYAN SE JUDE OR FINECIALY BHI SUPPORT KAREN TABHI KUCHJ HOGA DOSTO....
FIRST PARTY KE MDHAYAM SE PIL (JAN HITYACHIKA )SE JUDNE OR SAHYOG KARNE KE LIYEAPP APNE JILE KE PRESIDENT SE SAMPARKKAREN .... 1.AJAY YADAV (FIROJABAAD)-9760757956 2.ADVOCATE ABHISEKMISHRA(CIVIL COURT SITAPUR MANDAL KELIYE)-9450375632 3.ADVOCATE ANUJ MISHRA (LACKNOW MANDAL KE LIE)-94550195794.PRADEEP GOTAM (LACHNOW CITYKEWAL)-9889933398 5.SURENDRA KUMAR (MURADABAD MANDAL KE LIYE)-9719353068 6. K.C.BHAI (ETAH)-9058685499 7.SIYORAJ SINGH (KASGANJ,KASIRAM NAGAR)-97583446638.MUHAMMAD HARUN (LAKHIMPURKHIRI)-9919727541 9.GEETA TIWARI (VARANSI)-9919267484 10. NITU SARKAR (MATHURA)-8923010590 11.MANOJ MORYA JI (PRATAP GARH , ALLHABAD KOSAMBHI )-9956963914 NOTE -JIN JILON MAIN JILA PRESIDENT NAHIN HAI AGAR WO JUD KAR SAKIRYA SAH BHAGITA NIBHA KAR FIRST PARTY SE JUDNA CHAHTE HAIN TO APNA NAME JILA LIKH KAR MO 9058838983 PAR SEND KAREN NOTE 2-GIRLS CANDIDETS KEWAL MAHILA MORCHA KI SADSYONSE HI SAMPARK KAREN AGAR KOI JYDA EMGENGY HAI TO 9058838983 PAR SMS KAREN APKI CALL KA JABAB DIYA JAYEGA.....JIN JILON MAIN ABHI KOI CANDIDETS NAHIN HAI UNKA NAME JALD HI GHOSIT KIYA JAYEGA SAKRIYA LOGON KI ATI AWSYAKTA HAI...THANKS
Uptet Daily New News Update
नए साल में आंदोलनों की झड़ी लगाएंगे शिक्षक शिक्षा मित्र, बीएड वाले व युनाइटेड शिक्षक महासंघ लामबंद लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षक बनने की बाट जोह रहे शिक्षा मित्र हों या जूनियर हाईस्कूल में गणित व विज्ञान के आवेदनकर्ता, नए साल पर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन छेड़ेंगे। वहीं, कई शिक्षक संगठनों को जोड़कर बना युनाइटेड शिक्षक महासंघ 20 जनवरी को बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगा। आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने कहा है कि पहले नए साल के प्रथम दिन से ही आंदोलन की रणनीति तय की गई थी, लेकिन राज्य सरकार को निर्णय लेने का मौका देने के लिए 7 जनवरी से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का निर्णय किया गया है। इस दिन शिक्षा मित्र विधान भवन के सामने लाल टोपी लगाकर गिरफ्तारियां देंगे। इसके बाद 8 जनवरी को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद निदेशक व 9 जनवरी को सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय व बेसिक शिक्षा निदेशक का घेराव किया जाएगा। अधिकारियों को सद्बुद्धि देने के लिए 10 जनवरी को यज्ञ होगा तथा 11 जनवरी को टीईटी का पुतला फूंका महिला शिक्षा मित्र 12 जनवरी को सचिव बेसिक शिक्षा के आवास का घेराव करेंगी। जूनियर शिक्षक भर्ती युवा मोर्चा के प्रमोद कुमार गुप्ता ने कहा है कि जूनियर हाईस्कूलों में गणित व विज्ञान शिक्षक के 29,334 पदों पर सीधी भर्ती का विज्ञापन निकाल कर आवेदन मांगा गया था। भर्ती पर कोई रोक न होने के बाद भी मेरिट जारी करते हुए काउंसलिंग शुरू नहीं की जा रही है। इसके विरोध में आवेदक बेसिक शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद में 2 से 10 जनवरी तक धरना देंगे। इसी तरह 16 संघों को मिलाकर बने युनाइटेड शिक्षक महासंघ ने रविवार को बैठक की। इसमें तय किया गया कि 20 जनवरी को बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। •महिला शिक्षा मित्र 12 को सचिव का आवास घेरेंगी
ReplyDeleteडंप पड़े हैं ग्रापंअ के आवेदन पत्र रवीन्द्र प्रताप सिंह/ एसएनबी लखनऊ। पंचायती राज विभाग में ग्राम पंचायत अधिकारियों के रिक्त दस पदों को भरने के लिए नवम्बर 2008 में विज्ञापन निकाला गया। इसके बाद इन पदों के लिए सात हजार से ज्यादा आवेदन भी आये, लेकिन भर्तियां नहीं हुई। ये आवेदन पत्र जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में अब भी धूल फांक रहे हैं। बताया गया कि इन पदों को निदेशालय की ओर से स्थगित कर दिया गया था। इन पर कोई निर्णय न होने के कारण अभ्यर्थी कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। इसके बाद इस वर्ष भी 31 रिक्त पदों के लिए भी लगभग 71 हजार आवेदन पत्र मिले हैं, जिनकी छंटनी का कार्य लगभग पूरा हो गया है लेकिन आगे की प्रक्रिया के लिए कोई दिशा- निर्देश नहीं मिल रहे हैं, नतीजा यह आवेदन पत्र भी अगले आदेश के इंतजार एक कमरें में डाल दिये गये हैं। पंचायती राज विभाग के तहत जिला पंचायत राज अधिकारी लखनऊ के कार्यालय से अभी हाल में ग्राम पंचायत अधिकारी के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला गया। ऐसे विज्ञापन प्रदेश के लगभग हर जिले में निकाले गये थे। लखनऊ में रिक्त इन 31 पदों में 16 सामान्य, पांच अनुसूचित जाति, दो अनुसूचित जनजाति व आठ अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए थे। विज्ञापन निकलने के बाद आवेदन करने वालों की भीड़ लग गयी। अकेले लखनऊ जिले के 31 पदों के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय को 70789 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। इसमें 12405 अनुसूचित जाति, 963 अनुसूचित जनजाति, 27981 अन्य पिछड़ा वर्ग व 29440 आवेदन पत्र सामान्य वर्ग के प्राप्त हुए हैं। इन आवेदन पत्रों को छंटनी कराने के लिए शासन के अगले आदेश के इंतजार में एक कमरे में रख दिया गया है। कुछ ऐसा ही हाल पांच साल पहले भी हुआ था। उस समय जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से आठ नवम्बर 2008 को कुछ समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर ग्राम पंचायत अधिकारी के दस रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इसमें से अनुसूचित जाति के तीन, अनुसूचित जनजाति का एक, अन्य पिछड़ा वर्ग के चार व सामान्य के दो पद थे। इन पदों के लिए कुल 7031 आवेदन पत्र आये थे। इनमें से अनुसूचित जाति के 2720, अनुसूचित जनजाति के 212, अन्य पिछड़ा वर्ग के 2146 व सामान्य जाति के 1953 आवेदन पत्र आये थे। ये आवेदन पत्र अभी तक डीपीआरओ के कार्यालय में धूल फांक रहे हैं। यहां के कर्मचारी भी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इन पर क्या होगा। बताया जाता है कि यह भर्ती प्रक्रिया निदेशालय स्तर से स्थगित कर दी गयी थी और उसके बाद उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। भर्ती न होने के कारण इसमें तमाम ऐसे आवेदक भी हैं, जिनकी पात्रता उम्र वर्ष 2008 में थी, लेकिन मौजूदा समय में उनकी उम्र भर्ती की सीमा को पार कर गयी है। ऐसे आवेदकों के सामने यह भी संकट हैं कि यदि वह भर्ती प्रक्रिया पूरी न की गयी तो वह दोबारा शामिल भी नहीं हो पाएंगे। इतना ही नहीं डीपीआरओ कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि इन भर्तियों का क्या होगा। प्रदेश में सरकार भी बदल जाने के कारण उस पर निर्णय होने की संभावना नहीं दिख रही है। ऐसे में उस भर्ती प्रक्रिया को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। यह अधिकारी व कर्मचारी कुछ बता पाने की स्थिति में भी नहीं है। उनका कहना है कि वह दोनों भर्तियों के आवेदन पत्रों को संभाल कर रखे हैं और जिस पर भर्ती या अन्य कार्रवाई के आदेश निदेशालय या शासन से प्राप्त होंगे, वैसी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि फिलहाल अभी नयी भर्ती के लिए आये आवेदन पत्रों पर भी अगली कार्रवाई कब होगी, यह कह पाना मुश्किल है। 2008 में निकली रिक्तियों पर अब तक कोई निर्णय नहीं नयी रिक्तियों के लिए भी आ गये 71 हजार आवेदन ऊहापोह |
ReplyDeleteडंप पड़े हैं ग्रापंअ के आवेदन पत्र रवीन्द्र प्रताप सिंह/ एसएनबी लखनऊ। पंचायती राज विभाग में ग्राम पंचायत अधिकारियों के रिक्त दस पदों को भरने के लिए नवम्बर 2008 में विज्ञापन निकाला गया। इसके बाद इन पदों के लिए सात हजार से ज्यादा आवेदन भी आये, लेकिन भर्तियां नहीं हुई। ये आवेदन पत्र जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में अब भी धूल फांक रहे हैं। बताया गया कि इन पदों को निदेशालय की ओर से स्थगित कर दिया गया था। इन पर कोई निर्णय न होने के कारण अभ्यर्थी कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। इसके बाद इस वर्ष भी 31 रिक्त पदों के लिए भी लगभग 71 हजार आवेदन पत्र मिले हैं, जिनकी छंटनी का कार्य लगभग पूरा हो गया है लेकिन आगे की प्रक्रिया के लिए कोई दिशा- निर्देश नहीं मिल रहे हैं, नतीजा यह आवेदन पत्र भी अगले आदेश के इंतजार एक कमरें में डाल दिये गये हैं। पंचायती राज विभाग के तहत जिला पंचायत राज अधिकारी लखनऊ के कार्यालय से अभी हाल में ग्राम पंचायत अधिकारी के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला गया। ऐसे विज्ञापन प्रदेश के लगभग हर जिले में निकाले गये थे। लखनऊ में रिक्त इन 31 पदों में 16 सामान्य, पांच अनुसूचित जाति, दो अनुसूचित जनजाति व आठ अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए थे। विज्ञापन निकलने के बाद आवेदन करने वालों की भीड़ लग गयी। अकेले लखनऊ जिले के 31 पदों के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय को 70789 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। इसमें 12405 अनुसूचित जाति, 963 अनुसूचित जनजाति, 27981 अन्य पिछड़ा वर्ग व 29440 आवेदन पत्र सामान्य वर्ग के प्राप्त हुए हैं। इन आवेदन पत्रों को छंटनी कराने के लिए शासन के अगले आदेश के इंतजार में एक कमरे में रख दिया गया है। कुछ ऐसा ही हाल पांच साल पहले भी हुआ था। उस समय जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से आठ नवम्बर 2008 को कुछ समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर ग्राम पंचायत अधिकारी के दस रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इसमें से अनुसूचित जाति के तीन, अनुसूचित जनजाति का एक, अन्य पिछड़ा वर्ग के चार व सामान्य के दो पद थे। इन पदों के लिए कुल 7031 आवेदन पत्र आये थे। इनमें से अनुसूचित जाति के 2720, अनुसूचित जनजाति के 212, अन्य पिछड़ा वर्ग के 2146 व सामान्य जाति के 1953 आवेदन पत्र आये थे। ये आवेदन पत्र अभी तक डीपीआरओ के कार्यालय में धूल फांक रहे हैं। यहां के कर्मचारी भी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इन पर क्या होगा। बताया जाता है कि यह भर्ती प्रक्रिया निदेशालय स्तर से स्थगित कर दी गयी थी और उसके बाद उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। भर्ती न होने के कारण इसमें तमाम ऐसे आवेदक भी हैं, जिनकी पात्रता उम्र वर्ष 2008 में थी, लेकिन मौजूदा समय में उनकी उम्र भर्ती की सीमा को पार कर गयी है। ऐसे आवेदकों के सामने यह भी संकट हैं कि यदि वह भर्ती प्रक्रिया पूरी न की गयी तो वह दोबारा शामिल भी नहीं हो पाएंगे। इतना ही नहीं डीपीआरओ कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि इन भर्तियों का क्या होगा। प्रदेश में सरकार भी बदल जाने के कारण उस पर निर्णय होने की संभावना नहीं दिख रही है। ऐसे में उस भर्ती प्रक्रिया को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। यह अधिकारी व कर्मचारी कुछ बता पाने की स्थिति में भी नहीं है। उनका कहना है कि वह दोनों भर्तियों के आवेदन पत्रों को संभाल कर रखे हैं और जिस पर भर्ती या अन्य कार्रवाई के आदेश निदेशालय या शासन से प्राप्त होंगे, वैसी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि फिलहाल अभी नयी भर्ती के लिए आये आवेदन पत्रों पर भी अगली कार्रवाई कब होगी, यह कह पाना मुश्किल है। 2008 में निकली रिक्तियों पर अब तक कोई निर्णय नहीं नयी रिक्तियों के लिए भी आ गये 71 हजार आवेदन ऊहापोह |
ReplyDeleteवरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
मनीष पांडे, प्रतापगढ़/ झांसी-ललितपुर। उत्तर
प्रदेश
में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र
रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई
लागू
होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड
बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक
शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११
को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय
द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर
२०११
को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन
की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर
थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने
कहा कि हमारी सरकार
बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में
आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने
तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने
लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल
आन्दोलन
किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें
अनेक
बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से
मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस
मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह
बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है
बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार
इसे
राजनैतिक
मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के
वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार
को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच
गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र
पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन
का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर
नया विज्ञापन
निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में
अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार
विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने
की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में
आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट
के
आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी ,
जबकि टीईटी बेरोजगार कई
दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये
तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के
ज़माने का विज्ञापन होने के कारण
भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष
नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने
को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव,
नीलेश
पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने
लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से
सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं
उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय
की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्
न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व
को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के
समूह
को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से
मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष
चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए
श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत
में
रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने
कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर
रखना चाहिए
। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई
लाख
से अधिक पद रिक्त हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
मनीष पांडे, प्रतापगढ़/ झांसी-ललितपुर। उत्तर
प्रदेश
में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र
रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई
लागू
होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड
बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक
शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११
को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय
द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर
२०११
को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन
की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर
थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने
कहा कि हमारी सरकार
बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में
आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने
तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने
लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल
आन्दोलन
किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें
अनेक
बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से
मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस
मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह
बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है
बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार
इसे
राजनैतिक
मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के
वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार
को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच
गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र
पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन
का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर
नया विज्ञापन
निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में
अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार
विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने
की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में
आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट
के
आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी ,
जबकि टीईटी बेरोजगार कई
दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये
तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के
ज़माने का विज्ञापन होने के कारण
भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष
नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने
को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव,
नीलेश
पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने
लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से
सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं
उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय
की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्
न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व
को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के
समूह
को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से
मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष
चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए
श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत
में
रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने
कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर
रखना चाहिए
। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई
लाख
से अधिक पद रिक्त हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
मनीष पांडे, प्रतापगढ़/ झांसी-ललितपुर। उत्तर
प्रदेश
में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र
रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई
लागू
होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड
बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक
शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११
को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय
द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर
२०११
को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन
की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर
थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने
कहा कि हमारी सरकार
बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में
आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने
तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने
लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल
आन्दोलन
किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें
अनेक
बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से
मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस
मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह
बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है
बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार
इसे
राजनैतिक
मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के
वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार
को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच
गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र
पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन
का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर
नया विज्ञापन
निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में
अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार
विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने
की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में
आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट
के
आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी ,
जबकि टीईटी बेरोजगार कई
दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये
तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के
ज़माने का विज्ञापन होने के कारण
भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष
नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने
को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव,
नीलेश
पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने
लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से
सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं
उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय
की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्
न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व
को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के
समूह
को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से
मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष
चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए
श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत
में
रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने
कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर
रखना चाहिए
। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई
लाख
से अधिक पद रिक्त हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
मनीष पांडे, प्रतापगढ़/ झांसी-ललितपुर। उत्तर
प्रदेश
में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र
रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई
लागू
होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड
बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक
शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११
को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय
द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर
२०११
को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन
की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर
थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने
कहा कि हमारी सरकार
बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में
आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने
तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने
लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल
आन्दोलन
किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें
अनेक
बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से
मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस
मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह
बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है
बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार
इसे
राजनैतिक
मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के
वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार
को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच
गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र
पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन
का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर
नया विज्ञापन
निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में
अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार
विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने
की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में
आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट
के
आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी ,
जबकि टीईटी बेरोजगार कई
दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये
तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के
ज़माने का विज्ञापन होने के कारण
भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष
नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने
को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव,
नीलेश
पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने
लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से
सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं
उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय
की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्
न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व
को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के
समूह
को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से
मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष
चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए
श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत
में
रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने
कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर
रखना चाहिए
। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई
लाख
से अधिक पद रिक्त हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
मनीष पांडे, प्रतापगढ़/ झांसी-ललितपुर। उत्तर
प्रदेश
में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र
रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई
लागू
होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड
बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक
शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११
को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय
द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर
२०११
को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन
की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर
थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने
कहा कि हमारी सरकार
बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में
आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने
तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने
लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल
आन्दोलन
किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें
अनेक
बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से
मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस
मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह
बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है
बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार
इसे
राजनैतिक
मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के
वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार
को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच
गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र
पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन
का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर
नया विज्ञापन
निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में
अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार
विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने
की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में
आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट
के
आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी ,
जबकि टीईटी बेरोजगार कई
दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये
तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के
ज़माने का विज्ञापन होने के कारण
भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष
नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने
को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव,
नीलेश
पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने
लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से
सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं
उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय
की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्
न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व
को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के
समूह
को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से
मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष
चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए
श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत
में
रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने
कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर
रखना चाहिए
। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई
लाख
से अधिक पद रिक्त हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
मनीष पांडे, प्रतापगढ़/ झांसी-ललितपुर। उत्तर
प्रदेश
में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र
रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई
लागू
होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड
बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक
शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११
को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय
द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर
२०११
को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन
की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर
थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने
कहा कि हमारी सरकार
बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में
आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने
तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने
लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल
आन्दोलन
किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें
अनेक
बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से
मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस
मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह
बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है
बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार
इसे
राजनैतिक
मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के
वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार
को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच
गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र
पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन
का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर
नया विज्ञापन
निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में
अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार
विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने
की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में
आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट
के
आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी ,
जबकि टीईटी बेरोजगार कई
दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये
तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के
ज़माने का विज्ञापन होने के कारण
भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष
नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने
को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव,
नीलेश
पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने
लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से
सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं
उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय
की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्
न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व
को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के
समूह
को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से
मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष
चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए
श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत
में
रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने
कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर
रखना चाहिए
। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई
लाख
से अधिक पद रिक्त हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
मनीष पांडे, प्रतापगढ़/ झांसी-ललितपुर। उत्तर
प्रदेश
में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र
रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई
लागू
होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड
बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक
शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११
को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय
द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर
२०११
को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन
की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर
थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने
कहा कि हमारी सरकार
बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में
आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने
तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने
लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल
आन्दोलन
किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें
अनेक
बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से
मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस
मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह
बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है
बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार
इसे
राजनैतिक
मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के
वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार
को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच
गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र
पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन
का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर
नया विज्ञापन
निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में
अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार
विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने
की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में
आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट
के
आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी ,
जबकि टीईटी बेरोजगार कई
दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये
तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के
ज़माने का विज्ञापन होने के कारण
भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष
नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने
को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव,
नीलेश
पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने
लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से
सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं
उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय
की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्
न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व
को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के
समूह
को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से
मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष
चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए
श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत
में
रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने
कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर
रखना चाहिए
। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई
लाख
से अधिक पद रिक्त हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
मनीष पांडे, प्रतापगढ़/ झांसी-ललितपुर। उत्तर
प्रदेश
में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र
रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई
लागू
होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड
बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक
शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११
को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय
द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर
२०११
को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन
की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर
थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने
कहा कि हमारी सरकार
बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में
आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने
तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने
लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल
आन्दोलन
किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें
अनेक
बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से
मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस
मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह
बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है
बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार
इसे
राजनैतिक
मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के
वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार
को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच
गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र
पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन
का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर
नया विज्ञापन
निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में
अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार
विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने
की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में
आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट
के
आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी ,
जबकि टीईटी बेरोजगार कई
दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये
तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के
ज़माने का विज्ञापन होने के कारण
भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष
नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने
को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव,
नीलेश
पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने
लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से
सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं
उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय
की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्
न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व
को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के
समूह
को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से
मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष
चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए
श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत
में
रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने
कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर
रखना चाहिए
। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई
लाख
से अधिक पद रिक्त हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र रखेंगे
ReplyDeleteसर्वोच्च न्यायालय में बेरोजगारों का पक्ष।
मनीष पांडे, प्रतापगढ़/ झांसी-ललितपुर। उत्तर
प्रदेश
में पिछले दो वर्षों से दर-दर की ठोकर खा रहे
टीईटी उत्तीर्ण बीएड बेरोजगारों का पक्ष सुप्रीम
कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र
रखेंगे।
उत्तर प्रदेश में २७ जुलाई २०११ को आरटीई
लागू
होने के बाद तत्कालीन बसपा सरकार ने बीएड
बेरोजगारों के लिये ७२८२५ प्राथमिक
शिक्षकों की न्युक्ति हेतु ३० नवम्बर २०११
को विज्ञापन जारी किया था तथा न्यायालय
द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद २० दिसम्बर
२०११
को संशोधित विज्ञापन जारी किया था। आवेदन
की प्रक्रिया समाप्त होने की तरफ अग्रसर
थी कि प्रक्रिया पर स्थगन लग गया।
विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान सपा प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने
कहा कि हमारी सरकार
बनने पर टीईटी परीक्षा रद्द कर दी जायेगी।
विधान सभा चुनाव में जनमत सपा के पक्ष में
आया और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने
तथा टीईटी रद्द करना चाहा तो बेरोजगारों ने
लखनऊ में २० मार्च २०१२ को विशाल
आन्दोलन
किया तथा लाठीचार्ज के भी शिकार हुए जिसमें
अनेक
बेरोजगारों को भयानक चोट आयी।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ इकाई के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा के शीर्ष नेताओं से
मुलाकात कर कहा कि आप की भर्ती है आप इस
मुद्दे को उठायें जिसपर नेताओं ने कहा कि यह
बेरोजगारों की जिन्दगी का सवाल है
बसपा द्वारा मुद्दा उठाने पर मौजूदा सपा सरकार
इसे
राजनैतिक
मुद्दा बना लेगी अतः बेरोजगारों की जिन्दगी के
वास्ते इसे मुद्दा बनाना उचित न होगा।
बेरोजगारों ने अपने संघर्ष के बल पर सरकार
को बैकफुट पर ला दिया तथा टीईटी परीक्षा बच
गयी परन्तु धांधली के आरोप में टीईटी को मात्र
पात्रता परीक्षा बनाकर शैक्षिक अंकों पर चयन
का फैसला लिया गया।
सरकार ने पुराना विज्ञापन रद्द कर
नया विज्ञापन
निकाला ।
हाई कोर्ट में लम्बे समय तक चले मुकदमें में
अंततः दो जजों की बेंच में चले मुकदमें में बेरोजगार
विजयी हुये तथा शीघ्र प्रक्रिया शुरू किये जाने
की मांग को लेकर अवनीश यादव के नेतृत्व में
आमरण अनशन किया परन्तु सरकार ने हाई कोर्ट
के
आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी ,
जबकि टीईटी बेरोजगार कई
दफा समाजवादी टोपी पहनकर आन्दोलन किये
तथा मुख्यमंत्री से इंसाफ की मांग की ।
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार सिर्फ बसपा के
ज़माने का विज्ञापन होने के कारण
भर्ती नहीं करना चाहती है।
इससे आहत होकर संघर्ष मोर्चा प्रतापगढ़ के
राहुल
पाण्डेय अविचल ने बसपा प्रतापगढ़ के शीर्ष
नेता मनोज तिवारी से मुद्दा उठाने
को कहा तथा विधिक मदद मांगी।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा के अलोक श्रीवास्तव,
नीलेश
पुरोहित और सोनी आदि बेरोजगारों ने अपने
लोकसभा की बसपा प्रत्यासी अनुराधा शर्मा से
सहायता मांगी।
मनोज तिवारी बसपा जोन दो के कोआर्डीनेटर हैं
उन्होंने अपनी प्रत्यासी को इस विषय
की व्यापकता को बताया तथा बेरोजगारों को सर्वोच्
न्यायालय में सहयोग देने का भरोसा दिया।
मनोज तिवारी ने बेरोजगारों के प्रदेश नेतृत्व
को सुजीत सिंह की अगुवाई में बीस सदस्यों के
समूह
को वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चन्द्र मिश्र से
मिलवाया।
बेरोजगारों ने समय सीमा को लेकर विशेष
चिंता जताई तथा मामले को गंभीरता से लेते हुए
श्री मिश्र बेरोजगारों का पक्ष सर्वोच्च अदालत
में
रखने के लिए तैयार हो गये । उन्होंने
कहा कि बेरोजगारों को राजनीति से दूर
रखना चाहिए
। उत्तर प्रदेश में इस समय शिक्षकों के ढाई
लाख
से अधिक पद रिक्त हैं।
मुस्लिमों को २०१४ में मुलायम सिंह यादव को वोट
ReplyDeleteनहीं देना चाहिए ताकि इन अक्ल ठिकाने आ जाए मुज़फ्फर नगर
में जो लोग रह रहे हैं और मासूम बच्चे ठण्ड से मर रहे हैं वह
इन्हें कांग्रेस और बीजेपी के लोग दिखते हैं इनके बेवक़ूफ़
अफसरों को लगता है की 'ठण्ड से बच्चों की मौत
नहीं होती अगर ऐसा होता तो साइबेरिया में सब मर जाते'
मुलायम सिंह यादव और उनके पूरे परिवार का राजनैतिक
अस्तित्व मुस्लिमों की ही वजह से है जब से उत्तर प्रदेश में
समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है तब से इतने सारे दंगे हुए हैं
कौन भूल सकता है ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ डीएसपी शहीद
जनाब जनाब जिया उल हक साहब की शहादत को ????
राजा भैया का दोबारा मंत्री बनना ???? ईमानदार और
कर्तव्यनिष्ठ आईऐएस दुर्गा शक्ति नागपाल जी के निलंबन
को सही ठहराने के लिए मस्जिद की दीवार का बहाना और ढाल
बनाकर इस्तेमाल करना ???? मुस्लिमों से गुज़ारिश है की वे
लोग बुखारी जैसे कौम के दलाल या तौकीर रजा जैसे
साम्प्रदायिक लोगों की बातों में न आकर अपने दिमाग
का इस्तेमाल कर वोट करें जिसे आप वोट दें उससे काम
का हिसाब भी मांगे ऐसा नहीं चलेगा की उत्तर प्रदेश में मुस्लिम
मरते पिटते रहे हैं और वह पूरे परिवार समेत सैफई या इटावा में
'महोत्सव' मना रहे हैं ।
आप के 'लाल बत्ती' वाले ऑर्डर से यूपी के मंत्रियों में भी मची खलबली
ReplyDeleteदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक आदेश से उत्तर प्रदेश के अधिकतर मंत्री सहमे हुए हैं. मंत्री अपने राज्य के पुलिस अफसरों से फोन करके पूछ रहे हैं कि दिल्ली में गाड़ियों पर लाल बत्ती लगाकर जाएं या न जाएं.
राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त सपा नेताओं का तो बुरा हाल है. वे दिल्ली की सीमा में प्रवेश करते ही लाल बत्ती हटवा रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को छोड़कर अन्य सभी वाहनों पर लाल बत्ती की सुविधा बंद कर दी है. मुख्य मंत्री, मंत्री व अधिकारियों की गाड़ियों पर लालबत्ती नहीं रहेगी.
नए आदेशों के तहत दिल्ली में यदि यूपी का कोई मंत्री जाता है, तो इसकी पूर्व सूचना दिल्ली पुलिस को देनी होगी. सुरक्षाकर्मियोंके साथ मंत्री दिल्ली में तीन दिन से अधिक नहीं रुक सकते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस आदेश से यूपी के अधिकांश मंत्री सहमे हुए हैं.
दुनिया का लगभग प्रत्येक कैलेण्डर सर्दी के बाद बसंत ऋतू से ही प्रारम्भ होता है , यहाँ तक की ईस्वी सन बाला कैलेण्डर ( जो आजकल प्रचलन में है ) वो भी मार्च से प्रारम्भ होना था . इस कलेंडर को बनाने में कोई नयी खगोलीये गणना करने के बजाये सीधे से भारतीय कैलेण्डर ( विक्रम संवत ) में से ही उठा लिया गया था . आइये जाने क्या है इस कैलेण्डर का इतिहास -
ReplyDelete------------------------------------------------------------------------------------------------
दुनिया में सबसे पहले तारो, ग्रहों, नक्षत्रो आदि को समझने का सफल प्रयास भारत में ही हुआ था, तारो , ग्रहों , नक्षत्रो , चाँद , सूरज ,...... आदि की गति को समझने के बाद भारत के महान खगोल शास्त्रीयो ने भारतीय कलेंडर ( विक्रम संवत ) तैयार किया , इसके महत्त्व को उस समय सारी दुनिया ने समझा .
भारतीय महीनों के नाम जिस महीने की पूर्णिया जिस नक्षत्र में पड़ती है उसी के नाम पर पड़ा। जैसे इस महीने की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में हैं इस लिए इसे चैत्र महीनें का नाम हुआ। श्री मद्भागवत के द्वादश स्कन्ध के द्वितीय अध्याय के अनुसार जिस समय सप्तर्षि मघा नक्षत्र पर ये उसी समय से कलियुग का प्रारम्भ हुआ, महाभारत और भागवत के इस खगोलिय गणना को आधार मान कर विश्वविख्यात डॉ. वेली ने यह निष्कर्ष दिया है कि कलयुग का प्रारम्भ 3102 बी.सी. की रात दो बजकर 20 मिनट 30 सेकण्ड पर हुआ था। डॉ. बेली महोदय, स्वयं आश्चर्य चकित है कि अत्यंत प्रागैतिहासिक काल में भी भारतीय ऋणियों ने इतनी सूक्ष्तम् और सटिक गणना कैसे कर ली।
चूंकि सूर्य क्रान्ति मण्डल के ठी केन्द्र में नहीं हैं, अत: कोणों के निकट धरती सूर्य की प्रदक्षिणा 28 दिन में कर लेती है और जब अधिक भाग वाले पक्ष में 32 दिन लगता है। प्रति तीन वर्ष में एक मास अधिक मास कहलाता है
भारतीय काल गणना इतनी वैज्ञानिक व्यवस्था है कि सदियों-सदियों तक एक पल का भी अन्तर नहीं पड़ता जब कि पश्चिमी काल गणना में वर्ष के 365.2422 दिन को 30 और 31 के हिसाब से 12 महीनों में विभक्त करते है। इस प्रकार प्रतयेक चार वर्ष में फरवरी महीनें को लीपइयर घोषित कर देते है फिर भी। नौ मिनट 11 सेकण्ड का समय बच जाता है तो प्रत्येक चार सौ वर्षो में भी एक दिन बढ़ाना पड़ता है तब भी पूर्णाकन नहीं हो पाता है। अभी 10 साल पहले ही पेरिस के अन्तरराष्ट्रीय परमाणु घड़ी को एक सेकण्ड स्लो कर दिया गया फिर भी 22 सेकण्ड का समय अधिक चल रहा है। यह पेरिस की वही प्रयोगशाला है जहां की सी जी एस सिस्टम से संसार भर के सारे मानक तय किये जाते हैं। रोमन कैलेण्डर में तो पहले 10 ही महीने होते थे।
ReplyDeleteसंस्कृत के होरा शब्द से ही, अंग्रेजी का आवर (Hour) शब्द बना है। इस प्रकार यह सिद्ध हो रहा है कि वर्ष प्रतिपदा ही नव वर्ष का प्रथम दिन है। एक जनवरी को नव वर्ष मनाने वाले दोहरी भूल के शिकार होते है क्योंकि भारत में जब 31 दिसम्बर की रात को 12 बजता है तो ब्रीटेन में सायं काल होता है, जो कि नव वर्ष की पहली सुबह हो ही नहीं सकता। और जब उनका एक जनवरी का सूर्योदय होता है, तो यहां के Happy New Year वालों का नशा उतर चुका रहता है। सन सनाती हुई ठण्डी हवायें कितना भी सूरा डालने पर शरीर को गरम नहीं कर पाती है। ऐसे में सवेरे सवेरे नहा धोकर भगवान सूर्य की पूजा करना तो अत्यन्त दुस्कर रहता है। वही पर भारतीय नव वर्ष में वातावरण अत्यन्त मनोहारी रहता है। केवल मनुष्य ही नहीं अपितु जड़ चेतना नर-नाग यक्ष रक्ष किन्नर-गन्धर्व,पशु-पक्षी लता, पादप, नदी नद, देवी देव व्यरष्टि से समष्टि तक सब प्रसन्न हो कर उस परम् शक्ति के स्वागत में सन्नध रहते है।
इसके प्रचलन में आने के 57 बर्ष के बाद सम्राट आगस्तीन के समय में पश्चिमी कैलेण्डर ( ईस्वी सन ) विकसित हुआ . लेकिन उस में कुछ भी नया खोजने के बजाये , भारतीय कैलेंडर को लेकर सीधा और आसान बनाने का प्रयास किया था . प्रथ्वी द्वरा 365 / 366 में होने बाली सूर्य की परिक्रमा को बर्ष और इस अबधि में चंद्रमा द्वारा प्रथ्वी के लगभग 12 चक्कर को आधार मान कर कैलेण्डर तैयार किया और क्रम संख्या के आधार पर उनके नाम रख दिए गए . पहला महीना मार्च (एकम्बर) से नया साल प्रारम्भ होना था
ReplyDelete1. - एकाम्बर ( 31 ) , 2. - दुयीआम्बर (30) , 3. - तिरियाम्बर (31) , 4. - चौथाम्बर (30) , 5.- पंचाम्बर (31) , 6.- षष्ठम्बर (30) , 7. - सेप्तम्बर (31) , 8.- ओक्टाम्बर (30) , 9.- नबम्बर (31) , 10.- दिसंबर ( 30 ) , 11.- ग्याराम्बर (31) , 12.- बारम्बर (30 / 29 ), निर्धारित किया गया . ( सेप्तम्बर में सप्त अर्थात सात , अक्तूबर में ओक्ट अर्थात आठ , नबम्बर में नव अर्थात नौ , दिसंबर में दस का उच्चारण महज इत्तेफाक नहीं है.
ReplyDeleteलेकिन फिर सम्राट आगस्तीन ने अपने जन्म माह का नाम अपने नाम पर आगस्त ( षष्ठम्बर को बदलकर) और भूतपूर्व महान सम्राट जुलियस के नाम पर - जुलाई (पंचाम्बर) रख दिया . इसी तरह कुछ अन्य महीनों के नाम भी बदल दिए गए . फिर बर्ष की शरुआत ईसा मसीह के जन्म के 6 दिन बाद (जन्म छठी) से प्रारम्भ माना गया . नाम भी बदल इस प्रकार कर दिए गए थे . जनवरी (31) , फरबरी (30 / 29 ), मार्च ( 31 ) , अप्रैल (30) , मई (31) , जून (30) , जुलाई (31) , अगस्त (30) , सेप्तम्बर (31) , अक्तूबर (30) , नबम्बर (31) , दिसंबर ( 30) , माना गया .
फिर अचानक सम्राट आगस्तीन को ये लगा कि - उसके नाम बाला महीना आगस्त छोटा (30 दिन) का हो गया है तो उसने जिद पकड़ ली कि - उसके नाम बाला महीना 31 दिन का होना चाहिए . राजहठ को देखते हुए खगोल शास्त्रीयों ने जुलाई के बाद अगस्त को भी 31 दिन का कर दिया और उसके बाद वाले सेप्तम्बर (30) , अक्तूबर (31) , नबम्बर (30) , दिसंबर ( 31) का कर दिया . एक दिन को एडजस्ट करने के लिए पहले से ही छोटे महीने फरवरी को और छोटा करके ( 28/29 ) कर दिया .
ReplyDeleteमेरा आप सभी हिन्दुस्थानियोंसे निवेदन है कि - नकली कैलेण्डर के अनुसार नए साल पर, फ़ालतू का हंगामा करने के बजाये , पूर्णरूप से वैज्ञानिक और भारतीय कलेंडर (विक्रम संवत) के अनुसार आने वाले नव बर्ष प्रतिपदा पर , समाज उपयोगी सेवाकार्य करते हुए नवबर्ष का स्वागत करें ......
एक आदमी जंगल से गुजर रहा था । उसे चार स्त्रियां मिली।
ReplyDeleteउसने पहली से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ?
उसने कहा "बुद्धि "
तुम कहां रहती हो?
मनुष्य के दिमाग में।
दूसरी स्त्री से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या हैं ?
" लज्जा "।
तुम कहां रहती हो ?
आंख में ।
तीसरी से पूछा - तुम्हारा क्या नाम हैं ?
"हिम्मत"
कहां रहती हो ?
दिल में ।
चौथी से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
"तंदुरूस्ती"
कहां रहती हो ?
पेट में।
वह आदमी अब थोडा आगे बढा तों फिर उसे चार पुरूष मिले।
उसने पहले पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
" क्रोध "
कहां रहतें हो ?
दिमाग में,
दिमाग में तो बुद्धि रहती हैं,
तुम कैसे रहते हो?
जब मैं वहां रहता हुं तो बुद्धि वहां से विदा हो जाती हैं।
दूसरे पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
उसने कहां -" लोभ"।
कहां रहते हो?
आंख में।
आंख में तो लज्जा रहती हैं तुम कैसे रहते हो।
जब मैं आता हूं तो लज्जा वहां से प्रस्थान कर जाती हैं ।
तीसरें से पूछा - तुम्हारा नाम क्या हैं ?
जबाब मिला "भय"।
कहां रहते हो?
दिल में तो हिम्मत रहती हैं तुम कैसे रहते हो?
जब मैं आता हूं तो हिम्मत वहां से नौ दो ग्यारह हो जाती हैं।
चौथे से पूछा तुम्हारा नाम क्या हैं?
उसने कहा - "रोग"।
कहां रहतें हो?
पेट में।
पेट में तो तंदरूस्ती रहती हैं,
जब मैं आता हूं तो तंदरूस्ती वहां से रवाना हो जाती हैं।
जीवन की हर विपरीत परिस्थिथि में यदि हम उपरोक्त वर्णित बातो को याद रखे तो कई चीजे टाली जा सकती हैं.
एक हाथ में फ्राइंग-पैन...
ReplyDelete.
दुसरे में मोबाइल...
.
एक कान कुकर की सीटी पर...
. दूसरा ""गौशिप"" पर...
.
एक आँख टी वी पर
.
दूसरी पति पर....
. . कौन कहता है
कि स्त्री का जीवन आसान है
hum ijhar karne me thode dheele ho gaye aur ,,,,,,,,,
ReplyDeleteunke hath peele ho gaye.
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteTet mrt nhi to bhrti nahi, urf blog editar ko happy new year aur ek jaruri bat kb tak apna jevan tet jaise choti chezo me barbad kroge, kuch bada socho, nye exam ki taiyari kro, ye sada sa purana nam cheng kro!!
ReplyDeletek g yadav becoof
ReplyDelete