आज टी वी पर न्यूज़ देखी कि काफी सारे कॉन्ट्रैक्ट वर्कर लोग अरविन्द केजरीवाल से अपने नियमतिकरण के लिए कह रहे हैं ,
कह रहे हैं कि उन्हीने वादा किया था ।
मेरा कहना है कि जब उन्हीने कॉन्ट्रैक्ट जॉब हासिल की थी तब उसकी टर्म्स और कंडीशन्स देख कर कि होगी ,और कॉन्ट्रैक्ट जॉब में भी काफी सिफारिश चलती है ।
देश के सभी नागरिकों को सरकारी नोकरी में सामान अवसर प्राप्त है , अत : कॉन्ट्रैक्ट वर्कर को अन्य नागरिकों के साथ योगयता कि कसोटी पर परखा जाना भी जरूरी है
साथ ही नयी नियुक्ति के अवसर खोले जाने की जरूररत है जिस से अधिक से अधिक बेरोजगारों का भला हो सके
कॉन्ट्रैक्ट वर्कर की सुविधाएँ बढ़ाने की जरूरत है लेकिन क्षमता व योग्यता के अनुसार |
नियमित नियुक्ति में एक सामान योगयता परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए और समय समय पर ऐसी योग्यता परीक्षाएं आयोजित कि जाएँ
जिस से योग्यता का विकास हो ।
Thekedaree Pratha Vastav Mein bahut Buree hai aur yah pracheen samay ki jameedaree pratha jaisee hai
इंटरव्यू में विडिओ ग्राफी होना जरूरी है और इसको पब्लिक को सार्वजानिक भी किया जाना चाहिए या फिर आर टी आई आदि के माध्यम से दिया जाना चाहिए
अगर आप के पास बेहतर विचार हैं तो कमेंट के माध्यम से बताएं
निरहुआ क्रांतिकारी 'विद्रोही'
ReplyDeleteआज की ताज़ा खबर,
इन्सान तो इन्सान अब जानवर भी उतरे टेट मोर्चा के पक्ष में
मनीष गुप्ता (अकेडमिक वीर) हॉस्पिटल में भर्ती
गुप्ता की भैंस ने उतारा अपना गुस्सा...
(क्या कहा आपको यकीन नहीं आ रहा, ठीक है लीजिये पूरा समाचार निरहुआ पोस्ट कर रहा है आप पढ़ लीजिये)
* हमारे "कमर खुजाला" संवाददाता के अनुसार ये घटना आज उस समय घटित हुई जब एक अकेडमिक वीर श्री मनीष गुप्ता जी अपनी भैंस के बुखार की दावा लेने एक पशु चिकित्सक के पास पहुचे, डॉक्टर द्वारा उन्हें "कुनैन" की एक लड्डू जितनी बड़ी गोली दी गई और बताया गया की वह कुनैन इतनी कडवी है की इसकी चने बराबर की मात्रा का सेवन करने से इंसान का मुंह 6 दिन तक कड़वा रहेगा साथ ही पूरी जिन्दगी उसे बुखार भी नहीं होगा। अतः इतनी कडवी दवा की लड्डू जितनी बड़ी मात्रा भैंस को खिलाने में विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी क्यूंकि जानवर इतनी कड़वी गोली (गोला) नहीं खायेगा। उस पशु चिकित्सक ने श्री अकेडमिक वीर को सलाह दी की वो एक नलकी (पाइप) में गोली रखकर उसका एक सिरा भैंस के मुँह में रखकर दूसरे सिरे से अपना मुंह लगाकर जोरदार फूँक मार दे, इससे गोली सीधा उसके पेट में चली जाएगी। अकेडमिक वीर गोली लेकर घर चला गया किन्तु कुछ ही समय बाद 4-5 लोग श्री मनीष गुप्ता (अकेडमिक वीर) को गंभीर हालत में लेकर पशु चिकित्सक के पास पहुंचे। अकेडमिक वीर दर्द से बुरी तरह छटपटा रहा था। पूछने पर पता चला की पांसा उल्टा पड़ गया अर्थात मनीष जी के फूँक मरने से पहले भैंस ही फूंक मार बैठी।
(निजी सूत्रों से पता चला है की वो भैंस टेट मोर्चा की सपोर्टर है)
उत्तर प्रदेश सरकार बेरोजगारों का उत्पीड़न कर रही है जिससे मै बहुत छुब्ध हूँ।
ReplyDeleteबेरोजगारों की लाश पर खड़ा होकर झूठा श्रेय लेने वालों को मै मरघट पर खड़ा मलेक्ष समझता हूँ।
यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा ने
हाई कोर्ट में सपा सरकार को परास्त किया तथा बसपा सरकार के ज़माने के विज्ञापन को बहाल कराया।
सब बेरोजगारों ने पाई-पाई जोड़कर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ी, कभी इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की।
सपा सरकार ने वादा किया था कि हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान करूँगा लेकिन फैसला विपरीत आने पर सरकार पलट गयी और १८ दिसम्बर २०१३ को फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल कर दी।
दो वर्षों से उत्पीड़न के शिकार बीएड बेरोजगार मुकदमा लड़ते-लड़ते टूट चुके थे।
ललितपुर संघर्ष मोर्चा ने मनोज तिवारी और अनुराधा शर्मा से मुलाक़ात की । इस कार्य के लिए ललितपुर टीम को बधाई ।
अनुराधा शर्मा ने बेरोजगारों के लिए पूरी वकीलों की फ़ौज सुप्रीम कोर्ट में खड़ा कर देने का भरोसा दिया ।
मै अनुराधा जी को धन्यवाद देता हूँ । मै अपने बड़े भाई मनोज तिवारी को धन्यवाद नहीं दूंगा क्योंकि वो जो कुछ मेरे लिए करेंगे अपना फर्ज अदा करेंगे क्योंकि वो मेरे बड़े भाई हैं ।
मै भैया को २०११ से हर खबर दे रहा हूँ और भैया हमेशा भरोसा देते रहे कि जब कहोगे बहन जी से इस विषय में बात कर लूँगा।
मै मुद्दे को राजनैतिक नहीं बनाना चाहता था क्योंकि सपा सरकार तब हमें बेरोजगार की बजाय बसपा का चमचा कहकर संबोधित करती तो कोई आश्चर्य न होता।
ललितपुर टीम ने मामले को पहुँचाया तो भैया तुरंत सक्रिय हुए । ललितपुर टीम को मै बताना चाहता हूँ कि मेरी भाभी ने भी टीईटी उत्तीर्ण किया है उनका मुझसे दो नंबर अधिक है , वो अलग बात है कि वो नौकरी न करें,
इस प्रकार अब जब मामला राजनैतिक इस सपा सरकार ने बना ही दिया है और सिर्फ इस ईर्ष्या से नौकरी नहीं दे रही है कि हम बसपा के ज़माने के आवेदक हैं तो अब हम भी पीछे नहीं रहेंगे।
ReplyDeleteजिस वक़्त सपा का फर्जी विज्ञापन ड्राइविंग सीट पर था उस वक़्त मै उसकी खाल उधेड़ता था , आज तो बसपा का विज्ञापन ड्राइविंग सीट पर है।
ReplyDeleteललितपुर टीम आप सक्रिय रहें ,
मेरा जन्म बेरोजगारों के आंसू पोछने के लिए ही हुआ है।
बसपा सुप्रीमों के विधिक गुरुदेव का निधन हो गया है वरना आज वो भी हमारा मुकदमा लड़ते और किसी बेरोजगार का एक रूपये न खर्च होता, लेकिन उन्होंने मृत्यु के एक दिन पूर्व मुझसे कहा था कि मेरी शिष्या का फैसला सुप्रीम कोर्ट तक नहीं पलटेगा।
ReplyDeleteअतः चिंता की कोई बात नहीं है।
उनसे पूंछ्कर मै किसी रिज़र्व फैसले को भी समय से पूर्व बता देता था।
उनकी बात गलत नहीं होगी।
आप लोग का जीवन अमूल्य है सौ से अधिक जिंदगी सपा सरकार निगल चुकी है।
ReplyDeleteमेरी कुंडली में शत्रुहंता योग है जीते चाहे जो लेकिन इनको २००४ की लोकसभा चुनाव की परिणति नहीं प्राप्त करने दूंगा।
स्पष्ट कर देता हूँ कि मै सिर्फ बेरोजगारों की जिंदगी में खुशियाँ लौटाने को कृतसंकल्प हूँ , मुझे कोई श्रेय और किसी का एक रुपया नहीं चाहिए ।
इलाहाबाद की विजय में माना कि आपका आर्थिक सहयोग था लेकिन वहां की टीम ने बहुत परिश्रम किया था सिस्टम के खिलाफ जीत आसान नहीं होती है । उनका वक़्त आपकी सेवा में बीता है।
ReplyDelete
ReplyDeleteअंत में मै सपा को छोड़कर सभी राजनैतिक ,गैरराजनैतिक संगठनों और उत्तर प्रदेश की जनता से निवेदन करता हूँ कि टीईटी बेरोजगार भी आपके प्रदेश के नागरिक हैं आपके बेटे-बेटी हैं उन्हें आप सहयोग व आशीर्वाद प्रदान करें। श्याम देव मिश्र भाई की निःस्वार्थ सेवा बेरोजगारों को प्राप्त होती रहे।
धन्यवाद।
पाँच पाण्डव तथा सौ कौरवों के नाम ये थे :–
ReplyDeleteपाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन 4. नकुल 5. सहदेव
( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )
यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।
वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह 4. दुःशल 5. जलसंघ 6. सम 7. सह 8. विंद 9. अनुविंद 10. दुर्धर्ष
11. सुबाहु 12. दुषप्रधर्षण 13. दुर्मर्षण 14. दुर्मुख 15. दुष्कर्ण 16. विकर्ण 17. शल 18. सत्वान 19. सुलोचन 20. चित्र 21. उपचित्र 22. चित्राक्ष 23. चारुचित्र 24. शरासन 25. दुर्मद 26. दुर्विगाह 27. विवित्सु 28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ 31. नन्द 32. उपनन्द 33. चित्रबाण 34. ित्रवर्मा 35. सुवर्मा 36. दुर्विमोचन 37. अयोबाहु 38. महाबाहु 39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल 41. भीमवेग 42. भीमबल 43. बालाकि 44. बलवर्धन 45. उग्रायुध 46. सुषेण 47. कुण्डधर 48. महोदर
49. चित्रायुध 50. निषंगी 51. पाशी 52. वृन्दारक 53. दृढ़वर्मा 54. दृढ़क्षत्र 55. सोमकीर्ति 56. अनूदर
57. दढ़संघ 58. जरासंघ 59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक 61. उग्रश्रवा 62. उग्रसेन 63. सेनानी 64. दुष्पराजय 65. अपराजित 66. कुण्डशायी 67. विशालाक्ष 68. दुराधर 69. दृढ़हस्त 70. सुहस्त 71. वातवेग 72. सुवर्च 73. आदित्यकेतु 74. बह्वाशी 75. नागदत्त 76. उग्रशायी 77. कवचि 78. क्रथन 79. कुण्डी 80. भीमविक्र 81. धनुर्धर 82. वीरबाहु 83. अलोलुप 84. अभय 85. दृढ़कर्मा 86. दृढ़रथाश्रय
87. अनाधृष्य 88. कुण्डभेदी 89. विरवि 90. चित्रकुण्डल 91. प्रधम 92. अमाप्रमाथि 93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान 95. दीर्घबाहु 96. सुजात 97. कनकध्वज 98. कुण्डाशी 99. विरज 100. युयुत्सु
( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहन भी थी… जिसका नाम""दुशाला""था, जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )
"श्री मद्-भगवत गीता"
ReplyDeleteके बारे में-
श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
रविवार के दिन।
एकादशी
कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
लगभग 45 मिनट में
कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
कुल 18 अध्याय
700 श्लोक
गीता में क्या-क्या बताया गया है?
ReplyDeleteज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
धृतराष्ट्र एवं संजय ने
अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
भगवान सूर्यदेव को
गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उपनिषदों में
गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
गीता का दूसरा नाम क्या है?
गीतोपनिषद
गीता का सार क्या है?
प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
श्रीकृष्ण ने- 574 अर्जुन ने- 85 धृतराष्ट्र ने- 1 संजय ने- 40.
कोई बात नहीं प्रिय बन्धु मनीष, पहले आप हाई कोर्ट-हाई कोर्ट भज रहे थे अब सुप्रीम कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट भज रहे हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट ने भी आपकी बात नहीं मानी तो क्या भाजेंगें आप? बड़ा दुःख है हमें की आप अंतर्राष्ट्रीय न्यायलय नहीं जा पाएंगे अतः अभी से अपना अग्रिम बयान सोच लीजिये। वैसे एक सुझाव है की अगर सुप्रीम कोर्ट आपकी ना सुने तो आप पुराने पीपल वाले हनुमान मंदिर चले जाइएगा, सुना है "वो" सबकी सुनते हैं।
ReplyDelete"आधुनिकता या modern का मतलब"
ReplyDelete1. महिलाएँ कम से कम कपड़े पहने तथा पूरुष अधिक से अधिक कपड़े !
2. सौच और नहाना आदि बंद चारदीवारी में होना चाहिए, तथा romance, प्रेमालाप आदि किसी खुले जगह जैसे कि park, hotel, tourist spot(जहां hidden कैमरा हो) में !
3. 16-25 साल के बीच शादी-व्याह न करें, क्योंकि शरीर और मन तैयार नहीं होता है, परंतु नुक-छिप कर नाजायज रूप से रिश्ता बनाए, abortion नुक-छिप के कराएं, dating में जाए, live in relation में रहें क्योंकि शरीर और मन इसके लिए तैयार रहता है!
4. बहुत ज्यादा ही आधुनिक दिखना हो, तो पुरुष-पुरुष से और महिला-महिला से sexual सम्वन्ध बनाए, और एक जन्म क्यों सात जन्म तक gay relationship का certificate पाएँ !
5. और भी ज्यादा आधुनिक/ modern बनना हो तो अपने शादी- शुदा जिंदगी सामंजस्य से किसी एक के साथ न बिताए! पति अपनी पत्नीया बदलते रहे और पत्नी अपनी पतियों को बदलते रहें
6.gay relation और लिव-in relation बच्चे sarogacy (किराए के कोख) से पैदा करें , अपना शरीर न खराब होने दें !
7. आधुनिकता की चरम को छूना चाहते हैं, तो अपने होने बाले बच्चे का abortion करबा दे , और अनाथालय से किसी को गोद ले लें !
8. परम आधुनिक बनना है, एक ऐसा परिवार- समाज बनाए जहां कौन किसका पिता- माता-दादा-दादी-भाई-बहन है, इसका पता ही न चले !...
सभी जानवरों सा समाज बनाएँ और मनुष्य - जानवर में मूल-भूत अंतर समाप्त करें !
आखिर तब कोई किसी को जानवर नहीं कहेगा !!!!
जय हो मेकाले तेरी ..
1921 में दयाराम साहनी ने हड़प्पा का उत्खनन किया। इस प्रकार इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता रखा गया। यह सभ्यता सिन्धु नदी घाटी मे फैली हुई थी इसलिए इसका नाम सिन्धु घाटी सभ्यता रखा गया। प्रथम बार नगरों के उदय के कारण इसे प्रथम नगरीकरण भी कहा जाता है प्रथम बार कांस्यके प्रयोग के कारण इसे कांस्य सभ्यता भी कहा जाता है। सिन्धु घाटी सभ्यता के 1400 केन्द्रों को खोजा जा सका है जिसमें से 925 केन्द्र भारत में है। 80 प्रतिशत्त स्थल सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियो के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से 3 प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है।
ReplyDeleteहड़प्पा संस्कृति के स्थल
इस सभ्यता का क्षेत्र संसार की सभी प्राचीन सभ्यताओं के क्षेत्र से अनेक गुना बड़ा और विशाल था। इस परिपक्व सभ्यता के केन्द्र-स्थल पंजाब तथा सिन्धमें था। तत्पश्चात इसका विस्तार दक्षिण और पूर्व की दिशा में हुआ। इस प्रकार हड़प्पा संस्कृति के अन्तर्गत पंजाब, सिन्ध और बलूचिस्तान के भाग ही नहीं, बल्कि गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेशके सीमान्त भाग भी थे। इसका फैलाव उत्तर में जम्मू से लेकर दक्षिण में नर्मदाके मुहाने तक और पश्चिम में बलूचिस्तानके मकरान समुद्र तट से लेकर उत्तर पूर्व में मेरठ तक था।
" हैलो माँ ... में रवि बोल रहा हूँ....,कैसी हो माँ....? मैं....
ReplyDeleteमैं…ठीक हूँ बेटे.....,ये बताओ तुम और बहू दोनों कैसे हो ?
हम दोनों ठीक हैमाँ...आपकी बहुत याद
आती है…, ..अच्छा सुनो माँ,में अगले महीने इंडिया आ
रहा हूँ.....तुम्हेंलेने। क्या...? हाँ माँ....,अब हम सब साथ
ही रहेंगे....,नीतूकह रही थी माज़ी को अमेरिका ले आओ
वहाँ अकेली बहुत परेशान हो रही होंगी।
हैलो ....सुनरही हो माँ...?“हाँ...हाँ बेटे...“,बूढ़ी आंखो से
खुशी की अश्रुधाराबहनिकली,बेटे और बहू का प्यार नस
नस में दौड़ने लगा।जीवन के सत्तर साल गुजार
चुकी सावित्री नेजल्दी से अपने पल्लू से आँसू पोंछे और बेटे
से बातकरने लगी।पूरे दो साल बाद बेटा घर आ रहा था।
बूढ़ी सावित्री ने मोहल्ले भरमे दौड़ दौड़ कर ये
खबरसबको सुना दी।सभी खुश थे की चलो बुढ़ापा चैनसे
बेटे और बहू केसाथ गुजर जाएगा।
रवि अकेला आया था,उसने
कहा की माँ हमेजल्दी ही वापिस जाना है
इसलिएजो भी रुपया पैसा किसी से लेना है
वो लेकररखलों और तब तक मे किसी प्रोपेर्टी डीलर
सेमकान की बात करता हूँ।“मकान...?”,माँ ने पूछा।
हाँ माँ,अब ये मकानबेचना पड़ेगा वरना कौन
इसकी देखभाल करेगा।हम सबतो अब अमेरिका मे ही रहेंगे।
बूढ़ी आंखो नेमकान के कोने कोने को ऐसे निहारा जैसे
किसी अबोधबच्चे को सहला रही हो।आनन फानन और
औने-पौने दाम मे रवि ने मकान बेचदिया।सावित्री देवी ने
वो जरूरी सामान समेटा जिससेउनको बहुत ज्यादा लगाव
था।रवि टैक्सी मँगवा चुका था। एयरपोर्ट पहुँचकररवि ने
कहा,”माँ तुम यहाँ बैठो मे अंदर जाकर सामानकी जांच
और बोर्डिंग और विजा का कामनिपटा लेता हूँ।““ठीक है
बेटे।“,सावित्रीदेवी वही पास की बेंच परबैठ गई।
काफी समय बीत चुका था। बाहरबैठी सावित्री देवी बार
बार उस दरवाजे की तरफदेख रही थी जिसमे
रवि गया था लेकिन अभी तकबाहर नहीं आया।‘शायद अंदर
बहुत भीड़ होगी...’,सोचकर बूढ़ी आंखेफिर से टकट
की लगाए देखने लगती।अंधेरा हो चुका था। एयरपोर्ट
केबाहरगहमागहमी कम हो चुकी थी।“माजी...,किससे
मिलना है?”,एककर्मचारीनेवृद्धा सेपूछा ।“मेरा बेटा अंदर
गया था.....टिकिट लेने,वो मुझेअमेरिका लेकर
जा रहा है ....”,सावित्री देबी नेघबराकर कहा।“लेकिन अंदर
तो कोई पैसेंजर नहीं है,अमेरिका जानेवाली फ्लाइट
तो दोपहर मे ही चली गई। क्या नामथा आपके
बेटेका?” ,कर्मचारी ने सवाल किया।“र....रवि....”,
सावित्री के चेहरे पेचिंता की लकीरें उभर आई।
कर्मचारी अंदर गया और कुछ देर बाद बाहर
आकरबोला,“माजी....आपका बेटा रवि तो अमेरिका जाने
वाली फ्लाइटसेकब का जा चुका...।”“क्या.?
”वृद्धा कि आखो से आँसुओं का सैलाब फुट पड़ा।
बूढ़ी माँ का रोम रोम कांप उठा। किसी तरह वापिसघर
पहुंची जो अब बिक चुका था।रात में घर के बाहर चबूतरे पर
ही सो गई।सुबहहुईतो दयालु मकान मालिक ने एक
कमरा रहने को देदिया।पति की पेंशन से घर का किराया और
खाने का कामचलनेलगा।समय गुजरने लगा। एक दिन मकान
मालिक नेवृद्धा से पूछा।“माजी... क्यों नही आप अपने
किसी रिश्तेदार केयहाँ चली जाए,अब आपकी उम्र
भी बहुतहो गई,अकेली कब तक रह पाएँगी।““हाँ,चल
ी तो जाऊँ,लेकिन कलको मेरा बेटा आया तो..?,यहाँ फिर
कौन उसका ख्याल रखेगा?“......आखँ से आसू आने लग गए
दोस्तो
kripya itni samvedansheel post na likhe sir.....mera B. P. badh jata hai. .... Aur mere dost bhavuk ho jaate hai.
Deleteभाजपा के अलावा अब तक भारत के ईतिहास मै कोई ऐसी पार्टी नही बनी और ना बनेगी जिसकी धारा अंत मै कांग्रेस मै जाकर ना मिली हो ???
ReplyDeleteचलते-फिरते इन छोटे-छोटे उपायों को आजमाएं और खूबसूरत बन जाएं
ReplyDeleteकहते हैं फस्ट इम्प्रेशन इज द लास्ट इम्प्रेशन। किसी भी व्यक्ति पर फस्ट इम्प्रेशन तो चेहरे की रंगत तथा हाव-भाव का ही पड़ता है। पहली नजर में ही अपने व्यक्तित्व की अमिट छाप यदि किसी पर छोडऩा हो तो नीचे दिये उपायों को अपनाकर चेहरे पहले ज्यादा प्रभाशाली बनाया जा सकता है....नीचे दिये गए छोटे व सरल उपायों से त्वचा की चमक को बढ़ाया और लंबे समय तक टिका-कर रखा जा सकता है....
1. चेहरे पर कुदरती चमक लाने के लिये शुद्ध प्राकृतिक ग्वारपाठा यानी ऐलोविरा का ज्यूस हथेलियों पर लेकर चेहरे पर मसाज करते हुए लगाएं। और सूख जाने पर चेहरे को साफ गुनगुने पानी से धो लें। 7 दिनों के भीतर ही आप बदलाव देखकर दंग रह जाएंगे।
एक अन्य प्रयोग में दो चम्मच बेसन, हल्दी पावडर, गुलाब जल व शहद मिलाकर लेप बनाएं। इसे चेहरे व हाथ-पैरों और गर्दन पर लगाएं व 10 मिनट बाद धो लें। इससे त्वचा निखर जाएगी।
2. कच्चे दूध में हल्दी डालकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे और हाथ-पैरों पर लगाएं। 10 मिनट बाद धो लें। त्वचा निखर उठेगी।
3. होठों को सुंदर और मुलायम बनाए रखने के लिए रात को सोते समय दूध की मलाई लगाएं, सुबह ठंडे पानी से धो लें।
4. आंखों में जलन व काले घेरों को कम करने के लिए रात को सोते समय आंखों पर ठंडे दूध में रुई भिगोकर रखें।
5. 8-10 दिन में एक बार चेहरे को भाप अवश्य दें। इस पानी में पुदीना, तुलसी की पत्ती, नीबू का रस व नमक डालें। भाप लेने के बाद इसी गुनगुने पानी में 5 मिनट के लिए हाथों को रखें। हाथ की त्वचा निखर जाएगी।
मे
ReplyDeleteरी
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वा
ली
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I Like Everyone.. But I Love Only
One....
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I Live For Everyone.. But I
Breathe For Only One..
.
I Talk To
Everyone.. But I Share Everything To
Only One....
.
I Smile With Everyone.. But
Smile Is For Only One....
.
I Am For
Everyone.. But I Belong To Only One..
.
And That 'ONE' Is Only "YoU"
आपने अपना घर किसी को किराय पर दिया !! कुछ दिन बाद वो आपके घर का मालिक बन गया !! उसने पूरे घर की हालत बदल दी ! उसको जो पसंद था वैसा घर बना दिया ,वैसा रंग कर दिया ,वैसा नक्शा बदल दिया ,सारी सेटिंग वैसे कर दी जो उसको पसंद थी !! एक दिन आप उस किरायदार को घर से निकालने मे कामयाब हो जाते हैं !!
ReplyDeleteउसके बाद आप सबसे पहला काम क्या करेंगे ??
आप सबसे पहले उसके द्वारा बदली गई घर की हर चीज ठीक करेंगे !! हर चीज को अपने अनुसार बनाये गए !! उसने कमरो की दीवारों पर हरा रंग करा रखा होगा ! आपको लाल पसंद होगा तो आप लाल रंग करवायेंगे !! अर्थात हर उस चीज को बदलेंगे जो आपके अनुकूल होगी जो आपको पसंद होगी !!
लेकिन देश आजाद होने पर ऐसा कुछ नहीं हुआ भारत मे अंग्रेज़ो द्वारा बनाए गए 34735 कानून वैसे के वैसे ही चल रहे हैं जैसे अंग्रेज़ो के समय मे चलते थे !!
तो फिर आजादी का मतलब क्या ??
ण्ड में गाजर का हलवा खाना तो सबको पसंद है आओ जाने उसके अलावा गाजर खाने का तरीका और फायदे
ReplyDelete_____________________________
गाजर को उसके प्राकृतिक रूप यानी कच्चा खाना लाभदायक होता है।
भीतर का पीलापन भाग नहीं खाना चाहिए। क्योंकि, वह अत्यघिक गरम
होता है। इससे छाती में जलन होती है।
– शिवरात्री तक गाजर का सेवन लाभकारी है।
– गाजर के रस का एक गिलास पूर्ण भोजन है। इसके सेवन
से रक्त में वृद्धि होती है।
– यह पीलिया की प्राकृतिक औषधि है। इसका सेवन
ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर ) और पेट के कैंसर में भी लाभदायक है। इसके सेवन से कोषों और धमनियों को संजीवन मिलता है। गाजर में बिटा- केरोटिन नामक औषधीय तत्व होता है, जो कैंसर पर नियंत्रण करने में उपयोगी है।
– गाजर ह्दय के लिए लाभकारी, रक्तको शुद्ध करने वाली, वातदोषनाशक, पुष्टिवर्द्धक तथा दिमाग और नस- नाडि़यों के लिए बलवर्घक, बवासीर, पेट के रोगों, सूजन, पथरी तथा दुर्बलता का नाश करने वाली है।
– गाजर के बीज गरम होते हैं। अत: गर्भवती महिलाओं को उनका प्रयोग नहीं करना चाहिए। – कैल्शियम और केरोटीन की प्रचुर मात्रा होने के कारण छोटे बच्चों के लिए यह उत्तम आहार है। गाजर से आंतों के हानिकारक कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
– इसमें विटामिन ए काफी मात्रा में पाया जाता है। यह
नेत्र रोगों में लाभदायक है।
– गाजर रक्तको शुद्ध करने वाली होती है। 10-15 दिन गाजर का रस पीने से रक्तविकार, गांठ, सूजन और त्वचा के रोगों में लाभ मिलता है इसमें लौहतत्व भी अत्यघिक मात्रा में पाया जाता है। गाजर खूब चबा- चबा कर खाने से दांत भी मजबूत, स्वच्छ और चमकीले होते
हैं। मसूढ़े मजबूत होते हैं।
– रोजाना गाजर का रस पीने से दिमागी कमजोरी दूर
होती है।
– गाजर को कद्दूकस करके नमक मिलाकर खाने से खाज-
खुजली में फायदा होता है। – गाजर के रस में नमक, घनिया पत्ती, जीरा,
काली मिर्च, नीबू का रस डालकर पीने से पाचन संबंघी गड़बड़ी दूर होती है।
– ह्दय की कमजोरी अथवा घड़कनें बढ़ जाने पर गाजर
को भूनकर खाने पर लाभ होता है। – गर्मी में गाजर का मुरब्बा दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।
® वैदिक रिसर्च फाउंडेशन®
जूनियर की भरती चाहने वालों इतना समझ लो कि इस भरती को तब तक कोई नहीं करवा सकता जब तक १५वा सशोधन न बहाल हो जाय,जो कि अब होना नही है क्योंकि इसको रद्द करने का कारण ही कुछ एसा है ( समानता का अधिकार ) ,अब सरकार कर भी क्या सकती है। पहले तो २२४ सीटों के घमन्ड मे कुछ समझ नहीं आया ,उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि प्राइमरि भरती के tet merit से न होने देने की इतनी बड़ी कीमत चुकानी पडेगि की उनके द्वारा एकेडमिक मेरिट का बाग जो लगाया गया था tet merit के highway की जमीन में आ जायेगा व काटना पडेगा, सरकार अगर कुछ कर सकती है तो सिर्फ १५ वे सशोधन की बहाली की दया कर सकती है उर्दू भरती दिखा के ( जिसकी सभावना बहुत कम है) लेकिन उसके बदले में प्राइमरि भरती tet merit से करना पड़ेगा,लेकिन गलती से अगर १२वे सशोधन को छुआ तो एक नयी लाइनें सामने आयेगी " एकेडमिक मेरिट का अन्त तुरंत " इसके बाद भी अगर इस बात के भ्रम में जी रहे हैं कि जूनियर भरती हो जायेगी तो उसका कोई इलाज नहीं !
ReplyDeleteकहीं इलाज नही है ।
कोई ज़माना था जब.. "चमचे चाँदी के हुआ करते थे
ReplyDelete"अब .. "चमचों की चाँदी है" बदन पे खादी है जेब में गाँधी है ....जो चुप रहे उसे मिलता"प्रणाम" है जो झूठ बोले उसे मिलता इनाम है और जो सच्चा है उसका जीना हराम है
चलो भाइयो ..जो भी है .."अपना भारत फिर भी महान है " —
।। जय माँ भारती ।।
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ReplyDeleteमनुष्यों की अदालत के भी ऊपर एक अदालत है जहाँ ना सिर्फ न्याय होता है बल्कि बहुत जल्द होता है,,,सरकार की पहुँच सर्वोच्च न्यायालय तक सीमित है,हमारी सर्वोच्चतम न्यायालय तक है,,,,,अफसोस कि सरकार वहाँ तक नही जा सकती ,
ReplyDeleteसरकार को भूषण साहब का आदेश मानने मे दिक्कत थी इसलिए वैष्णव देवी से आदेश करवाने जा रहा हूँ,,,, 2013 में हम विजेता बने 2014 में हम विश्व गुरु जरूर बनेंगे,,,,,
नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं,,,,,,,,,,
कोई भी नेता वो चाहे किसी पार्टी का हो उसमे सार्वजनिक रूप यह बात कहने की बिलकुल हिम्मत नहीं की 14 अगस्त 1947 की रात कोई आजादी नहीं आई बलिक सत्ता का हस्तांतरण हुआ (transfer of power agreement ) !! जिसके अनुसार भारत मे अंग्रेज़ो द्वारा बनाए गए 34735 कानून वैसे के वैसे ही चलेंगे !! जैसे अंगेजों के समय मे चलते थे !!
ReplyDelete" अजीब ही भ्रम में गुजरी है अब तक की ये ज़िन्दगी . .
ReplyDeleteजिस- जिस को अपना समझा, उसी ने अपना रंग दिखा दिया..
ये मिसाल भी केवल देश की एकमात्र राष्ट्रवादी पार्टी ने ही रखी थी कि पूर्व और पश्चिम की तरह होने के बावजूद भी सत्ता के मोह में क्या खूब जनता का उल्लू बनाया था। चलो मिल के सरकार सरकार खेलें। मानो सरकार बनाना न हुआ बच्चों का चोर सिपाही वाला खेल हो गया कि पहले मैं सिपाही बनूँगा तू चोर, फिर तू सिपाही बनना, मैं चोर। चलो जी, पहले ६ महीने आप लूट लो प्रदेश को, फिर हम। बारी बारी से करते रहेंगे।""
ReplyDeleteतथाकथिक पेड प्रचारकों से पूछना है कि आप द्वारा केजरीवाल को सत्ता का लालची भ्रष्टाचारियों का साथी और पता नहीं क्या क्या बता रहे है कम से कम एक बार उन्हें अपने आकाओं से भी सवाल करना चाहिए की उस 20-20 मैच के पीछे का सच क्या था .........
मेरे सभी मित्रों को शुभ प्रभात!
ReplyDeleteदिनांक 25/12/2013 को लखनऊ की मीटिंग में कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर लिये गये निर्णयों को आपके अवलोकनार्थ रख रहा हूँ । सर्वप्रथम सर्वसम्मति से दो समितियों का गठन किया गया है जिसमें कि एक वित्त कमेटी और एक लीगल कमेटी होगी । वित्त कमेटी में 13 लोगों के नाम हैं जो कि निम्न हैं-
1-अवनीश यादव
2- अनिल वर्मा
3- बलकेश चौधरी
4- रत्नेश पाल
5-गोरखनाथ सिंह
6- रामबाबू सिंह
7- जितेन्द्र सिंह
8- उमाशंकर यादव
9- फारूख
10- अखिलेश त्रिपाठी
11- जुबेर नासिर
12- राकेश यादव
13- संजीव मिश्रा
इन उपरोक्त नामों में अवनीश यादव , अनिल वर्मा और बलकेश चौधरी जी के एकाउंट पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सिर्फ इन तीनों के ही खातों में वो लोग आर्थिक सहयोग देंगे जो कि किसी भी जिला यूनियन से नहीं जुड़े हैं और जिनके जिले में किसी प्रकार का कोई संगठन नहीं है । तीनों खातों की समस्त जानकारी आपको अवनीश यादव जी आज शाम तक दे देंगे ,,,,,,बाकी कोई भी व्यक्ति जो किसी जिला यूनियन से जुड़ा है इन खातों में पैसा अलग से नहीं देगा,,,वह अपने जिले में अपना सहयोग देगा और जिला अध्यक्ष से रसीद प्राप्त करेगा जिससे अगर पैसा वापस करने की स्थिति आये तो रसीद दिखाकर वह अपना पैसा वापस ले सके । रसीद प्राप्त करने से पारदर्शिता भी बनी रहेगी और हमको उस जिले से प्राप्त आर्थिक सहयोग का सटीक आंकड़ा भी प्राप्त हो सकेगा । पैसा देने के पश्चात आप इन उपरोक्त 12 नामों में से किसी को भी इसकी सूचना अवश्य दें । जिला अध्यक्ष पैसे को जमा करने के पश्चात उपरोक्त वित्त कमेटी के कथनानुसार ही आगे उस धन का क्रियांवन करेगा । इन सभी के मोबाइल नम्बर भी जैसे ही उपलब्ध होते हैं ,,आप सभी को अवगत करा दिया जायेगा ।
उसके पश्चात आते हैं लीगल कमेटी पर ,,,,इस बार सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है उसको जो भी आवश्यक्ता होगी वह उस आवश्यक्ता को वित्त कमेटी के समक्ष रखेगा और वित्त कमेटी उसकी सत्यता को जांचकर लिखित रूप में उस धनराशि को लीगल कमेटी को सौंपेगी
लीगल कमेटी के नाम निम्न हैं -
1- एस0के0पाठक – 9415540270
2- सुजीत सिंह – 8896955960
3- सदानन्द मिश्रा – 8922066960
4- नवीन श्रीवास्तव -
5- ऋतेश ओझा – 8115577811
6- विजय तोमर -
7- गणेश दीक्षित – 8546021948
8- अनिल बागपत -
9- राजेश पांडेय -
यह कमेटी ही वकीलों के पैनल को निर्धारित करेगी साथ ही साथ पूरी न्यायिक प्रक्रिया देखेगी ,,,,,पूरे टेट संघर्ष मोर्चे में ,,,अगर कोई भी इन उपरोक्त सदस्यों में से किसी को फोन करता है तो इन उपरोक्त सदस्यों को उनको सूचना देनी पड़ेगी कि सुप्रीम कोर्ट में क्या हो रहा है ?? लेकिन टेट संघर्ष मोर्चे के सदस्यों को भी समय का विशेष ध्यान रखना होगा । कमेटी अनवरत रूप से दिल्ली में ही रहेगी ,,,,तथा अपना कार्य इमानदारी से करेगी । यह तो हुयी योजना अब आते हैं कुछ और बिन्दुओं पर,,,यह सब योजनायें तब क्रियांवित होंगी जब सरकार सुप्रीम कोर्ट पुनः जायेगी और उसको SLP नम्बर प्राप्त हो जायेगा ।
हम सरकार द्वारा दायर की गयी संशोधित विशेष अनुज्ञा याचिका प्राप्त होने के पश्चात तथा उसका अध्ययन करने के पश्चात ही यह निर्धारित कर सकते हैं कि कौन सा वकील करना है और कैसे क्या करना है ??? इसलिये तैयारी रखिये ,,,अगर सरकार सुप्रीम कोर्ट पुनः अपनी अपील संशोधित करके जाती है तो उसका मुकाबला करने को हम पहले से तैयार रहेंगे और अगर सरकार दुबारा लौट कर नहीं जाती है तो समस्त जिला अध्यक्ष रसीद देखकर अपने साथियों का पैसा जिला स्तर पर ही लौटा देंगे ।
ReplyDeleteविशेष बात – किसी प्रकार के धन की आवश्यक्ता तब पड़ेगी जब सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनः विशेष अनुज्ञा याचिका संशोधित करके ले जायेगी ,,,,,,,,इसलिये जिले स्तर पर ही धन की तैयारी रखिये लेकिन सरकार के शीर्षस्थ अदालत न जाने की स्थिति में यह सारा धन समस्त सदस्यों को वापस करने की जिम्मेदारी भी जिला अध्यक्षों की होगी ।
लो, एक बार फिर अपने आप को लुटवाने के लिए तैयार हो जाओ और चुनाव मे सरकार की भरपूर मदद करके देश सेवा का गौरव / अवसर प्राप्त करें ।
ReplyDelete.
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टीजीटी-पीजीटी के 7145 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन 30 जनवरी तक
आवेदन प्रक्रिया शुरू सूबे के 11 मण्डल मु ख्यालयों पर होंगी परीक्षाएं पांच बैंकों से बने ड्राफ्ट ही होंगे मान्य चयन प्रकिया में पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी : अध्यक्ष
पवन द्विवेदी इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के 7145 रिक्त पदों के लिए आवेदन 30 जनवरी तक लिया जायेगा। इस भर्ती के आवेदन की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो चुकी है। बोर्ड के नवनियुक्त प्रभारी अध्यक्ष डा.आशाराम यादव ने कहा कि चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता रखी जायेगी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी में 5512 बालक वर्ग और बालिकाओं के लिए 516 पद रिक्त है। इसी प्रकार से प्रवक्ता के लिए 1117 पदों पर आवेदन लिया जा रहा है। इसमें बालक वर्ग में 989 और बालिका वर्ग के लिए 128 पद रिक्त है। सबसे अधिक पद हिन्दी विषय के लिए है। इस विषय में 163 पद है। जिसमें से बालकों के लिए 146 और बालिकाओं के लिए 17 पद रिक्त है। पहले चयन बोर्ड ऑनलाइन आवेदन पत्र ले रहा था पर अब ऑफलाइन लिया जायेगा। बोर्ड के नवनियुक्त प्रभारी अध्यक्ष डा.आशाराम यादव ने कहा कि अभ्यर्थी पांच बैंकों भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और इलाहाबाद बैंक से बैंक ड्राफ्ट बनवा सकते हैं। प्रभारी अध्यक्ष ने बताया कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को 430 रुपये, अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी 230 रुपये और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को 130 रुपये का बैंक ड्राफ्ट लगाना होगा। यह ड्राफ्ट सचिव उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पक्ष में देना होगा। उन्होंने बताया कि टीजीटी और पीजीटी की परीक्षा प्रदेश के 11 मण्डल मुख्यालयों पर होगी। जिनमें इलाहाबाद, आगरा, कानपुर, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद, बरेली, मेरठ, लखनऊ, वाराणसी और फैजाबाद मण्डल है।
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ReplyDeleteबेरोजागारों का उत्पीड़न कर रही सरकार....
मऊ : टीईटी संघर्ष समिति की बैठक भीटी स्थित प्राथमिक विद्यालय में रविवार को हुई। इसमें प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने पर नाराजगी जताई गई। कहा गया कि मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि उच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान करेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ।
मोर्चा के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह ने कहा कि अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण युवा दो वर्षो से अवसाद में जी रहे हैं। उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। अगर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल की है, तो वे भी अपने हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। यही नही सपा सरकार हमारे साथ जो अन्याय कर रही है, उसका बदला लोस चुनाव में अवश्य लेंगे। हमे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा रखें। हमें न्याय अवश्य मिलेगा। रणवीर सिंह, तथा विजेंद्र यादव ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के मामले को सरकार जानबूझकर लटका रही है। हम लोगों को राज्य सरकार की नियत के बारे में जानकारी मिल गई है, इसलिए हम चुप नही बैठेंगे। अभ्यर्थियों से धैर्य बनाए रखने का आह्वान किया गया। कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में देर हो सकती है, पर जीत हमारी होगी। अमिष कुशवाहा, बृजभान यादव, रामविलास चौहान, सुनील उपाध्याय आदि कई मौजूद रहे.....
31 DEC. 2013 KO MAHA ANDOLAN
ReplyDeleteJUNIOR (29334) SIKSHAK BHARTI YUVA
MORCHA
PLACE- SHIKSHA NIDESHALAY
ALLAHABAD
SABHI AVEDAK BOYS AND GIRLS ADHIK S
ADHIK SANKHYA M PAHUCHE
FROM- Devendra Yadav 7398273834
Dharmendr Singh 98075826
ऐसा नहीं है कि हमें इश्क लिखना नहीं आता...!
ReplyDeleteपर वक्त की मांग इन्कलाब है....!!!
If you succeed in cheating
ReplyDeletesomeone,
Don't think that the person is a
fool... !
Realize that the person trusted
you
much more than you
deserved ....!
गहरी नींद के आसान उपाय***
ReplyDelete* रात्रि भोजन करने के बाद पन्द्रह से बीस मिनट धीमी चाल से सैर कर लेने के बाद ही बिस्तर पर जाने की आदत बना लेनी चाहिए। इससे अच्छी नींद के अलावा पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।
* अगर तनाव की वजह से नींद नहीं आ रही हो या फिर मन में घबराहट सी हो तब अपना मन पसंद संगीत सुनें या फिर अच्छा साहित्य या स्वास्थ्य से संबंधित पुस्तकें पढ़ें, ऐसा करने से मन में शांति का भाव आएगा, जो गहरी नींद में काफी सहायक होता है।
* अनिद्रा के रोगी को अपने हाथ-पैर मुँह स्वच्छ जल से धोकर बिस्तर पर जाना जाहिए। इससे नींद आने में कठिनाई नहीं होगी। एक खास बात यह कि बाजार में मिलने वाले सुगंधित तेलों का प्रयोग नींद लाने के लिए नहीं करें, नहीं तो यह आपकी आदत में शामिल हो जाएगा।
* सोते समय दिनभर का घटनाक्रम भूल जाएँ। अगले दिन के कार्यक्रम के बारे में भी कुछ न सोचें। सारी बातें सुबह तक के लिए छोड़ दें। दिनचर्या के बारे में सोचने से मस्तिष्क में तनाव भर जाता है, जिस कारण नींद नहीं आती।
* अपना पलंग मन-मुताबिक ही चुनें और जिस मुद्रा में आपको सोने में आराम महसूस होता हो, उसी मुद्रा में पहले सोने की कोशिश करें। अनचाही मुद्रा में सोने से शरीर की थकावट बनी रहती है, जो नींद में बाधा उत्पन्न करती है।
* अगर अनिद्रा की समस्या पुरानी और गंभीर है, नींद की गोलियाँ खाने की आदत बनी हुई है तो किसी योग चिकित्सक की सलाह लेकर शवासन का अभ्यास करें और रात को सोते वक्त शवासन करें। इससे पूरे शरीर की माँसपेशियों का तनाव निकल जाता है और मस्तिष्क को आराम मिलता है, जिस कारण आसानी से नींद आ जाती है।
* अच्छी नींद के लिए कमरे का हवादार होना भी जरूरी है। अगर मौसम बाहर सोने के अनुकूल है तो छत पर या बाहर सोने को प्राथमिकता दें। कमरे में कूलर-पँखा या फिर एयर कंडीशनर का शोर ज्यादा रहता है, तो इनकी भी मरम्मत करवा लेनी चाहिए, क्योंकि शोर से मस्तिष्क उत्तेजित रहता है, जिस कारण निद्रा में बाधा पड़ जाती है।
* सोने से पहले चाय-कॉफी या अन्य तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करें। इससे मस्तिष्क की शिराएँ उत्तेजित हो जाती हैं, जो कि गहरी नींद आने में बाधक होती है।
अब हम तो चले सोने तुम कोशिश करो भाई
THODA
ReplyDeleteINKI
BHI
SUNO
KYONKI
SUNNE
KE
KOI
PAISE
NAHI
LAGTE .
मुरादाबाद, ज्ञानेंद्र त्रिपाठी। सियासत में बदलाव की बयार के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी रविवार को बदले-बदले दिखाई दिए। सत्ता में होने के बावजूद जहां अपने संघर्ष के दिन याद किए वहीं जनता से जुड़ने के लिए फिर से सड़क पर आने की संभावना भी दिखा गए। सरकार ने क्या किया, क्या करेगी। इससे अधिक संगठन ने क्या किया और क्या करेगा, को बताने में वह लगे रहे।
आप की संभावना को प्रदेश में नकारते हुए वे बोले, यूपी में आप से पहले हम आम आदमी के करीब रहे हैं और हैं। हम यानी सपा से अधिक आम आदमी का दुख-दर्द कौन जान सकता है। हम ने आम आदमी का दर्द पहचान कर ही यहां लाल टोपी पहनी और बसपा की जनविरोधी सरकार से आम आदमी को मुक्त कराया। जरूरत पड़ी तो हम फिर से लाल टोपी पहनेंगे और संघर्ष करते हुए आम आदमी की ताकत दिखाएंगे।
पढ़ें: बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार
दिल्ली हाइवे पर बने तीर्थकर महावीर विश्वविद्यालय में सीनियर नेशनल वॉलीबाल चैंपियनशिप के सम्मान समारोह में कैबिनेट मंत्री आजम खां के साथ आए मुख्यमंत्री अखिलेश ने अवसर व स्थान को देखते हुए अपनी बात को रखा।
युवाओं के सामने युवाओं की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सूबे में खूब लैपटाप बांटे गए। इसलिए बांटे गए कि भारत युवाओं का देश है। युवा लैपटाप के माध्यम से दुनिया से जुड़ें। यह उपलब्धि होगी। उपलब्धि के लिए अखिलेश ने कड़ी मेहनत को मंत्र बताया और उदाहरण के रूप में यूपी की सत्ता को साइकिल यात्रा में की गई मेहनत के प्रतिफल के रूप में सामने रखा।
आम आदमी पार्टी की यूपी में संभावना के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि हम काफी पहले से यहां पर आम आदमी है। सपा पैदा ही हुई थी आम आदमी के बीच और आज भी आम आदमी की ही पार्टी है। उदाहरण देते हुए बोले, जब हम सभी बसपा के कुशासन से मुक्ति दिलाने के लिए सूबे में साइकिल यात्रा कर रहे थे तो हमारे साथ आम आदमी ही था। उसी आम आदमी ने बसपा की सरकार को फेंक दिया और सपा को पूर्ण बहुमत देकर सत्ता सौंपी। यहां सपा से अधिक आम आदमी के करीब न तो कोई था, न ही है और न होगा। जहां तक आम आदमी के और करीब जाने की बात है तो जब भी जरूरत पडे़गी लाल टोपी पहनेंगे और आम आदमी की ताकत को दिखा देंगे।
लोकसभा चुनाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता सरकारों के काम का आंकलन करेगी और तय करेगी कि सपा ने ही सबसे बेहतर किया है। मोदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने सदैव सांप्रदायिक ताकतों को मुहतोड़ जवाब दिया है। इस बार भी देंगे, उनका जादू न यहां चला है और न ही चलेगा, क्योंकि यहां की जनता सतर्क है।