देश के अलग-अलग सूबों के मुख्यमंत्रियों में इन दिनों ऊंची से ऊंची मूर्ति बनवाने और भव्य मंदिरों के निर्माण की घोषणा करने की होड़ मच गई है. नरेंद्र मोदी जहां सरदार वल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति बनाने की घोषणा कर चुके हैं और उसके बाद बिहार में नीतीश कुमार ने भव्य राम मंदिर के निर्माण का शिगूफा छोड़ा तो अब उत्तर प्रदेश के समाजवादी युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भगवान बुद्ध की सबसे ऊंची प्रतिमा बनवाने जा रहे हैं.
एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक अखिलेश यादव 13 दिसंबर को कुशीनगर में भगवान बुद्ध की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने के लिए संचालित मैत्रेय योजना का शिलान्यास करेंगे. इस परियोजना पर 400 करोड़ रुपये खर्च करने का मन समाजवादी सरकार ने बनाया है.
दावा किया जा रहा है कि मूर्ति ऐसी बनेगी जो 1,000 साल तक आराम से खड़ी रहे. जाहिर है जब इतनी बड़ी मूर्ति बनेगी तो लोग नजारा लेने तो आएंगी ही, इसलिए पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे गरीब इलाके के कुशीनगर शहर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव भी अखिलेश यादव सरकार पास कर चुकी है
News Source / Sabhaar : aajtak.intoday.in (11.12.13)/11 दिसम्बर 2013
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In India , A big population of SC category people follow principles of Lord Buddha and adopted Buddhism religion in the line of Dr. B. R. Ambedkar.
Mayawati also named many places on the name of Gautam Buddh, e.g. Noida was named as Gautam Buddha Nagar, Hathras changed as Mahamaya Nagar (mother of Gautam Buddh)
ReplyDelete'बर्खास्त 18 हजार सिपाहियों को वेतन-भत्ता दे अखिलेश सरकार'
हाईकोर्ट ने बसपा शासनकाल में बर्खास्त किए गए 18 हजार पुलिस सिपाहियों को बर्खास्तगी काल की अवधि का वेतन और भत्ते का भुगतान करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने सरकार को आठ सप्ताह की मोहलत देते हुए कहा है कि यदि इस अवधि में भुगतान नहीं किया जाता है तो डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह 14 फरवरी 2014 को स्पष्टीकरण के साथ न्यायालय उपस्थित होकर बताएं कि भुगतान क्यों नहीं किया जा सका। बहाल किए गए बर्खास्त सिपाहियों की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने दिया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2005-2006 में सपा सरकार के शासनकाल में हुई सिपाहियों की भर्ती को मायावती सरकार ने अनियमितता के आधार पर रद्द कर दिया था।
चयनित 18 हजार सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया। इन सिपाहियों ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट के आदेश से इन सभी को बहाल कर दिया गया।
कोर्ट ने बर्खास्तगी अवधि के वेतन और भत्तों का भुगतान करने का आदेश दिया था मगर इस आदेश का पालन नहीं किया। इसके खिलाफ कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
ReplyDeleteBharat me ek se badh ke ek chutiya hai jisme sabse upar Ram g. chaudhary hai.vo kabhi sikxamitron ko bagair tet k tcher bana deta hai to kabhi kahta hai jisne paisa le liya vo bahar ho gaya.is chutiye ko ye bhi pata nahi ki court ka order kya hai.pahle bharti shuru hone do is statement pe tention mat lo.
jai tet
ReplyDeleteलड़की लड़के से आखिरी बार मिलने आई है..
वो लड़के से कहती है-तुम मुझे भूल जाओ..मैं अब किसी और
की होने
जा रही हूँ..कल मेरी शादी है..
लड़का चुपचाप उसे देखता रहता है..
लड़की फिर कहती है-कुछ बोलोगे नहीं..
लड़का मुस्कुराता है..और कहता है-गौर से पढ़िए..
"कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,कह देना पागल लड़का था,,
इस झूठी दुनिया में मुझसे,जो सच्ची मोहब्बत करता था,,
मेरे रूठने पे वो रो देता,मेरी डांट पे भी खुश हो लेता,,
जब सारे साथ छुड़ा लेते,चुपके से साथ वो हो लेता,,
"हिम्मतवाला था यूँ तो पर,मुझको खोने से डरता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,कह देना पागल लड़का था,,
मुझसे मिलने की खातिर वो,बारिश में भीगकर आता था,,
"जिस रोज मैं खाना न खाऊं,उस दिन उपवास मनाता था,,
कोई और नहीं था उसका बस,मुझसे ही जीता- मरता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,कह देना पागल लड़का था,,
"गलती मेरी भी होने पर,माफ़ी की गुजारिश करता था,,
हर हाल में मैं हंसती जाऊं,इस कोशिश में बस रहता था,,
मैं कैसे उसकी हो जाऊं,हर पल ये सोचा करता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,कह देना पागल लड़का था,,
"मेरे लाख मना करने पर भी,मेरा नाम जोर से लेता था,,
मेरी एक हंसी की खातिर वो,कुछ गाने भी गा देता था,,
मेरा हाथ पकड़ दुनिया से वो,लड़ने की बातें करता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,कह देना पागल लड़का था,,
"मुझसे मिलने से पहले वो,दुनिया में बहुत अकेला था,,
जब पहली बार उसे देखा,चेहरे पे दर्द का मेला था,,
मेरे साथ में थी वो बात की वो,हरदम ही हँसता रहता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,कह देना पागल लड़का था,,
"जब नींद मुझे आ जाती थी,वो डांट के मुझे सुलाता था,,
अपनी पगलाई बातों से,अक्सर वो मुझे रुलाता था,,
उसका जीवन बिखरा था पर,मेरा ख़याल वो रखता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,कह देना पागल लड़का था,,
"कुछ मजबूरी के चलते जब,मैंने उससे हाथ छुड़ाया था,,
उसने न कोई शिकायत की,बस धीरे से मुस्काया था,,
मेरी यादों में रातों में,उठ उठकर रोया करता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,कह देना पागल लड़का था,,
"वो पागल लड़का तन्हा ही,मेरी यादों से लड़ता है,,
मेरे बिन जिंदा रहने की,नाकाम वो कोशिश करता है,,
वो आज भी मुझपे मरता है,वो कल भी मुझपे मरता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,कह देना पागल लड़का था,,
जिस संविधान ने भारत जैसे विशाल राष्ट् मे लोकतंत्र को जन्म दिया और जिस लोकतंत्र के सहारे उत्तर प्रदेश जैसे विशाल जनसंख्या वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, माननीय अखिलेश यादव जी आज उसी लोकतंत्र और संबिधान का गला घोट रहे है, न्यायालय के आदेशो की सरेआम अवहेलना कर रहे है, जिन लोगो ने अपनीवोट देकर इन्हे मुख्यमंत्री बना दिया आज उनकी आवाज सुनने का जब वक्त आया तो ये बहरे बन गये, विधान सभा के बाहर मुख्य मार्ग पर प्रदेश के पच्चीस हजार युवा लगातार आठ घंटे बैठे रहे और इन्हे पुकारते रहे लेकिन सपा के निरंकुश विधायको,मंत्रियो, और मुख्यमंत्री के कान मे जू तक न रेगी, अरे माननीयमुख्यमंत्री जी इन्ही युवको ने तुम्हे मुख्यमंत्री बनाया यहीयुवक तुम्हे उखाड फेकेगे, प्रदेश के युवा वर्ग से इतना बडा छलावा, भर्ती के नाम पर युवा बेरोजगारो के अरबो रुपये लूट लियो और नियुक्ति देते वक्त माननीय हाईकोर्ट का आदेश मानने से भी इन्कार कर दिया, अरे शर्म करो,इन सबकी आह लगेगी तुमको और लोक सभा के चुनाव मे सपा दहाई का आंकडा भी नही छू पायेगी।
ReplyDeleteजय युवा शक्ति।
टेट मेरिट समर्थकोँ नमस्कार कल का अपना आंदोलन बहुत सफल रहा और उसके परिणाम मेँ विधान सभा मेँ भर्ती से सम्बन्धित प्रश्न उठाए गये जिसमेँ यह बात निकल कर आयी कि अभी तक सरकार किसी निर्णय पर नहीँ पहुँची । आज संगठन ने तय किया 8 बजे से लक्ष्मण झूला पार्क मेँ आमरण अनसन शुरु किया जायेगा मेरा निवेदन है ज्यादा से ज्यादा लोग वहाँ पहुँचे और अनशन पर बैठे लोगोँ का उत्साह बढ़ायेँ ।
ReplyDeleteकान्ग्रेसिओं का नाई !!
ReplyDelete============
सरकारी नाई ने बाल काटते समय कपिल सिब्बल से पूछा - " साहब यह स्विस बैंक वाला क्या... लफड़ा है "..???? .
सिब्बल चिल्लाये - " अबे तू बाल काट रहा है या इन्क्वारी कर रहा है "..??
नाई बोला - " सॉरी अब नहीं पूछूँगा... " .
अगली बार नाई ने चिदम्बरम साहब से पूछा - "यह काला धन क्या होता है"??
चिदम्बरम चिल्लाये और बोल...- " तुम हमसे ये सावल क्यूँ पूछता है "..??
अगले दिन नाई से सी बी आई की टीम ने जबरदस्त पूछताछ की - " क्या तुम बाबा या अन्ना के एजेंट हो "..??
नाई बोला - " नहीं साबजी.."
सी बी आई - " तो फिर तुम बाल काटते वक़्त काग्रेस के नेताओं से फालतू के सवाल क्यूँ करते हो "..??
नाई बोला - " साहब , ना जाने क्यूँ स्विस बैंक और काले धन के नाम पर इन कांग्रेसियों के बाल खड़े हो जाते है और मुझे बाल काटने में आसानी हो जाती है....बस इसलिए पूछता रहता हूँ "...!!!!!!!!!!!
उत्तर प्रदेश सरकार की सपा सरकार
ReplyDeleteको लोकतंत्र में भी भरोसा नहीं है।
न्यायपालिका लोकतंत्र का आधार
स्तंभ है।
इस सरकार ने अपने आचरण से पूरे
प्रदेश को शर्मसार किया है।
शिक्षक भर्ती मामले में
बीएसपी की चुप्पी अब तो समझ से
परे है।
विधान सभा में बीजेपी और
कांग्रेस ने
बेरोजगारों का मनोबल बढ़ाने
का काम किया है।
विशेषरूप से बीजेपी बधाई
की पात्र है बाकी तो हमारी विजय
न्याय के सर्वोच्च चौखट पर
भी सुरक्षित है।
In England once there lived a big And wonderfully clever pig.
ReplyDeleteTo everybody it was plain That Piggy had a massive brain.
He worked out sums inside his head, There was no book he hadn't read.
He knew what made an airplane fly, He knew how engines worked and why.
He knew all this, but in the end One question drove him round the bend:
He simply couldn't puzzle out What LIFE was really all about.
What was the reason for his birth? Why was he placed upon this earth?
His giant brain went round and round.
Alas, no answer could be found.
Till suddenly one wondrous night.
All in a flash he saw the light.
He jumped up like a ballet dancer
And yelled, 'By gum, I've got the answer! '
'They want my bacon slice by slice
'To sell at a tremendous price!
'They want my tender juicy chops
'To put in all the butcher's shops!
'They want my pork to make a roast
'And that's the part'll cost the most!
'They want my sausages in strings!
'They even want my chitterlings! 'The butcher's shop!
The carving knife! 'That is the reason for my life! '
Such thoughts as these are not designed
To give a pig great piece of mind.
Next morning, in comes Farmer Bland,
A pail of pigswill in his hand,
And piggy with a mighty roar,
Bashes the farmer to the floor…
Now comes the rather grisly bit
So let's not make too much of it,
Except that you must understand
That Piggy did eat Farmer Bland,
He ate him up from head to toe,
Chewing the pieces nice and slow.
It took an hour to reach the feet,
Because there was so much to eat,
And when he finished, Pig, of course,
Felt absolutely no remorse.
Slowly he scratched his brainy head
And with a little smile he said,
'I had a fairly powerful hunch
'That he might have me for his lunch. '
And so, because I feared the worst,
'I thought I'd better eat him first.'
Dedicated to all the fighters
दोस्तोँ !
ReplyDeleteजिसने एक बार आन्दोलन का आनंद ले
लिया विजय जुलूस में शामिल
होना उसका अधिकार बन जाता है,,,,
जो साथी अभी तक टेट मेरिट
की रक्षा के लिए किये गए शानदार
और ऐतिहासिक आन्दोलनों की सुखद
अनुभूति वंचित रहे हैं वो अनवरत चलने वाले इस विजय
समारोह में शामिल होकर पिछले
दो सालों की कटु स्मृतियों से बहुत हद तक
मुक्ति पा सकते हैं,,,,
एक बार प्रदेश के श्रेष्ठ अध्यापकों की जमात
का हिस्सा बनकर तो देखो,,,,,,
अगर गर्व का अनुभव ना हो तो इस नम्बर पर जरूर बताना...
Mr.
T
M
N
T
B
N
अकेड़ेमिक/गुणांक प्रेमी भी ध्यान दें,
ReplyDelete.
.
आंदोलन/अनशन का नशा ऐसा, सारी उम्र न उतरे....
.
.
आंदोलन के जोश, ज़ुनुन, अनोखे उत्साह, जज़्बों से भरे दृश्य कमज़ोर से कमज़ोर प्राणी में भी जान डाल दें. आसमान में उड़ने जैसी अनुभूति करा दें.
.
पर यह सब यहाँ फ़ेसबुक पर या घर पर बैठकर टीवी देखने वालों के नसीब मेँ नही .
अब जबकि हाईकोर्ट से पूर्व विज्ञापन अक्षरश: बहाल हो गया है तो निश्चित है कि आधी सीटोँ की हकदार महिलाएँ होँगी।ऐसे मेँ हमारी मजबूरी ये है कि अनशन मेँ हम पुरुष चाहे जितनी भारी संख्या मेँ लखनऊ पहुँच जाएँ लेकिन प्रतिनिधित्व केवल आधी सीटोँ का ही होगा,अतः आप सभी महिलाओँ से विनती है कि अनशन को पूर्ण सफल बनाने हेतु एक दिन प्री- काउन्सिलिँग समझ कर आ जाइये ,या आप ये मान लीजिए कि लखनऊ मेँ हमारी पहली काउंसिलिँग है जिसमे पहुचने के बाद भले चाहे लखनऊ मे हमारा नँबर न आए लेकिन उसके बाद होने वाली समस्त काउँसिलिग के हकदार हम और आप ही हैँ । और U P के कोनेँ-कोने मेँ नौकरी के लिए फार्म भरवाने वाले अपने घरवालोँ को समझाइये कि अगर हम कल लखनऊ नही गये तो हमेँ मेन-काउन्सिलिँगमेँ भाग लेने का कोई नैतिक अधिकार नहीँ रहेगा।
ReplyDeleteJAI TET MERIT
JAI OLD ADD
ज. भूषण जी और ज. सिन्हा जी की डी.बी. द्वारा ऐसा आदेश पारित किया गया है कि सु.कोर्ट में हमारे खिलाफ़ ज़रा सा भी बोलने पर सपा को मुँह की ही खानी पड़ेगी और सज़ा के साथ ही इसे हा.कोर्ट के आदेशानुसार अब तक हमारी भर्ती शुरू न किये जाने के लिये क्या सज़ा मिलेगी, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा. यह तब भी होना है जब यह हमारे लिये (12 संशोधन ) न सही, अपने १५वें संशोधन के लिये वहाँ जायेँ.
ReplyDeleteअनसन पर बैठे वीर साथियों के नाम
ReplyDelete(1-अवनीश यादव जी
2-विजय सिंह तोमर जी
3-अरविन्द यादव जी
4-बाला जी राय जी
5-जयवीर सिंह जी
6-सच्चिदानंद चतुर्वेदी जी
7-जीतेंद्र सिंह जी
8-परवेज अहमद जी
9-सुरेन्द्र यादव जी
10-संतोष कुमार गौतम जी
11-अनिल कुमार वर्मा जी
12-दिलीप श्रीवास्तव जी
13-संजीव मिश्र जी
14-राजेंद्र प्रसाद वर्मा जी
15-राम प्रीत सिंह जी
16-आशुतोष मिश्रा जी
17-नीतेश त्रिपाठी जी)
MERE TET SUPPORTER SATHIYO..
ReplyDelete1)jaisa ki avi tak sarkar ki taraf se suprime court jane par koi nirnay nahi huwa hai..nyay vibhag ki report ko sarkar mane ya na mane uske liye iski koi badhyta nahi hai..sarkar ke liye 12va sansodhan yani tet merit koi samasya nahi hai uske liye 15va sansodhan samasya hai agar sarkar chahe to High court me review karke 15 va sansodhan par rahat pa sakti hai,,ho sakta hai ho chuki bhartiyo (b.t.c aur urdu sikshak) par rahat mil jaye.
2) dosto kal ke adhikar raily me pure pradesh ke tetian ka jajba dekhkar nischit rup se s.p government hil chuki hai..adhikar raily ke dusare din aaj tet morcha ke 21 fighter anshan par baith chuke hai..sbhi tetian se anurodh hai sbhi log luxam jhula park lucknow pahuchkar ansan ko support kare..avi v kafi tetian apke adhikar ke liye date huye hai unka support karne ke liye pahuchate rahe..ku6 tetian ne ye elan kiya hai ki agar sarkar ne counsling ki date ghoshit na ki to ham gomti nadi me jal smadhi le lege ,bina counsling ki date liye ghar jane se achcha is nikammi s.p government ki tanasahi par apne aap ka saheed hi kar le..kam se kam is sarkar ke tabut ki keel ke rup me to hamari sahadat kam aaye..ham apne jhujharu tet sathiyo ke jajbe ko salute karte hai..sbhi tetian roj luxman jhula park support karne ke liye pahuche..jo log avi tak ghar se nahi nikale wo kam se kam ku6 din nyay aur saty ki ladai me jarur de ,kyuki ye ek samuhik ladai hai jisme apka sahyog apexit hai.
ReplyDelete4) dosto junior bharti me aaj pramotion aur art ke sath bhedbhav ki date me sarkar ne gol mol javab dakhil kar diya hai jise yachi ke wakil read karne ke liye samay maga hai..next date 17 december lagi hai.
ReplyDelete5) dosto avi ku6 time pahle e.t.v up dwara c.m ka byan dikhaya gya hai ki teacher bharti jald hogi..par jald kab hogi ab yehi bta skte hai..waise tetian ke jajbe ko dekh kar s.p dang hai kal jis tarah alag alag har jile ke baner dikhe usase unhe lag gya hai ki pure pradesh ke yuth s.p ke khilaf hai..dosto ap sbhi tet morcha ke nam agala ku6 din de luxam jhula park me suport karne ke liye pahuche ,sankhya bal jyada rahne se sarkar tet bharti par jald nirnay le sakti hai..sbhi nyay ki is ladai me apne jeevan ko dav par lagane wale anshan kar rahe 21 hamare sathiyo ke pas pahuchkar Unka manobal badhaye..
ReplyDelete(kitne log kal pahuch rahe hai lucknow luxman jhula park..apne sathiyo ka man badhane.?)
हाईकोर्ट ने अपने आदेश मेँ स्पष्ट किया है कि सरकार चार माह की परिधि मेँ रहकर 31/3/14 तक शिक्षकोँ की भर्ती प्रक्रिया पूरी करे । सरकार द्वारा आदेश के त्वरित अनुपालन के बजाय सुप्रीमकोर्ट मेँ विशेष अनुज्ञ याचिका दाखिल करने संबंधी निर्णय से न्यायपालिका मेँ अथाह विश्वास रखने वाला जनमानस आहत है । वस्तुतः एक न्यायपालिका आम आदमी के अधिकारोँ की रक्षा करती है अंततः देर से ही सही हमे अपेक्षित न्याय मिला । खंडपीठ ने पूर्व विज्ञप्ति को बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा 1981 की यथासंशोधित 12वीँ नियमावली के अनुसार सही ठहराया है क्योँकि पन्द्रहवीँ नियमावली मेँ मात्र चयन का आधार बदलने मात्र से ही पूर्व विज्ञप्ति प्रभावहीन नही हो जाती । संशोधित विज्ञप्ति मेँ मूल विज्ञप्ति की कई नियम एवं शर्तो को नई सरकार ने किसी कानूनी प्रक्रिया के अपनाए बिना ही खत्म कर दिया जबकि 15वां संशोधन मात्र चयन प्रक्रिया मेँ परिवर्तन के लिए किया गया था सरकार के नीति नियामकोँ ने तो तथाकथित संशोधन की आंड़ मेँ पूर्व विज्ञप्ति की सारी मौलिकता ही नष्ट करने का दुष्साहस कर डाला था । न्याय की ठ्योढ़ी मेँ इसी यक्ष प्रश्न को हमारे साथियोँ ने रखा था । यदि सरकार SLP मेँ जाती है तो सुप्रीमकोर्ट इस मामले को प्रथम दृष्ट्या ही आरटीई एक्ट एवं एनसीटीई के उपबंधोँ के खिलाफ,अविधिक,वास्तविकतथ्योँ से परे संविधान मेँ निहित समानता के अधिकार और प्रकृतिक न्याय के विरुद्ध, विद्वेशपूर्ण एवँ अपोषणीय मानते हुए सुनवाई करने से इन्कार कर देगी । SC मेँ SLP खारिज़ होते ही खंडपीठ के आदेश की अवमानना से बचने के लिए सरकार को हमारी काउसंलिग शुरू करनी पड़ेगी । हाल फिलहाल मेँ राजनीति से प्ररित कई एक मामलोँ मेँ हाईकोर्ट के निर्णय के विरुद्ध राज्य सरकारोँ को sc से स्टे नही मिला है । जिसका एक ख़ाका पुलिस भर्ती. सत्रान्त के बाद बीएड की रिक्त सीँटो को भरने,बि.बीटीसी चयन वर्ष 2007, एनसीटीई प्रभावित भूपेन्द्रनाथ त्रिपाठी मामला, वि बीटीसी 2008, बीपीएड को बाहर करने आदि सभी प्रकरणोँ मेँ यूपी सरकार को राहत नही मिली इसी प्रकार यदि ये सरकार अपनी स्वयं की भर्तियोँ को बचाने के बजाय यदि हमारी भर्ती को छेड़ने या गलत ठहराने का प्रयास करती है तो इनकी सभी भर्तियोँ का भर्ता बनना तय है ।
ReplyDeleteFark to padega jarur....chnavi natijo pe...sapa
ReplyDeleteFark to padega jarur....chnavi natijo pe...sapa
ReplyDeleteइस बीच लालू यादव ने काँग्रेस की हार पर चुटकी लेते हुए कहा है – जितना दिल्ली में # कांग्रेसके विधायक हैं उससे ज्यादा तो ससुरा हमार बच्चा है,
ReplyDeleteदोस्तो !
ReplyDeleteअब समय आ गया है एक जुट होने के लिऐ अपना हक अपनी भर्ती पाने के लिऐ सबको एक मंच पर आकर सरकार से सभी टेट पास बी एड अभ्यर्थीयो के समायोजन की माँग करनी है यहा हम सब टेट वाले भुखो मर रहे है कोर्ट ने फटाफट जो भी फैसला दिया आज उस कारण से हमारी भर्ती मे सँशय पैदा हो गयी है अब सरकार अपने सँसोधन को सही ठहराने के लिऐ सुप्रिम कोर्ट जा रही है ताकि भर्ती जल्द से जल्द की जा सके अब तो सरकार की तरफ से ये बयान आ गया है की किसी भी हालत मे धांधली वाली टेट रिजल्ट से भर्ती नही होगी भर्ती होगी तो एकेडमिक से ही होगी आप सब एकजुट होकर हम सब की भर्ती की मांग सरकार से करे न की टेट मेरिट और एकेडमिक के नाम पर आपस मे लड़ाई करके अपना नुकसान करे हम सरकार से माँग करते है हमे अब नौकरी दे हम अब कोर्ट का लफड़ा अब और नही झेल सकते समय कम है आप जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ स्थगन आदेश लाकर भर्ती अविलम्ब शुरु करे ।आज हमारे प्रदेश मे एन सी टी ई गाइडलाइन के अनुसार दस लाख टीचरो की आवश्यकता है जबकी बेसिक शिक्षा अधिकारियो के अनुसार तत्काल तीन लाख टीचरो की आवश्यकता है ।यानि सभी टेट पास बी एड अभ्यर्थीयो की जाब सुनिश्चत है ।अंत मे आप सभी टेट पास भाइयो बहनो से गुजारिश है हम सब एक होकर अपनी अपनी भर्ती की मांग सरकार से करे ।
Rahul sharma . . . .जी
ReplyDelete.
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या तो अपनी बात एक लाइन/कमेँट मे रखा करेँ या फिर सिर्फ और ONLY पढ़ा करेँ ।
. . . . . . . . . . .धन्यवाद
एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज होगया ! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हरबार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये!
ReplyDeleteएक दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा,
देखिये प्रभु, आप परमात्मा हैं,
लेकिन लगता है आपको खेती बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है, एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये, जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो, फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा!
परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा!
किसान ने गेहूं की फ़सल बोई, जब धूप चाही, तब धूप मिली, जब पानी तब पानी ! तेज धूप, ओले, बाढ़, आंधी तो उसने आने ही नहीं दी,
समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की ख़ुशी भी, क्योंकि ऐसी फसल तो आज तक नहीं हुई थी !
किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को, कि फ़सल कैसे उगाई जाती हैं, बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते रहे.
फ़सल काटने का समय भी आया ,
किसान बड़े गर्व से फ़सल काटने गया, लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा ,एकदम से छाती पर हाथ रख कर बैठ गया! गेहूं की एक भी बाली के अन्दर गेहूं नहीं था, सारी बालियाँ अन्दर से खाली थी, बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा, प्रभु ये क्या हुआ ?
तब परमात्मा बोले,” ये तो होना ही था, तुमने पौधों को संघर्ष का ज़रा सा भी मौका नहीं दिया . ना तेज धूप में उनको तपने दिया , ना आंधी ओलों से जूझने दिया ,उनको किसी प्रकारकी चुनौती का अहसास जरा भी नहीं होने दिया , इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए, जब आंधी आती है, तेज बारिश होती है ओले गिरते हैं तब पोधा अपने बल से ही खड़ा रहता है, वो अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से जो बल पैदा होता है वोही उसे शक्ति देता है ,उर्जा देता है, उसकी जीवटता को उभारता है.सोने को भी कुंदन बनने के लिए आग में तपने , हथौड़ी से पिटने,गलने जैसी चुनोतियो से गुजरना पड़ता है तभी उसकी स्वर्णिम आभा उभरती है,उसे अनमोल बनाती है!”
उसी तरह जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो,चुनौती ना हो तो आदमी खोखला ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता !
ये चुनोतियाँ ही हैं जो आदमी रूपी तलवार को धार देती हैं, उसे सशक्त और प्रखर बनाती हैं,
अगर प्रतिभाशाली बनना है तो चुनोतियाँ तो स्वीकार करनी ही पड़ेंगी,
अन्यथा हम खोखले ही रह जायेंगे.
अगर जिंदगीमें प्रखर बनना है, प्रतिभाशाली बनना है, तो संघर्ष और चुनोतियो का सामना तो करना ही पड़ेगा !
राज्य जीवन के लिए अस्तित्व में आया है और सद्जीवन के लिए
ReplyDeleteउसका अस्तित्व बना हुआ है ,,,,,,,,राज्य को सबसे बड़ी चुनौती तब
मिलती है जब उसके नागरिक अपने अधिकारों और न्याय की रक्षा के
खातिर अहिंसा के दायरे में रहते हुए अपना जीवन त्यागने के प्रस्ताव
पर अमल करने जो मजबूर हो जाते हैं।
ठीक दस बजे उत्तर
ReplyDeleteप्रदेश टेट संघर्ष मोर्चा अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार के
अस्तित्व को चुनौती देगा ......इससे पहले या तो हम
नहीं या वो नहीं की जिद हमारे दिलोदिमाग पर छा जाए सरकार हमें
शिक्षक बना दे तो ही उसके लिए बेहतर रहेगा......
तीन-चार दिन के भीतर वो पल आएगा जिसको लाने की जद्दोजहज में
हम वकील,जज और आन्दोलनकारी बन गए है,,,,,,मैं उम्मीद करता हूँ
जो साथी ऐतिहासिक आन्दोलन के साझीदार थे वो कल
पुनः लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे......
FRND 15 KO KUCH TETIANS KA KVS KA PAPER HAI 15 KE BAD YADI ANDOLAN CHALA TO BAHUT BHID KARA SAKTA HUN.
ReplyDeleteटीईटी मामले में एक और कैविएट
ReplyDeleteजागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने भले ही टीईटी मेरिट के आधार पर प्राथमिक शिक्षकों का नियुक्तियां करने का फैसला किया है लेकिन शैक्षिक गुणांक के आधार पर नियुक्ति के लिए संघर्ष करने वालों ने हार नहीं मानी है। सरकार की ओर से विशेष अनुमति याचिका दायर करने से पहले ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी ओर से कैविएट दाखिल कर दी है। टीईटी समर्थकों ने कैविएट पहले से ही दाखिल कर दी है। यह कैविएट शैक्षणिक मेरिट उत्थान समिति की ओर से कपिल देव लाल बहादुर की ओर से दाखिल की गई। शैक्षणिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रहे सुशील यादव और अशोक दुबे के अनुसार डबल बेंच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी भी की जा रही है। उनके अनुसार यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि पंद्रहवां संशोधन खारिज कर दिए जाने के बाद सभी शिक्षक नियुक्तियां फंस जाएंगी। हजारों आवेदकों के सर्टीफिकेट डायट में जमा हैं। उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
टेट मेरिट वालों.....
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कान खोलकर सुन लो..
खुदी को करो बुलन्द इतना कि,
'अखिलेश' खुद आकर पूछें...
बताओ-'आपकी रजा क्या है'......
मित्रों
कारगर रणनीति बनाइये....
आन्दोलन को और धार दीजिये...
फिर से बिगुल बजाइये
और दुगुनी सँख्या में....
लक्ष्मण मेला अनशन स्थल से आकर 15 दिसम्बर को फिर से विधानसभा जाम करिये.....
आह्-वान कीजिये.....
यू.पी. के युवाओं का
कालेज-वि.वि. के विद्यार्थियों का
मीडिया को समय व कार्यक्रम की सूचना आज ही दे दीजिये
और इनसे दिल लगाकर कवरेज करने की अपील कीजिये
15 दिसम्बर
इधर टेट वालों का आगाज...
उधर पुलिस भर्ती परीक्षा....
लखनऊ की सड़कों पर सिर्फ युवा ही युवा दिखायी देंगें
फिर अंजाम देखियेगा.....
पुलिस भी पसीने-पसीने हो जायेगी.....
सरकार की भी फिर से पतलून सरकेगी.......
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चलो उनके प्रेम की गहराई में डूब जाते हैँ
किसी बहाने तैराकी की परीक्षा तो हो ॥
Hume Bhi na Pyaar Karne Ka Khayal Aaya,
ReplyDeleteJub Bhi Yeh Khayal Aya Khud Ko Akeala Paya,
Dhoonte Rahe Is Duniya Main Humsafar,
Kisi Ko Dhoke Baaz, Kisi Ko Bewafa Hi Paya…
एक बार संता एक मोबाइल फोन की दुकान पर गया और दुकानदार से बोला, " मुझे नोकिया का बड़ी स्क्रीन वाला फोन दिखाओ।"
ReplyDeleteसंता की बात सुन दुकानदार ने उसे एक बड़ी स्क्रीन वाला नोकिया फ़ोन दिखया, संता ने वह फ़ोन हाथ में उठाया उसे ऑन किया और फिर उसे ऑफ करने के बाद उसे कुछ देर देख कर रख दिया और दुकानदार से बोला, " इससे भी बड़ी स्क्रीन वाला।"
दुकानदार ने एक और उससे भी बड़ी स्क्रीन वाला फ़ोन उसे दिखाया, संता ने वह फ़ोन हाथ में उठाया उसे ऑन किया और फिर उसे ऑफ करने के बाद उसे कुछ देर देख कर रख दिया, और दुकानदार से बोला, " इस से भी बड़ी स्क्रीन वाला।"
संता: अरे भाई तुम्हारी समझ नहीं आता क्या मैंने कहा बड़ी स्क्रीन वाला नोकिया फ़ोन दिखाओ।
इस बार दुकानदार ने उसे सबसे बड़ी स्क्रीन वाला नोकिया फ़ोन दिखाया तो संता ने फिर वैसा ही किया और दुकानदार से बोला," और बड़ी स्क्रीन वाला।"
दुकानदार: भाई साहब पहली बात तो यह की इससे बड़ी स्क्रीन वाला नोकिया का कोई फ़ोन आता नहीं है, और दूसरी बात यह की क्या आप मुझे बताएँगे कि इससे बड़ी स्क्रीन वाला फ़ोन आपने करना क्या है?
संता: कुछ नहीं यार बस मैं यह देखना चाहता हूँ की जब भी मैं फोन ऑन करता हूँ तो वो दो लोग कौन हैं जो इसके अन्दर हाथ मिलाते हैं।
दोस्तों आओ कुछ जानकारी बाटें।।
ReplyDeleteआपको पता है?
सतयुग की अवधी 17,28,000 वर्ष। मनुष्य शरीर 21हाथ
त्रेता युग की अवधी 12,96,000 वर्ष। मनुष्य शरीर 14हाथ
द्वापरयुग की अवधी 8,64,000 वर्ष। मनुष्य शरीर 7हाथ
कलयुग की अवधी 4,32,000 वर्ष। मनुष्य शरीर साढ़े तीन हाथ ।।
है कीसी भी देश के पास ऐसी दुर्लभ जानकारी।।
kya koi batayega ki junir me neelam kumari vali writ me sarkar ne apne paks me kya bola h
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