UP Police SI Sub-Inspector Recruitment Restored : हाईकोर्ट का यूपी सरकार को झटका
दरोगा भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश रद्द
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दरोगा भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने संबंधी प्रदेश सरकार का आदेश रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि भर्ती प्रक्रिया फिर शुरू की जाए। कोर्ट ने डीजीपी और गृह विभाग को निर्देश दिया है कि पहले से चल रही भर्ती प्रक्रिया को जारी रखते हुए उसे पूरा किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने विंध्यवासिनी तिवारी, मंजीत कृष्णा सहित दर्जनों अभ्यर्थियों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया।
याचियों के अधिवक्ता विजय गौतम के मुताबिक पुलिस और पीएसी में 4010 दरोगाओं और प्लाटून कमांडर के पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया को गृह सचिव ने तीन सितंबर 2013 को आदेश जारी कर रोक दिया था। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ताओं की दलील कोर्ट ने मानी
याचिका में अभ्यर्थियों ने तर्क दिया कि 24 नवंबर 2011 को जारी भर्ती की अधिसूचना पर प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है। प्रारंभिक परीक्षा और शारीरिक परीक्षा पूरी हो चुकी है। इसके बाद सचिव ने अकारण ही परीक्षा प्रक्रिया पर रोक लगा दी। सचिव का निर्णय मनमानीपूर्ण है और इसके पीछे कोई ठोस वजह नहीं है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए प्रक्रिया पुन: प्रारंभ करने का निर्देश दिया है
News Source / Sabhaar : अमर उजाला (10.12.2013)
दरोगा भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश रद्द
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दरोगा भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने संबंधी प्रदेश सरकार का आदेश रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि भर्ती प्रक्रिया फिर शुरू की जाए। कोर्ट ने डीजीपी और गृह विभाग को निर्देश दिया है कि पहले से चल रही भर्ती प्रक्रिया को जारी रखते हुए उसे पूरा किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने विंध्यवासिनी तिवारी, मंजीत कृष्णा सहित दर्जनों अभ्यर्थियों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया।
याचियों के अधिवक्ता विजय गौतम के मुताबिक पुलिस और पीएसी में 4010 दरोगाओं और प्लाटून कमांडर के पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया को गृह सचिव ने तीन सितंबर 2013 को आदेश जारी कर रोक दिया था। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ताओं की दलील कोर्ट ने मानी
याचिका में अभ्यर्थियों ने तर्क दिया कि 24 नवंबर 2011 को जारी भर्ती की अधिसूचना पर प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है। प्रारंभिक परीक्षा और शारीरिक परीक्षा पूरी हो चुकी है। इसके बाद सचिव ने अकारण ही परीक्षा प्रक्रिया पर रोक लगा दी। सचिव का निर्णय मनमानीपूर्ण है और इसके पीछे कोई ठोस वजह नहीं है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए प्रक्रिया पुन: प्रारंभ करने का निर्देश दिया है
News Source / Sabhaar : अमर उजाला (10.12.2013)