Amar Ujala News -
सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए टीईटी अनिवार्य
इलाहाबाद (ब्यूरो)। सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता को लेकर उठे विवाद का अंत हो गया है। हाईकोर्ट की फुलबेंच ने कहा है कि सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए टीईटी अनिवार्य है। परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए ऐसा कोई व्यक्ति नियुक्त नहीं हो सकता जो टीईटी की अर्हता न रखता हो। फुलबेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा प्रभाकर सिंह केस में दिए निर्णय के उस हिस्से को अमान्य कर दिया है जिसमें बीएड डिग्री धारकों को टीईटी की अनिवार्यता से छूट दी गई थी।
टीईटी को मात्र अर्हता परीक्षा बताने के राज्य सरकार के दावे को खारिज करते हुए फुलबेंच ने कहा कि यह शैक्षणिक और प्रशिक्षण योग्यता के साथ ही एक अनिवार्य योग्यता है। न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी, एपी साही और पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ ने एनसीटीई द्वारा 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना को वैध करार दिया है।
News Source / Sabhaar : Amar Ujala (1.6.2013)
***************************************************************
Below News Published in Jagran Epaper -
शिक्षक भर्ती में टीईटी जरूरी
स्कूल माता-पिता का आउटलेट नहीं है। ऐसी संस्था हैं जिसमें बेहतर मानव उत्पन्न होता है। यदि बच्चा गलत रास्ते पर जाता है तो एक अच्छे मानव की मौत होती है।
बच्चों का उचित प्रशिक्षण न होना वैसा ही है, जैसे बिना जीन का घोड़ा जिस पर सवारी मुश्किल है। शिक्षक की मदद से बच्चा मानवता के उच्चतम लक्ष्य हासिल कर सकता है।
शिक्षा मित्र व प्रेरक के जरिए प्राथमिक शिक्षा की अस्थायी पृष्ठभूमि में अध्यापकों की गुणवत्ता अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
23 अगस्त 10 के बाद नियुक्त अध्यापकों को पास करना होगा टीईटी
जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद 1इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए टीईटी को अनिवार्य योग्यता माना है। अदालत ने कहा है कि बिना टीईटी पास किए किसी को भी सहायक अध्यापक नियुक्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट के इस फैसले से प्रदेश में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा देने के कानून को लागू करने की दिशा स्पष्ट हो गई है और शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने प्रभाकर सिंह केस में दिए गए फैसले कि एनसीटीई व केंद्र सरकार को अध्यापक नियुक्त की योग्यता मानक तय करने का अधिकार है, को सही माना। किंतु इसी फैसले से बीएड डिग्रीधारकों को बिना टीईटी पास किए नियुक्ति पाने के लिए योग्य करार देने को सही नहीं माना और कहा कि शैक्षिक योग्यता के अलावा प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक बनने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य है। कोर्ट ने कहा कि टीईटी केवल अर्हता परीक्षा नहीं है अपितु यह सहायक अध्यापक नियुक्ति के लिए अनिवार्य योग्यता है। भारत सरकार की गाइड लाइन व अधिसूचना के अनुसार टीईटी पास करने के लिए सामान्य को 60 फीसद व आरक्षित वर्ग के लिए इसमें 5 फीसद की छूट दी गई है। कोर्ट ने इसे बाध्यकारी माना और कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में ढील नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि 23 अगस्त 10 की अधिसूचना बाध्यकारी है। इस तारीख के बाद नियुक्त अध्यापकों को टीईटी पास करना होगा। 23 अगस्त की अधिसूचना में ही टीईटी को बाध्यकारी माना गया है।1यह निर्णय न्यायमूर्ति सुनील अम्बवानी, न्यायमूर्ति एपी साही तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पूर्णपीठ ने शिवकुमार शर्मा सहित अन्य याचिकाओं व अपीलों को एक साथ निर्णीत करते हुए दिया है। कोर्ट ने याचिकाओं को तदनुसार निर्णीत करने के लिए संबंधित पीठ को वापस कर दिया है। हाईकोर्ट ने एनसीटीई की 23 अगस्त 10 की अधिसूचना को वैध करार दिया है और कहा है कि क्लॉज 3(अ) अधिसूचना का हिस्सा है। इसे अलग से नहीं पढ़ा जा सकता। इस क्लॉज में बीएड डिग्रीधारकों को नियुक्ति के बाद प्रशिक्षण दिए जाने की छूट दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 लागू होने के बाद सहायक अध्यापक की नियुक्ति के मानक तय हो गए हैं। उन मानकों को शिथिल करने की छूट नहीं दी जा सकती
**************************************
Hindustan Epaper News -
News Source / Sabhaar : Hindustan Epaper (1.6.2013)
************************************************
What I found in TB Decision is -
We wish to clarify that the binding effect of the notifications and the guidelines is such that the weightage which is contemplated under the guidelines dated 11th February, 2011 cannot be ignored. The minimum score that is required of a candidate is 60% to pass the teacher eligibility test. A concession of 5% has been made in favour of the reserved category candidates including the physically challenged and disabled persons.
This norm therefore cannot be diluted. Apart from this, the State Government has to take notice of the fact that weightage has to be given in the recruitment process as well. It is for the State Government to suitably adopt the said guidelines and we do not wish to add anything further at this stage as we are only concerned with the essentiality of the qualification of the teacher eligibility test to be possessed by any candidate aspiring to be appointed as a teacher.
We wish to make it clear that the law has to be followed in the manner in which it has been legislated. It cannot be diluted on account of the inaction of the State. In such circumstances all teachers whose appointment relate to the period after 23.8.2010 have to be possessed of TET.
Subhash ChandraUttar Pradesh Teacher HelpDesk
ReplyDeleteJAI HIGH COURT, JAI NAYAE PALIKA.
सभी भाइयो को ढेर सारी बधाईया
बहुत दिनों के इंतज़ार के बाद वो निर्णय आ ही गया.वही हुआ जो हम सभी कह रहे थे.अपना केस DB में ट्रान्सफर हो गया . नॉन टेट को तो जाना ही था .
जिस दिन से आर्डर कि डेट आई थी उस दिन से कुछ जानवरों ने नाक में दम कर के रख दिया था . कुत्ते भोकते जारहे थे सियार भी हुआ हुआ कर रहे थे ...चूहे बिल से निकल कर चू चू करने लगे थे...ऐसा लग रहा था जैसे सभी जानवर मिल कर इंसानों के ऊपर हावी होने कि कोशिश कर रहे है...एक बन्दर है वो अपने नाम के आगे डॉ लगाता है वो भी उछल रहा था...एक बुढा कुत्ता बार बार खड़ा हो कर अपने मुह से लार टपका रहा था...सभी का मिला जुला प्रयास बुरी तरह से विफल हो गया...
ये सभी कर क्या रहे थे मुझे अभी तक समझ में नहीं आया....कुछ चूहे तो कल दहाड़ने कि कोशिश भी किये थे लेकिन हमारे टेट लायन्स को सामने देख कर भाग खड़े हुए...
ये सभी ऐसा क्यों कर कर रहे थे...इन्हें ऐसा कर के दुःख और बेइज्जती के सिवाय हासिल क्या हुआ...जिनके दम पर ये दो तीन दिन से उछल रहे थे उनको अपनी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपने पशु भाइयो से सार्वजनिक माफ़ी मांगनी चाहिए...
अब थोडा अपने केस कि बात कर ले...हरकोली जी कि बेंच में तो कोई पान वाले अधिवक्ता को खड़ा कर दे तो वो भी हमारे केस को जीता देगा...वहा अब होने को कुछ बचा भी नहीं है पूरा केस हरकोली जी खुद ही लड़ रहे है हम तो बस उनको सुनते है उनके ऑर्डर्स कि कॉपी अभी भी बहुत से लायंस के वाल पर है...उसको देखे और एन्जॉय करे....ये जून कि गर्मी इस बार ठंडक का एहसास लेकर आरही है...
एक बार फिर से मेरे सभी टेट लायंस भाइयो को दिल से ढेर सारी बंधायियाँ...
CORT NE KHA HAI KI TET AHRTA PARIKSHA HI NAHI BARAN NIYUKTI KE LIYE AAVASYAK YOGYTA PRIKSHA HAI
DeleteThank you sunil ji
ReplyDeleteThaks yaar ab dil ki thandak mili hai.
ReplyDelete