भर्ती की तैयारी, रिकार्ड का पता नहीं मुरादाबाद।
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Abhee Haal Hee Ki News Mein Aaya Tha Ki Kuch Jaghe Ke Aavedan Kee Data Feeding Reh Gayee Thee, Jisko Poora Karaya Jaa Rahaa Hai, Aur Kuch Kameeyan Reh Gayee Thee
Is Se Pehle Bhee BTC Candidates kee Bhrtee Ho Chukee Hai, Jo Kee Bager TET Ke Result ke Sambhav Nahin Hai
Lagta Hai Ki RTI Prarthee Ne Suchna Madhmik Shiksha Parishad Se Mangee Thee, Soochna Kab Mangee Thee Yeh Bhee Nahin Pata.
Result kee kaee Copies Banee Hongee, Data Electronic Format Mein Thaa, Saath Hee Candidates ko Certificate Issue Kiye Ja Chke Hain
Aavedan Jilawaar He Hain, Jinka Ek Record candidates ke pass, aur Dusra Principal DIET ke Pass Hogaa, Aur Uskee Kaee Copies Alag Alag DIET centers ke pass hongee
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72825 Teacher Recruitment, Counseling of 72825 Teacher as per Supreme Court Order, UP-TET 2011,
प्रदेश सरकार एक ओर सहायक अध्यापकों की भर्ती का दावा कर रही है दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आरटीआइ के जवाब में स्पष्ट किया है उसके पास टीईटी 2011 संबंधी कोई ब्योरा नहीं है। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने रिकार्ड नहीं होने के जवाब से भ्रमित कर दिया है। इसतरह के भ्रमित जवाब कायदि संज्ञान लिया जाए तो प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के बाद टीईटी 2011 भर्ती का कैसे पालन करा पाएगी? अगर अभिलेख नहीं हैं तो इसका कोई कारण स्पष्ट न करना सिर्फ आरटीआइ के जवाब की खानापूर्ति ही की गई है।जीलाल स्ट्रीट निवासी पवन अग्रवाल ने टीईटी 2011 भर्ती संबंधी जानकारी वर्ष 2012 सितंबर में जन सूचना अधिकारी उत्तर प्रदेश लखनऊ से मांगी थी। इसका जवाब जनवरी 2013 में प्रार्थी को मिला। प्रार्थी ने चार सवाल के जवाब मांगे थे इनमें एक सवाल था कि 'उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा टीईटी 2010-11 के कराई गई परीक्षा हेतु कितनी धनराशि कितने अभ्यर्थियों से जमा कराई तथा उस धनराशि काकिस मद में प्रयोग किया। मय प्रमाण पत्र समेत उपलब्ध कराएं'। जवाब में माध्यमिक शिक्षा परिषद में टीईटी परीक्षा 2011 का रिकार्ड नहीं होने की जानकारी दी गई है। अब सवाल ये है कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी 2011 के अंकों के आधार पर भर्ती का फैसला अभ्यर्थियों के पक्ष में दिया है जबकि प्रदेश सरकार भी पिछली सरकार की भर्ती प्रक्रिया प्रपत्रों के विरुद्ध ही हाईकोर्ट गई थी वहां से प्रदेश सरकार के विरुद्ध फैसला आने के बाद उसे सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा लेकिन सरकार को यहां से भी कोई राहत नहीं मिली है। अब माध्यमिक शिक्षा परिषद रिकार्ड नहीं नहीं होने की बात कही जा रही है जबकि यह रिकार्ड एससीईआरटी व उत्तर प्रदेश बेसिक परिषद के पास होना लाजमी है। पवन अग्रवाल का कहना है किइस भ्रमित जवाब को लेकर वह आरटीआइ डालने की तैयारी में है।
भ्रमित करने वाला जवाबआरटीआइ के सवाल के जवाब में भ्रमित करना ठीक नहीं है। एससीईआरटी, बेसिक शिक्षा परिषद व माध्यमिक शिक्षा परिषद एक दूसरे जुड़े हैं, अगर रिकार्ड नहींहोने की बात जवाब में कही गई है यह रिकार्ड उक्त दो विभागों से लेकर भी उपलब्ध कराया जा सकता था।-राजपाल यादव, महासचिव, टीईटी मोर्चा
दोस्तों यह जो सूचना पोस्ट की गई है यह उस समय की है जब टी.ई.टी. के प्रमाणपत्र कानपुर देहात की पुलिस के पास थे किन्तु अब सम्बन्धित विभाग को उपलब्ध करा दिए गए है( अखबार के अनुसार ) इसलिए परेशान न हो ।
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